किरायेदार की बेटी की बुर की सीलतोड़ चुदाई

सेक्सी माल कमसिन लड़की को चोदा मैंने अपनी बहन के घर में! वह खुद मुझे अपना नंगा बदन दिखाकर गर्म करने की कोशिश कर रही थी. तो मैंने भी फायदा उठाया मौके का!

दोस्तो, मेरा नाम गणी सागर है. मैं महाराष्ट्र का रहने वाला हूँ. मैं गांव में रहता हूं.

ये सेक्स कहानी दस साल पहले की है.

मेरी बहन की शादी हो गई है और वे शहर में रहती हैं.
दीदी के घर में दो हिस्से हैं. घर में निचली मंजिल पर मेरी बहन और जीजू रहते थे और ऊपर की मंजिल में उनके किरायेदार का परिवार रहता था.

उनके किरायेदार के घर में उसकी बीवी और बेटी थी. किरायेदार की बेटी का नाम आशी था. वह सेक्सी माल कमसिन लड़की इंग्लिश मीडियम के स्कूल में पढ़ती थी.

मेरी बारहवीं का साल था, बोर्ड के इम्तिहान थे इसलिए पिता जी ने बहन के घर भेजने का फैसला ले लिया.
उसी कारण से मैं पढ़ाई करने बहन के यहां चला गया था.

मेरे जीजा जी और दीदी दोनों टीचर थे.
मैं उनके घर की दूसरी मंजिल पर बने रूम में रहता था.

मुझे आए हुए दस दिन हो गए थे.
किरायेदार के साथ भी अच्छी जान पहचान हो गई थी.

चूंकि किरायेदार का परिवार भी इसी मंजिल पर रहता था और इस मंजिल पर एक कमरा भर खाली था, जिसमें मैं रहने लगा था.

किरायेदार और उसकी पत्नी दोनों दिन भर काम करने बाहर जाते थे.
इधर मेरी बहन और जीजा जी भी स्कूल में पढ़ाने जाते थे.

स्कूल से आने के बाद घर पर सिर्फ मैं और आशी दोनों ही रहते थे.

धीरे धीरे मेरी उससे दोस्ती कुछ ज्यादा ही गहरी हो गई. उस वक्त तक मेरे दिमाग में उसके बारे में कोई बुरे ख्याल नहीं थे.
मुझे वह अच्छी लड़की लगती थी.

किरायेदार की बेटी आशी भी मेरे साथ पढ़ाई करने के लिए मेरे रूम में आने लगी थी.
वह स्कूल छूटने के बाद स्कूल के कपड़ों में ही पढ़ाई करने आ जाती थी.

उसके इंग्लिश मीडियम वाले स्कूल के कपड़े कुछ ज्यादा ही छोटे थे.
आशी की सेहत अच्छी थी, जिस वजह से उसके दोनों खरबूज बहुत बड़े बड़े थे और उसकी छोटी ड्रेस में से मस्त दिखते थे.

पढ़ाई करते टाइम उसकी स्कर्ट हमेशा घुटनों की ऊपर चली जाती थी जिससे उसकी चिकनी जांघें दिखने लगती थीं.
कभी कभी तो उसकी फूलों वाली चड्डी भी दिख जाती थी.

लेकिन मुझे लगता था कि आशी अभी छोटी है. इसलिए मैं उसकी इस स्थिति को नजरअंदाज कर देता था.
वह अपने टॉप के दो बटन भी खुले छोड़ देती थी तो उसके जरा सा नीचे झुकने पर ही उसके दोनों खरबूजों के दर्शन हो जाते थे.

धीरे धीरे मुझे भी उसे यूं देखने में अच्छा लगने लगा.
इसके पहले किसी भी लड़की को मैंने ऐसे नहीं देखा था.

एक दिन तो हद हो गई … आशी अपनी दोनों टांगें फैला कर बैठ गई.
उसकी पीले रंग की चड्डी पूरी दिख रही थी.

आशी की मक्खन जैसे टांगें भी मस्त चमक रही थीं.
ऊपर बटन खुले होने से उसकी पनीर जैसी गोरी और भरी हुई छाती दिख रही थी.

मुझे अन्दर ही अन्दर कुछ होने लगा था.
बहुत देर के बाद मैंने उसे आंखों से इशारा करके कपड़े ठीक करने को कहा.

उसने मुस्कुरा कर मेरी ओर देखा और कपड़े ठीक कर लिए.

आशी की मुस्कान ने मुझे मस्त कर दिया था.

मैंने इशारे से उससे पूछा कि मुस्कुराई क्यों?
तो उसने भी अपनी गर्दन हिला कर और पहले से ज्यादा मुस्कुरा कर ‘कुछ नहीं …’ का इशारा किया.

मैंने कहा- क्या हुआ?
वह इठला कर बोली- मुझे तो कुछ नहीं हुआ … तुम अपनी बताओ?

मैंने कहा- क्या बताऊं?
आशी बोली- तुम्हें क्या हुआ?

मैंने कहा- किधर क्या हुआ?
वह बोली- वही तो पूछ रही हूँ कि तुम्हें किधर क्या हुआ है?

ये कह कर उसने अपनी सिटिंग पोजीशन कुछ ऐसी बनाई कि उसकी चड्डी साफ दिखने लगी.

मैंने कहा- ऐसे क्यों बैठ गई हो?
आशी बोली- क्यों ऐसे बैठने पर कोई पाबंदी है क्या?

मैंने कहा- ऐसे क्या … तुम कैसे भी बैठो या लेटो … मुझे क्या?
वह हंसने लगी और बोली- क्या तुम चाहते हो कि मैं लेट जाऊं?

उसी वक्त मुझे कुछ शक हो गया कि उसके दिमाग में और कुछ ही है.
ये सब देख कर अब मेरा सब्र खत्म हो गया था और मेरा डंडा मेरे नाइट पैंट के अन्दर खड़ा हो गया.

उसने भी यह सब नोटिस कर लिया.
मैंने बात खत्म की और अपना ध्यान वापस पढ़ाई में लगा लिया.

आशी अपनी किताब में से कुछ टॉपिक के बारे में डिटेल जानने के बहाने मेरे पास खिसक कर बैठ गई.
वह कमसिन लड़की अपनी किताब मेरी दोनों जांघों के बीच रखने लगी.
अपने हाथ से उसने मेरे डंडे को पकड़ा और एक सेकंड में फिर से छोड़ दिया.

उसके यह करने मेरे शरीर में जैसे चार सौ चालीस बोल्ट की बिजली दौड़ गई थी.

मैंने भी अपना संयम खो दिया और उस सेक्सी माल को जोर से अपनी ओर खींच कर अपनी जांघों पर बिठा लिया.
वह जब तक कुछ समझ पाती, मैंने अपने होंठों को उसके होंठों पर लगा दिए.

मैं पाँच मिनट तक आशी को किस करता रहा और उसका पूरा रस पी गया.
वह भी मेरे साथ चुंबन में सहयोग कर रही थी और मेरे रस को चाट रही थी.

उधर मेरा पूरा मूड बन गया था कि उस सेक्सी माल को नंगी करके चोद दूँ, लेकिन उसको मैं वहां पर नहीं चोद सकता था.
दिन में किसी के भी अन्दर आ जाने का खतरा था.

इसी लिए मैंने उससे कहा- रात को खाना खाने के बाद सब सो जाएंगे, उसके बाद तुम मेरे मोबाइल पर मिस कॉल दे देना. मैं पीछे के दरवाजे से तुम्हारे रूम में आ जाऊंगा.

वह राजी हो गई और हम दोनों ने चुदाई का पूरा मन बना लिया.

मैं रात होने का इंतजार कर रहा था और बड़ी बेचैनी हो रही थी.
साला टाइम भी जल्दी नहीं जा रहा था.

कैसे भी करके बारह बज गए.
मैं उसकी मिस कॉल आने की राह देख रहा था.

बारह बज कर दस मिनट पर उसका मिस कॉल आ गया.
मैं जाकर तुरंत उसके दरवाजे के खड़ा हो गया और धीरे से दरवाजे को बजाया.

पीछे का दरवाजा उसके रूम से ही अटैच था.

आशी ने दरवाजा खोला और मैं रूम में चला गया.
मैंने रूम का दरवाजा अन्दर से अच्छे से लॉक कर दिया.

आशी मेरे सामने खड़ी मुस्कुरा रही थी.
उसने एक टाइट टी-शर्ट और शॉर्ट्स पहनी थी.
उसके शरीर का पूरा उभार साफ दिख रहा था.

अन्दर आते ही उसने मुझे कसके पकड़ लिया और हम दोनों एक दूसरे से चिपक गए.
अगले दस मिनट तक हम दोनों किस करते रहे.

फिर मैंने उसकी टी-शर्ट को उतार दिया और वह दूध सी गोरी लड़की मेरे सामने काली ब्रा में खड़ी थी. उसके गोरे गोरे बदन पर काली ब्रा बहुत सेक्सी दिख रही थी.
उसने आगे बढ़ कर मेरी शर्ट उतारी.

मैंने उसको गोद में उठा कर बिस्तर पर लिटा दिया और उसके शॉर्ट्स का हुक खोल कर उसे निकाल दिया.
साथ ही मैंने अपने पैंट की चैन को नीचे खींच दी.

वह मेरी पैंट में से लंड निकलने की राह देखने लगी.
मैंने उसे दिखाते हुए धीरे धीरे करके अपनी पैंट निकाल दी.

उधर उसकी शॉर्ट्स निकल गई थी तो अन्दर उसने काले रंग की ही चड्डी पहनी हुई थी.
काली चड्डी में उसकी दूधिया जांघें खूब चमक रही थीं.

मैंने उसे अपनी बांहों में लेकर उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और ब्रा निकाल दी.
उसके दोनों कबूतर ब्रा की कैद से आजाद हो गए.

मैं उसके मम्मों पर झपट पड़ा और काफी देर तक उसके दोनों बूब्स को चूसता मसलता रहा.
मैंने उसके दोनों दूध चूस चूस कर एकदम लाल कर दिए थे.

फिर मैंने उसकी चड्डी के अन्दर हाथ डाला तो जैसे चुदवाने के लिए उसकी चूत तड़प रही थी.
उसकी चूत की मलाई से मेरा हाथ पूरा गीला हो गया था.

अब मुझसे जरा भी कंट्रोल नहीं हो रहा था, मैंने उसकी चड्डी उतार दी और उसने भी मेरे पूरे कपड़े उतार दिए.
मेरा लंड खुली हवा में और ज्यादा खूंखार हो गया.

मैंने अपने लौड़े के आस पास के पूरे बाल साफ करके निकाल दिए थे; झांटों का जंगल पूरा साफ था.
मेरा लंड बिना बालों के किसी महाराजा के जैसे अकड़ा हुआ खड़ा था.

अब मेरे सामने आशी की चूत भी बिना बालों की थी.
उसकी चूत पर अभी बाल ही नहीं आए थे.

मैं उसके शरीर पर किस करते करते चूत तक चला गया और धीरे धीरे उसकी चूत को चाटना चालू कर दिया.

उसकी चूत पानी पानी हो रही थी और मैं उसकी बुर के पानी को चाट रहा था.

मैं अपनी जुबान को उसकी बुर में अन्दर डालने की कोशिश कर रहा था लेकिन उसकी बुर की सील पैक थी.
इसके कारण उसे बुर चटवाने में तो बहुत मजा आ रहा था.
पर वह बुर के अन्दर जीभ नहीं पेलने दे रही थी.

मैंने सोचा कि जीभ पेलने से क्या होगा, सीधा लंड ही अन्दर पेल देता हूँ.

बस मूड बन गया था और अब लंड पेलने की बारी आ गई थी.

मैंने कमरे की ड्रेसिंग टेबल से तेल की बोतल उठा ली और पूरे लंड पर तेल लगा लिया.
फिर कुछ तेल उसकी चूत पर भी मल दिया.

उसे तेल लगवाने में मजा आ रहा था तो मैंने बहुत सारा तेल उसकी बुर में लगा दिया.
दोनों फाँकों को जितना खोला जा सकता था, उतना अन्दर लगा दिया.

फिर मैंने उसकी दोनों टांगों को कसके पकड़ा और सिर की तरफ दबा कर अपना लंड उसकी चूत के मुँह पर रख दिया.

उसकी सांसें फूल रही थीं.
मेरा लंड उसके चूत में जाने के लिए तड़प रहा था.

मैं लंड चूत में डालने की कोशिश करता रहा लेकिन दर्द के कारण वह मुझे पीछे को धकेल रही थी.

देर तक कोशिश करने के बाद मैंने उसके टांगें कस के पकड़ लीं और जोर से कमर को धक्का दे दिया.

मेरा डंडा बुर के अन्दर चला गया और आशी जोर से चिल्लाकर रो पड़ी.
उसकी आंखों से पानी टपक रहा था.
नीचे से चूत से खून टपक रहा था.

बेडशीट खून से लाल होने लगी थी.
मैंने थोड़ी देर तक अपने लंड को बुर के अन्दर ही रखा.

फिर थोड़ी देर बाद मैं अन्दर बाहर करने लगा.
फर्स्ट टाइम होने के कारण उसे ज्यादा दर्द हो रहा था.

धीरे धीरे उसको भी मजा आने लगा और मैं भी स्पीड बढ़ाने लगा था.

कुछ और मिनट तक चोदने के बाद वह झड़ गई और मेरा लंड भी उसकी तपिश को झेल न पाया.
लौड़े ने भी गर्म पानी उसकी चूत के अन्दर छोड़ दिया.

कुछ पल बाद लंड सिकुड़ कर बाहर निकल आया.
मेरे लंड से भी खून निकल रहा था.

मेरा भी सेक्स का फर्स्ट टाइम था इसलिए मेरे लौड़े का धागा भी टूट गया था.

हम दोनों एकदम थक कर चूर हो गए थे तो सो गए.

कुछ देर बाद आंखें खुलीं तो हम दोनों वापस चुदाई में लग गए.

उस रात मैंने उसे 2 बार चोद दिया और इस तरह से मैंने अपनी बहन की किरायेदार लड़की को चोद कर उसकी सील तोड़ दी थी.

अब आगे उस सेक्सी माल कमसिन लड़की के साथ क्या कैसे हुआ, वह सब अगली कहानी में लिखूँगा.
यह सेक्स कहानी आपको अच्छी लगी होगी.
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