हॉट सेक्सी भाभी न्यूड स्टोरी में पढ़ें कि एक शादी में मिली भाभी को सेट करके मैं अपने घर ले आया. वहां हम आपस में गले मिले और सेक्स की शुरुआत हो गयी.
फ्रेंड्स, मैं संदर्श एक बार फिर से शादी में मिली मदमस्त हसीन कोमल भाभी की चुदाई की कहानी का अगला भाग लेकर हाजिर हुआ हूँ.
कहानी के पिछले भाग
शादी में मिली भाभी को पटा कर मजा लिया
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैंने कोमल को मैसेज किया था कि वो मुझसे राजी है तो मेरी बताई हुई ड्रेस पहन कर आए.
वो आई तो, मगर उस ड्रेस नहीं आई, जिससे मेरा दिल टूट गया.
अब आगे हॉट सेक्सी भाभी न्यूड स्टोरी:
मेरा जबरदस्ती सबंध बनाने में कोई मन नहीं रहता है. जब तक सामने वाली पूरी सहमति से बराबर की साझेदारी न करे, उसमें वो पैशन न हो जो उसे मेरे साथ जंगली ना बनाए तब तक क्या मजा.
कोमल मेरे करीब आई और बोली- मेरा ये ड्रेस कैसी लगी?
शायद ये उसने जानबूझ कर पूछा था.
मैं- कोमल तुम अच्छी तरह जानती हो, मेरा दिल टूट गया है.
कोमल- यार ये आशिकों वाली बात मत किया करो.
मैं- आशिक ही तो हूँ.
कोमल- चलो मुझे देर हो रही है. मुझे एक जगह ड्रॉप कर दो, किसी से मिलने जाना है.
मैं- जी मैं आज तुम्हारी आखिरी बार मदद कर देता हूँ. मुझे भी किसी से मिलने जाना है.
कोमल मुस्कुरा रही थी और मैं उदास था.
कोमल मेरी गाड़ी में पूरे हक से बैठ गई और मैंने गाड़ी ड्राइव करना स्टार्ट कर दिया.
मैंने पूछा- कहां जाना है मैडम?
कोमल- यहां से लेफ्ट, आगे से राइट और सीधे चलो.
फिर कोमल रोड पर लाकर मुझसे बोली- अब जहां मुझे ले जाने वाले थे, वहीं ले चलो.
मैं- मतलब?
कोमल ने अपने हाथ में लिया हुआ बैग खोला और मुझे दिखाया. उसमें वो साड़ी थी, जो कि शादी वाली उस रात को उसने पहनी थी.
इसी के बारे में मैंने कोमल को बोला था.
मैंने उसकी तरफ हैरानी से देखा, तो कोमल ने अपनी एक आंख मेरी तरफ देख कर दबा दी.
‘हाय … मेरा तो मरना ही न हो जाए … क्या ये सब सच है?’
‘यकीन नहीं हो रहा?’
मैंने गाड़ी चलाते हुए कोमल के हाथ को पकड़ा और उसको चूम लिया.
इससे कोमल के शरीर में एक अजीब सी सिहरन होने लगी थी, जिसका मुझे भी अहसास हो गया था.
मैं जल्दी से अपनी गाड़ी अपने अपार्टमेंट की तरफ लेकर आ गया. गाड़ी पार्क करके हम दोनों लिफ्ट से घर में प्रवेश कर गए.
मैंने कोमल से कहा- ये लो चाभी, आज से ये घर तुम्हारा हुआ कोमल, तुम इसकी मालकिन हो, अब खोलो गेट को.
कोमल ने दरवाजा खोला.
कोमल अन्दर आई, मैं भी कोमल के साथ अन्दर आ गया.
अन्दर आकर सबसे पहले मैंने घुटनों पर बैठकर गुलाब को कोमल की तरफ बढ़ाया और उसके सामने अपना प्रणय निवेदन किया.
क्या कोमल मेरे साथ सात जन्मों का साथ देने को तैयार हो?
आज से मेरा सब कुछ तुम्हारा.
दिल करता है ज़िंदगी तुझे दे दूँ.
ज़िंदगी की सारी खुशियां तुझे दे दूँ..
दे दे अगर तू मुझे भरोसा अपने साथ का,
तो यकीन मान … अपनी सांसें भी तुझे दे दूँ..’
वो मेरी तरफ प्यार से देखने लगी.
मैंने आगे कहा- मेरी निगाहें तुम्हारी निगाहों को देख रही हैं, मेरा मन भगवान से प्रार्थना कर रहा है कि कोमल मेरा ये प्रणय निवेदन स्वीकार कर ले.
फिर वही हुआ, कोमल ने मेरे हाथ से वो गुलाब का फूल ले लिया और मेरा प्रणय निवेदन स्वीकार कर लिया.
कसम से मेरे दिल में इतनी खुशी हुई कि मैं उसका इजहार नहीं कर सकता.
मैंने उठकर कोमल को अपने सीने से लगा लिया. कोमल ने भी मुझे अपनी बांहों में कस लिया.
हम दोनों एक दूसरे की बांहों में आलिंगनबद्ध हो गए.
कोमल का बदन अंगारे की तरह तप रहा था और उसकी गर्म सांसें मेरी गर्दन पर पड़ रही थीं.
कोमल के चूचे इतने कड़क थे कि वो मेरे सीने में छेद करने को उत्सुक दिखाई दे रहे थे.
मेरा लंड भी कड़क होकर कोमल की सलवार के ऊपर से उसकी चूत के ऊपर ठोकर मार रहा था.
मैंने कोमल को पास में लगी दीवार से सटा दिया और उसकी आंखों में देखते हुए उसके चेहरे पर अपने हाथ की उलटी तरफ से टच करने लगा.
कोमल की आंखें उत्तेजनावश बंद हो गई थीं. उसके होंठ खुले हुए थे.
मैं अपने हाथों से कोमल के माथे पर अपनी उंगलियों को फेरता हुआ उसकी भवों को सहलाता हुआ हाथ नीचे लाता गया.
मेरा हाथ कोमल की बंद आंखों से होता हुआ नीचे सरका और उसके चिकने गालों पर अपना स्पर्श करता हुआ कोमल के थरथराते हुए सेक्सी होंठों पर आ गया.
उसके सुर्ख होंठों को अपनी उंगलियों से टच करते हुए मैंने अपनी एक उंगली को कोमल के मुँह में डाल दी. जिसे कोमल ने मुँह में भर लिया और उसे लंड की तरह से चूसने लगी.
उसकी आंखें अब भी बंद थीं.
मैं भी अपनी कल्पना में कोमल को लंड चूसते हुए देख रहा था.
मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि जिसके लिए मैंने सब कुछ किया, वो आज मेरी बांहों में समाई हुई है.
इसके बाद मैंने कोमल के चेहरे को पकड़ा और अपने होंठों को आगे बढ़ाया.
कोमल माथे पर, आईब्रो पर चुम्बन करता हुआ मैं उसकी पलकों से होता हुआ निचे आता गया. उसके गुलाबी गालों पर अपने होंठ फेरता हुआ मैं होंठों पर आ गया. मैंने अपने होंठों को उसके होंठों पर जमा दिया और अब मैं कोमल की गर्म सांसों को अपनी सांसों से महसूस कर पा रहा था.
एक अजीब सी खुशबू मेरी सांसों में घुल रही थी. हम दोनों की उत्तेजना इतनी ज्यादा बढ़ गई थी कि हम दोनों को अपने आस पास का कुछ होश ही नहीं रहा था.
बस एक दूसरे के होंठों से चुम्बन शुरू हुआ, जो बहुत लंबे चुम्बन में तब्दील हो गया था.
मेरे होंठ कोमल के सेक्सी होंठों से चिपके हुए थे और मेरी जीभ कोमल मुँह के अन्दर चली गई थी, जिससे कोमल की लार मेरे मुँह में आने लगी थी. वो दीवार से टिकी किसी बेसुध और मदहोश अप्सरा की तरह मेरी जीभ को अपने मुँह में लिए हुई थी.
मैं उसकी लार को अपने मुँह में लेकर किसी अमृत की तरह चूसे जा रहा था.
मेरे हाथ कोमल की कमर पर टिके थे और मैं कोमल के सूट को हटाकर उसकी चिकनी कमर को पकड़े हुए था.
धीरे धीरे मैंने कोमल की सलवार के अन्दर हाथ डाल दिया और उसके सेक्सी चूतड़ों पर अपने हाथ को पहुंचा दिया.
मैं अपने हाथ से उसके एक चूतड़ को पकड़कर चड्डी के ऊपर से ही दबाने लगा.
मैंने सलवार खोल दी थी.
मुझे कोमल के भरे हुए चूतड़ को अपने हाथ से दबाने में ऐसा लग रहा था, जैसे मैं कोमल की चूची को मींज रहा हूँ.
नीचे मेरे हाथ उसकी गांड को सहला रहा था और ऊपर मैंने कोमल होंठों को अपने होंठों में दबा रखा था.
मेरे हाथ ने अब कोमल की चड्डी के अन्दर जाकर उसकी गांड के गुलाबी छेद को ढूंढना शुरू कर दिया था.
वो भी काफी उत्तेजित अवस्था में थी. वो लगातार अपनी गांड को हिला कर मेरे हाथ को उसकी मंजिल तक पहुंचाने की कोशिश कर रही थी.
मैं कोमल के होंठों से को अपने होंठों से स्मूच करते हुए एक पल को अलग हुआ और अगले ही पल मैंने उसके कान में अपनी जीभ को डाल दिया.
इससे कोमल की उत्तेजना और बढ़ गई और वो अपने खुले मुँह से कामुक सीत्कारें भरने लगी- आह बेबी धीरे … ओह … ओह … प्लीज़!
इस दोहरे वार से कोमल की हालत खराब हो रही थी.
मैं कोमल कान की लौ पर चूमता हुआ नीचे अपने हाथ को उसकी मंजिल पर पहुंचाने का काम कर रहा था.
अंतत: कोमल की गांड का छेद मेरे काबू में आ ही गया.
मैंने बिना एक पल की देर किए अपनी उंगली उसकी गांड के छेद में डाल दी.
हॉट सेक्सी भाभी कोमल ने एक मीठे दर्द का अहसास करते हुए मुझे कसके पकड़ लिया और वो मेरे सीने से और ज्यादा चिपक गई.
मैंने भी खुद को कोमल से ऐसे चिपका दिया, जिससे हम दोनों के बीच हवा भी न जा सके.
मैं अपनी गर्म सांसों को कोमल की गर्दन पर छोड़ता हुआ उसको लव बाइट देने लगा. वो मेरी बांहों में किसी जलपरी सी बंधी हुई थी.
मैंने उसी अवस्था में कोमल को बेड पर गिरा दिया और खुद भी कोमल के साथ बिछ गया.
उसके बड़े बड़े गुंबदों से मम्मों के बीच मैंने अपने चेहरे को रखा और अपनी जीभ कोमल के मम्मों की घाटी में डाल दी.
वो बेहद कामातुर हो उठी थी और मेरे मुँह को अपने मम्मों से मींजने लगी थी.
मैं भी उसके कुर्ते के ऊपर से ही उसकी चूचियों को अपने चेहरे से दबाने लगा था.
कुछ पल बाद मैं उसके पेट पर आ गया और उसके कुर्ते के ऊपर से ही किस करते हुए मैं नीचे को सरकने लगा.
पेट से नाभि तक आते हुए मैंने अपने हाथों का इस्तेमाल किया और कोमल की कुर्ती को उसके बदन से अलग कर दिया.
माशाल्ला … क्या तराशा हुआ बदन था … उसका संगमरमर सा … ताजमहल के जैसा तराशा हुआ बदन … मेरे सामने था.
कोमल को ब्लैक कलर की ब्रा और पैंटी में देखकर मेरा लंड घोड़े के जैसा खड़ा हो गया था.
मैं उसके पैरों के पास आ गया और मैंने कोमल की एक टांग को उठाकर अपने नंगे बदन पर रख लिया. उसकी गुलाबी ऐड़ी को अपनी छाती की घुंडी पर रगड़ता हुआ मैं उसके पैर के तलवों को अपनी ठोड़ी पर घिसने लगा.
फिर मैं उसकी ऐड़ी को अपने सीने के निप्पल से लेकर लंड तक टच करता गया, जिससे कोमल की चूचियां एकदम से तन गई थीं और मेरा लंड भी विकराल रूप ले चुका था.
मैं कोमल के पैर के अंगूठे को अपने मुँह में लेकर ऐसे चूसे जा रहा था जैसे कोमल मेरा लंड चूस रही हो.
कोमल के अंगूठे चूसे जाने से उसने बेड का किनारा पकड़ लिया था.
मैं अंगूठे के बाद कोमल के पैर की उंगलियों को बारी बारी से चूसे जा रहा था.
इससे कोमल बदन उत्तेजनावश धनुष की तरह तन गया था.
कोमल अपने हाथ बेड को पकड़े हुई थी और उसकी एड़ियां बेड के गद्दे पर थीं. बाकी सारा शरीर हवा में था, जिससे वो धनुष की आकृति ले रहा था.
मेरा लंड उत्तेजना की वजह से ऐसा अकड़ा हुआ लग रहा था मानो वो गद्दे में ही छेद न कर दे.
मैं कोमल के शरीर के हर हिस्से को अपने होंठों से टच करता हुआ और उसके पैरों की उंगलियों को चूमने के बाद मैं ऊपर बढ़ने लगा.
अब जहां कोमल ने पायल बांधी हुई थी, वहां उसे किस करता हुआ लगातार ऊपर को आता गया.
घुटने पर चुम्बन करता हुआ मैं कोमल की जांघ पर आ गया. उसकी संगमरमर सी चिकनी जांघ को किस करता हुआ मैंने उसकी गीली चड्डी पर कब्जा कर लिया.
अब जैसे ही मैंने उसकी चड्डी के ऊपर से किस किया तो कोमल की कामुक आह निकल गई.
‘आह बेबी मत करो … मैं मर जाऊंगी …’
मगर न तो मुझे रुकना था और न ही कोमल को इस जंग से अपने कदम पीछे खींचने थे.
हमारी ये मादक लड़ाई हर पल गर्म होती जा रही थी. उसकी चूत मेरे चूमे जाने से रोने लगी थी.
चड्डी का गीलापन हर पल बढ़ता जा रहा था.
अब मुझसे रुका नहीं जा रहा था.
मैंने कोमल चड्डी की इलास्टिक को अपने दांतों से पकड़कर नीचे खींचना शुरू कर दी. कोमल ने भी ना ना करते हुए मुझे चड्डी उतारने में रजामंदी सी दे दी थी.
उसकी गांड से होती हुई टांगों के रास्ते से चड्डी नीचे आने लगी. अगले कुछ ही पलों में मैंने चड्डी को कोमल के तन से जुदा कर दिया था.
अब कोमल की गुलाबी चूत मेरे सामने आ गई थी.
दोस्तो, कोमल की मदमस्त जवानी को किस तरह से मैंने तड़फा तड़फा कर रौंदा, ये मैं हॉट सेक्सी भाभी न्यूड स्टोरी के अगले भाग में लिखूंगा.
आप मुझे मेल जरूर करें.
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