किरायेदार ने मेरी कुंवारी बुर फाड़ दी

देसी वर्जिन फक स्टोरी में भाई की शादी के बाद मैं भाई भाभी की चुदाई देख कर गर्म होती थी. तभी एक लड़का हमारे घर में किराए पर आया. वह मेरी जवानी को घूरता था.

यह कहानी सुनें.

हैलो फ्रेंड्स, मेरा नाम रूबीना है.
मैं मध्य प्रदेश से हूँ.
मेरी हाईट 5’3″ है. मेरी उम्र अब 22 साल है.

मैं आपको अपने पहले सेक्स एक्सपेरिएंस के बारे में बताऊंगी.

यह देसी वर्जिन फक स्टोरी गर्मियों की है.

हमारे घर पर मॉम-डैड, भाई-भाभी, मेरी बड़ी बहन और जीजू रहते थे.
मेरे भाई और दीदी दोनों की शादी हो गयी थी.
अब मेरा नंबर था.

सब लोगों के कमरे अलग अलग थे.
मैं अकेले अपने रूम में सोती थी.

हम लोगों का घर काफी बड़ा है.
डैड कभी किसी जरूरतमंद को रूम किराए पर भी दे देते थे.

उन्हीं दिनों मेरे भाई का दोस्त राहुल किराए पर रहने आ गया.

वह काफी फ्रैंक था, जल्दी ही वह सब लोगों से घुल-मिल गया था.
वह हम सबसे इतना ज्यादा घुल-मिल गया था कि रात में खाना सब लोगों के साथ ही खाना खाने लगा था.

मैं स्वभाव से बहुत शर्मीली थी.
मैं राहुल से नहीं बोलती थी क्योंकि मैं भी कुंवारी और जवान थी … और वह भी.
मुझे मालूम था कि वह मुझे घूर घूर कर देखता रहता है.

एक दिन मैं घर में झाड़ू लगा रही थी. मैंने दुपट्टा नहीं डाला हुआ था, जिस वजह से मेरे आधे से ज्यादा बूब्स मेरे गहरे गले वाले कुर्ते से साफ दिख रहे थे.

उसी वक्त अचानक से राहुल आ गया.
वह वासना से मेरे गोरे गोरे 34 इंच के रसभरे चूचों को देखने लगा.

मैंने उसकी नजरों को भांप लिया था तो मुझे बहुत अजीब सा लगने लगा था.
मैं उसकी आंखों से बचने के लिए दूसरी तरफ घूम कर झाड़ू लगाने लगी.

पर मैं जिस तरफ झाड़ू लगाती, वह उस तरफ आ जाता … और मेरे बूब्स देखने लगता.
मुझे भी अच्छा तो लग रहा था पर शर्म भी आ रही थी.

मैंने कमरे में जाकर हिजाब बांध लिया.
फिर भी वह मुझे देखता रहा.

कुछ देर बाद मैं वहां से चली गयी.

एक रात मैं टॉयलेट करने के लिए उठी.
मेरा और राहुल का टॉयलेट एक ही है.

उस समय अंधेरा था तो मुझे डर लग रहा था इसलिए मैंने बाथरूम का दरवाजा खुला रहने दिया.
मैं सलवार और पैंटी नीचे करके बैठ कर सुसू करने लगी.

जब मैं सुसू करके फ्री हुई, तो मैंने चड्डी ऊपर खींची और सलवार ऊपर करके बांधने लगी.
उसी वक्त मैं नाड़ा बांधती हुई पलट गई और नाड़ा सही से बांधने लगी.

इतने में देखा कि राहुल पीछे गेट पर खड़ा है.

उसे देख कर मैं डर गयी और अपनी सलवार को यूं ही पकड़ कर अपने रूम की तरफ भागी.

मैंने अपने कमरे का दरवाजा बंद कर लिया.
मुझे बहुत शर्म महसूस हो रही थी.
उसने मेरी गोरी मोटी गांड देख ली थी.

उस रात मुझे नींद नहीं आई.

अगले दिन सुबह मैं उससे नजरें नहीं मिला पा रही थी.
वह मुझे घूरे जा रहा था.
मैं बहुत डर सी गयी थी.

फिर मैं कुछ दिन तक रात को टॉयलेट करने के लिए ही नहीं उठी.

एक रात को मुझे जोर से टॉयलेट लगी.
तो मैं डरती डरती बाथरूम में गयी.
मैंने आज गेट लॉक कर लिया.

फिर मैंने फ्री होकर जैसे ही गेट खोला तो देखा कि राहुल खड़े होकर अपना लंड हिला रहा था.
मैं उसे देख कर डर गयी.
उसका लंड बहुत भयानक दिख रहा था.

तभी राहुल मेरी तरफ को आने लगा.
मैं वहां से भाग गयी.

फिर मैं अपने रूम में आयी और मैंने खिड़की से देखा कि राहुल मेरे रूम के बाहर ही खड़ा था.
मैं चादर ओढ़ कर सो गयी.

जब तक मुझे नींद नहीं आई, तब तक मैं उसके लंड के बारे में ही सोचती रही.

मैंने पहली बार उसका लंड इतने पास से देखा था.
उसका लंड एकदम काला और बहुत मोटा था … तो मुझे उसके लौड़े का रूप बहुत प्यार लग रहा था.

अब मुझे हर वक्त उसका काला लंड ही दिखने लगा था.
मुझे मेरी दोनों टांगों के बीच में भी कुछ कुछ होने लगा था.

उसका लंड थोड़ा अजीब सा था क्योंकि मैंने अपने भाई का लंड दूर से देखा था.
उस वक्त मेरे भाई की शादी हुई थी.

फिर मुझे वह सब देखना अच्छा लगा तो मैंने उनके कमरे की खिड़की से रात को भाई और भाभी को सेक्स करते हुए कई बार देखा था.

तभी से ही मुझे भी सेक्स की तमन्ना होने लगी थी.
मेरी भाभी अपने मुँह से भाई का लंड चूसती और चाटती थीं.
भाई भी मेरी भाभी की बुर को चूसते थे.

मैं जब भी चुदास महसूस करती तो रात को खिड़की के पास जाकर उन्हें चुदाई करते देख लिया करती थी.

जब भाई भाभी की चूचियां चूसते हुए चुदाई करते थे तो उनके लौड़े को चुत में आता जाता देख कर मैं गर्म आहें भरती थी और अपनी बुर में उंगली करती थी.
उस समय मैं यही सोचती थी कि कब मुझे ऐसा करने का मौका मिलेगा.

शायद इसी लिए मैं राहुल की हरकतों को देख कर किसी से कुछ नहीं कहती थी.

मेरी बड़ी बहन का भी एक लड़का है.
मैंने उसका लंड भी देखा है.
बल्कि नहाते टाइम मैंने उसका लंड टच भी किया है.

लेकिन राहुल का लंड थोड़ा अलग सा है.
यह तो किसी मूसल की तरह मोटा और लंबा है.

अगले दिन राहुल मुझे देख कर स्माइल देने लगा.
मैं उससे नजरें भी नहीं मिला पा रही थी.
मुझे डर भी लग रहा था और शर्म भी आ रही थी.

अब रात को मैंने टॉयलेट जाना ही बंद कर दिया था.
लेकिन मुझे सेक्स की कामना जगने लगी.
मैं बहुत कन्फ्यूज्ड थी कि क्या करूँ?

फिर एक रात को मैंने भाई और भाभी के रूम में खिड़की से झांक कर देखा तो वे लोग सेक्स कर रहे थे.
मैं देखती रही.

भाभी भाई के लौड़े के ऊपर बैठ कर उछल रही थीं और भाई भाभी के दूध चूस रहे थे.

उस रात राहुल घर पर नहीं था.
वह बाहर गया हुआ था इसलिए मैं बिना डरे अपने भैया भाभी की चुदाई को देखती रही.

अगले दिन मुझे बहुत ज्यादा सेक्स की चाह होने लगी.
उस दिन राहुल वापस आ गया.

उस दिन घर में सिर्फ भाई भाभी, राहुल और मैं थे.
बाकी सब शादी में बाहर गए थे.

दिन तो बेचैनी से कट गया पर रात में मुझे नींद नहीं आ रही थी.
मुझे सिर्फ राहुल का लंड ही दिखाई दे रहा था. मुझे आज फिर से उसका लंड देखने का मन कर रहा था.

इसलिए मैं रात को टॉयलेट करने के लिए गयी.
मुझे पता था कि राहुल फिर आएगा.

ऐसा ही हुआ.

जैसे ही मैं टॉयलेट करके बाहर निकली, राहुल उधर ही खड़ा था और अपना लंड हिला रहा था.
मैं उसके लंड को देख रही थी.

मैंने गुस्से में उससे कहा- शर्म नहीं आती आपको?
वह हंस दिया.

मैं वहां से अपने रूम में आयी.
मैंने रूम का दरवाजा लॉक नहीं किया क्योंकि मेरे मन में दोनों तरह की बातें चल रही थीं.

फिर मैं उल्टी यानि औंधी होकर बिस्तर पर लेट गयी.

थोड़ी देर बाद मेरी नींद खुली.
मुझे महसूस हुआ कि मेरी सलवार और पैंटी नीचे को खिसक गई है.
कोई मेरे चूतड़ों को मसल रहा है और चाट रहा है.

मुझे अहसास हो गया कि ये राहुल ही है.
मैं उल्टी लेटी रही.

वह मेरी मोटी व गोरी गांड चाट रहा था.
मुझे बहुत मजा आ रहा था.
मैं चाह कर भी उसका विरोध नहीं कर पा रही थी, बस चुपचाप पड़ी रह कर मैं सोने का नाटक करती रही.

जब भी मैं थोड़ा सा हिलती, तो वह रुक जाता.
फिर कुछ पल बाद वह वापस शुरू हो जाता.
मुझे बहुत मजा आ रहा था.

वह मेरी गांड के छेद को अपनी जीभ से चाट रहा था.
इससे मुझे गुदगुदी हो रही थी.
सच में मुझे बहुत मजा आ रहा था.

फिर उसने मेरी टांगों को फैलाया, मेरी बुर को सहलाने लगा.
जब उसने मेरी चुत को सहलाया तो मुझे बहुत गुदगुदी हो रही थी.

फिर वह अपनी जीभ से मेरी बुर को चाटने लगा.
अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था.

मैं सीधी होकर लेट गयी, तो वह घबरा गया.

मैंने उसको देखा.
वह पूरा नंगा था.
उसका लंड ठीक मेरे सामने था.
मैं अपनी बुर को छिपाने लगी.

फिर उसने मुझे सीने से लगा लिया.

वह बोला- रुबीना, बस एक बार मुझे प्यार कर लेने दो. मुझे बस तुम ही तुम दिखती हो.

मैं कुछ नहीं बोली तो उसने मेरी मूक सहमति समझ कर मुझे चुदाई की पोजीशन में लिटाया और मेरे ऊपर चढ़ गया.
मैं चाह कर भी कुछ नहीं कर पा रही थी.

वह मुझे चूमने लगा और मेरे दूध मसलने लगा.

फिर उसने मेरी टांगों को खोला, मेरी बुर को चाटने लगा.

मैं मदहोश हो गयी थी.
मैंने मन ही मन अपने आप को उसके हवाले कर दिया था.

फिर उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए, मेरे बूब्स को चूसने लगा.

वाह … क्या लवली एक्सपीरियंस था … पहली बार कोई मेरे बूब्स चूस रहा था.

मैं आराम से बेड पर पड़ी थी.
वह मुझसे खेल रहा था.
मेरी बॉडी का हर हिस्सा उसने चाट चाट कर गीला कर दिया था.

फिर उसने मुझे बिठाया.
अपना लंड मेरे मुँह के पास रख दिया और चूसने को बोला.

मैं मना कर रही थी.
लेकिन उसने जबरदस्ती मेरे मुँह में डाल दिया.

मैं उसके लंड को मुँह में पाकर अचकचा गई, पर तभी वह मेरे दूध दबाता हुआ अपने लौड़े को मेरे मुँह में अन्दर बाहर करने लगा.

शुरू शुरू में तो मुझे उसके लंड का स्वाद अजीब सा लग रहा था … कड़वा सा … लेकिन बाद में मुझे लंड चूसने में बहुत मजा आने लगा था.
मैं बहुत देर तक उसका लौड़ा चूसती रही.

फिर उसने मुझे अपने ऊपर उल्टा यानि 69 में लिटा लिया.
अब वह मेरी बुर को चूस रहा था, मैं उसके लंड को.

मुझे अपने भाई भाभी की यही क्रिया याद आ रही थी.

काफी देर तक चूसने के बाद उसने मुझे लिटाया.
मेरी टांगों को ऊपर करके मेरी बुर में अपना लंड रगड़ने लगा.

तभी उसने अपनी पैंट उठाई और उसकी जेब से कंडोम निकाल कर पहन लिया.
मैं उसे लंड पर कंडोम चढ़ाती हुई देख रही थी.

उसने अपने लंड को छतरी पहनाई और सीधा मेरी बुर में डाल दिया.
मैं एकदम से लंड घुसेड़े जाने से दर्द से चिल्ला उठी.

उसने झपट का मेरा मुँह बंद कर दिया और अपना पूरा लंड मेरी बुर में डाल दिया.
वह बेरहम बन कर मेरी बुर को चोदता रहा.

मुझे बहुत दर्द हो रहा था लेकिन उतना ही मजा भी आ रहा था.
कुछ देर बाद उसका लंड सटासट मेरी चुत में चलने लगा था.

अब उसने मुझे घोड़ी बना दिया और मेरी गांड में अपना मूसल डाल दिया.
मुझे बहुत दर्द हो रहा था.
वह मेरी गांड मारता रहा.

उस रात उसने कई तरीके से मेरे साथ सेक्स किया.
फिर उसने कंडोम निकाला और लंड चूसने को बोला.
मैंने उसका लंड चूसा.
उसका पानी गिरने लगा और उसने मेरे बूब्स पर ही अपना सारा माल टपका दिया.

मेरा पानी तो पहले ही देसी वर्जिन फक करते हुए निकल चुका था.
फिर हम लोग लेट गए.

थोड़ी देर बाद उसने एक दवा खाई और फिर से लंड को मेरे मुँह में दे दिया.
उसने लंड चूसने को बोला.

मैंने उसका लंड चूसा.
जल्दी ही उसका लंड फुल टाइट हो गया.

अब उसने मेरे साथ सेक्स करना शुरू किया.
इस बार उसने मुझे अपने लंड की सवारी करवाई.
मुझे उसके लौड़े की सवारी करते समय अपनी भाभी याद आ रही थी तो मैं खुद ही उसे अपने दूध चुसवाने लगी.

उस रात को उसने मेरे साथ चार बार किया.
उसके साथ चुदाई में लगभग पूरी रात ही हो गयी थी.

उस दिन घर पर कोई था नहीं.
भाई और भाभी अपने सेक्स में लगे हुए थे.

फिर सुबह हो गयी.
मैं सो कर लेट उठी.

मॉम-डैड सब लोग वापस आ गए थे.
राहुल मुझे देख कर स्माइल दे रहा था लेकिन मैंने उससे नजर नहीं मिलाई.

फिर रात हो गयी.
मैं सोने चली गयी.
उस रात को मैं कल के बारे में ही सोचती रही.

मैंने अपनी सलवार और पैंटी नीचे की, अपनी बुर को सहलाने लगी.
अब मैं कुंवारी नहीं थी.

एक अजनबी ने मेरी इज्जत लूट ली थी और मुझे उससे अपनी बुर फड़वाने में खूब मजा भी आया था.

फिर राहुल ने कई बार मेरे साथ सेक्स किया.

जब घर में कोई नहीं रहता, तब वह मेरे साथ चुदाई कर लेता.
मैं भी मजे से उसके लौड़े से अपनी बुर चुदवा लेती.

एक बार बिना चुदाई के एक महीना से ऊपर हो गया था, हम दोनों को अपनी प्यास बुझाने का मौका नहीं मिल पा रहा था.

उस दिन मैं किचन में थी.
सब लोग हॉल में बैठे थे.

इतने में राहुल आ गया और वह मेरे साथ चिपक कर प्यार करने लगा.

मैं घबरा गई लेकिन चुत में पानी आ गया था तो मैं उसे इशारा करके अपने कमरे में आ गई.
वह भी पीछे से मेरे कमरे में आ गया.

हम दोनों इतनी ज्यादा चुदास में गर्म हुए पड़े थे कि कमरे में आकर दरवाजा बंद करना भूल गए.

राहुल ने मुझे पूरी नंगी कर दिया और वह मेरी बुर चाटने लगा.
वह भी नंगा हो गया था.

कुछ देर बाद राहुल मुझे अपने ऊपर 69 में लिटाए हुए था.
मैं उसका लंड चूस रही थी, वह मेरी बुर चूस रहा था.
हम लोग मदहोश थे.

इतने में मेरी बड़ी बहन मेरे रूम में आई और चुपके से हमारी चुदाई देखने लगी.
फिर अचानक से वह मेरे करीब आई.
तो मैं डर गई.

उसने हम दोनों को धमकी दी कि सबको बता दूँगी.

हम दोनों काफी डर गए थे पर दीदी का मूड राहुल के साथ सेक्स करने का था.

हम दोनों उस वक्त नंगे ही खड़े थे और अपने अंग छिपाने की कोशिश कर रहे थे.

दीदी राहुल का लंड देख रही थीं.
उस वक्त मेरी दीदी की उम्र चालीस साल की हो गई थी.
शायद जीजा जी अब दीदी को कम चोदते थे.

फिर दीदी ने राहुल के पास आकर कहा- जो तुम रुबीना के साथ कर रहे हो, वही सब मेरे साथ भी करो.
मैं यह सुनकर एकदम से चौंक गयी.

तभी दीदी ने राहुल का लंड पकड़ लिया और हिलाने लगीं.
राहुल भी खुश हो गया.

वह दीदी को अपना लंड चुसाने लगा.
दीदी बहुत जोर जोर से उसका लंड चूस रही थीं.

फिर उसने दीदी को नंगी कर दिया.
उनके बूब्स पीने लगा और नंगी दीदी की बुर मारने लगा.

मैं खड़ी होकर उन दोनों की चुदाई देख रही थी.

कुछ देर बाद राहुल ने मुझे भी बुलाया.
हम तीनों ने मिल कर खूब सेक्स किया.

अब हम तीनों ऐसे ही मौका देख कर सेक्स करने लगे थे.
वह हम दोनों बहनों को एक साथ चोदता.

फिर अचानक एक दिन राहुल रूम खाली करके चला गया.
हम दोनों बहनें फिर से प्यासी रहने लगीं.

अब डैड जब भी कोई किराएदार रखते तो हम दोनों बहनें देखतीं कि वह कोई जवान लंड वाला मर्द होना चाहिए; अन्यथा हम दोनों बहनें डैड को मना कर देतीं कि यह आदमी सही नहीं है.

अगली बार कोई नया राहुल जैसा लंड वाला मर्द आते ही दीदी उससे अपनी चुत चुदवाएंगी, फिर मैं उन दोनों के साथ अपनी बुर का भोसड़ा बनवाने पहुँच जाऊंगी.
तब आपको मैं अपनी अगली सच्ची सेक्स कहानी लिख कर बताऊंगी.

आपको मेरी यह देसी वर्जिन फक स्टोरी कैसी लगी, प्लीज जरूर बताएं.
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