हैदराबाद की रंडी की कुंवारी बेटी

इंडियन कॉलेज गर्ल चुदाई का मजा मैंने एक रंडी की सौतेली बेटी की कुंवारी बुर चोद कर लिया. गया था मैं रंडी की चुदाई करने. लेकिन मुझे साथ में मिल गयी उसकी 19 साल की सौतेली बेटी.

नमस्कार दोस्तो,
मेरा नाम राहुल है इस कहानी में!

मुझे अपने बचपन से ही कई जगह पर घूमने का चस्का लगा हुआ है; मैं अलग अलग जगह पर घूमने जाता हूं।

इस बार की इंडियन कॉलेज गर्ल चुदाई कहानी मेरे साथ हुई करीब 4 महीने पहले हैदराबाद की है।

किसी काम के सिलसिले में हैदराबाद निकला था.
पर रास्ते में ही मुझे पता चला कि मेरा काम हो गया है.
निकला तो था इसलिए सोचा चलो कि हैदराबाद घूम के आते हैं.

और मैं सुबह-सुबह पहुंच गया।
हैदराबाद में मेरा एक दोस्त विकी रहता है.
मैंने उसे कॉल किया और वह मुझे पिक करने आ गया।

2:00 बजे तक हमने हैदराबाद की काफी जगह घूम ली थी।

उस दिन विकी के घर पर कुछ प्रोग्राम था इसलिए उसे बार-बार घर से फोन आने लगे.
वह तंग आ गया और मुझे सॉरी बोल कर अपने घर चला गया.

मैंने भी उसे कुछ नहीं कहा.
पर अब मैं सोचने लगा कि पूरा दिन मैं करूं तो क्या करूं?
अकेला इंसान बोर हो जाता है.

इसलिए मेरे दिमाग में एक शैतानी ख्याल आया और मैं हैदराबाद की कॉल गर्ल ढूंढने लगा।

अलग-अलग वेबसाइट पर अलग-अलग नंबर मिल रहे थे।
कई लड़कियों को मैंने कॉल किया.

उनमें से आधे लोग फोन पर ही फ्रॉड लग रहे थे और काफी मेरी जगह से काफी दूर थे.
उन में से एक लड़की मेरे लोकेशन के पास ही थी करीब 2 किलोमीटर दूर!

उसका नाम था अयनूर।

अयनूर से मेरी बात हो गई. अयनूर ने अपनी कुछ फोटो भेजी जिनसे वह 25 से 30 साल की लड़की लग रही थी.
काफी कसा हुआ बदन, लाल नाइटी में कुछ फोटो भेजी थी जिसमें उसने पहने वाली अंदर की ब्रा कुछ हद तक दिख रही थी.
उसी से मेरा लंड खड़ा हो गया।

अयनूर ने मुझे अपना एड्रेस भेज दिया और मैं उसी एड्रेस पर चला गया।
काफी देर इंतजार करने के बाद एक लड़का मुझे लेने आ गया.

उसके साथ साथ में कई गलियों में घूम रहा था।
मुझे शक होने लगा कि कहीं मुझे धोखा ना दे दे.
फिर भी उसके साथ मैं जा रहा था.

कई गलियां जाने के बाद एक बड़ी सी बिल्डिंग दिख रही थी करीब 7- 8 मंजिलें होंगी।

मैं उस लड़के के साथ साथ उस बिल्डिंग में जाने लगा.
तीसरी मंजिल पर वह मुझे एक फ्लैट के अंदर छोड़कर वहां से चला गया.

अंदर एक लड़की बैठी हुई थी, उसकी पीठ मुझे दिख रही थी.
उसके साथ एक स्कूल की लड़की थी!
किसी तरह की बात को लेकर वह उस लेडी के साथ जिद कर रही थी।
मेरी आंखें तो बस अयनूर को ढूंढ रही थी।

अंदर जाते ही बिना मुड़े लेडी ने मुझे दरवाजा बंद करने के लिए कहा।
मैंने दरवाजा बंद कर दिया।

वह मेरी ओर मुड़ी … मैं तो हक्का-बक्का रह गया.
वही अयनूर थी जिसकी फोटो मुझे मोबाइल पर मिली थी.

और मोबाइल पर एक 25 साल के दिखने वाली लड़की दरअसल शादीशुदा थी।

उसने काफी अच्छे से मेरे साथ बात की और मुझे सोफे पर बैठने के लिए कहा, मेरे लिए पानी ला कर दिया.
उसकी बेटी अभी भी रो रही थी, जिद कर रही थी.
शायद उसे कुछ चाहिए था पर उसकी मां नहीं दे रही थी।

मैंने उस बच्ची को अपने पास बुलाया और समझाया, उसके हाथ में ₹100 का नोट दे दिया.
तो वह शांत हो गई और कोने में जा बैठी।

अयनूर मुझे कहने लगी- अरे आप उसके हाथ में पैसे क्यों दे रहे हो. वह तो ऐसे ही जिद्दी है. अभी आप से पैसे ले लेगी, बाद में फिर से मुझे तंग करना शुरू कर देगी.

अयनूर ने उसे वहीं बैठकर खेलने को कहा.
और हम रूम के अंदर चले गए।

मैं अयनूर की ओर देखता ही रह रहा था।

वह रूम में जाकर मेरे करीब आई, उसने मुझे अपनी बांहों में भर लिया, मेरी टी शर्ट में अपना हाथ डाल कर मुझे सहलाने लगी।

मुझे काफी मजा आना शुरु हुआ.
मैं भी उसे बांहों में लेने लगा.

वह कुर्ती पहने हुए थी।
मैं उसकी कुर्ती में अंदर तक हाथ डाल रहा था, उसकी ब्रा का हुक खोलने लगा था.

जैसे ही हुक खुल गया वह मेरी आँखों में देखने लगी.
उसकी आंखें … माशाल्ला … डूब जाने का दिल कर रहा था!

अभी तक तो दूध के दर्शन हो ही नहीं थे.
बस आंखों से ही उसने घायल करना शुरू कर दिया.

उसकी मीठी मीठी बातें, उसका धीरे से मुझे काटना और आंखों से अपने आप में समा लेना … कुछ अलग ही अहसास था।

मैं तो जैसे उसकी बांहों में खो गया.

वह मेरे टीशर्ट पूरी तरह निकाल चुकी थी और मेरी पैंट खोलने की कोशिश कर रही थी.
मैं भी उसकी कुर्ती उतारने की कोशिश कर रहा था।

उसके हाथों को सीधा कर मैंने उसकी कुर्ती उसकी बदन से दूर कर दिया।
अंदर काले रंग की ब्रा में बड़े बड़े दूध, गोरा चिट्टा बदन, उठे हुए निप्पल और अयनूर… घायल करने वाला नजारा!

अगर मैं दो बार अपना हिलाता तो पानी छूट जाता!
इतना उत्तेजित हो गया था मैं!

अयनूर ने मेरे पैन्ट का बटन निकाल दिया और अपना हाथ मेरी चड्डी में डाल दिया.
उसने कस कर मेरा 7 इंच का लंड पकड़ा और और मजे से खेलने लगी.

लग रहा था जैसे चड्डी फाड़कर लंड बाहर आ जएगा।

मैंने अपने आप को अयनूर के आगे पूरा नंगा कर दिया.
मेरा कद 6 फीट लंबा, अच्छे खासे मसल्स और 7 इंच का लंड हवा में झूल रहा था.

अयनूर तो बस आंखें फाड़ फाड़ कर उसे देख रही थी।
उसके मुंह में आ रहा पानी मुझे उसकी ओर खींच रहा था.

सलवार के ऊपर काले रंग की ब्रा और गोरी चिट्टी अयनूर उस पलंग पर बैठ गई.

मैं झट से अयनूर के पास गया उसकी सलवार का नाड़ा खोला और पैंट निकालकर अयनूर को नंगी कर दिया.

मेरे आगे अयनूर सिर्फ ब्रा और पेंटी में बैठी हुई थी.
अयनूर जैसी भरी हुई बदन वाली गोरी चिट्टी लड़की पता नहीं कैसे एक बच्चे की मां बन गई!

वैसे तो लड़कियों को उनकी उम्र के बारे में नहीं पूछना चाहिए पर मैंने जोश जोश में अयनूर से पूछ लिया.
और उसने भी बता दिया- सिर्फ 27 की!

मैं तो जैसे शॉकड रह गया क्योंकि उसकी लड़की करीब 12-13 साल की तो होगी ही.
ऐसा मुझे लग रहा था.

इसलिए मैंने उसे पूछ लिया- अरे तेरी बेटी तो 12-13 साल की लग रही थी और तू इतनी छोटी … और लड़की इतनी बड़ी?

उसने हंसकर जवाब दिया- अरे वह 12 साल की नहीं हैं, वह तो 19 साल की जवान हो चुकी है. बस बच्चे जैसे हरकतें करती है. दरअसल वह मेरे शौहर के पहली बीवी की लड़की है. और उनके गुजर जाने के बाद मैं ही उसे संभालती हूं.

ऐसे ही हम बातें कर रहे थे.
अयनूर मेरा लंड हिला रही थी, लंड पर थूक लगा लंड को जोर जोर से मसल रही थी.

मैंने उसे लंड मुंह में लेने के लिए कह दिया.
कुछ सोचा भी नहीं और उसने मेरा पूरा लंड अपने मुंह में ले लिया, जोर जोर से चूसने लगी.

उसके बालों को पकड़कर मैं अपना पूरा लंड उसके मुंह में धकेलने लगा, आगे पीछे, आगे पीछे आगे पीछे!
बस जन्नत ही जन्नत!
मैं तो जैसे स्वर्ग में पहुंच गया था.

अयनूर के दोनों दूध पकड़कर मैं जोर जोर से दबा रहा था.

वह अप्सरा से कम नहीं थी. उसकी बड़ी गांड मुझे उसकी तरफ और ज्यादा आकर्षित कर रही थी।

मैंने एकदम से उसका मुंह अपने लंड से दूर किया और उसे धक्का दे दिया.
वह धड़ाम से पलंग पर गिर गई और उस पर मैं चढ़ गया.

उसकी पैंटी थोड़ी सी बाजू हटाकर मैं उसकी चूत में उंगली डालने लगा.

वह भी खुश लगी … शायद कई दिनों से वह चुदी नहीं थी।

दोनों हाथों से उसकी पेंटी पकड़कर मैंने एक झटके में निकाल दी.
अयनूर की छोटी चूत गुलाबी रंग और चहक रही थी.

उसको देख कर ही चाटने का दिल कर रहा था.
लग रहा था जैसे गुलाबी चमचम किसी ने यहां रख दिया हो!

इसी बीच मैं उसकी टाँगें फैला कर दो उंगली उसकी चूत के अंदर डाल रहा था.

तभी अचानक लेकिन धीमे से दरवाजा खुल गया.
कोई रूम के अंदर आकर हमें इस हालत में देख रहा था.
वह अयनूर की बेटी थी.

अयनूर को पता चलता, उसके पहले मैंने उसे देख लिया.
मैं एकदम से रुक गया.
अयनूर मुझे अपनी ओर खींचने लगी.

मैंने बिना सोचे समझे अयनूर को और ज्यादा उकसाना शुरू किया.
अयनूर को अभी भी पता ही नहीं था कि उसकी बेटी उसे और मुझे सेक्स करते हुए देख रही है.

जैसे ही मैं अयनूर के मुंह में फिर से लंड देने लगा, अयनूर ने अपनी बेटी को देख लिया.
वह मुझे अपने से दूर कर चादर से अपने आप को ढकने लगी.

मैं तो अभी भी पूरी तरह नंगा हवा में लंड चलाता उसके आगे खड़ा था.
वह लड़की मुझे देख रही थी.
अयनूर उसे चिल्लाने लगी- अंशारा, तुम जाओ यहां से! यहां क्यूं आई हो? मैंने तुम्हें वहां बैठने के लिए कहा था ना. फिर यहां क्यों आई?
शायद कुछ अंशारा नाम था उसका!

अयनूर अपने आप पर शर्मिंदा होते हुए अंशारा को डांट रही थी।
लेकिन अंशारा जिद्दी … वह ना सुन कर वहीं खड़ी थी।

मैंने थोड़ी देर यह सब देखा और अयनूर को शांत किया।
अयनूर को कहा- अरे रुको, तुम क्यों डांट रहे हो उसे?

तो अयनूर मेरी और गुस्से से देखने लगी.
मैंने अयनूर को कहा- ठीक है, ठीक है! गुस्सा मत करो! वह तो छोटी है, उसे क्या पता कि यह सब क्या होता है, सेक्स क्या होता है, लंड क्या होता है, चूत क्या होता है.

अयनूर मेरी ओर आंखें बड़ी करके देख रही थी कि मैं उस लड़की के आगे क्या कह रहा हूं.
पर मैं यह सब जानबूझकर कह रहा था क्योंकि मैं चाहता था कि वह हमें सेक्स करते हुए देखे।

क्योंकि अयनूर ने मुझे कहा था कि उसकी उम्र बड़ी है लेकिन वह अभी छोटी लगती है.

ठीक से मैंने अंशारा को देखा तो अंशारा भी कुछ हद तक रसीली दिख रही थी.
स्कूल का ड्रेस था और उसके छोटे-छोटे दूध।

अयनूर अंशारा पर चिल्ला रही थी और बाहर जाने के लिए कह रही थी.

काफी देर हो चुकी थी पर ना अयनूर चादर हटाने को तैयार थी और ना अंशारा बाहर जाने को!

यह सब देखते हुए मैं अयनूर पर चिल्लाया- ओए छिनाल रंडी … मैं तुझे पैसे दे रहा हूं. तू मेरी बीवी नहीं है. ज्यादा होशियारी करेगी तो बिना पैसे दिए निकल जाऊंगा.

अयनूर मेरी मुंह की तरफ देख रही थी.
उसे कुछ समझ नहीं आया कि वह क्या करे!

मैंने उसकी चादर पकड़ी और खींच ली.

अयनूर ने सिर्फ ब्रा पहनी थी.
अंशारा अभी भी दरवाजे में ही रुकी हुई थी.

मैंने अंशारा को अपने पास बुलाया.
वह चलते चलते हमारे बेड की और आगे आ गई.

अंशारा मुझे और अयनूर को देख रही थी।
शायद उसने अयनूर को पहली बार इस हालत में देखा था.

अयनूर एक हाथ से अपनी चूत और दूसरे हाथ से अपने दूध छुपा रही थी.

मैंने अयनूर को पकड़ लिया और उसकी चूत पर से उसका हाथ हटा दिया.
और छाती से भी हाथ अलग कर दिया.

अयनूर ‘नहीं नहीं’ कह रही थी.
और अंशारा को यह सब देखने में काफी अच्छा लग रहा था.
यह मैं उसकी आंखों में देख पा रहा था.

इसी बीच अयनूर को मैंने उसके कान में कहा- अयनू,र तुम एक बार अंशारा की आंखों में तो देखो. वह क्या देख रही है.
तो अयनूर ने भी गौर किया था कि वह उसकी अम्मी की चूत और दूध देख रही थी और मेरा लंड भी!~

अंशारा को मैंने अपने पास बुलाया, उसको कहा- क्या हुआ बेटा? क्या देख रहे हो?

वह बोली- मैंने तो यह सब आईने में देखा है. जैसे मां की दोनों टांगों के बीच में छेद है, वैसे ही मुझ में भी है। जैसे मां के ऊपर दो गोरे गोरे गोल गोल दूध हैं, वैसे मेरे भी हैं. रुको, मैं आपको अभी दिखाती हूं.
यह कहकर अंशारा ने अपने स्कूल यूनिफार्म निकाल दी और हमारे सामने कुछ ही पल में पूरी तरह से नंगी हो गई।

अयनूर समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे!
वह बस खामोश हो गई.

अंशारा झट से मेरे पास आई और मेरा लंड पकड़ लिया.
उसने कहा- अंकल यह क्या है जो मेरे पास और मेरी अम्मी के पास नहीं है?
मैंने उसे कहा- बेटा, इसे लंड कहते हैं.

“तो इससे क्या होता है?” अंशारा ने पूछा।
मैं बोला- अरे बेटा, मैं तुमको ऐसे तो मैं नहीं बता सकता हूं. एक काम करो, तुम हमें देखो. मैं तुम्हें बताता हूं कि इससे क्या करते हैं.

वह झट से मान गई और अपनी अम्मी के पास बेड पर आकर बैठ गई.
अयनूर अभी भी सिर झुकाए थी, उसे समझ नहीं आ रहा था कि यह सब क्या हो रहा है.

मैंने अयनूर को पीछे की ओर खींचा और उसे लिटा दिया.

तब मैंने अंशारा को बताया- यह देखो बेटा, तुम्हारी अम्मी के पास जो है और तुम्हारे पास है, इसे कहते हैं चूत! अब तुम हमें देखती रहना!

तभी मैंने उसेअपने पास को बुलाया.
अंशारा झट से मेरे पास आ गई.

मैंने प्यार से अंशारा के सर पर से हाथ घुमाया और पीछे से बालों को पकड़ कर उसको मुंह खोलने के लिए कहा.
उसने भी मुंह खोल दिया.

मैंने धीरे से उठकर उसके मुंह में अपना लंड डाल दिया.
अयनूर यह देखकर परेशान हो रही थी कि अब वह क्या करें!
लेकिन अयनूर कुछ करने के हालत में ही नहीं थी.

अंशारा को मैंने कहा- बेटा इसे चूसो!

लेकिन उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे.
इसलिए मैंने अंशारा के मुंह से लंड निकालकर अयनूर के मुंह में दे दिया.

अयनूर मेरा लंड चूस रही थी और साथ ही साथ अंशारा को देख भी रही थी जैसे कि वह अंशारा को सिखा रही हो कि कैसे लंड चूसते हैं.
अंशारा बड़े अच्छे से देख रही थी.

मैंने अयनूर को 10 मिनट तक अपना लंड चुसवाया.
उसके बाद मैंने अयनूर को लिटा दिया, उसके दोनों पैर खोल दिए और उनके बीच आकर बैठ गया.

तब मैंने प्यार से अयनूर की चूत के छेद पर अपना लंड लगाकर जोर से धक्का दे दिया.
मेरा आधा लंड अयनूर की चूत के अंदर था.
अयनूर आह आह करके चिल्लाने लगी.
शायद वह कई दिनों बाद किसी के साथ सेक्स कर रही थी.

अंशारा उठी और अयनूर के पास आकर उसने अपनी अम्मी का हाथ पकड़ लिया- कुछ नहीं मां, कुछ नहीं … कुछ नहीं होगा! मैं हूं ना … क्यों चिल्ला रही हो?
अयनूर अंशारा की तरफ देख कर बस आंखों से आंसू निकाल रही थी.
वह कह रही थी- कुछ नहीं बेटा, थोड़ा सा दर्द हो रहा है!

और मैं अयनूर की चूत में अपना लंड अंदर तक डाल रहा था.

दूसरा झटका देते ही मेरा पूरा अयनूर के चूत में समा गया.
अयनूर कसमसा रही थी, उसका पूरा बदन अकड़ रहा था.

मेरा लंड उसकी चूत में काफी अंदर तक चला गया था.
यह सब देख अंशारा हैरान हो रही थी.

उसने पूछा- अरे अंकल आपका यह … जो भी आपने कहा था?
मैंने कहा- हां बेटा लंड!

“हां वही … कहां चला गया?”
“बेटा यह तो तुम्हारी अम्मी की चूत के अंदर चला गया.”
“शायद इसीलिए अम्मी को दर्द हो रहा है?”
“नहीं बेटा, अम्मी कई दिनों बाद ऐसा कर नहीं ना … इसलिए उन्हें थोड़ा सा दर्द होगा. थोड़ी देर बाद उन्हें अच्छा लगने लगेगा!” मैंने कहा।

इस पर अंशारा ने जवाब दिया- इसका मतलब अम्मी हमेशा ऐसा करती है. लेकिन मुझे अभी तक कभी नहीं दिखाया कि इसके अंदर ऐसा लंड भी जाता है। अम्मी के तो कोई दोस्त नहीं हैं. पर स्कूल में मेरे तो कई सारे दोस्त हैं. अगर मुझे पता होता कि यह इसके अंदर डालना होता है तो अभी तक तो मैं हर दोस्त के साथ ऐसा करती. और मुझे अम्मी ने कभी बताया ही नहीं तो मैं क्या करती।

इस पर मैं और अयनूर एक दूसरे को देख रहे थे और अंशारा को भी!

मुझे अब अंशारा में छिपी जवानी दिख रही थी।

मैंने अयनूर से पूछ लिया- क्या अंशारा को पीरियड आते हैं?
अयनूर ने हां में जवाब दिया.

उसने कहा- करीब 4 साल पहले से ही अंशारा को पीरियड आना शुरू हुए हैं.
तो मैंने अयनूर से कहा- तो फिर तुमने उसे सेक्स के बारे में बताया क्यों नहीं?

हालांकि मैं और अयनूर जानते थे कि भारत में कोई भी मां बाप अपने बच्चों को सेक्स करना नहीं बताता.
पर यह सब अंशारा नहीं जानती थी, बस इसलिए मैं कह रहा था.

अयनूर मेरे मुंह की तरफ देख रही थी- तुम कहना क्या चाहते हो?
मैं बोला- कुछ नहीं, तुम रहने दो. तुम तो अपनी बेटी का कुछ ख्याल ही नहीं रखती. उसे अभी तक तुमने बताया ही नहीं कि सेक्स कैसे करते हैं!

और ऐसा कहकर मैंने जोर-जोर से तीन चार धक्के उसकी चूत में लगाये.

अंशारा यह सब अच्छे से देख रही थी.
उसको लग रहा था कि उसकी मां ने उसे बहुत कुछ छुपाया है जो बाकी लड़कियों की मां उन्हें बताती है.

वह अयनूर पर गुस्सा करने लगी- क्या मां, आपने मुझे सेक्स करना क्यों नहीं सिखाया?
अयनूर परेशान हो गई कि अब वह क्या कहे?

मैंने जोर जोर से धक्के देते हुए अयनूर की चूत से अपना लंड बाहर निकाल लिया.
अयनूर को बहुत दर्द हो रहा था पर मैंने उसका ध्यान नहीं दिया.

मैंने अंशारा को कहा- बेटा, तुम चिंता मत करो. मैं हूं ना! तुम्हारी मां ने तुम्हें नहीं बताया तो क्या हुआ. ऐसे समझो कि मैं तुम्हारी मां हूं या फिर अब्बू! आओ मैं तुम्हें सिखाता हूँ कि कैसे सेक्स करते हैं!

अयनूर मुझे मना कर रही थी.
लेकिन अयनूर को मैंने इशारे से चुप रहने के लिए कहा.
और अयनूर चुप बैठ गई।

अंशारा को लग रहा था कि उसे आज कुछ नया सीखने को मिलेगा।

मैंने उसे अपने पास बुलाया.
वह झट से मेरे पास आ गई और मेरा लंड पकड़ कर झट से मुंह में लेकर चाटने लगी.
ऐसा लग रहा था कि जैसे वह उसे खा जाएगी.

उसे लंड काफी अच्छा लग रहा था क्योंकि उस पर उसकी अपनी मां के चूत का पानी भी लगा हुआ था और मेरे लंड से निकला हुआ पानी भी था।
अंशारा काफी मजे से चूस रही थी.

मैंने अंशारा को पलंग पर लिटा दिया उसकी मां के करीब … और उसे अपनी मां को कसकर पकड़ने के लिए कह दिया.
वह अपनी मां के बदन पर लेट गई।

मेरे सामने दो चूत और दो गांड थी, जिसमें मैं चाहूँ, उसमें मुझे लंड डालना था.
इंडियन कॉलेज गर्ल चुदाई का मौक़ा मुझे नील चुका था.

मैंने अंशारा के पैर फैला दिए और उसकी चूत पर अपना लंड सेट किया.
धीरे-धीरे अंशारा को मैं अपनी ओर खींचने लगा, उसकी चूत में धीरे-धीरे अपना लंड डालने लगा.

वह हल्का हल्का रोने लगी.
शायद उसे दर्द हो रहा था.

मैंने उसे पूछा- अंशारा बेटा, क्या मैं मेरा लंड तुम्हारी चूत में से निकाल लूं?
वह ना कहने लगी।

अंशारा बोली- अंकल, मां को भी तो दर्द हो रहा था. मैं तो पहली बार कर रही हूं, मुझे भी तो होगा।
ऐसा कहकर उसने अपने आपको मेरी ओर धकेल दिया.

अंशारा की पूरी चूत खून से लथपथ हो गई थी, पहली बार वह चुद रही थी।

अयनूर झट से उठकर एक कपड़ा ले आई और अंशारा की चूत साफ करने लगी.
वह मुझे और अंशारा को सेक्स करते हुए देख रही थी।

अयनूर मन ही मन हल्का-हल्का मुस्कुरा रही थी कि उसकी बेटी आज सही मायने में बड़ी हो गई थी.
मैं अयनूर को किस कर रहा था और अंशारा, उसकी बेटी को चोद रहा था, अंशारा की चूत के अंदर में अपना पानी छोड़ने की सोच रहा था.

अयनूर को पता लग गया कि मैं अब पानी छोड़ने वाला हूं तो अयनूर ने झट से मुझे अंशारा से दूर किया और पूरा लंड अपने मुंह में ले लिया.
मेरा पूरा पानी अयनूर के मुंह में भर गया.

अंशारा यह सब देख कर उसकी मां से जिद करने लगी- मुझे भी वह पानी पीना है!

उसने अपनी मां को किस कर लिया.
अयनूर ने अपने मुंह में लिया पानी थोड़ा सा अंशारा के मुंह में दे दिया.

और बस क्या था … इसी के साथ शुरू हुआ मेरा हैदराबाद आने का सफर!

तब से मैं हर महीने में दो बार हैदराबाद आता हूं.
उस दिन अंशारा तो काफी खुश रहती है.
दिन भर वह मैं अयनूर पूरे घर में नंगे ही होते हैं और हम तीनों मिलकर सेक्स करते हैं।

कभी अंशारा की चूत के अंदर मेरा लंड होता है तो कभी अयनूर की चूत के अंदर!
वे दोनों बारी-बारी मेरा लंड भी चूसती हैं.

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