हॉर्नी भाभी सेक्स कहानी में मैं एक लेडी वकील हूँ. मेरे पास एक लड़की आई जो अपने पति से तलाक चाहती थी क्योंकि उसके पति का लंड बहुत बड़ा था और बहुत चुदाई करता था.
यह कहानी सुनें.
अपनी पढ़ाई लिखाई पूरी करके मैं सोचने लगी कि अब क्या किया जाए?
कोई दस से पांच बजे की नौकरी की जाए, कोई बिज़नेस किया जाए या फिर कोई पेशा किया जाए?
फिर मेरे मन में आया कि मैंने लॉ की पढ़ाई की है तो क्यों न वकालत की जाए?
ऐसा ख्याल आते ही मैं वकालत करने के लिए जुट गई।
पहले एक सीनियर वकील के मातहत काम किया और फिर खुद ही अकेली वकालत करने लगी।
भगवान् की कृपा से मेरी वकालत चल पड़ी और मैं धीरे धीरे पैसा के साथ साथ नाम भी कमाने लगी।
मैंने फैमिली कोर्ट में हाथ आज़माया था और मुझे पूरी सफलता मिली।
मुझे केस पर केस मिलने लगे और मैं हर केस को जीतने भी लगी।
अब मेरा काम बहुत बढ़ गया था तो मैंने प्रेमा नाम की एक खूबसूरत लड़की को मुंशी बनाकर रख लिया।
मेरा नाम मिसेज रेहाना है।
आज मैं 34 साल की हूँ।
12 साल पहले जब मैं स्टूडेंट थी तो बहुत धमाल करती थी।
मैं वोकल बहुत थी यानी बोलती बहुत थी, बहस बहुत करती थी।
अपनी दोस्तों के बीच गन्दी गन्दी बातें गालियों से करती थी।
लण्ड बुर चूत भोसड़ा तो मैं धड़ल्ले से बोलती थी।
लड़कों को तो मैं लौड़ा कह कर बुलाती थी।
लड़के मेरे मुंह से “लौड़ा” सुनकर खूब एन्जॉय करते थे तालियां बजाते थे और मैं मन ही मन बहुत खुश होती थी।
एक बात तो बताना ही भूल गई।
उन दिनों मुझे लण्ड से बहुत प्यार हो गया था।
नकली लण्ड के लिए मैं पोर्न देखती थी और असली लण्ड के लिए लड़कों को पटा लेती थी।
सबसे पहले एक सहेली के भाई का लण्ड पकड़ा था।
फिर कॉलेज के चार लड़कों के लण्ड पकड़े. फिर मैंने कभी मुड़ कर नहीं देखा।
मैं आज भी कई लोगों से चुदवाती हूँ।
मैं लण्ड की जबरदस्त शौक़ीन हूँ। कोई मस्त लौड़ा मिलता है तो उसे पूरा निचोड़ लेती हूँ।
अब मेरी इस हॉर्नी भाभी सेक्स कहानी का मजा लें.
इसमें हॉर्नी भाभी मैं खुद हूँ.
एक दिन मेरे ऑफिस में एक नई क्लाइंट आ गई।
नाम था उसका मिसेज मेघना।
आते ही वह बोली- मेम मैं अपने पति से बहुत परेशान हूँ।
मैंने पूछा- क्यों परेशान हो?
वह बोली- मेरे पति मेरे साथ जानवरों जैसे व्यवहार करते हैं। मुझे दिन रात परेशान करते हैं, मुझे ठीक से सोने नहीं देते।
मैंने कहा- मेघना, ज़रा खुल कर सब सच बताओ तभी मैं तुम्हारी मदद कर सकती हूँ।
वह बोली- मैडम, असली बात यह है कि मेरे पति का लण्ड 9″ का है और मोटा भी बहुत है।
यह सुनकर तो मेरी चूत साली गीली हो गयी और मेरे बदन में आग लग गई.
मैंने कहा- अरे वाह ये बहुत अच्छी बात है। तुम तो बड़ी लकी हो यार। वर्ना इतना मस्त लौड़ा मिलता किसको है?
वह बोली- क्या ख़ाक लौड़ा है मैडम, एक बार चूत में घुसता है तो फिर निकलता ही नहीं। मैं दो बार झड़ जाती हूँ वो बहन चोद एक बार भी नहीं झड़ता। साला चूत से अगर निकालता है तो गांड में घुसा देता है। गांड से निकालता हैं तो मुंह में ठूंस देता है। रोज़ 3/4 बार चोदता है। सांस लेने का भी मौका नहीं देता। मुझे इतनी चुदाई नहीं चाहिए। मैं मर जाऊंगी।
मैंने कहा – अच्छा ठीक है मैं कुछ करती हूँ।
जब वह चली गयी तो मैं सोचने लगी कि अगर इसके पति का लण्ड 9″ का है और मोटा भी है. चोदता भी खूब है तब इसे तो बड़ा मज़ा आता होगा।
फिर इसे परेशानी किस बात की है।
एक औरत को तो ऐसा ही मर्द चाहिए जो उसे दिन रात चोदता हो और उसका लौड़ा भी मोटा तगड़ा हो।
ये दोनों बातें हैं फिर बुर चोदी मेघना क्यों उससे जान छुड़ाना चाहती है?
मुझे तो दिन रात चोदने वाला कोई ऐसा लण्ड मिल जाए तो फिर मज़ा ही मज़ा।
लेकिन मैं उसे दोनों की सहमति से तलाक दिलवाने की कोशिश करने लगी।
उसके बाद मन में ख्याल आया कि क्यों न इसके पति का लण्ड पकड़ कर देखा जाए?
घर बैठे अगर मन चाहा लण्ड मिल जाये तो इससे अच्छा और क्या हो सकता है!
ऐसे लण्ड को मैं हाथ से कभी नहीं जाने दूंगी।
फिर मैं सोचने लगी कि कैसे उसके पति के लण्ड तक पहुंचा जाए.
मेघना ने मुझे उसका फोन नंबर दिया था तो बस मैंने फोन लगा दिया।
मैंने कहा- मैं रेहाना एक वकील बोल रही हूँ। मैं तुमसे कुछ बात करना चाहती हूँ. मनीष, क्या तुम कल सवेरे 10 बजे मेरे घर आ सकते हो?
वह बोला- हां जरूर आ जाऊंगा मैडम!
अगले दिन जब वह आया तो मैं बड़ी देर तक उसे देखती रही।
बड़ा स्मार्ट और हैंडसम आदमी था वो!
एकदम लम्बा चौड़ा गोरा चिट्टा क्लीन शेव।
मेरी तो चूत में आग लग गई।
मैंने मन में कहा- मेघना बुर चोदी बहुत चूतिया टाइप औरत है। उसका पति इतना हैंडसम है और उसे दिन रात चोदता भी है. तो वो इससे परेशान क्यों है. औरत को तो बड़े लण्ड वाला और मस्त चोदने वाला मर्द चाहिए बस। वो तो साली बड़ी पागल औरत है।
मेरे मन में आया कि मैं अभी उसे नंगा करके उसका लण्ड पकड़ कर मुंह में ले लूँ।
खैर मैंने पूछा- ड्रिंक्स लेते हो क्या मनीष?
वह बोला- हां, मैं कभी कभी लेता हूँ।
मैंने नीचे घाघरा और ऊपर एक छोटी सी ब्रा पहन रखा था।
घाघरा के अंदर मेरी चूत थी मतलब पैंटी नहीं थी।
फिर क्या … हम दोनों आमने सामने बैठ कर दारू का मज़ा लेने लगे।
संडे का दिन था और ऑफिस से पूरी फुर्सत थी।
मैं उससे बातें करने लगी।
धीरे धीरे खुल कर बोलने लगी और वह भी खुलने लगा।
मैंने कहा- यार, तुम इतने हैंडसम हो तो तुम्हारे पीछे लड़कियां बहुत घूमा करतीं होगीं?
वह बोला- हां यह बात सही है। मैं पढ़ाई में अच्छा था इसलिए भी लड़कियां मेरे आगे पीछे रहतीं थी।
मैंने फिर पूछा तो उसने बताया- यह सच है कि मैं कुछ लड़कियों के साथ सेक्स करने लगा था। मेघना मुझे वहीं मिली थी।
मैंने फिर पूछ ही लिया- क्या तुमने मेघना को शादी के पहले चोदा था?
वह बोला- हां चोदा था, कई बार चोदा था। फिर मैंने उससे शादी कर ली। यह मेरी लव मैरिज थी। शादी के बाद मैं उसे और ज्यादा चोदने लगा।
मैंने कहा- एक बात बताओ, फिर तुम्हारी बीवी तुमसे परेशान क्यों रहती है?
वह बोला- सच बताऊँ आपको, मेरी बीवी कुछ दिनों में गैर मर्दों के संपर्क के आने लगी थी। वह गैर मर्दों से चुदवाने लगी थी।
मैंने कहा- लेकिन वो तो कह रही थी कि मेरे पति का लण्ड 9″ का है, दिन रात मुझे चोदता है। मैं उससे इतना ज्यादा चुदवाकर परेशान हो जाती हूँ। बहुत थक जाती हूँ।
उसने कहा- अरे मैडम, जिस औरत को पराये मर्दों के लण्ड का चस्का लग जाता है, उसे अपने पति का लण्ड बिलकुल पसंद नहीं आता. लण्ड चाहे जितना बड़ा हो। वो तो साली मुझसे चुदवाने में बड़ा नखरा करती थी। ठीक से मुझे न बुर देती थी और न गांड।
यह सुनकर मेरी चूत साली गरम हो गई।
मैंने उसकी जांघ पर हाथ रख कर पूछा- मनीष क्या सच में तेरा लण्ड 9″ का है?
वह मुस्कराते हुए बोला- अब ये मैं कैसे कह सकता हूँ मैडम! ये तो देख कर ही पता चलेगा।
उसका चेहरा बता रहा था कि ये बात सच है।
फिर मेरा हाथ आगे बढ़ गया।
मैंने कहा- अच्छा तो मैं ही खोल कर देख लेती हूँ कितना बड़ा है. तेरी बीवी सच कह रही थी झूठ!
तब मैंने थोड़ी बेशर्मी दिखाई और उसकी पैंट के ऊपर से लण्ड सहलाया।
मुझे लगा कि लण्ड खड़ा हो रहा है।
मैं समझ गई लौड़ा तो दमदार लग रहा है।
फिर मैंने उसकी बेल्ट खोल दी, उसकी पैंट खोलने लगी, उसकी कमीज खोल डाली।
वह कुछ नहीं बोला।
पैंट के नीचे चड्डी थी।
चड्डी का उभार बता रहा था कि लण्ड कितना बड़ा होगा।
मैंने उसे हाथ से सहलाया उसकी चुम्मी ली और फिर चड्डी उतार कर फेंक दी।
फिर क्या … मेरे सामने नंगा लण्ड फनफनाता हुआ खड़ा हो गया।
मेरे मुंह से निकला- ओ माय गॉड … इतना बड़ा लण्ड! इतना मोटा लण्ड! इतना सख्त लण्ड! मेघना बुरचोदी सही कह रही थी। तू तो उसकी चूत रोज़ फाड़ता होगा।
मैंने लण्ड को प्यार से हिलाया उसका टोपा चूमा और कहा- सच में बड़ा जबरदस्त है तेरा ये मादरचोद लण्ड।
मेरे बदन में बुरी तरह आग लग चुकी थी।
मेरी चूत साली गीली हो चुकी थी.
तब तक उसने भी मुझे नंगी कर दिया और मेरे पूरे बदन पर हाथ फिराने लगा।
फिर मेरे बूब्स मसलता हुआ बोला- तेरे मम्मे तो बहन चोद बहुत बड़े बड़े हैं यार! क्या मस्त गुलाबी दूध हैं तेरे!
उसका एक हाथ मेरी चूत पर चला गया।
वह मेरी छोटी छोटी झाटों वाली चूत देख कर बोला- इतनी सेक्सी और हॉट चूत तो आज मैं पहली बार देख रहा हूँ.
मुझे तो मनीष बड़ा अच्छा आदमी लग रहा था।
उसका लौड़ा तो साला और भी अच्छा था।
मैंने मन में कहा कि भाड़ में जाए मेघना। अगर उसे अपना पति नहीं पसंद है तो न सही। मुझे तो उसका पति पसंद है और उसका लण्ड भी।
मैं अपनी टाँगें फैलाकर उसका लण्ड चूसने लगी तो उसने अपना मुंह मेरी टांगों के बीच घुसेड़ दिया और मेरी चूत चाटने लगा।
वह मेरे चूतड़ों पर हाथ फिराने लगा, मेरी जांघों पर हाथ फेरने लगा।
मेरी छोटी छोटी झांटों वाली चूत उसे बड़ी सेक्सी लग रही थी।
वह बोला- जानती हो मैडम, मेरी बीवी की झांटें इतनी बड़ी बड़ी हैं कि चूत का छेद ढूंढना मुश्किल हो जाता है। मुझे कहीं से मालूम हुआ कि उसके चाहने वाले को झांटों वाली चूत पसंद है इसलिए वो झांटें ट्रिम भी नहीं करती।
मनीष जिस तरह से मेरी बुर चाट रहा था, वो मुझे बड़ा मज़ा दे रहा था।
मैंने भी उसका लौड़ा चूसने में कोई कसर नहीं छोड़ रखी.
थोड़ी देर में वह बोला- यार रेहाना, अब रहा नहीं जा रहा, मैं तो लण्ड पेलूँगा।
मैंने कहा- ठीक है यार पेल दो न लण्ड, मेरी चूत तैयार है।
वो साला चढ़ गया मेरे ऊपर और गच्च से पूरा लौड़ा घुसा दिया अंदर!
मेरे मुंह से उफ़ निकला.
मैं चुदी हुई थी तो मुझे कोई ज्यादा दर्द नहीं हुआ लेकिन हां उसका लण्ड साला चूत में चारों तरफ से घुसा तो बहुत अच्छा लगा।
काफी देर तक वह मुझे बिस्तर पर चोदता रहा।
मैं भी उसका स्टैमिना देखना चाहती थी इसलिए मैं भी मस्ती से खूब घपाघप चुदवाती रही।
मैं बोली- पेल दे भोसड़ी के पूरा लण्ड मेरी चूत में! वाओ बड़ा मज़ा आ रहा है मुझे! आआआ हहह ऐसे चोदो, फाड़ डालो मेरी चूत। ये चूत बुर चोदी मुझे बहुत परेशां करती है। आज इसे एक मरदाना लण्ड मिला है तो ससुरी फूली नहीं समा रही है।
“आआ आहह हह छऊ ओ वोवो हीहह हहह.” मेरे मुंह से आहें निकल रही थी और सच में मैं उसके लण्ड का पूरा मज़ा ले रही थी।
मेरे मुंह से निकल रही थी- साले, कुत्ते ,कमीने तेरी माँ की चूत, तेरी बहन की बुर। मैं तेरी बीवी नहीं हूँ जो तेरे लण्ड से डर जाऊंगी। मैं खा जाऊंगी तेरा ये झांट भर का लण्ड हहहा ऊऊऊ हहह उउउ अअअ अअ और चोदो, खूब चोदो, रंडी की तरह चोदो, तेरा लौड़ा बहन चोद बड़ा मज़ा दे रहा है।
उसने भी कहा- हां यार, मुझे तेरी बुर चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा है क्योंकि तुम अच्छी तरह से दिल खोल कर चुदवाती हो। चुदवाने वाली अच्छी हो तो फिर चोदने में दूना मज़ा आता है. लण्ड भी साला खुश हो जाता है।
अब तक न तो वो झड़ा और न मैं झड़ी।
मैं उसका स्टैमिना देख रही थी वह मेरा स्टैमिना।
फच्च फच्च धच्च धच्च की आवाज़ गूँजने लगी।
मैं भी नीचे से गांड उचका उचका कर चुदवाने लगी।
उसका पूरा लौड़ा बाहर निकालना और फिर अंदर घुसेड़ना बड़ा मज़ा दे रहा था।
कुछ देर बाद उसने मुझे गोद में उठा लिया और लण्ड मेरी चूत में पेल कर मुझे खड़े खड़े ही चोदने लगा।
मैं उसकी बलिष्ठ बाहों में झूलने लगी।
इस तरह की चुदाई मेरी पहली बार हो रही थी।
मुझे झूलते हुए चुदाने में एक नया मज़ा आने लगा।
मैंने कहा- मनीष, तू सच में चुदाई का बहुत बड़ा खिलाड़ी है। तुझे बुर चोदने के कई तरीके मालूम हैं। हाय रे तेरा लौड़ा साला बड़ा जबरदस्त है। देख न भोसड़ी का पूरा का पूरा अंदर घुसा जा रहा है। अअअ ऊऊओ हूहह मार डालो, फाड़ डालो मेरी चूत … जान निकाल लो मेरी, साले कुत्ते तेरी माँ का भोसड़ा … तेरी बहन का लण्ड … तेरी बुआ की बुर. तेरे जैसा चोदने वाला मुझे पहले क्यों नहीं मिला। तू कहाँ अपनी माँ चुदा रहा था कमीने?
मैं मस्ती में कुछ भी गालियां बके जा रही थी।
फिर उसने मुझे लण्ड पे बैठा लिया।
मैं बेड पर नंगी नंगी उसके लण्ड पर बैठ गई तो लण्ड बहन चोद पूरा घुस गया अंदर!
मैं भी मजे से कूदने लगी लण्ड पर।
हर बार जब मैं नीचे आती तो लण्ड पूरा मेरी चूत में घुस जाता।
मैंने कहा- देख साले मनीष, अब मैं तेरा लण्ड चोद रही हूँ। अब मत कहना कि मुझे चोदना नहीं आता। मुझे भी चोदना आता है इसलिए मैं जरुरत पड़ने पर सबकी माँ बहन चोद देती हूँ। आज तुझे चोद रही हूँ कल तेरी माँ बहन चोदूंगी।
वह मेरी बातों से और ज्यादा उत्तेजित हो गया।
फिर उसने जल्दी जल्दी इतने झटके मारे कि मेरी चूत साली ने छोड़ दिया पानी … और साथ साथ वह भी झड़ गया।
लण्ड का सारा माल मेरी चूत पर, मेरी जांघों पर और पेट पर गिरा।
फिर हम दोनों बाथरूम से आकर नंगे नंगे बिस्तर पर लेट गए.
मैं मन में सोचने लगी कि वैसे तो मुझे गांड मरवाने में भी मज़ा आता है. मगर इसका लण्ड साला इतना मोटा है और लम्बा भी ये तो बहनचोद एक ही बार में मेरी गांड फाड़ डालेगा। चूत में चाहे जितना मोटा लण्ड घुसे चूत को कुछ नहीं होता. चूत तो उसी अनुपात में फैलती जाती है लेकिन गांड उतनी ज्यादा नहीं फैलती मगर गांड मरवाने का मज़ा ही अलग होता है।
अंततः मैंने ठान लिया कि मैं मनीष का लौड़ा गांड में पेलवाऊंगी जरूर!
बस मेरा हाथ लण्ड पर चला गया तो लण्ड फनफना उठा।
तन कर खड़ा हो गया बहनचोद लण्ड।
उसने खुद मुझे घोड़ी बना दिया, मेरे पीछे गया, मेरी कमर दोनों हाथों से पकड़ लिया और लौड़ा मेरी चूत में घुसेड़ दिया।
फिर उसने धीरे से मेरी गांड में एक उँगली डाली फिर दो उँगली डाली तो मैं समझ गयी अब ये साला मेरी गांड में लौड़ा ठोकेगा।
मेरा ऐसा सोचना हुआ कि उसने सच में ठोक दिया लण्ड।
मेरे मुंह से उफ़ निकला।
मेरी गांड में लौड़ा पूरा अंदर तक घुस गया।
मुझे थोड़ा दर्द तो हुआ पर मज़ा उससे ज्यादा आया तो मैं भी गांड चुदवाने में साथ देने लगी।
वह कभी मेरी गांड मारता तो कभी बुर चोदता।
मुझे इस अदला बदली का बड़ा सुखद अहसास होने लगा।
चुदाई के बाद जब हम दोनों उठे तो हमको बड़ा अच्छा लगा.
उसे भी बड़ा मज़ा आया।
फिर मैंने दोनों का तलाक करवा दिया.
लेकिन आज भी मैं मनीष के लण्ड का मज़ा लेती रहती हूँ।
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