यंग Xxx गर्ल कहानी में मैं मेरी मौसी की बेटियों के साथ घूमने गया. हम मौसी की सबसे बड़ी बेटी जो अकेली कमरा ले कर रह रही थी, उसके पास रुके थे. एक बिस्तर पर दो दो सोये.
मेरा नाम अंकुर है.
मैं यूपी के मुजफ्फरनगर का रहने वाला हूं और मेरी ऊंचाई 5 फुट 8 इंच है.
यह यंग Xxx गर्ल कहानी उन दिनों की है जब मैं अपनी मौसी जी की सबसे बड़ी लड़की शेफाली के पास घूमने गया था.
आपको बता दूँ, मेरी मौसी की सबसे बड़ी लड़की शेफाली यूपी पुलिस में है.
उनके पास हम तीनों बहन-भाई गए थे.
मैं, मेरी मौसी की दो लड़कियां, मनु और पायल.
मेरी मौसी की कुल चार लड़कियां हैं.
सबसे बड़ी पुलिस वाली शेफाली, फिर पायल, फिर मनु और उसके बाद रितिका.
सबसे छोटा एक भाई है उसका नाम विनय है.
इनमें से मेरे साथ मनु और पायल गई थीं.
मेरी और मनु की अच्छी बनती है.
हम लोग घर से निकल कर रेलवे स्टेशन पहुंच गए जहां वे दोनों मुझसे पहले मेरा इंतज़ार कर रही थीं.
उस दिन ट्रेन लेट थी लेकिन मैं समय से पहुंच गया था.
खैर … हम जैसे-तैसे वहां पहुंच गए.
वहां जाकर हम लोगों ने आराम किया.
शेफाली का कमरा छोटा था, हमें दो चारपाइयों पर ही सोना था.
एक चारपाई पर मैं और मनु थे और दूसरी पर शेफाली और पायल.
उस दिन पहली रात थी.
मैं सो रहा था, तभी अचानक रात को मेरी नींद खुली.
मनु मेरी ओर पीठ करके सोई थी.
मेरा चेहरा उसकी पीठ की तरफ था.
मैंने सोचा कि क्यों ना मनु की गांड में लंड घुसाने की कोशिश की जाए.
मैंने अपना लंड मनु की गांड पर रगड़ना शुरू किया.
मनु की ओर से कोई रोक-टोक नहीं हुई.
इससे मेरी हिम्मत बढ़ गई.
ऐसे ही करते-करते अचानक मनु आगे खिसक गई और मेरा लंड उसकी गांड से निकल गया.
अगले दिन हम सब पार्क में घूमने गए.
खाना-पीना हुआ और फिर सब सोने की तैयारी करने लगे.
मैं सोच रहा था कि कहीं मनु दूसरी चारपाई पर ना सो जाए लेकिन आज फिर मनु मेरे पास सोने आई.
मैं समझ गया कि मनु को अपनी चुदाई करवानी है.
मैंने मन बना लिया कि आज मनु को चोद दूँगा.
अब सब सोने लगे. शायद मनु भी सो गई थी.
मेरा काम फिर से चालू हो गया.
मैंने पहले मनु का पैंट नीचे किया, फिर उसकी पैंटी के अन्दर हाथ डाल दिया.
उसकी चूत में उंगली करने लगा.
उसने कुछ नहीं कहा, बस मज़ा लेती रही.
मैंने वह उंगली उसके मुँह में दे दी.
वह उसे बड़े मज़े से चूसने लगी.
फिर मैंने उसकी पैंटी नीचे कर दी.
उसने मेरा अंडरवियर निकाल दिया और मेरे लंड को पकड़ कर सहलाने लगी.
मुझे मज़ा आ रहा था. अब मुझसे रुका नहीं जा रहा था.
मैंने उससे कहा- लंड को मुँह में लो.
उसने पहले मना किया लेकिन मेरे जोर देने पर उसने अपनी पोजीशन बदली और मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया.
वह लंड जोर-जोर से चूसने लगी.
पांच मिनट बाद मैं उसके मुँह में झड़ गया.
इसके बाद मैंने उसकी चूत पर मुँह रखा और उसे चूसने लगा.
मनु पागल-सी हो गई और आवाज़ें निकालने लगी- श्श् … आह. श्श्श् … रुक जाओ, प्लीज़ रुक जाओ … अहा … श्श् … आअहह ..!
मैंने उसकी चूत को खूब अन्दर तक चूसा.
उसका पानी निकल गया जिसे मैंने मुँह में भर लिया.
फिर मैंने उसको चूमा और वह पानी हम दोनों ने पी लिया.
अब मैंने फिर से मनु से कहा- मेरा लंड फिर से चूसो और कड़क कर दो.
उसने लौड़े को जल्दी से मुँह ले लिया और ‘गोन्ह-गोन्ह’ करके पूरा अन्दर तक चूसकर मज़ा लेने लगी.
मैंने मनु की चूत में उंगली डाल दी और अन्दर-बाहर करने लगा.
कुछ ही देर में मनु बोली- मुझसे रहा नहीं जा रहा. अपना लंड मेरी चूत में डालो, जल्दी!
मैंने कहा- दर्द होगा, सह लेना … आवाज़ मत करना वरना सियापा हो जाएगा!
उसने कहा- मैं सह लूँगी.
मैंने चूत पर लंड सैट किया, थूक लगाया … चूत पर और लंड पर भी.
फिर एक जोर का धक्का मारा. पहली बार सिर्फ़ टोपा अन्दर गया.
मनु दबी जुबान से चिल्लाई- आह.
मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से दबा लिया.
दोबारा थूक लगाकर जोर से धक्का मारा, तो आधा लंड अन्दर घुस गया.
मनु की आंखों में पानी आ गया.
इस बार मैंने पूरा जोर लगाया और पूरा लंड अन्दर चला गया.
अब मैं मनु को चूमने लगा.
जब तक मनु शांत नहीं हुई, मैं उसे चूमता रहा.
वह बेहोशी की हालत में थी.
कुछ देर बाद वह मस्त हो गई. अब वह साथ देने लगी.
मैंने भी ऊपर से शुरू कर दिया.
मैंने उसको खूब देर तक चोदा.
वह थोड़ी देर तो कराहती रही, लेकिन फिर उसे मज़ा आने लगा.
मैं ताबड़तोड़ चुदाई का मजा लेने लगा.
कुछ देर बाद मेरा काम होने वाला था और वह पहले ही झड़ चुकी थी.
अब वह दूसरी बार झड़ने वाली थी.
मैंने चुदाई की स्पीड बढ़ा दी.
वह मज़े में बोल रही थी- आह चोदो … चोदो … फाड़ दो मेरी चूत को … बुरी तरह फाड़ दो!
मैंने भी चुदाई की स्पीड बढ़ा दी और झड़ गया.
मैंने लंड का माल उसके पेट पर निकाल दिया था और कुछ-कुछ उसके चूचों पर भी निकल गया.
अब हम दोनों ने सो जाना सही समझा.
मैंने सोने से पहले उसे अपने बैग से निकाल कर दर्द की गोली दी, जो उसने ले ली.
सुबह तक मनु का दर्द लगभग गायब हो गया था, हालांकि थोड़ा-सा दर्द अभी भी था, फिर भी उसने महसूस नहीं होने दिया.
उस दिन वह कहीं घूमने नहीं गई, मैं भी नहीं गया और उसी वजह से कोई भी नहीं गया.
अगले दिन सबका प्लान नैनीताल घूमने जाने का बना.
वहां शेफाली के बगल में भाभी रहती थीं, वे भी साथ चलने लगीं.
उनकी बहन आई थी, वह भी साथ चलने को तैयार हो गई.
सब तैयारी में लग गए.
मैं मनु को देख रहा था, वह बहुत खुश थी.
भाभी जी के पति ने अपनी कार ले ली और हम सब उसमें बैठ गए.
मैं और मनु पीछे बैठे. हम दोनों ने एक-दूसरे के साथ खूब मस्ती की.
उसने मेरा लंड सहलाया और मैंने उसकी चूत सहलाई.
फिर हम वहां पहुंच गए.
सबसे पहले हमने होटल में अपने कमरे की पहले से की गई बुकिंग को देखा, तो हमें सहजता से कमरा मिल गया.
फिर हम लोग नैनी झील में घूमने चल दिए.
वहां हमने नौका को पानी में चलाते हुए मजा लिया
नौका मैंने और मनु ने चलाई थी.
उसके बाद हम लोग वैष्णो मंदिर चले गए.
वहां से हम कमरे पर लौट आए.
जाते वक्त खाना दोबारा लेने लगे.
सभी महिलाओं को हमने रूम पर भेज दिया और जेंट्स लोग खाना लेने गए.
सबने एक साथ बैठकर खाना खाया.
खाना खाने के बाद खूब सारी बातें कीं.
अब सब सोने लगे.
मैं आपको बताना भूल गया कि हमने जो कमरा लिया था, वह एक टू-रूम सैट था, जिसमें हम सब 12 लोग सैट हो गए थे. तीन ब/च्चे थे, बाकी बड़े.
हम चार लोग एक कमरे में थे, बाकी लोग दूसरे कमरे में.
एक एक्स्ट्रा सिंगल बेड था.
मैं, मनु, पायल और शेफाली एक कमरे में सोए.
सब सोने लगे लेकिन मेरा और मनु का मन तो फिर से सेक्स करने को था.
मैंने शुरू कर दिया.
मनु की पैंटी में हाथ डालकर उसकी चूत सहलाने लगा, उसकी चूत में उंगली करने लगा, उसका मुँह अपनी ओर करके चूसने लगा और उंगली करता रहा.
उसने मेरी पैंट खोलकर अंडरवियर में हाथ डाल दिया और लंड सहलाने लगी.
मैंने भी उसकी पैंट निकाल दी और उसकी चूत चाटने लगा.
कुछ देर बाद वह बोली- मेरा लंड चूसने का मन है.
मैंने 69 मैं सैटिंग बनाई और उसके मुँह में लंड डाल दिया.
वह लंड चूसने लगी तो मैं उसकी चूत को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.
हम दोनों 69 पोजीशन में चुसाई का मजा करते हुए एकदम से चरम पर आ गए थे.
अब हम दोनों झड़ने वाले थे.
मैं उसके मुँह में झड़ गया, वह मेरे मुँह में झड़ गई.
इसके 15 मिनट बाद उसने फिर से मेरा लंड चूस कर तैयार कर दिया.
मैंने उसकी चूत पर लंड सैट करके चोदना शुरू कर दिया.
उसे दर्द हो रहा था, फिर भी मैं खूब देर तक चोदता रहा.
वह एक बार और झड़ गई.
मैंने चुदाई करते-करते उसकी गांड में उंगली डाल दी, हल्की-सी.
वह मना करने लगी.
मैंने कहा- मजा आएगा.
वह मान गई.
मैंने उंगली उसकी गांड से निकाल कर उसके मुँह में दे दी.
उसने चूसकर फिर से गांड में घुसा दिया.
अब मैंने लंड पर थूक लगाया, उसकी गांड में थूक लगाया और लंड चूत से निकाल कर सीधा गांड में डाल दिया.
उसका मुँह दबाकर वह रोने लगी लेकिन मैं रुकने वाला नहीं था.
मैंने उसकी गांड खूब चोदी और मजा लिया.
वह रोती रही.
फिर मैंने उसकी गांड से लंड निकाल कर अचानक से चूत में डाल दिया, जिससे उसे दर्द हुआ.
कुछ देर बाद मैंने फिर से उसकी गांड में लंड डाल दिया.
वह रो रही थी, लेकिन मैंने उसकी चूत का भोसड़ा बना दिया था और गांड का गोदाम बनाने लगा था.
फिर मैं झड़ गया.
वह इस बीच तीन बार झड़ चुकी थी. उसकी चूत फूलकर पाव भाजी बन गई थी.
अब हम दोनों आराम करने लगे. मैं उसे चूसने लगा और उसकी चूचियों से खेलने लगा.
मेरा मन फिर से चुदाई का होने लगा.
वह मना कर रही थी लेकिन मैंने उसे मनाया और फिर से उसकी चूत और गांड दोनों बारी-बारी से चोदी.
पूरी रात में मैंने उसकी चार बार चुदाई की.
सुबह उसने खुद को बुखार बता दिया.
मैं उसके लिए मेडिकल से दवाई लाया और उसे दे दी.
मैं उसके पास ही रहा.
उस दिन मैंने दो बार और चुदाई की.
फिर सब लोग रूम पर आ गए.
फिर हम सब नीम करोली धाम जाने लगे.
मैंने मनु को नहाने को कहा और खुद भी नहाया.
उस वक्त कोई कमरे पर नहीं था.
मैंने मनु की चुत को खूब चाटा और चुदाई भी की.
अब वह मना करने लगी थी.
फिर नहाकर हम दोनों आराम करने लगे.
सब आ गए और चलने की तैयारी हो गई.
हम लोग एक दूसरे को पकड़ कर वहां गए, घूमे और फिर वापस रामपुर आ गए.
सब काफी थके हुए थे.
आते ही सब सो गए.
रात को फिर से मैंने मनु को चोदा और दर्द की दवाई दी.
इस तरह मैंने अपनी मौसी की बेटी की चूत और गांड तब तक बजाई, जब तक हम सब वहां रहे.
यंग Xxx गर्ल मनु मेरी जान बन गई थी.
तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी बहन की चुदाई की कहानी?
कमेंट करके जरूर बताएं ताकि मैं जल्दी ही अपनी बुआ की लड़की के साथ जो किया, उसकी कहानी बता सकूँ.
जल्दी मिलते हैं दोस्तो दूसरी सेक्स कहानी के साथ.
चुदाई की दीवानी लड़कियां मुझसे संपर्क करने के लिए यंग Xxx गर्ल कहानी पर कमेंट्स जरूर करें.