यह नंगी बहन की चुदाई कहानी मेरी कमसिन टीनएज बहन के साथ पहले सेक्स की है. शुरू से ही हम दोनों एक साथ खेलते पढ़ते सोते थे तो आपस में पूरी खुले हुए थे.
दोस्तो, मेरा नाम राहुल है.
मैं जयपुर शहर का रहने वाला हूँ और एक सामान्य वर्ग के परिवार से हूँ.
मेरे परिवार में बहन व माता पिता हैं.
मेरे पिताजी एक होटल में काम करते हैं इसलिए वे दो हफ्ते या महीने में सिर्फ 1-2 दिन ही घर आ पाते हैं.
मेरी मां एक आगनबाड़ी में काम करती हैं, तो वे भी सारा दिन वहीं रहती हैं और शाम को घर वापस आती हैं.
आज मैं इस नंगी बहन की चुदाई कहानी में आपको बताऊंगा कि कैसे मैंने अपनी बहन के साथ सेक्स किया.
मैं और मेरी बहन ही घर पर रहते हैं.
बहन का नाम रीना है. उसकी हाईट 5 फुट 2 इंच है. उसका रंग गोरा है.
वैसे उसे गले से लगाना, गाल पर किस करना … ये सब मैं उसके साथ तब से करता आ रहा था, जब वह छोटी थी.
इसकी शुरुआत तब हुई, जब हम दोनों एक ही पलंग पर सोते थे.
उसने एक साथ सोने का कभी कोई विरोध नहीं किया था.
बल्कि उसे मेरे साथ किस करने में काफी मजा आता था और मुझे तो आता ही था.
मैं उससे एक साल बड़ा हूँ लेकिन मैंने उसके साथ कभी भी सेक्स की नजर से कुछ नहीं किया.
स्कूल की बड़ी क्लास में आने पर पापा ने उसे हॉस्टल में रख दिया.
वह पढ़ने में होशियार थी और उसके अच्छे भविष्य के लिए ही पापा ने उसे हॉस्टल भेजा था.
अब पापा उसे सिर्फ किसी त्योहार के से ही घर बुलाते थे. वह भी 1-2 दिन के लिए.
इसलिए बहन के साथ मैं उतना वक्त नहीं बिता पाता था, जितना मुझे उससे लगाव था.
यही सब होते होते वक्त कैसे निकल गया, कुछ पता ही नहीं चला.
मैंने 12वीं कक्षा की पढ़ाई गाव की पाठशाला से की थी. फिर घर से थोड़ी दूर स्थित एक कॉलेज में दाखिला ले लिया था.
मेरी बहन की भी 12 वीं की परीक्षा हो चुकी थी इसलिए वह अब घर पर ही आ गई थी.
हॉस्टल में रहने के बाद मेरी बहन काफी बदल गयी थी.
उसकी कमर चौड़ी और गांड फैल गई थी. उसके चूचे भी काफी बड़े हो गए थे.
उसे चूंकि हॉस्टल में सारा दिन कोई काम नहीं करना पड़ता था, बस खाओ पियो पढ़ो और पड़े रहो, इसलिए मेरी बहन काफी भर गई थी.
अब सारा दिन घर पर मैं और मेरी बहन दोनों ही रहते थे.
हम दोनों पहले की तरह फिर से करीब आ गए थे.
बात बात पर एक दूसरे को छूना एक दूसरे से लड़ना झगड़ना आदि यह सब पहले की तरह आम हो गया था.
एक रात छत पर हम दोनों खड़े-खड़े बातें कर रहे थे.
मजाक मजाक में उसने मेरे कंधे पर धीरे से हाथ मारा, तभी मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपनी खींच कर अपनी बांहों में जकड़ लिया.
जैसे ही मैंने अपनी बहन को अपनी बांहों में भरा, उसके बड़े-बड़े चूचे मेरी छाती पर जम गए.
एक पल के लिए लगा कि मैं जन्नत में हूँ.
तभी उसने कहा- छोड़ दो भैया … मम्मी आ जाएंगी.
यह बोल कर वह मुझसे खुद को छुड़ा कर भाग गई और नीचे कमरे में चली गयी.
उसके छूटने से मुझसे मेरा कुछ खो गया, ऐसा सा लगा. उसके बड़े बड़े चूचे मुझे मेरी छाती में अब भी धँसे से लग रहे थे.
अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था.
मैं कैसे भी करके बहन के साथ सेक्स करना चाहता था.
अगले दिन उसका जन्मदिन था तो मैंने सोचा कि उसे सुबह सुबह विश करूँगा.
पर फिर सोचा कि रात के 12 बजे ही करूँगा.
मैं रात में 11 बजे मम्मी के सोने के बाद बहन के कमरे में आ गया.
उस वक्त गर्मी का मौसम था तो वह दरवाजा खुले रख कर ही सोई हुई थी.
उस दिन मेरी बहन ने काली नाईटी पहनी थी.
मैंने उसे धीरे से जगाया और कहा- तुम्हारे लिए एक सरप्राइज है.
उसने कहा- अभी काफी रात हो चुकी है, कल दिन में दे देना.
मैंने थोड़ी सी जिद की.
वह भी मान गयी.
फिर मैंने उसकी दोनों आंखों पर हाथ रखे और उसे पकड़ कर खड़ी कर दिया.
वह बोली- किधर ले जा रहे हो?
मैंने कहा- चुप रहो बस … और चलती जाओ.
मैं धीरे धीरे उसे छत पर ले गया. मैं उसके पीछे चल रहा था तो मेरे लंड से उसकी गांड रगड़ रही थी.
उसके इस तरह के स्पर्श से मेरी उत्तेजना काफी बढ़ गयी थी.
मेरा लंड भी खड़ा होने लगा था जो उसे भी फूलता हुआ महसूस होने लगा था.
छत पर जाकर मैंने अपने दोनों हाथ हटाए, तो उसने देखा कि वहां एक छोटा सा चॉकलेटी केक और 4-5 मोमबत्ती जल रही थीं.
वह यह देख कर सब समझ गयी और उसने मुझे थैंक्यू कहा.
मैंने आंख के इशारे से उसे केक काटने के लिए कहा.
उसने मोमबत्तियां बुझा दीं और केक काट दिया. हम दोनों ने थोड़ा थोड़ा स केक एक दूसरे को खिलाया.
फिर मैंने बचा हुआ सारा केक उसके शरीर पर लगा दिया, जिससे वह थोड़ा सा गुस्सा हो गयी.
उसके बाद मैंने उसके सामने कुछ गिफ्ट रख दिए, जो मैं उसी के लिए लाया था. गिफ्ट्स में नए कपड़े, हाथ घड़ी, टेडीबियर, चॉकलेट और बहुत कुछ था.
उसने खुशी से मुझे हग कर लिया.
अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था. मैंने भी उसे अपनी बांहों में जकड़ लिया.
उसे कामुकता का अहसास होने लगा था, तो उसने कहा- छोड़ो, नहीं तो मम्मी आ जाएंगी.
मैंने कहा- काफी रात हो चुकी है, वे सो गई होंगी.
इस पर वह चुप रही और मेरी बांहों से चिपकी रही.
मैंने धीरे से उससे कहा कि 4 सालों में मैंने तुम्हें बहुत मिस किया.
उसने भी कहा- मैंने भी तुम्हें काफी मिस किया.
मैंने अचानक से उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे किस करने लगा.
इस पर उसने कुछ नहीं बोला और वह भी साथ देने लगी.
अब हम दोनों काफी जोश में आ गए थे.
किस करते समय मैं उसकी पीठ और गांड पर भी हाथ फेर रहा था, जिससे वह काफी उतेजित हो गई थी.
फिर मैंने दोनों हाथों से उसे ऊपर उठा लिया और उसे अपने कमरे में ले गया.
हम दोनों ने 5 मिनट तक और किस किया. मैंने उसे पलंग पर लिटा दिया. हम दोनों काफी शर्मा रहे थे क्योंकि पहले कभी बहन के साथ सेक्स नहीं किया था.
मैंने अपनी बहन की मैक्सी में हाथ दल कर उसकी ब्रा को खींचा और चूचों से नीचे कर दी.
उसके बड़े-बड़े चूचे मसल कर मेरा मन मचलने लगा.
मैंने भी अपनी टी-शर्ट उतार दी.
बड़े प्यार से मैंने उसे अपनी बांहों में भर लिया और मैक्सी के ऊपर से ही उसके चूचे और होंठों को चूसने लगा.
उसके बदन के खुले हिस्सों पर केक लगा हुआ था तो चाटने में काफी मजा आ रहा था.
फिर मैंने उसकी नाईटी उतार दी तो देखा कि उसने पिंक कलर की पैंटी और ब्लैक कलर की ब्रा पहनी हुई थी.
ब्रा चूचों से नीचे हो गई थी तो उसके दोनों चूचे एकदम तने हुए थे.
मैंने उसकी ब्रा पैंटी को भी उतार दिया और अपनी बहन को पूरी नंगी कर दिया.
मेरी बहन पूरी नंगी होकर मेरी बांहों में मचल रही थी.
उसकी बुर शायद अब तक कुंवारी थी, परंतु काफी बड़ी और फूली हुई देख कर लग रहा था कि कहीं किसी ने उसकी बुर चोद न दी हो.
मैंने भी ज्यादा दिमाग नहीं लगाया और अपनी पैंट उतार दी.
मेरा लंड मेरी बहन की बुर में घुसने के लिए बेताब हुआ जा रहा था.
मैं उठ कर गया और नारियल के तेल की शीशी ले आया.
मैंने उसे बिस्तर पर नंगी देखा, तो एकदम से गनगना गया और मैंने बहुत सारा तेल अपनी बहन की बुर पर टपका दिया.
उसकी चूत को तेल से तरबतर करने के बाद मैंने थोड़ा बहुत तेल अपने लंड पर भी लगा लिया.
बहन की चूत पर मैंने कुछ देर तक मालिश की और साथ ही अपनी एक उंगली उसकी चूत में अन्दर बाहर करने लगा.
अपनी चूत में उंगली करवाने से उसे काफी मजा आ रहा था.
अब मैंने अपना लंड बहन की चूत पर सैट कर दिया और धीरे से अन्दर सरका दिया.
वह आह आह करने लगी. मैं लगा था और धीरे धीरे लंड को चूत में अन्दर बाहर करने लगा.
बहुत सारा तेल लगा होने की वजह से मेरा आधा लंड अन्दर घुस चुका था.
मैं अपनी बहन के होंठों पर किस करने लगा.
वह अपना दर्द भूलने लगी, तो मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से बंद करते हुए एक जोर का धक्का दे दिया.
इस तगड़े धक्के से मेरा पूरा लंड एक बार में ही अन्दर घुसता चला गया.
चूंकि मैं भी नया नकोर फ्रेश माल था और मेरे लंड का धागा भी अब तक साबुत था.
तो लंड अन्दर पेलते ही हम दोनों के मुँह से एक साथ आहहह आहह … की एक तेज आवाज निकली.
वह तड़फ रही थी मगर लंड लिए जा रही थी.
अब तक उसकी चूत बहुत चिकनी हो चुकी थी इसलिए मुझे भी लंड अन्दर बाहर करने में बहुत मजा आ रहा था.
हम दोनों मादक सिसकारिया’ ले रहे थे.
कुछ देर बाद लंड चूत में आसानी से चलने लगा और हम दोनों चुदाई का मजा लेने लगे.
वह मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा रही थी और मेरी गर्दन में हाथ डाले हुई चुदवा रही थी.
मैंने बहन को चूमा और उससे कहा- लंड की घुड़सवारी करेगी?
वह समझ गई और उसने हां में सर हिला दिया.
मैंने उससे कहा- मुझे लंड निकालना पड़ेगा!
वह बोली- बिना निकाले ऊपर ले लो न!
मैंने कहा- हां चलो ठीक है.
अब मैंने उसकी टांगों को अपनी टांगों के ऊपर लिया और उसने भी मेरे लंड को अपनी चूत में फँसाए हुए ही ऊपर आने का प्रयास करना शुरू कर दिया.
मैंने उसे अपनी गर्दन से लटकने का कहा, वह लटक गई.
जल्दी ही हम दोनों बैठ गए थे.
तभी मैं नीचे लेटता चल गया और वह बिना लंड चूत से निकाले मेरे लौड़े के ऊपर आ गई.
कुछ ही देर में मैंने उसे सही से अपने लौड़े के ऊपर बिठा लिया था.
अब मैं नीचे से बहन की चूत में धक्के दे रहा था और वह ऊपर से अपने दूध हिलाती हुई मेरे लंड अपनी चूत को रगड़ रही थी.
मैं उसकी दोनों चूचियां पकड़ कर नीचे से गांड उठा उठा कर धक्के देने लगा.
वह मेरे होंठों पर झुक गई और मुझे चूमने लगी.
मैं भी अपनी बहन की मस्त जवानी का स्वाद लेने लगा.
इस तरह से मैंने 10 मिनट नंगी बहन की चुदाई की और पानी निकलते समय हमने हमने एक दूसरे को कसके बांहों में जकड़ लिया.
मेरे लंड से पानी निकल कर मेरी बहन की चूत में समाने लगा.
वह भी किसी पेड़ की कटी हुई डाली की तरह मेरे सीने पर ढह गई.
हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर अपनी अपनी सांसों को काबू में करने लगे.
इस तरह मैंने अपनी बहन की चुदाई की.
अब तो यह हाल हो गया है कि दिन में एक बार जब तक चूत चुदाई का मजा नहीं ले लेते हैं, हम दोनों से रहा ही नहीं जाता है.
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