देसी दीदी सेक्स कहानी मेरी बड़ी बहन की है. वे सांवली हैं पर वे बहुत सेक्सी हैं. उनका बदन एकदम गदराया हुआ है. मैं दीदी के जिस्म को भोगना चाहता था.
दोस्तो, मेरी एक दीदी है वे मुझसे 4 साल बड़ी हैं.
मेरी दीदी बहुत सांवली हैं पर वे हद से ज्यादा सेक्सी हैं क्योंकि उनका बदन एकदम गदराया हुआ है.
उनके बूब्स बहुत बड़े हैं और बहुत टाइट हैं.
यह देसी दीदी सेक्स हिंदी कहानी उन्हीं की है.
यह मैंने अक्सर महसूस किया है क्योंकि जब भी वे चलती हैं तो उनके के बूब्स ऊपर नीचे बिल्कुल नहीं हिलते हैं.
और दोस्तो, वैसे ही उनकी गांड भी एकदम टाइट और गोल मटोल है.
मेरी दीदी का फिगर ऐसा है कि उनको देखकर बुड्ढों का भी लंड खड़ा हो जाए!
पर जो बात मेरी दीदी को सबसे ज्यादा सेक्सी बनाती है वे है उनके लंबे लंबे काले घने और एकदम सिल्की सिल्की बाल!
मेरी दीदी के बाल बहुत ज्यादा लंबे हैं और उनके लगभग घुटनों तक आते हैं.
मेरी दीदी अक्सर अपने बालों को खुला ही रखती हैं क्योंकि उनके बाल बहुत ज्यादा सिल्की हैं जो देखने में काफी अच्छे लगते हैं.
जब दीदी अपने बाल पीछे करती हैं जब वे बाल उनकी गांड पर आते हैं जिसकी वजह से गांड और ज्यादा फूली फूली लगती है.
जिसे देखकर मेरे लंड से अक्सर पानी निकलने लगता है.
और कभी-कभी वे अपने बालों को आगे की ओर कर लेती हैं और दोनों तरफ से निकालकर अपने बूब्स के ऊपर कर लेती हैं!
मैं अपनी दीदी के बारे में सोच सोचकर मैं कई बार मुठ मार चुका हूं क्योंकि वह नज़ारा बहुत ही सेक्सी होता है जब उनके बूब्स के ऊपर उनके बाल होते हैं जो कि उनके घुटनों तक लटक रहे होते हैं
मैंने ना जाने कितनी बार अपने दीदी को देख कर मुठ मारी होगी मैं खुद नहीं जानता!
मैं अक्सर ऑनलाइन आकर भाई बहनों की चुदाई की कहानी पढ़ा करता हूं और सोचता हूं कि काश मैं अपनी बहन के साथ भी चुदाई कर सकता और मेरी भी खुद की सेक्स स्टोरी लिख सकता!
पर कभी दीदी को सेड्यूस करने की मेरी हिम्मत नहीं नहीं हुई और ना ही कभी मुझे मौका मिला क्योंकि हमारे घर पर कोई ना कोई हमेशा रहता था.
लेकिन इस बार 2 महीने पहले मुझे यह मौका मिल गया.
आप लोग जानते ही हैं कि उस समय कोरोना फैला हुआ था.
ऐसे में पापा और मम्मी को खेती-बाड़ी देखने के लिए गांव जाना पड़ गया और वे 1 हफ्ते के लिए गांव चले गए.
हम लोगों को अपनी पढ़ाई करनी थी ऑनलाइन क्लास लेनी थी जिसकी वजह से हम गांव नहीं गए और घर पर ही रुक गए.
यह मेरे लिए बहुत ही सुनहरा मौका था अपने दीदी को सिड्यूस करने का और उनको चोदने का!
जिस दिन मेरे मम्मी पापा गए, मैंने मन ही मन कसम खा ली कि चाहे कुछ भी हो जाए मैं दीदी को चोदकर ही दम लूंगा.
क्योंकि अब अब मैं दीदी के नाम की मुठ मार मार कर थक चुका था.
खैर 2 दिन तो ऐसे ही निकल गए पर मेरी कुछ करने की हिम्मत नहीं हो रही थी क्योंकि दीदी मुझसे बड़ी थी. मुझे लगता था कि कहीं मुझसे कुछ गलती ना हो जाए और दीदी मम्मी पापा से शिकायत ना कर दे मेरी!
शायद भगवान ने मेरी सुन ली और मौका दीदी ने खुद ही मुझे दे दिया.
जैसा कि मैंने आप लोगों को बताया कि मेरी दीदी के बाल बहुत लंबे लंबे हैं और और मम्मी अक्सर दीदी के बालों में तेल लगाया करती थी.
पर अब मम्मी नहीं थी तो दीदी ने कहा– भाई, तुम मेरे बालों में तेल लगा दो!
मैंने कहा– ठीक है दीदी, मैं आपके बालों में तेल लगाकर अच्छे से मालिश कर दूंगा!
क्योंकि मुझे मालिश करनी बहुत अच्छे से आती है.
दीदी मुस्कुराने लगी.
मैं अंदर से तेल ले आया बालों में लगाने के लिए!
हम दोनों सीढ़ी पर बैठ गए क्योंकि इस तरह से वे मेरे से नीचे बैठी थी जिसकी वजह से मैं उनके सर पर अच्छे से तेल लगा सकता था.
यह मेरा ही आईडिया था क्योंकि इसकी वजह से मैं आराम से उनके बूब्स देख सकता था.
मैंने सोचा कि चलो बालों में तेल लगाकर ही दीदी को इंप्रेस किया जाए!
इस वजह से मैं दीदी के बालों में बहुत अच्छे से तेल लगाकर धीरे-धीरे मसाज करने लगा.
दीदी को बहुत अच्छा लग रहा था और बहुत आराम भी मिल रहा था.
मैंने दीदी के पूरे बालों में तेल लगा दिया और लगभग पूरी कटोरी तेल बालों में खत्म हो गया.
आधे घंटे तक मैंने दीदी के बालों की मसाज की थी उसकी वजह से दीदी को नींद भी आने लगी थी, वे बैठे-बैठे सो गई थी.
तो मैंने कहा- दीदी आपको नींद आ रही है. आप अंदर सो जाइए जाकर!
जैसे ही दीदी दीदी कमरे में जाने के लिए जाने के लिए उठी वे फिसल कर गिर पड़ी क्योंकि सीढ़ी पर काफी सारा तेल गिर पड़ा था और दीदी भी काफी नींद में थी.
वे जैसे ही गिरी उनकी कमर में काफी पेट चोट लगी क्योंकि वे कमर के बल ही सीढ़ी के ऊपर ऊपर गिरी थी.
उनको काफी दर्द हो रहा था.
मैं उनको कंधा देकर उनके कमरे में ले गया और उनको लिटा दिया.
पर जब शाम हुई तो मैंने ध्यान दिया कि दीदी ठीक से चल नहीं पा रही थी क्योंकि उनके कमर में बहुत दर्द हो रहा था.
मेरे मन में आईडिया आया कि दीदी को मालिश के बहाने चोदा जा सकता है.
मन ही मन मैंने ठान लिया कि दीदी को मालिश करते करते ही चोद डालूंगा.
मैंने दीदी से उनके दर्द के बारे में काफी सारे बातें की और उनको एक सलाह दी कि दीदी मैं आपकी कमर की मालिश कर दूंगा जिससे आपका दर्द कम हो जाएगा.
क्योंकि ऐसे में हॉस्पिटल जाना या किसी डॉक्टर के यहां जाना खतरे से खाली नहीं है क्योंकि हर जगह वायरस फैला हुआ है.
मेडिकल स्टोर से मेडिसिन लाना भी बहुत खतरे वाला काम है.
पहले दीदी कुछ सोचती रही फिर उन्होंने कहा- ठीक है रात में मालिश कर देना. दर्द सही हो गया तो अच्छी नींद तो आ जाएगी.
मैं तो मन ही मन खुश हो गया क्योंकि मुझे पता था कि आज मुझे दीदी की चूत मिलने की पूरी पूरी उम्मीद है.
इसी वजह से मैंने दुकान से बाल सफा क्रीम लाकर अपनी झाँटों को एकदम साफ कर लिया और लंड को एकदम चिकना बना लिया.
रात हुई तो मैं दीदी के कमरे में गया.
दीदी उस समय पेट के बल लेटी हुई थी.
मैंने पूछा- दीदी क्या हुआ, आराम मिला क्या?
दीदी ने कहा– नहीं भाई, बहुत दर्द हो रहा है कमर में! मुझसे रहा नहीं जा रहा. लगता है आज रात दर्द में ही गुजर जाएगी.
मैं बोला- दीदी, मैं मालिश कर दूंगा तो शायद आपको आराम मिल जाए!
“ठीक है पेन रिलीफ जेल ले आओ और मालिश कर दो!”
मैंने मन में सोचा कि अगर जेल से मालिश की तो मालिश 5 मिनट में ही खत्म हो जाएगी.
इसलिए दीदी से कहा– दीदी जेल से मालिश करूंगा तो कुछ ही देर के लिए आराम मिलेगा और 3 घंटे बाद फिर से दर्द शुरू हो जाएगा. मैं सरसों के तेल से आप की मालिश कर देता हूँ जैसे दोपहर को आपके सर की मालिश की थी.
तब दीदी बोल पड़ी– तुम्हारी की मालिश से मुझे बहुत अच्छा लगा था.
मैंने कहा- बस बस दीदी, ऐसे ही आपकी कमर की भी मालिश कर देता हूं.
“ठीक है. जाओ सरसों का तेल ले आओ और कर दो अपनी दीदी की मालिश!”
मैं अपने कमरे में गया पहले और मैंने अपना पजामा और टीशर्ट उतार कर हाफ पैन्ट और बनियान पहन ली.
फिर रसोई में जाकर एक कटोरी में तेल लिया और दीदी के कमरे में चला गया.
कमरे में जाकर मैंने दीदी से कहा- कुछ ऐसे कपड़े पहन लो जो तेल से खराब ना हों!
दीदी ने उस समय टीशर्ट और पजामा पहना हुआ था.
तो दीदी ने कहा– मेरी उठने की बिल्कुल भी हिम्मत नहीं है क्योंकि दर्द बहुत ज्यादा हो रहा है ऐसे ही मालिश कर दो खराब हो जाने दो कपड़े!
मैं जाकर दीदी की बगल में बैठ गया और उनकी टीशर्ट को थोड़ा सा ऊपर उठा दिया.
तब मैंने ध्यान दिया कि दीदी ने उस समय ब्रा नहीं पहनी हुई थी क्योंकि टीशर्ट के नीचे ब्रा की पट्टी उभरी हुई नहीं पता चल रही थी.
अब मैंने अपने हाथों में थोड़ा सा तेल लगाया और दीदी की कमर पर लगाकर हल्के हल्के रगड़ने लगा.
जानबूझकर मैं अपना हाथ दीदी के टीशर्ट पर लगा रहा था और कभी-कभी उनके पजामे पर भी हाथ लगा दे रहा था.
मैंने दीदी से कहा- दीदी आपकी टीशर्ट और पजामे में तेल लग जाएगा इसको थोड़ा सा और ऊपर कर दूं अगर आप बुरा ना मानो?
तो दीदी कुछ बोली नहीं.
पर कुछ देर बाद उन्होंने खुद ही अपनी टी-शर्ट को ऊपर कर लिया और पजामा को थोड़ा नीचे कर दिया.
अब मुझे उनकी वंडरवीयर की लाइन दिखने लगी थी और बूब्स भी किनारे से नजर आने लगे थे.
यह नजारा देखकर तो मेरा लंड अंदर ही अंदर फड़कने लगा था.
कुछ देर तक मैंने दीदी दीदी की मालिश चालू रखी पर अब ऐसे बात आगे नहीं बढ़ रही थी.
तो मैंने सोचा कि चलो बात आगे बढ़ाई जाए वरना सारी सारी रात मालिश में ही निकल जाएगी.
मैंने दीदी से कहा- दीदी बगल में बैठकर मैं अच्छे से मालिश नहीं कर पा रहा हूं मैं! आपके दोनों तरफ पैर रख कर मालिश कर दूं?
दीदी ने कहा- तुम बहुत अच्छे हो भाई मेरी कितनी हेल्प कर रहे हो! तुम्हारी मालिश से मुझे बहुत आराम मिलने लगा है. जैसे तुम्हें सही लगे, वैसे मालिश कर लो.
तब मैं दीदी के कूल्हों के ऊपर बैठ गया क्यूंकि चुदाई की शुरुआत जो करनी थी.
मैंने अपने घुटनों को उनकी गांड के थोड़े से नीचे रखकर उनके कमर की मालिश करना चालू कर दिया.
दीदी उनकी गांड मेरे लंड के के एकदम सामने थी और मेरा लंड बार-बार फड़क रहा था.
मैं जानबूझकर अपने हाथ ऊपर नीचे ले जाने लगा और दीदी की चुदाई के बारे में सोचने लगा जो होने वाली थी.
इसी वजह से नीचे आते वक्त मेरा हाथ उनकी गांड पर आ रहा था और ऊपर ले जाते वक्त मेरा हाथ उनके बूब्स पर छू जा रहा था.
दीदी यह सब नोटिस कर रही थी पर वे कुछ बोल नहीं रही थी.
एक दो बार गलती से मैंने थोड़ा ज्यादा थोड़ा ज्यादा उनके बूब्स को टच कर लिया.
दीदी गुस्सा ना हो जाए … इस वजह से मैंने तुरंत सॉरी भी बोल दिया.
और मैंने कहा- दीदी टीशर्ट को बचाने के चक्कर में हाथ वहां लग गया. यह टीशर्ट ना हो तो मैं आराम से आपके पूरी पीठ की मालिश कर दूंगा!
दीदी ने कहा- पागल हो क्या भाई? टी-शर्ट कैसे उतार दूं मैंने नीचे कुछ नहीं पहना है.
मैंने कहा- दीदी, मैं आपकी मदद करना चाहता हूं. मैं चाहता हूं कि आपको आराम से नींद आ जाए. इसी वजह से कह रहा था! अगर आपको बुरा लगा तो मुझे माफ कर दीजिए.
तब दीदी ने लाड प्यार दिखाते हुए कहा- अरे अरे … मैं अपने प्यारे भाई से गुस्सा थोड़ी हो सकती हूं! मेरा भाई तो बहुत अच्छा है. तुम मेरी कितनी हेल्प कर रहे हो! तुम्हारी कोई बात मुझे बुरी नहीं लग सकती. पर टीशर्ट उतार दूंगी तो मैं आगे से एकदम न्यूड हो जाऊंगी!
“दीदी अपनी टीशर्ट उतार दो ना!”
मन में मैंने सोचा कि ‘तभी तो चुदाई हो पायेगी.’
मैंने दीदी को आईडिया देते हुए कहा- दीदी, आप अपने बालों से अपने आगे वाले हिस्से को छुपा लीजिएगा! अगर आपको इतनी दिक्कत है तो! आपके बाल इतने लंबे हैं उनमें वे आपके अच्छे से ढक जाएंगे!
तब दीदी हंसती हुई बोली- भाई तुम एकदम पागल हो.
मैंने दीदी से जिद करते हुए कहा- दीदी हटा लो. मैं जल्दी मालिश करके फ्री हो जाऊंगा और सो जाऊंगा.
यह सुनकर दीदी ने लेटे-लेटे ही अपनी टीशर्ट उतार दी और अपने बालों को आगे कर दिया अपने बूब्स के ऊपर!
मेरी दीदी की पीठ एकदम नंगी हो चुकी थी.
वैसे तो दीदी के बूब्स के ऊपर उनके बाल थे … पर फिर भी किनारे से उनके बूब्स आराम से नजर आ रहे थे.
जब दीदी ने टी शर्ट उतारी तभी मैंने धीरे से उनका पजामा भी नीचे कर दिया घुटनों तक!
इसकी वजह से उनकी पेंटी एकदम मेरे सामने थी.
उनकी उभरी हुई गांड देख मेरे मुंह से सिसकारी निकल पड़ी.
जो दीदी ने सुन ली और पूछने लगी- यह तुमने क्या किया, पजामा क्यों नीचे कर दिया मेरा?
मैंने कहा- दीदी, पजामा भी तो बचाना है और यह नीचे रहेगा तो फिर कमर पर अच्छे से मालिश हो पाएगी.
तब दीदी ने कहा- तुम बहुत शैतानी कर रहे हो, तुम्हें यह नहीं करना चाहिए था!
दीदी ने यह कहा तो मैं नकली गुस्सा दिखाते हुए वहां से जाने लगा और बोला- ठीक है मैं चला जा रहा हूं अगर आपको इतना बुरा लग रहा है तो!
जैसे ही मैं उनके ऊपर से उठा … दीदी ने एकदम से उठकर मेरा हाथ पकड़ लिया ताकि वे मुझे जाने से रोक सकें.
पर जैसे ही दीदी ने हाथ बढ़ाकर मुझे रोका उनके बूब्स एकदम नंगे हो गए क्योंकि उनके बाल उनके बूब्स से हट गए थे.
और मुझे पहली बार आंखों के सामने उनके नंगे नंगे बूब्स और बड़े बड़े निप्पल दिखाई दिए.
जब दीदी ने ध्यान दिया कि मेरे सामने उनके बूब्स नंगे हो गए हैं तो तुरंत उन्होंने मेरा हाथ छोड़कर अपने बूब्स को अपने हाथों से ढक लिया.
मित्रो, आपको मेरी देसी दीदी सेक्स हिंदी कहानी कैसी लग रही है? मुझे मेल और कमेंट्स में बताएं.
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देसी दीदी सेक्स हिंदी कहानी का अगला भाग: मेरी सांवली पर सेक्सी दीदी- 2