सिस गांड Xxx कहानी में एक रात मैं अपने चाचा की बेटी के साथ सोया था. उसने सलेक्स पहनी थी, उसमें उसकी गांड नंगी जैसी दिख रही थी. मेरा लंड खड़ा हो गया.
दोस्तो, मेरा नाम निशांत है और मेरी उम्र 25 साल की है.
यह सिस गांड Xxx कहानी तब की है, जब हमारे घर में मेरी बहन की शादी थी.
हमारे घर में हम दोनों सगे भाई बहन हैं और मेरे चाचा की सिर्फ़ एक लड़की है.
वह मुझसे छोटी है. उसकी उम्र 18 साल की है.
वैसे तो मैंने कभी भी उसे गलत नजर से नहीं देखा था.
मेरी बहन की शादी दिसंबर में थी.
उस वक्त ठंड बहुत ज्यादा थी.
घर में मेहमानों के आने से जगह कम थी इसलिए हम सारे एक ही कमरे में सोए हुए थे.
शादी के सिर्फ तीन दिन बचे थे.
मेरे चाचा की लड़की मेरे बगल में लेटी थी.
इन दिनों वह रोज यहीं सोती थी.
मैं उसे देखने लगा.
उस वक्त न जाने क्यों मन में कामुक विचार आने लगे और वह लड़की मुझे बहन की जगह एक माल लगने लगी.
मैंने ध्यान दिया कि उसके बूब्स अभी छोटे छोटे से थे.
लेकिन उसकी गांड बहुत सेक्सी थी.
मतलब वह ना ज़्यादा मोटी और ना ही छोटी … एकदम मस्त माल थी और एकदम गोरी लौंडिया थी.
अगले दिन सब अपने अपने फोन चला रहे थे तो मैं भी अपना फोन देखने लगा था.
उसी वक्त वह बोली- भैया मुझे भी दिखाओ न … मैं भी देखूँगी.
मैं तब एक मूवी देख रहा था तो मैंने उसे भी अपने कान से एक इयरफोन का प्लग उसे दे दिया.
अब वह भी मुझसे चिपक कर मूवी देख रही थी.
वह बहुत सीधी-सादी सी लड़की है, तो उसे इस बात का कोई अहसास ही नहीं था कि उसका एक दूध मेरी बांह से दब रहा है.
उसके दूध की नर्मी से मेरे लौड़े की सख्ती बढ़ रही थी.
उस समय रात के 11 बजे का समय हो गया था और करीब करीब सब लोग सो गए थे.
बस हम दोनों ही जाग रहे थे और फिल्म देख रहे थे.
तभी वह बोली- भैया मुझे नींद आ रही है तो मैं सो रही हूँ. अब आप ही देख लो मूवी!
मैंने उससे प्लग लेते हुए कहा- ठीक है सो जा.
वह सो गई.
उसने उस दिन पजामी पहनी हुई थी.
कुछ टाइम बाद मैं भी सो गया.
उसके बाद मेरी आंख रात के करीब 2 बजे खुली.
मैंने देखा कि सब लोग सो रहे हैं और मेरा चेहरा चाचा की लड़की की तरफ था.
उसने अपनी गांड मेरी तरफ कर रखी थी.
उस समय सब लोग रज़ाई में घुसे हुए सो रहे थे.
एक रज़ाई में दो लोग सो रहे थे.
रज़ाइयां कम होने की वजह से मैं और मेरे चाचा की लड़की एक ही रज़ाई में सो रहे थे.
किसी को भी कुछ नहीं दिख रहा था. क्योंकि एक तो रूम में लाइट ऑफ थी और ऊपर से हम दोनों ने रज़ाई ओढ़ रखी थी.
मैंने महसूस किया कि उसकी गांड मेरे लंड से टच हो रही थी. उस टाइम मेरा 6 इंच का लंड खड़ा नहीं था.
मैंने धीरे से अपना हाथ आगे की तरफ किया, तो मेरा हाथ उसके नर्म नर्म चूतड़ों से टच हो गया.
उसकी पिछाड़ी बहुत ही कोमल ओर मुलायम थी.
मैं कुछ पल तो ऐसे ही लेटा रहा.
लेकिन फिर मैं अलग हो गया.
मुझे ऐसा लगा कि ये सब गलत है.
मैं अपना मुँह दूसरी तरफ करके सोने लगा.
मुझे अब नींद नहीं आ रही थी क्योंकि शायद मुझे उसकी गांड पसंद आ गई थी, जिसकी वजह से मैं सो नहीं पा रहा था.
मैंने उसकी गांड मारने का इरादा बनाया कि आज इसकी गांड मार लेता हूँ.
फिर जैसे ही मैंने उसकी गांड टच की थी तो वह एकदम ऐसे सो रही थी जैसे की वह बेहोश हो.
उसने करवट भी नहीं बदली.
मैं थोड़ी हिम्मत करके उसकी तरफ़ आगे की ओर हुआ.
मैंने अपना लंड अपनी पैंट से बाहर निकाल लिया था.
अब मेरा लंड बिल्कुल टाइट खड़ा हुआ था.
मेरा लंड उसकी गांड से टच हो गया था. मैंने थोड़ा ज़ोर लगाया तो मेरा लंड उसके दोनों चूतड़ों के बीच फंस गया.
मुझे बहुत मजा आ रहा था.
मुझे डर भी था की कहीं ये उठ ना जाए और सबको बता ना दे.
लेकिन वह बहुत ही गहरी नींद में सो रही थी.
लगभग 5 मिनट तक मैं ऐसे ही लेटा रहा.
उसके बाद मैंने सोचा कि इसकी पजामी नीचे सरका देता हूँ.
मैंने अपना लंड उसके चूतड़ों के बीच से निकाला और हौले से उसकी पजामी को नीचे की तरफ सरकाने लगा.
लेकिन वह काफी चुस्त थी तो नीचे को हो ही नहीं रही थी.
कुछ टाइम तक ज़ोर लगाने के बाद वह नीचे हो गई.
मैंने वह उसके गांड से नीचे कर दी.
अब मेरी हिम्मत और ज्यादा हो गई.
मैंने आराम से अपने लंड पर थूक लगाया और उसकी गांड के छेद पर लगा दिया.
उसकी गांड की गर्मी मेरे लौड़े के सुपारे पर महसूस होने लगी.
मैंने जरा तेज सा धक्का लगाया, तो मेरे 6 इंच के लंड का आगे का थोड़ा सा हिस्सा उसकी गांड में चला गया.
हालांकि उसकी गांड बहुत टाइट थी लेकिन ज्यादा ज़ोर लगाने से लंड का सुपारा अन्दर चला गया.
सुपारा घुसने से वह कुनमुनाई और मुझे अपने हाथ से पीछे को करने लगी.
में डर गया कि वह शायद जाग गई है.
वह करवट बदलने की कोशिश करने लगी लेकिन मैंने लंड अड़ाए रखा तो वह कुछ बोली नहीं … और ना ही उसने उठ कर कुछ देखा.
बस वह ऐसा कर रही थी मानो गहरी नींद में हो.
मैंने सोचा कि ये ही मौका है इसको दबोचने का … बस मैंने उसको अपनी बांहों में भर लिया और अपनी एक टांग उसकी टांगों के ऊपर रख दी ताकि वह बिल्कुल भी हिल पाए.
अब उसने कोशिश करनी बंद कर दी क्योंकि उसको समझ आ गया था शायद कि अब वह मेरी पकड़ से नहीं छूट सकती.
वह चुपचाप लेटी रही.
कुछ देर बाद मैंने एक ज़ोर का धक्का मारा तो इस बार मेरा आधा लंड उसकी गांड में चला गया.
मुझे उसकी गांड के अन्दर की गर्मी से बहुत मजा आ रहा था.
जबकि वह एकदम शांत पड़ी थी.
मैं हैरान था कि साली चिल्ला क्यों नहीं रही है.
यह ध्यान आते ही मैंने उसे देखा कि वह अपने होंठों को भींचे हुई रो रही थी.
इसका मतलब साफ था कि वह शुरू से ही जाग रही थी और मेरे लौड़े से मजा लेने के लिए राजी भी थी.
वह तो लंड अन्दर घुसा तो उसके दर्द से सिसक रही थी.
अब मैंने उसके मुँह पर अपना हाथ रख दिया और अपना पूरा लंड उसकी गांड में पेल दिया.
उसकी ऊँह ऊँह निकली.
उसकी गांड सच में बहुत टाइट थी और मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरा लंड किसी बियर की बोतल के मुँह में फंस गया हो.
बस बियर की बोतल फैलती पिचकती नहीं है और उसकी गांड खुल बंद हो रही थी, जिस कारण से मुझे ऐसा महसूस हो रहा था मानो लंड किसी छेद में फंस कर दब रहा हो.
अब मैंने धक्के देने शुरू कर दिए.
कुछ टाइम तो उसको दर्द हुआ, उसके बाद उसको भी मजा आने लगा.
वह भी अपनी गांड पीछे को धकेल कर लंड अन्दर बाहर करवाने लगी थी.
अब मेरा मन बढ़ गया था तो मैं अपनी बहन को पेट के बल करके उसके ऊपर चढ़ गया और लंड से गांड को तबीयत से बजाने लगा.
वह भी मस्त हो गई थी और अपने दोनों पैर फैला कर लौड़े को अन्दर बाहर ले रही थी.
कुछ देर बाद मेरा रस निकालने वाला था तो मैंने उसके बाजू में होकर उसकी गांड में ही माल निकाल दिया.
मैं कुछ टाइम तक उसकी गांड में लंड डाले हुए उसके साथ ऐसे ही लेटा रहा.
फिर मैं उसकी गांड से लंड निकाल कर उसकी बाजू में चित होकर लेट गया.
उसने भी कुछ नहीं किया.
मेरा लंड उसकी गांड के रस से सना ऐसे ही पड़ा रहा.
करीब 15 मिनट बाद मैंने अपना लंड उसकी गांड के रस से साफ कर लिया.
मैंने ध्यान दिया कि मेरे लंड पर अभी भी कुछ लगा हुआ है.
फिर में उठ कर बाथरूम में चला गया. उधर जाकर मैंने देखा कि मेरे लंड पर हल्का सा खू.न और उसकी टट्टी लगी थी.
उसको मैंने पानी से साफ किया और वापस आकर सो गया.
अब मुझे डर था कि कहीं वह सुबह किसी से इस बारे में बता ना दे.
सुबह मैंने उसे प्यार से देखा तो वह एकदम नॉर्मल बात कर रही थी.
मैंने उससे गुड मॉर्निंग कहा, तो मेरे साथ भी सामान्य व्यवहार कर रही थी.
ऐसा लगा मानो जैसे रात कुछ हुआ ही नहीं था.
वह मुझे देखकर हंस भी रही थी.
अब मैंने शादी की अगली रात को उसे अपने पास बुलाया और उसे अपने साथ लिटा कर उसकी गांड में प्यार से लंड पेला और उससे पूछा- कब से मरा रही हो?
वह हंस दी मगर कुछ नहीं बोली.
मैं समझ गया कि यह चुदक्कड़ हो गई है.
मैंने उंगली से उसकी चुत कुरेदी तो उसने सख्ती से मेरा हाथ अपनी चुत से हटा दिया.
मैंने उससे कारण पूछा तो वह बोली- वह छेद सिर्फ मेरे पति की अमानत है.
उसके बाद से जब भी मुझे मौका मिला, मैंने बहन की गांड मारी.
उसने मुझे बताया था कि वह अपनी सहेली के साथ डिल्डो से गांड चुदाई का खेल खेलती रहती है इसलिए उसकी गांड पूरी खुली हुई है.
पहली बार उसने मेरा लंड अपनी गांड में लिया था, जिससे उसे दर्द हुआ था.
तो दोस्तो, आपको मेरी चचेरी सिस गांड Xxx कहानी कैसी लगी, प्लीज जरूर बताएं.
[email protected]