जवान सेक्स कहानी में मैंने एक फ्लैट किराये पर लिया तो साथ वाले फ्लैट में एक भाभी अकेली रहती थी. उस भाभी से मेरी दोस्ती हो गयी. मैंने उसके साथ चुदाई की सोचने लगा.
मेरा नाम अमित है.
मैंने अन्तर्वासना पर बहुत सी सेक्स कहानियां पढ़ी हैं और ज़्यादातर को पढ़ कर मैंने अपना लंड हिलाया है.
आज मैं अपनी एकदम सच्ची जवान सेक्स कहानी बताने जा रहा हूँ, जो कि डर्टी और रफ सेक्स स्टोरी है.
मैं लखनऊ शहर में जॉब के लिए रहने आया था.
तब मैं इस शहर में एकदम नया नया था.
मैंने यहां आने से पहले ऐसे फ्लैट ऑनलाइन सर्च किए थे जो रहने के लिए एकदम स्वतंत्र हों, मतलब उनमें आने जाने पर कोई रोक टोक न हो और फ्लैट में भी मेरे साथ किसी के रहने का पंगा न हो.
मैंने दो तीन जगह बात भी की थी और कुछ जगह अपना नंबर भी छोड़ा था.
उसी वजह से मुझे एक फ्लैट के मालिक का कॉल आया.
उसने मुझे लोकेशन बताई और किराया भी बताया.
उसके फ्लैट का किराया भी कम था इसलिए मैंने तुरंत उससे हां कह दी और अगले ही दिन जाकर उस फ्लैट में शिफ्ट भी हो गया.
फ्लैट में जाने के लिए एक गलियारा था.
उधर मैंने देखा कि मेरे फ्लैट के आस पास भी कुछ लेडीज अंडर गारमेंट्स पैंटी ब्रा व कुछ अन्य कपड़े सूखने टंगे हुए थे.
मैंने मकान मालिक से पूछा कि ये सब किसके कपड़े टंगे हैं?
तो उसने बताया कि इसी फ्लोर के साइड वाले एक टू बी एच के फ्लैट में एक लड़की रहती है और दूसरी तरफ एक फैमिली भी रहती है, यह सब उन्हीं के कपड़े होंगे.
मैं कुछ नहीं बोला और उस फ्लैट में रहने लगा.
कुछ दिन तक मैं अपने काम में व्यस्त रहा.
सुबह सुबह मैं घर से निकल जाता था और सीधे शाम को ही वापस आता था.
मैंने नोटिस किया कि रात में कभी कभी किसी का आना जाना होता है.
पर मैं कुछ नहीं बोला.
सामने वाले फ्लैट में मैंने देखा कि एक भाभी रहती हैं.
वे एकदम यंग हैं.
उनके बारे में मैं क्या ही बताऊं दोस्तो, क्या चीज़ थी वे!
मैंने पहली बार में ही उसको शॉर्ट्स में देखा था.
रात में जब में खाना खाने के बाद मैं टहल रहा था, तभी वह छत पर आई थी.
उसे शायद किसी से कॉल पर बात करनी थी.
उसकी गोरी और गुदाज भरी हुई नंगी जांघें देख कर मेरे लंड को चेतना सी आ गई.
फिर मैंने उसके चेहरे की तरफ देखा तो मासूम सा चेहरा, उसके घुँघराले से ब्राउन कलर के बाल … और टाइट टी-शर्ट में कसे हुए बूब्स देखे तो मेरी नजरें उसके कड़क निप्पलों पर टिक गईं.
मैं बस एकदम से उसे देखता ही रह गया.
वह फोन पर बात कर रही थी और उसका ध्यान मेरी तरफ था ही नहीं.
कुछ देर बाद उसने मुझे देखा तो वह फोन कट करके मेरे पास आई.
वह मुझसे पूछने लगी कि क्या आप यहां नए आए हैं?
मैं हां कहा और उसकी आंखों में झाँका.
वह मुझसे मेरे बारे में पूछने लगी.
मैंने उसे अपने बारे में सब बताया और यह भी बताया कि मैं लखनऊ में जॉब करता हूँ.
उसके बाद मैंने उससे उसके बारे में पूछा.
तब उसने मुझे अपने बारे में भी बताया कि वह यहां एक साल से रह रही है, उसकी शादी हो चुकी है और उसके पति बाहर रहते हैं, वे कभी कभी ही आ पाते हैं.
मैं उसकी इस बात से जरा चौंका कि यह क्या बात हुई कि पति कभी कभी ही आ पाते हैं.
खैर मुझे इस बात कोई लेना देना नहीं था.
हां यदि वह मुझसे कुछ चाहती तो जरूर मैं उसके काम आ सकता था.
एक दो पल रुकने के बाद उसने मुझसे कहा- आपको कभी कोई मदद चाहिए हो तो बताना!
मैंने बोला- ठीक है धन्यवाद.
इस बीच मेरी नजरें उसके क्लीवेज को देखने में लगी थीं और मैं बड़ी बेशर्मी से उसके मम्मों की घाटी को देखे जा रहा था.
उसने मुझे अपने मम्मों को ताड़ते हुए देख लिया तो वह मुझसे गुड नाइट बोल कर चली गयी.
ऐसे ही हम दोनों रात में मिलने लगे.
खाना खाने के बाद कभी कभी मुझे देरी हो जाती और छत पर आने में 12 तक बज जाते, तो उस वक्त भी वह मेरी आहट पाकर छत पर आ जाती.
ऐसे ही कुछ दिन बीते, मैं उसे बहुत घूरता था.
उसे मालूम था और उसने मेरी इस बात को नोटिस भी किया था.
हम दोनों के बीच में औपचारिकता खत्म हो गई थी और वह अब मुझसे आप की जगह तुम कहने लगी थी.
एक दिन उसने कहा- तुम खाना कैसे बनाते होगे? कल से तुम मेरे यहां खाना. रात का खाना मैं बना दिया करूँगी!
मैंने मना किया.
वह जिद पर अड़ी रही और कुछ देर बाद मैं मान गया.
मैं बोला- ठीक है, हम दोनों मिल कर बना लिया करेंगे.
इस पर वह राज़ी हो गयी.
फिर अगले दिन जब मैं ऑफिस से आकर आराम कर रहा था.
तब आठ बजे थे.
उसी वक्त किसी ने दरवाजे पर दस्तक दी.
मैंने गेट खोला तो सामने वही भाभी थी.
वह जीन्स और क्रॉप टॉप पहनी हुई थी और सदा की तरह बिजली गिर रही थी.
वह मुझसे बोली- चलो मेरे कमरे में, खाना बन गया है.
मैंने कहा- अरे बताना चाहिए था ना … मैं मदद कर देता!
वह बोली- कोई नहीं, आज पहला दिन है. कल से तुम मेरी मदद कर देना.
मैं उसके साथ चला गया.
हम बात करने लगे.
कुछ टाइम बाद उसने खाना लगाया.
हम दोनों ने खाना खाया और खाना खाते समय भी इधर उधर की बातें चलती रही थीं.
मैं उसको घूरता जा रहा था.
क्या माल थी यार … आपको कैसे बताऊं.
उसकी अदाएं एकदम पागल कर देती थीं.
उसकी खुशबू बहुत मस्त थी.
कोई उसकी खुशबू को ही सूंघ ले तो मेरा दावा है कि वह उतने में ही मदहोश हो जाएगा.
हम दोनों खाना खाकर छत पर वॉक करने आ गए.
तभी उसका कोई कॉल आ गया तो वह फोन सुनने लगी.
किसी ने फोन पर बताया कि वह नीचे आया है तो वह चली गयी.
ऐसे ही कुछ दिन गुज़रे.
इन दिनों मैं उसको बस देखता रहता था.
जब खाना खाने जाता था, तब भी मेरी नजरें उसके मम्मों को जरूर घूरती थीं.
वह इस बात को समझती थी कि मैं उसके दूध देख रहा हूँ, पर वह कुछ नहीं कहती थी.
शायद उसे भी मेरा यूं देखना अच्छा लगने लगा था.
एक दिन छत पर भाभी के जाने के बाद मैं उसकी ब्रा पैंटी को सूंघने लगा जो सूखने के लिए टंगी थीं.
जब मन ने पागल कर दिया तो मैंने छत का दरवाजा बन्द कर दिया और भाभी की पैंटी को लंड पर लपेट कर रगड़ते हुए मुठ मारने लगा.
झड़ने के बाद वापस वैसे ही टांग कर छोड़ दिया.
मैं कुछ दिन तक ऐसे ही करता रहा.
जब भाभी नीचे चली जाती, तो मैं उसकी पैंटी को खराब करके टांग देता था.
इस बात से उसको शक हो गया था.
कुछ दिन ऐसे करने के बाद मैं जब अगले दिन उसके घर खाना खाने और साथ में खाना बनाने में मदद करने के लिए गया था.
जैसे ही मैंने उनके दरवाजे पर दस्तक दी तो भाभी ने दरवाजा खोल दिया.
मैं उसे देखता ही रह गया.
भाभी ने एकदम छोटा सा टॉप पहना था, जो उसके कंधों से नीचे को था. उसके कंधे साफ दिख रहे थे और उसी वजह से उसका क्लीवेज और ज्यादा मारू लग रहा था.
नीचे शॉर्ट्स भी उसने एकदम छोटा वाला पहना हुआ जो कि आजकल युवा लड़कियों के पहनावे में खासा चलन में है.
मैं बस उसे देखता ही रह गया.
वह हल्की सी मुस्कुरा दी और अन्दर आने की कह कर किचन में जाने लगी.
मैंने भी दरवाजा बन्द किया और मन में उसकी सेक्सी बॉडी की चुदाई करता हुआ उसके पास किचन में आ गया.
हम दोनों खाना बनाने के काम में लग गए.
मैं काम करते करते उसे कनखियों से देख लेता था.
उसे भी पता था कि मैं उसको आंखों से चोद रहा हूँ.
उस दिन मैं देख रहा था कि उसे गर्दन पर पसीना आ रहा था, उसके अंडरआर्म्स से भी पसीना बह रहा था और कमर पर भी पसीने की बूंदें साफ झलक रही थीं क्योंकि उसका टॉप काफी छोटा था और उसका आधा पेट दिख रहा था.
मेरा मन कर रहा था कि आज इसको यहीं पटक कर चोद दूँ.
मैं भाभी को देखे जा रहा था.
आज तो मेरी उस पर से नज़र हट ही नहीं रही थी.
तभी भाभी ने पूछा- तुम मुझे ऐसे घूरते हो कि क्या बताऊं!
यह सुनकर मैंने झट से अपनी नज़र हटा ली.
वह बोलने लगी- तुम्हारी कोई जीएफ है या नहीं?
मैं बोला- पहले थी, पर इस शहर में कोई नहीं है, उससे भी ब्रेकअप हो गया है.
वह कुछ नहीं बोली
मैंने पूछा- मैंने तुम्हारे हज़्बेंड को नहीं देखा!
तो वह बताने लगी कि मेरे हज़्बेंड ने मुझसे झूठ बोलकर शादी की थी. उसकी पहले से शादी हो चुकी थी. अब वह कभी कभी बस मिलने आता है.
ऐसा बताते बताते वह बहुत उदास हो गई.
मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और उसे ढाढ़स बँधाते हुए कहने लगा- कोई बात नहीं, सब ठीक हो जाएगा. अगर कोई दिक्कत हो तो मुझे बताना!
वह अचानक से हंसने लगी ओर बोली- आप जो छत पर करते हो वह मुझे अच्छे से पता है.
मैं थोड़ा असहज हो गया कि यह मेरी मुठ मारने वाली बात कह रही है.
फिर भाभी बोलने लगी- क्या तुम मुझे पसंद करते हो?
मैं तुरंत बोला- हां बहुत ज्यादा!
भाभी ने पूछा- तुमको मुझमें क्या पसंद है?
मैंने कहा- सब कुछ!
वह हंसने लगी.
मैंने तुरन्त उसे पकड़ लिया और किस करने लगा.
उसका स्पर्श पाकर मैं जवान सेक्स के लिए एकदम पागल हो गया था.
वह मना नहीं कर रही थी तो मैं भी दीवानों की तरह उसके मुलायम गुलाबी और रसभरे होंठों को चूसने लगा.
मैंने उसके होंठों को अपने होंठों में भर लिया था और चूसने लगा था.
मैं उसकी लार को भी चाटता जा रहा था.
उसने खुद को मुझसे छुड़ाया और कहा—अरे यार तुम तो बहुत अच्छा किस करते हो … मैं तो सच में निहाल हो गई!
हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर प्यार करने लगे.
भाभी बताने लगी कि मेरी कुछ फैन्टेसी हैं.
मैंने पूछा- बताओ किस तरह की फैन्टेसी है?
भाभी- मुझे हार्ड रफ और डर्टी सेक्स बहुत पसंद है.
मैं पूछने लगा- यह क्या होता है?
तो भाभी बताने लगी कि जैसे स्लेव ट्रीटमेंट, स्पॅंकिंग, सेक्स करते वक़्त कोई उन्हें थप्पड़ मारे, ऐस फक, स्पिट फेटिश … और आर्म्पाइट फेटिश आदि.
यह सब सुनते ही मेरा लंड एकदम ऐसे हार्ड हो गया जैसे पैंट फाड़ कर अभी ही बाहर आ जाएगा.
भाभी भी यह नोटिस कर रही थी.
हम दोनों कमरे में आ गए थे और कमरे में एकदम सेक्सी माहौल हो चुका था.
भाभी ने पूछा- तुमने बताया नहीं कि क्या तुम यह सब कर पाओगे?
मैंने कहा- यह तो समय बताएगा कि मैं क्या क्या कर पाऊंगा!
यह कह कर मैं पुनः उसे किस करने लगा.
भाभी भी एकदम जोश में आ गई और मेरे होंठों को पूरा खाने लगीं.
वह अपने मुँह का सारा थूक मेरे मुँह में देने लगी.
मैं भी भाभी का सारा सलाइवा चूसते हुए चाटने और पीने लगा.
भाई क्या ही बताऊं … मतलब क्या ही टेस्ट था उसकी लार का … एकदम अलग.
भाभी मेरी जीभ को अपने मुँह में लेकर सक करने लगी.
मैं भी उसकी जीभ को सक करने लगा.
फिर कुछ देर किस करने के बाद भाभी पीछे को हो गई ओर बोली- अपना मुँह खोलो!
मैंने खोला.
उसने मेरे मुँह में अपना थूक डाल दिया और मैं न केवल उसका थूक पी गया बल्कि मुझे यह बहुत पसंद भी आया.
वह वापस मेरे मुँह में थूकने लगी और मैं पीता गया.
उसे फिर से किस करने लगा.
किस करते करते मैं उसकी गर्दन चाटने लगा और बूब्स पर हाथ रख कर दबाने लगा.
भाभी एकदम गंदा वाला किस किए जा रही थी.
मैं उसका पसीना चाटने की कोशिश कर रहा था.
उसकी गर्दन पर अपनी जीभ को किसी प्यासे कुत्ते की तरह फिरा रहा था.
वह भी मदहोशी के आलम में बोलती जा रही थी- आह खा जाओ मुझे … प्लीज़ आज पूरा खा लो मुझे … मैं बहुत प्यासी हूँ … मेरी प्यास बुझा दो.
वह चोदने की रिक्वेस्ट करने लगी.
मैं बाइट भी करता जा रहा था, जिससे वह सिहरी जा रही थी.
अब मैंने उसके दोनों हाथ ऊपर करके उसका टॉप उतार दिया और बिना बद्दी वाली ब्रा को खोल कर उसकी एक चूची को अपने मुँह में पूरा भर लिया और जोर जोर से सक करने लगा.
दूसरे दूध को मैं अपने हाथ से दबाने लगा.
वह पागल हुई जा रही थी.
मैं उसके दूध को बहुत जोर से चूसने की कोशिश कर रहा था तो वह भी मेरे मुँह में अपने दूध को ठेल कर मुझे अपने दूध पिलाने में अपनी गर्मजोशी दिखा रही थी- आह चूस लो … आह खा जाओ.
इस तरह से मैं एक आम को चूस रहा था और दूसरे को मसल रहा था.
वह ‘आआह अयाह अमित और जोर से अमित …’ बोले जा रही थी.
दोस्तो, पड़ोस की इस सेक्सी भाभी की जवान सेक्स कहानी के अगले भाग में आपको जबरदस्त मजा आने वाला है.
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जवान सेक्स कहानी का अगला भाग: पड़ोसन भाभी के साथ हार्ड डर्टी सेक्स- 2