न्यू भाभी जी की चुदाई का मौका मुझे तब मिला जब मैंने खिड़की से पड़ोस वाली भाभी को कपड़े बदलते देखा. उन्होंने भी मुझे देखते हुए देख लिया था.
मेरा नाम अभिषेक है.
यह चुदाई की कहानी मेरे और मेरे पड़ोस में किराए पर रहने वाली न्यू भाभी जी की चुदाई की है.
भाभी का नाम प्रीति है. उनका फिगर काफी सेक्सी है, एकदम सेक्स बम लगती हैं.
मैं रोज़ शाम को छत पर टहलता हूँ.
एक दिन टहलते हुए मैंने सामने वाले घर की खिड़की में एक भाभी को देखा.
वे शायद पड़ोस में अभी कभी ही किराए पर रहने आई थीं.
मुझे उनका चेहरा नहीं दिख रहा था, तो मैं उनका चेहरा देखने की कोशिश करने लगा.
भाभी सफेद रंग की नाइटी में थीं.
फिर अचानक वे अपने बिस्तर से उठा कर एक काली सलवार पहनने लगीं.
आह … उनकी चिकनी व दूधिया जांघें देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया.
फिर उन्होंने अपनी नाइटी उतार दी, जिससे उनका ऊपरी हिस्सा पूरी तरह नंगा हो गया क्योंकि उन्होंने ब्रा नहीं पहनी थी.
क्या बूब्स थे उनके … एकदम गोल-गोल और बड़े-बड़े … कम से कम 34D साइज़ के तो होंगे ही.
उन्होंने पहले काली ब्रा पहनी, फिर कुर्ती डाली और तैयार होकर भाभी सब्जी लेने जाने लगीं.
मैं छत पर इंतज़ार करने लगा.
एक घंटे बाद भाभी वापस आईं और उन्होंने फिर से अपनी ड्रेस बदली.
इस बार उनकी पीठ मेरी तरफ थी, तो उनकी बड़ी गांड मुझे दिखाई दी.
आह … उनका गदराया हुआ पिछवाड़ा देख कर तो सच में मजा ही आ गया.
आज का सीन देखकर मेरे लंड ने बगावत कर दी थी, तो मैंने मुठ मार कर उसे ठंडा किया.
अब तो मैं रोज़ उनके सेक्सी जिस्म को देखने के लिए शाम को छत पर आ जाता और अपने 2-3 घंटे बर्बाद कर देता.
इसी बीच भाभी ने भी एक बार मुझे देख लिया था, पर वे या तो अपनी बॉडी दिखाना चाहती थीं या उन्हें अहसास नहीं हुआ था कि मैं उन्हें नंगी देखता हूँ.
कुछ दिन बाद मैंने सोचा कि अब बात को आगे बढ़ाना चाहिए.
मैं अब खुलकर उनके सामने आता, मार्केट में उनका पीछा करता.
वे भी मुझे नोटिस करने लगी थीं और कभी-कभी स्माइल कर देती थीं.
एक दिन मौका देखकर मैंने उनसे उनका नंबर ले लिया.
उन्होंने मुझसे फोन पर बात की.
उन्होंने पूछा- तुम मेरा पीछा क्यों करते हो?
मैंने कहा- मैं आपको पसंद करता हूँ.
वे बोलीं- पता है ना, मैं शादीशुदा हूँ और मेरे दो बच्चे हैं?
मैंने कहा- हाँ, मुझे आप जैसी शादीशुदा ही पसंद हैं.
वे बोलीं- क्यों?
मैंने कहा- क्योंकि आप लोग ज्यादा सेक्सी होती हैं. आपके बूब्स बड़े होते हैं, फिर आपकी तो गांड भी बहुत मस्त है.
वे बोलीं- हट बदमाश … कितनी गंदी बात करते हो!
मैंने उनसे सीधे कह दिया- मैं आपको प्यार करना चाहता हूँ, बेड पर आपके साथ सेक्स करना चाहता हूँ.
वे शर्मा गईं, कुछ नहीं बोलीं.
मैंने कहा- कल आप मार्केट जाने के लिए थोड़ा पहले निकलिएगा और मेरे रूम पर आ जाइएगा … दोपहर में.
वे हंस कर बोलीं- कोशिश करूँगी.
अब मैं बेसब्री से कल का इंतज़ार करने लगा.
मेरा लंड तो रात भर खड़ा ही रहा, उन्हें अपने लौड़े पर झूला झुलाने की कल्पना करते हुए मैं लंड सहलाता रहा.
अगले दिन दोपहर में भाभी मेरे रूम पर आईं.
मैंने गेट लॉक करते ही उन्हें पकड़कर लिपलॉक कर दिया.
मेरा एक हाथ उनके बूब्स दबा रहा था और दूसरा उनकी गांड.
वे थोड़ा बचने की कोशिश कर रही थीं, शायद भाभी शर्मा रही थीं.
फिर कुछ देर बाद वे भी मेरा साथ देने लगीं.
अब हम दोनों पागलों की तरह एक-दूसरे को किस करने लगे.
मैंने उनके कपड़े उतारे और उनकी ब्रा के ऊपर से ही उनके बूब्स दबाने लगा.
उनके गले और बूब्स पर मैंने किस करना शुरू कर दिया.
वे ‘आह आह … आराम से करो न जल्दी क्या है … आह’ कहती हुई भाभी कराह रही थीं.
मैंने उनकी ब्रा उतार दी और उनके दोनों स्तनों को दबाते हुए बारी बारी से चूसने लगा था.
भाभी बार-बार ‘आह आह आराम से करो न …’ बोल रही थीं.
मैंने उनके स्तनों को चूसते हुए ही उनकी पैंटी उतार दी.
उनकी पैंटी पूरी तरह गीली थी.
अब मैं एक हाथ से उनके स्तन दबा रहा था, दूसरे स्तन को चूस रहा था और मेरा दूसरा हाथ उनकी चूत में उंगलियां चला रहा था.
वे बस मस्ती में पागल हो गई थीं और ‘आह आह आराम से करो प्लीज … लगती है न … आह बस करो’ कह रही थीं.
इसी तरह करते हुए मैंने उनकी नाभि पर चुंबन शुरू किया.
फिर जैसे ही मैंने उनकी चूत पर चुंबन किया, वे झटके के साथ अपना पानी छोड़ने लगीं.
मैंने उनके रस को चाट लिया और करीब दस मिनट तक उनकी चूत को अच्छे से चाटा.
वह ‘ओह आह’ कर रही थीं.
मैं मजे से चूत चाट रहा था.
उन्होंने फिर से पानी छोड़ दिया था.
अब वे बोलीं- बस करो … पागल कर दोगे क्या मुझे? अब जल्दी से चोदो मुझे, नहीं तो मैं पागल हो जाऊंगी.
मैंने कहा- अब तुम मेरा लंड चूसो.
यह सुनते ही भाभी अच्छे से मेरा लंड चूसने लगीं और मेरा प्री-कम सारा चाट गईं.
मैं उनके मुँह को ही चूत समझ कर चोदने लगा.
उन्हें लंड चूसने का ज्यादा अनुभव नहीं था इसलिए मुझे ज्यादा मजा नहीं आ रहा था.
मैंने दस मिनट बाद उनके मुँह से अपना लंड निकाल लिया.
फिर मैंने उन्हें बिस्तर पर चुदाई की पोजीशन में लिटा कर अपना सात इंच का लंड उनकी चूत पर रगड़ना चालू कर दिया.
भाभी मेरे लौड़े की गर्मी से अपनी गांड उठाने लगीं और जल्दी से लंड को अन्दर लेने की कोशिश करने लगीं.
मैं लंड रगड़ते हुए कहने लगा- ले लोगी न पूरा?
वे सहमती हुई बोलीं- हां लग तो रहा है कि इतना बड़ा मेरी चूत में नहीं जा पाएगा. चूसते समय ही मेरी फट रही थी … तुम्हारा बहुत बड़ा लंड है अभिषेक. मेरी छोटी सी चूत में तुम्हारा इतना लंबा और मोटा लंड कैसे जाएगा?
मैंने कहा- जब आपकी इसी चूत से आपके दो दो बच्चे निकले हैं तो चूत ने कैसे निकाले थे?
भाभी हंसने लगीं.
मैंने कहा- बताओ न!
वे हंस कर बोलीं- मेरे बच्चे अभी नहीं हुए हैं, मैंने तुमसे झूठ बोला था.
इस पर मैंने कहा- कोई बात नहीं, आप बस देखती जाओ … मेरा मोटा लवड़ा आपकी चूत में कैसे जाएगा!
यह कह कर मैंने एक ही झटके में अपना आधा लंड भाभी की चूत में पेल दिया.
वे जोर से चिल्ला पड़ीं- आह मर गई … फाड़ दिया तुमने मेरी चूत को … आह तुम्हारा लंड है या लोहे की रॉड … निकालो बाहर … नहीं तो मैं मर जाऊंगी!
मैंने उन्हें होंठों पर चूमा और लिपलॉक करके अपना पूरा सात इंच का लंड उनकी चूत में डाल दिया.
वे दर्द से मुझे धक्के देने लगीं.
लेकिन मैं धीरे-धीरे उन्हें चोदने लगा और चुंबन करता रहा.
कुछ ही देर में भाभी जी भी मेरा साथ देने लगीं.
मैंने न्यू भाभी जी की चुदाई की गति बढ़ा दी.
वे कहने लगीं- आह … आह … तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है … आह आराम से पेलो न … आह मर गई मैं तो … तुम्हारा लंड मेरी चूत की चटनी बना देगा … आह … धीरे धीरे चोदो न!
करीब दस मिनट मिसनरी पोज में चोदने के बाद मैंने उन्हें डॉगी स्टाइल में लिया और बीस मिनट तक और चोदा.
भाभी पूरी चुदाई में बस ‘आह आह … आराम से चोदो … आह … आह.’ कहती हुई चुदवाती रही थीं.
जब मुझे लगा कि मेरा लंड पानी छोड़ देगा तो मैंने उनसे कहा कि भाभी मैं आपके मुँह में अपना पानी निकालना चाहता हूँ!
लेकिन वे बोलीं- अभी मेरी चूत में ही निकालो … मेरी चूत बहुत दर्द कर रही है!
यह सुनते ही मैंने भाभी की कमर पकड़ कर जोर-जोर से चोदना शुरू किया और अपने लंड का सारा पानी उनकी चूत में ही निकाल दिया.
भाभी मेरी चुदाई में अब तक तीन बार झड़ चुकी थीं.
जब मैंने दोबारा चुदाई शुरू करने की तैयारी की, तो वे बोलीं- आज तुम्हारे लंड ने मेरी चूत की चटनी बना दी … पूरा शरीर निचोड़ लिया तुमने … अब प्लीज आज के लिए इतना ही … बाकी कल करेंगे.
यह सुनकर मैंने भाभी के मुँह में अपना लंड दे दिया और उनके मुँह को चोदने लगा.
मेरा सात इंच का बड़ा लंड बड़ी मुश्किल से उनके मुँह में जा पा रहा था.
कुछ देर लंड चूसने के बाद भाभी बोलीं- बस अब मुँह दुखने लगा है यार, अब बस करो!
मैं नहीं माना. मैंने उन्हें उल्टा लिटा दिया और फिर से चोदना शुरू कर दिया.
इस बार चालीस मिनट चोदने के बाद मैंने अपना पानी उनके मुँह में छोड़ा.
अब भाभी बोलीं- मुझे देरी हो रही है … अब जाने दो!
उन्होंने मुझे चुंबन करते हुए कहा- इतनी जबरदस्त चुदाई मेरी आज तक नहीं हुई!
इसके बाद भाभी तैयार होने लगीं.
मैं उनके जिस्म से खेलने लगा.
वे जल्दी ही वापस मिलने का बोल कर चली गईं.
मैं अभी भी उनसे मिलता रहता हूँ और उनकी चूत का भोसड़ा बनाता रहता हूँ.
अगली बार मैं आपको भाभी की गांड चुदाई की कहानी लिखूँगा.
प्लीज मुझे बताएं कि आपको मेरी न्यू भाभी जी की चुदाई कहानी कैसी लगी!
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