गांड मारी कहानी में मुझे और मेरे दोस्त को लड़कियां अच्छी नहीं लगती थी. हम दोडों को साथ रहते पता लगा कि दोनों को गांड मरवाना पसंद है. हम दोनों एक दूसरे की गांड मारने लगे.
यह गे सेक्स कहानी दो गे बॉटम दोस्तों की है. इस गांड मारी कहानी में मैंने लिखा है कि उन्होंने थाईलैंड में जाकर किस तरह से सेक्स गुलाम का काम करके पैसे कमाए.मुझे और मेरे दोस्त को
यह गांड मारी कहानी मुझे विजय और समीर ने मेल से भेजी है, मैंने उसे सम्पादित करके आपके लिखी लिखी है.
वे लोग किस शहर से हैं, यह उन्होंने नहीं लिखा है, न ही उन्होंने अपना फ़ोन नंबर दिया.
समीर जब से जवान हुआ, उसे और उसके जिगरी दोस्त विजय को लड़के अच्छे लगते, लड़कियां नहीं.
जब उसके साथ के लड़के, लड़कियों को पटाने और नौकरी मिलने के बाद शादी करने की बात करते, तब समीर विजय आपस में कहते हम दोनों नौकरी एक ही शहर में करेंगे और साथ रहेंगे.
विजय और समीर जब ग्यारहवीं कक्षा में पढ़ रहे थे, उसी दरमियान दोनों के माता पिता एक साथ बस में जा रहे थे, उस समय हुए एक्सीडेंट में उन चारों का देहांत हो गया.
दोनों लड़के रिश्तेदारों के घर रहने लगे और छोटा मोटा काम करके रिश्तेदारों को अपने रहने खाने का खर्चा देते.
बड़ी गुरबत में उन दोनों ने बारहवीं पास की.
पढ़ाई के बाद विजय व समीर को एक ही शहर के एक शॉपिंग माल में नौकरी मिली.
उस समय वे दोनों 19 की उम्र के थे.
उन्होंने एक कमरा किराये पर लिया और साथ रहने लगे.
उन्हीं दिनों उन्होंने अखबार में पढ़ा कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है कि दो बालिगों के बीच आपसी सहमति से किया समलैंगिक यौन सबंध अपराध नहीं है.
उस वक्त उन दोनों ने गे सबंध के बारे में पढ़ा, गे वीडियो भी देखे.
समीर को समझ आ गया कि वह गे बॉटम है, विजय को लगा वह टॉप है.
एक रात जब दोनों गे वीडियो देख रहे थे.
तभी विजय ने समीर का हाथ पकड़ कर उसे खड़ा किया और उसके होंठ चूमने लगा.
वह कहने लगा- समीर, मैं तुमसे प्यार करता हूँ.
समीर भी तरंग में आकर बोल उठा- विजय, मैं भी तुम्हें प्यार करता हूँ.
वे दोनों एक दूसरे के होंठ चूसने लगे.
होंठ चूसने के साथ विजय समीर के निप्पल मरोड़ने लगा, दोनों के लंड खड़े हो गए.
समीर को चित लिटाकर विजय उसके ऊपर आ गया और कमर हिलाकर चोदने के समान हरकत करने लगा
जल्द ही वे दोनों वासना से भर उठे और सेक्स के मूड में आ गए थे.
दोनों ने नंगे होकर 69 पोजीशन में एक दूसरे के लंड चूसे.
कुछ देर तक लंड चूसने के बाद वे अलग हुए.
विजय- आज मेरा मूड तुम्हारा कुंवारापन खत्म करने का है.
समीर- मैं तैयार हूँ, आ जाओ.
यह कहकर उसने पीठ के बल लेटकर कमर के नीचे तकिया लगाया और अपने पांव छाती की तरफ करके पकड़ लिए, गांड ढीली कर दी.
ऐसा उसने एक गे सेक्स वीडियो में देखा था और अन्तर्वासना की सेक्स कहानी पढ़ा भी था.
विजय ने अपने लंड पर और समीर की गांड में तेल लगाया.
फिर वह धीरे से लंड गांड में डालने लगा.
लंड की टोपी अन्दर जाते ही समीर को तीव्र दर्द हुआ और वह ‘आ आ’ करने लगा.
विजय ने उसे पुचकार कर कहा- मेरी जान, सील टूटने के समय दर्द होगा … इसे सह जा!
यह कहते हुए उसने अपना पूरा लंड गांड में डाल दिया और समीर को चूमने लगा, उसके निप्पल मरोड़ने लगा.
विजय का लंड ज्यादा बड़ा नहीं था इसलिए समीर ने किसी तरह से लंड अन्दर ले लिया.
जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो वे दोनों गांड चुदाई का मजा लेने लगे.
विजय ने दस मिनट तक गांड चोदने के बाद अपना वीर्य समीर की गांड में भर दिया.
इस सेक्स से दोनों को बहुत मजा आया.
अगले दिन छुट्टी थी तो दिन में दो बार और रात को एक बार विजय ने समीर की गांड मारी.
उसके बाद से 6 महीने तक करीब रोज विजय समीर की गांड मारता, समीर ख़ुशी से गांड मरवाता.
जब भी विजय समीर की गांड में लंड डालता, पहले समीर को थोड़ा दर्द होता फिर मजा आने लगता.
एक रात विजय ने समीर को पूछा- समीर, जब डालने के समय तुम्हें दर्द होता तो हर बार तुम ख़ुशी से राजी क्यों राजी हो जाते हो?
समीर- गांड मरवाने में बहुत मजा आता है, इसलिए शुरू का दर्द सह लेता हूँ. जिसने गांड मरवाई है, उसे ही उसका मजा मालूम है.
विजय- मैं भी गांड मरवाकर देखना चाहता हूँ, ऐसा क्या मजा आता है
समीर ने विजय की गांड मारी, दर्द के बाद विजय को बहुत मजा आया.
उस रात के बाद दोनों एक दूसरे को कहते कि आज मेरी गांड मारो.
दोनों को गांड मारने से ज्यादा मजा गांड मरवाने में आने लगा, वह बे-दिली से गांड मारते.
फिर उन दोनों ने तय किया कि उन्हें एक ऐसा टॉप ढूढ़ना चहिये जो दोनों की गांड घमासान मारे.
उन्होंने गे वेब साइट में ढूंढ़कर एक टॉप से बात की.
उस टॉप ने कहा कि वह जिगोलो है, गांड मारने का पैसा लेगा.
समीर विजय बहुत कम खर्चा करते, वे बुरे समय के लिए पैसा बचाते. कुछ रूपए वे अपने पालकों को भेजते.
इसलिए उन्होंने टॉप को नहीं बुलाया.
फिर गे साइट पर उन्होंने कुछ बॉटम लोगों से संपर्क किया, यह उन्होंने उनकी सलाह के लिए किया था.
उनमें से 25 की उम्र के रवि ने समीर विजय से फ़ोन पर बात की और उनकी समस्या सुनी.
उसने उनके घर वालों के बारे में पूछा और यह भी जाना कि वे दोनों क्या काम करते हैं.
काफी बातचीत के बाद रवि उन दोनों से मिलने को राजी हो गया.
उस समय समीर, विजय की उम्र 20 थी.
सोमवार को रवि उनके कमरे में आया, चाय नाश्ते के बाद.
रवि- समीर., विजय मैं समझ गया. तुम दोनों गांड मरवाने का आनन्द लेना चाहते हो, पर यौन बीमारी और बदनामी नहीं चाहते हो? एक बात और यदि तुम दोनों अपने रिश्तेदारों को, जिन्होंने तुम्हें पाला है, उनसे फ़ोन पर भी महीनों तक नहीं मिलो … पर पैसे भेजते जाओ तो क्या वे लोग तुम्हारी फ़िक्र करेंगे और तुम्हें ढूंढने या मिलने आएंगे?
समीर विजय ने बताया रिश्तेदार उन्हें फ़ोन तभी करते हैं, जब रूपए भेजने में देरी होती है.
रवि- मैं भी मुफ्त में गांड नहीं मरवाता, गांड मारने वाले से रूपए लेता हूँ. बोलो तो तुम्हारे लिए भी मर्दों का इंतजाम कर सकता हूँ.
समीर विजय राजी हो गए.
रवि- तुम दोनों की छुट्टी सोमवार होती है, रविवार रात मर्दों का इंतजाम करता हूँ. कुछ मर्दों को सेक्स के समय बॉटम की थोड़ी पिटाई में आनन्द आता है. वे मुझे भी पीटते हैं, पिटने में मजा आने लगता है.
उसने यह भी बताया कि कंडोम पर तेल नहीं लगाना, तेल से कंडोम टूट सकता है उस पर तेल के स्थान पर के-वाई जैल लगाना.
रवि ने यह भी बताया कि यौन रोगों से कैसे बचना चाहिए. रोज मल त्यागने से पहले गांड के अन्दर उंगली से तेल लगा लेना चाहिए, उससे बवासीर नहीं होगी.
रवि- मुझे गांड मारने में भी मजा आता है, कहो तो आज तुम दोनों की मारूं! पर रूपए नहीं दूंगा.
समीर व विजय तुरंत राजी हो गए.
रवि ने उन्हें कपड़े उतारने को कहा और खुद भी नंगा हो गया
रवि का लंड आधा खड़ा था, रवि बोला- मेरे लंड को खड़ा करो.
वे दोनों घुटनों पर बैठकर लंड चूसने को लपके.
रवि ने उन्हें रोककर कहा- बिना कंडोम लंड मत चूसना, बीमारी होने का खतरा है. मेरी जांघ चूमकर लंड गोटी सहलाकर लंड खड़ा करो, लंड खड़ा होने पर उस पर कंडोम लगाकर चूसो.
दोनों ने रवि का लंड खड़ा किया, फिर लंड पर कंडोम लगाकर उसे चूसने व चाटने लगे.
रवि का खड़ा लंड करीब 5 इंच लम्बा और गोलाई में करीब डेढ़ इंच मोटा था, समीर व विजय के लंड उसके लंड से काफी छोटे थे.
कुछ देर बाद रवि के कहने पर समीर विजय ने अपनी गांड के अन्दर के-वाई जैल लगाया और मिसनरी पोजीशन में एक दूसरे के बाजू में पलंग के किनारे पर लेट गए.
उन दोनों ने अपने पैर पकड़ कर छाती की तरफ कर लिए थे.
रवि ने दोनों की गांड बहुत देर तक बारी बारी से मारी.
रवि थोड़ी देर एक की गांड मारता, फिर लंड बाहर निकाल कर लंड को जड़ के पास से पकड़ लेता, लम्बी सांस लेता, जिससे उसका झड़ना टल जाता.
फिर वह दूसरे की गांड मारने लगता.
वे दोनों अपनी अपनी गांड मरवा कर तृप्त हो गए.
रवि ने उन्हें अगले रविवार शाम 7 बजे एक शॉपिंग माल में आने को कहा.
रविवार मॉल में रवि ने दोनों की मुलाक़ात दो आदमियों से कराई.
वे दोनों आदमी समीर व विजय को शहर से दूर एक बंगले में ले गए.
उधर जाकर उन दोनों आदमियों ने कंडोम लगाकर समीर व विजय के गले तक लंड डालकर उनका मुँह चोदा, फिर उनको कुतिया बनाकर बाजू बाजू में खड़ा करके उनकी गांड घमासान मारी.
गांड मारते समय उनके कूल्हों पर चांटे मारे, जिससे विजय और समीर को बाद आनन्द आया.
उन दोनों के लौड़े काफी बड़े थे, उस वजह से पहले तो दोनों को दर्द हुआ … फिर जब लंड जगह बना कर चले तो उन्हें बेहद मजा आया.
उन्होंने समीर व विजय को रूपए भी दिए जो उनके एक हफ्ते की तनखाह के बराबर थे.
फिर उन दोनों ने समीर व विजय को उनके घर के पास छोड़ दिया.
अगले चार हफ्ते तक हर रविवार शाम समीर विजय को दोनों आदमी अपने बंगले पर ले जाते, पलंग पर बैठकर अपने लौड़ों में कंडोम लगाते और लंड चूसने को कहते.
जब समीर व विजय लंड चूसते, तब दोनों आदमी उनके कूल्हे पर बेल्ट मारकर कहते कि गले तक लेकर चूस!
फिर निर्ममता से उनकी गांड मारते.
मिसनरी पोजीशन में गांड मारते समय उनके मुँह पर चांटे मारकर मुँह खोलने कहते और उनके मुँह के अन्दर थूककर थूक पिला देते.
दो बार उनकी गांड मारते, फिर खुश होकर रूपए भी देते.
शुरू में समीर विजय को पिटना अच्छा नहीं लगता था, पर बाद में पिटने की आदत हो गयी, तो मजा आने लगा था.
उन दोनों आदमियों ने विजय व समीर से कहा- हमारे कुछ और मर्द साथी तुम दोनों की गांड मारना चाहते हैं. उन्हें रविवार के अलावा दूसरी रातों को भी आना होगा, सभी रूपए देंगे.
इसके बाद समीर व विजय को बी डी एस एम गुलाम का वीडियो दिखाया गया, जिसमें बॉटम की आंखों पर पट्टी बांधकर उससे लंड चुसवाया जाता है, उनको बांधकर पीटा जाता है, उनकी गांड मारी जाती है.
समीर व विजय के बीडीएसएम गुलाम का खेल खेलने पर राजी होते ही वे दोनों आदमी उन्हें ब्यूटी पार्लर ले गए और उनके शरीर के अनचाहे बाल वैक्सिंग से साफ करवा दिए.
समीर व विजय को हफ्ते में 4-5 रातों को बंगले में बुलाया जाने लगा.
ग्राहक आते और उनकी आंख बांधकर लंड चुसवाते, उन्हें बांधकर पीटते, गांड मारते व मूत्र पिलाते.
अब समीर विजय जिस मॉल में नौकरी करते थे, उधर जा नहीं पाते थे.
उसी वजह से उनकी नौकरी चली गयी.
हालांकि उन्हें नौकरी जाने का दुःख नहीं हुआ क्योंकि उनकी आमदनी अब कई गुना बढ़ गयी थी.
ऐसे ही एक और महीना बीत गया.
एक दिन रवि ने (जो उन्हें इस धंधे में लाया था) समीर व विजय से मुलाक़ात की.
रवि- समीर व विजय, तुम दोनों के लिए एक ऑफर है. मैं तुम्हें थाईलैंड भेज सकता हूँ, वहां बॉटम को बहुत रूपए मिलते हैं. तुम्हें थाईलैंड में गुलाम बनकर 30 से 40 दिन रहना होगा, फिर वापस आकर दुबारा से जाना होगा. यह काम कठिन है, पर इस काम तुम अभी एक साल में जितना कमाते हो, उससे कहीं ज्यादा रूपए मिलेंगे. थाईलैंड में जहां तुम दोनों रहोगे, उसे गुलाम बंगला के नाम से जाना जाता है. तुम किसी को नहीं बताओगे कि तुम थाईलैंड जा रहे हो. तुम अपने जिन रिश्तेदारों को महीना के जितने रूपए भेजते हो, वह उन्हें हम भेज दिया करेंगे!
समीर व विजय राजी हो गए.
समीर व विजय की बाकायदा मेडिकल जांच हुई कि उन्हें यौन रोग तो नहीं है.
रिपोर्ट आने के बाद ही उनकी थाईलैंड जाने की पहली बाधा दूर हो गई.
कुछ दिनों में समीर व विजय के पासपोर्ट और वीसा आदि कागज बन गए.
उन्हें और 8 अन्य लड़कों को टूरिस्ट बनाकर एक एजेंट थाईलैंड ले गया.
थाईलैंड में उधर के डॉक्टर ने पुनः जांच की और उसकी रिपोर्ट भी 3 दिन बाद आनी थी, तो इन तीन दिनों उन 10 लड़कों को थाईलैंड की सैर कराई गयी.
तीसरे दिन डॉक्टर ने सर्टिफिकेट दे दिया, दसों लड़कों को यौन रोग नहीं था.
दोस्तो, इससे आगे की गे सेक्स कहानी आपको अगले भाग में पढ़ने को मिलेगी.
आपको गांड मारी कहानी का यह भाग कैसा लगा, कृपया अवश्य बताएं.
मुझे मेल भेजते समय कहानी का नाम लिखें, क्योंकि मैंने अनेक कहानियां लिखी हैं.
आपका रतन दत्त
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गांड मारी कहानी का अगला भाग: