चुदासी बैंक मैनेजर मैडम की चुदाई का मजा

हॉट लेडी पंजाब सेक्स कहानी में मेरी दोस्ती एक बैंक मेनेजर लेडी से हो गयी. एक बार मैंने उसकी मदद की, उसे कार से उसकी मीटिंग के लिए ले गया. वहां क्या हुआ?

दोस्तो, आंटियो, भाभियो, जैसा कि आपको पता है कि पिछले एक साल से मैं लुधियाना में पोस्टेड हूँ.

आपने मेरी पिछली कहानी
अधेड़ टीचर की चुत चुदाई उसी के घर में
को बहुत प्यार दिया.

ये हॉट लेडी पंजाब सेक्स कहानी कुछ समय पहले की है जब मुझे स्कूल के अकाउंट्स का चार्ज भी मिल गया.
ये एक हाई स्कूल था, तो काफी बच्चे थे.
सभी का अकाउंट मेंटेन करना पड़ता था.

इस चक्कर में मुझे बैंक भी जाना पड़ता था.

आपको पता है, बैंकों में कितनी भीड़ होती है.
मैं वहां जाता, तो कई अकाउंट्स होने की वजह से कभी-कभी 1 से 1.30 घंटा बैंक में ही लग जाता.

एक दिन मैं वहीं बैठा था, तभी प्यून ने आकर कहा- मैनेजर मैडम आपको बुला रही हैं.

मैं उनसे पहले कभी नहीं मिला था.
मैं उनके केबिन में गया, तो उन्हें देखता ही रह गया.

उनके बारे में क्या ही बताऊं यार … एकदम मस्त लग रही थीं वे.
उनकी उम्र 37-38 साल की रही होगी, रंग सांवला था, लेकिन उनके नैन-नक्श देखते ही बनते थे.

वे स्लिम थीं, लेकिन उनके बूब्स 34 या 36 के होंगे.
मैं उन्हें देखता ही रह गया और मेरा मुँह भी खुला रह गया.

तभी उन्होंने कहा- क्या हुआ, सर?
मैं चौंक गया और बोला- कुछ नहीं.

फिर उन्होंने मेरे बारे में पूछा.
मैंने बताया कि मैं स्कूल से हूँ.

उन्होंने कॉफी मँगवाई और कहा- आप डायरेक्ट मेरे पास आया करें, भीड़ में वेट मत किया करें. आप भी तो स्टाफ हैं.

उनका नाम कनिका था, वे बिहार से थीं.

उन्होंने बताया कि उनका प्रमोशन हुआ है, अभी-अभी जॉइन किया है. पहले वह दिल्ली में पोस्टेड थीं.

हम दोनों ने कॉफी पी, उन्होंने अकाउंट्स चेक किए, बातें कीं और मैं वहां से चला आया.

आज फ्लैट पर आकर मुझे उनकी ही याद आ रही थी.
आज तक मैंने कभी स्लिम लड़की की चुदाई नहीं की थी.

अब मैं अक्सर कुछ दिन बाद जाता, तो डायरेक्ट उनके पास ही बैठ जाता.

एक दिन जब मैं गया तो उस दिन वे साड़ी पहनकर आई थीं.
उनके बड़े बूब्स ब्लाउज़ के नीचे से पेट दिख रहा था.
मन कर रहा था, अभी पकड़कर चोद दूँ.

तभी वे स्माइल देने लगीं और बोलीं- कहां खो गए?
मैंने मज़ाक में कहा- आपके हुस्न में!
वे हंसने लगीं और बोलीं- आप भी ना सर!

इसी तरह हमारे नंबर एक्सचेंज हो गए.
अब हमारी रेगुलर चैट होने लगी, बातें होने लगीं.

मैं उनकी बहुत तारीफ करता लेकिन बात आगे नहीं बढ़ पा रही थी.

फिर उन्होंने बताया कि उनका बेटा कोटा में मेडिकल की तैयारी कर रहा है.
पति भी बैंक में ही जॉब करते हैं, वे दिल्ली में ही पोस्टेड हैं.

मैंने हम्म कहते हुए उनकी तरफ ही नजरों को स्थिर कर लिया.

वे आगे बोलीं- हमारी पोस्टिंग हमेशा दूर-दूर रही है!
मैं मन ही मन खुश हुआ कि मतलब मैडम के छेद में लंड का सूखा हमेशा से ही रहा है.

अब वे भी मुझसे पूछने लगीं- आप सुनाएं आपके क्या हाल चाल हैं. आप अकेले ही हैं या कोई गर्लफ्रेंड है?
मैं हंस दिया.

वे शायद यह समझीं कि मेरी कोई जुगाड़ नहीं है.
तो वे हंस कर कहने लगीं- अरे आप तो इतने स्मार्ट हो, फिर भी कोई नहीं है!

अभी हम दोनों की बात आगे बढ़ती कि किसी ने अन्दर आने की अनुमति मांगी.

मैडम ने मेरी तरफ देख कर कसक भरी नजरों से देखा और आगंतुक को अन्दर आने के लिए कहा.
मैंने भी उठ जाना ही ठीक समझा और उन्हें ‘थैंक्स मैडम’ कहते हुए सीट से उठ खड़ा हुआ.

वे भी ओके बोलकर करने लगीं- चलिए आपको फोन से बताती हूँ!

उस दिन हमारी बात यहीं पर रुक गई थी.

दो दिन बाद जब मैं बैंक के काम से गया तो कनिका मैडम थोड़ी परेशान लग रही थीं.
वे किसी से फोन पर बोल रही थीं- ऐसे थोड़ी मना कर सकते हो!

मैंने इशारे से पूछा- क्या हुआ?
उन्होंने फोन कट करते हुए बताया- अचानक एक मीटिंग के लिए अमृतसर जाना है, लेकिन ड्राइवर मना कर रहा है.

मैंने कहा- आप मेरी कार ले जाओ न!
उन्होंने कहा- अरे यार, मुझे ड्राइविंग नहीं आती!

उन्होंने मुझे यार बोला, तो तबीयत खुश हो गई.
मैंने बोला- अच्छा, तो मैं आपको ले चलता हूँ!

पहले तो उन्होंने मना किया, वे बोलीं- आप परेशान मत हो.
फिर मैं कुछ कहता कि वे जल्दी से मान गईं.

मैं मन ही मन खुश था कि आज लंबा टाइम स्पेंड करने का मौका मिला है.

वे बोलीं- अभी निकलना है. मुझे घर से फॉर्मल ड्रेस भी लेनी है.

हम दोनों उठ कर बाहर आए और उनके घर आ गए.
मैं नीचे कार में बैठा था.

वे जल्दबाजी में गईं और एक बैग ले आईं.
जब उन्होंने बैग कार में रखा, तो उसमें से एक ब्रा और पैंटी बाहर गिर गए.

मैंने मज़ाक में कहा- मैडम, आपकी चॉइस तो कमाल की है.
वे हंसने लगीं और बोलीं- नहीं यार, इतनी खास भी नहीं है. वह तो मैं खुद ही खरीद लाती हूँ. सर को तो टाइम कहां है? दो महीने से मिलने भी नहीं आए.

मुझे लगा कि यही टॉपिक चला तो मेरा काम जल्दी हो जाएगा.
पर तभी उन्होंने टॉपिक बदल दिया.

वे बोलीं- मुझे भी ड्राइविंग सीखनी पड़ेगी.
मैंने कहा- मैं सिखा दूँगा.
उन्होंने ओके बोला.

फिर तीन घंटे की यात्रा के बाद हम दोनों अमृतसर आ गए.

वहां उन्होंने किसी स्टाफ फ्रेंड के यहां ड्रेस चेंज की.
और जब वे बाहर आईं तो बहुत सेक्सी लग रही थीं.

उन्होंने फुल टाइट फॉर्मल सूट पहना था. फिर मैंने उन्हें मीटिंग प्लेस पर ड्रॉप किया.

उन्हें छोड़े हुए भी लगभग ढाई घंटे बीत चुके थे.
इतनी देर तक मैं वहां घूमता रहा था.

शाम साढ़े सात बजे कनिका का कॉल आया, वे बोलीं- मैं फ्री हो गई.
मैं उन्हें पिक करने गया.

जब मैं वहां पहुंचा, तो उन्होंने मुझे हग किया और थैंक्यू बोला.
वे बहुत खुश लग रही थीं.

जब उन्होंने हग किया, तो उनके टाइट बूब्स मुझे अपने सीने में गड़ते हुए फील हुए.
मैंने भी उन्हें अपनी बांहों में भींच कर टाइट हग किया.

उनकी हल्की सी आह निकल गई लेकिन उन्होंने कुछ पल मेरे सीने में अपने दूध गड़ाए रखे.
बाद में उन्होंने बताया कि उन्हें बेस्ट फीमेल मैनेजर का अवॉर्ड मिला है.
वे बहुत खुश थीं.

फिर हम रात आठ बजे के करीब वहां से निकले.
दस बजे हमने एक ढाबे पर डिनर के लिए कार रोकी और खाना खाया.

तब उन्होंने कहा- ड्राइविंग नहीं सिखाओगे? अब तो रोड पर गाड़ियां भी कम हैं.
मैंने बोला- क्यों नहीं, आओ न मैम!

वे गाड़ी की स्टेयरिंग की तरफ देखने लगीं.

मैंने कहा- आप ड्राइवर सीट पर बैठ जाओ.
मैं साइड में बैठ गया.
मैंने उन्हें सब बताया कि क्या कैसे करना होता है.

फिर वे धीरे-धीरे कार चलाने लगीं.
तभी पीछे से गाड़ी आई, तो वे एकदम से घबरा गईं. ब्रेक की जगह गलती से ज्यादा एक्सीलरेट हो गया.

अब वे डर भी गईं.
मैंने कार कंट्रोल करके रोकी.

तो वे नीचे उतरकर बोलीं- मैं नहीं सीख पाऊंगी.
वे रोने लगीं.

मैंने कहा- प्लीज़, ऐसे मत करो. कुछ नहीं हुआ! आप चलाओ न!
वे बोलीं- आप मेरे साथ बैठो, तभी चलाऊंगी.

मैं ड्राइवर सीट पर बैठ गया. वे मेरी गोद में बैठ गईं. अब रात हो गई थी, देखने वाला कोई नहीं था.

उनकी गांड के साथ लगते ही मेरा 8 इंच का मोटा लंड तन गया.
मुझे उनकी गांड की दरार फील हो रही थी. मैं गियर चेंज कर रहा था, वह धीरे-धीरे चला रही थीं.

मैंने उनके पेट पर हाथ रख लिया.
वे आराम से चला रही थीं.

थोड़ी देर बाद मैंने कहा- अब गियर भी आप खुद संभालो.
तब उन्होंने बोला- जो नीचे वाला गियर है, वह भी संभालना है क्या?

ये सुनकर मैं खुश हो गया.
वे स्माइल देने लगीं और बोलीं- आप मेरे हॉर्न दबाओ ना!

मैंने उनके दोनों बूब्स दबाने शुरू किए.
वे सीत्कार करने लगीं.

वे बोलीं- अर्श, नीचे वाला गियर भी मुझे दे दो, मैं उसे कंट्रोल करूँगी.

मैं उनकी गर्दन पर किस करने लगा.
वे पागल हो रही थीं.

तब मैंने कार रोकी और उनका मुँह अपनी तरफ कर लिया.

वे मेरे होंठों पर अपने होंठ रख कर चूमने लगीं.
मैंने उनकी शर्ट के बटन खोल दिए.

सच बताऊं, इतने टाइट और आम की तरह टेढ़े व नुकीले बूब्स मैंने आज तक नहीं देखे थे.

हालांकि उनके दूध देखने में छोटे लग रहे थे, लेकिन जब मैंने ब्रा हटाई, तो बहुत बड़े लगे.
मैं उनके बूब्स चूसने लगा.

वे सीत्कार करने लगीं.
उन्होंने एक हाथ से मेरी पैंट की ज़िप खोलकर लंड बाहर निकाला और सहलाने लगीं.

तब मैंने उन्हें साइड की सीट पर बिठाया और कहा- लंड को चूसो.
वे बोलीं- नहीं, मैं यह नहीं कर सकती. मैंने कभी नहीं किया!

फिर मैं कार ड्राइव करने लगा.

थोड़ी देर बाद वे बोलीं- गुस्सा हो?
मैंने बोला- नहीं.

तभी वह लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं.

सच में, उनका पहला टाइम था.
वे अच्छे से चूस भी नहीं पा रही थीं.

थोड़ी देर में वे लंड को अच्छे से चूसने लगीं.
अब शायद उन्हें भी मज़ा आने लगा था.

मैंने कार रोकी और कहा- मुझे अभी चुदाई करनी है.
वे बोलीं- यहां नहीं, मेरे घर चलो … मेरी जान. वहीं सुहागरात मनाएंगे.

फिर मैंने बोला- ओके मेरा लंड चूसती रहो.
वे 20 मिनट तक लंड चूसती रहीं.

मैंने बोला- मेरा कम पी जाओगी?
वे मान गईं.

अब वे अपने हाथ से लंड को हिलाने लगीं और जैसे ही मैं झड़ा, वे मेरा पूरा कम पी गईं.
वे बहुत खुश थीं.

कार चलाते वक्त मैं उनकी चूत में उंगली कर रहा था.
वे दो बार पानी छोड़ चुकी थीं.

देर रात को हम दोनों उनके घर पहुंच गए.
वे बोलीं- इतना वेट किया है, थोड़ा और करो.

मैं उनके बाथरूम में नहाने लगा.
मेरे सर पर सेक्स चढ़ चुका था.

जब तक बाहर आया, वे बेड पर वेडिंग साड़ी में दुल्हन की तरह बैठी थीं.

वे बोलीं- आज आपने कार में बिना चुदाई के ही वह सुख दे दिया, जो कभी नहीं मिला. आज आप मेरे साथ सुहागरात मनाओ.

मैं उनके बाजू में बैठ गया.

फिर उन्होंने बोला- हम हमेशा दूर-दूर पोस्टिंग में रहे. लाइफ में आज तक गिनती की चुदाई की है.

मैंने उनका घूँघट हटाया और किस करने लगा.
धीरे-धीरे मैंने उनके सारे कपड़े उतार दिए.
वे शर्माने लगीं.

अब मैंने उन्हें पकड़कर अपने पास खींचा और उन्हें चित लिटा कर उनकी चूत को चाटने लगा.

सच में, उनकी चूत में एक अलग ही खुशबू थी, जो कभी महसूस नहीं की.
शायद पहली बार इतनी टाइट चूत महसूस की.

फिर जब मैंने अपना 8 इंच का मोटा लंड उनकी चूत में डाला तो वे चिल्लाने लगीं- दर्द हो रहा है.
मैंने बोला- अभी तो आधा ही अन्दर गया है.
वे बोलीं- प्लीज़, धीरे-धीरे करो.

मैंने 2-3 झटकों में पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया और फुल तेज़ चुदाई करने लगा.

लगभग 15 मिनट की चुदाई के बाद वे ढीली पड़ने लगीं.
उनका पानी निकल चुका था.

वे बोलीं- बस करो!
मैंने बोला- अभी मेरा नहीं हुआ!
वे चुप हो गईं.

फिर मैंने उन्हें घोड़ी बनाया और पीछे से उनकी चूत में लंड डाल कर फुल स्पीड में चुदाई करने लगा.

वे भी तेज़ आवाज में सीत्कार करने लगीं.

कुछ बीस मिनट बाद मैं झड़ने वाला था जबकि वे अब तक दो बार झड़ चुकी थीं.

फिर मैं उनकी चुत में ही झड़ गया और वे मेरे साथ चिपक कर सो गईं.

आपको पता है, मैं उस तरह का हरामी आदमी हूँ कि जिसकी चुत चोदता हूँ, उसकी गांड मारे बिना रह ही नहीं सकता.

दो घंटे बाद मैं उठा और मैंने उन्हें घोड़ी बनाया. वे जब तक कुछ समझ पातीं मैंने उनकी गांड में लंड डाल दिया.

वे आधी नींद में थीं.
जैसे ही मेरा लंड उनकी गांड में गया, उनकी नींद टूट गई.
वे दर्द से चीखने लगीं.

मगर मैं नहीं माना और उनकी गांड फाड़ता ही रहा.
अब वे भी मेरा साथ देने लगी थीं.

उस रात मैंने उनकी तीन बार चुदाई की.
वे बहुत खुश थीं.

वे बोलीं- आज आपने मुझे सच्चा सुख दिया है.

वे मुझे पति की तरह इज्जत देने लगी थीं.

अब हम दोनों को जब भी टाइम मिलता है, हम लोग चुदाई करते हैं.

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