सर्दी की रात में चाची की चुदाई

Xxx चाची सेक्सी हिंदी कहानी में घर में ज्यादा मेहमानों के कारण मुझे चाचा के घर सोना पड़ा. बीच रात में देखा तो मैं चाची के साथ सोया हुआ था. मेरा ईमान डोल गया.

दोस्तो, मेरा नाम कन्हैया है और मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूं.

मैं दिखने में बहुत स्मार्ट हूँ. मेरी हाईट 5 फुट 8 इंच है और मेरा औजार 6 इंच के खीरे जैसा मोटा है.
यह अब तक अनेक औरतों और लड़कियों को चोद कर खुश कर चुका है.

मैंने यहां हजारों सेक्स कहानियां पढ़ी हैं और अपना लंड भी खूब हिलाया है.

आज इतने दिनों बाद मैंने सोचा क्यों न मैं भी अपनी चुदाई की कहानी आपको सुनाऊं.

यह फैमिली फक सेक्स रिलेशन की Xxx चाची सेक्सी हिंदी कहानी आज से करीब 5 साल पहले की उस वक्त की है जब मैं बीए में पढ़ता था.
यह सेक्स कहानी मेरी और मेरी चाची की है.

मैं अपनी चाची को बहुत समय से चोदना चाहता था. मेरी चाची बहुत सुंदर और सेक्सी हैं.
एकदम पतली फिगर, मटकती चाल … आह मैं जब भी उनको देखता था … मेरा लंड पानी छोड़ने लगता था.

उनकी हाईट मुझसे बहुत कम है.
वे केवल 5 फिट की थीं.

मैं चाची को चोदने का मौका देखता रहता था क्योंकि मेरे चाचा और चाची का अक्सर झगड़ा रहता था.
उनके झगड़े का मैं फायदा उठाना चाहता था.

फिर एक सुहानी रात में मेरा इंतजार खत्म हो गया.
मैंने उस दिन कल्पना भी नहीं की थी.

सर्दी का समय था.
दिसंबर शुरू ही हुआ था.

तब शादियों का सीजन चल रहा था.
उस दिन हमारे यहां गेस्ट आए हुए थे.

सिटी में घर छोटे होने के कारण एडजस्ट करना पड़ता है.
हमारा और चाची का घर बराबर में ही है

उस शाम सब मेहमान शादी में से सीधा हमारे घर आ गए.
सबने चाय नाश्ता किया और खाना खाया ही था कि तभी मेरी मौसी का फोन आया.

वे भी आने के लिए बोलने लगीं.
उनके बच्चे छोटे थे.

अब मुझे सोने के लिए चाची के घर जाना पड़ा.
वहां सभी बात कर रहे थे.
मैं भी बैठ गया.

मुझे जल्दी नींद आने लगती है तो मैं वहीं लेट कर सो गया चाची भी वहीं लेट गईं.
उनको सुबह ड्यूटी भी जाना था.

मैं और चाची एक ही रजाई में लेटे थे मेरी रात को आंख खुली तो मेरे होश उड़ गए और मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं.

चाची अपने दोनों पैर चौड़े करके लेटी हुई थीं और उनका कुर्ता ऊपर हो गया था.

यह देख कर मेरे अरमान जागने लगे मैंने फिर से रजाई चाची के ऊपर डाली और तभी एक हाथ चाची के पेट पर रख दिया.

कुछ देर ऐसे ही लेटा रहा उधर से कोई हलचल नहीं हुई तो मेरी हिम्मत और बढ़ गई.

मैंने धीरे-धीरे हाथ नीचे किया और सलवार के ऊपर से उनकी चूत को टच किया.
नीचे चाची ने कुछ नहीं पहना था.
उनकी चुत की दोनों फांकें अलग-अलग महसूस हो रही थीं.

मेरी धड़कनें तेज हो गईं, पसीना आने लगा.
मुझे डर भी लग रहा था कि कहीं थप्पड़ न पड़ जाए.

फिर भी मैं धीरे-धीरे उनकी चूत में ऊपर से उंगली करता रहा.
अचानक चाची ने करवट ली और अपनी गांड मेरी तरफ कर ली.

पहले तो मैं डर गया कि कहीं वे जाग तो नहीं गईं.
फिर भी मैं वैसे ही लेटा रहा.

पांच मिनट बाद मैंने चाची को पीछे से गले लगा लिया.
वे थोड़ा और पीछे हो गईं और मेरा लंड उनकी गांड में लगने लगा.

कुछ पल बाद उन्होंने दोबारा करवट ली.
अब उनका मुँह मेरे मुँह से दो इंच की दूरी पर था.

उन्होंने मुझे गले लगाया और एक पैर मेरे पैरों पर रख दिया.
मेरी सांस और उनकी सांस आपस में टकरा रही थीं और पेट से पेट मिल रहे थे.

वह अहसास मेरी जिंदगी का सबसे हसीन पल था.

मैंने अपना मुँह आगे बढ़ाकर उनके होंठों से अपने होंठ टच किए.

लंड में करंट-सा दौड़ गया और उनकी जांघ में रगड़ मारने लगा.

चाची और मैं कुछ देर ऐसे ही लेटे रहे.
फिर उन्होंने अपने होंठ खोल दिए और मैंने उनका निचला होंठ पकड़ लिया.

मैं धीरे-धीरे चाची की जीभ को चूसने लगा.
चाची सोने का नाटक कर रही थीं.

अब हम बिलकुल चिपके हुए थे.
उनकी चूत में खुजली होने लगी तो वे फिर से सीधी लेट गईं.

मैंने फिर से उनकी चूत पर हाथ रखा और ऊपर से उंगली करने लगा.

मेरी हिम्मत बढ़ने लगी.

मैंने उनका नाड़ा खोलने की कोशिश की लेकिन वह नहीं खुला.

चाची ने सोने का नाटक करते हुए खुजाने के बहाने नाड़ा खोल दिया.

मैंने फिर से हाथ लगाया तो देखा नाड़ा खुला हुआ है.

मेरे लिए वह नाड़ा नहीं, मेरे लंड की किस्मत का दरवाजा था.

Xxx चाची सेक्सी हिंदी कहानी बनने लगी थी.

मैंने अन्दर हाथ डाला तो चूत बहुत गीली थी जिससे मेरी उंगली आसानी से अन्दर चली गई.

अब मैं दूसरी उंगली डालने वाला था कि चाची ने अपनी एक टांग मेरे ऊपर रख दी.
उनकी चूत खुल गई.

अब मैं आसानी से उंगली कर रहा था.
थोड़ी देर में चाची ने पानी छोड़ दिया.

फिर वे उठकर बाथरूम चली गईं.

मैंने टाइम देखा तो सुबह के 4:30 बज चुके थे.
अब मैं परेशान था कि छेद का जुगाड़ कैसे होगा.

मैं लेटा रहा कि शायद चाची आएंगी.

लेकिन बहुत देर हो गई.

मुझे भी मूतने की जरूरत पड़ी और डरते-डरते मैं ऊपर चला गया.

चाची बाहर बैठी थीं.
उन्होंने नहाने के लिए गीजर चला रखा था.

मैं मूतने अन्दर चला गया.

मैं मूत ही रहा था कि चाची पीछे से आईं और उन्होंने मेरे लंड को पकड़ लिया.
मैं डरने की एक्टिंग करने लगा.

मैंने कहा- चाची, ये क्या कर रही हो आप … छोड़ो इसे!

लड़कों का तो सुबह-सुबह हमेशा खड़ा ही रहता है.

इतने में मूतना खत्म हुआ.

चाची ने मेरे लंड को आगे-पीछे करना शुरू कर दिया.
मेरी हालत खराब होने लगी.

चाची बोलीं- साले हरामजदे … पूरी रात सोने न दिया … आग लगा दी मेरी चूत में. अब कौन बुझाएगा इसे?

यह सुनकर मैं चुप खड़ा रहा.

चाची नीचे बैठ गईं और मेरे लंड पर गर्म पानी डालकर उसे मुँह में लेकर चूसने लगीं.

मैं तो जन्नत में पहुंच गया और जल्दी ही उनके मुँह में छूट गया.

चाची लंड की रबड़ी खाती हुई बोलीं- जल्दी जा और जीने का गेट लगा कर आ … कहीं कोई ऊपर न आ जाए!
मैं मन ही मन खुश हो रहा था.

मैं जल्दी से गेट लगाकर वापस आ गया.
जैसे ही मैं बाथरूम में घुसा, देखा कि चाची पूरी नंगी खड़ी थीं और अपनी चूत को रगड़ रही थीं.

चाची ने कहा- नीचे बैठ!
मैं नीचे बैठ गया.

उन्होंने एक टांग मेरे कंधे पर रखी और अपनी चूत मेरे मुँह पर अड़ा दी.

मैंने भी देर न करते हुए चूत चाटना शुरू कर दिया जो मेरी सबसे पसंदीदा चीज थी.
चाची का पानी फिर से छूट गया.

मैंने उसे नहीं पिया.
चाची ने गर्म पानी से चूत साफ की और नीचे जाने को कहा.

मैंने जिद की- मुझे आपको चोदना है!
लेकिन उन्होंने मना कर दिया.

मेरा दिमाग खराब हो गया.
मैं उदास हो गया.

तभी चाची ने मेरा लंड हाथ में लिया और उसे चूमा.
फिर मेरे होंठों को चूमा और बोलीं- कोई ऊपर आ जाएगा, मैं नहा लूँ. ये काम फिर कभी करेंगे!

मैंने उदास मन से उनकी चूत पर एक किस किया.
चाची हंसने लगीं.

मैं नीचे आ गया.
फिर सब उठ चुके थे.
मुझे मौके की तलाश बेकरार कर रही थी.

अगली रात को चमत्कार हो गया.
चाचा को बाहर शादी में जाना था.

चाची ने तबीयत खराब होने का बहाना बना दिया और अपने देखभाल के लिए मुझे अपने पास बुलाया लिया.

रात को दस बजे तो चाची ने दरवाजे बंद करने का आदेश दिया और खुद अपने सारे कपड़े उतार कर पूरी नंगी होकर रजाई में घुस गईं.

मैंने दरवाजे बंद करते समय देख लिया था कि नंगी चाची आज चुदाई की मस्ती में थीं.

दरवाजे बंद करके मैं घूमा और अपने कपड़े उतारने लगा.
चाची मुस्कुरा कर मेरे लौड़े को देख रही थीं.

मैं फुल नंगा होकर चाची के साथ रजाई में लेट गया और हम दोनों लिपट कर चुम्मी करने लगे.

कुछ देर बाद चाची बोलीं- तेरा औजार तो बड़ा मस्त है?
मैंने कहा- हां. अब इसे चूस कर कड़क करो तब आपको इसका कमाल दिखाता हूँ.

चाची झट से रजाई में अन्दर घुस गईं और मेरे लौड़े को चूसने लगीं.

जवान लड़के के लंड को कड़क होने में कितना समय लगना था, झट से लोहे की रॉड बन गया.

मैंने चाची को अपने बाजू में खींचा और रजाई को हटा कर अलग कर दिया.

फिर चुदाई की पोजीशन में आकर मैंने चाची की चुत में लंड का सुपारा सैट किया और उसी पल चाची ने गांड उठा दी.

मेरा लंड अन्दर सरक गया.
चाची आह की आवाज के साथ लौड़े को लील गईं और चुदाई चालू हो गई.

मैंने बीस मिनट तक धकापेल चुदाई की और उसके बाद चाची झड़ गईं.
मैंने एक कपड़े से चाची की चुत को पौंछा और उन्हें घोड़ी बना दिया.

चाची बोलीं- तू अभी तक नहीं झड़ पाया … क्या दवा खाई है तूने?
मेरे लंड में अभी झांट असर नहीं हुआ था तो मैंने कहा- अभी तो आधे रास्ते में भी नहीं आया हूँ चाची!

वे सहम कर बोलीं- साले चुत का भोसड़ा बनाएगा क्या?
मैं हंस दिया और उनकी सवारी गाँठने लगा.

दस बारह मिनट बाद मैंने कहा- अब झड़ने पर आ रहा हूँ. माल किधर निकालूँ?

चाची बिना कुछ मेरे लौड़े से हट गईं और लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं.

मैंने चाची के चूचे मसलते हुए लंड का फव्वारा उनके मुँह में ही छोड़ दिया और चाची सारी मलाई चाट गईं.

हम दोनों थक कर लेट गए.

उसके बाद चाची ने मेवा मसाले वाला दूध बनाया और एक बार और धमाकेदार चुदाई का खेल हुआ.

फिर हम दोनों कपड़े पहन कर सो गए.

दोस्तो, अगली सेक्स कहानी में बताऊंगा कैसे मैंने चाची की गांड मारी और उनके मजे किए.
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