इंडियन टीन वर्जिन सेक्स कहानी में मैंने अपनी एक दोस्त लड़की को प्रोपोज़ किया पर उसने बात सिर्फ दोस्ती तक रखने को कहा. पर एक दिन वह मेरे लंड से चुद भी गयी. कैसे?
मित्रो, मेरा नाम सूरज है.
मेरा लंड सामान्य ही है यह साढ़े छह इंच लम्बा और ढाई इंच मोटा है.
मैं किसी भी लड़की, भाभी, आंटी को देर तक चोद कर पूरा संतुष्ट कर सकता हूँ.
यह इंडियन टीन वर्जिन सेक्स कहानी चार साल पहले उस वक्त की है जब मैं डिप्लोमा कर रहा था और लास्ट ईयर में था.
उस समय मैं 19 साल का था और किराये के कमरे में दोस्तों के साथ रह कर पढ़ रहा था.
अब मैं आपको सीमा के बारे में बता देता हूँ. वह मेरे साथ ही पढ़ती थी.
उस वक्त उसकी उम्र मेरे जितनी ही थी यानि हम दोनों ही 19 साल के थे.
सीमा का बदन मस्त भर हुआ था और एकदम गोरा था.
उसकी बॉडी के कटाव बेहद आकर्षक थे.
उसका फिगर कुछ यूं था. उसके दूध 30 इंच के, कमर 28 की और गांड बाहर को निकली हुई 32 इंच की थी.
मैंने उसे एक बार प्रपोज भी किया था.
पर उसने कहा था- हम दोनों सिर्फ बेस्ट फ्रेंड ही रहेंगे.
उस वक्त हमारे लास्ट ईयर के पेपर चल रहे थे.
मैं और मेरे दो दोस्त एक मकान में रहते थे.
उस घर में दो कमरे और एक किचन भी था.
मकान मालिक के साथ मेरे पापा काफी अच्छी पहचान भी थी तो वे किराया भी कम लेते थे और कभी कोई बाहर का कोई लड़का रूम पर रुकने आ जाए तो कोई दिक्कत भी नहीं थी.
उसका एक कारण यह भी था कि अंकल दूसरे मकान में रहते थे और वह दूसरा मकान कुछ दूर था.
मेरे घर के सामने वाले घर के ऊपर के माले पर सीमा भी अपनी सहेलियों के साथ किराए से रहती थी.
जब हमारे पेपर चल रहे थे तो हर पेपर के बीच चार पांच दिन का गैप था.
मेरे दोस्तों ने ट्यूशन लगाई थी.
उस दिन वे ट्यूशन क्लास में सुबह 7 बजे ही चले गए और 11 बजे वापस आने वाले थे.
मैंने ट्यूशन नहीं लगाई थी तो मैं रूम पर ही था.
इस बीच मुझे भूख लग आई थी और मेस 10.30 बजे चालू होती थी.
जबकि अभी तो 8 ही बजे थे.
बाहर नाश्ता करने के लिए जाता तो वह रेस्तरां भी काफी दूर था.
मैं यह सोच ही रहा था कि क्या किया जाए कि तभी सीमा का कॉल आ गया.
वह पूछने लगी- पढ़ाई हुई, क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- यार पढ़ाई की छोड़ो, मुझे तो अभी बहुत तेज भूख लगी है और मैं चाय बना रहा हूँ. तुम चाय पीना चाहती हो तो नीचे आ जाओ.
उसने हां कहकर और नीचे आने की बोल कर फोन काट दिया.
अब सीमा और शीतल नीचे आने के बाद मेरे रूम में आ गईं.
सीमा बोली- हम लोग मैगी भी साथ लाई हैं, तुम चाय बनाओ, मैं मैगी बनाऊंगी.
हम तीनों ने बातें करते करते मैगी और चाय पी ली.
फिर शीतल वहां से किसी से नोट्स लेने के लिए चली गई.
अब कमरे में मैं और सीमा ही रह गए थे.
हम दोनों बिस्तर पर लेटकर इधर उधर की बातें कर रहे थे.
उसी बीच उसने मेरा मेरा मोबाइल ले लिया.
उसे मेरे मोबाइल के सारे पासवर्ड पता थे तो वह उसमें से कुछ सॉलव्ड पेपर अपने मोबाइल पर भेज रही थी.
उसके बाद वह कॉलेज की वीडियो देखने लगी तो उसमें कुछ ब्लू फिल्म भी थीं.
उसने कहा- अबे चूतिया, ये क्या देखता रहता है?
मैंने उससे कहा- तुम और शीतल भी तो देखती हो … मुझे सब पता है.
तो वह शर्मा गई.
मैंने कहा- इसमें शर्माने की क्या बात है, सब देखते हैं.
यह कहकर मैंने एक फिल्म चालू कर दी और उससे बोला- चल साथ में देखते हैं.
वह मेरे बाजू में ही लेटी थी.
उस फिल्म में दो लड़के एक लड़की के साथ थे.
एक उसके बूब्स दबा रहा था और लंड चुसवा रहा था तो दूसरा उसकी चूत चाट रहा था.
कुछ मिनट की ब्लू फिल्म देखने के बाद वह गर्म होने लगी थी.
मेरा भी लौड़ा सख्त हो चुका था और वह लोवर से साफ दिख रहा था.
मैं धीरे धीरे अपना लौड़ा सहला रहा था.
पास में होने के कारण मेरी कोहनी उसके बूब्स को बार बार टच हो रही थी.
पर वह कुछ नहीं बोली क्योंकि मैं कभी कभी मजाक में उसके बूब्स दबा देता था.
उसका भी मन कर रहा था कि वह चूत सहला ले!
मैंने हिम्मत करके उससे कहा- यार सीमा, मैंने अब तक कभी भी किसी लड़की को किस तक नहीं किया और ना ही उसे नंगी करके बूब्स नहीं दबाए हैं. क्या तू एक बार अपने दूध दबाने देगी … प्लीज यार.
उसने पहले ना कहा, पर थोड़ी देर बाद वह मान गई.
उसने कहा- सिर्फ बूब्स ही, आगे मत बढ़ना!
मैंने कहा- हां ठीक है.
मैंने कमरे का दरवाजा बंद किया और उसको किस करने लगा, उसके होंठ चूसना शुरू कर दिया.
दो मिनट बाद वह भी मेरे होंठ चूसने लगी.
हम दोनों कामुक अवस्था में थे तो दस मिनट तक किस ही करते रहे.
उसी बीच हम दोनों की जीभें भी एक दूसरे से लड़ने लगीं और हम दोनों की उत्तेजना चरम पर पहुँचने लगी.
काफी देर तक किस करने के बाद मैंने उसके होंठों को छोड़ा और गले को किस करते हुए उसकी चूचियों तक आ गया.
उसकी टी-शर्ट के ऊपर से ही उसके बूब्स दबाना और किस करना चालू कर दिया.
वह भी अब पूरा मजा ले रही थी.
मैंने उससे कहा- तुम अपनी टी-शर्ट उतारो.
उसने अपनी टी-शर्ट उतार दी और मैं ब्रा में हाथ डाल कर बूब्स दबाने लगा था.
फिर मैंने उसकी ब्रा भी खोल दी और आज पहली बार मैंने उसके सफेद मम्मों को देखा.
उसके एकदम गोल गोल और टाइट बूब्स मेरे सामने थे.
मैं पागलों की तरह उन पर टूट पड़ा.
एक को चूसने और दूसरे को दबाने का सिलसिला शुरू हो गया.
उसने कहा- धीरे से करो और आराम से दबाओ न … मैं कहीं भागी थोड़ी जा रही हूँ!
मैंने धीरे धीरे से दूध दबाना शुरू किए और मस्ती से उसके निप्पलों को खींच खींच कर चूसने लगा.
वह भी आती कामुक होकर मेरे सर को अपने हाथों से पकड़ कर मुझे अपने दोनों दूध बारी बारी से पिला रही थी.
अब मैंने अपनी शर्ट और लोवर को भी उतार दिया और पुनः उसके बूब्स चूसना चालू किए.
फिर धीरे धीरे लोवर के ऊपर से ही उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा था.
उसकी लोअर दोनों टांगों के बीच से गीली हो गई थी.
उसकी चूत को हाथ से रगड़ने से वह अपनी कमर को आगे पीछे करती हुई कुछ ऐसा करने लगी थी मानो वह मेरे हाथ से अपनी चूत रगड़वा कर मुठ मरवा रही हो.
कुछ ही देर बाद उसने भी मेरी चड्डी के अन्दर हाथ डाल दिया और मेरा लौड़ा पकड़ कर आगे पीछे करने लगी थी.
यह देख कर मैंने भी अपना एक हाथ उसकी पैंटी के अन्दर डाल दिया और चूत सहलाने लगा.
उसकी चूत हद से ज्यादा गीली हो चुकी थी.
मैंने उसे देखा तो वह आँख बंद करके अपनी चूत रगड़वाने का सुख ले रही थी.
मैंने उसके होंठों को फिर से किस करना चालू कर दिया और धीरे धीरे उसकी लोवर और पैंटी भी नीचे सरका दिया.
अब वह अपनी चूत में लंड लेने के लिए मचल रही थी.
उसने कहा भी- सूरज, अब अपना लंड मेरी चूत में डाल ही दो और मत तड़पाओ प्लीज!
यह सुनकर मेरी तो मानो लॉटरी निकल पड़ी थी.
मैंने झट से उसको पूरी नंगी कर दिया और खुद भी नंगा हो गया.
मैंने उससे लंड चूसने को कहा.
पर उसने मना कर दिया लेकिन अपने हाथ से मेरे को लंड हिलाना शुरू कर दिया.
थोड़ी देर बाद मेरे लंड से माल का फव्वारा निकल कर उसके चेहरे पर जा पड़ा और मैं झड़ चुका था.
वह मेरे झड़े हुए लौड़े को अपने हाथ से मसलती रही.
मैंने उसकी आंखों में झाँका तो एक तड़फ सी दिखाई दी जो साफ कह रही थी कि लंड को जल्दी से खड़ा करो और उसकी चूत में घुसेड़ कर उसे चोद दो.
मैंने उसे अपने सिरहाने रखी हुई तौलिया पकड़ा दी और उसने मेरी भावना समझ कर मेरे लौड़े को पौंछना शुरू कर दिया था.
उसी समय मैंने अपने एक हाथ से उसके एक दूध को मसल कर उसका ध्यान अपनी तरफ किया.
उसने मेरी तरफ देखा तो मैंने उसे अपने हाथ से इशारा किया कि मुँह से लंड चूस कर खड़ा करो.
वह मुस्कुरा दी और अपनी चुदास के चलते उसने मेरे लंड को मुँह से एक बार चाटा.
फिर अपनी जीभ को मुँह के अन्दर लेकर स्वाद को जांचा.
शायद उसे स्वाद अच्छा लगा तो उसने अपने हाथ से मेरे मुरझाए हुए लौड़े को पकड़ कर सीधा किया और मुँह से लगा कर उसे चूमने लगी.
इससे लंड में सुगबुगाहट होने लगी और वह अपने हाथ से मेरे लौड़े में आने वाले तनाव को महसूस करने लगी.
इससे उसकी आंखों की चमक बढ़ गई और उसने अगले ही पल अपने मुँह में मेरे लौड़े को भर लिया.
आह … उसके मुँह की गर्मी पाते ही मेरे मुर्दा लंड में जान आने लगी और वह कुछ ही पलों में टनटनाने लगा.
उसको भी लंड चूसने में मजा आने लगा, तो वह भी मेरे लौड़े को बड़े प्यार से चूसने लगी.
पांच मिनट बाद उसने मेरा लंड खड़ा कर दिया और आंख के इशारे से चूत में लंड डालने के लिए कहा.
मैंने पलक झपकते ही उसकी टांगें फैलाईं और उसे चुदाई की पोजीशन में लेकर लंड चूत के मुँह में लगा दिया.
उसकी चूत एकदम चिपकी हुई थी और चिपचिपा भी रही थी.
मैं सुपारे को चूत की फांक में डालने लगा लेकिन वह अन्दर न जाकर बार बार फिसल रहा था.
मैंने बाजू में रखा केश तेल उठा लिया और थोड़ा सा अपने लंड पर मल लिया.
कुछ उसकी चूत में लगाया और चूत में उंगली घुसेड़ कर आगे पीछे करने लगा.
उसकी चूत में जगह बनने लगी और वह आह भरने लगी.
अब मैंने लंड चूत पर सैट करके उसके हाथ से लंड पकड़ाया और जोर का धक्का दे दिया.
मेरे लंड के आगे वाला हिस्सा चूत में घुसता चला गया.
उसने दर्द भरी आह भरने के साथ ही मेरे लौड़े से अपना हाथ हटा लिया.
चूंकि सुपारा चूत में प्रविष्ट हो चुका था तो मैंने तत्काल जोर जोर के दो तीन तगड़े झटके लगा दिए और अपना पूरा लंड उसकी चूत के अन्दर पेल दिया.
उतने में वह चिल्ला उठी, तो मैंने जल्दी से अपना मुँह उसके मुँह पर रखा और उसे किस करना चालू कर दिया.
मुझे भी थोड़ा दर्द होने लगा था और ऐसा लग रहा था मानो मैंने अपने लंड को आग की तप्त भट्टी में डाल दिया हो.
थोड़ी देर बाद मैंने धक्के लगाने चालू किए … उसे दर्द हो रहा था पर वह अपनी आवाज अन्दर ही रख कर दर्द को सहन कर रही थी.
पर जैसे ही मैंने उसके मुँह से मुँह हटाया, वह कराह उठी और मुझे पीछे करने लगी.
लेकिन मैंने उसे किस करना चालू किया, पर वह मुझे गाली देती हुई चिल्लाने लगी- आह हट जा साले कमीने … मेरी चूत फट गई है और तुझे मस्ती चढ़ रही है!
वह मुझे धक्का देती हुई पीछे करने लगी लेकिन मैंने उसे किस करना चालू रखा.
थोड़ी देर बाद उसे भी मजा आने लगा था.
अब मैं उसके बूब्स दबाते हुए उसे चोद रहा था, वह भी मजा ले रही थी.
दस बारह मिनट बाद मेरे लंड का काम तमाम होने वाला था तो मैंने स्पीड बढ़ा दी और जोर जोर से चोदने लगा.
तभी उसने कहा- अन्दर मत डालना!
मैं एकदम से होश में आया.
उसका पानी निकल गया था तो मैंने लंड चूत से बाहर निकाला और उसके सामने खड़ा हो गया.
उसने मेरे लंड को पकड़ कर मुठ मारना चालू कर दिया.
मैंने सारा माल उसके मम्मों पर डाल दिया … वह पहले तो सकपका गई, बाद में हंसने लगी.
इंडियन टीन वर्जिन सेक्स करके हम दोनों की ही तेज तेज सांसें चल रही थीं और हम दोनों बेहद थक चुके थे.
उसने घड़ी की तरफ देखा तो मैंने कहा- अभी हमारे पास काफी टाइम है.
वह लेट गई.
मैं भी उसके बाजू में लेट गया.
दस मिनट बाद उसने उठ कर अपने मम्मों पर पड़ा सारा माल साफ किया.
फिर हम दोनों वाशरूम में जाकर फ्रेश हुए और दोनों ने कपड़े पहन लिए.
मैंने उसे किस किया और वह अपने रूम में चली गई.
उसे चलने में थोड़ी दिक्कत हो रही थी.
उसी शाम को बाहर आइसक्रीम खाने का प्लान बना तो मेरे दोस्त और उसकी दोनों सहेलियां बाहर गईं.
उस वक्त मैंने चुपके से उसे दर्द कम करने की गोलियां दे दीं, जो मैंने अपने दोस्तों के ट्यूशन से वापस आने से पहले खरीद ली थीं.
उसके बाद पेपर होने के बाद भी दो दिन एक्स्ट्रा रूम पर रहकर हमने खूब इंजॉय किया.
उस वक्त सारे लड़के लड़कियां घर वापिस जा चुके थे, सिर्फ कुछ ही रह गए थे, जिनका चक्कर चल रहा था.
वह सब मैं बाद में लिखूंगा.
दोस्तो, यह मेरी पहली सेक्स कहानी है, कुछ गलती हो गई हो तो माफ कर देना.
आपको यह इंडियन टीन वर्जिन सेक्स कहानी अच्छी लगी होगी.
तो अपनी अपनी प्रतिक्रिया भेजकर प्यार अवश्य दें.
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