टीनएज गर्ल फक स्टोरी में एक बार मैंने अपनी क्लास की एक लड़की की मदद की तो उससे दोस्ती हो गयी, घर आना जाना हो गया. उसकी बहन ने हमें सेक्स के लिए मदद की.
यह कहानी शुरू होती है मेरे कॉलेज के दिनों से.
जब मैं कॉलेज में था।
उससे पहले मैं अपने बारे में बता दूं।
मेरी उम्र 20 साल है।
मेरे घर में मम्मी, पापा और मेरी बड़ी बहन आंचल, जो मुझसे 5 साल बड़ी है, रहते हैं।
फिलहाल दीदी की शादी की बात चल रही है।
अब बिना समय गवाए, टीनएज गर्ल फक स्टोरी पर आते हैं।
हमारे क्लास में एक लड़की थी, जिसका नाम अलीशा था।
वह हमेशा बुर्का पहनती थी और पहले या दूसरे बेंच पर ही बैठती थी इसलिए उसे कोई खास ध्यान नहीं देता था।
एक दिन की बात है, जब मैं कॉलेज के बाद घर जा रहा था।
मैंने देखा कि अलीशा अपने बैग में कुछ ढूंढ रही थी.
और दुकानदार कह रहा था, “बिना पैसे के मैं तुम्हें नहीं जाने दूंगा!”
मैं उसके पास गया और पूछा, “क्या हुआ? कोई समस्या है क्या?”
उसने पहले तो कुछ नहीं कहा।
मैंने फिर कहा, “कुछ मदद चाहिए? मैं तुम्हारे ही क्लास में हूं!”
तब उसने बताया, “मैं पैसे लाना भूल गई हूं!”
मैंने कहा, “ठीक है, मैं दे देता हूं!”
उसने मुझे शुक्रिया कहा।
मैंने कहा, “कोई बात नहीं!”
अलीशा बोली, “चलो, मेरे घर से पैसे ले लेना!”
मैंने कहा, “बाद में दे देना!”
लेकिन वह बार-बार बोली तो मैं मना नहीं कर पाया और उसके साथ उसके घर चला गया।
वह एक अपार्टमेंट में रहती थी।
जब मैं उसके अपार्टमेंट में गया, तो देखा कि उसकी अम्मी घर पर थीं।
अलीशा ने बताया कि मैंने उसकी मदद की थी।
उसकी अम्मी ने मुझे अंदर बुलाया और चाय-नाश्ता दिया।
उसके घर में उसकी अम्मी, अब्बू और उसकी बड़ी दीदी (आपा) रहती थीं।
थोड़ी देर बाद मैंने अलीशा को पहली बार बिना बुर्के के देखा।
क्या खूबसूरत लग रही थी!
मैं तो उसे देखता ही रह गया।
गोरा रंग, लंबे बाल, उसने टॉप और शॉर्ट्स पहने थे, जिससे उसकी जांघें दिख रही थीं।
उसने साइड ब्रा हटा दी थी इसलिए उसके उभरे हुए बूब्स साफ दिख रहे थे।
हमने थोड़ी देर बात की और फिर मैं घर जाने लगा।
उसने मुझे बाहर तक छोड़ा।
घर पहुंचने के बाद पता नहीं मैंने कितनी बार मुठ मारी और सो गया।
उसके बाद हम रोज बात करने लगे।
उसने मुझे अपना नंबर भी दे दिया था।
हम रात भर बातें करते, कभी वीडियो कॉल पर।
हमने एक-दूसरे को नंगा भी देखा और सेक्स चैटिंग भी की।
सेक्स वीडियो भी शेयर करते थे।
हमारा एक-दूसरे के घर आना-जाना लगा रहता था।
हमारे परिवार वालों को भी कोई दिक्कत नहीं थी।
जब भी मैं अलीशा की दीदी, जारा, जो लगभग 24 साल की थी, से मिलता, वह मुझे “अलीशा का बॉयफ्रेंड!” कहकर चिढ़ाती।
वह पूछती, “कब कर रहे हो अलीशा के साथ?”
मैं शरमा जाता था।
एक दिन हमने डेट का प्लान बनाया।
मैंने अपनी दीदी आंचल को बता दिया, “मैं अलीशा के साथ डेट पर जा रहा हूं, घर पर संभाल लेना!”
उसने पहले तो मना किया लेकिन मैंने किसी तरह मना लिया।
अलीशा की दीदी जारा तो एक ही बार में मान गईं।
उन्होंने मेरी दीदी को भी मनाने में मदद की।
वैसे, आंचल और जारा अब अच्छी दोस्त बन गई थीं।
मैं अलीशा को लेने उसके घर गया।
वहां उसकी दीदी भी थी।
उसने मुझे देखा और बोली, “कहां ले जा रहे हो?”
तभी अलीशा आई और बोली, “चलो!”
वह आज भी बुर्के में थी जिससे मुझे थोड़ा बुरा लगा।
तभी जारा दीदी बोली, “रुको!”वह अंदर गईं और एक कंडोम का पैकेट लाकर मुझे दे दिया।
उन्होंने कहा, “इसे जरूर इस्तेमाल करना!”
मेरा लंड तो खड़ा हो गया।
उन्होंने कंडोम अलीशा के बैग में डाल दिया।
मुझे समझ आ गया कि आज कुछ धमाल होने वाला है।
उसके बाद अलीशा मुझे एक होटल ले गई।
मुझे लगा अब शुरू होने वाला है लेकिन उसने कहा, “5 मिनट रुको, मैं आती हूं!”
मैं बाहर खड़ा रहा।
थोड़ी देर बाद अलीशा सूट पहनकर आई।
मेरे तो होश उड़ गए, क्या लग रही थी!
मैंने उसके बारे में पहले नहीं बताया।
वह देखने में आम लड़की जैसी थी, लेकिन उसकी गांड कुछ ज्यादा ही आकर्षक थी।
मन करता था कि बस उसकी गांड पकड़ लूं और जोर-जोर से मसलूं।
हमने कई जगह घूमी।
पहले हम एक पार्क गए, जहां हमने बातें की और हमारा पहला किस भी हुआ।
फिर हम वॉटरपार्क गए और खूब मजे किए।
उसके बाद हमने एक रेस्टोरेंट में खाना खाया।
टाइम देखा तो अभी सिर्फ 4 बज रहे थे।
हमने एक होटल बुक किया।
कमरे में जाते ही मैंने अलीशा की कमर पकड़कर उसे अपनी ओर खींच लिया और उसे किस करने लगा।
वह भी मेरा पूरा साथ दे रही थी।
कभी मैं उसके होंठ चूसता, कभी उसके गाल।
हमारी सांसें तेज हो रही थीं।
हम धीरे-धीरे गर्म हो रहे थे।
मेरा लंड पूरी तरह खड़ा हो गया था।
मैंने अलीशा का कमीज उतारना शुरू किया और उसने मेरा शर्ट।
कमीज उतारने के बाद मैंने उसके बूब्स को ब्रा के ऊपर से मसलना शुरू किया।
अलीशा ने आंखें बंद कर लीं और लंबी-लंबी सांसें लेने लगी।
मैंने उसकी ब्रा उतारी और उसके बूब्स चूसने और मसलने लगा।
मैंने उसका पजामा और पैंटी उतारी, साथ ही अपना पैंट और अंडरवियर भी।
उसकी चूत एकदम चिकनी थी, शायद उसने उसी दिन शेव किया था।
जब मैंने उसकी चूत छुई तो वह सहम गई।
उसकी चूत पहले से ही गीली थी।
मैंने उसे चाटना शुरू किया।
अलीशा मेरे सिर को अपनी चूत में दबाने लगी और अपनी गांड उठाने लगी।
मैं समझ गया कि वह रुक नहीं पा रही थी।
मैंने उसकी चूत चाट-चाटकर उसका पानी निकाल दिया।
मैंने अलीशा से कहा, “अब तुम्हारी बारी!”
मैं सोफे पर बैठ गया और वह मेरे सामने घुटनों पर आ गई।
पहले तो उसने अपने हाथों से मेरे लंड को आगे-पीछे किया।
मैंने कहा, “मुंह से करो!”
पहले उसने मना किया लेकिन धीरे-धीरे वह मेरे लंड को चाटने लगी।
फिर उसने पूरा मुंह में लेकर आगे-पीछे करना शुरू किया।
मैंने भी उसके सिर को पकड़कर आगे-पीछे किया।
उसने अपने बूब्स से मेरे लंड को रगड़ना शुरू किया।
अलीशा बोली, “तुम्हारा लंड कितना गर्म है!”
मैंने कहा, “तुम्हारे मुंह से ही ठंडक मिलेगी!”
उसने फिर चूसना शुरू किया।
आगे-पीछे करते-करते मेरा वीर्य उसके मुंह में चला गया।
अलीशा बाथरूम की ओर जाने लगी लेकिन मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और उसे किस किया।
कभी मेरा वीर्य मेरे मुंह में जाता, कभी उसके मुंह में।ऐसे करते-करते उसने सारा वीर्य निगल लिया।
मैंने उसे गोद में उठाकर बेड पर लिटाया और अपना लंड उसकी चूत में डालने लगा।
तभी अलीशा ने रोका और बोली, “रुको!”
उसने बैग से कंडोम निकाला और मुझे दिया।
पैकेट में तीन कंडोम थे।
मैंने एक लिया और बाकी टेबल पर रख दिए।
कंडोम फ्लेवर्ड था, जिससे हमारा जोश और बढ़ गया।
मैंने कंडोम अपने लंड पर लगाया और उसकी चूत में डालने लगा।
लंड फिसलकर बाहर आ गया।
अलीशा ने मेरे लंड को पकड़कर अपनी चूत में डाला।
मैंने धक्का दिया और आधा लंड अंदर चला गया।
अलीशा ने बेडशीट को जोर से पकड़ लिया और अपनी आंखें बंद कर लीं।
उसके आंसू बह रहे थे लेकिन वह चुप रही।
मेरे लंड के सामने उसकी चूत की गर्मी कुछ भी नहीं थी।
मैंने उसके मुंह को अपने मुंह से दबाया और पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया।
मुंह दबा होने की वजह से उसकी आवाज थोड़ी ही निकली।
वह मुझे जोर से पकड़ चुकी थी।
उसकी चूत अंदर से इतनी गर्म थी कि मेरा लंड पूरी तरह सख्त हो गया था।
मैं थोड़ी देर वैसे ही रहा।
जब अलीशा शांत हुई, मैंने धीरे-धीरे आगे-पीछे करना शुरू किया।
अब हमें दोनों को मजा आने लगा था।
मैंने देखा कि उसकी चूत से खू.न निकल रहा था।
मैंने टिश्यू से साफ किया और फिर उसे चोदने लगा।
करीब 5 मिनट बाद हम दोनों का पानी निकल गया।
हम दोनों लेट गए।
थोड़ी देर बाद अलीशा बोली, “एक बार और करें!”
मैंने एक और कंडोम लिया, अपने लंड पर लगाया और कहा, “डॉगी स्टाइल में आ जाओ!”
मैंने उसकी गांड पकड़ी।
मन तो कर रहा था कि अभी उसकी गांड मार लूं, लेकिन बाद के लिए भी कुछ रहना चाहिए।
मैंने अपना लंड उसकी चूत में डाला और चोदने लगा।
मेरे लंड और अलीशा की गांड के टकराने से चप-चप की आवाज आ रही थी।
और अलीशा के मुँह से भी “आह, आह” की आवाजें आ रही थीं।
कमरे में बस यही आवाजें गूँज रही थीं, जिससे मेरा जोश और बढ़ता जा रहा था।
मैंने अपनी गति धीरे-धीरे बढ़ानी शुरू की।
इस पोजीशन में करते-करते मैं थक गया था।
तो अलीशा ऊपर आकर बैठ गई।
वह मेरे लंड के ऊपर बैठकर ऊपर-नीचे होने लगी।
ऊपर-नीचे होते-होते वह झुकी और मुझे किस करने लगी।
मैं भी उसे किस करने लगा और साथ ही अपना लंड उसकी चूत में धक्का देता रहा।
थोड़ी देर इस पोजीशन में चुदाई के बाद मैं उसके ऊपर आ गया।
मैंने उसकी टाँगों को अपने कंधों पर रख लिया और चोदने लगा।
इस पोजीशन में पाँच मिनट बाद मेरा पानी निकलने वाला था।
मैंने अलीशा से कहा, “अलीशा, मेरा पानी निकलने वाला है!”
अलीशा ने जवाब दिया, “थोड़ी देर रुक, मेरा भी पानी निकलने वाला है!”
और फिर हम दोनों ने एक साथ पानी निकाला।
टीनएज गर्ल फक के बाद हम सो गए।
उठ कर देखा तो सुबह के 10:30 हो गए थे।
मोबाइल पर आंचल दीदी के 9 मिस्ड कॉल और जारा दीदी के 5 मिस्ड कॉल थे।
मैंने पहले जारा दीदी को कॉल किया।
उन्होंने कहा, “कहाँ हो तुम? ना तुम उठा रहे हो, ना अलीशा!”
मैंने जवाब दिया, “हम होटल में हैं, सो गए थे।”
यह सुनकर जारा दीदी हँसने लगीं और बोलीं, “कोई बात नहीं! मैंने अम्मी-अब्बू को कह दिया कि अलीशा अपनी किसी दोस्त के घर गई है। उसे असाइनमेंट मिला है। और आंचल को भी कह दिया है कि कुछ बहाना बोल दे।”
मैंने जारा दीदी को थैंक्स कहा।
जारा दीदी ने हँसते हुए कहा, “होली एंजॉय कर!”
फिर मैंने आंचल दीदी को कॉल किया।
उन्होंने कहा, “कहाँ हो? इतना कॉल किया तुम्हें!”
मैंने कहा, “वो अलीशा के पैर में मोच आ गई थी, चल नहीं पा रही थी, इसलिए हमने होटल में रूम ले लिया।”
यह सुनकर दीदी हँसने लगीं और बोलीं, “मुझे अब सब मालूम है! मैंने मम्मी-पापा को कह दिया कि तुम अपने दोस्त के घर हो। उनके घर में कोई नहीं था।”
मैंने दीदी को थैंक्स कहा।
दीदी ने कहा, “अपना थैंक्स अपने पास रखो! मैं बदले में कभी भी कुछ भी काम करा सकती हूँ!”
मैंने भी हँसते हुए कहा, “ठीक है!”
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