दीदी की सहेली को उनकी शादी में चोदा

सिस्टर फ्रेंड सेक्स कहानी में मैंने अपने मामी की बेटी की सहेली को खेतों में चोदा शाम के समय! मेरे मामा की बेटी ने मुझे बता दिया था कि यह खुले विचारों की है.

मेरा नाम अभि है और मेरी हाईट 5 फुट 9 इंच की है. मैं अपनी बॉडी की बहुत केयर करता हूँ, जिम भी जाता हूँ.
मेरे लंड ने जिसको भी चोदा है, वे सब मेरे संपर्क में आज भी हैं.

यह सिस्टर फ्रेंड सेक्स कहानी आज से एक साल पहले की है.

मैं अपने मामा की लड़की की शादी में गया था. मामा की उस बेटी को भी मैं पहले ही चोद चुका था.

अब तक का मेरा रिकॉर्ड है कि मैं जिसकी भी शादी में गया, उधर किसी न किसी को जरूर चोद कर आया.
उनमें कौन कौन सी लड़कियां मेरे लौड़े के नीचे से निकलीं … या यूं कहें कि मैंने किस किस को शादी में चोदा था, वो किसी अन्य सेक्स कहानी में लिखूँगा.

अभी मामा की लड़की की शादी की कहानी सुनिए.

मैं सुबह 5 बजे मामा के घर पहुंच गया था.
चूंकि यह एक गांव था और गांव में तो आपको मालूम ही है कि सब जल्दी उठ जाते हैं.

मैं घर गया तो सब जाग चुके थे.

बारी बारी से मैं सबसे मिला और बाद में दीदी के रूम में उनसे मिलने गया.

जब मैं उनके रूम गया तो दीदी भी उठ चुकी थीं और फोन चला रही थीं.
मैं गया और दीदी को हग करके उनको एक लिपलॉक वाली किस की.
दीदी की मुस्कान देखने लायक थी.

तभी मेरी नजर उनके बगल में गई.
उधर एक लड़की सो रही थी.

मैंने दीदी से पूछा, तो वे बोलीं- मेरी सहेली है. शादी में आई है.
मैंने कहा- अच्छा.

फिर हम दोनों बात करने लगे.
बाद में मैं काम में लग गया.

कोई 11 बजे दीदी का फोन आया.
वे मुझे रूम में आने को बोलीं.

मैंने हामी भरी कि आ रहा हूँ.
तो वे बोलीं- चाय लेते आना. रिया उठ गई है.

मैं चाय लेकर उनके रूम में गया.
तब मैंने रिया को देखा.

वह दूध की तरह सफेद थी.
उसकी चूचियां एकदम सेवफल जैसी गोल थीं जो उसके टॉप से बाहर निकलने को बेताब थीं.

उसके लोवर और टॉप में इतना गैप था कि उसकी नाभि एकदम साफ दिख रही थी.
उसकी बड़ी सी उठी हुई एकदम गोल गांड देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया.

वह भी मुझे देख रही थी.

तभी दीदी ने उसे मेरा परिचय देते हुए कहा- रिया … ये अभि वही है, जिसकी मैं बात कर रही थी.
उसने मेरे लौड़े को देखते हुए कहा- अच्छा ये वह अभि है.

उसने मेरी तरफ़ हाथ किया- हैलो.
मैंने भी हाथ आगे किया- हाय.

फिर वह बाथरूम की तरफ चली गई.
मैंने दीदी से कहा- आपने इसे क्या क्या बताया है. क्या सब बता दिया?

दीदी ने कहा- हां यार रिया बहुत खुले विचारों की लड़की है. उसकी फैमिली भी एकदम खुली विचारधारा वाली है और रिया बहुत अमीर घर से है. उसके लिए सेक्स जैसी चीज कोई अलबेली बात नहीं है. ये उसके लिए रोज के काम की तरह है. मैं उससे तुमको इसी लिए मिलवा रही थी. वह 5 दिन से आई है. इतने दिन से उसने न तो सिगरेट पी पाई है और न दारू. तभी मैं तुमको जल्दी बुला रही थी. अब तुमको उसके लिए ये सब अरेंज करना है.

मैंने कहा- हां ठीक है, मुझे भी कंपनी मिल गई. इसको पेल दूँ क्या?
दीदी हंसी और बोलीं- वो सब तू खुद ही देख ले.

तभी रिया वापस आ गई.

फिर दीदी से उससे भी बोल दिया- रिया मैंने तेरी कंपनी अभि के साथ सैट कर दी है. तू इसे अपनी हर समस्या बता सकती है.

हम सब आपस में बात करने लगे.
थोड़े ही समय में रिया से मेरी अच्छी दोस्ती हो गई.

मैंने रिया से शाम 5 बजे के लिए बोल दिया- यदि मन हो तो शाम को पार्टी करने चलना.
वह बोली- हां यार, मुझे कहीं खुले में ले चलो. पर तुम कहां ले जाओगे?

मैंने कहा- मामा जी के ट्यूबवेल पर … उधर तुमको अच्छा लगेगा.
उसने कहा- ये कहां है?

मैंने बताया कि ये थोड़ी दूर है … पर ये जगह खेतों के बीच में है और वहां कोई आता जाता भी नहीं है. हम आराम से पार्टी कर सकते हैं.
उसने हामी भर दी.

मैंने कह दिया था कि यदि तुम नहाना चाहो तो उधर नहाने का इंतजाम भी है.

ये कह कर मैंने रिया को आंख मार दी थी.
रिया ने भी थंब अप दिखा दिया.

शाम को हम दोनों पैदल ही चल दिए.
इससे पहले दिन में मैंने पहले ही उधर जाकर सब सैट कर दिया था.

शाम को हम दोनों ट्यूबवेल पर पहुंच गए.

उस समय बिजली नहीं आ रही थी.
मगर मुझे उम्मीद थी कि बिजली आ जाएगी, जनरेटर चलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

मैंने उसे बैठाया और सारा सामान निकाल कर पैग बनाने लगा.

हम दोनों दारू पीने लगे.
तभी लाइट आ गई और ट्यूबवेल चलने लगा.

रिया बोली- आओ नहाते हैं, मैं कभी ऐसी जगह पर नहीं नहाई हूँ.

मैंने कहा- नहीं, तुम जाओ नहा लो. मैं तुम्हें नहाते हुए देखूँगा.

मैंने ट्यूबवेल में पैर डाल कर उसकी कोर पर बैठ गया.

तभी रिया ट्यूबवेल में उतर गई और पानी से खेलने लगी.
वह पूरी भीग गई थी.

उसकी ब्रा और पैंटी दिख रही थी.
तभी उसने मुझे भी पानी में खींच लिया.

अब हम दोनों पानी में ही मस्ती करने लगे और पैग बना कर पीने लगे.

वह बोली- यार ऐसे घर कैसे चलेंगे. मैं तो पूरी भीग गई हूँ.

मैंने कहा- कोई बात नहीं, अभी घर से किसी से कपड़ा मँगवा लेते हैं.
वह बोली- हां ये ठीक रहेगा.

वह फिर से मस्त होने लगी और अचानक झटके से घूमी तो उसकी गांड मुझसे टच हो गई.

मेरा तो लंड तुरंत खड़ा हो गया.
अब तक अंधेरा भी होने लगा था.

हम दोनों ने चार चार पैग मार लिए थे, खासा नशा भी हो चुका था और ठंडी भी लग रही थी.

रिया नहाने में मस्त थी.
मैं रिया के पीछे गया और सिगरेट लेने के बहाने से उसकी गांड में अपना लंड उसकी सटा दिया.

मेरे लंड का कड़कपन रिया ने महसूस कर लिया और मुझे तिरछी निगाहों से देखने लगी.

मैंने सिगरेट जलाई और पीने लगा.

तभी मैंने पानी में ही अपनी शर्ट उतार दी.
तो रिया नशीली आवाज में बोली- अभि तुम्हारी बॉडी बहुत मस्त है.

मैंने भी बोल दिया- हां मैं रोज 2 घंटे जिम करता हूँ.

वह मेरे बगल में आकर सिगरेट पीने लगी और मेरे लंड को घूरने लगी.

मैंने भी ऐसे शो किया कि मैं कुछ नहीं देख रहा हूँ.
हमने एक एक पैग और पिया. अब रात हो चुकी थी.

मैंने रिया से कहा- चलो, घर चलें … काफी अंधेरा हो रहा है. हमें पैदल जाना है.

उसने कहा- थोड़ी देर और रुको यार … फिर चलते हैं.

यह बोल कर वह मेरे ऊपर पानी फेंकने लगी.
मैं भी वही करने लगा.

हम दोनों एक दूसरे के साथ खेलने लगे.
तभी मैंने रिया को पकड़ लिया और उसको पानी के सामने कर दिया.

अब पंप से तेज धार से निकलता पानी उसके ऊपर गिर रहा था और उसका टॉप जैसे उतरने वाला हो गया था.
उसकी रेड ब्रा पूरी दिख रही थी.
पीछे से मैं था तो मेरा लंड उसकी गांड में टच हो रहा था.

मैंने उसको कमर से पकड़ा हुआ था.

तभी वह मेरी तरफ घूम गई.
अब उसका चेहरा मेरी तरफ था.
उसकी चूची मेरे सीने से सटी थी और मेरा हाथ उसके पीछे था.

वह मेरी तरफ देख रही थी और मैं भी उसे देख रहा था.
हमारी आंखों में वासना का नशा छाया हुआ था.

मैं हिम्मत करके उसको किस करने लगा और उसकी गांड को दबाने लगा, अपने लंड को उसकी बुर से सटाने लगा.
उसकी कमर भी लौड़े से रगड़ने लगी.

कुछ मिनट बाद वह भी मेरा साथ देने लगी और मैंने उसका टॉप भी उतार दिया.
उसने खुद ही अपनी ब्रा को निकाल दिया और मेरे मुँह में अपनी चूची देने लगी.

मैं उसकी चूची को अपने होंठों में दबा कर खींचते हुए पीने लगा.

वह भी अपनी चूची को दबा दबा कर मेरे मुँह में डाल रही थी.
कुछ देर बाद उसने खुद ही अपना लोवर उतार दिया.
लोअर के साथ ही पैंटी भी उतर गई थी.

वह एकदम नंगी मेरी बांहों में मचल रही थी.
मेरा लौड़ा अब खतरनाक पोजीशन में आ गया था और वह मेरे सख्त लंड को पकड़ कर बड़ी खुश हो रही थी.

मैंने भी उसकी टांगों के बीच में हाथ डाला तो उसकी चिकनी चूत मुझे कामांध करने लगी.

तुरंत मैंने उसको उठाया और ट्यूबवेल के बाहर निकाल कर फर्श पर बैठा दिया.
वह एकदम नंगी थी.

मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि अभी सुबह मैं इस लौंडिया से मिला और शाम को वह मेरे सामने नंगी है.

मैं तुरंत उसकी चिकनी चूत में अपनी जीभ लगा कर चाटने लगा, जीभ से ही उसको चोदने लगा.

वह भी अपनी टांगें फैला कर मेरे मुँह को अपनी चूत पर रगड़वाने लगी.
साथ ही वह खुद अपने हाथों से अपनी दोनों चूचियों को मसलने लगी- आह अभि … और जोर से … आह खा जाओ मेरी चूत को … आह ओह माई गॉड!

उसने अपने पैरों से मुझे जकड़ लिया और दबाने लगी, मेरे सिर को पकड़ कर अपनी चूत में घुसेड़ने लगी.
उसी के साथ उसने अपनी पूरी बॉडी को टाइट कर लिया और एक गर्म पानी की धार मेरे मुँह में छोड़ दी.

मैंने उसका सारा पानी पी लिया और वह आह ओह ओह करती रही.

अब रिया थोड़ी शांत हुई और मैं उसके होंठों को चूसने लगा, चूची दबाने लगा.

मैंने अब उसको वापस ट्यूबवेल के अन्दर उतार लिया और खुद किनारों को पकड़ कर मेंढक जैसा बन कर उसके मुँह के ऊपर अपना लंड लगाने लगा.
वह अपनी जीभ को मेरे सुपाड़े पर फेरने लगी और फिर मेरे लंड को किसी लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी.

कुछ मिनट बाद मेरे लंड का पानी उसके मुँह में था.
उसने मेरी तरफ देखते हुए सारा पानी पी लिया.

हम फिर एक दूसरे को किस करने लगे, एक दूसरे के जिस्म से खेलने लगे.

उसने मेरे लंड को हिला कर वापस खड़ा किया और बोली- अब जल्दी से मुझे चोद दो. अब रहा नहीं जा रहा.

वह ट्यूबवेल के बाहर निकल गई और वहां पड़ी खटिया पर चूत खोल कर चित लेट गई.
उसने अपने पैरों को किसी बाजारू रांड के जैसे फैला दिया.

मैंने भी अपने लंड को उसकी चूत पर सैट किया और एक बार में अन्दर पेल दिया.

मेरा लंड अन्दर जाते ही रिया इतनी जोर से चिल्लाई कि मेरी गांड फट गई.
मैंने तुरंत उसके होंठों को अपने होंठों में भर लिया, पर वह पूरी दम लगा कर मुझे अपने से दूर करने लगी.

मैंने एक दो मिनट तक कुछ नहीं किया. जब रिया को दर्द से आराम हुआ, तो मैं धीरे धीरे लंड को चलाने लगा.

अब रिया को मजा आने लगा और वह भी अपनी चूत को उठा उठा कर लंड को पूरा अन्दर लेने लगी.

मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और रिया के मुँह से तेज तेज आवाज निकलने लगी- उह्ह्ह माई गॉड आह उई … आज मेरी चूत का भोसड़ा बना दो … बहुत लंड लिए इस चूत ने … पर आज इसकी गर्मी शांत होगी … आह चोदो और तेज उई ईई मर गई आह!

वह अपनी गांड उठा उठा कर लंड ले रही थी.

तभी उसका पानी निकल गया और उसके पानी से उसकी चूत और गीली हो गई.
लंड फछ फछ की आवाज करने लगा.

दस बारह झटकों में मेरा पानी आ गया.

मैंने पूरा पानी रिया की चूत में निकाल दिया और उसके ऊपर लेटा रहा.

सिस्टर फ्रेंड सेक्स पूरा ही हुआ था कि तभी दीदी का फोन आया- तुम लोगों को घर नहीं आना क्या?
अब हम दोनों ने उठ कर एक दूसरे को किस किया और कपड़े पहन कर घर आ गए.

रात हो चुकी थी तो किसी को गीले कपड़े समझ नहीं आए.

फिर रात में सबके सोने के बाद हमने फिर से चुदाई के मजे लिए.
इस तरह से पूरी शादी में हम दोनों ने अठारह बार सेक्स किया.

रिया की चूत चुद चुद कर ढीली हो गई थी. दीदी को जब मालूम हुआ तो उन्होंने मेरे सामने रिया की खूब खिंचाई की.

तो दोस्तो, यह सिस्टर फ्रेंड सेक्स कहानी आपको कैसी लगी, प्लीज बताएं.
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