पहले पहले प्यार में पड़कर बुर चुदाई

BF चुदाई GF कहानी में मैंने अपनी पहली बार सेक्स करने की घटना लिखी है. मेरे पड़ोसी लड़के ने मुझे सेट कर लिया था और चोदने का मौक़ा देख रहा था.

यह कहानी सुनें.

मेरा नाम प्रिया है और मैं आपको, प्यार में पहली बार हुई मेरी चुदाई के बारे में बता रही हूँ.

मेरा राहुल नाम का एक ब्वॉयफ्रेंड था, हम दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे.

राहुल हमारे घर के पास ही में रहता था. राहुल और मैं साथ में पढ़ाई करते थे.

BF Chudai GF कहानी ऐसे शुरू हुई.

एक दिन मां बाजार से खरीददारी करने के लिए गई थीं और घर में मैं अकेली ही थी.
राहुल हर रोज की तरह पढ़ाई करने के लिए घर पर आया.
हम दोनों साथ में पढ़ाई करने के लिए बैठ गए.

राहुल ने मुझसे पूछा- तुम्हारे घर में कोई नहीं है क्या?
मैंने कहा- पापा काम पर गए हैं और मां बाजार से सामान आदि लाने गई हैं.

राहुल बोला- मतलब हम दोनों ही घर में हैं!
मैंने हाँ कहा.
अब हम दोनों पढ़ाई करने बैठ गए.

राहुल ने मुझसे पूछा- तुम मुझे कितना प्यार करती हो?
मैंने कहा- बहुत!

राहुल बोला- मैं जो तुम्हें कहूंगा, वह करोगी!
मैं बोली- हां!

राहुल मेरे पास आया और मेरी तरफ देखने लगा.
फिर अचानक से वह मुझे किस करने लगा, मेरे होंठों को चूसने लगा.

मैं राहुल से कहने लगी- मुझे छोड़ो … ये सब अभी नहीं राहुल!
पर राहुल मेरी बात नहीं सुन रहा था, वह मुझे चूमता ही जा रहा था.

मैंने उस दिन जींस पैन्ट और टी-शर्ट पहनी थी.
राहुल का एक हाथ मेरी जींस के ऊपर से मेरी गांड को दबा रहा था और दूसरे हाथ से वो मेरे स्तनों को दबा रहा था.

उसने मुझे चूमते चूमते मेरी टी-शर्ट निकाली और मेरी गर्दन पर चूमने लगा.
अब मैं राहुल के सामने ब्रा और जींस पैन्ट में थी.

वो मेरी नाभि को चूमने लगा.
मेरी सांसें धीरे धीरे तेज होने लगीं.

राहुल मेरी पैन्ट निकालने ही वाला था, तभी दरवाजे की घंटी बजी.
मैंने राहुल को दूर धकेल दिया और जल्दी कपड़े पहन कर दरवाजे खोलने के लिए गई.

मां मार्केट से वापस आ गई थीं.
रोहन और मैं उनके सामने खड़े थे.

मेरी मां ने राहुल से पूछा- कैसी पढ़ाई चल रही है?
राहुल- हां आंटी, पढ़ाई अच्छी चल रही है.

मम्मी अन्दर चली गईं और राहुल मुझे गुस्से से देखता हुआ वहां से चला गया.
चूंकि मैंने उसे धकेल दिया था इसलिए वह मुझ पर गुस्सा हो गया था.

मां मुझसे बोलीं- प्रिया राहुल को क्या हुआ, ये क्यों चला गया?
“कुछ नहीं मां … उसकी तबीयत ठीक नहीं है.”

बाद में मैंने राहुल को कॉल किया- राहुल क्या हुआ, तुम उस दिन घर से गुस्से से क्यों निकल गए?
राहुल- प्रिया तुम मुझसे प्यार नहीं करती हो!

मैं- मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ.
राहुल- फिर तुमने मुझे धकेला क्यों?
मैं- मैं डर गई थी. मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था और दरवाजे की घंटी बजी इसलिए मैंने तुम्हें धकेल दिया.

राहुल- प्रिया फोन रखो, तुम मुझसे बात मत करो.
मैं- राहुल तुम गुस्सा मत करो, पंद्रह दिन बाद मम्मी पापा दोस्त के शादी में जाने वाले हैं. उस दिन तुम घर आना और जो चाहे वह कर लेना, मैं कुछ नहीं कहूंगी.

राहुल- सच में कुछ नहीं कहोगी ना!
मैंने हां कहकर फोन रख दिया और खाना खाकर सोने चली गई.

सोते समय राहुल ने जो आज किया, मैं उसके बारे में सोच रही थी.
आज दोपहर में जो राहुल ने आग लगाई थी, मुझे उसे हर हाल में बुझाना ही था इसलिए मैंने अपने रूम का दरवाजा बंद किया और अपनी पैंट निकाल दी.

मैं एक हाथ से चूत को सहलाने लगी, उसके अन्दर उंगली अन्दर बाहर करने लगी.
दूसरे हाथ से मैं अपने मम्मों को दबाने लगी.

कोई दस पंद्रह मिनट तक अपनी चूत को सहलाने के बाद मैं झड़ गई और सो गई.

अगले दिन मैंने बाथरूम में जाकर अपनी चूत के सारे बाल साफ किए और बुर को शीशे में देखने लगी.
मेरी चूत एकदम चिकनी दिखने लगी थी.

मैं शीशे में देख कर फिर से अपनी बुर को सहलाने लगी.
मुझे फिर से चुदास चढ़ने लगी और मैं बुर में कुछ डालने की सोचने लगी.

मैं जल्दी से कमरे में आई और बुर में पेलने के लिए कुछ ढूँढने लगी.
मुझे गोल हत्थे वाली कंघी दिखाई दी और मैं उसी को लेकर वापस बाथरूम में आ गई.
मैंने उसे बुर में रगड़ना चालू किया तो मुझे मजा आने लगा.

फिर मैंने उसे शैंपू से चिकना किया और बुर में डालने लगी.
वो हत्था मेरी बुर में आधा इंच से कुछ ज्यादा ही जा पा रहा था.
उसके बाद शायद मेरी बुर की झिल्ली उसे अन्दर जाने से रोक रही थी.

मैंने कंघी के हत्थे को और अन्दर नहीं डाल बस उससे अपनी बुर के दाने को रगड़ती रही.
कुछ ही देर बाद मैं झड़ गई और बाहर आ गई.

उस दिन दोपहर में खाना खाकर मुझे बहुत मस्त नींद आई.

रात को मैंने अन्तर्वासना की साइट खोली और एक सेक्स कहानी पढ़ने लगी.
उसमें गांड को किस तरह से मरवाते हैं, उसको लेकर लिखा था.

मेरे दिमाग में अपने आशिक के लिए गांड का छेद खोलने की सोची और अपने उसी प्यारे से कंघी के हत्थे को उठाया लिया.

मैं उसमें वैसलीन लगा कर उसे अपनी गांड के छेद में लगा कर छेद को कुरेदने लगी.
गांड ने भी मुँह खोल दिया और वो हत्था मेरी गांड में घुस गया.

हालांकि अभी वो कुछ ही अन्दर जा पाया था कि दो वजहों से वो रुकने लगा.
एक तो शायद गांड काफी कसी हुई थी और मुझे उसकी अन्दर की बनावट के बारे में मालूम नहीं था इसलिए मैं डर रही थी कि कुछ गलत न हो जाए.

दूसरी बात ये थी कि उस हत्थे की बनावट कुछ ऐसी थी कि वो आगे कुछ मोटा सा हो गया था.
मतलब शुरुआत में पतला गोल था और आगे जाकर ज्यादा मोटा था.
इसलिए वो मेरी गांड में नहीं जा रहा था.

अब मैं जितना हत्था गांड में घुस गया था, उतने से ही अपनी गांड को कुरदने लगी.
मुझे मजा आने लगा.

फिर मैंने उस हत्थे को अपनी गांड में लगा कर छोड़ दिया और गांड को कसके और ढीली करके उसे अपनी गांड में फुदकता सा महसूस करने लगी.

आह मुझे बेहद मजा आने लगा था.
तभी मेरे हाथ की हथेली ने मेरी बुर को सहलाया तो मुझे डबल मजा आने लगा.

उस दिन काफी देर तक मैंने ऐसा ही किया और झड़ कर एक ही करवट लिए सो गई.
कंघी का हत्था सारी रात मेरी गांड में ही घुसा रहा.

सुबह मुझे वो कंघी का हत्था मेरे हाथ से टकराया तो बरबस ही मुझे मुस्कान आ गई और मैंने उसे निकाल दिया.

मैं बाथरूम में गई और पॉटी करने के लिए कमोड पर बैठी, तो पॉटी करते समय मुझे मेरी गांड में बड़ी सुरसुरी सी हुई और काफी अच्छा लगा.

अब मैं ये रोज करने लगी.
इससे मेरी गांड ढीली होकर आसानी से कंघी के हत्थे को तीन चार इंच तक अन्दर लेने लगी थी.

इससे मुझे लगने लगा था कि मैं अपने आशिक का लंड अपनी गांड में बड़ी आसानी से ले लूँगी.
ये मैंने एक सरप्राइज के रूप में उसे देने का तय किया था.

अब वो दिन आ गया था, जिस दिन मेरी चुदाई होने वाली थी.

मम्मी और पापा शादी के लिए निकल गए.
मैं राहुल का इंतजार कर रही थी.

तभी दरवाज़े की घंटी बजी.
मैंने जाकर दरवाजा खोला.
सामने राहुल था.

मैंने राहुल को अन्दर बुलाया और उसे अपने कमरे में लेकर गई.
वो मेरी तरफ देख रहा था.

मैं- राहुल आज तुम मेरे साथ जो करना चाहते हो, वो कर सकते हो. मैं तुम्हें कुछ नहीं कहूंगी.

राहुल मेरे पास आया और मुझे चूमने लगा.
मेरी चूत को हाथ से सहलाने लगा और जल्दी ही वो उतावला हो गया.

उसने मेरी जींस टी-शर्ट को निकाला. मुझे ब्रा और पैन्टी में देख कर राहुल का लंड पैंट के अन्दर ही उछलने लगा था.

उसकी पैंट का उभार मुझे उसके फूले हुए लंड का अहसास करवाने लगा था.
मैंने उसके लंड पर हाथ फेरा, तो राहुल ने बड़े नशीले नदाज में मुझे देखा.

उसके बाद राहुल ने मुझे घुटनों पर बिठाया और उसने अपनी शर्ट निकाल कर मुझसे कहा- मेरी पैंट निकालो प्रिया!

मैं राहुल की पैंट निकालने लगी.
उसका तना हुआ लंड मेरे मुँह के सामने आ गया.

मैं सामने से आज पहली बार किसी का लंड देखने और चूसने वाली थी.

राहुल का लंड बहुत मोटा और लंबा था.

उसने मेरे मुँह के अन्दर लंड डाला और मुझे लंड चूसवाने लगा.
राहुल के लंड स्वाद कुछ अजीब सा था.
मैंने राहुल से कहा- मैं तुम्हारा लंड नहीं चूसूँगी.

राहुल कहने लगा- तुमने मुझे क्या कहा था कि मैं तुम्हारे साथ जो चाहे कर सकता हूं. अब ये चीटिंग है.

मैंने ओके कहा और फिर मैंने राहुल के लंड के ऊपर स्ट्राबेरी फ्लेवर की लिपबाम लगा कर लंड चूसने लगी.

अब लंड का स्वाद स्ट्राबेरी की तरह था.
मैं राहुल का लंड मजे से चूसने लगी.

थोड़ी देर के बाद राहुल ने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरी पैंट निकाल कर मेरी पैंटी निकाल दी.
वो मेरी चूत को चूसने लगा.

राहुल बोला- प्रिया तेरी चूत का स्वाद स्ट्राबेरी की तरह है.
मैंने कहा- हां मैंने तेरे आने से पहले अपनी चूत पर स्ट्राबेरी फ्लेवर की लिप बाम लगाई थी.

राहुल मेरी चूत को बहुत देर तक चूसता रहा.
इसके बाद मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया.
राहुल ने मेरी चूत का सारा पानी पी लिया.

अब राहुल ने मेरी चूत पर थूक लगाया और मेरी चूत में जोर से लंड घुसेड़ कर धक्के मारने लगा.
मैं दर्द के कारण चिल्लाने लगी. राहुल का मोटा लंड मेरी चूत में अभी आधा ही गया था.

राहुल ने मेरी चीख पुकार को नजरअंदाज किया और दो तीन तेज धक्के मारकर अपना पूरा लंड अन्दर पेल दिया.
वो लंड पेल कर रुक गया और मुझे सहलाने चूमने लगा.

कुछ देर के बाद मेरा दर्द जाता रहा और मुझे भी मजा आने लगा.
मैं अपनी गांड उठाने लगी तो राहुल समझ गया और वो मुझे धकापेल चोदने लगा.

उसके बाद मैं राहुल से कहने लगी- आह मजा आ रहा है … और जोर से … और जोर से चोदो मुझे राहुल!
अब मेरे मुँह से चुदासी सिसकारियां निकलने लगी थीं- आह हाआ हां … बहुत मजा आ रहा है राहुल!

राहुल ने काफी देर तक मेरी चुदाई करने के बाद कहा- मैं झड़ने वाला हूँ.
मैंने राहुल से कहा- तुमने कॉन्डम नहीं पहना है, तो सारा रस मुझे पिला दो.

राहुल ने मेरी चूत से लंड निकाला और मेरे मुँह में डाल दिया.
मैं लंड चूसने लगी.

कुछ ही पलों में राहुल मेरे मुँह में झड़ गया.
मैंने उसका सारा रस पी लिया.

हम दोनों बेड पर ही लेट गए.

मैंने राहुल से कहा- खाने का टाइम हो गया है. तुम यहां पर ही खाकर चले जाओ.
राहुल बोला- ठीक है.

मैं बेड से उतर कर कपड़े पहनने लगी.

राहुल बोला- अभी रुको प्रिया, तुम कपड़े मत पहनो. वैसे भी घर में हम दोनों के अलावा कोई नहीं है.
मैंने पहले तो मना किया, पर बाद में मैं मान गई.

हम दोनों नंगे ही किचन में चले गए.

मैं प्लेट में खाना ले रही थी और राहुल पीछे से मेरी गांड को ताड़ रहा था.
उसका लंड मेरी गांड देख कर खड़ा हो गया.

मैंने ये सब देख लिया था.
मुझे पता लग गया कि राहुल को मेरी गांड पसंद आ गई है और वो मेरी गांड मारना चाहता है.

दोस्तो, यहां से आगे की सेक्स कहानी को मैं बाद में बताऊँगी.
अगली बार मेरे साथ जरूर रहना और मेरी गांड चुदाई की कहानी को जरूर पढ़ना, बहुत मज़ा आने वाला है.
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