हॉट विडो सेक्स कहानी में मेरे मकान मालिक की विधवा बेटी बहुत सेक्सी है. मैं उसे चोदना चाहता था. एक दिन बारिश में भीगने पर मैं उसका जिस्म घूरने लगा.
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम सनी है. मैं इंदौर का रहने वाला हूं.
मेरी उम्र 24 साल है. मेरी ऊंचाई 5 फीट 9 इंच है. मैं दिखने में बहुत ही गोरा और स्मार्ट लड़का हूं.
मैं इंदौर से पढ़ने के लिए ग्वालियर गया था.
यह मेरे जीवन में एक नए शहर में रहने की और एक नए सफर की शुरुआत थी.
यहीं पर यह हॉट विडो सेक्स कहानी बनी.
ग्वालियर पहुंच कर मैं अपने दोस्तों के पास गया और उनके पस थोड़ी देर आराम करके अपने रहने के लिए किराए पर फ्लैट देखने निकल गया.
मैंने अपने दोस्तों से कह रखा था तो उन्होंने मेरे लिए दो तीन कमरे देख कर रखे थे.
थोड़ी ही देर बाद मुझे एक फ्लैट पसंद आ गया और मैं अपना सारा सामान लेकर वहां शिफ्ट हो गया.
अब इधर मैं आपको अपने मकान मालिक और उनकी फैमिली के बारे में बता देता हूं.
मेरे मकान मालिक का नाम मनोज है, वे एक रिटायर्ड ऑफिसर हैं.
उनकी पत्नी का नाम संगीता है.
उनकी दो बेटियां हैं.
एक का नाम रिया है या दूसरी का नाम मेघा है.
रिया उनकी छोटी बेटी है उसकी उम्र 21 साल की है.
रिया छोटी जरूर है लेकिन दिखने में किसी परी से कम नहीं है.
खूबसूरती के साथ उसकी उभरती हुई जवानी किसी का भी लंड खड़ा करने के लिए काफी है.
उनकी बड़ी बेटी का नाम मेघा है. मेघा की उम्र 24 साल की है.
मेघा दिखने में नोरा फतेही अली खान से भी ज्यादा कामुक है.
उसके दोनों कूल्हे बाहर को निकले हुए हैं और उसके मम्मों का साइज लगभग 34 इंच का होगा.
देखने से ही लगता है कि वह अपने फिगर को काफी अच्छे से मेंटेन करके रखती है.
मेघा की शादी हो चुकी थी पर उसके पति की तीन साल पहले ही एक एक्सीडेंट में डेथ हो गई, तब से वह अपने मां बाप के साथ रहती है.
मेरे मकान मलिक की फैमिली फर्स्ट फ्लोर पर रहती है.
उनके घर में और भी किराएदार रहते हैं.
मुझे सबसे ऊपर का रूम दिया गया था.
धीरे-धीरे मेरी सबसे अच्छी बातचीत हो गई.
रिया और मैं दोनों बहुत बात करने लगे.
मेरी उससे रात भर चैटिंग व कॉल पर बात होने लगी थी.
नतीजा भी सही निकला और मैंने एक दिन उसे पटा लिया.
मुझसे रिया सैट हो गई थी लेकिन मैं अब भी कभी कभी मेघा के नाम की मुठ मारा करता था.
मेघा को चोदना मेरा एक सपना जैसा था.
फिर वह दिन भी आ ही गया, जब मुझे मेघा का जिस्म भोगने मिल गया था.
उस दिन हुआ यूं कि अचानक से रात में रिया का फोन आया.
उसने बताया कि उसके पापा की तबियत एकदम से बिगड़ गई है.
मैंने जाकर देखा तो अंकल को पैरालिसिस का अटैक आ गया था.
उन्हें रात में ही हॉस्पिटल ले जाना पड़ा.
अंकल का कोई बेटा नहीं था इसलिए रिया ने मुझसे साथ चलने का कहा.
मुझे भी नैतिकता वश उनके साथ जाना पड़ा.
हॉस्पिटल में रात को दस बज गए थे.
अंकल को सही समय पर अस्पताल ले आने की वजह से उनकी तबियत अब सामान्य हो गई थी.
रिया का सुबह पेपर था इसलिए आंटी ने रिया को घर जाने को कह दिया.
अब अंकल के साथ मैं, मेघा दीदी और आंटी थीं.
थोडी देर में 12 बज गए.
फिर आंटी ने मुझसे कहा- मेघा और तुम दोनों घर चले जाओ, सुबह आ जाना.
मैंने कहा- नहीं आंटी, हम दोनों यहीं रुकते हैं.
लेकिन उन्होंने कहा- नहीं बेटा, आप दोनों घर जाकर आराम करो. मुझे लगेगा तो फोन करके बुला लूँगी.
अब मेघा दीदी और हम दोनों घर आ गए.
मैं सीधा ऊपर अपने कमरे में चला गया.
नीचे मेघा दीदी रिया को आवाज लगा रही थीं.
मेघा दीदी लगातार आवाज लगाती रहीं लेकिन शायद रिया को नींद की वजह से आवाज सुनाई नहीं दे रही थी.
मैं नीचे गया और उनसे बोला- दीदी कोई बात नहीं, शायद उसे नींद लग गई है. आप मेरे कमरे में सो जाओ, मैं एडजस्ट कर लूंगा.
दीदी मेरे साथ ऊपर आ गईं और बात करने लगे.
मुझे सिगरेट पीने की आदत है तो मैंने दीदी से कहा- आप आराम करो, मैं बाहर बाल्कनी में हूँ.
वे समझ गईं और बोलीं- तुझे बाल्कनी में खड़े होकर सिगरेट पीनी है न!
मैं चुप हो गया.
वे बोलीं- चल मैं भी तेरे साथ बाल्कनी में चलती हूँ. आज मुझे भी सिगरेट पीने का मन है.
यह सुनते ही मेरे मन में उनके लिए वासना भड़क उठी.
मैं बाहर बाल्कनी में आ गया.
हम दोनों बाल्कनी की रेलिंग से टिक कर खड़े हो गए और मैंने सिगरेट सुलगाई.
फिर उनकी तरफ डिब्बी बढ़ाई तो वे कहने लगीं कि तुम्हारी सिगरेट में ही दो तीन कश लगा लूँगी.
मैंने कहा- ओके.
मैंने सिगरेट सुलगा कर दीदी को पकड़ा दी. दीदी बड़े ही मस्त अंदाज से सिगरेट फूंकने लगीं.
मैंने कहा- आपको देख कर तो लगता है कि आप सिगरेट पीने में एक्सपर्ट हैं!
वे हंस दीं.
फिर उनके पापा की तबियत की बात हुई, तो वे कहने लगीं कि उन्हें मेरी ही चिंता सताती है और यह अटैक भी उसी वजह से आया है.
उनके पापा से बात होते हुए उनके भविष्य पर आ गई.
वे अपने भविष्य को लेकर टेंशन में थीं.
मैंने डरते हुए ही सही पर आखिरकार दीदी से पूछ ही लिया- दीदी, आपकी उम्र अभी 24 साल की ही तो है. आपके पति की मौत के बाद अभी तक आपने शादी क्यों नहीं की?
उन्होंने बताया- मेरे पति की मौत के बाद मेरे लिए अच्छे घर से रिश्ते नहीं आ रहे हैं. सब बोलते हैं कि मेरी वजह से मेरे पति की मौत हुई है. मेरी किस्मत खराब है.
मैंने कहा- लेकिन दीदी आप अभी जवान हो, आपके शरीर की भी तो कुछ जरूरतें हैं!
वे कुछ कहतीं कि उसी वक्त बारिश होनी शुरू हो गई.
दीदी ने हंसते हुए जवाब दिया- हां, मैं भी प्यासी हूं, जैसे कि ये जमीन बारिश से थोड़ी देर पहले थी.
उनकी इस बात से मुझे लगने लगा कि आज खेल हो सकता है.
बारिश से हम दोनों गीले होने लगे थे.
इसलिए हम दोनों अन्दर आ गए.
दीदी ने उस दिन ट्रांसपेरेंट टॉप पहना था.
उनका टॉप गीला होने के कारण उनके दोनों बूब्स मुझ पर कहर ढा रहे थे.
मैंने अन्दर आकर अपनी टी-शर्ट उतार दी और दीदी से बोला- आप भी चेंज कर लीजिए.
वे मेरी नंगी छाती को देखने लगीं और बोलीं- तू तो बड़ा हॉट है!
मैंने कहा- थैंक्स दीदी. आप अपने कपड़े बदल लो, वरना जुखाम हो जाएगा!
दीदी ने यह सुनते ही अपना टॉप उतार दिया.
मैं सकपका गया कि यह क्या हुआ.
अब मैं सोच रहा था कि दीदी मुझसे कोई टी-शर्ट मांगेंगी, तब अपने कपड़े बदलेंगी.
पर वे कुछ मूड में दिख रही थीं.
मेरा लंड उनको ब्रा में देख कर सलामी देने लगा.
काले रंग की ब्रा में उनके सफेद चूचे देख कर मेरा तो लंड फुंफकार मारने लगा.
मैंने दीदी से कहा- दीदी, आपकी ब्रा भी गीली हो गई है, इसे भी चेंज कर लीजिए.
उन्होंने कहा- ओके तू पीछे की तरफ देख, मैं तौलिया लपेट लेती हूं.
मैंने कहा- ठीक है.
वे घूम गईं और मैंने उनको देने वाली तौलिया उधर से हटा दी.
उन्हें इस बात का पता नहीं चल पाया था कि मैंने तौलिया वहां से हटा दिया है.
उन्होंने ब्रा को निकाल दिया था और वे अपने हाथों से टटोल कर तौलिया ढूंढने लगीं.
उन्होंने आवाज देकर मुझसे पूछा- यहां से तौलिया कहां गया?
मैंने कहा- दीदी, तौलिया तो मैंने लोअर निकाल कर लपेट लिया है.
वे बोलीं- क्या … अब मैं क्या लपेटूँ?
मैंने कहा- दीदी जरा रुको, आप ऐसे ही खड़ी रहना, मैं आपको तौलिया देता हूं.
वह दूसरी तरफ मुँह करके खड़ी थीं.
मैं पीछे से गया और उन्हें पीछे से ही पकड़ कर उनकी गर्दन पर किस करने लगा.
दीदी कराह बोलीं- सनी, ये क्या कर रहे हो, ये गलत है!
उनकी आवाज में गुस्सा नहीं था बल्कि एक कसक थी.
उस वजह से मुझे समझ आ गया कि आज माल रेडी टू फक है.
मैंने अपने हाथ आगे ले जाकर उनके चूचे जोर से दबाए और कहा- दीदी, आज इस बंजर जमीन पर भी बारिश हो जाने दो!
दीदी कराहती हुई बोलीं- आह सनी ये गलत है … मुझे छोड़ो!
मैंने दीदी के लगातार बोलने पर भी नहीं छोड़ा और उनके मक्खन जैसे मुलायम चूचे मसलता रहा और जल्द ही उनको चुदास से भर दिया.
अब दीदी ने घूम कर मुझे अपनी बांहों में ले लिया था और वे बिना कुछ बोले मेरा साथ देने लगी थीं.
में दीदी के एक चूचे को मुँह में लेकर पीने लगा और दूसरे को दबाने लगा.
दीदी भी अब काफी कामुक हो गई थीं और उन्होंने अपना विरोध एकदम बंद कर दिया था.
वे भी अपने हाथ से मेरे सर को अपने मम्मों पर दबा कर कामुक सिसकारियां लेने लगी थीं ‘आह सनी ओह्ह आआह.’
मैंने उन्हें उत्तेजित होते देखा तो उनकी पैंटी को एक हाथ से खींच कर उतार दिया.
दीदी भी बोलने लगीं- सनी अब और देर ना कर … मैं 3 साल से प्यासी हूं. मेरी चूत को चोद दे और मेरी प्यास बुझा दे!
मैंने दीदी को पकड़ कर बिस्तर पर लिटा दिया और उनके ऊपर चढ़ गया.
दीदी लंड लेने के लिए तड़प रही थीं.
तभी मैंने एक दांव खेला.
मैंने कहा- अरे दीदी, मुझे माफ कर दीजिए … यह सब गलत है. मैं अब यह नहीं करता हूँ … मेरा मन नहीं है.
दीदी बोलीं- मैं तेरे आगे हाथ जोड़ती हूं, तू जो बोलेगा मैं करूँगी, मेरी चूत की प्यास बुझा दे.
मैंने कहा- अच्छा ठीक है, यदि आपका मन है तो मैं आपके साथ सेक्स करने को राजी हूँ. अब सेक्स करना ही है तो खुल कर करते हैं.
वे बोलीं- आह अब जल्दी से पेल दो.
मैंने कहा- पहले मेरे लंड को मुँह में लेना पड़ेगा और मैं बिना कंडोम के चुत चोदूंगा … आपको चलेगा?
दीदी ने कहा- ठीक ही है, वैसे भी मेरी जमीन कब से सूखी पड़ी है, तू ही बारिश कर देना.
मैंने उनके मुँह में लंड दे दिया और लंड को दीदी के थूक से चिकना करवा कर उनकी दोनों टांगों के बीच में आ गया.
दीदी की टांगें उठा कर मैंने अपना लंड चुत के छेद पर टिकाया और एक ही झटके में अन्दर घुसेड़ दिया.
तीन साल से दीदी की चुत बन्द पड़ी थी, तो एकदम से लंड लेने से वे चीख पड़ीं- आह मर गई बाहर निकाल … उफ्फ्फ ओह माय गॉड … आआह!
मैं ताबड़तोड़ चुदाई में लग गया.
उनकी आवाजों से साफ लग रहा था कि वे अब तक दो बार झड़ चुकी थीं.
हॉट विडो सेक्स से दीदी की गुलाबी चुत का भोसड़ा बन चुका था.
तभी वे मुझसे पूछने लगीं- साले, क्या खाकर आया है … कब निकलेगा तेरा पानी … आह मेरी कमर में दर्द होने लगा है. मेरी टांगें भी दर्द कर रही हैं. मेरी चूत पर थोड़ी रहम कर!
मैंने दीदी की एक घंटा में दो बार चुदाई की और थक कर उनके ऊपर ही गिर गया.
ऐसी अप्सरा जैसी लड़की की चूत चोद कर मानो स्वर्ग जैसा सुख मिल गया था.
अब मेरा मन दीदी की गांड मारने का हो रहा था पर वे उस रात राजी ही नहीं हो रही थीं.
बाद में मैंने उनकी गांड भी बजाई और रिया के साथ मेघा दीदी को एक ही पलंग पर हचक कर चोदा.
वह सब मैं आपको अपनी अगली सेक्स कहानी में लिखूँगा.
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