Xxx सेक्स Xxx कहानी में मेरी जवान भतीजी मुझसे चुद चुकी थी. मैं महा चोदू था तो वो भी महा चुदक्कड़ निकली. वो मुझे डैडी कह कर चुदवाने लगी.
मेरी पिछली कहानी
जवान भतीजी की गर्म चूत मिली अचानक
में आपने पढ़ा कि मेरी एक रिश्ते में लगती भतीजी की है जिसे अपने ऑफिस के काम से दिल्ली आना पड़ा, और लेट होने की वजह से मेरे साथ होटल में रुकना पड़ा।
रात को ड्रिंक करने के बाद हम दोनों के बीच वो सब हो गया जो इस रिश्ते में नाजायज माना जाता है.
अब आगे Xxx सेक्स Xxx कहानी:
श्रेया के वॉशरूम जाने के बाद मैं आकर सोफे पर बैठ गया।
थोड़ी देर में श्रेया आ गई।
वो एक पतले लाल रंग के थांग में थी, जिससे उसकी चूत ढकी हुई थी।
पीछे की साइड एक पतली डोरी उसके चूतड़ों में धंसी हुई थी।
श्रेया के चूचे अभी भी नंगे थे, उसके निप्पल ऊपर को उठे हुए, बड़े ही प्यारे लग रहे थे।
श्रेया मेरे पास आई, तो मैंने पूछा, “इतनी देर कैसे लग गई?”
श्रेया मुस्कुराते हुए अपना एक पैर मेरी गोद में रखकर, पैर से लण्ड को सहलाते हुए बोली, “चाचू! आपके इस डंडे ने मेरे अंदर तक उल्टी कर दी थी! उसे अंदर पानी मार-मार कर साफ करके आई हूं!”
मैंने श्रेया के चूतड़ों के पीछे हाथ रखकर उसकी कमर को अपने चेहरे के पास करते हुए, एक हाथ से उसके थांग को एक तरफ सरका दिया।
और जीभ निकालकर उसकी चूत के होंठों पर ऊपर से नीचे, और नीचे से ऊपर फिराया, तो वो मेरे बाल पकड़कर सिसकते हुए बोली, “उफ्फ चाचू! बस भी करो ना अब!”
मैंने उसे खींचकर अपनी गोद में बिठा लिया, जिससे मेरा लण्ड सीधा उसकी चूतड़ों की दरार में से सरकता हुआ उसकी चूत के होंठों में फंस गया।
मैंने उसके दोनों बूब्स को मसलते हुए गर्दन पर चूमते हुए कहा, “बस कैसे करूं मेरी जान? जब तेरे जैसी मस्त लड़की पास में हो, तो किसी का भी लण्ड पूरी रात बैठेगा नहीं!”
श्रेया मेरी गोद से उठने लगी तो मैंने उसकी पतली कमर में हाथ डालकर उसे फिर से अपनी गोद में बिठा लिया।
वो मचलते हुए बोली, “प्लीज छोड़ो भी ना चाचू! मैं पेग बनाकर लाती हूं!”
मैंने वापिस उसकी गर्दन पर जीभ फिराते हुए कहा, “छोड़ो ना पेग को! चल, तुझे मेरे लण्ड का पानी पिलाता हूं!”
श्रेया शरारत से मेरी गोद में इठलाते हुए, एक हाथ को अपनी टांगों के बीच से ले जाकर मेरी बॉल्स को दबाते हुए बोली, “अह चाचू! इतना कितना पानी इकट्ठा कर रखा है आपने अपनी बॉल्स में!”
मैंने कहा, “श्रेया! तुम्हारे जैसी चार लड़कियों को एक साथ पूरी रात अपने लण्ड पर नचा सकता हूं!”
श्रेया उठकर मेरे चेहरे की तरफ अपना चेहरा करके मेरी टांगों पर बैठते हुए, मेरे माथे से अपना माथा लगाकर मेरी छाती पर अपनी अंगुलियां फिराते हुए बोली, “चाचू! सच में आप बहुत मजबूत हो! आप एक बात सच बताओगे?”
मैंने उसकी चुचियों से खेलते हुए कहा, “पूछो!”
श्रेया बोली, “आपने अब तक कितनी लड़कियों की चुदाई की है?”
मैंने कहा, “श्रेया! अनगिनत!”
श्रेया बोली, “चाचू! सबसे कम उम्र की कौन थी?”
मैंने श्रेया को बताया कि सबसे कम उम्र की अठारह साल की थी, जिसकी सील मैंने ही खोली थी।
श्रेया बोली, “चाचू! कौन थी वो?”
मैंने उसे बताया कि वो मेरी पत्नी की बहन की बेटी थी।
फिर श्रेया बोली, “चाचू! और सबसे बड़ी उम्र की कौन थी?”
मैंने उसे बताया कि मेरी पहली चुदाई एक भाभी के साथ हुई थी, जो चालीस साल की होगी, और तब मैं बीस साल का था।
श्रेया तपाक से बोली, “अभी आपकी उम्र कितनी होगी?”
मैंने उसे बताया कि बयालीस साल।
श्रेया मेरे से लिपटकर बोली, “मेरी जान को देखकर कोई नहीं बोल सकता कि आपकी उम्र इतनी होगी!”
मैंने कहा, “श्रेया! लण्ड में दम होना चाहिए, उम्र से क्या फर्क पड़ता है!”
श्रेया मेरे लण्ड को भींचते हुए बोली, “ये बात तो है! आपका लण्ड बहुत मस्त है! देखो ना, थोड़ी देर में ही फिर खड़ा हो गया!”
श्रेया फिर से बोली, “चाचू! अपना रिश्ता क्या हुआ? देखो ना, मैं आपसे आधी उम्र की हूं, और रिश्ते में आपकी भतीजी लगती हूं, फिर भी आपने मेरी चूत में अपना लण्ड घुसा दिया!”
मैंने उसके चूतड़ दोनों हाथों से पकड़कर कहा, “क्या मैंने तुम्हारी चूत में जबरदस्ती लण्ड डाला?”
श्रेया सिर हिलाकर बोली, “अरे नहीं चाचू! मैं ये नहीं कह रही! मर्जी तो मेरी भी थी! मैं बस ये जानना चाहती हूं कि भतीजी बेटी जैसी ही तो होती है ना!”
मैंने श्रेया के चूतड़ों को एक हाथ से कसकर फैलाते हुए, दूसरे हाथ की तीन अंगुलियां पूरी उसकी चूत में डाल दीं।
श्रेया मेरे इस वार से एकदम से उछली, जिससे उसके बूब्स स्प्रिंग की तरह उछलकर मेरे मुंह से लगे।
मैंने बिना मौका गंवाए उसके एक चूचे को दांतों में दबा लिया, और जोर से काट दिया।
श्रेया एकदम से चीखी, “आह मम्मी! मर गई!”
फिर मैंने उसकी चूत से अंगुलियां निकालकर उसके मुंह में डाल दीं।
और उसके बाल खींचते हुए कहा, “सुन श्रेया! तू अब मेरी रण्डी है! साली कुतिया की औलाद! मैं अपने लण्ड से तुझे कल सुबह तक चोद-चोदकर एकदम रण्डी बना दूंगा! फिर तू ऐसे किसी से सवाल नहीं पूछेगी!”
श्रेया घू-घूं करते हुए मेरा हाथ पकड़कर अपने मुंह से मेरी अंगुलियां निकालते हुए बोली, “आह चाचू! कोई इतनी जोर से भी काटता है क्या!”
फिर वो अपनी चूची पकड़कर मेरे दांतों का निशान दिखाते हुए बोली, “देखो ना! निशान पड़ गया! कितने गंदे हो आप! आप तो हर रोज मुझे प्यार करोगे नहीं! कल को कोई दूसरा मुझे प्यार करेगा, तो ऐसे निशान देखकर क्या बोलेगा!”
मैंने श्रेया की दूसरी चूची को कसकर पकड़ा और उस पर भी जोर से काट दिया।
और उसकी गाल पर थप्पड़ मारते हुए कहा, “दूसरा कोई क्या सोचेगा? यही कि तूने किसी असली मर्द से चुदाई करवाई है! यही सोचेगा!”
मेरी इस हरकत से श्रेया बिफर पड़ी और मुझे धकेलते हुए मेरी गोद से उठने की कोशिश करने लगी।
पर मैंने उसे दबोच लिया और चालाकी से अपना लण्ड उसके छेद पर लगाकर उसके कंधों को दबा दिया।
और नीचे से अपनी कमर उठाकर एक झटका मारा, तो लण्ड सीधा उसकी चूत की गहराई तक पहुंच गया।
श्रेया जोर से चीखी, “आह मम्मी! बचाओ मुझे इस कमीने से! ये साला कुत्ता मुझे मार देगा!”
मैंने हंसते हुए कहा, “श्रेया बेबी! तेरी मम्मी यहां नहीं आने वाली!”
श्रेया मेरी छाती पर मुक्के बरसाते हुए बोली, “चाचू! मुझे आपके साथ नहीं करना! बस आप मुझे छोड़ो! आपको मालूम ही नहीं किसी लड़की को कैसे प्यार किया जाता है! पता है मैं कितनी कोमल हूं, और आप मुझे काट रहे हो, मार रहे हो! कल को मेरी शादी होगी, अगर ये निशान रह गए तो क्या होगा!”
मैंने उसे दबोचते हुए चूमकर कहा, “मेरी जान! तू फिक्र मत कर! तेरी शादी मैं किसी छक्के से करवा दूंगा, जो खुद तेरी टांगें खोलकर मेरे से तुझे चुदवाएगा!”
मेरी बात सुनकर श्रेया चहकते हुए बोली, “सच चाचू? ऐसा हो सकता है क्या?”
मैंने कहा, “बिल्कुल मेरी रानी! क्यों नहीं हो सकता!”
श्रेया मुझे अपनी बाहों में भींचते हुए बोली, “आह चाचू! फिर तो मजा आ जाएगा! फिर तो मैं आपसे कभी भी चुदवा सकती हूं!”
मैंने श्रेया के चूतड़ पकड़कर नीचे से चार-पांच झटके उसकी चूत में मारे, तो वो, “आह! उफ्फ! आह चाचू! रुको ना! प्लीज एक बार निकालो ना! पहले मुझे आपसे कुछ बातें करनी हैं! आह प्लीज चाचू! निकालो ना एक बार!”
मैंने श्रेया की कमर पकड़कर उसे गुड़िया की तरह उठा दिया, जिससे लण्ड ‘फच्च’ की आवाज से बाहर आ गया।
फिर मैंने उसे अपनी बगल में बिठा दिया।
श्रेया सोफे से उठकर बेड पर रखा तौलिया उठाकर मेरे बिल्कुल सामने खड़ी होकर अपनी चूत को पोंछते हुए बोली, “सच में चाचू! आप बहुत गंदे हो! एक ही सेकंड में अपना मूसल मेरी कोमल सी चूत की जड़ तक डाल दिया!”
फिर वो तौलिये को वापिस बेड पर फेंककर थांग को सही करते हुए चूत को उसमें ढककर बोली, “आप पेग लोगे?”
मैंने कहा, “ठीक है! एक छोटा सा ले आओ!”
श्रेया चूतड़ मटकाते हुए सामने जाकर पेग बनाने लगी और दो पेग लेकर मेरे पास आकर बैठ गई।
फिर वो एक पेग मुझे देकर एक हाथ से मेरे लण्ड को खींचकर ग्लास में डालने की कोशिश करने लगी।
तो मैंने खड़े होकर लण्ड उसके ग्लास में डुबो दिया।
वो ग्लास से एक घूंट लेकर मेरा लण्ड चूसने लगी।
थोड़ी देर में उसने लण्ड को चूसते हुए अपना पेग खाली कर दिया, और ग्लास को साइड में रखकर लण्ड को बॉल्स के पास से एक हाथ में कसकर पकड़ लिया।
फिर श्रेया लण्ड के टोपे पर अपने लाल होंठों को गोल करके चूमते हुए बोली, “आह! उम्मम्म्म! मेरा बाबू कितना सुंदर है!”
मेरा लण्ड एकदम हार्ड हो चुका था।
फिर श्रेया मेरे लण्ड की उभरी हुई नसों पर अंगुली का पोर फिराते हुए बोली, “देखो ना चाचू! कितना सुंदर है ये! और इसपर ये उभरी हुई नसें कितनी सख्त हैं! आह चाचू! आई लव योर डिक! आप पहले कहां थे!”
फिर वो झटके से उठकर मेरे सामने खड़ी हो गई, और श्रेया ने मेरे हाथ से गिलास लेकर साइड में रख दिया।
उसने लण्ड को अभी भी अपने हाथ में पकड़ा हुआ था।
फिर वो अपनी एड़ियां उठाकर लण्ड के सुपाड़े को थांग के ऊपर से चूत के होंठों पर रगड़ते हुए मुझे बेड की तरफ धकेलने लगी।
मैं श्रेया का इरादा समझकर बेड पर पीठ के बल लेट गया।
श्रेया भी फुर्ती से बेड पर चढ़कर मेरे घुटनों पर अपने चूतड़ टिकाकर बैठ गई।
और लण्ड को दोनों हाथों से पकड़कर उस पर झुकते हुए लण्ड को चूमकर मेरे ऊपर लेट गई।
और अपना सिर उठाकर मेरी आंखों में देखते हुए बोली, “चाचू! मैं बहुत प्यासी हूं! आज तक मुझे आपके जैसा सख्त मर्द नहीं मिला! आप मेरे लिए एकदम परफेक्ट हो!”
फिर वो लंबी सांस लेते हुए बोली, “चाचू! आपको पता है मुझे क्या चाहिए?”
मेरे हाथ उसके चूतड़ों से खेल रहे थे।
मैं समझ चुका था कि ये बातें करके चुदवाने के मूड में है।
मैंने करवट लेकर श्रेया को अपनी बगल में लिटा लिया, और उसकी टांगों में अपनी टांग फंसाकर उसके बालों में हाथ फेरते हुए कहा, “बताओ! क्या चाहिए मेरी बेबी को?”
श्रेया ने अपनी गांड को आगे खिसकाकर चूत को लण्ड से भिड़ा दिया, और लंबी सांस लेकर बोली, “चाचू! नो डाउट आप परफेक्ट हो! पर मैं चाहती हूं कि आप समझो कि मुझे कैसा प्यार चाहिए!”
मेरी एक बाह श्रेया की गर्दन के नीचे थी। मैंने एक हाथ से उसके चूतड़ को सहलाते हुए कहा, “बताओ! कैसा प्यार चाहिए मेरी जान को?”
श्रेया बोली, “चाचू! आपको तो पता है मेरे मम्मी-पापा ने मुझे बड़े प्यार से पाला है! मेरी मम्मी तो मुझे अब भी बोलती हैं कि तुम बड़ी कोमल हो!”
फिर वो मेरा हाथ पकड़कर अपने चूचों पर रखकर बोली, “देखो ना चाचू! मुझे छूकर देखो ना! सच में मैं बहुत सॉफ्ट हूं ना!”
मैंने श्रेया की चुचियों पर हाथ फिराया और एक चूची को पकड़कर उसे मुंह में भर लिया और उसे चूसते हुए बाहर निकालकर कहा, “सच में मेरी जान! बहुत सॉफ्ट है!”
ये बोलते हुए मेरा लण्ड मुरझाने लगा था क्योंकि मुझे इस बकवास से कोई मतलब नहीं था।
फिर श्रेया तपाक से बोली, “चाचू! मैं चाहती थी आप जैसा कोई सख्त मर्द हो, जो मुझे एक छोटी ब.च्ची की तरह प्यार करे! फिर प्यार करता-करता मेरी बॉडी को अपनी मजबूत बाहों में मसल कर रख दे! मुझे इस तरह चोदे कि मेरी चूत सूज जाए! वो मेरे बदन के हर इंच को प्यार करे, मुझे नोचे, खसोटे और मारे!”
फिर श्रेया की एक बात से मेरा लण्ड दोबारा टन-टना गया, जब वो मुझे बाहों में लेकर बोली, “उफ्फ चाचू! मुझे बहुत दर्द चाहिए! आह उफ्फ! मैं दर्द के लिए इतनी पागल हूं कि कई बार मेरा दिल करता है कि मैं एक साथ दस-बारह मर्दों से चुदवा लूं, जो मुझे बिना रुके बारी-बारी चोदते रहें!”
फिर वो मेरे पर चढ़कर बोली, “आह चाचू! मुझे प्यार करो ना! आह! मुझे एक छोटी ब.च्ची की तरह ‘बेटी’ बोलो ना!”
श्रेया मेरी छाती पर अपनी चूचियां रगड़ते हुए बोली, “अपनी बिगड़ी हुई बेटी की अपने लण्ड से पिटाई करके पनिशमेंट दो ना! आह डैडी! मैं कब से सपना देख रही थी कि आप जैसा सख्त मर्द मेरी जवानी को मसल कर रख दे! अब मैं सिर्फ आपकी हूँ! मैं भी आपके सख्त बदन के हर इंच को प्यार दूंगी!”
श्रेया पर नशा चढ़ चुका था।
शायद इसीलिए वो इतनी चुदासी होकर मेरे से अपनी फैंटेसी शेयर कर रही थी।
श्रेया मेरी छाती पर चूचियां रगड़ते हुए मेरे होंठ चूसने लगी।
फिर वो मेरी गर्दन पर चूमते हुए मेरी छाती पर अपने कोमल होंठ फिराने लगी।
श्रेया अपने नाखूनों से मेरे निप्पल्स को काट रही थी।
फिर वो मेरे निप्पल्स पर जीभ फिराने लगी।
साथ ही वो अपनी चूत को मेरे लण्ड पर रगड़ रही थी और बहुत ही तेज आवाज के साथ, “आह डैडी! फक योर लिटिल डॉटर! आह फक मी!” बोल रही थी।
फिर श्रेया मेरे पेट पर चूमते हुए लण्ड को पकड़कर चूसने लगी।
मैंने अपनी जिंदगी में इतनी चुदासी लड़की पहली बार देखी थी।
फिर श्रेया बेड पर बैठ गई और मेरी टांगे अपने कंधों पर रखकर मेरी बॉल्स पर जीभ फिराने लगी।
थोड़ी देर बाद उसने मेरी टांगे मेरे चेहरे के पास करके मेरे चूतड़ दोनों हाथों से खोल लिए, और मेरी गांड के छेद पर जीभ फिराने लगी।
श्रेया गांड के छेद से मेरी बॉल्स तक और बॉल्स से लण्ड के टोपे तक जीभ फिरा रही थी।
मेरे मुंह से अनायास ही सिसकारियां निकलने लगीं।
फिर वो मेरे लण्ड को अपने कोमल हाथों से जोर-जोर से हिलाने लगी।
मेरा लण्ड फटने को तैयार था, मैंने कहा, “ओह श्रेया! मेरा पानी निकल जाएगा!”
तो वो लण्ड पर अपने नाखून रगड़ते हुए बोली, “बेटी बोलो ना मुझे! आह डैडी! आपकी ये बेटी आपको ऐसे नहीं झड़ने देगी!”
मैंने श्रेया को बेड पर पटकते हुए उसके दोनों गालों पर बिना रुके थप्पड़ मारने शुरू कर दिए।
श्रेया का गोरा चेहरा लाल हो गया। वो, “आह डैडी! उफ्फ डैडी!” बोल रही थी।
फिर मैंने उसके दोनों बूब्स कसकर पकड़ लिए और उन्हें काटने लगा।
श्रेया के बूब्स भी मेरे दांतों के निशान से भर गए।
मैंने उसकी टांगे फैलाकर थांग को झटका देते हुए खींच दिया जिससे वो फटकर अलग हो गया।
मैंने श्रेया के हार्ड क्लिट को होंठों से खींच-खींच कर चूसना शुरू कर दिया, जिससे वो, “उफ्फ डैडी! योर सो रफ! उफ्फ कम लिक मी! आह!”
मैं श्रेया की चूत को अंदर तक चाट रहा था।
मेरी जीभ पर उसकी चूत का नमकीन स्वाद था।
मैंने अपने थूक से अंगूठा गीला करके उसकी गांड के गुलाबी छेद पर रखकर अंदर धकेलना चाहा, तो वो अंगुली से इशारा करके मुस्कुराते हुए बोली, “आह नो डैडी! ये रॉन्ग रास्ता है!”
मैंने कहा, “बेटी! रास्ता कोई भी हो, वो डैडी के लण्ड के लिए ही है!”
श्रेया खुश होते हुए उछलकर घोड़ी बन गई और अपनी गांड हिलाकर बोली, “प्लीज डैडी! मेरे होने वाले पति के लिए कुछ तो छोड़ दो!”
मैंने कहा, “बेटी! सबसे पहले तुम्हारी हर चीज पर डैडी का हक है!”
श्रेया ने अपनी एक टांग को थोड़ा आगे करके अपने चूतड़ों को पीछे की तरफ उभार दिया, जिससे उसके दोनों छेद पूरी तरह खुल गए।
मैंने श्रेया को गालियां देते हुए उसके चूतड़ों पर थप्पड़ों की बरसात कर दी।
मैं हर थप्पड़ के साथ श्रेया को, “साली कुतिया! रण्डी! तेरे हर छेद को फाड़ूंगा आज!”
श्रेया भी, “आह डैडी! योर सो रफ! फक मी लाइक दिस! आह डैडी!” चिल्ला रही थी।
श्रेया के चूतड़ मेरे थप्पड़ों की मार से लाल हो चुके थे।
मैं जैसे ही श्रेया के लाल हो चुके चूतड़ों पर चूमने के लिए झुका, मेरा हाथ पहली चुदाई में गीली हो चुकी चादर पर पड़ा।
मैंने उठकर रिसेप्शन पर फोन किया, और उन्हें कमरा नंबर बताकर बेडशीट बदलने को कहा।
और श्रेया के पीछे आकर मार से लाल हो चुके चूतड़ों पर जीभ फिराने लगा।
चूतड़ों पर जीभ फिराते हुए मैं जीभ को चूतड़ों की गहरी घाटी में फिराने लगा।
मेरी जीभ बार-बार श्रेया की चूत और गांड के छेद को छू रही थी।
जैसे-जैसे मैं जीभ फिरा रहा था, वैसे ही श्रेया अपने चूतड़ और उभारकर मेरे मुंह पर दबाव बना रही थी।
फिर मैं श्रेया की गांड के गुलाबी छेद पर जीभ फिराने लगा।
श्रेया बोली, “आह डैडी! मेरा ये छेद बहुत छोटा है!”
मैंने उसकी कमर पर जोर से हाथ मारा और कहा, “कोई बात नहीं! मेरी रण्डी बेटी का ये छेद भी आज बड़ा हो जाएगा!”
श्रेया गांड को उछाल-उछाल कर अपनी गांड चटवाने लगी।
मेरा थूक श्रेया की गांड से उसकी चूत पर जा रहा था, जिसे मैं अंगुली के सहारे उसकी चूत के छेद में डाल रहा था।
मेरा लण्ड पूरा टनटनाया हुआ था।
मैंने लण्ड को सहलाते हुए श्रेया के पीछे पोजीशन सेट की, और उसकी कमर में हाथ डालकर लण्ड को उसकी चूत के होंठों पर फिराते हुए टोपे को हल्का सा चूत के अंदर डाला।
और श्रेया के दोनों चूतड़ अपनी मुठ्ठियों में भींचकर लापरवाही से एक जोरदार धक्का मार दिया।
जिससे लण्ड श्रेया की चूत को चीरते हुए बॉल्स की जड़ से थोड़ा कम चूत में जाकर फंस गया।
श्रेया जोर से चीखी और उसका मुंह बेड के गद्दे में घुस गया।
वो अपना एक हाथ पीछे लाकर मेरे हाथ को पकड़ते हुए छूटने की कोशिश करने लगी।
पर मैंने उसके चूतड़ों के मांस को अपनी मुठ्ठियों में जकड़ रखा था।
आज मुझे समझ आया कि लड़कियों की गांड पर इतना मांस क्यों होता है — ताकि चुदाई के टाइम हम मर्द उस मांस को अपनी मुठ्ठियों में जकड़कर लड़की की चूत में गहराई तक लण्ड पेल सकें।
श्रेया बड़ी मुश्किल से अपना सिर उठाकर, “आह निकालो थोड़ा बाहर! आह बहनचोद! निकाल बाहर! आह प्लीज!” बोली।
पर मैंने मस्ती से झूमते हुए थोड़ा सा लण्ड जो अभी बाहर था, उसे भी धक्का मारते हुए अंदर पेल दिया।
और खुद एक जगह अपने घुटने जमाकर श्रेया के चूतड़ों को आगे-पीछे करने लगा।
मेरा लण्ड आधे से ज्यादा बाहर आता और फिर चूत के अंदर।
श्रेया गद्दे पर हाथ मारते हुए कराह रही थी।
फिर मैंने अपनी कमर को भी आगे-पीछे करते हुए पूरा लण्ड उसकी चूत के अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया।
जैसे ही मेरा मोटा लण्ड चूत के अंदर जाकर बाहर आता, चूत के अंदर की लाल चमड़ी लण्ड से लिपटकर बाहर आ जाती।
थोड़ी देर तक श्रेया को ऐसे ही बिना रुके पेलने के बाद मैंने श्रेया को धक्का देकर बेड पर गिरा दियाऔर उसके चूतड़ों के नीचे तकिया डालकर उसकी एक टांग उठाकर उसकी छाती से लगा दी और वापिस पूरा लण्ड उसकी चूत में पेल दिया।
लण्ड डालकर मैंने श्रेया के चेहरे की तरफ देखा।
उसका प्यारा सा चेहरा लाल हुआ पड़ा था, और उस पर पसीने की बूंदें थीं।
श्रेया ने अपनी दोनों आंखें कसकर बंद कर रखी थीं, और उसके दोनों हाथ उसकी चूचियों पर थे।
मैंने श्रेया के होंठों पर जीभ फिराकर कहा, “बेटी! क्या हुआ?”
श्रेया धीरे से आंखें खोलते हुए अपनी कमर को हिलाकर बोली, “ओह डैडी! आई लव यू! बहुत दर्द दे रहा है आपका लण्ड मुझे! पर आप मुझे चोदते रहो बिना रुके! आह!”
मैंने श्रेया के दोनों हाथ पकड़कर चुचियों से हटा दिए और उन पर थप्पड़ मारकर उन्हें अपनी मुट्ठियों में भींच लिया और गाली देते हुए कहा, “साली! तू पूरी चुदक्कड़ कुतिया है!”
श्रेया ने मेरी बात सुनकर अपनी बाहें मेरे गले में डालते हुए मुस्कुराकर कहा, “डैडी! आप ही वो मर्द हो जिसने मुझे सही तरीके से पहचाना है! चलो ना अब अपनी इस चुदक्कड़ बेटी की चूत को अपने मोटे लण्ड से चोद-चोदकर भोसड़ा बना दो! आह डैडी! बहुत मस्त चोदते हो आप! ऐसा लग रहा है मैंने अपनी चूत में पत्थर डाल रखा हो!”
मैं पूरी ताकत से श्रेया की चूत को ड्रिल करने लगा।
तभी कमरे की घंटी बजी।
तो श्रेया झल्लाई, “अरे अब कौन आ गया!”
पर मैंने मुस्कुराते हुए श्रेया की कमर में हाथ डाला और उसे उठाकर बेड से नीचे आ गया।
मैं खड़ा था … मेरा पूरा लण्ड श्रेया की चूत में था।
मेरे हाथ उसके चूतड़ों के नीचे थे, और श्रेया ने मेरी कमर के इर्द-गिर्द अपनी टांगे पूरी खोलकर फैला रखी थीं।
उसके हाथ मेरी गर्दन पर कसे थे।
मैंने श्रेया की चूत में दो-तीन झटके मारकर उससे पूछा, “बेटी! दरवाजा खोलें?”
श्रेया मेरी आंखों में देखते हुए बोली, “डैडी! आपकी मर्जी!”
मैं श्रेया को ऐसे ही उठाकर लण्ड उसकी चूत के अंदर-बाहर करते हुए दरवाजे के पास ले गया, और एक हाथ से दरवाजा खोल दिया।
बाहर एक लड़का खड़ा था, जो हमें इस हालत में देखकर बोला, “सॉरी सर! मुझे बेडशीट चेंज करना था! मैं बाद में आता हूं!”
मैंने श्रेया की चूत में कसकर दो-तीन झटके मारे।
श्रेया उस लड़के की तरफ देखकर, “आह! उम्मम! आह डैडी!” बोली।
वो लड़का चोर नजरों से श्रेया की चूत को देख रहा था, जिसमें मेरा लण्ड फंसा हुआ था।
मैंने उससे कहा, “तुम आकर शीट चेंज कर सकते हो!”
श्रेया उस लड़के को बड़ी सी मादक स्माइल देते हुए बोली, “भईया! आप अंदर आकर अपना काम करो! हम अपना कर रहे हैं!”
मैंने मन ही मन श्रेया को गाली दी कि साली जितनी मासूम दिखती है, उतनी बड़ी रण्डी है।
मैं श्रेया को लेकर सोफे के पास आ गया और उसकी चूत में लण्ड पेलने लगा।
श्रेया मुस्कुराते हुए कभी मेरी आंखों में देख रही थी, और कभी उस लड़के की तरफ।
और साथ में बड़े कामुक तरीके से, “आह डैडी! फक मी हार्डर! उफ्फ क्या मस्त लण्ड है आपका! आह चोदो अपनी बेटी को! उफ्फ आज पहली बार मुझे इतना मजा मिल रहा है!” चिल्ला रही थी।
मैंने लड़के की तरफ देखा तो वो श्रेया को चुदते देखकर बेड की चादर चेंज कर रहा था।
तभी श्रेया उसकी तरफ देखकर मुस्कुराई, तो वो भी श्रेया को देखकर मुस्कुरा दिया।
लड़का नेपाली था, और उसकी उम्र पच्चीस-छब्बीस साल की होगी।
मैंने श्रेया और उसका नैन-मटका देखकर अपनी स्पीड बढ़ा दी।
श्रेया मेरी गर्दन में अपनी बाहें डाले मेरे हर झटके का जवाब गांड उछाल-उछाल कर दे रही थी।
तभी वो चिल्लाते हुए बोली, “आह डैडी! आह मैं झड़ने वाली हूं! आह और तेज!”
उसके मुंह से मैंने इतना सुनते ही उसे अपनी बाहों से आजाद कर दिया।
जिससे वो सीधा सोफे पर जाकर गिरी, और उसकी चूत से लण्ड बाहर निकलकर अब उसके मुंह के पास था।
मैंने उसकी गाल पर जोर से थप्पड़ मारा, और उसे, “साली चुदक्कड़ कुतिया! बहनचोद रण्डी!” गाली देते हुए गर्दन के पास से उसके बाल कसकर पकड़ लिए।
श्रेया, “उफ्फ डैडी! योर सो रफ! प्लीज मेरी चूत का पानी निकाल दो ना!”
मैंने उसके मुंह पर थूकते हुए कहा, “चुप रण्डी!”
और उसके मुंह में अपना लण्ड डालकर उसका मुंह चोदने लगा।
तभी वो लड़का मेरी बगल में आकर बोला, “सर! मैडम हमारे होटल में आती रहती हैं! आप प्लीज इन्हें मारिये मत! ये ऐसी लड़की नहीं हैं! आप इनसे थोड़ा आराम से कीजिए!”
मैंने कहा, “क्या मतलब ये ऐसी नहीं हैं? ये पूरी रण्डी है!”
फिर मैंने श्रेया के बाल जोर से खींचते हुए उसे सोफे से नीचे खींच लिया, और फर्श पर घोड़ी बनाकर उसके एक चूतड़ पर जोर से थप्पड़ मारकर कहा, “रण्डी! ये देख क्या बोल रहा है कि तू इनके होटल की पुरानी कस्टमर है, और मैं तेरी चुदाई आराम से करूं! अपनी गांड हिला और बता इसको कि तू कितनी बड़ी रण्डी है!”
श्रेया जोर-जोर से अपनी गांड थिरकाने लगी।
मैंने उस लड़के से कहा, “देख! साली कैसे अपने चूतड़ों को नचा रही है! देख इसकी चूत मेरे लण्ड से कितना खुल गई है!”
श्रेया की चूत का मुंह अभी भी पूरा खुला हुआ था, और उससे सफेद चिकना पानी बह रहा था।
वो लड़का श्रेया की चूत को ध्यान से देखने लगा।
फिर मैंने लण्ड को हिलाते हुए घुटनों के बल जमीन पर बैठते हुए श्रेया की कमर में अपनी बांह डालकर लण्ड उसकी गांड के छेद पर रख दिया।
मेरे लण्ड रखते ही श्रेया जोर से चिल्लाई, “उफ्फ नहीं प्लीज डैडी! मेरी गांड में नहीं! मैं आपका पीछे बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगी!”
जैसे ही मैंने श्रेया को कमर से पकड़कर दबोचे हुए लण्ड का सुपाड़ा सिकुड़ी हुई गांड के लाल छेद पर रखकर अंदर डालना चाहा, श्रेया जोर से बोली, “प्लीज डैडी! कोई क्रीम या जेल लगा लो!”
मैंने कहा, “श्रेया! मेरे पास क्रीम नहीं है!”
श्रेया बोली, “मेरे पास है! अलमारी में रखी है!”
मैंने उसकी बात सुनकर उसे ढीला छोड़ दिया।
मैं कुछ बोलता उससे पहले ही श्रेया उस लड़के को बोली, “भईया! उस अलमारी में लोशन रखा हुआ है! प्लीज देना तो!”
लड़के ने अलमारी खोलकर वहां रखा लोशन निकाल लिया।
मैंने श्रेया के चूतड़ जोर से हाथ मारकर कहा, “रण्डी! उसके सामने अभी चूत मरवा चुकी है, और अब गांड मरवाने जा रही है. और उसे भईया बोल रही है!”
तब तक उस लड़के ने लोशन की बोतल लाकर मेरी तरफ बढ़ा दी।
मैंने श्रेया के चूतड़ पकड़कर जोर से फैला दिए, और उसे कहा, “तुम इसके छेद में लोशन डालो!”
वो मेरी बात पर इधर-उधर देखने लगा।
मैंने कहा, “अरे डरो मत! मैं इस रण्डी के चूतड़ फैलाकर रखता हूं! तुम इसकी गांड में लोशन डालो!”
पर वो अभी भी कुछ सोचे जा रहा था।
मैंने श्रेया के चूतड़ छोड़कर कहा, “ठीक है! तुम इसके चूतड़ फैलाओ, मैं इसकी गांड चिकनी करता हूं!”
उसने दोनों हाथों से श्रेया के चूतड़ पकड़कर थोड़े से खोल दिए।
मैंने लोशन अपनी हथेली पर डालते हुए कहा, “अरे अच्छे से फैलाओ इस कुतिया की जान!”
उसने मेरे इतना बोलते ही श्रेया के चूतड़ जोर से फैला दिए और बोला, “सर! मैडम के चूतड़ बहुत सॉफ्ट और चिकने हैं!”
मैंने अंगुली से श्रेया की गांड में लोशन डालते हुए कहा, “हाथ लगाकर देख! मैडम की चूत इससे भी मखमली है!”
वो श्रेया की तरफ देखने लगा।
श्रेया अपना सिर घुमाकर उसे देख रही थी।
वो बोली, “अरे भईया! दिल है तो छूकर देख लो! क्या पता फिर कभी इतनी हसीन चूत छूने का मौका मिले या ना मिले!”
ये बोलकर श्रेया जोर से हंसने लगी।
मैं श्रेया की गांड में लोशन भर चुका था, और अब अपने लण्ड पर बहुत सारा लोशन लगा रहा था।
मैंने श्रेया के बाल खींचकर उसकी गाल पर थप्पड़ मारा, और कहा, “साली! तू पूरी रण्डी है! एक अनजान लड़के को अपनी चूत छूने को बोल रही है!”
श्रेया बेशर्मी से हंसते हुए बोली, “आह डैडी! आप मेरे मालिक हो! जब आप ही इसे मेरी चूत छूने को बोल रहे हो, तो मैं क्यों मना करूं!”
मैंने उस लड़के से कहा, “ठीक है! छू लो!”
और खुद लण्ड का सुपाड़ा उसके छेद पर लगाकर श्रेया को कमर से पकड़कर जोर से कस लिया और अंगूठे का दबाव देते हुए सुपाड़े को अंदर धकेल दिया।
श्रेया गर्दन उठाकर, “आह! श! श! सीसीसी! उफ्फ डैडी! बहुत मोटा सुपाड़ा है आपका! आई कैसे ले पाऊंगी मैं!”
इधर मैंने एक झटका मारकर एक चौथाई लण्ड श्रेया के चूतड़ों की गहरी घाटी में छुपे छोटे से छेद में डाल दिया।
श्रेया जोर से चीखी।
तो मैंने उस लड़के से कहा, “खड़ा-खड़ा क्या देख रहा है? साली रण्डी के मुंह में अपना लण्ड फंसाकर चुप करवा दे!”
मेरी बात सुनकर उसने झट से अपनी पैंट और अंडरवियर नीचे किया, और अपने खड़े हो चुके लण्ड को श्रेया के सामने घुटनों के बल बैठकर उसके मुंह में दे दिया।
मैंने उससे कहा, “इस कुतिया की आवाज नहीं निकलनी चाहिए!”
वो सिर हिलाकर बोला, “ठीक है सर! नहीं निकलने दूंगा!”
मैंने श्रेया के दोनों चूतड़ों पर जोर से हाथ मारे, तो उसने घू-घूं करते हुए अपने चूतड़ों को हिलाकर पूरा उभार दिया।
मैंने श्रेया के ऊपर पूरा झुककर उसके लटकते हुए बूब्स पकड़े और धीरे-धीरे लण्ड पर दबाव देते हुए पूरा लण्ड उसकी गांड में उतार दिया।
और धीरे-धीरे लण्ड की स्पीड बढ़ाते हुए पूरा लण्ड उसकी गांड की संकरी गुफा में अंदर-बाहर करने लगा।
वो लड़का श्रेया के बाल पकड़कर उसके मुंह में अपना लण्ड अंदर-बाहर कर रहा था।
इधर मैं श्रेया की गांड अपने मोटे तगड़े लण्ड से फाड़ रहा था।
मैंने उस लड़के से पूछा कि इस कुतिया की चूत मारना चाहेगा?
वो कुछ जवाब दे पाता उससे पहले श्रेया के मुंह से लण्ड बाहर खींचकर झड़ गया।
मुंह से लण्ड बाहर निकलते ही श्रेया ने लंबी सांस लेते हुए कहा, “आह डैडी! उफ्फ थोड़ा धीरे करो ना! मेरी गांड में ऐसे लग रहा जैसे कोई मोटा हथौड़ा पड़ रहा हो!”
मैंने श्रेया को उठाकर बेड के कॉर्नर पर लिटाया, और उसकी दोनों टांगें उठाकर फैला दीं।
श्रेया की दूध जैसी गोरी टांगें और उसके एकदम गोरे गुदाज चूतड़ बहुत ही सुंदर लग रहे थे।
श्रेया की हल्की लाल चूत, जिसका छेद पूरा खुला हुआ था, बहुत ही मासूम और प्यारा लग रहा था।
श्रेया की गांड का छेद भी बुरी तरह फैला हुआ था और श्रेया के सांस लेने से धीरे-धीरे खुल और बंद हो रहा था।
मेरे से रहा नहीं गया तो मैंने नीचे खड़े-खड़े उसकी चूत से अपने होंठ सटा दिए, और चूत चाटने लगा।
श्रेया की सिसकारियां कमरे में गूंजने लगीं।
वो, “आह डैडी! कम ऑन! उफ्फ चाटो और अंदर! आह बहुत मजा आ रहा है! उफ्फ आह मम्मी! आपकी गर्म जीभ से गुदगुदी हो रही है! उफ्फ आह! काश आप मेरी चूत दिन-रात ऐसे ही चाटते रहो!”
श्रेया की चूत के नमकीन पानी का स्वाद लेते हुए मैंने अपना एक घुटना बेड पर रखकर लण्ड का टोपा उसकी चूत के मुंह से भिड़ा दिया।
श्रेया ने अपनी दोनों टांगें पकड़कर चूत को आगे की तरफ उभार दिया, और पास खड़े लड़के की तरफ देखकर मुस्कुराते हुए बोली, “देखो भईया! कितना मजबूत लण्ड है डैडी का! आह! आपका पानी तो बहुत जल्दी निकल गया! देखना डैडी कैसे मेरी चूत फाड़ेंगे!”
मैंने भी उस लड़के की तरफ देखा तो वो साइड में खड़ा होकर अपनी पैंट पहन रहा था।
मैंने श्रेया की चुचियों को मुंह में भरकर उसके कच्चे मांस का स्वाद लेते हुए लण्ड का दबाव चूत पर दिया, तो टोपा फिसल कर अंदर चला गया।
मैंने रुकते हुए श्रेया की आंखों में देखकर कहा, “बेबी! तुम अपने आप झटका मारकर कितना लण्ड अंदर ले सकती हो?”
श्रेया हंसते हुए बोली, “उफ्फ डैडी! आपका बहुत बड़ा और मोटा है! इसी लिए पूरा तो नहीं ले सकती!”
मैंने कहा, “कोशिश करो! जितना ले सकती हो!”
श्रेया ने नीचे से पोजीशन लेकर जैसे ही अपनी गांड को हल्का उठाकर लण्ड अंदर लेना चाहा, मैंने भी एक जोरदार झटका मार दिया।
जिससे लण्ड चूत की टाइट दीवारों से रगड़ खाते हुए सरसरा कर पूरा अंदर चला गया।
श्रेया एकदम जोर से, “हाय मम्मी! मर गई!” बोलते हुए चीखी।
वो लड़का दौड़कर श्रेया के पास आया और मेरे से बोला, “सर! थोड़ा आराम से कीजिए! मैडम मर जाएगी!”
श्रेया के चेहरे पर दर्द के भाव थे।
वो अपने होंठों को सिकोड़कर दर्द को कंट्रोल करते हुए उस लड़के से बोली, “आह उफ्फ भईया! आप चुप रहो ना! आज पहली बार मुझे ऐसा तगड़ा लण्ड और इतना रफ मर्द मिला है!”
फिर श्रेया मेरी आंखों में देखते हुए मुस्कुराकर बोली, “उफ्फ डैडी! रुक क्यों गए? स्टार्ट करो ना!”
मैं श्रेया के माथे को चूमकर उसकी चूत में लण्ड पेलने लगा।
थोड़ी देर में श्रेया मेरे हर झटके के साथ मस्ती से अपनी गांड उछाल-उछालकर चुदवाने लगी।
मैं श्रेया के मुंह पर, उसके चूचों पर, और उसके चूतड़ों पर थप्पड़ मार-मारकर चोदने लगा।
कमरे में फच-फच, आह मम्मी, उफ्फ डैडी फक मी, आह ओह, रण्डी, कुतिया की आवाजें गूंजने लगीं।
दस मिनट तक बिना रुके चुदाई के बाद श्रेया, “उफ्फ मैं झड़ने वाली हूं! आह कम ऑन डैडी! आप भी अपना माल मेरी चूत में निकल दो! उफ्फ!” करते हुए मेरे से लिपट गई।
श्रेया का बदन झटके लगने के बाद अकड़ गया।
वो झड़ चुकी थी, और बुरी तरह हांफ रही थी।
मैं भी श्रेया को दबोचकर कुछ झटके उसकी चूत में मारने के बाद झड़ गया।
मेरे लण्ड के गाढ़े पानी से श्रेया की नन्ही चूत अंदर तक भर चुकी थी।
मैंने फटाफट लण्ड बाहर निकालकर श्रेया के मुंह में दे दिया, जिसे उसने बड़े प्यार से चाटकर साफ कर दिया।
जबरदस्त चुदाई के बाद मैं भी श्रेया की बगल में लेट गया।
मैंने उस लड़के की तरफ देखा और कहा, “थोड़ी देर रुको! बेडशीट चेंज करके चले जाना!”
श्रेया आंखें बंद करके लंबी सांसें ले रही थी।
वो तकिया खींचकर अपने सिर के नीचे लगाकर उस लड़के की तरफ देखकर बोली, “इधर आओ!”
वो लड़का चुपचाप श्रेया के पास आ गया।
श्रेया अपनी टांगे खोलकर उससे बोली, “देखो भईया! कैसे डैडी ने मेरी पूरी चूत फैलाकर रख दी है! कैसे इससे डैडी के लण्ड का पानी बह रहा है!”
वो लड़का ध्यान से श्रेया की चूत देखते हुए बोला, “जी मैम! Xxx सेक्स Xxx करके आपकी तो एकदम लाल हो चुकी है!”
श्रेया मेरे चेहरे पर अपना चेहरा करके मुझे चूमकर उस लड़के से बोली, “जब कोई लड़की असली मर्द के नीचे आती है, तो उसकी चूत और गांड का यही हाल होता है! चलो तौलिये से थोड़ी साफ तो कर दो!”
वो लड़का श्रेया की चूत को तौलिये से पोंछने लगा।
फिर श्रेया ने उससे तौलिया लेकर चूत को अंदर तक साफ किया और बेड से उठकर सोफे पर बैठते हुए बोली, “आ जाओ चाचू! इसको बेडशीट बदल लेने दो!”
मैं भी उठकर श्रेया के पास बैठ गया।
वो लड़का अपना काम खत्म करके चला गया।
उसके जाने के बाद श्रेया ने उठकर गेट बंद किया और आकर मेरी गोद में बैठकर मेरे से लिपट गई।
और लंबी सांस लेते हुए बोली, “चाचू! आज मुझे पहली बार इतना मजा आया है! मेरी पूरी बॉडी पूरी तरह टूट चुकी है!”
मैंने श्रेया को चूमते हुए कहा, “श्रेया! सच में मुझे भी तुम्हें चोदकर बहुत मजा आया!”
श्रेया बोली, “चाचू! अभी क्या प्लान है? आपको भूख नहीं लगी क्या?”
मैंने कहा, “भूख तो लगी है! पर मैं आज पूरी रात तुम्हारा कच्चा मांस खाना चाहता हूं!”
श्रेया बोली, “उफ्फ चाचू! बड़े हवसी आदमी हो आप तो! मुझे बुरी तरह तोड़कर भी आपका दिल नहीं भरा!”
मैंने कहा, “इतनी प्यारी लड़की पास में हो, तो क्या किसी का भी मन भर सकता है!”
श्रेया बोली, “आह! तो ये बात है!”
मैंने कहा, “बिल्कुल!”
श्रेया बोली, “ठीक है चाचू! मैंने कब मना किया? मैं तो खुद चाहती हूं कि आप मुझे पूरी रात प्यार करें! कल तो हम अलग हो ही जाएंगे!”
मैंने कहा, “सही बात है! चलो पहले एक-एक पेग हो जाए! तब तक खाना ऑर्डर करते हैं!”
श्रेया बोली, “चाचू! रेस्टोरेंट चलेंगे खाना खाने?”
मैंने उसे पुचकारते हुए कहा, “श्रेया! रेस्टोरेंट जाकर टाइम खराब करने का क्या फायदा? यहीं मंगवा लेते हैं! थोड़ा-थोड़ा खाकर फिर चुदाई करेंगे!”
श्रेया मेरी दोनों गाल खींचकर हंसते हुए बोली, “जो हुक्म मेरे प्यारे चाचा!”
फिर वो मेरी गोद से उठकर खड़ी हुई तो लड़खड़ा कर फिर मेरी गोद में गिर गई।
मैंने उसे संभालते हुए सोफे पर फिर बिठाकर पूछा, “क्या हुआ?”
तो वो बोली, “चाचू! मेरी टांगें बुरी तरह दुख रही हैं! ऐसा लग रहा है टांगों में जान ही नहीं!”
मैंने कहा, “तुम बैठो! मैं पेग बनाता हूं! पेग पीने के बाद तुम अच्छा फील करोगी!”
श्रेया मासूम सा चेहरा बनाकर बोली, “ठीक है चाचू!”
मैं श्रेया के लिए हेवी और अपने लिए नॉर्मल पेग बनाकर ले आया और उसके सामने खड़े होकर पेग उसको देने के लिए हाथ आगे किया।
तो वो पेग की जगह मेरे झूलते लण्ड को कोमल हाथ से पकड़कर बोली, “चाचू! आप दोनों पेग पी लो! मैं तो इससे जो व्हिस्की निकलेगी, वो पीऊंगी!”
मैंने कहा, “क्या मतलब?”
तो वो मुस्कुराते हुए बोली, “चाचू! आप व्हिस्की पीओगे तो उसका असर आपके वीर्य में भी आएगा! मैं उसे पीकर नशा कर लूंगी! और मैंने सुना है वीर्य पीने से लड़की की स्किन का ग्लो भी बढ़ता है!”
मैंने कहा, “वीर्य तो ठीक है! साथ में मेरे मूत से भी दारू निकलेगी!”
श्रेया मेरी बॉल्स को भींचते हुए बड़े नशीले अंदाज से बोली, “उम्मम्मम चाचू! मैं तो इतने मस्त लण्ड से निकले मूत को भी पी लूं!”
मैंने उसका पेग वही टेबल पर रखकर कहा, “साली! बड़ी आग है तेरे में! तू चल तो पा नहीं रही, फिर भी लण्ड को जगा रही है!”
श्रेया बोली, “चाचू! आज ही की तो रात है! फिर क्या पता ये लण्ड मेरे नसीब में कब हो! मैं तो चाहती हूं कि जब तक हम साथ हैं, ये मेरे अंदर रहे! उफ्फ! कैसे अंदर जाकर फंस जाता है ये!”
फिर श्रेया लण्ड को छोड़कर अपनी नाभि से तीन इंच ऊपर अंगुली रखकर बोली, “चाचू! जब लण्ड सीधा इस साइड में अंदर होता है, तो यहां तक ठोकर लगती है!”
फिर मैंने कहा, “जब नीचे की तरफ होता है तो?”
श्रेया सोफे से उठकर सोफे का सहारा लेकर घूम गई, और अपने चूतड़ मेरी तरफ करके गांड़ के ऊपर रीढ़ की हड्डी पर हाथ रखकर बोली, “चाचू! नीचे की तरफ यहां तक ठोकर मारता है!”
मैं अपना पेग लेकर सोफे पर बैठ गया।
श्रेया ने भी बैठते हुए पेग ले लिया, और आधा पीकर बोली, “चाचू! आप भी मेरे साथ मेरे घर चलो!”
मैंने कहा, “श्रेया! अभी नहीं! थोड़े दिन बाद हम फिर मिलने का प्लान करेंगे!”
श्रेया अंगड़ाई लेकर बोली, “चाचू! आपके पास तो चोदने के लिए मेरे जैसी बहुत सी लड़कियां होंगी! पर मैं तो आपको मिस करूंगी ना!”
मैंने उसका हाथ पकड़कर कहा, “श्रेया! मैं किसी चूत को तरसाता नहीं! जब भी तुम्हारी चूत में मेरे लण्ड के लिए खुजली मचेगी, मैं उसी टाइम तुम्हारे पास पहुंच जाऊंगा!”
श्रेया मेरे से लिपटकर बोली, “सच चाचू! आप बहुत अच्छे हो! आई लव यू!”
मैंने कहा, “श्रेया! तुम्हें उस लड़के के सामने चुदवाकर कैसा लगा?”
श्रेया चहकते हुए बोली, “चाचू! बहुत मजा आया! उफ्फ! देखो ना वो कैसे मेरी नंगी सी चूत में आपका मूसल लण्ड अंदर-बाहर होता देख रहा था! बेचारे का दो मिनट में पानी निकल गया!”
फिर श्रेया जोर से हंसने लगी।
मैंने उससे पूछा, “तुम्हें दूसरों के सामने नंगी होने से डर नहीं लगता?”
श्रेया बोली, “चाचू! मैं शुरू से ऐसी ही हूं! जब मैं स्कूल जाती थी, तो कितने मर्द मेरी नंगी टांगें देखकर आहें भरते थे! धीरे-धीरे मुझे ये सब अच्छा लगने लगा! फिर मैंने बहुत ही छोटी स्कर्ट्स और ऐसी निक्कर पहनकर बाहर निकलना शुरू कर दिया, जिसमें से मेरे चूतड़ भी आराम से दिख जाएं!”
“उफ्फ चाचू! जब बूढ़े, जवान — हर तरह के मर्द मेरे बदन को खा जाने वाली नजरों से देखते हैं, तो मुझे बहुत मजा आता है! बहुत बार कई गंदे दिखने वाले मजदूर जैसे मर्दों ने मुझे बाजार में छेड़ा भी है! और जवान लड़कों के साथ-साथ कई बार बूढ़े आदमियों ने भी भीड़ में मेरे चूतड़ों और बूब्स को मसला है! चाचू! मुझे ये सब दिखाने में मजा आता है!”
पर मैंने कहा, “श्रेया! पर जब मैंने तुम्हारी चूत मारी, तब तुम कुंवारी तो थी नहीं!”
श्रेया बोली, “हां चाचू! मैं कुंवारी नहीं थी! पर आपके लण्ड को मेरी चूत कुंवारी ही लगी होगी!”
मैंने कहा, “हां श्रेया! तुम्हारे छेद बहुत टाइट हैं! पर फिर भी…”
श्रेया मेरे होंठों पर अंगुली रखकर बोली, “बस चाचू! मैं अब सिर्फ आपकी हूं!”
फिर वो संभलते हुए उठी, और फोन लेकर खाना ऑर्डर करने लगी।
खाना ऑर्डर करने के बाद वो धीरे-धीरे चलते हुए मेरे पास आकर बैठ गई और पेग पीने लगी।
पेग खत्म करने के बाद श्रेया बोली, “चाचू! मुझे बहुत नींद आ रही है!”
मैंने अपना पेग खत्म करके श्रेया को अपनी गोद में लिटाना चाहा, तो रूम की घंटी बज गई।
श्रेया बोली, “चाचू! लगता है खाना आ गया! आप खाना लगवाओ, मैं बाथरूम जाकर आती हूं!”
श्रेया उठकर बाथरूम चली गई।
मैंने तौलिया बांधकर दरवाजा खोला और खाना लगवाया।
फिर मैं और श्रेया खाना खाकर सो गए क्योंकि श्रेया इस हालत में नहीं थी कि वो मेरा लण्ड दोबारा ले सके।
अगले दिन सुबह सात बजे श्रेया ने मुझे उठाया, और बोली, “चाचू! फटाफट तैयार हो जाओ! क्योंकि एयरपोर्ट पहुंचने का टाइम हो चुका था!”
मैंने उसे बाहों में जकड़ते हुए कहा, “चल ना! एक राउंड हो जाए!”
श्रेया बोली, “चाचू! मेरा भी दिल तो बहुत है! पर आपका जल्दी निकलता नहीं! आधे-अधूरे प्यार का क्या फायदा? हम दोबारा मिलेंगे तो आप जितने राउंड मर्जी लगा लेना!”
हम दोनों फटाफट तैयार होकर एयरपोर्ट आ गए।
श्रेया ने नीले रंग की टाइट जींस पहनी थी, जिसमें उसकी भारी गांड़ बुरी तरह कसी हुई थी।
वो हाई हील में जब मटककर चलती थी, तो उसके चूतड़ मटकते थे।
श्रेया ने ऊपर सफेद रंग का टॉप पहना था, जिसमें उसने अपनी मदमस्त चूचियां कैद कर रखी थीं।
टॉप में से उसकी आधी चूचियां दिख रही थीं।
श्रेया इस समय पूरी कामदेवी लग रही थी।
मैं उसे होटल से लेकर एयरपोर्ट तक खाने वाली नजरों से घूरे जा रहा था।
एयरपोर्ट पहुंचते ही श्रेया मेरे कान में बोली, “चाचू! जब कोई मुझे आपकी तरह घूरता है, तो बहुत अच्छा लगता है! कितनी वासना है आपकी नजरों में! मैं समझती हूं कि आपका बस चले तो आप मुझे यहीं चोद दो!”
मैंने उसे बाहों में लेकर अपना एक हाथ उसकी कमर पर फिराते हुए जैसे ही उसके चूतड़ पर लेकर आया, तो उसने मेरा हाथ पकड़कर कहा, “बस करो चाचू! आप मेरे पापा की उम्र के हो! लोग क्या सोचेंगे!”
फिर वो मेरे से दूर होकर बोली, “ठीक है चाचू! मैं चलती हूं! फ्लाइट का टाइम हो गया है!”
फिर हम दोनों दोबारा मिलने का वायदा करके अपने-अपने गेट की तरफ बढ़ गए।
कैसी लगी मेरी Xxx सेक्स Xxx कहानी?
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