शादीशुदा बहन को उसकी सहेली के नाम से पटाया- 2

भाई बेहन की चुदाई कहानी में पढ़ें कि मैंने अपनी शादीशुदा बहन को अपने भाई यानि मुझसे सेक्स करने के लिए तैयार किया, फिर मैंने बहन की चूत उसी के घर में मारी.

कहानी के पिछले भाग
यौन आनन्द से वंचित मेरी सेक्सी दीदी
में मैंने बताया कि मेरा मन दीदी की चूत मारने का हो गया था. दीदी को भी जीजू से पूरी चुदाई नहीं मिलती थी. मैंने दीदी की सहेली के नाम से फेसबुक अकाउंट बना कर दीदी को भाई से सेक्स करने की सलाह दी.
त्यौहार के बाद दीदी को अपने घर जाना पड़ा।

अब आगे भाई बेहन की चुदाई कहानी:

दीदी के जाने के बाद तो उनकी चूचियां और गांड के बारे में सोच सोच कर मेरी हालत खराब हो गई थी.
और उधर दीदी की चुदाई की भूख बढ़ती जा रही थी जिसे वह अपनी सहेली शीनम यानि मुझे मैसेज कर करके बता रही थी.

फिर मैंने सोचा कि आग तो दोनों ओर लगी हुई है, चुदाई तो करनी पड़ेगी. पर कैसे? दीदी तो अपने घर जा चुकी थी.

उसी दिन शाम को शहर से मेरे दोस्त का फोन आया.
उसने कहा- भाई, मेरे प्रोजेक्ट में मेरी मदद करने के लिए आ जा!

मैंने सोचा कि यह अच्छा मौका है दीदी के यहाँ जाने का!
और मैंने आने के लिए हां कर दी.

मैंने घर पर बताया कि मैं कल अपने दोस्त के यहाँ काम से शहर जा रहा हूँ, अगर कोई काम हो तो बता दें. और हां दीदी के लिए कुछ भिजवाना हो तो वो भी दे दें.

फिर दीदी के लिए कुछ सामान घर वालों ने मुझे ले जाने के लिए दे दिया.

उसके बाद मैंने दीदी को कॉल किया और उनसे आने का बताया.
तो वह बहुत खुश हो गयी और बोली- आ जा, मुझे भी बहुत जरूरी काम है तेरे से!

मैंने मन ही मन कहा ‘काम नहीं, कामवासना चढ़ी है. चूत में चुदवाने की खुजली जो मची है.’
और फोन रख दिया।

उसके बाद दीदी का मैसेज आया- यार शीनम, मेरा भाई कल घर आ रहा है. कुछ बता ना कि उसे कैसे राजी करूँ चुदाई के लिए?
मैं- अच्छा! आने तो दे, फिर बता दूँगी.
दीदी- ओके!

अगले सुबह मैं जल्दी ही उनके घर पहुँच गया.
मैंने देखा कि दीदी बच्चे को स्कूल छोड़ने जा रही थी.

उसने कहा- जा अन्दर बैठ … मैं अभी आती हूँ

तभी मैंने सोचा कि समय कम है तो बहन को कैसे राजी किया जाये कि वह खुद चुदवाए और कुछ कहना भी ना पड़े.

मैंने बाहर और छत पर जाकर देखा तो मुझे कहीं भी दीदी के कपड़े नजर नहीं आये.
तो मैंने सोचा कि शायद दीदी अभी नहाई नहीं है.

फिर मैंने अलमारी खोली तो देखा उनके कपड़े वहीं पर थे.
मैंने झट से उनकी ब्रा और पैन्टी निकाली और उन्हें चूमने चाटने लगा.

क्या खुशबू थी ब्रा और पेन्टी की … उन्हें चाटने से ऐसा लग रहा था जैसे कि मैं दीदी की चूत चाट रहा हूँ.
अन्त में मैं पैन्टी को लंड पर लगा कर मुट्ठ मारने लगा.

तभी बाहर से दीदी के आने की आवाज आई तो मैंने ब्रा और पैन्टी को अपने बैग में छुपा कर अपने आप को सम्हाला।

दीदी ने आकर मेरे लिए खाना बनाया, उसके बाद मैं खाना खाकर दोस्त के यहाँ चला गया

जब शाम को वापस आया तो देखा दीदी और बच्चा आपस में खेल रहे थे.
मुझे देखकर दीदी कहने लगी- आ गया, चल आकर खाना खा ले!

उसके बाद हम खाना खाने लगे.
तभी मेरी नज़र दीदी की छाती पर पड़ी.
मैं तो देखता ही रह गया.
उसकी चूचियां ब्रा ना पहनने की वजह से कुछ ज्यादा ही बड़ी लग रही थी.

तभी वह मुझसे कहने लगी- क्या देख रहा है?
मैंने कहा- कुछ नहीं!
और वह मुस्कराने लगी.

उसके बाद वह जाने लगी.
चलते वक्त उसकी चूचियां और गांड कुछ ज्यादा ही हिल रही थी जिन्हें देखकर मेरे मुंह से आह निकल गयी.
जिससे वह कहने लगी- क्या हुआ?
मैंने कहा- कुछ नहीं!

कुछ समय मेरी ओर देखकर मुस्कराती हुई वह वहाँ से चली गयी.
शायद उसने मेरे लंड के उभार को देख लिया था.

उसके बाद हम बैठकर टीवी देखने लगे.
दीदी बैड पर लेटकर और मैं सोफे पर बैठकर टीवी देख रहा था.

तभी मेरे फोन पर मैसेज आने की घंटी बजी.
देखा तो दीदी का मैसेज था- यार शीनम, मेरा भाई मुझे घूर घूर कर देख रहा था. अभी दिन में जब मैं नहाने गयी तो मेरी ब्रा और पैन्टी मिली नहीं, जिस वजह से मैं पहन नहीं पाई. ना पहनने की वजह से मेरी चूचियां और गांड कुछ ज्यादा ही हिल रही हैं. जिन्हें देखकर उसका खड़ा हो गया.

मैं- चलो जो हुआ अच्छा हुआ. अब क्या … बस चुदवा ले!
दीदी- क्या चुदवा ले, उससे सीधे थोड़ी कह सकती हूँ कि आ जा अपनी बहन को चोद दे. कुछ और उपाय बता ना यार जिससे मुझे वह चोद भी दे और मुझे उससे कुछ कहना भी ना पड़े।

मैं- अच्छा, फिर मैं जैसा कहूँगी, वैसे करना पड़ेगा.
दीदी- अच्छा ठीक है, बता क्या करना है?

मैं- देख तू उससे पहले ही सो जाना और अपने पेटीकोट को जांघों तक इस तरह से करके सोना कि उसे तेरी चूत नजर आये जिससे वह खुद तुझे चोदने पर उतारू हो जाये! और हाँ … उसे ऐसा लगना चाहिए कि तू बेसुध गहरी नींद में सो रही है जिससे उसे कुछ करने में डर ना लगे. लाईट चालू करके सोना जिससे उसे तेरे पूरे शरीर के दर्शन हो सकें.

दीदी- अच्छा ठीक है, मैं ऐसा ही करती हूँ!
मैं- और हां, वह चाहे तेरे साथ कुछ भी करे … चोदे, काटे, चूसे, चुसवाये, गांड मारे, तू कुछ भी ना कहना, बस उसका साथ देना। बेस्ट ऑफ लक चुदाई के लिए … खूब चुदना मेरी रानी!

दीदी- अच्छा ठीक है. बाय, मैं सोने का नाटक करती हूँ.

कुछ समय बाद मैंने उठकर देखा दीदी सो रही थी और उसका पेटीकोट जांघों तक उठा हुआ था.
पैन्टी ना पहनी होने से उसकी चूत व गांड साफ़ साफ़ नज़र आ रही थी.

वाह! क्या चूत थी गुलाब की पंखुड़ियों जैसी!
एकदम कसी हुई, फूली हुई … मेरे मुंह में यह सब देखकर पानी आ गया.

तभी मैंने एक-दो आवाज लगाईं- दीदी दीदी!
पर वह सोने का नाटक कर रही थी.

फिर क्या था … मैं अपने हाथ उसकी जांघो पर रखकर सहलाने लगा. कभी कभी बीच में उसकी कमर को तो कभी पेट को मसलता और चाटता.

इससे उसकी सांसें गर्म और तेज होने लगी थी पर उसने बिल्कुल भी विरोध नहीं किया.

मैंने हिम्मत करके उसके ब्लॉउज के उपर से ही चूचियां दबाना चालू कर दिया.
जिससे वह सिसकारने लगी- उह्ह आहह उई ईईई उफ!
पर उसने कुछ नहीं कहा.

तो मैंने उसकी चूत को सहलाने लगा.
दीदी की चूत चूतरस से भीग चुकी थी जो यह अहसास दिला रही थी कि वह पूरी तरीके से चुदने के लिए तैयार है.

पर मैंने सोचा कि इतनी जल्दी भी क्या है, पूरे मजे लेकर ही चोदूंगा.

फिर मैंने होंठों पे होंठ रख दिये और चूसने लगा.
5 मिनट की जोरदार चुसाई के बाद उसने आंखें खोलकर देखा … पर कुछ बोली नहीं.

मौके का फायदा उठाकर मैंने अपनी पैंट निकालकर रख दी और लंड को उसके मुंह में घुसेड़ दिया और अन्दर बाहर करने लगा.
यह अहसास मुझे पागल करने लगा और मैं जोश में आकर लंड को तेजी से अन्दर बाहर उसके गले तक उतारने लगा- फक्क बेबी … उहह् … आहह … कम ऑन फास्ट!

जिससे उसकी सांस रुकने की वजह से आंखों से आंसू बहने लगे.
मैंने समय रहते लंड को बाहर निकाल लिया.

फिर मैं उसके बूब्स को एक एक करके चूसने और मसलने लगा जिससे वो सिहर उठी और मेरे सिर को अपनी चूचियां पर दबाने लगी और आहें भरने लगी.

पर वह अभी कुछ नहीं बोल रही थी.
मैंने सोचा कि जब तक दीदी बोलेगी नहीं, तब तक इसे चोदने में मजा नहीं आयेगा. चुदाई तो इसकी बुलवाकर ही करूँगा, चाहे कुछ हो जाए.

फिर मैं वहाँ से उठकर जाने लगा.

तभी दीदी कहने लगी- कहाँ जा रहा है?
तो मैंने कह दिया- नींद आ रही है, सोने जा रहा हूँ.

इस पर दीदी कहने लगी- मेरी नींद उड़ा कर … तुझे सोने की पड़ी है. पहले मुझे तो शांति दे दे!
मैंने कहा- शांति क्या, जो मांगोगी वो दे दूंगा. पर पहले बोलो तो?

तो वह कहने लगी- अच्छा क्या कहना है, कह देती हूँ!
मैं- तो ऐसे कहो कि भाई मुझे चोद दे. अपनी बहन की गर्मी को शांत कर दे. मेरी चूत को फाड़ दे प्लीज!

वह ऐसा सुनकर शर्मा गयी और गर्दन नीचे करके मुस्कराने लगी.
मैंने कहा- अच्छा नहीं कहना तो रहने दो!

कहकर मैं वहाँ से जाने लगा तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली- रुको तो!
मैंने कहा- पहले बोलो!
उसने कहा- अच्छा ठीक है, बैठो, बोलती हूँ!

दीदी- भाई अपनी बहन की चुदाई … चुदाई इतनी करो कि मेरी फुद्दी फट जाये और गर्मी शांत हो जाये. प्लीज प्लीज!
मैं- यह हुई ना बात … अब तो तेरा भाई तुझे चोद चोदकर कुतिया बनाकर ही छोड़ेगा.

दीदी- तो बना दे ना बहनचोद … किसने रोका है तुझे!
मैं- अब देख तेरे भाई और इस 7 ईंची लंड का कमाल!

और यह बोलकर मैं भूखे शेर की तरह झपट पड़ा और उसकी चूचियां जोर से मसल दी.
उसके मुंह से आह निकल गयी- मारेगा क्या? आराम से कर!
मैं- हां मारूंगा, फाड़ूंगा … सब करूँगा साली कुतिया. आज तेरी गर्मी तेरा भाई शांत करेगा!
बोलते हुए मैं उसे किस करने लगा.

कुछ समय बाद उसकी चूचियों को एक एक करके पीने और काटने लगा.
करीब 10 मिनट चूसने के बाद उनमें दर्द और खून झलकने लगा.

दीदी- साले हवशी कुत्ते … छोड़ उन्हें … दर्द हो रहा है. उईईईई माँ … उफ्फ … बचाओ मुझे!
मैं- आज कोई नहीं आने वाला साली कुतिया! आज तेरी चूत और गांड को रंडी की चूत, गांड बनाकर छोड़ूंगा!

दीदी- तो चूत गांड को फाड़ ना! इन्हें तो छोड़ दे प्लीज!

उसके बाद मैंने उसकी चूत में उंगली घुसा दी जिससे वह थोड़ी सी चिहुँक उठी.
तब चूत में मैंने अपनी एक साथ तीन उंगलियाँ डाल दी और अन्दर बाहर करने लगा.

दीदी- उहह हह अम्ममा … फ्कक … फास्ट कर प्लीज!
मैं- हां मेरी चुदाई की रानी, तेरी चुदाई कम हुई है ना … तो आज तेरी खूब चुदाई होने वाली है.

दीदी- कर दे … बस डाल दे अपना लंड अपनी प्यारी बहना की चूत में! बना इसे मेरा प्रिय गहना … अब रहा नहीं जाता!

मैं- अभी ठहर जा मेरी चुदक्कड़ बहना … जरूर बनाऊंगा अपने लंड को तेरा गहना!

बोलकर मैं 69 की पोजीशन में आ गया और उसकी चूत के दाने को काटने और जीभ से सहलाने लगा.
जिससे वह जोर जोर से सिसकारने और कहने लगी- खा जा इस चूत को और बन जा इसका सैंया!
और हाथों से वह मेरे सिर को चूत पर दबाने लगी.

मैं चूत को बेतहाशा चाटे जा रहा था और उंगलियों को तेजी से अंदर बाहर कर रहा था.
दीदी अपने सुख के सातवें आसमान पर थी और जोर जोर से बोल रही थी- इस बहना की चूत खा जा … माँ चोद दे इसकी! इसकी सारी भूख मिटा डाल … इसकी सारी गर्मी निकाल दे भाई ईईई … फक्क मी … उहह यायय यय!
कहती हुई वह झड़ गयी और निढाल पड़ गयी.
मैंने बहन की चूत का सारा पानी पी लिया.
कितना स्वादिष्ट था … वाह!!

लेकिन मैं कहाँ पीछे हटने वाला था … अभी तो असली मजा बाकी था.

मैं निढाल पडी़ बहन की चूत को लगातार चाटता और सहलाता रहा.
जिससे वह फिर से गर्म हो गई- अब और इंतजार मत करा मेरे सैंया भैया! डाल दे अपनी बहन की चूत में अपने लौड़े को और फाड़ डाल अपनी बहन की फुद्दी!

मैं- हां अभी ले मेरी रंडी रानी बहना, अब जा रहा है तेरी चूत में मेरा गहना!

बहन की चूत पर लंड रखकर मैंने एक झटका दिया तो आधा लंड अंदर चला गया जिससे दीदी चिल्लाई- बहनचोद मादरचोद … मार दिया साले हवसी ने! फाड़ दी मेरी चूत … निकाल प्लीज मम्मी इइइइ!

मैं- तू तो पहले भी चुदी है. तो क्यों चिल्ला रही है साली?
दीदी- अरे कम ही चुदती हूँ. कोई है ही नहीं चोदने वाला. और तेरे जीजा का लंड तो बहुत छोटा है.

मैं- अब चुद लेना खूब अपने भाई के इस बडे़ लंड से! और जब तक तेरी चूत की गर्मी शांत न हो जाये, तब तक चोदूंगा.
कहते हुए एक जोर का झटका लगा कर पूरा लंड बहन की चूत में डाल दिया जिससे वह चिल्लाने को हुई पर मैंने होंठों से उसके मुंह को दबा लिया.

कुछ समय वैसे ही रुकने के बाद मैंने झटके देना चालू कर दिया और लगातार स्पीड बढ़ाता गया.
अब बहन को भी मजा आने लगा और वह भी अपनी गांड उठा उठा कर चुदाई के मजे लेने लगी.

15 मिनट की चुदाई में बहन एक बार पहले ही झड़ चुकी थी.
अब हम दोनों ही अपनी चरम सीमा पर थे.

दीदी- मार भाई … और जोर से चोद बहन को प्लीज! फास्ट … मम् उईई ईईई उहह हंहह … चोद!
कहती हुई झड़ गयी.

अब बारी थी मेरी झड़ने की!
मैंने कहा- लेगी साली बहना इस लंडरस अमृत को?
दीदी- तेरी बहन की चूत की प्यास इसी लंड रस से शांत होगी. भर दे इस रस चूत में अन्दर तक!

मैं- ओके रंडी बहना!
और एक जोर का झटका देते हुए बोला- ले रंडी!
मैंने सारा वीर्य बहन की चूत में ही छोड़ दिया और असीम आनन्द का अनुभव किया.

उसके बाद उसी रात 3 बार और बहन की चुदाई की.
और अगले दिन मार्निंग सेक्स करके वापस घर आ गया.

उसके बाद जब भी मैं दीदी के यहाँ जाता हूँ या फिर वह हमारे घर आती है तो अकेले मौका पाकर भाई बेहन की चुदाई का मजा लेते हैं दोनों!

आपको भाई बेहन की चुदाई कहानी कैसी लगी?
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