बुआ की बेटी ने अपनी कुंवारी बुर दी

Xxx बहन की सेक्स कहानी में मैं अपनी बुआ के घर गया। उनकी जवान बेटी मुझे बहुत सेक्सी लगी। मन ही मन मैं उसे चोदना चाहता था, लेकिन उसने ही अपनी चूत मेरे सामने खोल कर रख दी!

दोस्तो, कहानी शुरू करने से पहले बता दूं कि मैं बिहार से हूं और मोतिहारी जिले का रहने वाला हूं। मेरा लंड 8.5 इंच लंबा और 2.5 इंच मोटा है।

मैं आपको आज अपनी बहन की चुदाई की कहानी बताने जा रहा हूं जो कि एक सच्ची Xxx बहन की सेक्स कहानी है।

तो दोस्तो, मैं आपको अपनी बहन के बारे में भी बता देता हूं।
उसका नाम पूजा (बदला हुआ) है।
उसकी उम्र 19 साल की है, जिस्म सेक्सी है जिसका माप 34-28-32 है।

मेरी बहन देखने में बहुत ही हॉट और सेक्सी है।
मैं यह विश्वास के साथ कह सकता हूं कि जो भी पूजा को एक बार देखेगा उसका लंड जरूर खड़ा हो जाएगा।
पूजा गांव में रहने वाली लड़की है।

यह किस्सा उसकी बहन की शादी का है जिसमें मैं भी गया हुआ था।
शादी दिसंबर में थी और बुआ ने मुझे 10 दिन पहले ही बुला लिया था।
आप जान गए होंगे कि यह कहानी बुआ की बेटी की चुदाई के बारे में है।

तो मैं शादी वाले घर में जा पहुंचा ताकि वहां जो भी काम हो मैं उसमें मदद करवा सकूं।
जीते समय मैं रास्ते में से कुछ मिठाई और मिल्क चॉकलेट ले गया था।
पहुंच कर मैंने बुआजी और फूफाजी को प्रणाम किया।

उनके घर में केवल 3 ही कमरे थे।
एक में बुआ-फूफा खुद सोते थे, एक में बच्चे सोते थे।
तीसरे कमरे में किचन के साथ अन्य सामान भी रखने की जगह बनाई गई थी।

मैंने पूजा को आवाज दी तो वो काला सूट पहन कर आई।
वो किसी परी से कम नहीं लग रही थी।
पता नहीं क्यों उसको देखते ही मेरे मन में सेक्स के भाव आये और मेरा लंड उसे देखकर ही खड़ा होना शुरू हो गया।

मैं तो उसे देखता ही रह गया।
पता नहीं मैं कहां खो गया था।

वो मेरे पास आई और मुझे टोका- भाई? कहां खो गए हो?
मैं होश में आया तो उसने मुझे देखकर गले से लगाया।

उसके दोनों मोटे मोटे बूब्स मेरे सीने से दब गए।
बस क्या बताऊं … कितना अच्छा लग रहा था उसके बूब्स के टच होने का अहसास।

पूजा मुझसे बहुत प्यार करती थी।
लेकिन मेरी उस तरह से हिम्मत नहीं हो रही थी कि मैं उसको अपने मन में चल रही चुदाई की भावना के बारे में बता सकूं।

गले लगने के बाद हम दोनों अलग हो गए।

फिर वो मेरे बैग को लेकर रूम में चली गई।
मैंने उसको लाई हुई चॉकलेट दी तो वो बहुत खुश हुई।
वो फिर से मेरे गले लग गई।
लेकिन इस बार कुछ ज्यादा देर तक लगी रही।

उसने मेरे गाल पर एक किस दिया और मुझे थैंक्यू बोला।
वो बोली- आप फ्रेश हो जाओ, फिर मैं आपके लिए खाना लगाती हूं।
मैंने कहा- ठीक है, लेकिन एक शर्त है, मैं खाना तभी खाऊंगा जब तुम अपने हाथों से खिलाओगी।

वो बोली- ठीक है, रात को मैं खिला दूंगी।
मैंने कहा- तो फिर ठीक है, अब मैं सीधे रात को ही खाऊंगा खाना।
फिर मैं कुछ देर के लिए लेट गया तो मेरी आंख लग गई।

जब उठा तो शाम के 4 बजे थे।
फिर चाय आ गई।
बुआ ने कहा- चाय पीकर बाजार चले जाना और वहां से सामान, कपड़े वगैरह ले आना।
बुआ ने पूजा को भी साथ में ले जाने के लिए कहा।

चाय पीकर मैं और पूजा बाजार के लिए निकल गए।
वो पीछे बैठी थी जिससे उसके बूब्स मेरी पीठ से टच हो रहे थे।
रास्ते में कोई गड्ढा आता तो मैं जानबूझकर ब्रेक लगा देता था ताकि उसके बूब्स और ज्यादा अच्छी तरह से मेरी पीठ में धंस जाएं।

पूरा रास्ते मैं ऐसे ही मजा लेता रहा।
मेरा लंड तना हुआ था और उसमें से पानी भी हल्का सा निकल आया था।
मेरा अंडरवियर हल्का गीला हो चुका था।

हम मोतिहारी पहुंच गए।

वो बोली- भैया भूख लगी है।
फिर हम लोग पहले पिज्जा खाने चले गए।
हमने साथ में पिज्जा खाया और कोल्ड ड्रिंक पीया।

इसके बाद हम लोग सुपर मार्केट के लिए निकल गए।
सुपर मार्केट से पूजा ने अपने लिए एक लहंगा-चोली भी खरीद लिया।

वहीं पर मैंने अपने लिए एक जींस-टीशर्ट खरीद ली।
पूजा को ब्रा-पैंटी भी लेनी थी लेकिन वो कहने में शर्मा रही थी।
मैंने कहा- कुछ लेना है तो जाओ, मैं यहीं रुकता हूं।
वो बोली- कोई बात नहीं, आप साथ में चलना चाहो तो चल सकते हो।

फिर हम लोग लेडीज अंडरगार्मेंट्स की तरफ चल दिए।
फिर वो पूछने लगी- कौन सा कलर लूं?
मैंने उसे एक पर्पल और स्काई ब्लू कलर का पैंटी सेट देखने के लिए कहा।

पूजा को भी वो ब्रा-पैंटी का सेट बहुत पसंद आया।
फिर बोली- मां के लिए भी एक ब्रा-पैन्टी लेनी है!
मुझे बुआ जी का साइज मालूम नहीं था।

फिर उसने सेल्स गर्ल को कहा- 36 D साइज की ब्रा दिखाना।
तब मुझे मालूम हुआ कि बुआ जी का साइज 36 D है।

पूजा बोली- मां के लिए कौन सा रंग लूं?
मैंने कहा- एक रेड कलर ले लो, और एक ब्लैक देख लो।

उसने वैसा ही किया।
हमने बिल पेमेंट की और वहां से निकल लिए।

मैंने चुपके से उसके लिए एक डेरी मिल्क चॉकलेट भी ले लिया था।
फिर वहीं पर हमें 10 बज गए।
हम घर के लिए निकल गए।

पूजा बाइक पर मुझसे बिल्कुल चिपक कर बैठी हुई थी।

लगभग 10 किलोमीटर चलने के बाद वो बोली- भैया, पेशाब लगी है!
फिर मैंने वहां से कुछ दूर आगे एक सुनसान इलाके में बाइक को रोक दिया।

वो उतर कर जाने लगी।
रात ज्यादा थी तो वो ज्यादा आगे नहीं गई।

जाकर वो अपनी सलवार खोलने लगी।
मुझे उसकी काले रंग की पैंटी दिख गई।

जब वो नीचे बैठी तो मुझे उसकी गोरी गांड भी दिखी।
मेरा तो लंड खड़ा हो गया।
मन कर रहा था चोद दूं उसको।
लेकिन मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी।

पेशाब करने के बाद वो वापस आ गई और हम फिर से घर के लिए निकल चले।
मैं बहुत धीरे बाइक चला रहा था।

हम काफी देर तक चुप ही बैठे रहे।
फिर वो बोली- भाई, एक बात कहूं बुरा न मानो तो?
मैंने कहा- भला मैं क्यों बुरा मानूंगा। तुम कुछ भी कह सकती हो।

वो बोली- मुझे आप अच्छे लगते हो!
मैं सोच में पड़ गया।
सोचा कि ये तो पहले से मुझे पसंद करती है।
मेरे मन में लड्डू फूटने लगे।

मैंने खुश होकर कहा- अच्छा? अच्छी तो मुझे भी तुम बहुत लगती हो।
वो बोली- मैं आपसे प्यार करती हूं।

वो सामने से इजहार कर रही थी तो मैं थोड़ा सकपका गया।
मैं कुछ बोल नहीं पाया।

वो बोली- कोई बात नहीं, अगर आप मुझसे प्यार नहीं करते तो कोई नहीं।

इतना बोलकर वो थोड़ा पीछे होकर बैठ गई।
मैंने कहा- अरे ऐसा कुछ नहीं है कि मैं तुमसे प्यार नहीं करता। लेकिन …
उसने पूछा- लेकिन क्या?

मैंने कहा- हम भाई-बहन हैं। ये सब ठीक नहीं रहेगा। समाज के लोग हमें जीने नहीं देंगे ऐसे!
वो बोली- हम लोग किसी को बताएंगे ही नहीं तो पता कैसे चलेगा?
मैंने कहा- लेकिन हैं तो हम भाई-बहन ही ना, ये सब ठीक नहीं है।

पूजा- लेकिन भाई-बहन होने से पहले हम लड़का-लड़की ही हैं। आपको एक लड़की की जरूरत है और मुझे एक लड़के की जरूरत है। मैं किसी और पर भरोसा नहीं कर सकती हूं। अगर आपने मुझे नहीं प्यार किया तो मैं मर जाऊंगी।
इतना कहकर वो रोने लगी।

मैंने बाइक रोकी और उससे कहा- अरे तुम तो रोने लगी! ऐसा नहीं करते।
मैंने उसको गले से लगाया तो उसने मुझे बांहों में भर लिया।

उसने फिर ऊपर देखा और मेरे होंठ पर होंठ रख दिए।
मैं एकदम से कुछ समझ नहीं पाया।

वो मेरे होंठों को चूसने लगी और मैं उसका साथ देने लगा।

मेरा लंड तन गया एकदम से और उसकी जांघों पर छूने लगा।

10 मिनट तक हम दोनों वहीं पर खड़े हुए किस करते रहे।
फिर मैंने अलग होकर कहा- अब हमें चलना चाहिए, काफी देर हो गई है।

फिर हम वहां से निकल पड़े।
करीबन 11.30 बजे हम घर पहुंचे।

जाकर हम रूम में गए।
जाते ही दोनों एक दूसरे से लिपट गए और किस करने लगे।

फिर वह बोली- मैं खाना लाती हूं।
मैंने कहा- खाने की भूख नहीं है, थोड़ी चाय ही पिला दो।

लेकिन इतने में बुआजी ने आवाज दे दी।
वो वहां से चली गई और मैं रूम में रह गया।

पूजा किचन में चली गई काम करने और मैं रूम में रह गया।
फिर मैंने चेक करने की सोची और पाया बुआ-फूफा रूम में लेटे हुए थे।
मैं वापस आ गया।

इतने में पूजा चाय ले आई और मेरी तरफ करते हुए बोली- चाय पी लो, लेकिन इसमें दूध कम है। कल खूब सारा दूध डालकर चाय दूंगी।
मैंने कहा- इसमें अपना ही दूध मिला दो, ये अमृत बन जाएगी।

कुछ देर तक हम बातें करते रहे।

फिर वो चाय का कप किचन में ले गई, फिर वापस आकर मेरी ही बगल में लेट गई।

हम लोग काफी थक गए थे।
पूजा को नींद आ गई लेकिन मेरी नींद उड़ी हुई थी।

मैं उसकी गांड से सटकर ले गया।
मेरा लंड कुछ पल में तन गया।
मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपने लंड पर रख दिया।

फिर दूसरे हाथ से मैं उसका नाड़ा खोलने लगा।
मैंने अंदर हाथ देकर उसकी पैंटी पर रख दिया।

उसकी चूत कपड़े के अंदर महसूस हो रही थी।

इतने में ही पूजा की नींद खुल गई।
उसने एकदम से मेरे लंड पर से हाथ हटा लिया लेकिन मैंने दोबारा रखवा दिया।

वो बोली- बाप रे बाप! कितना बड़ा लंड है!

मैंने अपने फोन का टॉर्च जला दिया और लंड पर कर दिया।
रोशनी में लंड चमक उठा।

वो मेरे लंड को हैरानी से देखने लगी।

मैंने कहा- एक बार चूम लो ना इसे!
वो ना-नुकर करने लगी।
मैंने उसकी चूची दबा-दबाकर उसको थोड़ी गर्म किया तो वो लंड को मुंह में लेने के लिए तैयार हुई।

उसने मेरे लंड को मुंह में भर लिया।
लेकिन मुश्किल से टोपा ही अंदर ले पा रही थी।

कुछ देर उसने लौड़ा चूसा और फिर ढेर सारा थूक उस पर उड़ेल दिया।
मेरे अंदर हवस चढ़ी थी इसलिए जोश के मारे लंड की नसें फटने को हो रही थीं।

कुछ देर चूसने के बाद मेरा माल निकल गया जो उसके मुंह में भर गया।
उसको उल्टी सी आने लगी तो वो बाथरूम में भागी, फिर कुल्ला करके वापस आई।

वह गुस्से में बोली- ऐसे कोई करता है क्या बहन के साथ?
मैं कुछ नहीं बोला।
फिर वो आराम से लेट गई।

मैंने उसकी सलवार को उतार दिया।
वो केवल अब पैंटी में थी।

फिर मैंने पैंटी को भी उतार दिया।
बहन की चूत पर मैंने मुंह रखा और चाटने लगा।

मुझे चूत चाटने में बहुत मजा आ रहा था।
इतना मजा आ रहा था कि क्या बताऊं।

वो भी मस्त होने लगी।
उसने मेरा सिर पकड़ कर चूत की ओर दबाना शुरू कर दिया।
हम लोग कोई भी आवाज नहीं कर रहे थे क्योंकि बगल वाले रूम में बुआ-फूफा सो रहे थे।

उनके जाग जाने का डर था।
फिर मैंने पूजा की चूत में उंगली डाली।
पहले एक उंगली से कुरेदने लगा।
वो लगातार सिसिया रही थी लेकिन अंदर ही अंदर – म्मम … ऊंह्हह …. स्स्स करके वो भीतर ही भीतर दिखा रही थी कि उसे कितनी उत्तेजना हो रही है।

फिर मैंने दो उंगली उसकी चूत में डाल दी।
उसको हल्का सा दर्द हुआ।

तुरंत मैंने उसका मुंह हाथ से बंद कर दिया।
मैं लगातार चूत में उंगली चलाता रहा।
फिर उसकी चूत में जीभ देकर चाटने लगा।

कुछ देर बाद उसकी चूत से ढेर सारा पानी बाहर निकल आया जो सीधा मेरे मुंह में गया।

मैंने बहन की चूत के रस की एक बूंद भी बेकार नहीं जाने दी और सारा रस पी गया।

मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा था।
वो बोली- भैया, आपने तो चूत चाटकर ही इतना मजा दे दिया।

मैंने कहा- अभी तो बस शुरुआत है, बहुत कुछ बाकी है अभी। मजा अभी और ज्यादा आने वाला है।

कहकर मैं किचन में चला गया।
वहां से मैं तेल की शीशी ले आया।

मैंने उसे शीशी थमा दी और बोला- जल्दी से मेरे लंड पर तेल लगाओ।

बहन ने मेरे लंड पर तेल लगा दिया।
उसने अपनी चूत पर भी तेल लगा लिया।

मैंने उसकी चूचियों को कसकर भींच दिया जिससे उसकी आह्ह निकल गई।

फिर मैंने होंठों से होंठों को कैद कर दिया।
Xxx बहन को किस करते हुए मेरे लंड में अब लगातार झटके लग रहे थे।
मैंने मुंह हटाकर कहा- जान, तुम्हें अब दर्द हो सकता है, सहना होगा।

वो बोली- कोई बात नहीं, जितना भी दर्द हो सह लूंगी। मैंने आपको अब से अपना पति मान लिया है। आप लंड को बाहर मत निकालना।
मैंने उसको आई लव यू बोलते हुए चूम लिया।
उसने भी कह दिया- आई लव यू हबी!

अब मैंने उसके मुंह में उसी की पैंटी ठूंस दी।
फिर लंड का टोपा चूत पर रखा और धक्का दे दिया।

जैसे ही लंड चूत में घुसा उसका मुंह लाल हो गया।
मैं आराम-आराम से लंड को अंदर डालता गया।
मैंने लगभग 3 इंच लंड उसकी चूत में घुसा दिया।

देखा तो उसकी आंखों में आंसू आ चुके थे।
मगर अब मैं पीछे नहीं हट सकता था।

मैंने जोर से एक धक्का और मेरा।
आधा लंड अंदर चला गया।
मगर पूजा को बेहोशी आ गई।

अब भी मैं नहीं रुका और 3-4 धक्कों में पूरा लंड घुसा डाला।
फिर मैं रुक गया।

कुछ पल बाद उसे होश आया।
पूजा को चूत में बहुत जोर का दर्द हो रहा था।

मैंने उसके चेहरे को सहलाया और उसकी चूचियों को भी सहलाया।
फिर उसे दिलासा देते हुए चुदाई शुरू की।

लगभग 5-7 मिनट चोदने के बाद पूजा को मजा आने लगा।
अब वो मेरा साथ देने लगी।
लेकिन हम कुछ भी आवाज नहीं कर रहे थे।

अब दोनों को चुदाई में खूब मजा आ रहा था।
वो भी गांड उचका कर लंड ले रही थी।
हम दोनों के होंठ लगातार मिले हुए थे।

30 मिनट की चुदाई के बाद मेरा माल छूटने को हो गया।
मैंने माल अंदर ही गिरा दिया और उसके ऊपर लेट गया।

फिर शांत होने के बाद मैंने कपड़ा उसके मुंह से निकाला।

मैंने सोचा वो नाराज हो रही होगी लेकिन वो बहुत खुश हो गई।
बोली- आज आपने मुझे एक लड़की से औरत बना दिया। मैं बहुत खुश हूं भैया।

मैंने समय देखा तो सुबह के 4 बज गए थे।
फिर हम सोने की तैयारी करने लगे।
वो उठकर बाथरूम गई तो उससे खड़ा नहीं हुआ जा रहा था।

फिर मैं ही उसको बाथरूम में ले गया।
वहां मैंने पेशाब किया, उसने भी पेशाब किया।

वो वहीं पर चूत धोने लगी।
मैंने भी उसकी मदद की।

फिर उसने आकर पैंटी पहन ली।

पूजा को मैंने दर्द की एक गोली दी और आराम करने के लिए कहा।
फिर उसे गले लगाकर सुला दिया।

मैं उसे बेड पर लिटाकर खुद सोफे पर जा सोया।
जब नींद खुली तो देखा बुआ हाथ में चाय लेकर खड़ी थी।

वो बोली- जा, चाय पीकर फ्रेश हो ले। मैं नाश्ता लगाती हूं।
मैं फ्रेश होकर नहाने लगा।

मैंने जींस और टीशर्ट पहन लिया।
फिर बॉडी स्प्रे लगाया।

मैंने अब पूजा को जगाया।

उसे हाथ लगाकर देखा तो बुखार आ रहा था।
इतने में बुआ भी आ गई।

मैंने कहा- रात को बहुत देर हो गई थी, हम थक गए थे इसलिए शायद इसको बुखार आ गया है। मैं इसके लिए दवाई लाता हूं।

फिर मैं मेडिकल शॉप से जाकर उसके लिए बुखार की दवा ले आया।
मैं साथ में गर्भ निरोधक गोली भी लाया था।
मैंने दोनों ही गोलियां उसे खिला दीं।

उस दिन के बाद जब भी हम दोनों को मौका मिलता हम लोग चुदाई करने में लग जाते थे।
इसके बाद मैंने पूजा की गांड चुदाई भी की।

बहन की गांड मैंने कैसे मारी, मैं आपको अगली कहानी में बताऊंगा।

आपको मेरी बहन की चूत चुदाई की कहानी कैसी लगी मुझे जरूर बताना।
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