Xxx इंडियन लड़की Xxx कहानी में मैं अपने कॉलेज के एक लड़के को चाहती थी. मेरे कजिन की शादी में वह मुझे मिल गया और मैंने उसे चुदाई के लिए तैयार कर लिया.
मैं शुभांगी
मुझे अपनी चुदाई की कहानी आप सबको बताने में बहुत खुशी हो रही है.
किसी दूसरे की शादी में मेरी चुदाई की कहानी का मैं दूसरा भाग लेकर आ गई हूँ.
कहानी का पहला भाग
सीनियर लड़के पर दिल आ गया
पढ़ने के लिए थैंक्यू सो मच.
उसमें मैंने आपको बताया था कि शादी वाले घर में कंबल में से निकल कर हम दोनों छत पर निकल गए.
अब आगे Xxx इंडियन लड़की Xxx कहानी:
हम दोनों छत पर पहुंच गए, ऊपर हल्की हल्की चाँदनी की रोशनी थी.
मैं अब तक पार्लर में जाकर इतनी तकलीफ सह कर वेक्सिंग, थ्रेडिंग, मेनिक्योर, पेडिक्योर करवा कर चूत चुदवाने को मरती रही थी.
ऐसा लग रहा था, उस सबका फल आज मिल रहा है!
मैं अभी यह सोच ही रही थी कि उसने पीछे से आकर जोर से अपनी बांहों में भर लिया.
उसका लंड तो ऑलरेडी टाइट हो ही चुका था तो वह मेरे दोनों पैरों के बीच में घुस गया.
शुभ जैसे बाथरूम में कमर हिला रहा था, वह वैसे ही वापस से हिलाने लगा और इस बार तो उसने मेरे मम्मों को भी नहीं छोड़ा.
वह मेरे दोनों पपीतों को पकड़ कर मसलने लगा.
उसको गर्दन खाली लगी तो वहां पर भी अपने होंठों से चाटना शुरू कर दिया.
मैं एक ही पल में पूरी मदहोश हो गई.
मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं शुभ के अन्दर ही समा जाऊंगी.
वह मुझे प्यार करे ही जा रहा था.
मैंने उसके कान में धीरे से बोला- खुद ही सब करोगे कि मुझे भी कुछ करने का मौका मिलगा?
शुभ- तुम क्या करोगी?
मैं- प्यास लगी है, पानी निकालूंगी तुम्हारे हैडपंप से!
शुभ- इतनी आसानी से पानी नहीं निकलेगा मेरी जान!
मैं- तो क्या, मैं बहुत मेहनती हूँ … पूरा जोर लगा कर मेहनत करूंगी और पानी निकाल ना दिया तो मेरा नाम भी शुभांगी नहीं.
शुभ ने मुस्कुराहट के साथ कहा- हां बेबी किसकी है, निकाल ही देगी!
उसने जैसे ही थोड़ा ढीला छोड़ा, मैं तुरंत घूमी और जोर से उसके होठों को चूसने लगी ‘उम्म उम्म्ह आआह्ह्ह’
मैंने हाथ अपनी गांड पर पलट कर रखे थे क्योंकि मेहंदी लगी थी न!
चूमने के बाद मैं घुटनों पर बैठ गई और उसको देखने लगी.
शुभ- क्या?
मैंने आंखों के इशारे से शॉर्ट को दिखाने लगी.
मैं- उतारो ना!
शुभ- तो उतारो दो ना, हाथों में मेहंदी लगी है क्या?
मैं- हां मेहंदी ही लगी है … इसलिए बोल रही हूं पागल!
शुभ- ओह हां सॉरी सॉरी!
उसने झट से अपनी शॉर्ट अंडरवियर के साथ ही उतार दी और उसका लंड मेरी आंखों के सामने चांद की रोशनी में लहराने लगा.
हाय मैं मर जावां … इतना मोटा और लंबा लंड … बिल्कुल परफेक्ट जैसा मुझे चाहिए था!
अगर लौड़े के इर्द इर्द उगे बालों को शेव कर दूँ, तो जैसे पोर्न में देखा था … सेम वैसा ही लंड था.
हाय मेरी तो लाइफ सैट हो गई!
मैंने उसके हिलते हुए लंड को गाल पर लगाया, जिससे उसने हिलना बंद कर दिया
अब मैंने लंड पर चुम्मियां देना शुरू किया, जांघों पर भी दी.
फिर जीभ को बाहर निकाला और जहां से लंड कनैक्ट होता है, वहां से जीभ के पीछे के हिस्से से चाटते हुए आगे तक आ गई.
लंड का सुपारा अभी बंद था, तो मैंने अपने मुँह को लंड की साइज जितना खोला और मुँह को धकेलते हुए आगे ले गई, ऊपर की स्किन पीछे फिसलती हुई खुल गई और उसका सुपारा मेरे मुँह में घुस कर जीभ से टच होने लगा.
मैंने उसके लौड़े पर जीभ को गोल गोल घुमाना चालू कर दिया.
मैं लंड पर जीभ घुमाती रही.
उसने जोर से अपने हाथ से मेरे बालों को पकड़ लिया और खुद की कमर और मेरे सर को तेजी से हिलाने लगा.
उईई मां … माउथ फकिंग चालू हो गई!
मैं अपने हाथों को पीछे करके लंड चूसे जा रही थी और मजे दे रही थी.
करीब दस मिनट तक लंड चूसने के बाद आखिरकार मैंने उसका पानी निकाल ही दिया.
येयेये …
उसने सारा पानी मेरी प्यास बुझाने में लगा दिया.
लेकिन उसको क्या पता था कि अभी तो बस मुँह की प्यास बुझी है … जिस्म की आग बुझाने में तो अभी उसको बहुत पानी निकालना पड़ेगा.
फिर मैं उठ गई और बोली- शांत हुए ना?
शुभ- हां शोना, आई लव यू.
मैं- आई लव यू टू बेबी.
शुभ- ठीक है, चलो जल्दी इससे पहले कोई उठे … हम जाकर सो जाते हैं.
मैं- क्या? खुद की आग बुझा ली … मेरा क्या?
शुभ- तुमने मेहंदी लगाई है इसलिए कुछ नहीं हो सकता.
मैं- तो क्या लंड पर तो नहीं लगी है ना कि अन्दर डाल भी नहीं सकते! चूत पर तो नहीं लगी ना कि अन्दर ले नहीं सकती? बूब्स पर तो नहीं लगी ना कि दबा नहीं सकते! तुम्हारी उंगलियों पर तो नहीं लगी ना कि चूत में डाल नहीं सकते … बोलो ना अब चुप क्यों हो?
शुभ- अरे लेकिन सुनो तो …
मैं- क्या सुनूं, बोल दो ना कि कुछ करना ही नहीं है.
शुभ- बेबी, मैं बस ये बोल रहा हूँ कि शादी का घर है. कोई जाग गया, आ गया कोई किसी ने देख लिया तो … इसलिए!
मैं- मुझे कुछ नहीं पता, कल शादी है … मुझे मेरे हाथ और चूत दोनों लाल दिखने चाहिए … फिर तुम जो भी करो!
इतना बोल कर मैं मुँह फुला कर नीचे बैठ गई.
शुभ थोड़ी देर इधर उधर घूम घूम कर कुछ सोच रहा था.
कि मैं बोली- सोचो मत, मुझे चोदो ना प्लीज़!
वह तुरंत अपनी शॉर्ट ऊपर करके नीचे चला गया.
मुझे लगा कि शुरू होते ही सब खत्म हो गया.
मैं रोने लगी, उतने में वह वापस आया.
उसके हाथ में बिछाने के लिए कुछ था.
शुभ- तुम रो क्यों रही हो पागल? वह तो मैं देखने गया था कि सब सो रहे है ना … और ये लेने.
उसने यह बोला … तो मुझे और गुस्सा आ गया.
मैंने हाथ ऊपर किया तो वह बोला- देख कर … हाथ में मेहंदी लगी है … और मैं नहीं मार पाई!
मैं- मेहंदी हटने दो, कल बहुत मारूंगी और गांड पर ही मारूँगी साले.
शुभ हँसते हुए बोला- हां मार लेना मेरी जान, लेकिन अभी तो मैं तुम्हारी मार लेता हूँ.
मैंने उसको अपने सर से पेट में मार दिया और वह चटाई बिछाने लगा.
शुभ- लेट जाओ शोना.
मैं लेट गई और वह अपने सारे कपड़े उतारने लगा, फिर मेरे पास बैठ गया और मेरे हाथों को प्यार से संभाल कर ऊपर कर दिए ताकि मेहंदी खराब न हो.
हाय … वह कितना अच्छा है.
फिर मेरी टी-शर्ट को मेरे बूब्स से ऊपर तक कर दिया, बाहर नहीं निकाला क्योंकि उसे पता था कि अगर टी-शर्ट निकलेगी, तो मेहंदी खराब हो सकती है.
अब उसने मेरी ब्रा खोल दी. मेरे दोनों गोल गोल मम्मों को बाहर निकाल दिया और उन पर हाथ रख कर मसलने लगा.
वह मेरे ऊपर चढ़ गया और किस भी करने लगा. यह सब करते करते अब वह नीचे गर्दन पर आ गया. वहां चूमा और आखिरकार मेरे बूब्स से दूध निकालने की कोशिश करता हुआ पीने लगा.
उसने मेरे एक दूध पर मुँह लगा दिया और दूसरे को भँभोड़ने लगा.
मैं- आह बेबी चूसो, पियो मेरे दूध को अम्ह्ह … यस बेबी आह दबाओ ऊऊओ दबाओ.
वह करता गया.
नीचे जाते हुए उसने मेरे पेट, नाभि से गुजरते हुए अपनी मंजिल पा ही ली.
उसने मेरी शॉर्ट के बटन को खोला और चूत को सूंघते हुए मजे लेने लगा.
फिर उसने मेरी शॉर्ट और पैंटी दोनों एक साथ उतार दी और मुझे छत पर नंगी कर दिया.
वह भी नंगा होकर मेरे ऊपर लेट गया. उसका लंड मेरे पेट पर दबा हुआ था.
शुभ- विल यू मैरी मी शुबू!
मैं पूरा शॉक्ड- रियली … ऑफ़ कोर्स यस बेबी!
इतना बोलते ही वह थोड़ा सा नीचे खिसका ताकि लंड पेट से उतर कर चूत पर चला जाए … और उसने ये किया भी, तो मैं समझ गई कि अब मेरी चुदाई होगी.
मैंने भी झट से अपनी टांगें खोल दीं, लंड जाकर चूत की फांकों में सट गया.
उसने अपने दोनों हाथ से सपोर्ट लिया और ऊपर उठ गया. ऊपर नीचे होकर अपने लंड से चूत के छेद को ढूंढने लगा.
उसे तत्काल मिल भी गया.
मैं बहुत उत्तेजित थी.
उसने ज़ोर से धक्का लगा दिया पर लंड फिसल गया, गोल न हो सका!
चूत टाइट थी न … कभी इतना बड़ा कुछ डाला ही नहीं था इसलिए लंड को निराशा हाथ लगी.
मैं हल्के से मुस्कुराने लगी.
वह ट्राय करता रहा. दो तीन मिनट हो गए.
मैं- सॉरी, मेरे हाथों में मेहंदी लगी है वरना मैं पकड़ कर रख देती छेद पर और तुम ज़ोर देते तो घुस जाता!
शुभ- लेकिन अभी क्या करें!
मैं हंस दी- मुझे क्या पता? तुम चोद रहे हो मुझे … करो कुछ भी.
शुभ- अच्छा ऐसा है, लो फिर तुम चोदो.
मैं- मैं कैसे?
शुभ- हाथ नहीं लगा सकती, लंड पर बैठ तो सकती हो ना!
फिर वह उठा, मुझे भी उठाया और खुद सीधा लेट गया.
वह मुझे बोला- चलो चढ़ जाओ!
मैं उसके टावर जैसे खड़े लंड के बीच में खड़ी हो गई और पैर फैला दिए.
फिर नीचे बैठने लगी.
उसने अपने हाथ से लंड को पकड़ा और सीधा रखा.
मैं चूत को लंड पर घुमाने लगी और जैसे ही छेद मिला, मैं एक झटके में उसके ऊपर धम्म से बैठ गई.
आह …
लंड रास्ता बनाते हुए एकदम स्पीड में चूत को चीरते हुए अन्दर घुस गया.
वह भी पूरा.
मैं दहल गई … खेल खत्म, मैं सीधा उसके ऊपर लेट गई.
मैं- अब इसके आगे तुम्हारी जिम्मेदारी, जो करना है … करो. मेरे से कुछ नहीं होगा.
शुभ ने मुझे प्यार से अपनी गर्म सांसें मेरे कानों में छोड़ते हुए बोला- थैंक्यू बेबी … अब तुम बस मजे लो.
उसने नीचे से कमर हिलाना शुरू किया और स्लो स्लो धक्के मारने लगा.
मुझे दर्द हो रहा था … और आंसू भी निकलने लगे. पर पता नहीं क्यों, फिर भी मैं खुश थी.
वह अब मुझे चोदने लगा. मैं चुदने लगी.
वह ‘आह आह …’ कर रहा था और धक्के दे रहा था.
कमी थी तो बस मेरे मोटिवेशन की … तो मैं आह आह करते हुए उसे उत्साहित करने लगी.
मैं- ओय तेज करो ना … अम्ह … यस बेबी … फक माय पुसी … आह्ह्ह्ह उम्म्म आऊऊ फास्ट शोना … यस उम्म चोदो चोदो और तेज … मेरे शुभु बेबी … आह आह कम ऑन … जानू उम्मह.
ये सब उसके कान में पड़ने लगा और स्पीड बढ़ती गई. वह चोदता गया, मैं चुदाती गई.
चांदनी रात में आह क्या मजा आ रहा था चुदने में … खुले आसमान के नीचे ठंडी ठंडी हवाएं जिस्म को छू रही थीं और चुदाई का आह ऐसा सुख और कहां मिल सकता था!
उसने मुझे भरपूर चोदा.
मुझे मजा आ रहा था और मेरा दर्द कम हुआ तो मैं उठ गई.
वह बोला- बेबी अब तुम रिलैक्स करो, मैं करता हूँ.
मैंने उसे रोका और फिर से उसके लंड के ऊपर उछलने लगी और खुद को ही चोदने लगी.
वह भी आह आह आह ओह करके मजे ले रहा था.
मेरा बेबी कितना प्यारा लग रहा था.
हाय मैं उसको देख कर और जोश में उछलने लगी; मेरे बूब्स जोर जोर से हिलने लगे.
उससे ये देखा नहीं गया, तो उसने दोनों को पकड़ लिया और मिसमिसा कर दबाने लगा.
टाइम हो गया था, उसका निकलने वाला था तो वह बोला- उठ जाओ जल्दी से!
मैं समझ गई, झट से उठ कर लंड को मुँह में ले लिया और चूसने लगी.
उम्मम् उम्ह करके लंड चूसने लगी.
उसने पानी छोड़ दिया, पूरा मुँह में भर दिया.
मैंने भी ले लिया और उठ कर घर के पीछे छत के ऊपर से थूक दिया.
फिर उसने मुझे कपड़े पहना दिए.
मेरे हाथ में मेहंदी थी न इसलिए … और खुद भी पहने.
हाय मेरा पति.
फिर हम दोनों नीचे आ गए और पास पास ही सो गए.
उसने मेरी चूत लाल कर दी और मेहंदी तो लाल हो ही जाएगी.
अगले दिन भैया की शादी में हमने मजे किए रस्मों में … और फोटो लेकर तैयार होकर ऐसे मजे लिए.
फिर शादी खत्म हुई.
रात को शुभ को निकालना था, तो मैं बुआ से बोली- मैं कल नहीं, आज ही जाऊंगी.
बुआ- अरे अभी रात होने वाली है, कैसे भेज दें हम तुझे?
मैं- अरे बुआ, अकेली कहां … शुभ है ना … इसके साथ चली जाऊंगी!
बुआ- ठीक है.
तो हम दोनों निकल गए और रात को बीच में होटल में भी रुके.
रूम में घुसते ही उसने तो मुझे एक बार बिना कपड़े उतारे ही चोद दिया.
उसने बस चूत खोली थी और अपना लंड निकाला था.
फिर वहां तो मेरे हाथ भी फ्री थे और नाइट ड्रेस ली थी, वह पहन कर मजे लिए.
बूब्स फकिंग की, खड़े होकर चुदाई की, घोड़ी भी बनी, बेड तोड़ चुदाई की.
बहुत मजा आया.
वह सेक्स कहानी फिर कभी लिखूँगी.
तो दोस्तो, वह मेरा बंदा ऐसे बना था और ऐसे शादी किसी और की हुई थी लेकिन सुहागरात मेरी मनी.
मैं उम्मीद करती हूँ कि आपको खुश कर पाई होऊंगी. Xxx इंडियन लड़की Xxx कहानी पर अपने विचार मेल और कमेंट्स में लिखें.
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