सेक्सी मैडम की कहानी में 12वीं की परीक्षा के बाद मैंने एक कंप्यूटर कोर्स ज्वाइन किया. वहां की टीचर पर मेरा दिल आ गया. मैडम को भी मेरी नजर पता चल गयी. वे खुद भी प्यासी थी.
प्रिय पाठको, हसीन हसीन चूतों को और प्यारे-प्यारे लौंडों को प्यार भरा नमस्कार!
दोस्तो, छोटी-सी जिंदगी है, समय यूँ ही पंख लगाकर उड़ जाता है।
आपकी जिंदगी में एक-दो ऐसी घटनाएँ हो जाती हैं, जो ता-उम्र आपके मन-मस्तिष्क की गैलरी में स्टोर हो जाती हैं और जिंदगी भर आप उस मीठे अहसास को अपने गले लगाए रखते हैं।
दोस्तों, इसलिए जिंदगी का आनंद हर उस तरीके से लो, जो आपके मन को सुकून और शांति देता है।
इसलिए रोज नई-नई चूतों और लंडों का आनंद लो।
आपका प्यारा अनुराग अग्रवाल एक बार फिर एक नई कहानी लेकर आपके सामने हाजिर हूँ।
आशा करता हूँ कि पिछली कहानियों की तरह आपको यह सेक्सी मैडम की कहानी भी बहुत पसंद आएगी।
दोस्तों, स्त्री के अंतर्मन को कोई नहीं समझ सकता।
उसके मन में क्या है और क्या नहीं।
कभी-कभी आपके जीवन में अचानक से कोई घटना ऐसी हो जाती है, जिसकी तुम कल्पना भी नहीं कर सकते।
लेकिन वो हाथ फैलाए तुम्हें अपनी आगोश में लेने के लिए तैयार रहती है।
जब कोई स्त्री किसी को पसंद करती है, तो वह समाज को भूलकर बस तुमसे प्यार करती है।
जीवन में बहुत सारे रिश्ते न चाहते हुए भी बन जाते हैं।
स्त्री की भी चाहत होती है कि उसे भी कोई रोज प्यार करे।
वह किसी के लिए सजरे-सँवरे, नई-नई ड्रेस पहने इत्यादि-इत्यादि।
बस यहीं से कोई भी स्त्री पुरुष की ओर आकर्षित हो जाती है।
आप कहानी पढ़िए।
मुझे आशा है कि आपको यह कहानी पसंद आएगी।
मेरी पिछली कहानी
दामाद से चुदकर बेटी की सौतन बनी
आप सभी को बहुत पसंद आईं।
इसके लिए आप सभी प्रिय पाठकों और मेरी महिला मित्रों को हृदय से आभार।
इसके लिए आप सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद!
अगर मेरा कोई पाठक अपनी कोई स्टोरी मुझसे शेयर करना चाहे, तो मोस्ट वेलकम!
दोस्तो, बात उन दिनों की है, जब मैंने 12वीं की बोर्ड परीक्षाएँ देकर फ्री हुआ था और रिजल्ट आने में अभी काफी समय था।
मेरे प्यारे नौजवान साथियो, यह वह समय होता है, जब हर लड़का अपने बढ़े हुए लंड के प्रति आकर्षित रहता है।
आजकल के जमाने में तो सभी के पास एंड्रॉयड मोबाइल है और सभी को सब कुछ मालूम है।
लेकिन हमारे जमाने में सब कुछ बहुत ही अप्रत्याशित-सा लगता था।
नई-नई जवानी में लड़कों को लड़कियों के प्रति और लड़कियों को लड़कों में एक-दूसरे के प्रति आकर्षण होता है।
आज के समय में तो सब कुछ बहुत ही आसानी से उपलब्ध है।
लेकिन उस समय किसी भी चीज को प्राप्त करने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती थी।
इस उम्र में लड़कों का बढ़ा हुआ लंड और लड़कियों की मस्त चूत साथ ही साथ बढ़ती काली-काली घुँघराली झाँटें सभी का मन हर्षित करती हैं।
और सभी नए मिलन के सपने सजाए होते हैं।
कोई किसी हैंडसम लड़के की ख्वाहिश रखता है, तो कोई हैंडसम लड़की, हैंडसम भाभी, हैंडसम आंटी को ढूँढता है।
ये नई-नई जवानी भी क्या जबरदस्त होती है ना! नई-नई उमंगें, नई-नई ख्वाहिशें।
ना जाने क्या-क्या करने के लिए प्रेरित करती हैं।
इस उम्र में लगभग सभी को अपने करियर की चिंता होती है।
अगर ये कर लिया, तो वो बन जाएँगे, ये कर लिया, तो यह बन जाएँगे इत्यादि-इत्यादि।
दोस्तों, मैंने भी अपने समय का सदुपयोग करने के लिए एक कंप्यूटर कोर्स जॉइन करने का निर्णय लिया।
यहीं से मेरे जीवन की एक नई शुरुआत हुई।
मैंने सोचा नहीं था कि मुझे वो सब कुछ मिल जाएगा, जिसके लिए हर कोई तरसता रहता है।
मैंने सोचा, एक तो समय का सदुपयोग हो जाएगा और साथ ही कंप्यूटर भी सीख लिया जाएगा, जो मेरे करियर में काम आएगा।
हमारे घर से थोड़ी ही दूर पर एक कंप्यूटर सेंटर था।
मैं वहाँ अपना एडमिशन लेने के लिए गया।
दोस्तो, शायद मेरे लंड की किस्मत बहुत अच्छी थी।
वहाँ जाते हुए मेरी मुलाकात एक कमनीय, अल्हड़, मनमस्त, मस्तीली, सुंदर, सेक्सी जवान औरत से हुई।
हृष्ट-पुष्ट बहुत खूबसूरत माथे पर लाल रंग की चौड़ी बिंदी, 5 फुट 5 इंच का कद, छरहरा निखरा हुआ मस्त बदन, लाल रंग की बॉर्डर वाली प्रिंटेड साड़ी और ब्लाउज, जिसमें से उसके तने हुए नुकीले चूचक ढक रहे थे और खूब गोरा रंग।
उस औरत के मनमस्त, मादक हुस्न को देखकर मेरा लंड तो पैंटी में ही उछलने लगा।
साली जबरदस्त लग रही थी।
बहुत ही हसीन हाथ, सुंदर सुढौल उंगलियाँ, सुंदर नाखून जिन पर डार्क रेड कलर की नेल पॉलिश लगाई हुई थी।
लहराते हुए रेशमी बाल, लंबी नाक, बड़ी-बड़ी नशीली आँखें, होंठों पर लाल रंग लिपस्टिक जो आमंत्रण दे रही थी – आओ और चूस लो।
उसके चेहरे में एक अजीब-सी कशिश थी।
दोस्तो, आपने भी कभी महसूस किया होगा।
जब कोई सुंदर लड़की या कोई औरत हमारे सामने आती है तो हमारे तन-बदन में आग लग देती है।
और मन करने लगता है कि अभी पकड़ कर चोद डालो साली को।
मैडम की खुशबूदार साँसों ने मन में तूफान पैदा कर डाला था।
वहाँ उपस्थित सभी बच्चे उन्हें तमन्ना मैम कहकर पुकार रहे थे।
तमन्ना मैम ने मुझसे पूछा, “जी, आप कौन? और यहाँ क्या कर रहे हैं?”
मेरी तो तमन्ना मैम के आगे आवाज ही बंद हो गई।
मैं तो उन्हें देखता ही रह गया।
उन्होंने मुझसे दोबारा पूछा, “आप कौन?”
एकदम से मेरी तंद्रा भंग हुईम मैं बोला, “जी मैम, मैं… मैं यहाँ कंप्यूटर सीखने आया हूँ!”
तमन्ना मैम बोली, “अच्छा! तो क्या नाम है आपका?”
मैं बोला, “जी, मैम मैं अनुराग। मैंने अभी-अभी बारहवीं का एग्जाम दिया है। इसलिए मैं कंप्यूटर सीखना चाहता हूँ!”
तमन्ना मैम बोली, “अच्छा अनुराग, ठीक है! तुम ये वाला फॉर्म भर दो और साथ में 1000 रुपये एडमिशन फीस के भी जमा करा दो!”
एडमिशन देते हुए तमन्ना मैम मुझे आँखों ही आँखों में तोल रही थी।
वो लगभग 25-26 साल की भरे बदन की मैडम थी। उनके माथे पर लाल रंग की चौड़ी बिंदी, सिर पर सिंदूर, गले में मंगलसूत्र जो उनके शादी-शुदा होने की गारंटी दे रहे थे।
उनके दोनों बूब्स (चूचियाँ) एकदम तने हुए लगभग 36 के साइज के थे।
उनकी गदराई मोटी चूतड़ (गांड) हिलती हुई बड़ी मस्त लग रही थी।
उन्होंने थोड़ी हील वाली सैंडल पहनी हुई थी।
जब वो चल रही थी, तो उनकी हिलती हुई गांड बड़ी हसीन लग रही थी।
जैसे कह रही हो, “आजा मेरे राजा, आज मेरी गांड को बजा जा!”
मैंने तमन्ना मैम से पूछा, “मैम, मैं कब से आना है? और साथ में क्या-क्या लाना है?”
वो मेरे पास आई।
उनकी साँसों की खुशबू, बदन से आती हुई मादक महक ने मुझे उनका दीवाना बना दिया था।
और मैं बस उन्हें और उनके मोटे-मोटे बूब्स को ही गौर से देख रहा था।
शायद उन्होंने भी मुझे अपने बूब्स को ताड़ते हुए देख लिया था।
उन्होंने मुझसे कहा, “अनुराग, क्या देख रहे हो?
और मुझसे बोली, सुबह 8 बजे से आना है और एक कॉपी साथ में लानी है!”
मैं घर वापस आया और सारी रात तमन्ना मैम का चेहरा मेरी आँखों में घूमता रहा।
दोस्तो, ऐसा ही होता है। जब कोई दिल और दिमाग में बस जाता है, तो हर तरफ वो ही वो नजर आने लगता है।
तमन्ना मैम का हसीन चेहरा, मादक मुस्कान, उनके बूब्स और उनकी हिलती हुई गांड ने मुझे अपना दीवाना बना लिया था।
रात भर मैं यही सोचता रहा कि मैडम की चूत कैसी होगी?
कितना नशा होगा उनकी चूत में?
मन ही मन उनकी कल्पना मुझे मस्ती में डुबो रही थी।
उस रात मैंने तमन्ना मैम को सोच-सोच कर दो बार मुठ मारी।
दोस्तो, आप यदि कभी ऐसे हालात से गुजरे हों, तो आपको जरूर पता होगा कि वो भी क्या जबरदस्त कशिश होती है।
मैं रात भर सुबह होने का इंतजार कर रहा था।
दोस्तो, एक बात और, जब आप किसी का इंतजार करते हैं, तो वो लम्हा ऐसा लगता है कि कितना लंबा हो गया हो। काटे नहीं कटता वो पल।
अगले दिन मैं सुबह जल्दी उठकर, नहा-धोकर, समय से आधा घंटा पहले ही कंप्यूटर सेंटर पहुँच गया।
मुझे दूर से ही तमन्ना मैम आती हुई दिखाई दी।
मेरे पास आकर तमन्ना मैम रुकी, वे बोली, “हाय! तुम अनुराग हो ना?”
मैं बोला, “जी तमन्ना मैम, मैं अनुराग!”
तमन्ना मैम बोली, “अच्छा! गुड मॉर्निंग अनुराग! आओ, अंदर आओ.
और मुझसे बोली, अनुराग, तुम आगे वाली सीट पर बैठ जाओ!”
मैं आगे वाली सीट पर बैठ गया।
और भी स्टूडेंट्स क्लास में आ चुके थे।
वो भी बैठ गए।
तमन्ना मैम अब ब्लैक बोर्ड पर कुछ लिखने लगी।
उनकी गांड मेरे सामने थी।
मेरा मन फिर से उनकी गांड मारने के खयाल में खो गया।
क्या करें दोस्तो, ये साली 18 साल की उम्र होती ही कुछ ऐसी है।
मैं भी नया-नया जवान, मस्त फिगर वाला 5 फुट 8 इंच का नौजवान लड़का था।
तमन्ना मैम ने बहुत ही सुंदर पिंक कलर की साड़ी पहनी थी।
लाइट पिंक ब्लाउज के नीचे काले रंग की ब्रा साफ दिखाई दे रही थी।
साड़ी के पल्लू से उनकी चूची का बॉर्डर जुबान पर पानी ला रहा था।
लालच मन में आ रहा था।
दोनों चूचियों के बीच की गहरी लाइन ब्रा के ऊपर से लंड को मस्ती दिला रही थी।
लंड में अपने आप ही तनाव आ रहा था।
अचानक से वो एकदम मुड़ी और मेरे पास आकर खड़ी हो गई।
वो मेरे इतने करीब आ गई थी कि उनका पेट वाला खुला हिस्सा मेरे मुँह के एकदम सामने था।
जिससे उनकी गोल-गोल नाभि की महक मेरे नथुनों में मीठा-सा जहर घोल रही थी।
फिर एकदम से उनके हाथ का पेन नीचे गिरकर मेरे सामने टपक गया।
जैसे ही उसे उठाने के लिए वो नीचे झुकी, उनकी दोनों चूचियाँ मेरे सामने थी।
दोस्तो, उस समय किसी की भी क्या स्थिति होती है, आप खुद समझ सकते हैं।
दिल अचानक से जोरों से धड़कने लगता है।
एक अजीब-सी मीठी सुकून दिल और दिमाग पर छा जाता है।
मेरी दोनों आँखें तमन्ना मैम की चूचियों की घाटियों को घूर रही थी।
शायद तमन्ना मैम ने भी मुझे उनकी चूचियों को इस प्रकार ताड़ते हुए नोट कर लिया था।
फिर वो खड़ी होकर वापस ब्लैक बोर्ड पर जाकर हमें कंप्यूटर के बारे में समझाने लगी।
क्लास खत्म होने के बाद तमन्ना मैम ने मेरे पास आकर कहा, “अनुराग, तुम अभी मुझसे मिलकर जाना!”
मैडम मुझसे मिलने के लिए कहकर दूसरे वाले रूम में चली गई थी।
मेरी तो एकदम से गांड ही फट गई कि क्या होगा।
मैडम के कहने का तरीका थोड़ा-सा रूड भी था।
मेरे दिमाग की घंटी बजी कि साले, शायद मैडम नाराज हो गई हैं।
क्या होगा और क्या नहीं होगा?
एकदम से बहुत सारे विचार दिमाग में आने लगे।
कुछ देर तक मैं ऐसे ही बैठा रहा।
फिर हिम्मत करके मैडम के रूम की ओर जाने लगा।
कंप्यूटर रूम के सामने एक छोटा-सा रूम था जो शायद तमन्ना मैम का बैठने का रूम था।
मैं बोला, “मैं आया, कमिंग मैम!”
तमन्ना मैम बोली, “यश! अनुराग, यू मैडम इन एंड सिट डाउन!”
मैडम मेरी ओर देखते हुए, अपनी प्यारी आँखों से मेरे जिस्म का जायजा लेते हुए बोली, “अनुराग, तुम क्या देख रहे थे?”
मैं बोला, “कुछ नहीं मैम!”
तमन्ना मैम बोली, “कुछ तो! मैं तुम्हें कल से देख रही हूँ। तुम मुझे इस प्रकार क्यों घूर रहे हो?”
मैं बोला, “नहीं मैम! ऐसा कुछ नहीं है। पर मैडम, एक बात कहूँ, आप बुरा तो नहीं मानेंगी? आप सच में बहुत खूबसूरत हो! यू आर सो ब्यूटीफुल मैम!”
तमन्ना मैम बोली, “इट्स ओके! मुझे सब पता है। तुम्हारा ध्यान कहाँ है? अनुराग, अपना ध्यान पढ़ाई में लगाओ। इस कंप्यूटर क्लास के लिए नए हो। मैं कुछ नोट्स और कुछ बुक तुम्हें दे देती हूँ। तुम घर जाकर उन्हें पढ़ना और जो कुछ समझ न आए, तो मुझसे आकर कल पूछ लेना!”
सेक्सी मैडम ने हँसते हुए अपना एक हाथ मेरे हाथ पर रख दिया।
उनके हाथ की छुअन से ही शरीर में एक अजीब-सी सिहरन पैदा हो गई।
और शायद ऐसा ही अनुभव तमन्ना मैम ने भी किया था।
तमन्ना मैम ने मुझसे कहा, “अनुराग, आज तुम्हारी क्लास खत्म हो गई है। तुम चाहो तो जा सकते हो। और कल समय से आ जाना!”
मैंने तमन्ना मैम को धन्यवाद किया और घर वापस आ गया।
दोस्तो, पूरे दिन और पूरी रात मुझे बस सेक्सी मैडम तमन्ना मैम का हसीन चेहरा, उनका फिगर ही दिखाई देता रहा।
उनके हाथ का टच मैं अभी तक महसूस कर रहा था।
अगले दिन मैं फिर से आधा घंटा पहले ही सेंटर पहुँच चुका था।
उस वक्त सेंटर पर कोई नहीं आया था।
थोड़ी देर बाद तमन्ना मैम ही अपनी स्कूटी पर आती हुई दिखाई दी।
उन्हें अपने चेहरे पर काला चश्मा पहना हुआ था और दूर से ही बहुत ही सुंदर दिखाई दे रही थी।
मेरे पास आते ही तमन्ना मैम ने पूछा, “अनुराग, क्या बात? आज तो तुम बहुत जल्दी आ गए हो शायद!”
मैं बोला, “जी मैम, वेरी गुड मॉर्निंग! हाय यू! आपसे लगाव जो हो गया है!”
तमन्ना मैम मुस्कुराते हुए बोली, “अच्छा जी! जनाब को एक दिन में ही मैडम से लगाव हो गया! शैतान!”
मैडम मेरी ओर देखकर बोली, “अनुराग, तुम मुझ पर लाइन मार रहे हो!”
मैं बोला, “नहीं मैम! सच में आप बहुत सुंदर हो!”
तमन्ना मैम बोली, “तुम भी बहुत हैंडसम हो अनुराग! तुम क्या-क्या करते हो?”
मैं बोला, “कुछ नहीं मैम! बस अभी-अभी 12वीं का एग्जाम दिया और अब आपसे कंप्यूटर सीख रहा हूँ। शायद भविष्य में कुछ काम आए! बस यही!”
तमन्ना मैम बोली, “ओह! अच्छा, गुड!”
मैडम मुझसे बोली, “चलो, अब कुछ पढ़ाई-लिखाई कर लें!”
फिर हम दोनों क्लास में आ गए और भी स्टूडेंट्स क्लास में आ गए।
धीरे-धीरे तमन्ना मैम मुझसे खुलने लगी थी।
हँसना, मुस्कुराना, हाथ से हाथ टच करना इत्यादि अब हमारे बीच होने लगा था।
तमन्ना मैम सुबह 8 बजे से लगभग 2 बजे तक सेंटर पर रहती थी इसलिए वो अपना नाश्ता साथ लेकर आती थी।
अब तो मेरे लिए भी नाश्ता बनाकर लाने लगी थी और मुझे अपने साथ नाश्ता करने के लिए बुला लिया करती थी।
हम दोनों ही एक-दूसरे के प्रति आकर्षित हो रहे थे।
मुझे अभी कंप्यूटर क्लास जॉइन किए हुए मुश्किल से ही 7 दिन हुए थे लेकिन ऐसा लग रहा था कि हम दोनों एक-दूसरे को कितने दिनों से जानते हों।
अब हम दोनों एक-दूसरे से काफी घुल-मिल गए थे।
वैसे तो मेरी क्लास केवल 1 घंटे की ही थी लेकिन मैं अब वहाँ पर काफी देर तक बैठा रहता था।
मैडम ने एक कंप्यूटर की व्यवस्था अपने रूम में ही मेरे लिए कर दी थी।
तमन्ना मैम अब मुझसे अपनी सारी बातें शेयर करने लगी थी।
तमन्ना मैम मुझे बता रही थी, “मेरी शादी को अभी 5 महीने ही हुए हैं। मेरे पति सुनील मर्चेंट नेवी में हैं और वो 6 महीने जॉब पर बाहर रहते हैं और 6 महीने घर पर। पिछले महीने ही वो अपनी जॉब पर चले गए!”
एक दिन सुबह-सुबह मैडम का मूड खराब था, शायद।
मैंने मैडम से पूछा, “क्या हुआ?”
मैडम बोली, “अनुराग, कुछ नहीं!”
मैडम की शक्ल ही बता रही थी कि शायद आज कुछ हुआ है।
मैंने क्लास खत्म होने पर मैडम से पूछा।
मेरे बहुत ज्यादा कहने पर उन्होंने कहा, “अनुराग, अब तुमसे क्या छुपाना! तुम ही बताओ अनुराग, कोई अपनी इतनी सुंदर बीवी को यूँ 6 महीने के लिए छोड़कर जाता है क्या? और 1 हफ्ता हो गया है, सुनील ने मुझसे बात तक नहीं की है! मेरे मन की भावना को कोई नहीं जानता। मैं किससे अपने मन की बात करूँ? एक मेरी ननद है, वो भी कुतिया अपने में बिजी रहती है। हरामजादी ने अपना एक बॉयफ्रेंड बनाया हुआ है। बस सारे दिन उसी के गीत गाती रहती है, कुतिया! और आज तो उस हरामजादी ने हद ही कर दी। हर वक्त मुझे चिढ़ाती रहती है, कुतिया! मेरा मूड कल से ही बहुत खराब है, अनुराग!”
मैडम बोली, “और मेरे सास-ससुर बूढ़े और बुद्धिया, साले वो भी दुनिया से बेखबर नये आशिकों की तरह बचपन हर समय चोंच लड़ाए रखते हैं। एक-दूसरे में खोए रहते हैं। वो भी अपने में ही मस्त रहते हैं। घर में जवान बहू है, किसी को किसी की नहीं पड़ती है!”
मैडम बोली, “अब तुम ही बताओ, अनु, मैं क्या करूँ यार? कल से ही सुनील की बहुत याद आ रही है!”
मैं मैडम की शक्ल देख रहा था, उनके मुँह से निकलती गालियाँ।
दोस्तो, एक नई नवेली दुल्हन की कुछ इच्छाएँ होती हैं। उसका पति उसे रोज-रोज प्यार करे। सेना में, नेवी में या अन्य किसी ऐसे व्यवसाय में लगे लोग शायद ही अपनी पत्नियों की इच्छा पूरी कर पाते हैं। इसलिए औरत को दूसरा साथी तलाशना होता है।
पहली बार किसी भी औरत को किसी गैर मर्द के पास जाने के लिए बहुत ही हिम्मत जुटानी होती है।
कई तरह की शंका, कुशंका उसे घेरे रहती है।
और उसे इन आशंकाओं से निकलकर अपने मन को नया आनंद दिलाने का प्रण करना पड़ता है।
फिर जब पहली बार पुरुष द्वारा स्त्री की यह सील टूट जाती है, तो उसके साथ ही स्त्री की झिझक, उसका संकोच भी टूट जाता है।
और उसमें कभी भी, किसी के साथ भी संबंध बनाने का साहस आ जाता है।
अब धीरे-धीरे तमन्ना मैम मेरी और आकर्षित हो रही थी।
मुझे यह सब बताते हुए मैडम की आँखों में आँसू आ गए।
मैंने अपनी जेब से रुमाल निकाला और मैडम के आँसू पोंछने लगा।
अनायास ही मेरा हाथ तमन्ना मैम की कमर तक चला गया और मैंने उनका सिर अपने कंधे पर रख लिया और उन्हें सांत्वना देने लगा।
मैं बोला, “मैम, आप चुप हो जाइए! सब ठीक हो जाएगा!”
सेक्सी मैडम ने भी अपने दोनों हाथ मेरी कमर डालकर मुझे अपनी आलिंगन में ले लिया और मुझे बेहताशा चूमने लगी।
मैं एकदम से घबरा गया।
मैडम मेरे कान में बोली, “अनुराग, तुम बहुत हैंडसम हो! मैं बहुत प्यासी हूँ, अनुराग!”
मैडम बोली, “मेरी प्यास बुझाओगे?”
मैं एकदम अचंभित रह गया। मुझे तो सामने से खुला आमंत्रण मिल रहा था।
सेक्सी मैडम बोली, “तुम भी तो यही चाहते थे अनुराग! लो, अब मैं तुम्हारी हूँ!”
मैडम ने मुझसे कहा, “कल मेरे घर पर कोई नहीं है। क्या तुम कल मेरे घर आ सकते हो? आज मेरे सास-ससुर और मेरी ननद का एक शादी में जाने का प्रोग्राम है। तो कल मैं घर पर अकेली रहूँगी!”
मैं तो मन ही मन मुस्कुरा उठा।
मैं भी तो यही चाहता था। मैं जानता था कि मैडम को मेरी कंपनी क्यों चाहिए।
मैडम को अपनी चूत की खुजली मिटानी थी।
मैंने झट से हाँ भर दी।
सारी रात मुझे तमन्ना मैम का हसीन गोल-मटोल चेहरा, उनके बूब्स और उनकी मस्तीली चूत ही नजर आती रही।
और मुझे अपने भाग्य पर भी बड़ा गुमान हो रहा था।
मुझे जिंदगी का पहला सेक्स सुख मिलने जा रहा था।
सेक्सी मैडम की कहानी 3 भागों में चलेगी.
आप हर भाग पर मुझे मेल और कमेंट्स में अपने विचार बताना.
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सेक्सी मैडम की कहानी का अगला भाग: