मेरी चुदासी असिस्टेंट की घनघोर चुदाई

हॉट ऑफिस गर्ल की चुदाई का मजा मेरी असिस्टेंट में मेरे रूम में आकर दिया. वह फिल्म देखने गयी मेरे साथ और मेरे रूम पर ही रुक गयी. रात को वह अपनी चूत में उंगली कर रही थी.

मैंने उस समय नई दिल्ली में एक नई कंपनी में मैनेजर के तौर पर जॉइन किया था.
मैं साउथ दिल्ली में किराए पर एक अलग कमरा लेकर रहता था.

यह हॉट ऑफिस गर्ल की चुदाई 2010 की है.

साउथ दिल्ली की सोच से अगर आप वाकिफ हैं तो आपको पता होगा कि वहां चुदाई एक साधारण-सी बात है.

मैं अपनी कंपनी में बड़ी मेहनत से काम करता जा रहा था.

मेरे ऊपर काम का बोझ बढ़ता जा रहा था तो मेरी कंपनी ने मुझे एक असिस्टेंट ट्रेनी के रूप में एक लड़की दे दी.
वह छह महीने की ट्रेनिंग के लिए मेरे साथ काम करने आई थी.

वह लड़की मूल रूप से कानपुर की रहने वाली थी और बहुत सुंदर लड़की थी.
उसकी चूचियां बहुत मस्त थीं और उसकी गांड भी बहुत फैली हुई थी.

मैं सुबह-सुबह ही ऑफिस आ जाया करता था.

एक दिन उसने मुझसे कहा- सर, मैं आपके साथ मूवी देखना चाहती हूँ!
मैंने कहा- चलो!

हम दोनों रात 8 बजे के शो में मूवी देखने चले गए.

मूवी खत्म होने पर उसने कहा- अब मैं पी जी नहीं जा सकती. क्या मैं आपके साथ चलूँ?
अगला दिन रविवार था, तो ऑफिस जाने की कोई टेंशन भी नहीं थी.

मैंने कहा- हां चलो, पहले बाहर डिनर कर लेते हैं … फिर कमरे पर चलेंगे!

उसने ओके कहा और हम दोनों ने एक रेस्तरां में साथ में डिनर किया.
फिर ऑटो लेकर हम दोनों मेरे रूम पर आ गए.

मेरे रूम में एक ही बेड था, तो मैंने कहा- तुम बेड पर सो जाओ, मैं नीचे सो जाऊंगा.
उसने कोई जवाब नहीं दिया.

हम दोनों ने अपने-अपने कपड़े बदले.
मैं हाफ पैंट में था और वह लोअर में.
लोअर में उसकी चूत का आकार देखकर मेरा मन विचलित हो गया.

उसने ब्रा खोलकर गेट के पीछे टांग दी थी और उसकी हिलती चूचियों को देखकर मेरा मन मचलने लगा था.

अचानक मैंने देखा कि उसकी नजरें बार-बार मेरे लंड के उभार को भाँपने में लगी थीं.
खैर … मैंने नीचे गद्दा लगाया और लेट गया.

मैंने उससे कहा- कोई दिक्कत हो तो जगा देना.

वैसे नींद तो मुझे आ नहीं रही थी लेकिन मैं आंखें बंद करने का नाटक कर रहा था.

नाइट बल्ब की रोशनी में मैंने देखा तो मुझे अहसास हुआ कि वह अपनी चूत को अपने हाथों से रगड़ रही थी और सिसकारियां ले रही थी.

मैं और मजा लेने के मूड में था तो चुपचाप देख रहा था.

वह अपनी चूचियों को भी मसल रही थी लेकिन शर्म की वजह से मुझसे कुछ कह नहीं रही थी क्योंकि मैं उसका सीनियर था.

अचानक मैं उठा और पानी पीने लगा, तो उसने कहा- मुझे नींद नहीं आ रही है. या तो आप ऊपर आ जाइए या मैं नीचे आ जाऊंगी सोने के लिए!
मैंने कहा- मैं ऊपर आ जाता हूँ.
चूंकि नीचे मुझे भी नींद नहीं आ रही थी.

मैं उसके बगल में बेड पर लेट गया और सोने की कोशिश कर रहा था कि अचानक उसका हाथ मेरे पेट पर आ गया.

मैंने उसे देखा तो वह बोली- मैं ऐसे ही सोऊंगी!

उसकी चूचियों का दबाव मेरे सीने पर पड़ रहा था और उधर मेरा लंड भूचाल मचाने लगा था.
लंड के अकड़ने का अहसास उसे हो गया था, तो उसने अपना घुटना मेरे लंड पर रख दिया और उसकी टाइटनेस को महसूस करने लगी.

इधर मेरा लंड लोहे की रॉड की तरह तन रहा था और उधर वह बेचैन होने लगी थी.

अचानक मैंने उसके होंठों को अपने होंठों में दबा लिया और खूब किस करने लगा.

किस करने में उसने भी मेरा साथ देना शुरू कर दिया.

अचानक मेरा हाथ उसकी चूचियों की गोलाइयों को नापने लगा और उसका हाथ मेरे लंड की लंबाई और मोटाई को नापने लगा.

मैंने उसकी चूचियों में मुँह लगाया, तो वह सिसकारने लगी.
एक पल के लिए मुझे डर लगा कि कहीं सिसकारी की आवाज बगल वाली आंटी न सुन ले, जिसका रूम मेरे रूम से सटा था.

उस आंटी की कहानी बाद में सुनाऊंगा.

फिर मैंने सोचा कि आंटी सुन भी ले, तो क्या फर्क पड़ता है. साली आज चुदाई की सिसकारी भी सुन लेगी तो उसकी चुत में भी पानी आ जाएगा.
वैसे भी आंटी की चुदासी नजरें मुझ पर रहती थीं.

मैंने उसकी चूचियों को खूब मसला और उसने बड़े प्यार से अपनी बड़ी-बड़ी 34 नंबर की चूचियों को मेरे मुँह में डालकर खूब चुसवाया.

अचानक मैंने कहा- मेरा लंड चूसोगी क्या?
उसने झट से अपनी स्थिति 69 की बनाई और मेरे लंड को पकड़ कर अपने मुँह में भर कर मजा लेती हुई चूसने लगी.

आह … साला लंड चुसवाना भी क्या जन्नत का मजा होता है.
मुझे सच में उस समय बड़ा आनन्द मिल रहा था.

मैंने भी देखा न ताव, उसकी चूत में अपना मुँह रख दिया और चूत चाटने लगा.

अब तो उसका चुदासापन चरम पर पहुंच गया और वह बोली- अब जल्दी से चोदो मुझे!

मैंने उसके पूरे कपड़े खोल दिए और मैं भी पूरी तरह नंगा हो गया.
फिर मैंने पोजीशन बनाई और अपने मोटे लंड को उसकी चूत पर लगा कर घिसा, तो वह गांड मटकाने लगी.

उसी वक्त मैंने जोर से धक्का मार दिया.
मेरा मोटा तना हुआ लंबा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अन्दर घुस गया और वह कसमसाती हुई बोली- आह जरा धीरे से चोदो ना मेरे राजा!
मैंने कहा- धीरे की मां की चूत!

यह कह कर मैंने पूरी ताकत से एक और धक्का मार दिया.
वह चिहुंक गई और अपने नाखूनों को मेरी पीठ में गड़ाने लगी.

उसके सेक्स के सुख की कोई सीमा नहीं थी.
वह मजा लेकर चुदवा रही थी.

उसने कहा- मेरी कई दिनों से चाहत थी कि आप मुझे चोदें!

मैंने उसकी चुदाई के समय ही उससे पहली बार कब चुदी थी, इस विषय में पूछा, तो उसने बताया कि कॉलेज में पढ़ाई के दौरान वह अपने एक प्रोफेसर और अपने बॉयफ्रेंड से नियमित चुदवाया करती थी. लेकिन दिल्ली में उसे किसी से चुदवाना सुरक्षित नहीं लग रहा था. उसकी चुदने की आदत उसे बेचैन किए जा रही थी, तो उसने मुझसे चुदवाना जायज समझा, क्योंकि मैं उसकी प्राइवेसी को कहीं लीक नहीं करता.

खैर … वह मजा लेकर चुदवाती रही.

मैंने पूछा- तो तुम्हारी चूत को तीन लंड का स्वाद मिला है. कौन-सा लंड ज्यादा पसंद आया?

उसने सटीक जवाब देते हुए कहा- चूत को समय पर जो भी लंड मिल जाए, वही बेस्ट होता है! मोटा लंबा लंड तो चूत को अच्छा लगता ही है!

दोस्तो, मैं रात भर उसे चोदता रहा.
रात भर में करीब पांच बार उसकी चुदाई हुई और हर बार मैंने उसकी चूत में ही अपना वीर्य गिराया.

अपनी चुत में वीर्य लेने के लिए वह खुद बोली थी.
‘आप मुझे बस संतुष्ट कीजिए! बच्चा होने की टेंशन मत लीजिए. कल मैं अनवांटेड 72 खा लूँगी, लेकिन आपके लंड के गर्मागर्म लावे को फील करना चाहती हूँ!’

अगले दिन हम दोनों देर से जागे.

सुबह ग्यारह बजे बगल वाली आंटी ने गेट खटखटाया.

मैंने अपनी उस असिस्टेंट लड़की को जगाकर वॉशरूम भेज दिया और आंटी के लिए गेट खोला.

आंटी बोली- कोई आई थी क्या रात में? खूब देर तक आवाज आ रही थी!
मैंने कहा- हां मेरी कजिन आई हुई है. यहीं जॉब लगा है. जब तक उसे पीजी में शिफ्ट न करा दूँ, वह यहीं कुछ दिन रहेगी!

आंटी ने अजीब-सी स्माइल दी और उसकी नजर मेरी हाफ पैंट के अन्दर तने हुए लंड पर थी.

वह बोली- अच्छा ठीक है, अपनी कजिन को प्यार से रखना. वह जितने दिन भी रहना चाहे कोई दिक्कत नहीं है. तुम्हारी गैर हाजिरी में मैं भी उसका ख्याल रखूँगी!

मैंने कहा- आंटी, दो दिन में ये अपने पीजी चली जाएगी, फिर आप अपना ही ख्याल रखना!

आंटी बोली- मैं रात में अजीब-सी आवाज सुन रही थी, तो मुझसे रहा नहीं गया और अभी आकर मिलने आ गई. खैर, तुम दोनों फ्रेश हो और नाश्ता आदि करो … मैं इसके जाने के बाद मिलूँगी तुमसे!

यह कह कर आंटी अर्थपूर्ण मुस्कान देती हुई चली गई.

आंटी के जाते ही मैंने वॉशरूम का दरवाजा नॉक किया.
दरवाजा खुलते ही देखा कि वह नंगी होकर नहाने की तैयारी में थी.

मैंने तुरंत उसकी चूची दबाना शुरू कर दिया और चूची को पीना शुरू कर दिया.

फिर उसे घुटनों पर बिठा कर उसके मुँह में अपना मोटा लंड डालकर चुसवाया और उसे शॉवर के नीचे कुतिया बनाकर खूब चोदा.

दोस्तो, करीब छह महीने तक वह मेरे साथ ट्रेनिंग लेती रही.
वीकेंड पर उसकी चुदाई मस्त होती थी और बाकी दिन उसकी ट्रेनिंग.

छह महीने तक उसने मेरे साथ चुदाई के खूब मजे किए.

आज भी हॉट ऑफिस गर्ल की चुदाई के सारे पोज मेरे जेहन में मौजूद हैं.
अब वह मेरे टच में नहीं है, लेकिन आज भी उसकी चुदाई को याद करते ही मेरा लंड नागराज की तरह फनफनाने लगता है.

अगर इस समय कोई खुद मुझसे कहे कि चोदो मुझे! तो शायद उसकी चूत को मेरा लंड जोर-जोर से चोदने लगेगा!

उम्मीद है कि आपको मेरी ये हॉट ऑफिस गर्ल की चुदाई कहानी पसंद आई होगी.
अगर हां, तो अपने विचार मेरी मेल आईडी पर जरूर बताएं.
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लेखक की पिछली कहानी थी: कमसिन लड़की मुझसे मजे से चुदी