सेक्स 1 कहानी में मेरे पापा के एक दोस्त मेरी मम्मी से सेक्स करते थे, उनकी नजर मेरी जवानी पर थी. वे मुझे नंगी देख चुके थे. एक दिन मैंने मम्मी को उनसे चुदती देखा.
यह कहानी सुनें.
मेरे प्यारे पाठको, मेरा नाम नीलू है और मेरी उम्र 23 वर्ष है.
मेरा रंग बहुत गोरा है. मेरा फिगर 34-30-36 इंच का है.
मेरा बदन मक्खन सा चिकना है कि अगर कोई लड़का मेरे जिस्म पर हाथ फेरे तो हाथ फिसल जाए और उसका लंड खड़ा हो जाए.
मैं आज फिर आप के लिए एक सेक्स 1 कहानी लेकर आई हूँ।
ये सेक्स 1 कहानी मेरी एक सहेली की है, जिसकी उम्र 18 वर्ष है, लेकिन वह देखने में मस्त लगती है।
उसके पिता डॉक्टर हैं और उसकी मम्मी बहुत ही खूबसूरत हैं।
एकदम गोरी-चिट्टी, बहुत मोटे-मोटे दूध, एकदम चिकना बदन, मोटी गांड और खुले लंबे बाल जो चूतड़ों तक पहुँचते हैं।
उनको देखकर कोई भी इंसान पागल हो जाता है और उनको छूने की कोशिश करता है।
मेरी सहेली, जिसका नाम दिव्या है, उसने मुझे ये कहानी सुनाई थी।
उसने कहा कि उसके पापा के एक दोस्त हैं, जो उसकी मम्मी को बहुत लाइन मारते हैं।
अक्सर वो उनको पार्टियों में हग कर लेते हैं और बातों-बातों में उनके गालों पर हाथ रख देते हैं। उनके सीने को सहला देते हैं, ये कहते हुए कि, “देखिए, आपके सीने पे कुछ गिर गया है, लाइए मैं साफ कर दूँ!”
इस बहाने से वो सबके सामने उनके दूध दबाते रहते हैं।
मैं यह सब चीजें बहुत दिनों से ध्यान कर रही थी।
वो हमारे घर भी अक्सर आते हैं, और मैंने ये बात नोटिस की कि वे हमारे घर तब आते हैं जब पापा हॉस्पिटल में मरीजों को देखने चले जाते हैं और मुझे ट्यूशन जाना होता है।
वे मुझ पर भी बुरी निगाह रखते थे।
अक्सर मैंने उन्हें अपने दूध की तरफ घूरते हुए देखा है।
बातों-बातों में उन्होंने कई बार मुझसे कहा, “अब तो तुम बहुत जवान हो गई हो! कॉलेज में लड़के तुम पर मरते होंगे!”
मैं उनकी हर बात का मतलब समझती थी।
बातों-बातों में वह अक्सर मेरे सिर पर हाथ रखते थे और फिर हाथ पीठ पर ले जाते हुए मेरे चूतड़ दबा देते थे।
दो बार उन्होंने मेरे गले में पड़ी हुई सोने की चेन देखने के बहाने मेरे सीने का ऊपर का हिस्सा सहलाया और फिर हाथ नीचे ले जाकर मेरे दूध पर रख दिए, जैसे कि मेरे दूध उनके हाथों का विश्राम स्थल हो।
मैं शर्म के मारे उनसे कुछ नहीं कह पाई और वे बहाने से मेरे शरीर के मजे लेते रहते थे।
एक बार जब मैं कमरे में अकेली थी तो उन्होंने मेरे टॉप में हाथ डालकर मेरे दूध और निप्पल कसकर दबा दिए थे।
एक दिन की बात है, जब मैं बाथरूम से नहाकर निकल रही थी तो टॉवल पहने हुए थी।
अचानक सामने से अंकल आ गए।
उन्होंने मुझे देखकर कहा, “दिव्या, नहाने के बाद तुम कितनी अच्छी लगती हो!”
फिर मेरे पीछे जाकर पता नहीं कब उन्होंने टॉवल खींच दी।
मैं बिल्कुल नंगी उनके सामने खड़ी थी।
मेरी समझ में नहीं आया कि मैं क्या करूँ… क्योंकि कमरे से बाहर भी नहीं जा सकती थी और अंदर कहाँ भागती।
उन्होंने मुझे पूरी तरह भरकर देखा और मेरे जिस्म पर हाथ चलाते हुए बोले, “कितना संगमरमर जैसा जिस्म है तेरा!”
उस दिन पहली बार अंकल ने मुझे गोद में उठा लिया था और उनका लंड पहली बार मेरी चूत से लगा था।
मेरे पूरे तन-बदन में सिहरन दौड़ गई थी और जाने क्यों मुझे वह सब बहुत अच्छा लगा।
मन किया कि इसी तरह से मैं अंकल के सामने नंगी पड़ी रहूँ और वह इसी तरह से मुझे मसलते रहें।
एक दिन की बात है कि जब मैं ट्यूशन जा रही थी, तभी अंकल घर पर आ गए।
मुझे शक हुआ, और मैं ट्यूशन न जाकर 10 मिनट में ही वापस आ गई।
मैंने देखा कि अंकल और मम्मी एक कमरे में बंद थे।
इत्तफाक से उस कमरे का दरवाजा पूरी तरह से बंद नहीं था, झिरी खुली हुई थी, तो मैं झिरी से झाँक-झाँक कर देखने लगी।
मैंने देखा कि अंकल और मम्मी कमरे में बैठकर हँस-हँसकर बातें कर रहे थे।
अंकल बात-बात पर मम्मी को किस कर लेते थे और बार-बार उनको अपनी बाहों में भर लेते थे।
मम्मी भी खुशी-खुशी उनकी बाहों में चली जाती थी।
फिर मैंने देखा कि वो धीरे-धीरे कुछ आपस में बात करते हुए उनके दूध सहलाने लगे।
मुझे बहुत अच्छा लग रहा था ये सब देखकर … और मैं बहुत एक्साइटेड फील कर रही थी।
तो मैं और करीब गई, जिससे उनकी बीच में होने वाली बातचीत मुझे सुनाई दे।
मैंने सुना, अंकल मम्मी से कह रहे थे, “तुम्हारे दूध फिर से आज बहुत तने हुए हैं! लगता है तुम्हारा चूत मरवाने का मन कर रहा है!”
मम्मी ने कहा, “ऐसा कुछ नहीं है!”
पर अंकल ने मम्मी के ब्लाउज में हाथ डाल दिया और अंदर से उनके दूध सहलाने लगे।
मम्मी को बहुत एक्साइटमेंट होने लगा और उन्होंने अंकल का लंड अपने हाथ में ले लिया।
अंकल ने कहा, “चलो, अब हम लोग कपड़े उतार देते हैं!”
मम्मी ने तुरंत अपना ब्लाउज उतार दिया, और अंकल ने मदद करके उनकी साड़ी उतार दी।
मम्मी के गोरे-गोरे दूध मेरे सामने थे।
मैंने कभी भी उनको इस तरह से नंगी नहीं देखा था, सिवाय उस समय के जब बचपन में मैं उनका दूध पीती थी।
मम्मी को नंगा देखकर मेरी चूत में खुजली मचने लगी और मैंने अपनी चूत में उंगली से सहलाना शुरू कर दिया।
फिर अंकल ने मम्मी की साड़ी और पेटीकोट उतार दिया और फिर उनकी पैंटी भी उतार दी।
अब मम्मी बिल्कुल नंगी खड़ी थीं।
उनका गोरा संगमरमरी बदन देखकर मैं गर्म होती चली जा रही थी।
फिर अंकल ने अपने सारे कपड़े एक-एक करके उतार दिए और कपड़े उतारने के बाद उनका आठ इंच का लंड फनफनाकर सामने आ गया।
मैंने अपनी जिंदगी में पहली बार लंड देखा था।
मैं एकदम और गर्म हो गई।
उनके लंड से रस निकल रहा था।
मम्मी ने जल्दी से उनका लंड अपने हाथ से सहलाना शुरू कर दिया, फिर बोली, “अब आप देर मत करिए! दिव्या के आने का भी समय हो रहा है, वो किसी भी समय आ सकती है! उससे पहले हम लोग अपना खेल खत्म कर लेते हैं!”
अंकल ने भी देर किए बगैर मम्मी से कहा, “चलो, फिर तुम लेट जाओ और टांगें ऊपर कर लो!”
मम्मी वहाँ बेड पर लेट गईं और उन्होंने अपनी टांगें खोल लीं, जिससे उनकी चूत सामने से दिखाई देने लगी।
मम्मी ने आज शेव किया हुआ था और उनकी फूली हुई चूत सामने दिखाई दे रही थी।
अंकल ने अपना लंड थोड़ा सा हिलाया और फिर मम्मी की गीली चूत में रखकर उसको अंदर घुसा दिया।
धीरे-धीरे वो अपना लंड पूरा घुसाते चले गए।
वो मम्मी के दूध बुरी तरह से सहला रहे थे, निप्पल चूस रहे थे।
मैं इतनी गर्म हो गई कि मैंने अपनी पैंटी उतार दी थी और अपनी फ्रॉक भी ऊपर कर दी थी।
मैं अपने निप्पल्स दबा रही थी, जो अभी बिल्कुल ताजा-ताजा निकले थे।
मुझे बहुत गर्मी लग रही थी और मेरा मन कर रहा था कि कोई आकर मुझे भी अच्छे से सहला दे।
अंकल मम्मी को चोद रहे थे।
बार-बार लंड अंदर-बाहर जा रहा था और मम्मी चीखे जा रही थीं, “आप अच्छे से चोदो! अच्छे से चोदो!”
उनका यह खेल 10-12 मिनट तक चलता रहा.
और तब तक मैं बिल्कुल गीली हो गई थी।
मेरी सांस बहुत तेज-तेज चलने लगी थी।
मैं अपनी उंगली चूत में इतनी तेजी से कर रही थी कि तेजी-तेजी से करके मेरा पानी निकलने को तैयार हो गया।
मेरे मुँह से पानी निकलते वक्त एक जोर की सीत्कार निकल पड़ी।
जैसे ही मेरी सीत्कार निकली, मम्मी ने एकदम चौंककर कमरे की तरफ देखा.
और उनकी निगाह तुरंत मुझ पर पड़ गई।
वे बोली, “तू यहाँ कैसे?”तू ट्यूशन गई थी?”
मैं कुछ बोलने की स्थिति में नहीं थी।
मम्मी ने तुरंत अंकल से कहा, “उसे कमरे में अंदर बुला लो!”
अंकल ने हाथ पकड़कर मुझे अंदर कमरे में कर लिया और कमरे का दरवाजा बंद कर दिया।
मैं आधे कपड़ों में थी, और मेरा शरीर भी नंगा हुआ पड़ा था।
मम्मी ने अंकल की तरफ देखकर कहा, “दिव्या को अपने इस खेल में शामिल कर लेते हैं, नहीं तो यह बाहर सबको बता देगी, अपने पापा को भी बता देगी!”
अंकल ने कहा, “हाँ, ये सही बात है!”
अंकल की तो लॉटरी खुल गई थी।
एक 18 साल की लड़की उनके सामने खड़ी थी और उसकी माँ स्वयं उसे चोदने को कह रही थी।
मैं भी ये सब देखकर गर्म हो चुकी थी, तो मेरे में ना कहने की हिम्मत नहीं थी, ना कहने की गुंजाइश थी।
मैं वहाँ चुपचाप खड़ी रही।
अंकल ने मेरे शरीर को सहलाना शुरू कर दिया।
वो मेरे मम्मों को दबाने लगे।
उनके इस काम से मैं और अधिक उत्तेजित हो गई।
वो बोले, “दिव्या, तुम अपने कपड़े उतार दो!”
फिर अंकल कपड़े उतारने में मेरी मदद करने लगे।
उनका लंड बार-बार झटके खा रहा था।
मैं जानती थी कि वो मुझे सलामी दे रहा है।
अंकल जानबूझकर अपना लंड मेरे शरीर से लगा रहे थे।
उन्होंने मुझे मेरी मम्मी के सामने एकदम नंगा कर दिया, बोले, “कितना गोरा और मखमली बदन है तुम्हारा, दिव्या! मैं बहुत भाग्यशाली हूँ जो मुझे तुम्हें चोदने का मौका मिला है! अब मैं तुम्हें तुम्हारी मम्मी के सामने ही चोदूँगा!”
मम्मी बोली, “दिव्या, आज मेरे साथ तू भी चुदाने का सुख ले ले!”
अंकल ने हाथ पकड़कर मुझे भी बेड पर मम्मी के साथ ही लिटा दिया और मेरी टांगें खोल दीं।
मम्मी ने कहा, “बिना इसे मौका दिए जल्दी से इसकी चूत में लंड डाल दो!”
अंकल ने मेरे निप्पल जोर से सहलाए और मैं चीख पड़ी।
फिर उन्होंने कहा, “तुम्हारे दूध बहुत टाइट हैं! तुम बहुत सुंदर हो!”
यह सुनकर मेरी आँखें बंद हो गईं।
आनंद ही आनंद आ गया।
किसी भी लड़की के शरीर की अगर कोई तारीफ करता है, तो उसे बहुत खुशी मिलती है, ये तो आप जानते ही होंगे।
मैं अपने सेक्स 1 के लिए तैयार थी.
उसके बाद उन्होंने मेरे पूरे शरीर को खूब अच्छे से सहलाया।
मेरे पेट को, मेरी पीठ को, मेरी गर्दन को खूब अच्छे से उन्होंने मालिश की।
मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।
मैंने तुरंत अपनी टांगें ऊपर करके उनको अपनी चूत में आमंत्रण दिया।
उन्होंने भी बिना समय गँवाए मेरी चूत के दरवाजे पर अपना लंड रखा और धीरे-धीरे अंदर घुसाने की कोशिश करने लगे।
चूँकि मैं पहले कभी नहीं चुदी थी इसलिए मेरी चूत बहुत टाइट थी।
लेकिन गीली बहुत हो रही थी इसलिए लंड को अंदर जाने में समस्या नहीं हो रही थी।
उन्होंने एक जगह चूत में अपना स्थान बनाया और मुझे पकड़कर जोर से एक झटका लगाया।
पूरा का पूरा लंड मेरी चूत की सील तोड़ते हुए अंदर घुस गया।
मेरी तो चीख निकल गई.
मेरी मम्मी हँस रही थीं, “आज तेरी सील टूट गई है!”
मुझे तो लग रहा था कि लंड पूरा चला गया है, लेकिन दरअसल में वो आधा ही अंदर गया था।
मैं अंकल से कह रही थी, “अब आप निकालो बाहर! बहुत घुस गया!”
पर वो कहाँ मानने वाले थे … उन्हें तो एक कमसिन लड़की की टाइट चूत चोदने को मिली थी, वो भी पहली बार।
उन्होंने आधा मिनट तक इंतजार किया, जिससे कि मैं दर्द को बर्दाश्त करने लायक हो जाऊँ।
उसके बाद उन्होंने मेरे निप्पल्स खूब जोर-जोर से दबाए, मेरे दूधों को खूब मसला, और फिर अपने दूसरे राउंड के लिए तैयार होकर उन्होंने बकाया लंड को अंदर दबाना शुरू कर दिया।
धीरे-धीरे गीली चूत चोट के कारण पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में चला गया।
अब मुझे मजा आने लगा था।
अंकल ने अपनी स्पीड धीरे-धीरे तेज कर दी और अंदर-बाहर करने लगे।
करीब 10 मिनट तक उन्होंने मुझे चोद-चोदकर खूब मजे लिए।
कुछ मिनट के बाद उनको पूरा एक्साइटमेंट हुआ और उन्होंने अपना पूरा का पूरा वीर्य मेरी चूत के अंदर डाल दिया और मेरे ऊपर निढाल होकर लेट गए।
मेरी मम्मी ने मेरे गाल सहलाए और बोली, “कोई चिंता की बात नहीं है! सबको एक ना एक दिन चूत मरवानी पड़ती है। तुझे तो फायदा है, देख, मेरे सामने तू चूत मरा रही है! कोई भी दिक्कत आएगी, तो मैं तुझे ठीक कर दूँगी, किसी को पता भी नहीं चलेगा!”
मैं मम्मी को देखकर हँस रही थी और मुस्कुरा रही थी कि आज उन्होंने अपने रहस्य को रहस्य बनाए रखने के लिए मुझे भी चुदवा दिया।
लेकिन मुझे इसका कोई गम नहीं था क्योंकि मैं खुद भी उसी अंकल से चुदना चाहती थी।
प्रिय मित्रो, कैसी लगी मेरी सेक्स 1 कहानी?
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मेरी पिछली कहानी थी: पड़ोसन भाभी ने अपने पति से चुदवा दिया