गर्लफ्रेंड को घर से भगा कर होटल में चोदा

हॉट GF Xxx चुदाई का मजा मुझे मेरी गर्लफ्रेंड ने दिया. हम शादी करना चाहते थे पर यह जातिवाद के कारण संभव नहीं था. हमने घर से भागकर शादी करने का फैसला किया.

दोस्तो, मेरा नाम सागर है. मैं असम का रहने वाला हूं. आज मैं अपने जीवन की एक सच्ची घटना बताने जा रहा हूं.

यह हॉट GF Xxx चुदाई 2014 की है, उस टाइम मेरे पास कोई काम धंधा नहीं था.

मैं हर दिन फेसबुक पर लगा रहता था और दोस्तों के साथ बातें करता रहता था.

एक दिन ऐसे ही एक दोस्त की फेसबुक में फ्रेंड लिस्ट को चैक कर रहा था.
अचानक से मैंने एक लड़की का प्रोफाइल को देखा.

वह मुझे बेहद दिलकश माल लगी तो मैंने उसे फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दी और इंतजार करने लगा.

आठ दिन बाद उधर से रिक्वेस्ट एक्सेप्ट होने का नोटीफिकेशन मिला तो मैं बहुत खुश हुआ.
मैं उससे बात करने लगा.

एक महीने तक मेरी और उस लड़की की फेसबुक पर बात हुई.

फिर एक दिन मैंने उस लड़की से उसका मोबाइल नंबर मांग लिया.
उसने एक शर्त पर मुझे अपना मोबाइल नंबर दिया कि किसी दूसरे को मत देना.

मैंने भी उससे प्रॉमिस किया कि नहीं दूंगा.
हम दोनों अब फोन पर बात करने लगे.

यूं ही बात करते-करते दिन हफ्ते महीने कैसे बीते, कुछ पता ही नहीं चला.
बातों ही बातों में हम दोनों एक दूसरे से कब प्यार करने लग गए, कुछ पता ही नहीं चला.

मैं उसके साथ दिन दिन भर … रात रात भर फोन पर लगा रहता.

हमारे बीच प्यार इतना गहरा हो गया था कि हम लोग जीने मरने की बातें करने लगे थे.

हमारा घर एक दूसरे से बहुत दूर था तकरीबन सौ किलोमीटर का फासला था इसलिए उससे रोज मिलना तो मुश्किल था.
मैंने उससे अपने चार साल तक चले रिश्ते में सिर्फ दो ही बार मुलाकात की थी.

मैं उससे सच्चा प्यार करता था.
मेरे दिमाग में यह ख्याल तो आता था कि उसके साथ भी सेक्स करूं, लेकिन ऐसा कोई मौका हाथ नहीं लगा था इसलिए बस उसके साथ फोन पर ही कभी-कभी सेक्स की बात हो जाती थी.

कभी-कभी मैं उससे उसकी एकाध नंगी फोटो मांग लेता था … और वह भी दे देती थी.
इतने से ही हम दोनों बहुत खुश थे.

हम दोनों के परिवारों में भिन्नता की वजह से हम शादी तो नहीं कर सकते थे लेकिन अलग अलग रह कर जी भी नहीं पा रहे थे.

यही सब सोच कर एक दिन हम दोनों ने घर से भाग कर शादी करने के लिए सोचा.
भाग कर शादी करने के पहले हम दोनों ने तीन बार मुलाकात भी की थी.

उन तीन मुलाकातों में मैंने उसे किस किया था और अपनी लाइफ में पहली बार किसी लड़की के बूब्स को टच किया था.
पहली बार उसके बूब्स को जब टच किया था, तो सच बता रहा हूँ कि पहली बार उसके दूध छूते समय मुझे बिजली का झटका जैसा लगा था.

उस टाइम तो मैंने उससे कुछ नहीं कहा लेकिन जब मैं वापस घर आया, तब उससे फोन पर पूछ लिया- तुमको कैसा लगा?
वह भी बोलने लगी- बहुत मस्त लगा था.

ऐसे ही हम दोनों फोन पर अब एक दूसरे को बांहों में लेने जैसी और सेक्स संबंधी मस्ती भरी बातें करने लगे थे.
पहली मुलाकात के बाद ही हम दोनों के अन्दर एक दूसरे से मिलने की चाहत जोर पकड़ने लगी थी और जल्द ही दूसरी मुलाकात भी हो गई.

दूसरी मुलाकात में हम दोनों ने एक दूसरे को बांहों में भरा और होंठों के चुंबन का रस लिया. एक दूसरे के सीने से सीने को रगड़ा.
कसम से यार उसके दूध जब मेरी छाती में गड़े तो मेरा लंड सख्त हो गया था.

उस पर वह बोली भी थी- नीचे क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- अभी कुछ नहीं कर रहा हूँ. यह तो अपने आप हो रहा है.

उस वक्त तो ज्यादा बात नहीं हुई थी लेकिन जिस्म का जिस्म से स्पर्श हम दोनों में आग गया था.
वह भी मुझसे शादी करना चाहती थी, मैं भी उसके साथ शादी करना चाहता था.
लेकिन जैसा कि मैंने बताया कि हमारी जाति अलग थी और कुछ दूसरी प्रॉब्लम की वजह से हम दोनों शादी नहीं कर पा रहे थे.

मैंने उससे भाग कर शादी करने का कहा, मगर वह हर बार मना कर देती थी.
मैं उससे बहुत ज्यादा जिद करके उसे भगा कर ले जाने के लिए राजी करने लगा.
लेकिन उसकी तरफ से ना ही निकलती रही.

मैं उसे मनाता रहा.
फिर एक दिन फाइनली वह मान गई.

मैं उससे भगाकर अपने घर नहीं ला सकता था इसलिए मैंने उसे दिल्ली ले जाने का फैसला लिया.
मैंने 15 दिन पहले ही दिल्ली के दो टिकटों का रिजर्वेशन करवा लिया था. जिस दिन की मेरी ट्रेन थी, उसके एक दिन पहले ही मैंने एक होटल में कमरा बुक कर लिया था.

यह होटल भी मेरे एक दोस्त का था.
मैंने उस दोस्त को तो नहीं बताया था कि हम लोग भाग कर शादी कर रहे हैं लेकिन मैंने उसे यह जरूर बताया था कि मेरी जीएफ आएगी.

तो भागने से एक दिन पहले मैं अकेला होटल में रुका और दूसरे दिन उसको लेने के लिए चला गया.

दोस्तो उसके पास जाते वक्त मेरे मन में मुझे कुछ अजीब सा डर महसूस हो रहा था.
साथ ही कुछ खुशी भी हो रही थी.

मैंने फोन किया तो वह भी उसके घर से निकल गई थी.
रास्ते में हम दोनों मिल गए और मैं उसको होटल में ले आया.

रास्ते में वह मेरे कंधे पर सर रख कर अपनी घर को याद कर रोती रही, मैं उसे मनाता समझाता रहा.

जैसे ही मैं होटल के कमरे में घुसा तो अन्दर से दरवाजा लॉक किया और उसके बाजू में बैठ गया.

मैंने उसको अपनी बांहों में खींच लिया और वह भी कटी हुई डाली की तरह मेरी छाती पर लेट गई.
तो मैं उसको किस करने लगा.

मैं जानता था कि अगर आज मैंने सेक्स नहीं किया तो अगले दो दिन कुछ करने को नहीं मिलेगा क्योंकि मेरे शहर से दिल्ली का रास्ता दो दिन का है.
इसलिए मैंने यह मौका हाथ से नहीं जाने दिया.

मैंने उसको किस किया तो वह भी साथ देने लगी.
तब मैंने उससे कहा कि अपना दिल मुझे चूमने दो.

वह मेरी तरफ हैरानी से देखने लगी.
तो मैंने उसके बाएं वाले दूध पर हाथ रखा और कहा- अपने बूब्स निकाल दो, मैं चूसना चाहता हूँ.
वह मुस्कुरा दी और आंख बंद करके बोली- मेरा दिल अब तुम्हारा ही है, जैसे मर्जी हो, खुद निकाल लो.

मैंने उसके दूध बाहर निकाल लिए और जैसे ही उसकी एक चूची पर अपना मुँह लगाया.
तो वह एकदम पागल सी हो गई.
वह मेरे सर को अपने मम्मों पर दबाने लगी थी.

उसकी कसक साफ समझ आ रही थी कि आज वह अपना सब कुछ मुझे दे देना चाह रही थी.

मैं अपनी जिंदगी में पहली बार लड़की का दूध चूस रहा था.
उसकी चूची पीकर ऐसी मस्ती आई कि बस मजा ही आ गया.
क्या बताऊं … एकदम मक्खन सी सॉफ्ट चूची, जिसे किसी ने अब तक दबाया ही नहीं था.

वह भी अपने होंठों को दांतों से दबा कर मेरे सर को अपने मम्मों पर दबा रही थी और आह आह कर रही थी.
जैसे ही मैंने उसके एक दूध को अपने होंठों में भर कर अपनी तरफ खींचा, तो उसके मुँह से ऊफ ऊफ्फ की आवाज निकलने लगी.

मैं कुछ ही देर में वासना में रंग गया और उसे ऊपर से पूरी नंगी करके उसके दोनों मम्मों को दबाने और चूसने लगा. वह पागल होती जा रही थी और अपने मुँह से सिर्फ आह आह आह कर रही थी.

मैंने उसके बूब्स दबाते दबाते उसके नीचे के कपड़ों को खोल दिया और मैं उसके ऊपर सवार हो गया.
उसने आंख बंद कर ली थीं और मैंने अपना पैंट खोल दिया.

मेरा लौड़ा पहली बार किसी लड़की की चूत में जाने वाला था; यही सोच कर ही मुझे मजा आ रहा था.

मैंने देर न करते हुए उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया.
उसके मुँह से तेज आवाज में ‘उईई मां मर गई …’ निकल गया.

मैंने उसे और एक झटका दिया.
उसने छूटने की बहुत कोशिश की लेकिन मैंने उसको जोर से पकड़ लिया था.

उसकी आंखों से पानी आ गया
मैंने पूछा- क्या हुआ बाबू?
वह बोली- दर्द हो रहा है … पर बाबू तुम करो, मैं ये दर्द बर्दाश्त कर लूंगी.

उसके बाद मैंने उसको बहुत प्यार किया.
मैंने अपना लंड निकाल कर देखा तो उसमें खून लगा हुआ था.
उसने भी खून देख लिया था.

खून देखने के बाद उसको डर लगा.
मैंने उसे समझाया कि तुम बस अब कुंवारी नहीं रही.
यह कह कर मैं उसके गालों में और होंठों में किस करने लगा.

वह वापस गर्म होने लगी.

मैंने उसकी चूत में फिर से लंड घुसेड़ दिया.
उसके मुँह से इस बार भी जब आह की आवाज निकली, तो मैं और जोर जोर से उसकी चूत में लंड पेलने लगा.

इस बार लंड पेलने से एक अजीब सी आवाज आ रही थी.
यह आवाज शायद उसकी चूत से माल निकल जाने से आ रही थी.

वह अपने मुँह से लगातार ‘उह आह आह बाबू आह …’ बोल रही थी.

उसकी चूत ज्यादा टाइट होने के कारण मुझे बेहद सनसनी हो रही थी या मेरे पहली बार सेक्स करने के कारण ऐसा हुआ था कि मैं जल्दी ही उसकी चूत में झड़ गया.

हम दोनों ने दो बार और प्यार किया और मैं उसे अपनी बांहों में नंगी लेकर सो गया.

रात को करीब एक बज मैं जाग गया.
मैंने देखा कि वह मेरी बगल में मुँह करके सो रही थी.

मैंने उसको फिर से किस किया तो वह जाग गई और मुझे साथ देने लगी.
जल्दी ही हम दोनों चुदाई की स्थिति में आ गए.

इस बार वह मेरे लंड के ऊपर बैठ गई … और लंड चूत में सैट करने लगी.

मेरा लंड एक ही बार में अन्दर तक घुसता चला गया.
मैं नीचे से उसकी चूत में धक्का दे रहा था और अपने हाथों से उसके बूब्स मसल रहा था.
मेरे लंड में दर्द हो रहा था.

वह उछल उछल कर मजा ले रही थी.
उसके मुँह से आह आह बाबू आह उफ्फ़ निकल रहा था.

इस बार उससे पहले में झड़ गया, तो वह मेरे ऊपर लेट गई और मेरे होंठ चूसने लगी.

कुछ ही मिनट होंठ चूसने के बाद मैं वापस से उत्तेजित हो गया.
मेरा लंड उसकी चूत में ही कड़क हो गया था और मैंने उसे चोदना चालू कर दिया.

वह भी यस यस आह फक मी बाबू …’ कह रही थी.
इस तरह से हम दोनों ने अपनी चुदाई को खत्म की और सो गए.
दूसरे दिन वह मेरे साथ दिल्ली के लिए ट्रेन में बैठ गई.

हम दोनों दिल्ली आए तो जीवन की दुश्वारियों को समझा.
रहने के लिए कोई जगह नहीं मिली.
दिल्ली में एक स्वभाषी लोगों की बस्ती में एक कमरा रहने को मिल गया.
कुछ पैसे साथ लाए थे तो रहने खाने का जुगाड़ हो गया.
सारे दिन साथ में रहते और काम ढूंढते थे.

फिर अखबार में निकले विज्ञापन के माध्यम से एक बड़े रईस की कोठी में काम मिल गया.
हमारी प्राथमिकता थी कि हमें रहने को कमरा मिल जाए और खाने को भोजन … वह इधर मिल गया था.

कुछ दिन बाद हमारी जिंदगी की गाड़ी पटरी पर दौड़ चली.
पर दोस्तो, मैं अपने पाठकों को यही सलाह दूंगा कि लव मैरिज करना ही है तो परिवार की मर्जी से करना चाहिए.
इससे जीवन की बहुत सारी कठिनाइयों से दो चार होने से बचा जा सकता है.

यह हम दोनों की सच्ची सेक्स कहानी है.
आप अपने कमेंट्स से जरूर बताएं कि इस हॉट GF Xxx चुदाई कहानी पर आपको क्या कहना है.
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