ट्रेन में लड़की से दोस्ती, बाद में मदमस्त चुदाई

लड़की की गांड मारी मैंने! वह लड़की मुझे ट्रेन में मिली थी. वहां तो कुछ नहीं हुआ, बस फोन नम्बर ही लिया था. बाद में मिले तो होटल के कमरे में मैंने उसे चोदा आगे से पीछे से!

दोस्तो, मेरा नाम आर्यन है.
मेरी उम्र 19 साल की है और कद 5 फुट 9 इंच का है.
मैं दिखने में ठीक-ठाक हूँ. मैं लखनऊ का रहने वाला हूं.

मेरे पिता फैक्ट्री में मैनेजर हैं.

यह लड़की की गांड मारने की कहानी तब की है जब मेरे पिता की बदली कोटा हो गई थी.
हम लोगों ने सामान शिफ्ट कर लिया और नए घर में रहने लगे.

कुछ दिनों बाद पिता जी को किसी काम से गांव जाना पड़ा तो मैंने भी उनके साथ जाने का प्लान बनाया.
ट्रेन में आरक्षण एसी बोगी में करवा लिया.

रात का सफर था और मेरी सीट ऊपर वाली थी. मेरे पिता की सीट मुझसे थोड़ी दूरी पर थी.

जैसे ही मैं अपनी सीट पर पहुंचा तो मेरे सामने वाली सीट पर एक लड़की थी.
वह मुझे देखने लगी.
पहले तो मैंने उसे अनदेखा किया, पर उसने 2- 3 बार मुझे फिर से देखा.

अब मेरे मन में एक बात आयी.
मुझे लगा कि जैसा मैंने सेक्स स्टोरी में पढ़ा है, वैसे ही ये मेरे साथ सेक्स करना चाहती होगी.
अब मैं भी उसे एकटक देखने लगा.

हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे को लगभग दो घंटे तक देखते रहे.
फिर मैंने सोचा कि अब ऐसे देखते रहने से कुछ नहीं होगा, मुझे कुछ और करना पड़ेगा.

मैंने उसे आंखों से बाथरूम में आने के इशारा किया.
मुझे भी लगा कि वह भी मुझे कुछ ऐसे ही इशारे कर रही है.

मैं अपनी ऊपर वाली सीट से उतरा और बाथरूम के सामने जाकर खड़ा हो गया.

कुछ मिनट तक इंतजार करने के बाद भी जब वह नहीं आयी तो मैं दुखी होकर वापिस अपनी सीट पर चला गया और सोने की तैयारी करने लगा.
तभी मैंने सोचा कि एक बार और कोशिश करके देखता हूं.

मैंने बड़ी हिम्मत जुटा कर हाथ उठाया और उससे हाय किया.
उसने मेरा हाथ देखा और इशारे में पूछने लगी कि क्या हुआ?

मैंने फिर से हाय किया और उसने फिर से पूछा कि क्या हुआ?
मैंने और ज्यादा हिम्मत दिखाई और एक पेपर पर अपना नंबर लिख कर उसे दिखाया.

उसको सही से दिखा नहीं तो वह उठ कर बैठ गई.
फिर वह मेरा नंबर देख कर हंसने लगी और अपने फोन में डायल कर लिया.

पर उसका रिचार्ज शायद खत्म हो गया था तो उसने अपना नंबर भी एक पेपर पर लिख कर मुझे दिखाया.
मैंने जल्दी से उसको कॉल की.

मैंने उससे पूछा कि क्या आपकी शादी हो गई है?
उसने कहा- अभी नहीं हुई है.

फिर मैंने उसकी उम्र के बारे में पूछा तो पता कि वह 26 साल की लड़की थी.

मैंने उससे कहा- आप मुझे घूर क्यों रही थीं?
उसने बोला- आप भी तो घूर रहे थे.

दोस्तो, मेरा पहली बार था इसलिए मुझे समझ नहीं आया कि क्या बोलूं.
मैंने डायरेक्ट पूछा- आपको कुछ करना है क्या?

तो वह बोली- सॉरी … क्या बोल रहे हो आप?
मैंने कहा- कुछ भी नहीं.
मैं बहुत डर गया था.

फिर ऐसे ही थोड़ी बातें करके मैं सो गया.
मैं सुबह 6 बजे उठा तो देखा कि वह अभी सो ही रही थी.
इसी के साथ ही उसका दुपट्टा भी कुछ हट गया था तो उसकी 36 इंच की बड़ी बड़ी चूचियां मेरे सामने थीं.
वह बड़ी ही कातिलाना लग रही थी.

मैंने चारों ओर देखा तो सब सो रहे थे.
अब मैंने जल्दी से फोन निकाला और फोटो ले ली.

थोड़ी देर बाद उसने मेरी तरफ करवट ली, तो उसके बूब्स की लाइन लंड को खड़ा करने लगी थी.

मैं मदहोश हो गया और मैंने पैंट के ऊपर से ही अपना लंड फेंटना शुरू कर दिया.

मैं बहुत देर तक वह नजारा देखता रहा.
फिर सुबह करीब 7 बजे ट्रेन लखनऊ पहुंच गई.

वह भी लखनऊ की ही रहने वाली थी. घर आने के बाद कुछ दिनों तक हम दोनों फोन पर बात करते रहे.

उसको मुझसे थोड़ा लगाव होने लगा पर मुझे तो बस उसके वे बूब्स ही ध्यान थे.

फिर एक महीने बाद मुझे बाहर जाने का मौका मिला.
मैंने उससे कहा कि मैं आपसे मिलने आ रहा हूँ और हम पार्क में मिलेंगे.
वह मान गई.

मैंने वहां जाकर एक रूम लिया और रेडी हुआ.
फिर जब मिलने का समय हुआ तो मैं पार्क में नहीं गया.

उसने पार्क में पहुंच कर मुझे फोन किया और पूछा- कहां हो आप?
मैंने कहा- मेरी तबीयत खराब हो गई है. आप मेरे रूम पर आ जाओ.

यह बात सुनकर वह मान गई.

उसे चॉकलेट बहुत पसंद थी इसलिए मैं जल्दी से चॉकलेट ले आया और एक चॉकलेट फ्लेवर वाली आइसक्रीम भी ले आया.
जब वह आयी तो मैं ऐसे ही सो गया.

उसने आकर मेरे माथे पर हाथ रख कर चैक किया.
मैं तो ठीक था.

वह बोली- तुम ठीक तो हो, फिर आए क्यों नहीं?
मैंने जवाब दिया- आपके आते ही पता नहीं कैसे ठीक हो गया.
इससे वह थोड़ा इम्प्रेस हो गई.

वह बोली- तुमने मुझे यहां बुलाने के लिए ये सब नाटक किया ना!
मैं चुप रहा और धीरे से हां बोल दी.

वह बोली- मैं जानती हूं तुम क्या चाहते हो … और ये बात मुझे पहले से ही पता थी क्योंकि एक 19 साल के लड़के को 26 साल की उस लड़की में क्या इंटरेस्ट होगा, जो औरत जैसी दिखती हो!
मैं चुप रहा.

एक पल रुकने के बाद वह फिर से बोली- मैं समझ गयी थी कि तुम क्या चाहते हो!
मैंने पूछा कि आप समझ गयी थीं, तो यहां मुझसे मिलने क्यों आईं?

वह बोली- मैं भी यही चाहती हूं क्योंकि जिस दिन तुम मुझे ट्रेन में मिले थे. उस दिन में अपने बॉयफ्रेंड से लड़ाई करके आई थी क्योंकि वह मुझे धोखा दे रहा था. जब तुम मुझे बार बार देख रहे थे, मैंने तभी सोच लिया था कि मैं भी उसको धोखा दूंगी. इसलिए मैंने तुम्हें अपना नंबर दिया और मिलने का इंतजार करने लगी.

यह बात सुनकर मैं फूला नहीं समाया.
मैंने सेक्स की गोली पहले ही ले रखी थी.

मैं उसकी तरफ़ अपना मुँह बढ़ाने लगा और वह भी.
फिर मैंने उनके बूब्स पर हाथ रख दिया और दबाने लगा.

अब मेरे मन की इच्छा पूरी हो चुकी थी.
मैंने उसके स्तन दबा लिए थे.
आह … इतना मजा आ रहा था कि बता नहीं सकता.

फिर मैं उसको किस करता रहा और बूब्स भी खूब मसले.
हम दोनों काफी देर किस करते रहे.

फिर मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और उसने भी अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए.
कुछ ही पलों में वह पूरी नंगी हो गई थी.

मैं उसके नीचे बैठ गया और चूत में जीभ डाल दी.
मैं बड़े ही अच्छे से उसकी चूत चाटने लगा.
वह आह आह की आवाज निकालने लगी.

मैंने उसकी चूत का मोती भी टच किया, उससे वह पागल होने लगी.

मैंने अपनी दो उंगलियां उसकी चूत में डाल दीं और अन्दर बाहर करने लगा.
उसको बड़ा मजा आ रहा था.
वह चिल्ला रही थी और आह आह की आवाजें निकाल रही थी.

लगभग 10 मिनट बाद उसकी चूत ने पानी निकाल दिया.
उसने मुझसे पानी चाट कर साफ़ करने को कहा.
तो पहले तो वह पानी नमकीन जरा कसैला सा लगा, बाद में अच्छा लगने लगा.

अब वह मेरा लंड लेना चाहती थी.
तो मैंने उसको सीधा लेटने को कहा और उसकी टांगें फैला दीं.

मैंने उसकी चूत के सुपारे पर अपना 7 इंच का शैतान रखा और लौड़े पर थूक लगा दिया.

फिर मैंने एक हल्का सा धक्का मारा और उसकी चूत में मेरे लंड का टोपा घुस गया.
उसने हल्की सी आवाज निकाली.

मुझे तो जन्नत मिल गई थी, इतना मजा आ रहा था.
इतनी गर्म चूत थी उसकी कि अगर दवाई ना खाई होती तो डालते ही मैं झड़ जाता.

फिर मैंने वह किया जो मैं रोज सोचता था.
मैंने उसको कमर से पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया.

अब मैंने अपने दोनों हाथों से उसके बूब्स पकड़ लिए और धीरे धीरे अपना लंड अन्दर बाहर करने लगा.
चुदाई के साथ साथ मैं उसकी चूचियां भी दबाने लगा.

उसको मेरे लौड़े से चुदने में बहुत मज़ा आ रहा था … और इधर अपना तो दिल गार्डन गार्डन हो ही गया था.
फ्री फंड में लंड को चूत मिल गई थी.

अब मैंने स्पीड बढ़ा दी और उसकी आह आह की आवाजें भी बढ़ गईं.

कुछ देर बाद मैंने उसके मुँह में अपनी दो उंगलियां डाल दीं और वह चूसने लगी.

करीब 7-8 मिनट मैं उसको ऐसे ही चोदता रहा.
वह बड़ी कामुक आवाजें निकल रही थी.

उसके बाद मैंने उसको उल्टा होकर घोड़ी बन जाने को कहा.
वह घोड़ी बनी तो मैंने उसके ऊपर आ कर उसकी गांड पर थूक लगा दिया.

इससे वह समझ गयी कि मैं अब उसकी गांड मारने वाला हूँ.
वह जल्दी से हट गयी और बैठ गयी, कहने लगी- मैंने कभी गांड नहीं मरवाई है. मुझे गांड मरवाने से डर लगता है.

मैंने उस समय जबरदस्ती नहीं की और उसको खड़ी होने का कहा.

मैं खुद नीचे लेट गया, वह मेरे लंड पर बैठ गई और बड़े ही मजे से चूत चुदवाने लगी.

करीब दस मिनट तक ऐसे ही चुदाई करते रहे.
अब मैं बैठ गया और उसको अपने ऊपर बिठा लिया.

उसकी पीठ मेरी तरफ थी और उसके पैर मेरे पैरों के बीच में रगड़ रहे थे.
इसी आसन में वह अपनी चूत मेरे लंड पर पटकती हुई चुदने लगी.

कुछ 5 मिनट बाद मेरा माल निकलने वाला था.
मैंने जल्दी से उसको बताया कि माल निकलने वाला है, आप हट जाओ.

पर वह बोली- चूत में ही निकाल दो.
मैंने एक जोरदार पिचकारी उसकी चूत में निकाल दी.

मेरे गर्म गर्म माल से वह मदमस्त हो चुकी थी.
एक मिनट बाद वह मेरे लंड पर से उठी तो उसकी चूत से मेरा माल टपकने लगा.

उसने उठकर जल्दी से मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और अच्छे से चाट कर साफ़ कर दिया.
पहली बार मैं किसी को अपना लंड चुसा रहा था … बहुत अच्छा लग रहा था.

पांच मिनट तक चूसने के बाद वह बाथरूम में गई और मुँह धो कर आयी.
उसके बाद वह मुझसे बातें करने लगी.

अब मैंने उससे गांड मरवाने के लिए कहा.
पहले तो उसने काफी नाटक किए, पर मैंने उसको राजी कर लिया.

हम दोनों 20 मिनट तक इधर उधर की बातें करते रहे.
असल में बातें सिर्फ वह कर रही थी. मैं तो बस उसके बूब्स से खेल रहा था और दबा रहा था.

फिर तब तक मेरा शैतान पूरी शक्ति के साथ वापिस तैयार हो चुका था.
मैंने उसको घोड़ी बनाया और अपने बैग से सरसों का तेल निकाल लाया.

खूब सारा तेल उसकी गांड पर लगा दिया और फिर धीरे से उसकी गांड में अपनी उंगली डाल दी.
उसको थोड़ा दर्द हुआ पर वह कुछ नहीं बोली.

लगभग 5 मिनट तक मैंने अपनी उंगलियों से उसकी गांड को ढीली की.
उसके बाद अपने लंड पर तेल लगाया और उसकी गांड पर लगा दिया.

लंड की गर्मी से उसकी गांड में गुदगुदी हुई.
मैंने उससे कहा- जरा ढीली रखना रानी.
उसने भी हामी भर दी.

मैंने बड़े प्यार से उसकी चूचियों के टिकोरे मींजे और उसे मस्त करने लगा.

वह जैसे ही मस्ती में भूली, मैंने हल्का सा धक्का दे दिया.
उसकी गांड बहुत टाइट थी.

मेरा लंड घुस तो गया … पर गांड का छेद इतना ज्यादा टाइट था कि मेरे लौड़े में भी थोड़ा दर्द करने लगा.

वह भी दर्द से कराहने लगी थी और मेरे लौड़े की पकड़ को छुड़ाना चाह रही थी.
मगर मैं उसे कसकर जकड़े रहा और उससे किसी दूसरे टॉपिक पर बात करना शुरू कर दी, साथ ही उसे दूध मसलता रहा.

वह मस्त होने लगी तो मैं जितना लंड अन्दर गया था, उतने लौड़े को ही अन्दर बाहर करने लगा था.

अब वह कुछ मजा लेने लगी थी तो मैंने उसे बातों में बहलाया और एकदम से ताकत लगाते हुए पूरा लंड गांड की जड़ तक घुसा दिया.

वह जोर से चिल्ला पड़ी और उसके मुँह से गाली निकल गई- उई मादरचोद … फाड़ दी साले तूने … आह निकाल ले कमीने … आह!
साथ ही उसकी आंखें तो जैसे बाहर निकलने को हो गई थीं.

वह लगातार कराह रही थी और मुझसे छूटने की कोशिश कर रही थी.
मैं उसकी कमर को पकड़े हुए उसे अपने लौड़े से चिपकाए हुए रुका हुआ था और उसकी पीठ पर चुम्मी लेता जा रहा था.

लंड ने भी अन्दर ही अन्दर अपने आपको सैट करने की सैटिंग की और गांड के छेद को अपने मुताबिक सैट कर लिया.

मैंने यूं ही थोड़ी देर तक कोई हरकत नहीं की और उसकी पीठ को होंठों से चुभलाने लगा.
वह चुप हो गई और उसकी कसमसाहट भी कम हो गई.

अब मैं धीरे धीरे उसकी गांड चोदने लगा.
उसको दर्द तो हो रहा था लेकिन वह लंड लेती रही.

कुछ मिनट तक गांड में पूरे लंड से अन्दर बाहर करते हुए चोदने के बाद उसका दर्द खत्म होने लगा था.
अब तक उसकी गांड में मेरे लंड ने काफी जगह बना ली थी.

उसकी टांगें कंपकंपाने लगी थीं तो मैंने उसको सीधा लेटा दिया और उसकी टांगें उठा कर अपना लौड़ा बाहर तक खींच कर एकदम से गांड में अन्दर तक पेल दिया.

इस बार उसको फिर से दर्द तो हुआ पर वह चीखने की जगह मस्त आवाज निकाल कर बोली- आह धीरे करो न!
यह सुनकर मेरे आनन्द की कोई सीमा नहीं थी.

अब धकापेल गांड चुदाई करते हुए मैं उसके दोनों दूध भी दबाने लगा और चूमने लगा.
उसको भी बहुत मज़ा आ रहा था.

मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में भी डाल दी.
उससे उसको और ज्यादा मजा आने लगा.
वह अब अपनी कमर उठा कर गांड मरवाने का मजा लेने लगी थी.

मैं भी बहुत तेजी से लड़की की गांड चुदाई करने लगा था.

थोड़ी ही देर में उसकी गांड में मेरे लंड के माल का ज्वालामुखी फट गया.
मैं झड़ कर उसके ऊपर ही लेट गया और वह मुझे प्यार करने लगी.

कुछ मिनट बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाला तो मेरा माल भी उसकी गांड से निकलने लगा.

कुछ देर यूं ही लेटे रहने के बाद हम दोनों साथ-साथ नहाने गए और उसने मुझे अच्छे से नहलाया.

हम दोनों एक दूसरे को किस करके बात करने लगे और वह मुझे विदा लेकर चली गई.
आज भी हम दोनों काफी बातें करते हैं.

अब उसकी शादी होने वाली है और वह मुझसे एक बार और चुदवाना चाहती है.
उसने मुझसे शादी के बाद भी ऐसे ही संबंध रखने के लिए कहा है.

दोस्तो, यहां मेरी सेक्स कहानी खत्म होती है.
अगर आगे कुछ हुआ, तो मैं आप लोगों को जरूर बताऊंगा.

आप लोगों को मेरी लड़की की गांड मारने की कहानी कैसी लगी, निःसंकोच मुझे ईमेल करें.
धन्यवाद.
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