गंदे लड़के से पट कर चुद गयी सुंदर लड़की- 1

फ्री टीन सेक्स कहानी में एक सुंदर सादी लड़की को एक काले से लड़के ने प्रोपोज़ किया. लड़की ने उसे दुत्कार दिया. अगले दिन लड़के ने फिर वही किया तो लड़की को उसपर प्यार आ गया.

हाय दोस्तो, सभी पाठकों को मेरा प्रणाम.
दोस्तो, मैंने अंतर्वासना साइट पर बहुत सी सेक्स स्टोरी पढ़ी हैं, जो मुझे बहुत अच्छी लगीं.

इसी से मेरे मन में ख्याल आया कि मैं भी आप लोगों के साथ अपनी कहानी शेयर करूँ.
आशा है, आप लोगों को मेरी सेक्स कहानी जरूर पसंद आएगी.

आप लोगों का ज्यादा समय बर्बाद न करते हुए, मैं अपनी फ्री टीन सेक्स कहानी पर आती हूँ.

इस सेक्स कहानी की नायिका का नाम संजना है.
उसकी उम्र 19 साल, गोरा रंग, हाइट 5 फुट 7 इंच.
उसका फिगर 31-25-32 का है और दिखने में वह बहुत सुंदर है.

संजना आगे की पढ़ाई के लिए गांव से शहर आई थी.
वह किराए के रूम में अपनी दादी के साथ रहती थी.

कॉलेज पास होने के कारण वह पैदल ही कॉलेज जाती थी.

इसी बीच, वह हर सुबह 8 बजे ट्यूशन के लिए पैदल जाती और 10 बजे वापस आ जाती.
ऐसे ही एक महीना बीत गया.

उसके बाद एक लड़के की नजर उस पर पड़ी.
अब जब भी संजना ट्यूशन जाती और घर वापस आती, वह लड़का उसके पीछे-पीछे आता.

पहले संजना को उसका इस तरह पीछा करना अच्छा नहीं लगा.
वह जल्दी से ट्यूशन जाती और घर वापस आती.

ऐसे ही 2-3 दिन हो गए.
एक दिन रास्ते पर कोई न होने पर उस लड़के ने संजना को रोका और कहा- आय लव यू, संजना!

संजना उसकी इस बात पर भड़क गई और उसने जोर का चाँटा मार दिया.

लड़के ने चेहरे पर हाथ रखते हुए कहा- मारने की क्या जरूरत थी संजना! तुम बोल देतीं कि मुझे ये सब पसंद नहीं, मैं तुम्हारे रास्ते में कभी नहीं आता! सॉरी … माफ करना मुझे!

फिर वह लड़का वहां से चला गया और संजना ट्यूशन के लिए जाने लगी. लेकिन संजना को अपनी गलती का अहसास हुआ.

अगले दिन जब वह ट्यूशन के लिए निकली, तो वह उस लड़के को ढूँढने लगी लेकिन वह नहीं दिखा.
ऐसे ही एक हफ्ता बीत गया और वह लड़का कहीं नजर नहीं आया.

फिर एक सुबह जब वह ट्यूशन के लिए निकली, तो वह लड़का फिर से उसके सामने फिल्मी स्टाइल में खड़ा था.

उसे देखकर संजना चौंक गई और अगले ही पल बोला- हाय जानेमन, आय लव यू … मुझे भूली तो नहीं?
संजना- यू इडियट! चप्पल से मारूँगी तुझे!

लड़का- तुम चाहे तो जान से मार दो, फिर भी कहूँगा … आय लव यू!
उसके इस फिल्मी डायलॉग पर संजना हंस पड़ी.

जब वह वहां से जाने लगी, तो उस लड़के ने संजना का हाथ पकड़ा और कहा- हंसी तो फंसी!
संजना- नो वे … मेरा हाथ छोड़ दो!

तभी लड़के ने संजना का हाथ छोड़ा और कहा- अगर तुमने पीछे मुड़कर देखा, तो मैं समझ जाऊंगा कि तुम्हें मुझसे प्यार है!
फिर संजना वहां से चली गई और लड़का उसकी तरफ देखने लगा.

थोड़ी दूर जाते ही संजना ने मुड़कर देखा और उस लड़के के चेहरे पर मुस्कान थी.
उसके बाद संजना ने उसे एक फ्लाइंग किस दी.

लड़का खुशी से झूम उठा और संजना वहां से निकल गई.
उसके अगले दिन से दोनों का बातों का सिलसिला शुरू हो गया.

ऐसे ही दो हफ्ते गुजर गए.

एक दिन लड़के ने कहा- कल सुबह 5 बजे तुम मेरे साथ मॉर्निंग वॉक पर चलोगी?
संजना उसे मना नहीं कर पाई.

अगले दिन सबसे नजर छुपाते हुए संजना मॉर्निंग वॉक के लिए निकली.
रास्ते पर लड़का बाइक लेकर उसके पास आया और वह बाइक पर बैठ गई.

वह लड़का संजना को खेतों के बीच में ले गया, जहां एक फार्महाउस था.
ठंड का मौसम होने की वजह से घना अंधेरा था.

दोनों फार्महाउस के अन्दर चले गए. फार्म हाउस के अन्दर जाते ही लड़के ने दरवाजा बंद कर दिया.

संजना- बात तो मॉर्निंग वॉक की थी! ये तुम मुझे कहां ले आए सारंग?
सारंग ने संजना के कंधों को पकड़ा और उसे पलंग पर बिठाया.

सारंग- संजना … तुम्हारे साथ कुछ पल अकेले में बिताना चाहता हूँ … क्या तुम मेरा साथ दोगी?
संजना ने कहा- हां … जरूर दूँगी!

तभी सारंग ने उसे अपने सीने से लगा लिया और उसके कंधों को चूमने लगा.

उसने संजना की पीठ पर धीरे-धीरे हाथ फेरना शुरू किया.
संजना भी जवाब में उसकी पीठ पर हाथ घुमाने लगी.

फिर सारंग ने उसके गले को चूमते हुए उसके होंठों को चूमना शुरू कर दिया.

संजना भी उत्साह से उसका साथ देने लगी.
होंठों को चूमते हुए सारंग ने उसे पलंग पर लिटा दिया.

वह चूमते हुए कहने लगा- ओह्ह … संजना … बहुत सुंदर हो तुम! मैं कब से इस दिन का इंतज़ार कर रहा था!

संजना ने सिसकारते हुए जवाब दिया- उह्ह … सारंग … चूसो मेरे होंठ आह्ह … मैं भी इसी पल के इंतज़ार में थी … आज मौका मिल ही गया अह्ह मेरे प्रिय … चूसो मेरे पूरे बदन को … आह्ह!

लगभग 15 मिनट तक सारंग उसके होंठों और गले को चूमता रहा.
साथ ही वह संजना के मम्मों को भी दबा रहा था.

अब दोनों की सांसें तेज़ हो चुकी थीं.

तभी सारंग खड़ा हुआ और उसने अपनी चड्डी को छोड़कर सारे कपड़े उतार दिए.

फिर वह दोबारा संजना के ऊपर चढ़ गया और उसके होंठों और गले को चूमने लगा.
अचानक सारंग ने अपनी गांड से ‘पुह्ह्ह … पुह्ह … पूह …’ पाद छोड़ दी.

वह बोला- आह्ह … मज़ा आ गया!
संजना ने हंसते हुए कहा- छीह्ह: … कितनी गंदी पाद छोड़ी … छीह्ह … गंदे कहीं के!

कुछ देर चूमने के बाद सारंग ने संजना का टॉप उतार दिया.
नीली ब्रा में उसका गोरा बदन सारंग पर कयामत ढा रहा था.

अब सारंग ने ब्रा के ऊपर से उसके बूब्स दबाने शुरू किए और उसकी नाभि को जीभ से चूसने लगा.

संजना मदभरी सिसकारियां ले रही थी- आह्ह … रुको उह्ह … मेरी नाभि आह्ह … मेरे बूब्स! आह्ह … और ज़ोर से दबाओ उह्ह …

तभी सारंग ने उसे घुमाया और उसकी कमर को चूमने लगा.
संजना बिन जल की मछली की तरह तड़प रही थी.
कुछ देर उसकी पीठ चूमने के बाद सारंग ने पीछे से उसकी ब्रा खोल दी.

फ्री टीन सेक्स की शुरूआत हो चुकी थी.

फिर उसने संजना को सीधा किया और उसके बूब्स को मुँह में लेकर चूसने लगा, तने हुए निप्पल को वह दांतों से हल्के से कुतरने लगा.
संजना चिल्लाई- आह्ह … पूरा दूध मुँह में लेकर चूसो उह्ह … सारंग! आह्ह … बहुत मज़ा आ रहा है इह्ह … खा जाओ मेरे निप्पल उह्ह!

सारंग लगभग 15 मिनट तक उसके बूब्स को दबाता और चूसता रहा.
संजना के बूब्स पूरी तरह लाल हो चुके थे.

अब उसने संजना को दीवार से चिपका कर खड़ा कर दिया.
दोनों एक-दूसरे की आंखों में देख रहे थे कि तभी सारंग ने फिर से ‘पुह्ह्ह … पुह्ह … पूह!’ की आवाज करते हुए पाद छोड़ दिया.

वह पुनः बोला- आह्ह … मज़ा आ गया!

संजना ने हंसते हुए कहा- छीह्ह … कितने गंदे पादते हो … और तुम्हें मज़ा भी आ रहा है? मेरा तो दम घुट रहा है … ही ही ही!

संजना ने इतना कहा और सारंग फिर से उसके होंठों को चूमने लगा.
चूमते-चूमते वह घुटनों के बल बैठ गया और उसकी लैगी नीचे सरका दी.

अब वह उसकी चूत को पैंट के ऊपर से ही चूसने लगा, हाथ फेरने लगा और पैरों को चूमने लगा.

संजना बस सिसकारियां ले रही थी- आह्ह … इह्ह … रुको उह्ह … बस करो उह्ह … बहुत गुदगुदी हो रही है आह्ह!

फिर सारंग ने उसकी पैंटी भी उतार दी.
अब संजना उसके सामने पूरी नंगी थी.

तभी सारंग ने फिर से ‘फ़स्स्स … फ़स्स्स … फ़स्स! पाद छोड़ा.
सारंग ने कहा- आह्ह … संजना मेरी जान मज़ा तो आ रहा है ना?
संजना हंसने लगी और बोली- हां बहुत मज़ा आ रहा है!

अब वह संजना की चूत पर हाथ फेरने लगा.
उसकी चूत को मुँह में लेकर चूसने लगा और चूत के दाने को दांतों से हल्के से कुतरने लगा.

संजना चिल्ला रही थी- ओह्ह … आईईई चूसो मेरी चूत आह्ह … मज़ा आ रहा है इह्ह … उह्ह … सारंग आह्ह … मैं तो मर ही गई आह्ह … चूसो मेरे राजा आह्ह!

फिर उसने अपनी एक उंगली संजना की चूत में डाल दी.
संजना को थोड़ा दर्द हुआ और उसने कहा- आह्ह … आराम से!

अब वह धीरे-धीरे संजना की चूत में उंगली अन्दर-बाहर करने लगा.

कुछ ही देर में उसने अपनी दूसरी उंगली भी डाल दी और धीरे-धीरे दोनों उंगलियों को अन्दर बाहर करने लगा.
संजना सिसकार रही थी- आह्ह … उह्ह … आराम से आह्ह … बहुत मज़ा आ रहा है उह्ह … सारंग तेज़ी से आह्ह … कुछ हो रहा है.

तभी सारंग समझ गया कि अब संजना का झड़ने का समय हो चुका है. अब वह तेज़ी से उंगलियों को अन्दर-बाहर करने लगा.

संजना चिल्ला रही थी- अईई … एम्म्म … उह्ह … और तेज़ आह्ह … सारंग मेरे अन्दर से कुछ आ रहा है इह्ह … और तेज़ उह्ह … मर गई आज तो आह्ह!

थोड़ी देर बाद संजना का गाढ़ा सफेद रस बाहर निकला, जिसे सारंग ने पूरा चूस लिया.

वे दोनों नीचे बैठ गए.

कुछ देर शांत रहने के बाद सारंग ने फिर से ‘फ़ुस्स्स … फ़ुस्स्स … फुस्स.’ करके पाद छोड़ा.

संजना ने कहा- कितने गंदे हो तुम!
सारंग ने जवाब दिया- हां गंदा तो हूँ. इसी लिए तो मैंने तुम्हारी गंदी जगह को मुँह से चूसा. अब तुम मेरा चूसो.

संजना ने हैरानी से पूछा- क्या मतलब?

तभी सारंग ने अपनी चड्डी उतार दी.
उसका लंड पूरी तरह तन चुका था.

उसने कहा- देखो तुम्हारी वजह से इसकी ये हालत हो गई है … अब इसे मुँह में लेकर शांत कर दो ना!
संजना ने मना किया- नहीं सारंग ये मुझसे नहीं होगा!

सारंग ने कहा- तुम इसे एक बार हाथ में तो पकड़ कर तो देखो!
तभी संजना ने उसका लंड हाथ में पकड़ा.

उसे सारंग का लंड बहुत गर्म लगा और वह उसे ऊपर-नीचे करने लगी.

सारंग सिसकारने लगा- आह्ह … ऐसे ही मुँह में लेकर करो उह्ह!

संजना ने ऊपर-ऊपर से लंड को चाटना शुरू किया.
सारंग ने कहा- आह्ह … संजना उह्ह … ऊपर से ही चाटोगी क्या? उह्ह … मुँह में लेकर चूसो न!

धीरे-धीरे संजना को भी मज़ा आने लगा.
उसने लंड को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.

सारंग सिसकारियां ले रहा था- उह्ह … आह्ह … ऐसे ही आह्ह … चूसो मेरी रानी आह्ह … बहुत मज़ा आ रहा है उह्ह … इह्ह … तेरे मुलायम मुँह का जवाब नहीं आह्ह!
तभी सारंग खड़ा हुआ और संजना घुटनों के बल बैठ कर लंड को बड़े प्यार से मुँह में लेकर चूसने लगी.

दस मिनट बाद सारंग का झड़ने का समय आ चुका था.
उसने संजना के मुँह को ज़ोर से पकड़ा और तेज़ी से लंड को अन्दर-बाहर करने लगा.

संजना का दम घुटने लगा और उसकी आंखों में आंसू आ गए.

तभी सारंग ने ‘आह्ह … नि… नि… निकल .. गया आह’ कहते हुए अपना सारा पानी संजना के मुँह में निकाल दिया और लंड को जल्दी से बाहर निकाल लिया.
जैसे ही लंड मुँह से बाहर निकला, संजना की जान में जान आई.

उसने वीर्य थूकते हुए गुस्से में कहा- क्या कर रहे थे तुम? मैं तो मर ही जाती!
सारंग ने माफी मांगते हुए कहा- सॉरी यार दोबारा ऐसा नहीं करूँगा … तुम्हें मज़ा आया ना?

सारंग की बात पर संजना शर्मा गई और चेहरे पर मुस्कान लाते हुए हां में सिर हिलाने लगी.

फिर दोनों वहां से चले गए.
अगले दिन सुबह आठ बजे, जब संजना ट्यूशन के लिए निकली, तो सारंग बाइक लेकर उसके पास आया.

उसने संजना को साथ चलने को कहा, लेकिन संजना ने मना कर दिया- अब मैं तुम्हारे साथ नहीं आऊंगी. मुझे ये सब अच्छा नहीं लगता!
सारंग ने मनाते हुए कहा- चलो ना यार. आज के दिन मजा करते हैं!
संजना ने जवाब दिया- नहीं, आज मेरी तबीयत ठीक नहीं है. तुमने कल मेरे मुँह में मूत दिया और मेरा गला खांसने लगा.

सारंग ने हंसते हुए कहा- अरे वह मूत नहीं वीर्य था … पहली बार पीने पर गला खाँसने लगता है. मैं तुम्हें गोलियां दे दूँगा!

सारंग के बहुत मनाने पर संजना मान गई और उसके साथ बाइक पर बैठकर उसी जगह चली गई.

अब दोनों कमरे में अकेले थे. दोनों एक-दूसरे के मुँह में मुँह डालकर होंठ चूस रहे थे.

सारंग संजना के गोल मम्मों को हाथों से दबा रहा था और उसकी गांड और चूत पर हाथ फेर रहा था.

कुछ पल बाद सारंग संजना से अलग हुआ और उसने ‘पुह्ह्ह … पुह्ह्ह … पूह’ पाद छोड़ दिया.

संजना हंसने लगी और बोली- तुम आज भी संडास करके नहीं आए छीह्ह: … कितनी गंदी स्मेल निकाली.

सारंग ने जवाब दिया- क्या करूँ यार? जब तुम सामने होती हो, तो अपने आप पाद आ जाती है. कितना भी रोकूँ, रुकती ही नहीं.

संजना ने उसकी शर्ट की कॉलर पकड़ी और हंसते हुए कहा- ऐसी बात है तो और पादो. मुझे तुम्हारी पाद की स्मेल अच्छी लगती है!

फिर सारंग घुटनों के बल बैठा और उसकी जींस और पैंटी उतार दी.
अब वह उसकी चूत को मुँह में लेकर चूसने लगा और उसमें उंगली अन्दर-बाहर करने लगा.

संजना सिसकार रही थी- आह्ह … बस करो उह्ह … इह्ह … जान लोगे क्या? आह्ह … दोनों उंगलियां घुसाओ आह्ह … बहुत मज़ा आ रहा है इह्ह … उह्ह … सारंग.

कुछ देर तक संजना की चूत चूसने के बाद सारंग ने उसे घुमा दिया.
अब वह उसकी गांड के छेद को हाथों से फैलाकर अपनी जीभ से चाटने लगा, साथ ही वह उसके चूतड़ों को दोनों हाथों से दबा रहा था.

संजना सिसकारियां ले रही थी- उह्ह्ह … वह तो जगह छोड़ दो आह्ह्ह … उह्ह्ह चूसो इह्ह्ह … आह्ह्ह … आज तो मैं पागल हो जाऊंगी उह्ह्ह चूसो आह्ह्ह!
कुछ देर तक ऐसा करने के बाद सारंग खड़ा हुआ और संजना घुटनों के बल बैठ गई.

आज उसने बिना सवाल किए सारंग के लंड को पकड़ा और मुँह में लेकर चूसने लगी.
सारंग सिसकारते हुए बोला- आह्ह … ओह्ह्ह चूस मेरी जान आह्ह … पूरा का पूरा मुँह में ले ले … आह्ह … उह्ह्ह … मज़ा आ रहा है इह्ह्ह!

थोड़ी देर ऐसा करने के बाद सारंग मुड़ गया.
अब संजना ने भी बिना सवाल किए उसकी गांड के छेद को चाटना शुरू कर दिया और उसकी गांड पर हाथ फेरने लगी.

तभी सारंग ने ‘टर्रर्र्र्र… रर… टर्रर्र्र्र… टर्र. पाद छोड़ दिया.
संजना ने हंसते हुए कहा- वाह कमाल हो यार तुम. सीधे मेरे मुँह में पाद छोड़ दी. बहुत अच्छी स्मेल आई आह और पादो … मैं सब सूँघ लूँगी!

संजना बड़े मज़े से उसकी गांड के छेद को चूस रही थी और उसकी खुशबू को सूँघ रही थी.
कुछ देर बाद सारंग अलग हुआ और उसने संजना को खड़ा कर दिया.

संजना ने कहा- मुझे खड़ा क्यों किया? बहुत मज़ा आ रहा था. थोड़ी देर और चूसने देते … कितनी सुंदर स्मेल आ रही थी तुम्हारी गांड से!

सारंग ने जवाब दिया- कल से बहुत हो चुका चूस-चुसाई. अब चूत में लंड डालने का टाइम हो गया.
संजना ने उत्साह से कहा- तो डाल दो ना!

फिर सारंग ने संजना को पलंग पर लिटा दिया और उसकी दोनों टांगों को चौड़ा करके फैला दिया.
वह उसके ऊपर आ गया.

संजना ने अपनी उंगलियों से अपनी चूत को फैला दिया.
अन्दर का गुलाबी नज़ारा देखकर सारंग ने कहा- क्या मस्त गुलाबी चूत है आज तो मज़ा आ जाएगा!

संजना ने सिसकारी भरी- उह्ह्ह … सारंग बातों में ही टाइम वेस्ट करोगे क्या?

तभी सारंग ने ‘फ़ुस्स्स … फ़ुस्स्स … फुस्स..’ पाद छोड़ दिया और उसकी चूत के ऊपर लंड रख दिया.

दोस्तो, आपकी संजना अब चुदने वाली है. उसकी चुदाई की मस्त सेक्स कहानी आपको अगले भाग में विस्तार से लिखूँगी.
फ्री टीन सेक्स कहानी पर आप मुझे अपने विचारों से जरूर अवगत कराएं.
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