लड़की के साथ ट्रेन का सुहाना सफर

Xxx ट्रेन चुदाई कहानी में मैं प्रथम श्रेणी केबिन में था. तभी एक जवान लड़की एक ज्यादा उम्र के आदमी के साथ आई. उस लड़की ने मुझे दो रात मजा दिया.

नमस्कार दोस्तो, कैसे हो आप!
आशा करता हूं कि अच्छे ही होंगे।

दोस्तो, मेरा नाम है रतीश, उम्र 30 साल।
बैंगलोर में मैं सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी करता हूं।

कभी आपके साथ ऐसा कुछ हुआ है जिससे आप को लगे ‘यार मेरी किस्मत ही फूटी है.’
मगर आगे चल कर यह एहसास हो कि किस्मत ने आपके हिस्से में कुछ अलग सी चीज ही लिखी हुई है।

तो मेरे जिंदगी में कुछ ऐसा अनोखा घटना घटी जिससे मैं आप के सामने बयान करने जा रहा हूं।
आशा करता हूं कि मेरी कहानी आप को जरूर पसंद आयेगी।

तो यह Xxx ट्रेन चुदाई कहानी है 2021 की अप्रैल की महीने की।
तब मैंने अपनी पुरानी कंपनी से इस्तीफा दे दिया था.

मुझे कुछ ट्रेनिंग के सिलसिले में दिल्ली जाना था।

अप्रैल 20 को मेरी ज्वाइनिंग थी तो मैं हवाई जहाज की टिकट बुक करवाने लग गया।
18 तारीख की टिकट ले ली मैंने!

उस दिन सुबह से सारे सामान को बस्ते में भर के तैयार हो के हवाई अड्डे पर जा पहुंचा।

और किस्मत देखिए, दोस्त उस दिन एक मेडिकल इमरजेंसी का मरीज मेरे पास आकर बहुत गिड़गिड़ा कर बोला कि उनका दिल्ली जाना बेहद जरूरी है. नहीं तो उनकी जान नहीं बच पाएगी। और फ्लाइट में सीट नहीं है।

न मन होते हुए भी मुझे उनको अपना सीट देनी पड़ी।

मैंने फटाफट बुकिंग काउंटर पर जाकर अगली फ्लाइट के लिए बुक करना चाहा मगर अगले सारे फ्लाइट्स ओवर बुक्ड हो चुके थे।
मेरी आंखों के सामने अंधेरा छा गया।

दिल में जो सुकून था किसी जरूरतमंद की मदद करके, वो अभी खुद के लिए गाली बन गया था।

क्या करूं … कुछ समझ नहीं आ रहा था।
तभी मैंने सोचा कि क्यूं ना ट्रेन में टिकट देख लूं।

सौभाग्य से मुझे अगले दिन की टिकट मिल गई फर्स्ट AC में!

मैं घर लौट आया उस दिन और अगले दिन समय से पहले स्टेशन जा पहुंचा।

ट्रेन आकर रुकी।
मैं अपने केबिन में बैठ गया।

4 सीटें थी उसमें … मगर मैं अकेला था।
तो बड़ी खुशी हुई मुझे!

मगर कुछ देर बाद वहां 2 लोग आए।

मुझे लगा कि ये शायद बाप बेटी हैं क्यूंकि जो आदमी था उसका उमर लगभग 45 से ज्यादा थी और जो लड़की थी वो लगभग 25 से 27 के बीच होगी।

वे लोग भी बैठ गए वहां!
बात करते करते कुछ देर में ही मुझे अंदाजा हो गया कि यह आदमी कोई सरकारी नौकरी करता है.
और उसके बाद की कहानी आप समझ ही सकते हो।
लड़की के बाप ने सरकारी नौकरी देख कर बुड्ढे से शादी करवा दी उसकी!

खैर अपने को क्या … मन ही मन में सोचने लग गया।

ट्रेन के चलते ही बुड्ढे ने अपनी बैग से एक बड़ी सी शराब की बोतल निकाली और मुझे देख के पूछा- तुम लेते हो क्या?
मैंने उससे साफ मना कर दिया।

वह वहां बैठ कर पीने लग गया।

उसे नशा होते ही उसके बीवी बोली- आप ऊपर जा के पियो और वहीं सो जाओ।
और वह बुड्ढा ऊपर चला गया।

अब उसकी बीवी और मैं ही नीचे बैठे थे।

बहुत ही खूबसूरत थी वो!

हम बात करने लगे इधर उधर की!

और बातों बातों में ही पता चला कि उसका नाम शीतल है।
उसकी शादी कैसे हुई … उसका पति कैसे उसको खुश नहीं रखता है वगैरा वगैरा!

बात करते करते वक्त कहाँ बीत गया, पता नहीं चला।

शाम हो गई उसका पति नशे में ऊपर सोया था।
हम दोनों खाना खा के सीने को तैयार हो गए।

वह अपनी बेड पे लेट गई।
मैं अपने बेड पे लेटे लेटे मोबाइल में कुछ करने लग गया।

मुझे नींद नहीं आ रही थी।

लगभग 10.30 बजे मुझे अपने पैरों में कुछ महसूस हुआ।
मोबाइल की रोशनी से देखा तो शीतल खड़ी थी मेरे पास!

मैंने पूछा- क्या हुआ?
तो वह बोली- आपको नींद नहीं आ रही है क्या?
मैं बोला- हां, नहीं आ रही है।

तो वह मेरे पास में बैठ गई और अपने हाथ मेरी पैंट के ऊपर सहलाने लगी।
मुझे कुछ समझ में नहीं आया।

ऊपर से अंधेरे में कुछ दिखाई भी नहीं दे रहा था।

मैं फिर से मोबाइल की रोशनी से उसको देखने लगा तो वह रोशनी बुझाने के लिए इशारा करने लगी।
मैं कुछ समझ ही नहीं पा रहा था।

और उतने में ही वह मेरे ऊपर लेट गई और मुझे चूमने लगी पागलों की तरह!

मेरी धड़कन ट्रेन की तरह भागने लगी।
और मैं भी उसको चूमने लगा।

कितने नर्म, मुलायम होंठ थे उसके!
मैं अपना हाथ उसकी गांड के ऊपर रखकर दबाने लगा।

हाए यह गांड है या कोई मखमली केक। इतनी नरम भी कोई चीज हो सकती है मुझे नहीं मालूम था।

कुछ देर जी भर के मुझे चूमने के बाद वह धीरे धीरे नीचे जाने लगी।
और जाते जाते मेरी छाती पर और पेट को चूमते हुए गई।

मेरा लंड तब तक खड़ा हो चुका था।

पैंट का बटन खोल के उसने मेरे लंड को बाहर निकाल लिया।

“हे भगवान!” वह बोली।
मैंने कहा- क्या हुआ?
वह बोली- यह क्या है?
मैंने कहा- यह तो मेरा हथियार है।
वह बोली- इतना बड़ा?
मैंने कहा- हां!

वह खुश हो गई और चूमने लग गई उसको!
बहुत ही अद्भुत शांति मिल रही थी मुझे

इससे पहले मैंने कभी किसी के साथ सेक्स नहीं किया था।
तो आप समझ ही सकते ही।

खैर वह मेरे लंड को चूमने लगी चाटने लगी।

मैं आंखें बंद कर के यह सब अनुभव कर रहा था।

अचानक उसने मेरे लंड को अपने मुंह में भर लिया।

हाय! मैं पागल हो उठा उसके मुंह की गर्मी से!

लोलीपॉप की तरह चूसने लगी उसको वह!
उसकी लार से लथपथ हो गया मेरा लंड।

उसके चूसने की सिर्फ आवाज आ रही थी मुझे!
कभी कभी इतना जोर से वह मेरे लंड को अपने मुंह में घुसा लेती थी तो उसके गले तक पहुंच जाता था।

मैं तो जैसे स्वर्ग में ही था।

बस 10 मिनट चूसने के बाद मुझे अहसास हुआ कि अब मेरा वीर्य निकलने वाला है।
तो उसे मैंने इशारा कर दिया।

मगर उसने अपनी चूसने की रफ्तार बढ़ा दी।
और देखते ही देखते मेरे लंड से वीर्य पच पच कर के उसके मुंह के अंदर निकल गया।

मैंने उसको घूंट लेकर मेरे सारे वीर्य को पीने की आवाज सुनी।
वह मेरे पास आकर बोली- काश … मुझे ऐसे हथियार से पानी पीने मिलता।

मैंने उसके मुंह से मेरे वीर्य का गंध आती महसूस की।

मैं बोला- यह तुमने जो किया, यह सही नहीं है। अगर तुम्हारे पति जाग जाते तो?
वह बोली- वो एक बार सोता है तो उसके पास बम गिरेगा तो भी नहीं उठेगा।

और हम दोनों हंसने लगे।

कुछ देर तक हम बात करते रहे।
फिर उसने मुझे अपने अंदर की आग बुझा देने को कहा।

मैं भी राजी हो गया उसकी इस बात से!

हम फिर से एक दूसरे की चूमने लगे।
एक बार फिर से उसने मेरे लंड को चूस चूस कर सख्त बना दिया।

मैंने एक चादर नीचे बिछा दी।

अपनी साड़ी ऊपर करके उसने अपनी पैंटी निकाल ली।
मैं उसकी चूत पर उंगली फिराने लगा तो वो पहले से भीगी हुई थी।

मैंने फटाफट उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया।
‘उई मा … मर गई!’ ऐसी आवाज निकल गई उसके मुंह से!

मैंने अपने हाथों से उसका मुंह बंद कर दिया और उसको धीरे धीरे चोदने लगा।

उसकी चूत की गर्मी मुझे महसूस हो रही थी।
तब उसका ब्लाउज निकाल कर उसके चूचे चूसने लगा मैं!
वह पागल होती जा रही थी।

ऐसे 15-20 मिनट उसको घमासान चोदने के बाद उसकी चूत से पानी बहने लगा।
मैंने उसके मुंह को दबाए रखा था ताकि वह चीख ना सके।

चरमोत्कर्ष से उसका शरीर कांप उठा।

उसका पानी निकलते ही मेरा भी समय आ गया।
मगर उसने अपने टांगों से मेरी कमर बांध के रखा था इसीलिए सही समय पर मैं अपना लंड नहीं निकल पाया और उसकी चूत के अंदर ही निकल गया।

वह खुश हो गई इससे!
मैंने कहा- पागल हो क्या? तुम्हारे अंदर ही निकल गया … अब क्या करोगी?
वह बोली- ठीक ही हुआ. इस बूढ़े में इतणा दम नहीं है जो बच्चे दे सके मुझे!

तब हम दोनों ने कपड़े पहन लिए।

मैंने बाथरूम में जाकर खुद को साफ कर लिया।

मैं आया तो वह बाथरूम गई।

चादर को उठाने के लिए मैं मोबाइल की रोशनी में नीचे झुका तो चादर पूरी गीली हो चुकी थी और आसपास फर्श भी पानी से भीग चुका था।

मैंने मन में ही सोचा कि यह लड़की शायद बहुत ही भूखी थी।

इतने में वह आई तो मैंने उसको उसका पानी दिखाया।
वह बोली- यह पहली बार हुआ है मेरे साथ!

फिर उसने उस चादर से ही साफ कर दिया वो सब!

और फिर हम दोनों अपनी अपनी सीट पर सो गए।

सुबह हुई तो मैंने देखा कि बूढ़ा सामने बैठा है और शीतल सोई हुई थी।

मुझे देखते ही उसने मुझे गुड मॉर्निंग कहा और मैंने भी बदले में उसको गुड मोर्निंग कहा।

“नींद कैसी आई रात में?” उसने पूछा।
तो मैंने ‘अच्छी आई’ बोल दिया।

हम दोनों बात ही कर रहे थे कि शीतल भी उठ गई।
मैंने उसको गुड मॉर्निंग बोला.
वो भी शर्म से मुस्कुरा कर गुड मॉर्निंग बोली।

दिन हमने बातें करके काट दिया और फिर रात आई।

बूढ़ा ऊपर दारू पीकर सो गया और मैंने और शीतल रात भर चुदाई की।

उस रात 3 राउंड Xxx ट्रेन चुदाई में मेरा वीर्य उसकी चूत में भर गया।

सुबह सुबह हम दिल्ली पहुंच गए।

जाते जाते हमने एक दूसरे का मोबाइल नंबर ले लिया।

आज तक हम फिर कभी नहीं मिले मगर व्हाट्सएप पर बात होती रहती है।

उसको अब एक बेटा है जिसको अभी अभी एक साल पूरा हुआ।
वह कहती है वो मेरा खून है मगर पता नहीं!

खैर देखते हैं कब पुनः होती है मुलाकात उससे!

अगर वह मुझे मिलती है तो कहानी का अगला भाग बन कर आप के पास आयेगा।

आशा करता हूं आपको Xxx ट्रेन चुदाई कहानी अच्छी लगी होगी।
अपना ख्याल रखना!
मिलते हैं जल्द ही!
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