वर्जिन GF न्यूड सेक्स स्टोरी मेरी क्लासमेट की सीलबंद चूत की पहली बार चुदाई की है. हम दोनों कई साल से दोस्त थे. पर प्यार का इजहार नहीं कर पाए थे.
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम नील कमल है और मैं रांची का रहने वाला हूं।
मेरी उम्र 22 साल है।
यह वर्जिन GF न्यूड सेक्स स्टोरी तब की है जब मैं ग्रेजुएशन के फर्स्ट ईयर में था।
मैं और श्रेया स्कूल से ही दोस्त थे।
उसकी खूबसूरती की व्याख्या करने के लिए शब्द कम पड़ जाएंगे।
एकदम गोरा बदन, बड़े बड़े गोल स्तन और एकदम मस्त गांड।
उसके हुस्न का पूरा स्कूल दीवाना था। स्टूडेंट्स से लेके टीचर सब उसके पीछे पागल थे।
हमारी दोस्ती दसवीं में हुई थी।
मैं नौवीं में मैंने दाखिला लिया था तो ‘बी’ वर्ग में था।
दसवीं में मैं ‘ए’ वर्ग मे चला गया।
हम लोगों के दोस्ती के पीछे भी बहुत तगड़ी घटना थी। उसे जाने दीजिए।
दोस्ती होने के बाद उसने मुझे अपने पूरे जीवन के बारे में बताया जिसमें उसकी एक प्यार की भी बात थी जिसने उसका दिल पूरी तरह से तोड़ दिया था।
इसी कारण से इतने लंबे समय तक हम केवल दोस्त ही रहे।
मैंने उसे डर से नहीं बताया और उसने भी।
दसवीं पास करने के बाद हम दोनों कोटा चले गए।
आई आई टी जे ई ई क्वालीफाई करने के बाद कॉलेज भी एक ही मिली।
फिर तो साथ में खूब मस्ती हुई।
अगले साल जब होली की छुट्टी मिली तो मैंने, श्रेया और मेरा एक दोस्त विशाल ने घूमने का प्लान बनाया।
फिर क्या … घर से अनुमति ली और तीनों निकल गए।
श्रेया के मम्मी पापा मुझपे पूरा भरोसा करते थे तो वे लोग कुछ नहीं बोले।
अहमदाबाद में विशाल के मौसी का घर था तो सबसे पहले वहीं गए।
होलिका दहन के दिन शाम में लस्सी पीने गए।
अब गलती से हुआ या पता नहीं … श्रेया के ग्लास में भांग चला गया था वो भी अच्छे खासे मात्रा में।
थोड़े देर बाद उसे चक्कर आने लगे।
हम लोग समझ गए कि लस्सी में भांग थी।
मैंने विशाल को बोला कि इस हालत में इसे घर लेकर जाना सही नहीं होगा। सब गलत समझेंगे।
तो हमने एक रूम बुक किया और विशाल को बोल दिया कि घर वाले पूछें तो बता देना हम लोग घूमने गए हैं. और तेरा मन नहीं था तो तू नहीं आया।
उसे जब होटल लेकर गया तो नशा चरम पे था।
रूम में जाकर मैंने उसको पकड़ के सुला दिया और मैं साथ में लेट गया।
कुछ देर के बाद वो पागलपंथी बंद करके मुझसे बात करने लगी।
नशे में उसने अपने दिल की बात बोल दी कि वो कोटा से ही मुझसे प्यार करती है बस मुझे खोने के डर से नहीं बोलती थी।
इतना बोलते ही उसे उल्टी आने लगी और उसने अपना शर्ट खराब कर लिया।
मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं।
वो उल्टी करने के बाद वो नींद में सो गई।
मैं डरते डरते उसका शर्ट के बटन खोल रहा था।
पहली बार उसके गोरे बदन को इतने करीब से देखा था।
अंदर से उसने ब्रा और उसके उपर एक बनियान पहनी थी।
उसको ऐसे देख कर मेरा मन एकदम व्याकुल होंने लगा।
लेकिन उस समय खुद पर काबू कर के बेडशीट हटाई नीचे साफ करके उस बेडशीट को बाहर रख दिया और नीचे से दूसरा मंगाकर बिछा लिया और उसको चादर ओढ़ा दिया।
उसका शर्ट धोकर सूखने को डाल दिया तभी विशाल का फोन आया।
मैं उससे बात करने लगा बालकनी में बैठ के।
इतना सब करते करते करीब 10 बज गए थे।
श्रेया की नींद खुली तो वो थोड़े होश में थी. खुद को इस हालत में देख कर वो शर्म से एकदम लाल थी।
मैंने अपना शर्ट उसे पहनने को दे दिया।
मैं खाना ऑर्डर कर चुका था।
हमने साथ में खाना खाया, उसके बाद उसने मुझसे पूछा- तुमने मेरे पूरे कपड़े खोले थे क्या?
मैं शर्मा गया लेकिन हंसी आने लगी। मैं हंसते हुए बोला- तुमको क्या लगता है?
वो आंखें नीचे किए हुए थी पर कुछ नहीं बोली।
मैं उसका हाथ पकड़ के बोला- भरोसा रखो यार, तुम्हारे साथ कभी कुछ गलत नहीं करूंगा।
वो थोड़ा कम्फर्टेबल हुई.
उसके बाद मैंने पूछा- तुम जो कुछ बोल रही थी, वो तुमको याद है?
वो थोड़ी सी डर गई, फिर बोली- थोड़ा बहुत याद है, तुम्ही बता दो क्या क्या बोले थे।
फिर मैंने सबकुछ बताया।
उसकी आंखों में आंसू थे।
मैंने पूछा- क्या हुआ?
इतने में वो झट से मेरे गाले लग गई। उसके बड़े बड़े स्तनों को मैं अपने छाती में महसूस कर रहा था।
मेरे दिमाग में उसका गोरा बदन घूमने लगा।
उसका पूरा शरीर गर्म था।
उसके बाद उसने जो किया मैं तो एकदम दंग रह गया।
वो बोली- नील, तुम मुझे हमेशा के लिए अपना बना लो!
और ये बोलते ही मेरे होठों को चूमने लगी।
फिर मैं कहां रुकने वाला था, मैं भी उसके होठों को चूमने लगा।
उसके बाद मैंने अपनी सारी हिम्मत जुटा के अपना हाथ उसके मम्मे पर रखा वो एकदम अंदर से हिल सी गई।
उसके बूब्स एकदम सख्त थे।
मैं और श्रेया दोनों एकदम जोश में आ गए। मैं जोर जोर से उसके बूब्स को दबाने लगा।
उसकी सांसें एकदम तेज हो गई थी और एकदम गर्म।
उसको चूमते चूमते जो शर्ट उसने पहना था, उसे खोलने लगा।
उसके बाद उसका बनियान भी खोल दिया।
बिना समय गंवाए मैंने उसकी जींस भी खोल दी।
अब मेरे सामने वो केवल सफेद रंग की ब्रा और काले रंग की पेंटी में थी।
क्या मस्त लग रही थी वो … मैं क्या ही बताऊं!
उसके बूब्स मुश्किल से उसके ब्रा में थे … एकदम उभरे हुए।
वो शर्म के मारे एकदम लाल थी लेकिन इतनी हॉर्नी थी कि उसने सारी शर्म को अलग रख दिया।
मैं पहली बार किसी लड़की को ऐसे देख रहा था।
मेरा लन्ड मेरे चड्डी में एकदम टाइट था।
उसकी नजरें उसी पर थी।
तो मैंने अपनी पैंट खोल के साइड फेंक दी और उसके बूब्स पे टूट पड़ा।
उसकी ब्रा खोलते ही उसके दोनों स्तन मेरे आंखों के सामने थे … एकदम मलाई सा सफेद और कोमल!
और बीच में भूरे निप्पल … क्या दृश्य था यार!
मैं एकदम पागल सा हो गया था।
फर्स्ट टाइम था लेकिन अनाड़ी नहीं था।
मैं उसे लेटा के उसके एक बूब को चूसने लगा और दूसरे को मसलने लगा … कभी दाएं तो कभी बाएं वाले को।
श्रेया एकदम मदहोश थी, वह मेरे माथे को अपने स्तन में कस के दबा रही थी।
और उसके मुंह से निकलने वाली सिसकारियां तो अलग ही माहौल बना रही थी।
थोड़ी देर बाद उसके बदन को चाटते हुए मैं नीचे बढ़ने लगा।
जैसे जैसे मैं नीचे बढ़ रहा था श्रेया और ज्यादा तड़प रही थी।
मैंने उसके पैंटी को खोल कर अलग कर दी।
पहले तो वो अपने हाथ से अपने चूत को ढक रही थी, फिर मैंने उसके हाथ को हटा दिया।
अब मेरी न्यूड GF की गुलाबी चूत मेरी आंखों के सामने थी।
मेरे बदन में एकदम करेंट दौड़ गई।
जब मैंने उसको छुआ तो उसकी चूत एकदम गीली थी और एक अलग ही मादक खुशबू आ रही थी जो मुझे पागल किए जा रही थी।
मैं अपनी उंगलियां उसपर फेरने लगा और वो फिर से मदहोश होने लगी। मैं एक हाथ से उसके बूब्स को मसल रहा था और दूसरे से उसके चूत को।
फिर मैंने उसकी क्लिट पे अपनी जीभ लगायी।
वो सिहर उठी।
मैं जीभ से ही उसे चोदने लगा और वो मेरा सिर सहला रही थी।
उसकी सिसकारियों से उसकी तड़प साफ पता चल रही थी।
वो बोली- अब और न तड़पा … बस अंदर डाल!
मैं उठा और घुटनों के बल खड़ा हो गया।
उसने मेरा अंडरवीयर खोला तो मेरा लन्ड उसके मुंह पे लपक के दौड़ पड़ा।
एकदम खड़ा और टाइट।
उसके होश उड़ गए।
उसको लेटा कर मैं अपना लन्ड उसकी चूत पर फेरने लगा।
वो थोड़ा डर रही थी।
लेकिन मजा अपनी जगह था।
मैंने धीरे से अपना लन्ड अन्दर डाला।
वो दर्द के कारण चिल्ला उठी और मुझसे छुटने की कोशिश करने लगी।
मैंने वर्जिन GF के मुंह पे अपना मुंह रख दिया और चूसने लगा।
अभी मेरा आधा लन्ड भी नहीं घुसा था।
वैसे भी मेरा लन्ड था भी मोटा और लंबा।
मैंने थोड़ा बाहर करके एक और जोर का झटका लगाया।
अबकी आधा से ज्यादा अंदर चला गया।
ऐसा लग रहा था मानो किसी संकरी धधकती भट्ठी में मेरा लन्ड गया हो।
इससे पहले मैंने कभी मूठ भी नहीं मारी थी तो मेरा लन्ड थोड़ा सेंसिटिव था लेकिन अलग ही मजा आ रहा था।
मैंने कभी सपने में भी इसे अहसास नहीं किया था।
इधर दर्द के कारण श्रेया के आंख में आंसू थे।
तीसरे झटके में पूरा लन्ड अन्दर चला गया उसके बाद झटके की रफ्तार मैंने बढ़ा दी।
अब उसे उस दर्द में भी मजा आने लगा था, वह मुंह से अलग अलग आवाज निकाल रही थी जो मुझे और उत्तेजित कर रही थी।
अब वो खुद अपने गांड़ उठा उठा के चुद रही थी।
उसके आगे पीछे हो रहे बूब्स को देख कर मैं इतना उत्तेजित हो गया कि दया रहम नाम की कोई चीज होती है, मैं भूल गया.
उसकी चूचियों को पकड़ के खूब जोर जोर से चोदने लगा और झटके की गति भी तेज कर दी।
कुछ देर बाद उसने मुझे कस कर पकड़ लिया और झड़ गई।
थोड़ी ही देर में मैं भी झड़ गया।
मेरा पूरा बदन अकड़ गया था। ऐसा मजा मुझे आज तक नहीं आया था।
मैं उसके ऊपर ही लेट गया उसके बाद!
मेरी न्यूड GF मुस्कुरा कर मुझे देख रही थी।
उसकी चूत से खून निकला हुआ था जो मेरे लन्ड पर भी लगा हुआ था।
उसे साफ करके मैं पलट के लेट गया और वो मेरे लन्ड को अपने हाथ में लेके खेलने लगी और अपना अनुभव बता रही थी।
थोड़ी देर बाद मेरा लन्ड फिर से तन गया और हम लोगों ने फिर से ताबड़तोड़ चुदाई की।
इस बार चूत चुदाई का खेल काफी लंबे समय तक चला।
उस रात हम लोगों ने चार बार सेक्स किया; तीन बार बेड पर और एक बार नहाते समय बाथरूम में।
उसकी चूत एकदम सूज गई थी और दर्द भी कर रही थी।
फिर हम लोग सो गए.
अगले दिन विशाल का फोन आया और हालचाल पूछा.
तो मैंने उसे बताया कि उसे अच्छा नहीं लग रहा है इसलिए हम लोग नहीं आयेंगे अभी।
वो अपनी मौसी जी के साथ घर पे ही होली खेल रहा था और हम लोग इधर रंगारंग चुदाई कर रहे थे।
शाम को मैंने श्रेया को गर्भ रोकने वाली एक गोली खिला दी।
फिर घूमने फिरने के बाद जब कॉलेज गए तो जब भी मन करता था तो बस मिल लिया करते थे।
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