पर्वर्ट गर्ल ग्रुप फक स्टोरी में कॉलेज में मेरी गर्लफ्रेंड बनी, उसे मैंने खूब चोदा। वह इतनी चुदक्कड़ हो गई कि एक साथ दो लंड लेने की बात करने लगी। फिर उसकी यह प्यास कैसे बुझी?
सभी पाठकों को मेरा नमस्कार!
मैं आपको अपने थ्रीसम सेक्स की कहानी बताने जा रहा हू्ं जिसमें मैं अपनी गर्लफ्रेंड की चुदाई के बारे में बताऊंगा।
गोपनीयता के लिए मैं यहां पर अपना नाम नहीं बताऊंगा, और गर्लफ्रेंड का नाम भी बदल कर बता रहा हूं।
पर्वर्ट गर्ल ग्रुप फक स्टोरी साल 2017-18 की है।
दोस्तो, मैं सीधी बात करता हूं। मैं नहीं कहता हूं कि मेरा लंड इतना बड़ा है कि सबकी मम्मी चोदकर रख देगा। मेरा लंड आम लंड ही है जो ठीक-ठाक साइज का है।
तो उन दिनों मैं कॉलेज की पढ़ाई के लिए दिल्ली में आया था।
चूंकि मैं एक गांव से संबंध रखता था तो ज्यादा खुले विचारों वाला नहीं था।
लेकिन मैं देखने में साधारण लड़कों से थोड़ा अच्छा दिखता था इसलिए मेरी गर्लफ्रेंड भी जल्द ही बन गई।
गर्लफ्रेंड के साथ सेक्स के मामले में मेरी किस्मत अच्छी रही और मेरी 20 से ज्यादा गर्लफ्रेंड्स रही हैं।
कुल मिलाकर मैंने 32 चूतें अभी तक चोदी हैं जिनमें आंटी की चुदाई, भाभी की चुदाई भी शामिल है।
तो अब असली कहानी पर आते हैं।
पहले ही दिन मुझे जो लड़की पसंद आई उसका नाम दिशा था।
वह बला की खूबसूरत थी।
उसके चूचों का साइज 36 बी था।
कॉलेज के सारे सीनियर उस पर मरते थे।
वे उससे बात करने की कोशिश करते थे लेकिन बाज़ी मैंने मार ली।
पूरे कॉलेज टाइम में हमने खूब चुदाई की।
शाम को कॉलेज खत्म होते ही मैं और वह मेरे रूम पर जाते और खूब चुदाई करते।
वह पहले अपने पुराने बॉयफ्रेंड से भी खूब चुद चुकी थी।
उसकी खुली चूत और बड़े बड़े चूचों के पीछे उसके पुराने बॉयफ्रेंड की कड़ी मेहनत थी।
उस लड़के ने चोद चोदकर उसे पूरी चुदक्कड़ बना रखा था।
मेरे साथ भी चुदाई करते हुए वह खूब अच्छे से लंड चूसती और खुद लंड पर चढ़कर चूत चुदवाती थी।
धीरे-धीरे टाइम बीता तो मेरे अलावा उसके एक-दो यार और बन गए।
चोरी-चोरी वह उनसे भी चुदवा लेती थी।
मुझे यह बात पता थी लेकिन मुझे इससे कोई ऐतराज नहीं था क्योंकि हम दोनों के बीच कभी कोई कमिटमेंट नहीं था।
हम दोनों बस खुलकर चोदम-पट्टी करते थे।
वह खुले विचारों की थी और अब तक मैं भी खुले विचारों वाला बन गया था।
मेरे भी कॉलेज की अन्य लड़कियों से सेक्स संबंध हो गए थे।
बाद में तो हम दोनों कॉलेज में किसकी चूत कैसी है … किसका लंड कैसा है … ये बातें भी करते रहते थे।
स्नातक के बाद हम दोनों के कॉलेज बदल गए और बात भी बहुत कम हो गई।
अब कभी 15 दिन में एक बार बात होती तो मैं उसे याद करके आहें भर लेता था और उसके नाम की मुट्ठी मार लेता था।
उसका वहाँ पर नया बॉयफ्रेंड बन गया था जिसका नाम हिमांशु था।
हिमांशु को मैं पहले से जानता था।
एक दिन मेरी और दिशा की फोन पर चैट हो रही थी।
मैंने मज़ाक में उसके बॉयफ्रेंड के लंड के बारे में पूछ लिया- वो कैसे चोदता है तुझे?
तो उसने कहा- साथ में ही चोदकर देख लो।
यह बात सुनकर मेरे अंदर वासना का एक करंट सा दौड़ गया।
थ्रीसम चुदाई की बात सुनकर मैं एकदम मस्त हो गया।
मैंने बात बढ़ाई तो उसने मुझे उसके साथ थ्रीसम सेक्स के लिए पूछ ही लिया।
अभी भी मैं हैरान था क्योंकि मुझे नहीं लगा था कि वह इतनी आगे निकल जायेगी।
कुछ देर मैं उसका प्लान सुनता रहा।
फिर हम दोनों में थ्रीसम सेक्स का प्लान पक्का हो गया; समय और जगह तय हुई।
उसके नए बॉयफ्रेंड के रूम पर हमने चुदाई करने का प्लान किया।
मैंने उससे पूछा कि वह यह क्यों करना चाहती है.
तो बोली कि वो देखना चाहती है कि उसके दो आशिक़ साथ में उसे कैसे चोदते हैं।
उसकी ऐसी बातें सुनकर मेरा लंड भी तनतना गया था।
चुदाई वाले दिन शाम को मैं तैयार होकर उसके बॉयफ्रेंड के रूम पर पहुंच गया।
हमने साथ में चिकन बनाया और बीयर पीने लगे।
वह बार-बार अपने बॉयफ्रेंड के सामने मेरी जांघों को सहला रही थी और उसका बॉयफ्रेंड यह देखकर मुस्करा रहा था।
दो बीयर पीने के बाद हम हल्के सुरूर में आ गए।
उसका बॉयफ्रेंड उठा और उसके कान में कुछ काम बोलकर कमरे से बाहर निकल गया।
उसके जाते ही हम दोनों के होंठ मिल गए।
दिशा ने फटाफट मेरे कपड़े निकालने शुरू कर दिए।
मैंने भी उसकी टीशर्ट निकाल दी।
उसके बड़े-बड़े बूब्स अपने आप ही बाहर निकलने को आ रहे थे।
वह तुरंत मेरी जीन्स निकाल कर मेरा लंड सहलाने लगी।
मेरे लंड से हल्का सा जो पानी निकला था, उसे चाटने लगी।
वह लंड चाट ही रही थी कि तभी दरवाज़ा खुला और उसका बॉयफ्रेंड अंदर आ गया।
मुझे पता नहीं था कि वह बिना दरवाज़ा बंद किये बाहर गया था।
अंदर आते ही वे दोनों एक दूसरे को देखकर मुस्कराए।
उसके बॉयफ्रेंड ने उससे कहा- मेरे बिना ही शुरू हो गई रंडी!
लड़के के मुंह से ऐसी बात सुनकर मैं थोड़ा हैरान हुआ।
दिशा 6 महीने में उसके साथ इतनी खुल चुकी थी!
जबकि मेरे साथ 3 साल लगातार चुदने के बाद वह इतनी खुली थी।
दिशा मेरी तरफ मुंह करके बोली- ये साला मेरा भड़वा है, पिछले 6 महीने से यह मेरी चूत अपने दोस्तों से पैसे लेकर चुदवाता है।
फिर हिमांशु की तरफ मुंह करके बोली- आ जा मेरे भड़वे … चोद मुझे आज मेरे एक्स के सामने, आज मैं तुम दोनों का लौड़ा बिना पैसा लिए चखूंगी।
खैर, मैं भी मज़ा लेने लगा।
वह आया और खींचकर उसकी ब्रा और चड्डी को निकाल दिया।
ये सब उतरवाते हुए भी वह मेरे लंड को चूसे जा रही थी।
उसके बाद हिमांशु ने पीछे से दिशा की चूत चाटनी शुरू कर दी।
दिशा ने घोड़ी बनकर चूत को उठा रखा था और हिमांशु उसके मोटे मोटे गोरे चूतड़ों में मुंह देकर चूत को खाए जा रहा था।
वह दिशा की चूत में कभी होंठों से वार करता तो कभी जीभ अंदर डालकर चोदने लगता।
दिशा पागल होने लगी थी।
थोड़ी देर चूत चटवाने के बाद वो घूम गई और उसके कपड़े उतारने लगी।
उसने हिमांशु को नंगा कर दिया।
उसका लंड मेरे लंड से थोड़ा बड़ा ही था।
मैं नीचे लेटा हुआ था।
मेरा लौड़ा तो पहले से ही तना हुआ था तो वह अपनी चूत मेरे लंड पर सेट करके बैठ गई और कूदने लगी।
हिमांशु ने उसकी चूत को इतना चाटा था कि वो अंदर-बाहर से पूरी गीली हो चुकी थी।
सटाक से लंड चूत में समा गया था।
चूत की चिकनाई इतनी थी कि चुदते हुए फच-फच की आवाज हो रही थी।
हिमांशु का लंड भी तना हुआ था; वह लंड तानकर दिशा के मुंह के सामने आ गया।
दिशा मेरे लंड पर उछलती हुई हिमांशु का लंड मुंह में लेने लगी।
जो झटका मेरे लंड का उसकी चूत में लग रहा था, वैसा ही झटका हिमांशु के लंड का दिशा के मुंह में लग रहा था।
चुदाई और लंड चुसाई ने एक ही रिदम पकड़ लिया था।
अब बहुत मजा आने लगा था।
नंगी लड़की के साथ एक और नंगा लड़का होने से पता नहीं क्यों मेरी उत्तेजना आज कुछ ज्यादा ही लग रही थी।
पर्वर्ट गर्ल दिशा सिसकारना चाह रही थी लेकिन हिमांशु का लंड उसके मुंह में था, इसलिए वो बस ऊं … ऊं … गूं … गूं … की आवाजें कर पा रही थी।
हिमांशु आह … सी … आह्ह सी … जान … आह्ह … चूस … चूस जा मेरी रंडी … करके आवाजें कर रहा था।
मैं भी आह्ह … इस्स … आह्ह करके दिशा की कमर पर दोनों तरफ से हाथ रख कर उसे लंड पर उछाल रहा था।
थोड़ी देर चुदने के बाद दिशा बोली- अब मैं चाहती हूँ कि मेरे दोनों आशिक़ मेरी चूत में एक साथ अपना लंड उतार दें।
चुदाई रुक गई और दिशा मेरे लंड पर से उठ गई।
अब हिमांशु नीचे लेटा और उसने दिशा को अपने ऊपर लेटने को कहा लेकिन पीठ करके।
वह पीठ के बल हिमांशु के पेट पर लेटी और उसने टांगें चौड़ी करते हुए चूत फैलाकर, नीचे से हिमांशु का लंड चूत में टिका लिया।
मैंने भी देर न की और दिशा के ऊपर आ गया।
फिर वह बोली- पहले पास में पड़ी ऑलिव ऑयल की शीशी लाकर दो।
मैंने शीशी दी और उसने हम दोनों के लंड पर तेल लगा दिया।
हिमांशु ने एक बार फिर तेल लगा लंड उसकी चूत के खुले छेद पर रख दिया।
मैंने भी उसके लंड के साथ ही अपना लौड़ा छेद पर सटा दिया।
हम दोनों ने लंड चूत में घुसेड़ने शुरू कर दिए।
अंदर जाते हुए बड़ा ही मदमस्त अहसास मिल रहा था जैसे लंड एक रसभरी गर्म चूत में सरका जा रहा हो।
दोस्तो, वो अहसास इतना कामुक था कि आज भी याद करता हूं लंड मेरी चड्डी फाड़ने पर उतारू हो जाता है।
दोनों लंड पूरे के पूरे तो नहीं समा पा रहे थे लेकिन जितने भी जा रहे थे बड़ा मजा आ रहा था।
मेरे लंड को दिशा की गर्म चूत और हिमांशु के लंड से रगड़ का डबल मजा मिल रहा था।
ऐसा ही हाल हिमांशु का भी था।
दस मिनट तक यह धीमी चुदाई चली और हम तीनों ही पसीने में तर-बतर हो गए।
फिर उसने हम दोनों को साथ में लिटा लिया और दोनों के लंड साथ में पकड़ कर दोनों का सुपारा मुंह में चूसने लगी।
यहां पर भी दिशा ने हमें पागल कर दिया।
कभी वह मेरे लंड के टोपे पर जीभ से सहलाती तो कभी हिमांशु के लंड के टोपे पर!
इतनी प्यार से लौड़े चूस रही थी जैसे यही उसका सबसे पसंदीदा काम है।
हम दोनों के ही लंड इतने ज्यादा सख्त हो चुके थे कि लंड की नसें फटने को हो रही थीं।
वो मस्त होकर हमारे लौड़े चूसती हुई हमें स्वर्ग की सैर करवा रही थी।
झुकी होने के कारण पीछे की तरफ दिखतीं उसकी गांड की गोलाइयां देखकर वीर्य उबाल मारने लगा था।
सामने उसके बड़े-बड़े चूचे हमारी जांघों पर डोल रहे थे।
जांघों पर मोटी मोटी चूचियों के निप्पल बार-बार छूकर कामुकता को सातवें आसमान पर ले जाते थे।
थ्रीसम सेक्स में इतना मजा आएगा मैंने सोचा भी नहीं था।
कुछ देर हमारे लौड़ों को चाटने के बाद फिर हम दोनों साथ में ही उसके मुंह में झड़ गए।
दोनों का माल साथ में निकला और उसके मुंह से बाहर आकर लौड़ों पर बहने लगा।
वह वीर्य की बहती हुई एक-एक बूंद को चाट गई।
अब हम तीनों ही थके-थके से हो गए थे।
फिर हम सोने लगे।
मैं कमरे में सोया और वो दोनों बाहर बालकनी में नंगे ही सो गए।
सुबह हमने फिर साथ में चुदाई की।
इस सुबह की चुदाई में और ज्यादा मजा आया।
अब मैं उन दोनों के साथ पूरी तरह से खुल गया था।
उसके बाद हम तीनों ने कई बार ऐसे ही चुदाई के मजे लिए।
फिर दिशा की शादी हो गई और हिमांशु की भी शादी हो गई।
कुछ दिन के बाद मैं भी बीवी वाला हो गया।
चूंकि मैं सेक्स का पूरा आनंद लेने वाला और खुले विचारों का इंसान बन चुका था तो मैंने इस बारे में अपनी बीवी से भी बात की।
मैंने अपनी बीवी की चुदाई करते हुए अपनी गर्लफ्रेंड की चुदाई की कहानी भी उसे सुनाई; उसे बताया कि मुझे सेक्स में क्या-क्या तजुरबा करना पसंद है।
मैं रोज बीवी को चुदाई की कहानियां सुनाता था जिनमें दूसरा मर्द भी शामिल हो और दूसरी लड़की भी शामिल हो ताकि उसके मन में भी ऐसी इच्छाएं जागें।
इसी तरह करते करते मैंने अपनी बीवी को भी इसके लिए मना लिया।
फिर मैंने दिशा से उसको मिलवाया।
मैं, मेरी बीवी, और दिशा तीनों ने मिलकर थ्रीसम सेक्स का मजा लिया।
कई बार थ्रीसम चुदाई करने के बाद अब हम चारों एकसाथ मिलकर चुदाई का प्लान कर रहे हैं लेकिन दिशा के प्रेग्नेंट होने के कारण हमारा प्लान अभी लेट हो रहा है।
दोस्तो, मैं जल्द ही आप लोगों के लिए अगली कहानी लिखूंगा जिसमें मैं, मेरी बीवी, और दिशा की चुदाई की कहानी बताऊंगा।
उससे पहले आपसे अनुरोध है कि मेरी इस कहानी पर अपनी राय जरूर दें।
यह मेरी पहली कहानी है इसलिए आप लोगों के फीडबैक का बेसब्री से इंतजार रहेगा।
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