देसी Xxx गर्ल हिंदी कहानी में मैंने पड़ोस की एक लड़की को पटाना शुरू किया. वह भी मुझे देखकर मुस्कुराने लगी थी. बात आगे बढ़ कर सेक्स तक पहुंची और हम गन्ने के खेत में घुस गए.
दोस्तो, मेरा नाम गौरव है. मैं नजीबाबाद (बिजनौर उत्तर प्रदेश) से हूँ.
मैं 24 साल का एक हैंडसम लड़का हूँ. मेरी हाइट 5 फुट 9 इंच है. सीना 38 इंच और कमर 31 की है.
मैं अपनी गर्लफ्रेंड की सेक्स कहानी बता रहा हूँ.
उसका नाम सोनिया है और वह 21 साल की है.
वह एक जबरदस्त माल है और उसका साइज़ 34-30-36 का है. उसकी हाइट 5 फुट 3 इंच की है.
यह देसी Xxx गर्ल हिंदी कहानी तब की है, जब वह 19 साल की थी और मैं 21 का था.
उस वक्त वह एक सील पैक माल थी.
वह मेरे पड़ोस में ही रहती थी.
जब मैं अपने घर से शहर पढ़ने जाया करता था तो वह भी मुझे रास्ते में जाती हुई दिख जाया करती थी.
इस तरह मेरी ओर उसकी आंखें एक दूसरे से मिलनी शुरू हुईं और धीरे धीरे हम एक दूसरे को पसंद करने लगे.
अब जब भी मैं छत पर जाता तो वह भी अपनी छत पर आ जाया करती थी.
हम एक दूसरे को ऐसे ही देखा करते और मैं बस मुस्कुरा कर आह भरते हुए नीचे आ जाता था.
क्या बताऊं दोस्तो, क्या फीलिंग थी.
उसे देख कर मन करता था कि अभी कूद कर उसके पास चला जाऊं और जाकर उसे पकड़ लूँ.
लेकिन न जाने एक अनजाना सा डर था कि कहीं बात बिगड़ ना जाए.
मैं धीरे धीरे उसकी तरफ इशारे करने लगा और कभी कभी हल्के से आंख भी मार देता था.
वह स्माइल करके नीचे चली जाती थी.
जब वह स्माइल देने लगी तो मेरा डर ख़त्म हो गया और बस मैं मौके का इंतज़ार करने लगा कि कब मुझे इसके करीब आने का मौका मिले.
वह रोज किसी ना किसी बहाने से छत पर आती रहती थी, मुझे आंखों से ढूंढती थी और मैं भी यही करने लगा था.
एक दिन वह स्कूल से आ रही थी और मैं भी कहीं जा रहा था.
उस रास्ते पर हम दोनों अकेले थे.
जैसे ही वह मेरे पास आई, मैंने उसका हाथ पकड़ लिया.
वह हाथ छुड़ाने लगी और बोलने लगी- छोड़ो मेरा हाथ … कोई देख लेगा.
लेकिन मुझे अब कहां डर था.
मैंने उससे कहा- हाथ छोड़ने के लिए नहीं पकड़ा है. पहले ये बताओ कि क्या तुम मुझे पसंद करती हो?
उसने कुछ नहीं कहा, बस वह अपना हाथ छुड़ाने में लगी रही.
मैंने बोल दिया- मैं तभी हाथ छोड़ूँगा, जब तुम अपने दिल की बात बोलोगी.
वह थोड़ी देर इधर उधर देखने के बाद एकदम से बोल पड़ी- आई लव यू … अब प्लीज छोड़ो ना.
उसके मुँह से आई लव यू सुनते ही मैं खुशी से पागल हो गया और उसको खींच कर अपनी बांहों में समेट कर उसके होंठों पर होंठ रख कर किस कर दिया.
मेरे इस दुस्साहस से वह एकदम से सिहर गई और मुझसे छूट कर हँसती हुई भाग गई.
अब मैं आसमान में उड़ रहा था और ऐसे ही किसी दूसरे मौके का इंतज़ार करने लगा.
अगले दिन मैं उसके घर के सामने से निकला.
वह मुझे देख कर खिड़की पर आई.
मैंने अपना मोबाइल नंबर एक कागज पर लिख कर जेब में रखा हुआ था.
उसको देखते ही मैं वह कागज उसके सामने वहीं फेंक कर आगे बढ़ गया.
गली के नुक्कड़ पर जाकर मैंने पलट कर गली में झांका तो सोनिया इधर उधर देखती हुई उस कागज की तरफ बढ़ रही थी.
मैंने ठंडी सांस ली और मोबाईल को चूम कर उसकी कॉल का इंतजार करने लगा.
अगले कुछ ही मिनट बाद उसकी कॉल आई.
वह गुस्से की एक्टिंग करने लगी- कल तुमने क्या किया था? ऐसे सड़क पर किस कोई करता भी है क्या … कोई देख लेता तो!
बस ऐसे ही बातें होती रहीं.
अब उससे बातों का सिलसिला शुरू हो गया था.
मैं बातों बातों में उससे चुदाई की बात करने लगा.
यह सब सुनकर वह शुरू में तो गुस्सा करने लगी थी … लेकिन बाद में उसे भी मजा आने लगा था.
धीरे धीरे मैंने उसे चुदाई के लिए मना लिया.
बस अब हम दोनों मौके का इंतज़ार करने लगे कि कब ऐसा टाइम मिले कि हम दोनों मिल सकें और अपनी कामनाएं पूरी कर सकें.
एक दिन उसके घर वाले सब शहर गए थे.
तब उसका कॉल आया- मैं घर में अकेली हूँ. मेरे घर आ जाओ. इधर कोई नहीं है.
लेकिन उसके घर जाना मैंने ठीक नहीं समझा इसलिए पास में ही मेरा एक खेत था उधर पर गन्ने की फसल लगी थी.
मैंने कहा- बाहर जाने के बहाने तुम वहां आ जाओ, जब मैं इशारा करूं तो हमारे खेत में आ जाना.
वह तैयार हो गई.
मैं खेत में आ गया और थोड़ा अन्दर को घुस कर बैठ गया.
मैंने उसे मिस कॉल करके इशारा दिया.
वह कुछ मिनट बाद आ गई.
वह खेत के बाहर खड़ी थी और फोन पर कह रही थी- तुम कहां हो?
मैंने उससे कहा- ट्यूब बेल के बगल से पगडंडी से अन्दर आ जा. बस देख कर आना, कहीं कोई तुझे अन्दर आते न देख ले.
उसने हामी भर दी.
जब उसे कोई नहीं दिखा तो वह अन्दर खेत में आ गई.
मैं उसे और अन्दर ले गया.
वहां जाकर हम दोनों बैठ गए.
वह कहने लगी- मुझे डर लग रहा है.
मैंने उसको अपनी बांहों में ले लिया और कहा- डरने की कोई बात नहीं है. इधर कोई नहीं आता है.
उसका दिल ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था.
मैंने देर ना करते हुए उसके होंठों पर होंठ रख दिए और किस करना शुरू कर दिया.
अब वह भी मेरा साथ दे रही थी और मुझे चूस रही थी.
धीरे धीरे मैं उसके जिस्म को रगड़ने लगा और अपने हाथ उसकी कमर पर फेरने लगा.
वह कहने लगी- अब मैं जा रही हूँ बस … अब और नहीं. बाद में मिलेंगे.
मैं कहने लगा- हमारी फोन पर क्या बात हुई थी.
वह कहने लगी- क्या बात हुई थी?
मैंने कहा- तुमने घर पर मिलने के लिए क्यों बुलाया था?
वह कहने लगी- मिलने के लिए ही तो बुलाया था. अब मिल ली हूँ, तो जा रही हूँ.
मैंने कहा- और अन्दर बाहर कब करेंगे?
वह मना करने लगी- नहीं, वह सब यहां नहीं.
मैंने उसको समझाया और उसे पीछे से पकड़ कर उसके गले को चूमने लगा, उसके पीछे से कपड़ों के ऊपर से ही लंड को उसकी गांड पर फेरने लगा, हाथ से उसके मम्मों को मसलने लगा.
ऐसा करने वह गर्म होने लगी और कामुक सिसकारियां भरने लगी.
तभी मैंने एक हाथ उसके दूध पर से हटाया और उसकी चूत पर रख दिया.
उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और रोकने लगी.
लेकिन थोड़ी देर बाद उसने अपना हाथ हटा लिया.
मैं उसके कपड़ों के ऊपर से ही उसकी चूत को मसलने लगा.
उसे मजा आने लगा था. उसकी टांगें फैल गई थीं.
तभी मैंने महसूस किया कि उसकी चूत गीली होने लगी है.
यह देखते ही मैंने उसका नाड़ा खोल दिया और चड्डी के अन्दर हाथ डाल कर उसकी चूत को मसलने लगा.
वह काफी गर्म हो गई थी और कुछ बोल नहीं रही थी, बस ‘अम्मह आह.’ कर रही थी.
मैंने उसको नीचे लिटा दिया और उसकी दोनों टांगों को खोल कर चड्डी को निकाल दिया.
सामने उसकी सफाचट चूत थी तो मैं चूत को चाटने लगा.
उसने मेरा सर पकड़ लिया और कहने लगी- इतना अच्छा तो मुझे कभी नहीं लगा, जितना आज लग रहा है. आई लव यू मेरी जान!
यह सुनकर मैंने उसकी चूत में एक उंगली डालनी चाही लेकिन उसकी चीख निकल रही थी.
वह कहने लगी- बहुत दर्द हो रहा है, ऐसे मत करो.
मैंने उसको समझाया- जब इसमें लंड डालूँगा, तब बस एक बार दर्द होगा. फिर बहुत मजा आएगा.
इतना कह कर मैंने अपना लोवर और कच्छा निकाल दिया.
वह मेरे लंड को देख कर बोली- इतना मोटा लंबा … इसमें कैसे जाएगा? जब उंगली से दर्द हो रहा है तो इससे तो मेरी फट ही जाएगी.
मैंने उससे कहा- कुछ नहीं होगा, बस एक बार दर्द होगा. फिर बहुत मजा आएगा. कुछ टाइम बाद तो ये भी तुझे छोटा लगने लगेगा.
वह कहने लगी- नहीं, मैं तुम्हारे लंड को नहीं डलवा पाऊंगी.
मैंने कहा- अच्छा चूसेगी तो?
वह मना करने लगी.
लेकिन मैंने उसको समझा बुझा कर राजी कर लिया और उसके मुँह में लौड़ा दे दिया.
शुरू में उसे अच्छा नहीं लगा लेकिन थोड़ी देर बाद वह मज़े से लंड चूसने लगी.
कुछ देर बाद मैंने अपने लंड का सारा माल उसके मुँह में टपका दिया और वह पी भी गई.
उसने कहा- ये क्या था … इतना कसैला सा खट्टा खट्टा?
मैंने उसे समझाया कि यही तो असली माल था.
उसने मेरे लौड़े को चाट चाट कर साफ कर दिया.
अब वह खुल चुकी थी और बिना शर्म के लौड़ा मुँह में ले रही थी.
कुछ देर बाद लंड फिर से कड़क होने लगा और चूत की तरफ जाने को मचलने लगा.
वह लंड से बोली- साले तुझे अभी खा जाऊंगी. ज्यादा तीन पाँच न कर.
वह बेशर्म हो गई थी.
मैंने कहा- अब ये तब ही मानेगा, जब इसे इसका बिल मिल जाएगा.
वह कहने लगी- किधर है इसका बिल?
मैंने कहा- तेरी चूत ही तो इसका बिल है.
यह सुनते वह अपनी टांगें खोल कर लेट गई और अपनी चूत पर हाथ फेरने लगी.
उसकी चूत ऊपर को उठी हुई थी.
मैं उसकी चूत पर फिर से हाथ फेरने लगा और मुँह झुका कर जीभ से चूत को चूसने लगा.
वह फिर से उहह आ करने लगी.
मेरा लंड लोहा सा हो गया था.
मैं उसकी चूत चाटता रहा.
दो मिनट बाद वह खुद कहने लगी- जान मैं मर जाऊंगी … क्या हो रहा है मुझे … आह फाड़ दो मेरी चूत … इसमें पेल दो अपना लंड!
मैंने इसी पल का फायदा उठाया और लंड पर थोड़ा सा थूक लगा कर उसकी चूत पर रगड़ने लगा.
उसे लंड से और ज़्यादा आनन्द मिल रहा था.
मैंने उसकी टांगें ऊपर कर दीं और उसको ऐसे पकड़ लिया कि वह हिल ना सके.
इसी के साथ धीरे धीरे अपना लौड़ा उसकी चूत पर रगड़ता रहा.
वह कहने लगी- घुसेड़ दो न!
यह कह कर उसने जैसे ही अपनी चूत को ऊपर को उठाया, उसी वक्त मैंने एक धक्का उसकी चूत में मार दिया.
मेरा लंड उसकी चूत में दो इंच अन्दर चला गया.
और उसकी चीख निकल गई- आउ उहह मर गई … निकालो इसे … मैं मर जाऊंगी … आह मेरी चूत फट गई … आह बहुत दर्द हो रहा है.
मैं वहीं रुका रहा और उसको समझाने लगा- बस इतना ही दर्द होना था. अब धीरे धीरे मजा आने लगेगा.
उसकी आंखों में आंसू थे, वह रो रही थी और कह रही थी कि इसे निकाल लो.
मैंने कहा- ठीक है.
फिर जैसे वह रिलॅक्स हुई, तभी मैंने हल्का सा पीछे होकर एक और धक्का दे मारा.
इस बार फुल स्पीड से धक्का दिया था तो उसकी चूत में आधे से ज़्यादा लंड घुस गया.
वह चीखने लगी- मर गई मम्मी … आ उम्म आ!
मैंने देखा कि उसकी चूत से खून निकल रहा था.
मैं ऐसे ही रुका रहा और उसे चूमता रहा, उसके दूध मसलता रहा.
मेरा लंड चूत में गुर्रा रहा था.
कुछ देर बाद जब वह थोड़ी सी शांत हुई तो मैं धीरे धीरे अपने लंड को उसकी चूत में हिलाने लगा.
वह बेहोश सी हो गई थी और उसी बेहोशी के आलम में ‘उम्मह आह …’ करती हुई पड़ी रही.
थोड़ी देर बाद उसमें जान आने लगी और उसे लंड का अहसास होने लगा.
उससे उसे मजा आने लगा.
तभी मैंने ज़ोर से पूरा लंड उसकी चूत में पेल दिया.
लेकिन इस बार वह हल्का सा उहह करके रह गई और मेरा पूरा लंड अन्दर चूत में चबाने लगी.
अब धीरे धीरे धक्के देने के बाद मैं तेज़ तेज़ और पूरी ताक़त से उसकी चूत चोदने लगा.
उसकी चूत से फॅक फॅक की आवाज आ रही थी.
उसे भी पूरा मजा आने लगा था.
वह दर्द को बिल्कुल भूल गई थी और उसने अपनी टांगें ऊपर उठा ली थीं; वह मेरी कोली भरने लगी.
मैं धकापेल उसकी चूत में लंड पेल रहा था.
थोड़ी देर बाद उम्मह आह करती हुई वह झड़ गई.
उसका ये पहला अहसास था.
उसके बाद वह कहने लगी कि बहुत मजा आ रहा है जान … आज से मैं तुम्हारी हूँ.
मैं उसको चोदे जा रहा था. मैं उत्तेजना में उसको गाली देने लगा- भैन की लौड़ी, अब कैसे ले रही पूरा लंड … मादरचोदी उस वक्त कैसे कह रही थी कि इत्ता बड़ा लंड कैसे जाएगा अन्दर … देख कुतिया … ले रही है न आह … ले साली.
वह भी हंस हंस कर लंड ले रही थी.
फिर मैंने उसकी चूत में से लंड निकाला.
उसके साथ चूत में से बहुत सारा लाल पानी निकला.
मेरे पास एक रूमाल था, मैंने उससे अच्छे से उसकी चूत साफ की, लंड साफ किया और उसको कुतिया बनने को कहा.
वह मना करने लगी लेकिन मेरा हुआ नहीं था.
मैंने उसको कुतिया बनाया और पीछे से उसकी चूत में लंड पेल दिया.
वह ‘आईइ उहह.’ करके पूरा लंड लेने लगी.
अब उसकी गांड मेरी आंखों के सामने थी.
क्या मखमली गांड थी उसकी … एकदम गोल मटोल.
मेरा दिल मचल गया.
मैं हाथ से उसके चूतड़ों को थपेड़ लगाने लगा.
मेरा लंड उसकी चूत में सटासट आ जा रहा था.
थोड़ी देर चूत चोदने के बाद मैंने सारा माल उसकी चूत में ही टपका दिया और उसके बाद हम दोनों एक दूसरे से 10 मिनट तक लिपटे रहे, एक दूसरे को चूमते रहे.
फिर हम दोनों ने अपने कपड़े ठीक किए.
उससे उठा नहीं जा रहा था.
पर मैंने हाथ से उसको खड़ा किया, सहारा देकर खेत से बाहर निकाला.
अब तक अंधेरा हो गया था.
वह देसी Xxx गर्ल अपनी टांग चौड़ा कर धीरे धीरे अपने घर की ओर जाने लगी.
उस वक्त उसको कोई देख लेता तो पक्का यही कहता कि ये आज कहीं से चुद कर आ रही है.
उसके बाद 3 दिन तक वह मुझसे नहीं मिली, बस कॉल पर प्यार भरी बात करती रही.
दर्द की वजह से उसे बुखार आ गया था.
तीन दिन बाद वह मुझसे मिली और मैंने उसकी चुदाई की.
अब उसने आराम से लंड ले लिया था.
आज स्थिति यह है कि मैं लगभग रोजाना उसको चोदता हूँ और चोद चोद कर मैंने उसकी चूत का भोसड़ा बना दिया है.
अगली कहानी में बताऊंगा कि कैसे मैं उसको एक होटल में ले गया और उसकी मस्त मोटी गांड फाड़ दी.
अब उसको चोद चोद कर मेरा मन भर गया है. दूसरी सैट करने की कोशिश कर रहा हूँ.
उम्मीद है कि आपको मेरी देसी Xxx गर्ल हिंदी कहानी अच्छी लगी होगी, प्लीज कमेंट्स से बताएं.
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