सड़क बनाने आए सुरंग बना गए

पोर्न अंकल फक़ स्टोरी में पढ़ें कि मेरे घर किराए पर रहने आये एक अंकल जो मेरे से दोगुणी उम्र के थे, ने अपने बड़े लंड से मुझे चोद चोद कर मेरी चूत को गुफा बना दिया.

दोस्तो, मैंने अपनी पिछली कहानियों में बताया था कि कैसे जीजू ने खेल खेल में मेरी सील तोड़ी थी.
और उसके बाद भाई ने अपने दोस्त की मदद से मुझे चोदा था।

उसके बाद एक अजनबी अंकल से मेरी कहानी के माध्यम से बातचीत शुरू हुई जो मेरी चुदाई पर आकर रूकी।

मैं नहीं जानती कि आपको मेरी पिछली कहानी पर कितना भरोसा है लेकिन मेरी ये सब कहानी सच्ची हैं।

आज मैं आपको मेरी एक और कहानी बता रही हूँ जिसकी शुरुआत अलग ही तरह से हुई।
उम्मीद करती हूँ कि इस बार भी मैं आपके लंड का पानी निकालने में कामयाब रहूंगी।

उन अजनबी अंकल से मेरी मुलाकात की बात तय हुई लेकिन बाद में उन्होंने अपने अनुभव से मुझे चुदने के लिए तैयार कर लिया जिससे मैं अपनी एक और नई कहानी लिख पाई।
खैर वो सब आप पिछली कहानी में पढ़ चुके हैं।

मैं आपको एक दूसरे अंकल के साथ मेरी नई चुदाई की पोर्न अंकल फक़ स्टोरी बताती हूँ।

यह कहानी सुनें.

मेरा नाम अंजलि शर्मा है। मेरी उम्र 20 साल है। मेरा फिगर 32-30-34 का है और दिखने में गोरी हूँ।

मैं बी एस सी के पहले साल में पढ़ रही हूँ।

आज मैं आपको अपने साथ बीती हुई एक रात के बारे में बताने जा रही हूँ जो कि एक अंकल के साथ गुजरी थी।

अंकल का नाम अभय सिंह राजपूत है और उनकी उम्र लगभग 42 साल थी।
उनकी लम्बाई लगभग 6.3 फुट थी और शरीर भी एकदम बिल्कुल फिट था।
मेरी लम्बाई सिर्फ 5 फुट थी तो मैं उनके सामने बहुत छोटी थी।

वो रोड कंस्ट्रक्शन में मैनेजर के तौर पर हमारे शहर आए थे क्योंकि उस समय हमारे यहा दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे का कार्य चल रहा था।
उनकी पोस्टिंग हमारे शहर में हुई तो उन्हें एक अच्छे रूम की ज़रूरत थी।

हमारे घर में ऊपर के हिस्से में 3 कमरे हैं जिनमें से एक में मैं रहती हूँ, बाकी दोनों कमरे खाली पड़े थे।

किसी ने उन्हें बताया कि हम रूम किराये पर देते हैं।
उन्होंने मेरे पिताजी से बात करी और अपने बारे में मेरे पिताजी को बताया- हाईवे का काम चल रहा है तो मैं यहा मैनेजर के तौर पर आया हूँ। मुझे यहा 2-3 साल रुकना है तो मुझे रूम किराये पर चाहिए. क्या आप मेरी कोई सहायता कर सकते हैं?
पापा- जी बिल्कुल, आप चाहो तो हमारे घर पर कमरा देख सकते हो अगर आपको पसंद आए तो!

अंकल ने कमरा देखा तो उनको पसंद आ गया- मुझे रूम पसंद है। क्या मैं आज ही अपना सामान शिफ्ट कर सकता हूं रूम में?
पापा- जी हां बिल्कुल, आप जब चाहो तब शिफ्ट हो सकते हो।

अंकल के पास खुद की कार थी तो वो अपनी कार में से रूम में सामान ले आए।

घर में उस समय मैं, मेरी मम्मी और मेरा भाई भी मौजूद थे.
पापा ने उनसे हमारा परिचय कराया और उनके बारे में बताया और कहा- आज से ये हमारे साथ हमारे घर में ही ऊपर के रूम में रहेंगे।

मुझे यह बिल्कुल पसंद नहीं आया क्योंकि मैं पहले आराम से अकेली रहती थी।
अब कुछ हरकतें करूंगी तो ये पापा को बोल देंगे।

अगले दिन जब मैं सुबह उठी तो मेरी मम्मी ने बोला- जाओ, अंकल को चाय देकर आओ।

मैं जब चाय लेकर गई तो मैंने देखा कि वे अपने रूम में एक्सरसाइज कर रहे थे।
उनकी इतनी हाईट और शरीर देखकर मैं हैरान थी।

मैं- गुड मॉर्निंग अंकल! मैं आपके लिए चाय लेकर आई हूं।
अंकल- धन्यवाद बेटा! यहीं पर रख दो मैं एक्सरसाइज करके पी लूंगा।

मैं उन्हें देखकर लौट आई और यह सिलसिला काफी दिनों तक चलता रहा।
इससे ज्यादा ना ही मैं उनसे बात करती थी और ना ही वे मुझसे!

वे अपने काम पर चले जाते थे और मैं अपने कॉलेज चली जाती थी।

अंकल का जो रूम था वह जस्ट मेरे बगल में था।
क्योंकि मैंने तीनों रूम में से बीच वाला रूम ले रखा था।
तो अंकल जब भी आते-जाते तो मुझे पता चल जाता था।

अंकल ने अपने रूम में टीवी लगा रखी थी तो मैं नीचे जाने के वजाह उनके रूम में ही टीवी देखने चली जाती थी क्योंकि नीचे कभी न्यूज चलती कभी मैच।

और अंकल के रूम में तो मेरा जो मन करता वही चलाती वो मना भी नहीं कर सकते।

एक दिन मैं टीवी देख रही तो बहुत मस्त मूवी आ रही थी।
देखते देखते बहुत लेट हो गई।

अंकल ने कहा- बेटा, अब तुम जाओ अपने रूम में मुझे सोना है कल काम पर भी जाना है।
मैं- मैं पूरी मूवी देखे बिना नहीं जाने वाली! आप सो जाओ मैं बंद कर दूंगी टीवी।

अंकल- बेटा जाओ, मुझे कुछ काम भी है।
मैं- तो आप कर लो अपना काम!

अंकल- मुझे दारू पीनी है। आपको स्मेल आएगी इसलिए बोल रहा हूं।
मैं- आप पी लो. मैं किसी को नहीं बोलूंगी और मुझे कोई स्मेल नहीं आयेगी।
अंकल- ठीक है।

फिर अंकल दारू पीने लग गए, मैं मूवी देखने लग गई।
मैं मूवी देखती देखती बार बार उनको देख रही थी कि कहीं उनको ज्यादा ना चढ़ जाएं और मुझे भगा दें।

फिर मैं नजर अंदाज करके मूवी देखने लग गई।

थोड़ी देर बाद अंकल ने आवाज दी- अंजलि बेटा जरा इधर आना, कुछ काम है तुमसे!
मैं तो डर गई इस सांड को नशे में मुझसे क्या काम पड़ गया।

फिर भी मैंने पूछ लिया- जी अंकल जी, बताइए क्या काम है?
अंकल- बेटा, क्या तुम मुझे रसोई से थोड़ी सी नमकीन लाकर दे सकती हो? क्योंकि मेरे पास कुछ है नहीं जो इसके साथ में ले सकूं!

मैं- अभी मूवी देख रही हूं … एड आने दो फिर ले आऊंगी।
अंकल- ठीक है।

एड आने के बाद मैं किचन में थोड़ी सी स्नेक्स और नमकीन वगैरा ले आई।
मैंने अंकल जी को नमकीन दी और उन्होंने मुझे ड्रिंक ऑफर की।

अंकल- बेटा आपको पीनी है?
वैसे अंकल को पीते देख मेरा भी मन होने लगा था लेकिन उनको पता नहीं चलने दे सकती थी कि मैं भी पीती हूं … कहीं वे पापा को बोल दें।

अंकल- क्या सोच रही हो? चिंता मत करो मैं किसी को नहीं बोलूंगा, अपना टॉप सीक्रेट रहेगा। आप चाहो तो ज्वॉइन कर सकती हो।

मैंने मन में सोचा और मैंने तुरंत हामी भर दी और उनके पास बैठ गई।

अंकल जी ने तुरंत एक और गिलास लगाया और थोड़ा सा पानी मिलाकर मेरे लिए एक पेग बनाया।
मैं यह सब देख कर मुस्कुरा रही थी।

अंकल जी ने मेरी तरफ़ गिलास बढ़ाते हुए बोले- यह लो बेटा तुम्हारा गिलास!
और मुस्कुराने लगे।
मैं- थैंक्यू अंकल!

मेरा एक पैग खत्म होने के बाद अंकल जी ने मुझे और ऑफर किया लेकिन मैंने मना कर दिया और अपने रूम में तुरंत उठ कर वापस आ गई।

अब मैं हफ्ते में लगभग तीन-चार दिन अंकल जी के साथ बैठकर शराब पीने लगी और हमारी आपस में बहुत बनने लगी।
मेरी और अंकल जी की दोस्ती हो गई थी।
कभी-कभी अंकल जी ड्रिंक के बाद रात में मुझे बाहर भी घुमाने ले जाते थे।

हमारी दोस्ती बहुत अच्छी चल रही थी, घर वालों को भी बहुत अच्छा लगता था कि अंकल जी इस तरह से हमारे परिवार के साथ घुल मिल गए हैं और बिल्कुल हमारे एक परिवार के सदस्य की तरह रहते हैं।

एक दिन की बात है जब हमारे रिश्तेदारी में पापा की मामी की मृत्यु हो गई थी तो मम्मी पापा उनके घर पर गए हुए थे.
मेरे घर वाले मुझे और भाई को अंकल जी के सहारे छोड़ कर चले गए.

यह मेरे लिए बहुत अच्छा अवसर था कि मैं अपने भाई के साथ या अपने भाई के दोस्तों को बुलाकर या अपने कजन ब्रदर को बुलाकर अपनी चुदाई करवा सकूं।

मेरी उस समय मेरे कजिन से ऐसी बातें होनी शुरू हो चुकी थी, बस चुदाई होनी बाकी थी।
लेकिन अंकल जी के घर पर होने की वजह से यह संभव नहीं था.

फिर भी मैंने सोचा शाम को मैं उनके साथ बैठकर शराब पी लूंगी और रात को उनके सोने के बाद कजिन को बुलाकर अपनी धमाकेदार चुदाई करवाऊंगी और रात भर मजे करूंगी।

लेकिन मेरी किस्मत को तो कुछ और ही मंजूर था।

घर वालों के जाने के बाद रात को जब मैं और अंकल जी शराब पी रहे थे तो मुझे बहुत नशा होने लगा।
अंकल ने मुझे अपने हाथो से एक स्ट्रॉन्ग पैग पिलाया और एक पैग खुद पीकर मुझे अपनी गोद में उठा लिया।

मुझे नशे में देखकर अंकल ने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरे होठों की तरफ आने लगे।
उन्होंने मेरे गालों पर हाथ रख कर मुझे पकड़ लिया सीधा मेरे होठों पर हमला किया और मेरे होठों को चूमने लगे।

मैं तो आज कजिन से चुदने का प्लान बना रही थी तो मैं नशे में अंकल जी के साथ ही मदहोश होने लगी थी।
अब मैं भी पूरे जोश में आ गई थी; मैंने अंकल जी का बिलकुल विरोध नहीं किया।

अंकल अब धीरे-धीरे मेरे बूब्स दबाने लगे।
मुझे वासना का नशा चढ़ने लगा।

अंकल जी ने धीरे-धीरे पैंटी को छोड़कर मेरे सारे कपड़े उतार दिये और मेरे पूरे बदन को चूमने लगे।
लेकिन अंकल ने अभी तक अपना एक भी कपड़ा नहीं उतारा था।

मैंने अंकल को बोला- अंकल, आपने मुझे पूरी नंगी कर दिया है और आपने अपने कपड़े अभी तक नहीं उतारे हैं।
इस पर अंकल जी बोले- तुम ही उतार दो मेरे कपड़े!

मै इस हालत में नहीं थी कि उठ भी सकूं.
तो अंकल जी ने खुद ही अपने कपड़े उतार दिये.

और जैसे ही मैने उनका लंड देखा, मैं तो चौंक गई क्योंकि उनका लंड लगभग 8 इंच लंबा और काफी मोटा था।
मैंने पहले इतना लंबा लन्ड तो देखा था लेकिन इतना मोटा लन्ड पहली बार देख रही थी।

उन्होंने अपना लंड सीधे मेरे मुंह में डाल दिया। सच बताऊं तो उनका पूरा लंड मेरे मुंह में भी नहीं आ रहा था। उन्होंने जबरदस्ती अपना लंड मेरे मुंह में ठूँसा था।

वे 3 – 4 मिनट तक मुझे लन्ड चूसाते रहे और मेरा मुंह चोदते रहे।
अब उन्होंने मेरी पैंटी भी उतार दी और मेरी चूत चाटने लगे।

अंकल जी 10 मिनट तक जीभ डाल कर मेरी चूत चाटते रहे और मेरा पानी निकाल दिया।
वे जीभ से मेरी चूत में से सारा माल चाट गए।

उसके बाद अंकल जी वापस मेरे ऊपर आ गए और मेरे बूब्स को चूसने लगे।
वे एक हाथ से वो मेरे एक बूब्स को दबा रहे थे और दूसरे हाथ से अपना लन्ड मेरी चूत पर सेट कर रहे थे।

उन्होंने अपना लंड मेरी चूत पर रखा और जैसे ही धक्का मारा तो मेरा सारा नशा उतर गया और मैं बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी।
लेकिन अंकल की पकड़ मजबूत थी; मैं उनके नीचे से हिल भी नहीं पा रही थी।

थोड़ी देर बाद अंकल जी ने एक और धक्का मारा तो उनका आधा लंड मेरी चूत में समा गया।
मेरी आँखों से आंसू निकल आये।

मैं रोने लगी और बोलने लगी- अंकल जी, मुझे छोड़ दो. मैंने इतना बड़ा लन्ड कभी ट्राई नहीं किया है. मुझसे दर्द सहन नहीं हो रहा है।

लेकिन अंकल जी ने मेरी एक न सुनी और मेरे बूब्स दबाना शुरू कर दिए ताकि मेरा दर्द थोड़ा कम हो जाए।

मेरा दर्द हल्का कम होने ही लगा था कि अंकल जी ने एक और जोरदार धक्का मार दिया.
जिससे उनका पूरा लंड मेरी चूत की दीवारों को चीरता हुया पूरा मेरी चूत में समा गया।

मेरी इतनी बुरी हालत तो जीजू ने सील तोड़ी तब भी नहीं हुई थी।

मैं अंकल जी से रोते रोते विनती कर रही थी लेकिन अंकल जी को कुछ फर्क नहीं पड़ा और अंकल जी ने मुझे चोदना शुरू कर दिया.

बिना रुके मुझे बहुत देर तक अंकल एक ही पोजीशन में अपने नीचे लिटा कर चोदते रहे।
मुझे तो पता भी नहीं चला मैं कब मस्त होकर चुदवाने लगी।

इस बीच में मैंने 2 बार झड़ गई।

मेरे झड़ने के बाद अंकल जी का लन्ड आसानी से फच फच की आवाज करते हुए अंदर बाहर हो रहा था।

अंकल जी जैसे ही झड़ने के करीब आए तो उन्होंने मेरी एक टांग उठा कर अपने कंधे पर रख ली और मुझे जोर जोर से चोदने लगे।
वे मुझे थोड़ी देर चोदते रहे फिर चोदते चोदते अपने कंधे से मेरी टांग उतार दी और मेरे ऊपर आकर 2 जोरदार झटके मारकर मेरे ऊपर लेट गए।

मैं अंकल जी का गर्म गर्म माल अपनी चूत की गहराई में बहता हुया महसूस कर रही थी।
वो मेरी जिंदगी की बहुत दिन बाद हुई चुदाई में से एक जोरदार चुदाई थी।

उस रात अंकल जी ने मुझे 3 बार चोदा था।
वो रात मेरी जिंदगी की सबसे हसीन रात थी क्योंकि मुझे अपने जीवन का सबसे तगड़ा लंड मिला था।

उस दिन के बाद से अंकल जी मुझे रात को अपने रूम में बुला कर चोद लेते थे।

मैं भी पोर्न अंकल फक़ के बाद अंकल जी के रूम में ही उनके साथ ही नंगी सो जाती थी क्योंकि मेरे मम्मी पापा को अंकल जी पर पूरा भरोसा था, उनको लगता था कि मैं टीवी देखते देखते सो जाती थी।
वे अंकल जी को परिवार का सदस्य मानने लगे थे।
उनको लगता था अंकल जी मुझे अपनी बेटी की तरह ही प्यार करते हैं इसलिए वे कहीं भी जाते तो मुझे अंकल जी के भरोसे छोड़ जाते थे।

मैं और अंकल जी, जब भी घर पर अकेले होते थे, तब तो अंकल जी मुझे बहुत वहशियाने तरीके से चोदते थे।

अंकल जी हमारे साथ 2 साल रहे और इन 2 सालो में करीब डेढ़ साल हमारी रासलीला चलती रही।
उन्होंने मुझे खूब चोदा था और मैंने भी उनसे खूब चुदवाया था।
मुझे जितना उन्होंने चोदा है उतना शायद ही कोई चोद पाए।

उसके बाद उनका ट्रांसफर कहीं और हो गया।

आखिरी बार उन्होंने मुझे चोदते समय बहुत प्यार किया।
वे कह रहे थे कि वे मुझे हमेशा याद करेंगे।

उस रात उन्होंने जी भर कर चोदा था।
वो ऐसी रात थी जिसमें हमने फैमिली को पता चलने की चिंता नहीं की।

फिर वो अगले दिन चले गए।

लेकिन आज भी मैं पोर्न अंकल फक़ को याद करके बहुत खुश होती हूं।

वह भी एक बेहतरीन लम्हा था मेरी जिंदगी का!

मेरी चूत को पोर्न अंकल जी ने चोद कर सुरंग बना दिया था.

आज भी मैं उन अंकल से संपर्क में हूं।

एक दिन हम चैट कर रहे थे.
तब मैंने अंकल जी से अपनी चूत का जिक्र किया कि चूत का साइज पहले जैसा हो सकता है क्या?
तो अंकल जी ने बताया कि ऐसी क्रीम आती है. लेकिन क्रीम प्रयोग करने से पहले मैं किसी डॉक्टर को दिखा दूं जिससे वो कोई दवाई दे देंगे। डॉक्टर बता भी देंगे क्या करना है और क्या नहीं।

मैं अगले दिन डॉक्टर को दिखाने गई तो डॉक्टर ने मुझे 6 महीने तक आगे से सेक्स करने की साफ मना कर दी।
और कहा कि दवाई कई महीने चलेगी. हर महीने दवाई असर के हिसाब से बदलेगी। इस बीच चूत में किसी का लन्ड ना लूं और अगर मेरा फिर भी मन हो तो मैं गांड को उसके लिए तैयार कर लूं।

फिर मुझे फिटकरी, क्रीम और ना जाने किस किस से वापस सही करने में करीब 1 साल लग गया।
इस बीच मैंने अपनी चूत में किसी के लन्ड को प्रवेश नहीं करने दिया।

मैं अपनी चूत को बचाने के लिए गांड को चुदाने लगी और मेरी मेहनत सफल रही।

मेरी चूत पुनः नई जैसी हो गई जिसका मैंने अभी नये साल पर उन्हीं अंकल जी से फीता कटवाया है और अपनी चूत को फिर से चुदाने के लिए चालू किया है।
31 दिसंबर को अंकल जी हमारे घर आए थे और उसी रूम में रुके थे।
मैंने उनसे फिर से पूरी रात चुदाई करवाई।

यह मेरे नये साल का उनकी तरफ से गिफ्ट था और मेरी तरफ से उनको!

आज भी मेरे मम्मी पापा को नहीं पता कि जिन अंकल को 2 साल तक परिवार के सदस्य की तरह मानते रहे, वे उनकी ही बेटी को चोदते रहे।

प्रिय पाठको, आपको मेरी पोर्न अंकल फक़ स्टोरी पढ़ कर मजा आया होगा.
मुझे कमेंट्स में बताएं.
इन्स्टाग्राम: anjali.s.2002