मेरी बीवी बहुत मजे से चुदवाती है

वाइफ हसबैंड सेक्स कहानी में मुझे और मेरी बीवी दोनों को सेक्स का शौक है. एक रात मैंने उसकी चूत और गांड दोनों मारी. उसी रात की बात बता रहा हूँ.

हाय फ्रेंड्स,
मैं शुभ साहा एक बार फिर अपनी वाइफ हसबैंड सेक्स कहानी लेकर आ गया हूँ!

मेरी पत्नी का नाम शुभांगी है, प्यार से मैं उसे शुबू बुलाता हूँ।
मेरी उम्र 28 है और उसकी 25 साल।

हमारी नई-नई शादी हुई है। पहले हम बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड थे।
तब हमने सोचा था कि शादी के 2-3 साल तक खूब मज़े करेंगे चुदाई करके, फिर बच्चे करेंगे।

तो अभी रोज़ चुदाई चल रही है.
लेकिन उसमें से कुछ मज़ेदार किस्से हम आप लोगों को सुनाना चाहते हैं!

मैं अपने बारे में बता दूँ।
मैं स्कूल में टीचर की जॉब करता हूँ।
मेरी शुबू हाउसवाइफ है और थोड़ा-बहुत फैशन डिज़ाइन भी करती है।

मेरे लंड की साइज़ 6 इंच है और शुबू का फिगर 32-30-32 है।

हम दोनों की सोच काफी हद तक एक जैसी है।
प्यार, अंडरस्टैंडिंग और ट्रस्ट भी बहुत अच्छा है।

उस दिन सैटरडे नाइट थी।
सबने साथ मिलकर खाना खाया।
फिर मम्मी-पापा अपने रूम में चले गए।

शुबू किचन में रोज़ की तरह साफ-सफाई के लिए चली गई।
हमारा रूम ऊपर वाले फ्लोर पर था।

मैं रूम में जाकर फोन देखते-देखते उसका इंतज़ार करने लगा।

आधा घंटा हो गया लेकिन वो आई ही नहीं।

मैंने उसे कॉल किया और बोला, “क्या कर रही हो? जल्दी आओ ना! क्यों तड़पा रही हो? आज तो तुम्हें जमकर चोदना है!”
वो बोली, “आ रही हूँ! बस ये दूध गर्म कर लूँ!”
मैंने कहा, “ऊपर तो आओ, मैं गर्म कर देता हूँ!”

वो बोली, “आ रही हूँ!”
और तुरंत ऊपर आ गई।
दरवाज़ा खोला।

मेरी पत्नी सेक्सी नाइटी में कमाल लग रही थी।
अंदर से पेटीकोट, उसके नीचे पैंटी और बूब्स के ऊपर ब्रा।
पैरों में पायल लगाए हुए।

उसने रूम में एंटर किया, हाथ में फोन पकड़ा था।
शुबू नेमुझे एक स्माइल दी और भागकर बेड के पास आ गई।

उसने फोन को बेड पर फेंक दिया।
मैंने थोड़ी नाराज़गी में मुँह बनाया।

तो उसने अपनी नाइटी और पेटीकोट को हाथों से पकड़कर ऊपर उठाया और बेड पर चढ़ गई।
फिर मेरे दोनों तरफ पैर डालकर खड़ी हो गई।

मुझे मस्ती सूझी।
मैं उसके पेटीकोट के अंदर घुस गया, जैसे चूहा बिल में घुसता है!
नीचे से उसकी चूत पर पैंटी के ऊपर से मैं चुम्मियाँ करने लगा।

उसने ज़ोर से मेरा सर पकड़ लिया और बोली, “आह्ह! क्या कर रहे हो? बाहर निकलो पेटीकोट से!”
लेकिन मैं चूत की खुशबू लेने लग गया।
वो इतनी मस्त थी कि रहा नहीं गया।

मैंने दोनों हाथ अंदर डाल दिए और उसकी पैंटी उतार दी।
पैंटी पैरों तक आई तो उसने पैरों से उसे निकाल फेंका।

मैंने दोनों टाँगों के बीच जगह बनाई और मुँह घुसा दिया।
उसकी बोलती बंद कर दी और सिसकारियाँ निकलवाना शुरू कर दिया।

वो बोली, “आह… आआह्ह… उम्म्ह्ह! चूसो… अम्ह्ह! यस, फास्टर! उह्ह! चूसो और चूसो! निकाल दो सब, बेबी!”

ये सब बोलते-बोलते उसने अपने कपड़े उतार दिए।

मुझे तो दिखा नहीं, मैं तो अंदर घुसा हुआ था।

उसने पहले नाइटी उतारी, फिर पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया।
पेटीकोट मेरी पूरी बॉडी को लग रहा था।

उसने चुसवाते-चुसवाते उसे नीचे उतार दिया।
मैं उसकी चूत चूस रहा था और वो मज़े ले रही थी।

फिर उसने मेरी टी-शर्ट पकड़कर निकाल दी।
मैं तो बस चूस ही रहा था।

फिर शुबू ने मेरे गालों पर हाथ रखकर मुझे उठाया।
पेटीकोट नीचे उतर गया।
उसने मेरे होंठ चूस लिए और किस करने लगी।

उसने ब्रा नहीं निकाली थी।
पायल भी थी, वो क्यों, आगे पता चलेगा।

हम दोनों बिस्तर पर खड़े-खड़े ज़ोर-ज़ोर से एक-दूसरे की ज़ुबान खींच रहे थे।
फिर वो किस करते-करते नीचे जाने लगी।

गर्दन उसकी फेवरेट जगह है।
वहाँ तो पूरा गीला करते हुए वो मेरे लंड तक पहुँच गई और उसे मुँह में भर लिया।

मैं बोला, “आह! वाह! क्या मज़े देती हो तुम! रोज़ चूस के! उम्म्ह!”
मैंने उसका सर पकड़कर मुँह को चोदना शुरू किया।

पुच पुच! आह-आह! क्या अलग ही सुकून था।
“उम्ह्ह… आह…” करते वो मेरा लंड चूस रही थी।

फिर उसने लंड को पकड़कर खींचा और मुझे नीचे अपने सामने बैठा लिया।

हम दोनों फिर किस करने लगे।
गर्दन भी चूसी।

चूसते-चूसते मैंने शुबू को लेटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गया।

शुबू ने ब्रा पहन रखी थी।
मैंने दोनों बूब्स के बीच ब्रा की छोटी सी स्ट्रिप के नीचे अपना लंड फिट कर दिया।
वहाँ थूक गिराया ताकि चिकना हो जाए और मैं उसके बूब्स चोद सकूँ।
उसने भी मेरी कमर पकड़कर हिलाने में मदद की।

हम दोनों एक-दूसरे को देखकर मुस्कुरा रहे थे।

वो बोली, “क्या कर रहे हो? दूध गर्म? हाहा!”
मैंने कहा, “हाहा! हाँ, मेरी सेक्सी जोरू!”

हम दोनों गर्म होने लगे।
आधा तो शुबू ने चूसकर खत्म कर ही दिया था।
बाकी का बूब्स चोदते हुए हो गया।

मेरा निकलने वाला था।
“आह-आह!” करते हुए पूरा उसकी गर्दन और ब्रा पर निकल गया।

जिस्म पर चमक रहा था। ब्लैक ब्रा के ऊपर व्हाइट स्पर्म साफ दिख रहा था।

असल में, हम दोनों जब सेक्स करते हैं तो लाइट ऑन करके करना पसंद करते हैं।

एक-दूसरे को चोदते देखना बड़ा सुंदर लगता है!

आज ड्यूरेक्स का चॉकलेट कंडोम ट्राई करने वाले थे।
शुबू उठी और अलमारी से निकालकर ले आई।
हाय! कितनी प्यारी है!

आकर उसने कंडोम पहना दिया।
मैंने उसकी ब्रा निकाल दी और बूब्स के साथ खेलने लगा, चूसने लगा।

मज़ा आ जाता है उसके बूब्स चूसने में।

कुछ साल बाद शुबू का दूध भी निकालना पड़ेगा!

बूब्स चूसते-चूसते मैंने उसे लेटाया और दोनों टाँगों के बीच आ गया।

उसने भी टाँगें फैलाकर मेरे लंड का स्वागत किया, दोनों टाँगें मेरे कंधों पर रख दीं।

लंड को पकड़कर चूत का छेद ढूँढने लगी।

उसे छेद मिलने तक मैंने दोनों हाथों से बूब्स को ज़मकर दबाया।

छेद मिल गया।
वो बोली, “चलिए, मशीन को अंदर डालिए खुदाई करने के लिए!”

मैंने देर न करते हुए लंड पेल दिया शुबू की चूत में।
“आआ… आह्ह्ह!” करके उसने ज़ोर से आह निकाली।

फिर क्या था!
थप-थप… आह-आह… छन-छन! थप-थप.!
थप-थप… छीन-छीन… छन-छन! आह-आह!

“और ज़ोर से! आह-आह! डालिए! बिल्कुल दया मत दिखाना! चोदते रहो! चोदते रहो! प्लीज़-प्लीज़! आह! चोदो! चोदो!”

चुदाई इतनी चरम तक पहुँच गई कि सर घूमने लगा।
पायल की आवाज़ हर झटके के साथ तेज़ हो रही थी।
छन-छन! आह! क्या मज़े आ रहे थे! पायल की आवाज़, शुबू की “आह-आह”, चुदाई की थप-थप, एक मधुर संगीत बना रहे थे।

पूरे रूम में अलग ही माहौल बन गया था।

शुबू ने एक हाथ से बिस्तर की चादर को खींचकर पकड़ रखा था, दूसरा हाथ मेरी गर्दन पर सहला रहा था।
फिर उसने मेरा एक हाथ पकड़कर बूब्स पर रखवाया और दबवाने लगी।

मैं शुबू को ज़ोरदार धक्के मार रहा था।
उसने कहा, “मुझे आपके ऊपर आना है!”
हम दोनों ने लंड को चूत में ही रखकर पलट लिया।

वो मेरे ऊपर आ गई और मैं नीचे।
शुबू लंड पर कूदने लगी।

उसके बूब्स भी ज़ोर-ज़ोर से उछलने लगे।
उसने मुझे चुदाई का सुख देना शुरू कर दिया।

बूब्स को उछलता देख मुझसे रहा नहीं गया।

मैंने उन्हें दोनों हाथों से दबोच लिया और ज़ोर से दबाने लगा।
शुबू को और ज़्यादा वाइल्ड चाहिए था।

उसने अपने हाथ मेरे हाथों के ऊपर रख दिए और बूब्स को ताकत से मसलवाने लगी।

वाइफ हसबैंड सेक्स करते-करते वो थक गई।
उसने मेरे हाथों को बूब्स से हटाकर कमर पर रखवाया, अपनी गांड को सहलवाने लगी, अपने हाथ मेरे सीने पर रखकर सहलाने लगी।
फिर वह मेरे लंड पर बैठे-बैठे मेरे ऊपर लेट गई।

मैं धीरे-धीरे लंड को अंदर-बाहर करने लगा।
उसकी गांड सहलाते हुए मैंने पूछा, “Can I fuck your ass?”

ये सुनकर शुबू की सारी थकान दूर हो गई!
उसने जल्दी से उठकर मेरे होंठ ज़ोर से चूस लिए और बोली, “यस! ज़रूर!”

मैंने कहा, “ओके, लेकिन मुझे इसके लिए मेरी घोड़ी चाहिए होगी!”
उसने झट से कहा, “तो मुझे भी पोर्न चाहिए होगा!”

मैं उठा और टीवी में फोन कनेक्ट करके पोर्न चला दिया।
पीछे मुड़ा तो देखा, मेरी घोड़ी तैयार खड़ी है!
गांड को हिला-हिलाकर डांस कर रही थी, चुदवाने के लिए रेडी!

ये देखकर मैं खुश हो गया।
अपनी घोड़ी की गांड पर दोनों साइड एक-एक थप्पड़ मारा और सहलाने लगा।

वो मेरी तरफ देखते हुए गांड की तरफ इशारा करके बोली, “डालो ना! डालो! डालो!”

इतना बोलते ही मैंने साइड में पड़ा वैसलीन उठाया, उंगलियों में भरकर शुबू की गांड के छेद में डाल दिया, थोड़ा लंड पर भी लगाया।

फिर लगाम पकड़ ली, मतलब उसके बाल।
पोर्न शुरू हो चुका था।
वो उसे देखने लगी।

मैंने भी टीवी की तरफ नज़र करके लंड को गर्म किया।

एक हाथ से लंड पकड़कर गांड के छेद पर रखा।
हम दोनों फिर से गर्म होने लगे।

मैं लंड को अंदर घुसाने लगा।
गांड बहुत टाइट थी, धीरे-धीरे करके पूरा घुसा दिया।

वो पोर्न देखने में इतनी बिज़ी थी कि उसे पता ही नहीं चला कि मैंने अंदर डाल दिया।
दर्द भी नहीं हुआ।

जब मैं धक्के देने लगा तो वह ‘आह-आह’ करते हुए पीछे मुड़ी और बोली, “पूरा पेल दिया क्या?”
मैंने कहा, “हाँ!”

फिर मैंने शुबू को पकड़-पकड़कर बहुत दौड़ाया।
वो बोलती रही, “आह-आह! करो! यस, बेबी! आह-आह! करो! कम ऑन! फक माय ऐस! उम्म्म… हा-हा! करो! करो! और तेज़ करो! यस-यस! आह!”

ताबड़तोड़ चुदाई के बाद मैंने पूरा माल अंदर निकालने के लिए कंडोम उतार दिया।
चोद-चोदकर उसकी पूरी गांड अपने स्पर्म से भर दी।

वो दौड़कर टॉयलेट में चली गई।
मैं उसके पीछे गया।

हम दोनों ने एक-दूसरे को साफ किया और आकर एक-दूसरे की बाहों में लेट गए।

मैं हमेशा उसके बूब्स पकड़कर और वो मेरा लंड पकड़कर सोती है।
वैसे ही सो गए।

ये तो रोज़ की बातें हैं। लेकिन जो इंटरेस्टिंग होता है, वो आप सबको बताया।
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मेरी पिछली कहानी थी: होली में चूत पर रंगीन आइसक्रीम लगा कर चोदा