फक मी … जब लड़की अपने मुंह से कहे मुझे चोद … वाह क्या सीन है. मेरी क्लास की लड़की मेरे साथ ही कॉलेज जाती थी. एक दिन मैं मूतने को रुका तो बाद में बोली कि तेरा लंड बहुत मोटा है.
यह फक मी कहानी आज से कुछ समय पहले की उस वक्त की है, जब मैं और मेरी दोस्त हिमानी एक ही कॉलेज में पढ़ते थे!
हम दोनों की ही उम्र जवानी की दहलीज को पार कर गई थी.
मेरी उम्र 19 साल की हो गई थी जबकि हिमानी मुझसे एक साल बड़ी थी.
यह कॉलेज हम दोनों के गांव से दूर था.
हिमानी दूसरे गांव से आती थी और मैं उसके बाजू वाले दूसरे गांव से.
हम दोनों एक ही साथ पढ़ते थे.
शुरुआत में मेरा दाखिला हुआ था.
उस समय कॉलेज में बहुत कम छात्र थे.
फिर एक महीने बाद कॉलेज में छात्रों की संख्या बढ़ गई.
उन नए छात्रों में हिमानी भी थी.
जब हिमानी कॉलेज में पहली बार आई, तो उसका कोई दोस्त नहीं था.
एक दिन उसने उदास होकर मुझसे कहा- कोई मुझसे बात क्यों नहीं करता!
मैं चुप रहा क्योंकि मेरी भी उससे ज्यादा बातचीत नहीं होती थी.
फिर दो-चार दिन बीतने के बाद हिमानी मुझसे बातें करने लगी.
कुछ समय बाद हम एक-दूसरे में घुल-मिल गए.
अब मैं और हिमानी कॉलेज से एक साथ निकलते और रास्ते में उसका छोटा भाई अपने स्कूल से आकर हमारे साथ मिल जाता.
हम सभी एक साथ कच्चे रास्ते से होकर अपने अपने घर जाते थे.
केवल हम तीनों ही उस रास्ते से गांव के लिए गुजरते थे क्योंकि वह रास्ता हमारे गांव के लिए शॉर्ट कट वाला रास्ता था.
इस रास्ते में जंगल भी पड़ता था.
एक दिन जब मैं, हिमानी और उसका छोटा भाई रास्ते में जा रहे थे.
तो मुझे सुसु लगी और मैं रुक गया.
हिमानी ने पूछा- क्या हुआ?
मैंने उससे कहा- मुझे सुसु लगी है, मैं अभी करके आता हूँ … तुम लोग चलो.
मैं साइड में जाकर सुसु करने लगा.
सुसु करने के बाद मैंने निक्कर सही की और वहां से चल दिया.
तभी मैंने देखा कि हिमानी का भाई उसे छोड़कर थोड़ा आगे चला गया है.
हिमानी अभी भी वहीं खड़ी थी.
उसे खड़ी देख कर मैं उससे पूछने ही वाला था कि तू क्यों रुक गई!
लेकिन तभी हिमानी ने मुझे देखकर कहा- अब चल भी न … या सुसु ही करता रहेगा!
मैं और हिमानी साथ में चल रहे थे.
उसका भाई कूदता हुआ आगे चला जा रहा था.
हिमानी ने अचानक कहा- तेरा लंड तो बहुत मोटा है!
उसके मुँह से यह सुनते ही मैं सन्न रह गया.
मुझे उसके मुँह से लंड शब्द सुनकर जरा हैरानी हो रही थी, साथ में यह भी कि यह मेरे लौड़े को देख रही थी.
फिर उसने मेरी देख कर कहा- परेशान मत हो … कौन-सा मैं किसी को बताने जा रही हूँ!
मैं कुछ नहीं बोला.
फिर उसने कहा- कल्लू की मां को मैंने परसों कल्लू के खेत में कल्लू के चाचा से चुदवाते हुए देखा है!
मैं अन्दर ही अन्दर एकदम से बौरा गया था और सोचने लगा था कि यह तो साली बड़ी चौकस माल है.
लगातार चुत लंड चुदाई की बातें साफ साफ खुले शब्दों में कर रही है.
वह मेरी देख कर हंसने लगी तो मैंने कहा- इस बारे में कल बात करते हैं.
तब तक हम दोनों उसके भाई के पास पहुंच गए थे.
उसके भाई ने अपनी बहन से कहा- तुम दोनों बताओ … खाने में क्या लेकर आए हो?
मैंने कहा- बाजरे की रोटी और चने का साग!
हिमानी ने कहा- मेरे पास तो आज गुड़ और रोटी है!
मैंने कहा- अरे वाह हिमानी, आज तो तुम मीठा लेकर आई हो!
वह मुस्कुरा दी.
इसी तरह की बातें करते हुए हम लोग कॉलेज पहुंच गए.
पांच घंटे पढ़ने के बाद कॉलेज की छुट्टी हो गई.
इस बीच कॉलेज के प्रधानाचार्य आए और हम सभी को बताया- कल से एक महीने की छुट्टी है!
उनके मुँह से यह सुनते ही हम सभी छात्र खुश हो गए लेकिन हिमानी के चेहरे पर खुशी नहीं थी.
हम तीनों घर के लिए निकल गए.
जब रास्ते में जाते समय मैंने हिमानी से पूछा- तुझे क्या हुआ, तू सर की बात से खुश नहीं लग रही थी?
तो उसने मुझे कुछ नहीं बताया और चुपचाप चलती रही.
मैं उसके भाई के साथ कूदता-खेलता हुआ चल रहा था.
रास्ते में उसके भाई को प्यास लगी तो उसने कहा- भैया, मुझे प्यास लगी है!
मैंने कहा- हिमानी के पास पानी है, उससे लेकर पी ले!
मैंने हिमानी से उसे पानी पिलाने को कहा, तो उसने जवाब दिया- मेरे पास नहीं है! थोड़ा और चल, आगे तालाब से पी लेंगे!
कुछ ही दूरी पर एक तालाब था.
हम कुछ ही देर में तालाब पर पहुंच गए. उसका भाई पानी पीने के लिए तालाब के पास गया.
तभी हिमानी ने मेरा हाथ पकड़ कर रोक लिया और बोली- तुम रुको!
मैं रुक गया.
जब उसका भाई हमें दिखना बंद हो गया तो उसने मेरे मुँह पर अपना मुँह रख दिया.
मुझे कुछ समझ नहीं आया.
इतने में उसके भाई ने आवाज़ लगाई- भैया, तुम भी आकर पानी पी लो!
हिमानी ने मुझे छोड़ा और बोली- दूध पिएगा क्या?
मैंने कहा- यहां कहां दूध है?
उसने जवाब दिया- मेरे पास है तो सही, तू बता बस!
मैं समझ गया कि यह अपने दूध की बात कर रही है.
मैं उसकी बात को अनसुना करके तालाब की ओर बढ़ गया.
पानी पीकर हम दोनों गांव के लिए निकल गए.
उसका गांव पहले पड़ता था.
गांव पहुंचते ही उसके छोटे भाई ने मुझसे कहा- भैया, आपके खेत और हमारे खेत पास-पास हैं. तुम मुझसे मिलने के लिए मेरे घर और खेतों पर आया करो … आओगे न!
मैंने हंसकर कहा- क्यों नहीं, छोटे राजकुमार … मैं ज़रूर आया करूँगा!
वे लोग अपने गांव की ओर चले गए और मैं अपने गांव की ओर!
उस रात मुझे नींद नहीं आई और मैं हिमानी के चुम्बन के बारे में सोचता रहा.
सुबह होते ही मैं पिताजी के साथ खेतों में चला गया.
पिताजी मुझसे बहुत प्यार करते हैं इसलिए मेरी छुट्टियों से खुश थे … क्योंकि अब मैं उनके साथ पूरा समय बिताने वाला था.
उस सुबह मेरा मन खेतों में नहीं लगा.
तभी राजकुमार की आवाज़ आई- भैया, भैया!
मैंने देखा कि हिमानी और राजकुमार अपने पिता के साथ खेतों में आ रहे थे.
हिमानी का चेहरा अभी भी उदास था.
राजकुमार मेरे पास आकर लिपट गया और बोला- भैया, मैं कल नानी के यहां जा रहा हूँ!
इतने में मेरे पिताजी ने उसके पिता से कहा- कैसे हो सुंदर! भाभी के साथ ससुराल जा रहा है क्या?
उन्होंने हंसकर जवाब दिया- नहीं, नहीं यार … तेरी भाभी जा रही है!
वे दोनों आपस में यही सब बात करते हुए हंसने लगे.
उस समय खेतों में पानी देने का समय था.
हम सब बच्चे गन्ने के खेतों में थे और एक पेड़ के नीचे बैठे थे.
हिमानी ने मुझसे कहा- यार तुम एक काम करो न … वह मुझे गन्ना खाना है!
इतने में राजकुमार बोला- मैं लाता हूँ!
मैंने कहा- तुम रुको, मैं ले आता हूँ.
मैं खड़ा ही हुआ था कि पिताजी ने मुझे आवाज़ लगाई.
वे दौड़ते हुए हमारी ओर आ रहे थे.
आते ही बोले- बाबू घर चल! सुखराम को साँप ने काट लिया है!
हिमानी ने यह सुनते ही अपने पिताजी को आवाज़ लगाई.
उसके पिताजी ने ‘हां!’ कहा.
तब हिमानी ने जोर से चिल्ला कर कहा- पिताजी, सुखराम चाचा को साँप ने काट लिया है!
हिमानी के पिताजी आए और मेरे पिताजी से पूछा.
पिताजी ने बताया.
हम लोगों के दोनों तरफ के खेतों में पानी चल रहा था और खेतों में किसी न किसी को तो रुकना जरूरी ही था.
हिमानी बोली- पिताजी, मैं और बाबू खेतों पर ही रुक जाते हैं. आप राजकुमार को लेकर गांव चले जाओ. जब पानी खेतों में भर जाएगा, तो हम गांव आ जाएंगे!
इस पर पिताजी ने कहा- बाबू अकेले कैसे कर पाएगा?
हिमानी के पिताजी ने कहा- हिमानी है तो सही!
पिताजी बोले- चलो, ठीक है! हिमानी बेटिया … इसको ध्यान से देखे रहना, यह बड़ा नटखट है!
पिताजी के जाते ही हिमानी के चेहरे पर खुशी छा गई.
पिताजी और राजकुमार वहां से चले गए.
उनके जाते ही हिमानी ने मेरे निक्कर में हाथ डाल दिया.
मैंने कुछ नहीं कहा.
तब हिमानी बोली- आज तो तेरे लंड को अपनी चूत में ले लूँगी!
मैंने अनजान बनते हुए कहा- ये चूत क्या होती है?
उसने कहा- चल, सब दिखाती हूँ!
मैं और हिमानी खेत में अन्दर को चले गए.
खेत में जाते ही हिमानी लेट गई और अपने हाथों से अपना घाघरा ऊपर उठा दिया.
उसने कहा- देख इसको कहते हैं चूत!
मैं उसकी टांगों के बीच के छेद को देखने लगा. मस्त छेद था.
हल्की हल्की झांटें भी थीं.
वह मुझसे बोली- अपना हाथ मेरे पास ला!
उसने मेरा हाथ पकड़ा और खींचते हुए अपनी चूत पर रख लिया.
फिर वह बोली- छेद में अपनी उंगली कर!
मैंने एक उंगली उसकी चूत में घुसा दी.
उसमें से कुछ गीला-गीला निकला.
वह बोली- आह आह … बाबू बहुत अच्छा लग रहा है … आह करता रह फिंगर फक मी!
उसकी चुत में उंगली करने में मुझे भी मज़ा आने लगा.
कुछ देर बाद उसने मुझसे निक्कर को उतारने को कहा.
मैंने अपना निक्कर उतार दिया.
मेरा लंड खड़ा हो गया था.
उसने मेरे लौड़े को पकड़ा और बोली- तेरा बड़ा मस्त लंड है. फक मी!
यह कह कर उसने लौड़े को अपनी चूत पर रखा और चुत के मुँह पर लंड की नोक को घिसती हुई बोली- जल्दी से अन्दर घुसेड़ दे!
मैंने यह सब कभी किया नहीं था, मुझे पता ही नहीं था.
मैंने जैसे ही दम लगाकर अन्दर घुसाया तो लंड अन्दर नहीं गया.
उसके मुँह से हंसी निकल गई.
उसने लंड पकड़ कर कहा- आ नीचे को जोर कर अन्दर डाल!
मैंने उसके ऊपर चढ़ कर लंड चुत में डाला, तो उसके मुँह से ‘सी … सी … आह्ह्ह … आआआ … मर गई!’ की आवाज़ निकल गई.
लेकिन मुझे तो मज़ा आ गया था, तो मैं लंड पेलता गया.
पूरा लंड अन्दर घुस गया तो उसने कहा- अब अन्दर-बाहर कर!
मैंने वैसा ही किया.
हिमानी मेरे होंठों को चाट रही थी और बोल रही थी- आह बाबू … ज़ोर-ज़ोर से चुदाई कर आह्ह … आह मजा आ गया आह…!
मुझे भी मज़ा आ रहा था.
मेरे लंड और उसकी चूत से ‘पट-पट’ की आवाज़ आ रही थी.
कुछ देर बाद उसने कहा- तू नीचे लेट जा, मैं तेरे ऊपर आती हूँ!
मैं लेट गया. वह पॉटी करने की तरह मेरे लंड पर बैठ गई और चुदाई करने लगी.
मुझे कुछ महसूस हुआ और मैंने हिमानी से कहा, तो हिमानी और तेज़-तेज़ करने लगी.
वह मेरे हाथ को पकड़ कर अपने दूध मींजने की कहने लगी थी.
तो मैं उसके दूध दबाते हुए उसे चोदने लगा था.
तभी मेरे लंड से कुछ धार जैसी निकल कर उसकी चुत में टपक गई.
मेरे लौड़े से पहली बार कुछ निकला था.
उसे देखकर हिमानी बहुत खुश हुई और उस गर्म रस को अपनी चुत में लेती हुई बोली- मज़ा आया?
मैंने कहा- हां बहुत मज़ा आया!
फिर उसने मेरे लंड को मुँह में लेकर साफ कर दिया.
मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और मैंने उससे कहा- एक बार और!
हिमानी ने कहा- एक बार क्यों? जब तक तेरा दिल न भरे, मुझे चोदता रह!
मैंने फिर से एक बार हिमानी की चूत मारी और उसके बाद ये रोज़ का काम हो गया था.
बाद में मैंने हिमानी की गांड भी मारी. उसकी सेक्स कहानी आप अगले भाग में पढ़ेंगे.
आपको यह फक मी स्टोरी कैसी लगी, प्लीज जरूर बताएं.
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