दिल्ली की ठंड में गर्म चूत का संग

Xxx फ्री गर्ल चुदाई की कहानी मुझे मेट्रो स्टेशन पर मिली एक लड़की के साथ सेक्स की है. वो मुझे बहुत सेक्सी लगी तो मैं उससे बात करने लगा. बात आगे बढ़ी तो …

प्रिय पाठको, आप सबको पहले मेरा नमस्कार.
यह एक सच्ची Xxx फ्री गर्ल चुदाई की कहानी है जो कि मेरे और मेट्रो में मिली एक कमसिन लड़की के बीच की है.

पहले मैं अपने आप के बारे में बता दूँ.
मेरा नाम रुद्र है और मैं वाराणसी का रहने वाला हूं. मैं 6 फ़ीट लम्बा और सुडौल शरीर वाला लड़का हूँ.

वैसे तो मेरे लंड ने बहुत से महिलाओं की चूत की गर्मी शांत की है लेकिन उस ठंड की बात ही कुछ और है.

मैं उस टाइम दिल्ली में एक कॉल सेंटर में काम करता था और रोज़ सुबह लक्ष्मीनगर से नोएडा के लिए मेट्रो से जाता था.

उस दिन भी ऐसा ही कुछ था, मैं मेट्रो का वेट कर रहा था.

तभी एक लड़की जिसका नाम पूनम (बदला हुआ) दिखी.
क्या बताऊं दोस्तो, उसको देख कर तो मेरे लंड में जैसे बिजली उतर गई, अचानक से लंड का साइज बड़ा हो गया.
उसकी भरी जवानी देख कर किसी का लंड भी खड़ा हो जाएगा.

उसका साइज 34-30-36 का था, जो मेरी पारखी नज़र ने एक्सरे करके समझ लिया था.
मेरा मन उससे बात करने का किया और मैं सीधे उसके पास जा पहुंचा.

मैंने पूनम को हैलो कहा, रिप्लाई में उसने भी हाथ हिला कर हैलो कहा.
फिर हमने आपस में इधर उधर की बातें की. वो भी बात करने में जरा सी भी न हिचकिचाई.

बातों बातों में पता चला कि वो भी वाराणसी से है और यहां दिल्ली में जॉब की तलाश में आई है.
मैंने उसे अपनी कंपनी में जॉब दिलवाने की पेशकश की तो वो बहुत खुश हुई और मेरे साथ जाने को रेडी हो गयी.

हम साथ में मेट्रो में बैठ गए.
सुबह के टाइम मेट्रो में भीड़ ज्यादा होती है और मैंने इस बात का पूरा फायदा उठाया.

मैं पूनम से चिपक कर खड़ा था और उसकी पीठ को धीरे से सहला रहा था उसकी गर्म सांसें मुझे गर्म कर रही थी.
कुछ ही देर बाद हम दोनों कम्पनी के ऑफिस में आ गए.

मैंने उसकी जॉब सैट करवा दी.
वो मेरे ही अंडर में काम करने वाली थी.

मैंने उससे फोन नम्बर एक्सचेंज किया और हमारी बात शुरू हो गयी.
कुछ दिन तक सब नार्मल था.

फिर धीरे धीरे हमारी बातें गर्म होती गईं और सेक्स में बदल गईं.

वीडियो कॉल पर मैंने उसे नंगी देखा और अपना लंड भी दिखाया.
वो लंड देख कर एकदम से पागल सी हो गई और अपनी चूत में लंड लेने के लिए मचल उठी.

मैंने उसे दूसरे दिन अपने रूम पर आने का न्यौता दिया जो उसने तुरंत स्वीकार कर लिया.
दूसरे दिन शाम को मेरे कमरे में मिलने का प्लानिंग सैट हो गई. Xxx फ्री गर्ल चुदाई की कहानी आगे बढ़ने लगी.

दूसरे दिन शाम को वो एक ब्लैक कलर की ड्रेस में मेरे रूम पर आई.
क्या बताऊं भाई … उसे देख कर ऐसा लग रहा था कि कोई अप्सरा मेरे दरवाजे पर खड़ी है.

उसे मैंने अन्दर बुलाया और बैठने को बोला, खुद उसके लिए पानी लेने चला गया.
मैंने उसे पानी दिया और फिर बातें करने लगा.

वो भी मेरे साथ पूरी तरह से ओपन हो गयी थी इसलिए सेक्स तक आने में टाइम नहीं लगा.
मैंने उसकी जांघ पर हाथ फेरना शुरू किया और धीरे धीरे उसकी वनपीस ड्रेस को ऊपर सरका दिया.

वो भी मेरे लंड की फुंफकार को देख रही थी और अचानक से मेरे लंड को पकड़ लिया.
मैं जब तक कुछ समझ पाता, उसने मेरे लंड को मेरे पैंट के ऊपर से मसलना शुरू कर दिया.

मैंने भी देर न करते हुए उसकी गर्दन को पकड़ा और होंठों से होंठ मिला दिए.
उसके गुलाब की पंखुड़ी जैसे होंठों को चूसने में मुझे बड़ा मजा आ रहा था.

मैंने उसके बूब्स पर हाथ रखे और मसलने लगा. इससे उसकी सांसें गर्म हो रही थीं.
क्या बताऊं दोस्तो, इतने मुलायम बूब्स थे … जैसे किसी ने मक्खन के गोले में हाथ लगा दिया हो.

मैं झट से उसके कपड़े उतारने लगा और जल्दी ही उसे ब्रा और पैंटी में कर दिया उसे देख कर लग रहा था कि संगमरमर के फर्श पर ब्रा पैंटी के दाग लगे हैं.
मैंने उसके बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही चूसना शुरू कर दिया.

वो ‘अअह अम्म आह ओह उम्मम …’ करती हुई मेरे सर को पकड़ कर अपनी चूचियों पर दबा रही थी.
मैंने भी जोश में आकर उसकी ब्रा को खींच कर फाड़ दिया जिससे उसके कबूतर उछल कर बाहर आ गए.

फिर मैं उन कबूतरों पर टूट पड़ा.
कभी एक को चूसता तो बाजू वाले को मसलता, कभी दूसरे को चूसता तो बाजू वाले को मसलता.

वो बस ‘आह आह ओह्ह उम्म …’ करती रही.
फिर उसने मेरे कपड़े उतारे और लंड को पकड़ कर ऊपर नीचे करने लगी.

मैं भी गर्म हो गया था.
मैंने पैंटी में उभर कर दिख रही उसकी चूत की फांकों पर हाथ रखा और उसकी चूत पर हाथ फेरा.

उसकी चूत एकदम गीली हो चुकी थी, उसकी चूत का पानी धीरे धीरे रिस रहा था.

मैं उसको चूमते हुए पेट पर आया और धीरे धीरे चूत पर मुँह ले आया.

चूत पर जीभ लगाते ही वो एकदम से सिहर गयी और उसने गर्म सांस लेते हुए ‘आह हम्म …’ किया.
उसकी चूत का टेस्ट नमकीन था … मगर मुझे वो नमकीन भी मीठा सा लगा.

मैंने उसकी चूत चाटना शुरू की, वो आह ओह उम्म आम्म उह करते हुए लम्बी लम्बी सांस लेने लगी.
उस वक्त उसके मम्मे ऊपर नीचे हो रहे थे.

उस भरी ठंड में हमारे बदन से पसीना आ रहा था. जहां कम्बल की जरूरत थी, वहां बस हम दोनों के बदन आग की भट्ठी का काम कर रहे थे.

मैंने पूनम से अपना लंड चूसने कहा.
वो झट से राज़ी हो गयी और हम दोनों 69 में आ गए.

उसके मुँह में मेरा लंड घुसाते ही मुझे जन्नत का अहसास हुआ.
वो मेरे लंड को धीरे धीरे चूसती रही और मैं भी उसकी चूत को कुरेद कुरेद कर चाट रहा था.

पूनम का बदन अचानक से टूटने लगा और एक झटके में उसकी चूत में पानी छोड़ दिया.
मुझे मानो अमृतधारा मिल गई … मैंने उसकी चूत से निकले रस को चाट कर साफ कर दिया.
वो भी मेरे लंड को चूसे जा रही थी.

मैंने उसे बेड पर बैठा दिया और उसके मुँह में अपना लंड एक झटके में ठूंस दिया.
उसके बाल पकड़ कर मुँह में घपाघप झटके देने लगा, जिसे वो गौं गौं करती हुई चूसती जा रही थी.

बंदी ने एक बार भी सांस लेने में हो रही तकलीफ के चलते मेरे लंड को अपने मुँह से बाहर नहीं निकाला.
उसके लार का धार निकल कर नीचे टपक रही थी और वो एक सड़कछाप रांड के जैसे मेरे लंड को अपने मुँह में गले गले तक लेती जा रही थी.

कोई 5 मिनट की भयंकर मुँह चुदाई के बाद मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया और उसके मुँह में भर दिया.

वो मेरे लंड का सारा माल पी गयी.
झड़ने के बाद हम दोनों में थोड़ा रेस्ट किया.

वो कम्बल ओढ़ कर लेटी थी.
मैं उसके कम्बल में ही घुस गया और उसके मम्मों को सहलाने लगा.

वो धीरे धीरे गर्म होने लगी और गर्म सांसें छोड़ने लगी.
मैं उसकी चूत और मम्मे सहला रहा था.

इससे उसकी चूत फिर से गीली हो गयी और वो चूत में लंड लेने के लिए बेचैन हो गयी.

मैं उसे थोड़ा और तड़पाना चाहता था, इसलिए चूत में उंगली करने लगा.
चूत में उंगली जाते ही वो सीईओईई करने लगी.

उसकी सिसकारी सुन कर मेरे लंड में भी आग बढ़ गयी और लंड खड़ा हो गया.
पूनम ने लंड हाथ में पकड़ लिया और उसे सहलाने लगी, जिससे लंड पूरी तरह से टाइट हो गया.

जोश ही जोश में मैंने उसके एक चूचे पर काट लिया, जिससे वो सिसक गयी और तेज़ से चिल्ला दी.
मेरा जोश और बढ़ गया और मैंने जोर जोर से चूची चूसना शुरू कर दिया.

वो ‘आह उह उम्म अम्म आह और जोर से चूसो …’ बोलने लगी.
मुझे उसकी चूची पीने में बहुत मज़ा आ रहा था. उसकी सिसकारी सुन सुन कर मेरे लंड की आग तेज़ी से भड़क रही थी.

उसका गोरा बदन, जिस पर मेरे काटने से नीले दाग बन गए थे, बड़े ही मस्त लग रहे थे.
मैंने दोनों के बदन से कम्बल हटाया और ठंडी में गर्मी बढ़ने लगी.

मैंने उससे कहा- अब क्या ख्याल है?
वो नशीली आवाज में बोली- अब चुदने का ख्याल है.

मैंने कहा- तो खोलो अपनी चूत और मेरे लंड को उसमें घुसवा लो.
वो बोली- खुली पड़ी है मेरी चूत … चढ़ जाओ राजा मेरे ऊपर और फाड़ दो मेरी सीलपैक चूत!

मैंने कहा- सीलपैक है या फटी चूत है, वो तो लंड सब मालूम कर लेगा.
वो बोली- मेरी चूत में अभी तक किसी का लंड नहीं गया है तो फटी कैसे हो सकती है?

मैंने कहा- रानी चूत सिर्फ लंड से ही नहीं फटती … चूत की सील अपने आप भी फट जाती है.
वो चौंकी- वो कैसे?

मैंने कहा- खेलने कूदने वाली लड़कियों की चूत की सील अपने आप फट जाती है. या आजकल की लड़कियां चूत में कुछ कुछ लेटी रहती हैं, उससे भी चूत की सील फट जाती है.
वो बोली- मैंने अपनी चूत में अभी तक उंगली भी नहीं की है और न ही मैं कोई खेल खेलने वाली लड़की हूँ.

मैंने कहा- तब तो तुम्हें काफी दर्द होगा रानी!
वो बोली- हां मुझे मालूम है कि दर्द होगा, मगर मैं सहन कर लूंगी.

मैंने कहा- तुमने किसी से जाना है कि दर्द होता है?
वो मुस्कुरा दी और बोली- मैं इतनी भी चूतिया नहीं हूँ यार. अब तुम बकचोदी न करो और मेरी चूत का रिबन कट सेरेमनी कर दो.

मैंने कहा- ओके जान, एक बार फिर से लंड चूस दो ताकि चिकनाहट आ जाए.
वो बोली- ओके.

ये कह कर वो मेरे लंड को चूसने लगी और कुछ ही देर बाद वो टांगें फैला कर चुदने के लिए रेडी हो गई.
मैंने उसकी टांगों के मध्य आकर उसकी चूत की फांकों में जीभ फिराई और थूक लगा कर चूत चिकनी कर दी.

फिर लंड का सुपारा उसकी चूत में घिसना शुरू किया तो वो मचलने लगी और गांड उठा कर लंड लीलने की कोशिश करने लगी.
मैंने हल्का सा दाब दिया और लंड का सुपारा उसकी चूत की फांकों में फंसा दिया.

उसकी हल्की सी उन्ह की आवाज निकली जिसने उसे अहसास करवा दिया कि पहली बार चूत में लंड लेना कोई आसान काम नहीं है.
मैं उसके बदन को सहलाने लगा और चूचियों को मसलने लगा.

फिर मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ जमाए और लंड को ताकत दे दी.
मेरा दो इंच लंड चूत में घुस गया था और वो मचलने लगी थी.
उसकी मुट्ठियां बंध गई थीं.

मैंने देर न करते हुए लंड को आधा इंच बाहर निकाला और ठाप मार दी.

मेरे लंड की गर्मी ने उसकी चूत की सील फाड़ दी और वो एक बार को तेजी से छटपटाकर बेहोश सी हो गई.
मैंने उसकी बेहोशी पर ध्यान न देते हुए अपना लंड उसकी चूत की जड़ तक पेल दिया.

एक गर्म धार ने मुझे रुकने पर मजबूर कर दिया, देखा तो लाल खून ने क्रान्ति लिखना शुरू कर दी थी.
मैं रुक गया और उसको चूमने लगा.

कुछ पल बाद उसे होश आ गया और वो कराहने लगी.
दोस्तो सब मिलाकर एक मिनट का समय लगा होगा, जब वो दर्द से निजात पा गई.

उसके बाद मेरे लंड की दुरंतो एक्सप्रेस ने अपना जलवा दिखाना शुरू दिया.
Xxx फ्री गर्ल चुदाई से पूनम की चूत फट कर भोसड़े में तब्दील हो गई और मैंने अपने लंड की रसधार उसकी चूत में ही छोड़ दी.

उस दिन मैंने सारी रात पूनम को पेला और सुबह चार बजे तक चार बार की चुदाई में पूनम मेरे लंड की आशिक हो गई.
दोस्तो, आपको मेरी ये सच्ची Xxx फ्री गर्ल चुदाई की कहानी कैसी लगी, प्लीज़ मुझे कमेंट्स में जरूर बताएं.