Xxx चाची की चुदाई हिंदी कहानी में मैंने पड़ोस में रहने वाली एक आंटी जो गोरी चिट्टी सेक्सी माल थी, को बिल्डिंग की बेसमेंट में चोदा. उसका पति शराबी था तो वह चुद गयी आसानी से!
दोस्तो, मेरा नाम प्रकाश है और 20 साल का हूं.
मैं गुजरात से हूं. मैं अभी कॉलेज कर रहा हूं. मेरे लंड का साइज 6 इंच है.
ये Xxx चाची की चुदाई हिंदी कहानी पिछले साल तब की है जब मैं 12वीं कक्षा में था.
मैं अपनी पढ़ाई के लिए अपने परिवार से दूर अपने मामा के घर में रह कर पढ़ रहा हूं.
मेरे परिवार वाले अहमदाबाद में रहते हैं और मैं भावनगर में अपने मामा के यहां रहता हूं.
मेरे मामा के दो बच्चे हैं.
एक लड़की और एक लड़का. वे दोनों अभी छोटे हैं.
मेरे मामा पुलिस में कांस्टेबल हैं. वे पूरे दिन बाहर ही रहते हैं.
मेरी मामी अपनी बड़ी सी गांड मटकाती हुई काम करके दोपहर में सो जाती हैं.
मैं आपको अपनी मामी की चुदाई की कहानी के बारे में भी बताऊंगा.
पर अभी पहले मीना चाची के बारे में बता देता हूं.
हमारे फ्लैट के सामने ही एक घर में एक पति पत्नी रहते थे.
उनके दो बेटे थे.
वे पढ़ाई छोड़ देने की वजह से पूरा दिन बाहर रह कर काम करते थे.
उन दोनों के पापा बहुत बड़े वाले पियक्कड़ थे, इसी वजह से वे भी पूरे दिन घर से बाहर रहकर शराब पिया करते थे.
पर उनकी पत्नी मस्त माल थीं.
उनका नाम मीना था. मैं उनको प्यार से मीना चाची कह कर बुलाता था.
मीना चाची 42 साल की हैं.
उन लोगों को पैसों की दिक्कत होने की वजह से चाची हमारे फ्लैट में व आजू-बाजू के सभी घरों में काम करने आती थीं.
मैं आपको चाची के हुस्न के बारे में बताना चाहता हूँ.
मीना चाची दूध सी गोरी हैं और उनके बूब्स तो इतने बड़े हैं कि क्या ही कहूँ.
वे थोड़ी सी मोटी भी हैं. या यूं कहूँ कि गदराई हुई हैं.
उनकी गांड बहुत ही ज्यादा बड़ी थी और बाहर निकली हुई थी.
जब भी वे चलती तो उनकी गांड ऐसे मटकती कि जो भी देखता, उसका लंड उसी वक्त खड़ा हो जाता!
देखने वाला उनको मन ही मन चोदने लगता था.
एक दिन दोपहर को मामी सो रही थीं.
वे अपने बच्चों के साथ रूम में सो गई थीं.
मैं बालकनी के पास बैठा हुआ था.
तभी मैंने देखा कि मीना चाची हमारे फ्लैट में रहने वाली एक भाभी से बात कर रही थीं.
मैंने कान लगा दिए.
मीना- मैं दोपहर के 3 बजे आ जाऊंगी.
ये सुनकर मुझे पता चल गया कि मीना चाची दोपहर के 3 बजे हमारे ऊपर वाले घर में जो भाभी रहती हैं, उनके घर काम करने जाने वाली हैं.
मैं योजना बनाने लगा कि किस तरह से मामला सैट करूँ!
मैंने एक योजना बना ली और सोचा कि जो होगा, सो देखा जाएगा.
फिर जैसे ही 2:55 हुए, मैं नीचे चला गया और मोबाइल में खेलने लगा.
जैसे ही 3 बजे की मीना चाची आईं, मैं लिफ्ट की तरफ भागा.
मुझे पता था कि मीना चाची को लिफ्ट चलाना नहीं आता है इसलिए वह मुझसे ही कहेंगी कि लिफ्ट में मुझे ले चल!
मैं बस अब लिफ्ट में उनके आने की राह देख रहा था.
उसी वक्त उन्होंने मुझे पुकारा और कहा- अरे प्रकाश, जरा मुझे 8वें माले तक लिफ्ट में छोड़ दोगे?
मैं- हां क्यों नहीं मीना चाची, आइए.
वे मुस्कुरा दीं और हम दोनों लिफ्ट में आ गए.
मैं थोड़ा पीछे खड़ा रहा और वह दरवाजे के सामने सर रखकर दरवाजे के पास खड़ी हो गईं.
मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि बहुत बड़ी गांड मेरे सामने ही है.
मैं बस देखता ही रहा.
जब हम दोनों दूसरे माले तक पहुंच गए तब मैंने सोचा कि अभी कुछ तो करना ही पड़ेगा वरना ये हाथ से छूट जाएंगी.
मैंने सोचा कि जो होगा देखा जाएगा, भाड़ में जाए सब कुछ.
बस मैंने मीना चाची की गांड हाथ लगा दिया.
वाह दोस्तो … क्या गद्देदार गांड थी आहहह हहह … और साथ ही मैंने लिफ्ट स्टॉप कर दी.
ये सब देखकर मीना चाची बोलीं- अरे प्रकाश, ये सब क्या कर रहे हो तुम!
मैं अपनी सारी हदें पार कर चुका था- मीना चाची, बस अब और नहीं रुका जाता. प्लीज़ एक बार चोदने दो ना प्लीज!
मैंने मीना चाची को पकड़ लिया और उनको कस कर जकड़ कर एक हाथ से उनकी गांड और दूसरे हाथ से उनके बूब्स दबाने लगा.
मीना- अरे अरे … ये तुम क्या कर रहे हो … छोड़ो मुझे अभी!
पर मैं नहीं माना और मैं उनको घुमा कर पीछे से जोरदार धक्के देने लगा.
फिर मैंने नीचे से उनकी साड़ी उठाई और पैंटी के अन्दर से उनकी चूत में उंगली अन्दर बाहर करने लगा.
कुछ देर बाद उनकी चूत ने रस छोड़ना शुरू कर दिया था, तो वे थोड़ी सिसकारियां लेने लगी.
मैंने कहा- चाची, क्या ख्याल है, चुदाई का मजा लेना है?
वे कुछ नहीं बोलीं.
मैंने उनके एक दूध को मसला और कहा- अरे चाची, मैं आपको खुश कर दूंगा और किसी को कानोंकान खबर तक नहीं होगी.
मेरी इस बात से शायद चाची का मन बन गया और वे मुझसे अपनी पीठ रगड़ने लगीं.
मैंने सोचा कि ये सही मौका है.
मैं जल्दी से लिफ्ट ग्राउंड फ्लोर पर ले गया.
हमारी बिल्डिंग में तलघर भी है तो उधर थोड़ा अंधेरा होता है.
मैं लिफ्ट को वहां ले गया और उधर एक ऑटो रिक्शा न जाने कितने महीनों से पड़ी हुई थी.
वह हमारे एक पड़ोसी की थी.
मैंने उधर ले जाकर चाची को उस ऑटो के अन्दर बैठा दिया.
वहां पर जैसे ही मैंने उन्हें अन्दर को धकेला, वे मना करने लगीं.
अब मुझे गुस्सा आ गया.
मैंने कहा- साली, चूत ही ले रहा हूँ कौन सी घिस जाएगी तेरी चूत … फिर तेरी चूत को भी तो लंड नहीं मिलता है! क्या मेरे लंड में कांटे लगे हैं चाची! एक बार लेकर तो देखो. मजा न आए तब कहना!
यह कर मैं चाची की चूचियों को मसलने लगा.
चाची फिर से गर्माने लगीं.
पर कहने लगीं कि किसी ने देख लिया तो मेरी बड़ी बदनामी होगी.
मैंने कहा- इस तलघर में कोई नहीं आता है चाची. बस अब आप जल्दी से मुझे अपने कपड़े उतारने दो. जितनी देर करोगी, उतना आपको ही दिक्कत होगी. जल्दी से लंड को चूत में ले लो चाची.
यह कह कर मैंने उनके गाल पर चुम्मी ले ली.
अब वे मस्त होने लगीं.
हम दोनों चुंबन का मजा लेने लगे और मुझे भी सेक्स करने का भूत चढ़ने लगा था.
मैं उनके मुँह को पकड़ कर होंठों पर जोरदार किस करने लगा.
सब कुछ जल्दी जल्दी खत्म भी करना था क्योंकि उधर कोई भी कभी भी आ सकता था. भले ही यह तलघर था, पर था तो सार्वजनिक ही.
मैंने चाची को किस करते करते उनको पूरी नंगी कर दिया और मैंने अपनी पैंट निकाल दी.
वे नंगी हुईं तो मैंने जल्दी से पोज बनाया और उनके मुँह में अपना लंड दे दिया.
उन्होंने भी मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसना चालू कर दिया.
तो मैं बोला- आहह मीना चाची क्या मुँह है आपका!
मैं उनके मुँह को चोद रहा था.
अब तक चाची भी लंड चूसने का मजा लेने लगी थीं.
मैं झड़ने ही वाला था तो कुछ सोच कर रुक गया.
फिर मैंने मीना चाची की चूत में जीभ लगा दी और चूत के दाने को कुरेदने लगा.
इससे मीना चाची की आह आह की आवाज आने लगी और वे कहने लगीं- आह और करो प्रकाश … ऐसे ही करते जाओ आहह हहह!
मैं- क्यों … अभी अभी तो आप मना कर रही थीं … अब क्यों बोल रही हो करने के लिए!
मीना चाची कुछ नहीं बोलीं और वे बस शांत हो गईं.
अब मुझसे अब और रुका नहीं जा रहा था Xxx चाची की चुदाई करने से … तो मैं ऑटो की सीट पर बैठ गया और मैंने मीना चाची के पीछे से पोजीशन बनाई.
मैंने पीछे से उनकी चूत में अपना लंड सैट किया और उनकी बड़ी सी गांड को पकड़ कर अपनी तरफ खींचा.
इससे एक ही झटके में मेरा पूरा लंड चूत में चला गया.
वे भी एक तरह से पूरी की पूरी मेरे लंड के ऊपर बैठ सी गई थीं.
उनकी गांड मुझे बहुत ही ज्यादा भारी लग रही थी.
मैं- मीना चाची, अब उछलो भी … और जोर से उछलो आहह … बहुत मज़ा आ रहा है!
मीना- आहह … मैं तो मर गई आहहह इतना मज़ा आ रहा था कि बात मत पूछो.
फिर 10 मिनट तक वह उछलती रही अब हम दोनों को चरम का सुख मिलने वाला था.
हम दोनों एक साथ ही झड़ने को आ गए.
मैंने कहा- मीना चाची, मैं झड़ने वाला हूं … आप और तेज़ी से उछलो.
मीना- क्या … तुम्हारा मतलब क्या है? तुम्हें क्या मेरे अन्दर झाड़ना है?
मैं- हां!
मीना चाची- नहीं, बिल्कुल भी नहीं … मैं तुम्हें अपने अन्दर नहीं झड़ने दूंगी. अभी मैं झड़ने वाली हूं, इसलिए मैं जब बोलूँ … तब तक करो, फिर मैं उठ जाऊंगी तब तुम हाथ से कर लेना.
मैं- अरे, ऐसे कैसे … मुझे आपके अन्दर झड़ना है!
मीना चाची- बिल्कुल भी नहीं.
मैंने निराश होकर हां बोल दी.
अब वह जोर जोर से उछलने लगीं और बोलीं- आह मैं झड़ने वाली हूं. मैं जब झड़ने को आऊंगी, तब मैं खड़ी हो जाऊंगी. इससे बच्चे होने का डर नहीं रहेगा.
मैं- हां ठीक है.
फिर वह तेज रफ्तार से उछलने लगीं और हम दोनों झड़ने को आ गए.
वह जैसे ही खड़ी होने जा रही थीं, तभी मैंने उनको कसके पकड़ लिया और दे दनादन झटके मारने लगा.
वह और मैं साथ में झड़ने लगे.
मैं- आहह चाची बहुत मज़ा आ रहा है!
मीना- अरे छोड़ मुझे … अन्दर मत झड़ … आहहह.
मैंने उनकी चूत के अन्दर ही जोरदार पिचकारियां मारीं और अपना सारा रस झाड़ दिया.
वे मेरे ऊपर निढाल हो गईं और मैं उनकी चूत के अन्दर अपना लंड डाल हुए बैठा रहा.
थोड़ी देर बाद वे होश में आईं और खड़ी हुईं तो ढेर सारा वीर्य चाची की चूत में से टपक गया.
मैंने उनकी चूत एक कपड़े से साफ कर दी.
उन्होंने जल्दी से साड़ी पहनी और ऊपर जाने लगीं क्योंकि साढ़े तीन बज चुके थे.
चाची ने जाते जाते मुझसे कहा- अगली बार चूत में गिराया ना, तो बताऊंगी … तू ध्यान रखना!
मैं- हां क्यों नहीं चाची. पर अगली बार कब दोगी?
वे मुझे घूरती हुई मुस्कुरा दी और बिना कुछ कहे चली गईं.
मैं खड़ा हुआ और सुकून की सांस लेकर अपने फ्लैट पर चला गया.
घर में जाकर देखा कि मेरी मामी के ब्लाउज के बटन खुल गए थे और उन्होंने ब्रा नहीं पहनी थी, तो उनके बड़े बड़े बूब्स लटक रहे थे.
उनको देखकर अब मुझे मामी को चोदने का मन हो गया.
उनकी सेक्स कहानी मैं अगली बार सुनाऊंगा.
तो फ्रेंड्स, आपको Xxx चाची की चुदाई हिंदी कहानी अच्छी लगी होगी.
प्लीज कमेंट और मेल जरूर करें.
मैं आपको अपने जीवन की सेक्सी घटनाओं को बारी बारी से बताऊंगा.
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