सेक्सी फैमिली चुदाई स्टोरी में एक दिन मैंने चची को छत पर मूतती देखा, उनकी चूत भी देखी. तभी से मैंने चाची को चोदना चाहता था. पर मुझे क्या पता था कि चाची को भी लंड की जरूरत थी.
दोस्तो, मेरा नाम सिबू है और मैं 24 साल का हूँ. मेरा लंड 6 इंच का है.
यह सेक्स कहानी मेरी, मेरी 36 साल की बड़ी चाची और 34 साल की मेरी बुआ की चुदास की है.
मेरी यह सेक्सी फैमिली चुदाई स्टोरी वास्तविक घटना पर आधारित है, इसमें नाम और शब्दों के प्रयोग के अलावा कुछ भी झूठ नहीं है.
मैं अपने घर की छत पर जा रहा था.
सीढ़ी पर जो दरवाजा लगा था, वह छत के ऊपर से बंद था.
मैंने दरवाजे की लकड़ी की झिरी से झांक कर देखा कि मेरी बड़ी चाची छत से पानी निकलने वाले पाइप के सामने बैठ कर मूत रही हैं.
उनका मुँह दरवाजे की तरफ ही था, तो उनकी चूत और चूत से निकलता हुआ मूत मुझे साफ साफ दिखाई दे रहा था.
मैंने पहली बार किसी औरत की चूत देखी थी और वह भी एकदम पास से, मेरा मतलब मैं बस कुछ ही दूरी से देख रहा था.
मेरे दिल की धड़कनें बढ़ गई थीं क्योंकि मैंने पहली बार चूत को सामने से देखा था.
मैंने झट से अपना मोबाइल निकाला और उसे फ्लाइट मोड पर करके रिकॉर्डिंग करने लगा.
चाची की चूत से क्या छर्र छर्र करता हुआ मूत निकल रहा था और उनकी मूतने की मधुर आवाज सुनाई दे रही थी.
उनकी चूत का अंदरूनी भाग साफ दिख रहा था तो मुझे समझ आ रहा था कि चुदी हुई चूत भी कितनी गुलाबी दिखती है.
कुछ पल बैठी रहने के बाद चाची की चूत से मूत टपकना बंद हो गया और वे उठ कर दरवाजे के पास आने लगीं.
तभी मैं वहां से भाग कर नीचे अपने कमरे में चला गया और कमरे का दरवाजा बंद कर लिया.
अपनी सांसें संतुलित करने के बाद मैंने मोबाइल चलाया और वीडियो चालू करके चाची की चूत देखने लगा.
कुछ ही देर में लंड एकदम कड़क हो गया और मैंने लौड़े की मुठ मार ली.
मेरी एक आदत है कि जिस वक्त मैं लंड की मुठ मारता हूँ तो अपने लंड पर एक पॉलीथिन लपेट लेता हूँ.
इस तरह की पॉलीथिनों को मैं अपने बिस्तर के गद्दे के नीचे छिपा कर रखे रहता था.
जिस वक्त मैं मुठ मारने लगा तो एक हाथ से लंड हिलाना शुरू किया और दूसरे हाथ से पॉलीथिन निकाल कर लंड पर लपेट ली और जब लंड ने पानी छोड़ा, तो उसे पॉलीथिन में इकट्ठा करके बेड के नीचे फेंक दिया.
कुछ देर बाद उठ कर नीचे दुकान पर चला गया.
मेरा घर काफी बड़ा है तो सब लोगों का कमरा अलग अलग है. मेरा कमरा सबसे आखिरी वाला है.
सुबह मैंने देखा कि मेरे कमरे में मेरी बुआ झाड़ू लगा रही हैं.
वे मुझे देख कर मुस्करा दीं.
मैं कुछ समझ नहीं सका, बस अपने बिस्तर से उठ कर नीचे चला गया और चाय नाश्ता करके दुकान पर चला गया.
इसके कुछ दिन बाद की घटना है, मैं अपनी कोचिंग से घर आया.
तो मैंने देखा कि चाची का कमरा खुला है और वे अन्दर अकेली लेटी सोई हुई हैं. उनके ब्लाउज के नीचे के तीन बटन खुले हैं और उनकी दोनों चूचियां नीचे से बाहर लटक रहीं हैं.
यह नजारा देख कर तो मेरा लौड़ा सलामी देने लगा.
मैंने तुरंत अपना मोबाइल निकाला और अच्छे से कुछ फोटो ले लीं.
मुझे फ़ोटो लेते समय डर भी लग रहा था कि कहीं चाची जाग गईं, तो लफड़ा हो जाएगा.
लेकिन वे किसी चुदी पिटी रंडी की तरह गहरी नींद में सो रही थीं.
अगर उस वक्त मेरे घर में कोई और ना होता तो मैं वाकयी उन्हें चोद देता क्योंकि सामने खुली चूचियों को देखकर कोई क्यों छोड़ेगा?
फिर मैं अपने घर में कमरे में चला गया और इस बार उनकी चूचियों की वीडियो और फोटो देखकर मुठ मारने लगा.
उसी वक्त मेरी बुआ मेरे कमरे में मुझे चाय देने आयी थीं.
उन्होंने जंगले की ग्रिल से मुझे चूचियों की फोटो व वीडियो को देखते हुए देखा तो वे वहीं खड़ी होकर नजारा देखने लगीं.
कुछ देर बाद बुआ ने आवाज दी तो मैंने मोबाइल पर कुछ और देखना शुरू कर दिया और अपने लंड को पैंट के अन्दर कर लिया.
फिर मैं सही से बैठ गया तो बुआ चाय ले आईं और मुझे चाय देकर चली गईं.
इसके बाद मैं भी कमरे से दुकान पर जा कर बैठ गया.
कुछ दिन बाद गर्मियां की छुट्टियां में चाची के बच्चे अपने मामा के घर चले गए.
चाची जी, चाचा की वज़ह से नहीं गईं क्योंकि मेरे घर का व चाचा का खाना अलग अलग बनता है.
इसी वजह से मेरी चाची अपने मायके नहीं गईं.
फिर एक दिन चाचा किसी शादी में गए थे, वे बोल कर गए थे कि 12 बजे के पहले आ जाऊंगा.
लेकिन जब वह नहीं आए तो चाची को घबराहट होने लगी.
वे रात में मेरे पास आईं और उन्होंने आवाज देकर मुझसे कहा- अपने चाचा को फोन लगा कर पूछो कि कितनी देर में आएंगे.
उस वक्त मैं मस्त होकर सनी लियोनी कि चुदाई की फिल्म देखकर मुठ मार रहा था.
मैंने कमरे का दरवाजा बन्द नहीं किया था. बस कमरे की लाइट बंद करके लंड हिला रहा था.
चाची ने आवाज देने के बाद दरवाजे को हल्का सा धक्का दिया और वे अन्दर आ गईं.
मैं कानों में इयर फोन लगा कर सनी लियोनी की ‘आह आह.’ भरी चुदने की आवाजें सुन रहा था तो मैंने चाची की आवाज नहीं सुनी.
जब चाची ने अन्दर आकर मेरी मुठ मारने वाली हरकत को देखा तो वे एकदम से सन्न रह गईं.
वे उल्टे पांव कमरे से बाहर चली गईं और आवाज देने लगीं.
तभी चाचा भी आ गए.
चाची अपने कमरे में चली गईं.
इस घटना के बाद से चाची का नजरिया मेरे लिए बदल गया था.
अब वे जब भी मुझे देखती थीं, तो अपना पल्लू कमर पर बांध लेतीं.
और मैं देखने के अलावा कुछ कर नहीं पाता क्योंकि मुझे उनके साथ कुछ भी करने से डर लगता था.
वे भी समझ गई थीं कि इससे कुछ नहीं होगा.
कुछ दिनों के बाद उन्होंने मुझसे अपने लिए नींद की गोली का एक पत्ता मंगवाया.
उन्होंने ये कहकर दवा मंगाई थी कि उन्हें रात में नींद नहीं आती है.
मैंने उनकी दवा लाकर उन्हें दे दी.
मुझे रात में दूध पीने की आदत है.
हमारे घर में एक गाय है.
मम्मी एक गिलास दूध किचन में रख कर मुझे बुला रही थीं.
तभी चाची ने उनसे कहा- लाओ भाभी, मैं दे आती हूं.
मम्मी ने हां कह दी.
चाची ने उसी दूध के गिलास में अपनी नींद की दवाई पीस कर चम्मच से घोली और मुझे कमरे में दूध देकर चली गईं.
मैं भी दूध पीकर सोने लगा.
रात में लगभग एक बजे चाची मेरे कमरे में आईं और हल्की आवाज में मुझे जगाने लगीं.
लेकिन मैं दवा के असर से मस्त और बेफिक्र होकर सो रहा था.
चाची को जब यकीन हो गया कि मैं सो गया हूँ और सुबह से पहले नहीं उठूंगा.
तो उन्होंने दरवाजा लॉक किया और मेरी चड्डी को उतार दी
उन दिनों गर्मी का मौसम था, तो मैं केवल चड्डी पहन कर ही सोता हूँ.
चाची ने मेरे लंड को देखा, तो उनके मुँह से लार गिरने लगी और उन्होंने मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.
चाची ने कुछ ही मिनट तक लंड चूसा होगा कि मेरी नींद खुल गई और मैं नजारा देख कर सब समझ गया कि मामला क्या है.
मैं चुपचाप आंखें बंद किए पड़ा रहा और चाची की चुदास का मजा लेता रहा.
कुछ देर बाद चाची ने अपनी नाइटी उतार दी और वे अपनी चूत को मेरे लौड़े पर फंसा कर उसके ऊपर बैठ गईं.
चाची मेरे लंड की सवारी करने लगीं और अपनी चूचियों को खुद अपने हाथ से मसलने लगीं.
कुछ देर बाद मेरे लंड ने वीर्य छोड़ दिया तो वे मेरे वीर्य की गर्मी का अहसास करके खुद भी झड़ गईं.
चूत में लंड के रस को डलवाने के बाद वे लौड़े से उतर गईं. मैं आंखों को हल्की सी खोल कर देख रहा था.
वे अपनी चूत से अपने भतीजे के वीर्य को निकाल कर खाने लगी थीं.
कुछ देर बाद वे मुझे चड्डी पहना कर अपने कमरे में सोने चली गईं.
ये सब मेरी बुआ ने लाइव देखा था, वे जंगले की ग्रिल से सब देख रही थीं.
उस घटना के बाद मेरी बुआ ने भी मुझसे चुदवाने की सोची.
बुआ भी एकदम सेक्सी माल हैं.
बुआ को हमारे घर आए तीन महीने हो गए थे. फूफा जी की उम्र बुआ से दस साल ज्यादा थी तो उनसे चुदाई का काम नहीं होता था.
शायद बुआ की चूत भी लंड के लिए कुलबुला रही थी.
तो उन्होंने भी एक दिन बाद बड़ी चाची से नींद की दो गोलियां ले लीं.
उन्होंने भी रात में मुझे दूध देने के बहाने उसी गिलास में दवा मिलाकर दे दीं.
बुआ दूध का गिलास मेरे कमरे में रख कर चली गईं.
मैं पढ़ रहा था तो बुआ दूध पीने की कह कर चली गई थीं.
मैंने भी कह दिया था कि हां बुआ अभी पी लूँगा.
मैंने बिना दूध पिए ही उसे टेबल के नीचे छिपा कर रख दिया और लाइट ऑफ करके सो गया.
कुछ देर बाद बुआ कमरे में आईं.
कमरे में आते ही उन्होंने लाइट ऑन की और मुझे आवाज देकर बुलाने लगीं.
मैंने कोई उत्तर नहीं दिया, तो उन्होंने सोचा कि मैं गहरी नींद में हूं.
अब उन्होंने दरवाजा लॉक कर दिया और वे कपड़े उतारने लगीं.
पहले बुआ ने अपनी साड़ी उतारी, फिर ब्लाउज, फिर पेटीकोट आदि उतार दिया.
कपड़े उतारने के बाद वे मेरा लौडा चूसने लगीं और मेरे लंड को कड़क कर दिया.
फिर बुआ ने चाची के जैसे मेरे लौड़े पर अपनी चूत फंसाई और झटके से लंड को अपनी चूत में ले लिया.
बुआ ने हल्की सी आह की आवाज निकाली और हौले हौले लौड़े के ऊपर नीचे होने लगीं.
वे मस्ती में अपनी चूचियां मसलती हुई बोल रही थीं- आह चोद दे सिबू … चोद दे अपनी बुआ को … आह मिटा दे बुआ की प्यास … आह आह आह.
फिर बुआ ने चाची से एक कदम और आगे बढ़ाया.
उन्होंने मेरे मुँह में अपना मुँह डाला और जीभ को अन्दर बाहर करने लगी थीं.
मुझे यह कुछ अजीब सा लगा और मैंने भी तय कर लिया कि अब खेल खुल कर हो ही जाने दो.
मैंने आंख खोल दी और खुली आंखों से अपनी बुआ को देख कर मैंने सन्न रह जाने का ड्रामा किया.
मेरी सगी बुआ ही मुझे पेल रही थीं ना कि मैं उन्हें पेल रहा था.
फिर जब बुआ को यह अहसास हुआ कि मैं जाग गया हूं तो उनकी सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई.
उनकी चूचियां जो एकदम तनी हुई थीं वे भी बेचारी ढीली होकर बैठ गईं.
हालांकि बुआ समझ गई थीं कि मैंने दूध नहीं पिया था.
वे मेरे लंड के ऊपर से उठने लगीं कि मैंने उन्हें रोक दिया.
मजा तो मुझे भी आ रहा था क्योंकि मैं आज पहली बार अपने होशो-हवास में किसी की चुदाई कर रहा था … और चुदने वाली भी मेरी अपनी सगी बुआ थीं.
सपने में और कल्पनाओं में तो मैंने अपने घर की सारी औरतों को खूब पेला है मगर आज तो सचमुच में चूत चुद रही थी.
मैंने बुआ को जकड़ लिया और कमर उठाया कर पेलने लगा.
बुआ भी समझ गईं कि चुदाई का मजा ले लेना चाहिए.
फिर उन्हें चोदते हुए मैंने उनसे पूछा, तो उन्होंने पूरी कहानी बताई कि कैसे चाची ने मेरे लंड से चुदवाया था और अब ये देखकर उन्होंने भी दवा देकर मेरे लंड से खेलना चाहा था.
मैंने उन्हें कुछ नहीं बताया कि मैंने चाची को जागते हुए ही चोदा था, भले ही उनको मालूम नहीं हुआ था कि उनके भतीजे ने होश में रह कर उनकी चुदाई का मजा लिया था.
मेरा लौड़ा अभी भी एकदम टाइट खड़ा था.
मैंने बुआ को अब अपने ऊपर ठीक से बैठाया और एक नौसिखिए की तरह चोदने लगा.
कुछ ही सेकेंड बाद ही मेरा वीर्य निकलने को हुआ, तो मैंने बुआ को बताया.
उन्होंने कुछ नहीं बोला.
वे वैसे ही लंड पर चूत फंसाए हुई बैठी रहीं.
उन्होंने बस इतना कहा कि जब तू सब जान गया, तो आज मैं तुझे पूरा मर्द ही बना कर उठूँगी. आगे से यहां आने पर तुझसे ही अपनी चुदाई करवाऊंगी.
उस रात बुआ सारी रात मेरे लवड़े से खेलती रहीं और भोर में वह अपने कमरे में जाकर सो गईं.
सुबह जब मैंने चाची को देखा तो वह शर्माने को ढोंग कर रही थीं क्योंकि रंडी बुआ ने चाची को सब बता दिया था.
मैं उन्हें देख कर हंस दिया और वह भी खिलखिलाने लगीं.
अब जब भी हम दोनों को समय मिलता है, तो हम दोनों चुदाई करने लगते हैं.
एक बार तो मैंने बुआ को फ्रेश होने के समय भी चोद दिया था.
ये सब बातें मेरी माँ को पता चल गई थीं.
फिर क्या हुआ, वह सब मैं आपको अगली सेक्स कहानी में लिखूँगा.
दोस्तो, ये मेरी पहली सेक्सी फैमिली चुदाई स्टोरी है, अगर कहीं कुछ गलती हुई हो, तो मुझे जरूर बताएं.
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