पीजी में गांड मरवा कर मजा लिया मैंने! इस कहानी में मुझे गांड मरवाने का शौक था। पहले मैंने यह मजा अपने एक स्कूली दोस्त से लिया फ़िर जब मेरी जॉब लगी तब मेरे पीजी पार्टनर ने मजा दिया।
नमस्कार दोस्तो।
मेरा नाम रतन दत्त है।
यह कहानी मेरे एक पाठक संतोष ने भेजी है।
उसे मेरी लिखी गे कहानियां पसन्द आयी।
उसका कारण यह है कि कहानियों में मैंने बॉटम को उचित सम्मान दिया है।
कुछ लोग बॉटम में है तभी तो टॉप वाले लोग गांड मारने का आनंद ले सकते है और बॉटम वाले गांड मरवाने का आनंद ले सकते है।
मजा दोनों को मिलता है
संतोष की कहानी उसकी मुंह जुबानी जिसमें उसने पीजी में गांड मरवा कर मजा लिया।
मैं जब बारहवीं कक्षा में था तो मेरे दोस्त ने मेरी गांड मारी और मैंने उसकी!
मुझे गांड मरवाने में ज्यादा आनंद आया तो दोस्त को गांड मारने में!
पहली बार जब दोस्त ने अपने लंड पर तेल लगाकर मेरी गांड मारी तो दर्द हुआ।
बाद में मजा ही मजा आया।
मैं तब से अक्सर गांड मरवाया करता था।
एक साल बाद मेरे पिताजी का तबादला हो गया।
मैंने कॉलेज की पढ़ाई दूसरे शहर में की।
वहां गांड मारने का कोई साथी नहीं मिला।
कॉलेज के बाद 20 की उम्र में मुझे बड़े शहर में एक सॉफ्टवेयर कंपनी में नौकरी मिली।
मैं उसी शहर में पेइंग गेस्ट के तौर पर रहने लगा।
पीजी में मेरा एक रूम पार्टनर था।
उसका नाम अनिल था।
उसकी उम्र 20 साल थी।
वह भी एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करता था।
पीजी में रहते–रहते मेरी अनिल से अच्छी दोस्ती हो गयी।
हम दोनों की छुट्टी शनिवार और इतवार को रहती थी।
शनिवार की रात में हम कमरे में शराब पीते, सेक्स की बातें करते।
अनिल ने एक लड़की पटाने की कोशिश की।
कई लड़कियों से दोस्ती भी की, लड़कियाँ उसके साथ डिनर पर गयी और मूवी भी देखी।
यह सब हुआ अनिल के खर्चे पर!
परन्तु लड़कियों ने उसे चूमने भी नहीं दिया सेक्स तो दूर की बात है।
मेरे मन में था कि वह मुझे ही लड़की समझकर चूमे; वह मेरे चूचे दबाए, मेरी गांड मारे।
मेरे पास अपना एक लैपटॉप था।
मैंने गे सेक्स के बारे में पढ़ा और गे सेक्स की वीडियो भी देखी।
मेरी त्वचा गेहुंए रंग की थी।
मैं दिखने में भी सुन्दर था।
मैंने पढ़ा टॉप लोग चिकनी त्वचा और बाल रहित बॉटम पसन्द करते हैं।
मैंने ब्यूटी पार्लर जाकर शरीर के अनचाहे बाल वैक्सिंग से निकलवा दिए।
अपने शरीर पर बॉडी क्रीम लगवाकर त्वचा चिकनी करवाई।
एक शनिवार की रात हम दोनों शॉर्ट पैंट और बिना बांह की बनियान पहनकर शराब पी रहे थे।
मैंने लैपटॉप पर लड़का–लड़की का सेक्स वीडियो लगा दिया।
मैंने देखा अनिल का लंड खड़ा हो गया था।
फ़िर मैंने गे सेक्स वीडियो लगा दिया।
अनिल मेरी मांसल चिकनी जांघों को देखने लगा और उस पर हाथ फेरने लगा।
अचानक अनिल ने मुझे हाथ पकड़कर खड़ा किया।
फ़िर मेरे होंठ चूमने लगा।
कुछ ही क्षण बाद उसने मेरे बनियान के अन्दर हाथ डालकर मेरे चूचे दबाने लगा।
मैं सिसकारी लेने लगा।
मैं भी अब अनिल के होंठ चूमने लग गया।
मैंने जब अपनी जीभ बाहर निकाली तो अनिल मेरी जीभ को चूसने लगा।
मैं अनिल के खड़े लंड को पैंट के ऊपर से सहलाने लग गया।
अनिल ने मेरी और अपनी बनियान उतार दी।
फ़िर मेरे चिकने शरीर पर हाथ फेरा।
मुझे आलिंगन में लेकर कहा– मेरी गर्लफ्रेंड की कमी पूरी करोगे? मैं तुम्हारे पीछे गांड डालूंगा गे सेक्स वीडियो के समान?
मैंने जवाब दिया– मैं तैयार हूँ!
फ़िर मैंने कहा– लंड धोकर आओ, पहले मैं लंड चूसकर देखना चाहता हूँ।
अनिल ने अपनी पैंट उतार दी।
उसका लंड मेरे स्कूल के दोस्त (जो मेरी गांड मारा करता था) से थोड़ा मोटा और लम्बा था।
अनिल बाथरूम से लंड धोकर आया।
मैंने तकिया जमीन पर रखा, फ़िर उस पर घुटनों के बल खड़ा हो गया।
कुछ देर तक मैंने अनिल के लंड के सुपारे को चाटा।
फ़िर लंड चूसने लगा।
मैंने पहली बार लंड चूसा था।
मुझे बहुत अच्छा लगा।
अनिल आनंद से ‘आ … आ … सी … सी’ कर रहा था।
लंड चूसना छोड़कर मैं पलंग पीठ के बल लेट गया।
फ़िर अपने कमर के नीचे तकिया लगा लिया।
फ़िर अपने पैर छाती की तरफ कर के पकड़ लिया (वीडियो और फोटो में इसे मिसनरी आसन इसे ही कहते है)।
मेरा भी लंड भी खड़ा हो गया था।
अनिल ने वीडियो के समान अपने लंड पर तेल लगाया।
फ़िर मेरी गांड में अपना लंड डालने लगा।
इतने सालों से मैंने गांड नहीं मरवाई थी।
इसलिए मेरी गांड कसी हो गयी थी।
लंड के थोड़ा अंदर जाते ही मुझे दर्द होने लगा।
मैं ‘आ … आ’ कर रहा था।
मैंने कहा– अनिल, थोड़ा रुको दर्द हो रहा है।
वह रुक गया।
फ़िर वह मेरे होंठ चूसने लगा और निप्पल मरोड़ने लगा।
थोड़ी देर में मेरा दर्द कम हो गया।
मैंन अनिल को बताया– अब कम दुख रहा है।
अनिल तुरंत ही घमासान तरीके से मेरी गांड मारने लगा।
मुझे मजा आना शुरू ही हुआ था कि अनिल 5 मिनट में मेरी गांड में झड़ गया।
मेरी गांड उसकी वीर्य से भर गयी।
अनिल इतनी जल्द झड़ने से नाखुश हो गया था।
फ़िर अनिल ने मुझे बोला– सॉरी, मजा पूरा आने से पहले ही मैं झड़ गया।
मैंने अपनी गांड और अनिल ने अपना लंड धोया।
कुछ देर बाद अनिल बोला– एक बार फ़िर कोशिश करते हैं!
हमने पानी पीया।
हम पलंग पर लेटकर चुम्मा–चाटी करने लगे।
अनिल का लंड आधा खड़ा हो गया।
मैंने उसे पलंग के किनारे बिठाया।
उसके पैर जमीन पर थे।
फ़िर मैंने खड़ा होकर और झुककर अपने हाथ पलंग पर रखे और अनिल का लंड चूसने लगा।
अनिल मेरे चूचे दबाने लगा।
झुकने से मेरे पुरुष चूचे आसानी से अनिल की पकड़ में आ रहे थे।
अनिल को चूचे दबाने में और मुझे दबवाने में मजा आने लगा।
अनिल का लंड खड़ा होते ही उसने मुझे पलंग के किनारे घोड़ी बनाकर खड़ा कर दिया।
फर्श पर खड़े होकर और अपने लंड पर तेल लगाकर अनिल मेरी कमर पकड़कर गांड मारने लगा।
इस बार अनिल धीमी गति से मजा ले–ले कर गांड मार रहा था।
मैं भी कमर हिलाकर पीजी में गांड मरवा कर मजा ले रहा था।
थोड़ी देर चोदने के बाद अनिल रुक जाता, झुककर मेरे चूचे दबाता।
फ़िर वह मेरे कूल्हों पर थप्पड़ मारता और फिट चोदने लगता, कूल्हों पर थप्पड़ मुझे और जोश दिलाता।
मैं कह उठता– और जोर से!
आधा घंटे चोदने के बाद अनिल का लंड फूलने लगा।
चोदने की गति भी बढ़ गयी।
उसने मेरी गांड अपने वीर्य से भर दी।
इस बार अनिल को पूरी संतुष्टि मिली।
चुदाई के समय मैं अपना लंड बिना छुए ही झड़ गया।
मेरी गांड दुख रही थी।
चलने में भी तकलीफ हो रहे थी, पर मजा बहुत आया था।
मैं पैर फैला–फैला कर चलकर बाथरूम से गांड धोकर आया।
अनिल ने अपने लंड को साबुन से धोया।
मैंने पढ़ा था– गांड के कीटाणुओं से लंड में इन्फेक्शन हो सकता है और अनिल को यह मैंने बता दी थी।
थोड़ा खाना खाने के बाद हम सो गए।
सुबह फ्रेश होने के बाद अनिल बोला– चलो साथ में नहाते हैं।
हम बॉथरूम में एक–दूसरे को नहला रहे थे।
तभी अनिल का लंड खड़ा हो गया।
अनिल को मेरी गांड मारने की इच्छा हो रही थी।
मैंने अनिल को कहा– मैं लंड चूसकर उसे शांत करता हूँ, गांड नहीं मरवाऊंगा क्योंकि मेरी गांड दुख रही है।
मैं बाथरूम के स्टूल पर बैठकर लंड चूसने लगा।
अनिल ने मेरा सर पकड़ा और लंड गले तक डालकर मेरा मुंह चोदने लगा।
शुरू में मुझे सांस लेने में तकलीफ हुई।
फ़िर मैं सीख गया मुंह चुदवाना।
अनिल ने वीर्य की पिचकारी मेरे गले में छोड़ी और मैं उसका वीर्य पी गया।
मैंने पढ़ा था– वीर्य में विटामिन होते है, वीर्य स्वास्थ के लिए अच्छा है और त्वचा की चमक भी बढ़ती है।
उसके बाद कई बार मैंने वीर्य पीया।
सच में मेरी त्वचा कांतिमय हो गयी कुछ दिन बाद।
अगली रात को अनिल को पलंग के किनारे बैठाकर, मैं घुटनों के बल झुककर अनिल का लंड चूस रहा था।
मेरी सलाह पर अनिल मेरे कूल्हों पर हल्के से बेल्ट से मार रहा था।
मार से मेरा जोश बढ़ गया।
फ़िर मैंने कुछ देर अनिल के लंड की सवारी की।
अनिल ने मुझे पलंग के पास पैर फैलाकर खड़ा कर दिया।
फ़िर अनिल ने मेरे कूल्हों पर बेल्ट मारकर कहा– झुककर पलंग पर हाथ रखो।
झुकते ही अनिल मेरी गांड मारने लगा।
वह थोड़ी देर मारने के बाद रुक जाता, मेरे चूचे दबाता फ़िर गांड मारता।
मैं झड़ गया।
फ़िर अनिल ने मुझे पेट के बल लिटाया।
मैंने अपने कूल्हे हाथ से पकड़कर गांड से दूर किए।
मेरा छेद देखते ही अनिल ने मेरे ऊपर लेटकर मेरी गांड मारी।
एक महीने तक हर रात अनिल मेरी गांड मारता।
हम 69 की पोजीशन में एक–दूसरे का लंड चूसते।
हमने वीडियो देखकर और कल्पना से बहुत से आसनों में सम्भोग किया।
मेरी गांड अब नहीं दुखती थी।
हमने बीडीएसएम भी किया था।
अनिल ने मुझे बांधकर कई बार चोदा।
अगले महीने हमारा जोश कम हो गया।
हम हफ्ते में तीन–चार बार ही सम्भोग करते।
हम मूत्र पीना–पिलाना और मूत्र स्नान भी करते थे।
ऐसे ही पांच महीने बीत गए।
हम दोनों बहुत खुश थे।
गांड मरवाने के आनन्द मिलने से मेरा चेहरा नव विवाहित दुल्हन की तरह खिल उठा था।
ऑफिस में अनिल को एक नए प्रोजेक्ट की टीम में शामिल किया था।
इसलिए वह अब बहुत व्यस्त रहता था।
देर से रूम वापस आता और कमरे में भी लैपटॉप पर काम कर के थक कर सो जाता।
अनिल के पास मुझे प्यार करने, गांड मारने का समय और उत्साह नहीं था।
ऐसे ही एक महीना बीत गया।
मैं उदास हो गया था।
हमारे पास के कमरे में हमारी उम्र के दो लड़के राजेश और विनय रहते थे।
उसी समय उनसे हमारी दोस्ती हुई।
अनिल बोला– संतोष, शाम को तुम राजेश और विनय के साथ समय बिताओ! मुझसे तुम्हारी उदासी देखी नहीं जाती, पर मैं मजबूर हूँ।
मैं भी राजेश और विनय से शाम को मिलने लगा।
उनके साथ शनिवार को शराब पार्टी करने लगा।
एक बार अनिल भी शराब पार्टी में शामिल हुआ।
बातों-बातों में मालूम हुआ कि राजेश और विनय की कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी।
वे दोनों भी सेक्स के भूखे थे।
उन्होंने भी कभी सेक्स नहीं किया था।
कमरे में वापस आकर उस रात अनिल ने कई हफ्तों बाद मेरी गांड मारी।
पीजी में गांड मरवा कर मजा अभी बाकी है.
अब तक की कहानी पर अपने विचार मुझे बताएं.
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