मदर फक स्टोरी में मेरी माँ श्वेता तिवारी जैसी सेक्सी है पर थोड़ी मोटी है. वो ब्लू फ़िल्में देख कर अपनी चूत में बैगन घुसाती है. मैंने उसकी चूत गांड पेलने की सोची.
दोस्तो, मेरा नाम अरिया है और मैं राजस्थान के एक छोटे से गांव का निवासी हूँ.
हमारी ढाणी (बस्ती) करीब गांव से 1 किलोमीटर दूर चल कर एक पहाड़ की तलहटी में है क्योंकि हमने वहां खेत में मकान बनाए हुए हैं और वहां सिर्फ एक हमारा ही घर है.
बाकी बस्ती के घर खेतों से दूर हैं.
हमारे गांव के आस पास दूर दूर तक जंगल ही जंगल हैं और पहाड़ ही पहाड़ हैं.
मेरी फैमिली में मम्मी पापा और मेरा एक भाई है.
पापा बाहर रहते हैं और छह महीने में घर आते हैं.
मैं 6 फ़ीट का हट्टा-कट्टा सुडौल जवान युवा हूँ और मेरे लौड़े का साइज आपको मेरी मम्मी बताएंगी.
मैं बस इतना बता सकता हूँ कि में बचपन से एक नम्बर का मुठबाज़ हूं
अब बात करते हैं इस मदर फक स्टोरी के असली किरदार मेरी माल मम्मी के बारे में.
मम्मी का रंग गोरा है और एकदम गदराया हुआ बदन है.
उनका 36-30-38 का कातिल फिगर है.
मम्मी के बूब्स बड़े बड़े खरबूज जैसे हैं, दिखने में सख्त और दबाने में एकदम मक्खन से मुलायम.
उनके मम्मों पर डार्क ब्राउन कलर के बड़े बड़े निप्पल हैं.
उनकी थिरकती और मटकती गांड ऐसी लगती है मानो ऊंचे, उठे हुए दो विशाल पहाड़ हिल रहे हों.
कुल मिला कर कहूँ तो मम्मी एकदम पॉर्नस्टार जैसी दिखती हैं और उनकी इसी फिगर पर मैं फ़िदा हूँ.
रसीले होंठ, कमर तक लम्बे घने बालों का वे जूड़ा बना कर रखती हैं.
शक्ल से आप यूं समझें कि वे श्वेता तिवारी जैसी लगती हैं.
उन्हें देख कर मन तो करता है कि पटक कर चोद दूं, चुत चोद कर रंग पोत दूं और चुत पर अपना नाम लिख दूं कि यह चुत अब से अरिया की है.
खैर … कहानी पर आते हैं.
मेरी मम्मी अक्सर फोन चलाती रहती हैं और वे रात रात भर फ्री सेक्स कहानी की वीडियो देखती हैं.
एक रात मैंने उनके कमरे से मादक आवाज़ें आती हुई सुनी तो मैं कमरे के दरवाजे के एक छेद से अन्दर देखने लगा.
जैसे ही मैंने अन्दर देखा, मैं अचंभे में पड़ गया.
मेरी मम्मी नंगी पड़ी थीं और वे अपनी चूत में बैंगन अन्दर बाहर कर रही थीं.
मैं देखता रहा.
थोड़ी देर में मेरा लंड तन गया और मैं मम्मी के नाम की मुठ मार कर सो गया.
सुबह जब मैं उठा तो मैंने बिना देर किए मम्मी के फ़ोन की हिस्ट्री खंगालना शुरू की.
मैंने देखा कि मेरी मम्मी लगातार पोर्न वीडियो देखती हैं और उनकी फेवरेट वीडियो बड़े काले लंड से औरतों की चुदाई वाली है.
मेरे अन्दर का शैतान जाग गया और मैंने मम्मी फ़ोन में मम्मी बेटे की चुदाई वाले वीडियो का पेज खोलकर रख दिया.
जब रात को मम्मी ने पोर्न देखना शुरू किया तो वे अचंभे में देखने लगी कि मम्मी उचक उचक कर अपने बेटे से दुग्गी पिटवा रही है.
उन्होंने ये देखकर फ़ोन रख दिया और सोच में पड़ गईं.
मैंने उन्हें लगातार एक महीने तक इसी तरह मां बेटे की चुदाई के वीडियो दिखाने जारी रखे.
धीरे धीरे उनको यह सब अच्छा लगने लगा तो वे मुझे प्यार करने के बहाने रोज़ मेरे लंड पर टच करने लगीं और मुझे किस करने लगीं.
मैं समझ चुका था कि इस रांड को मेरा लौड़ा चाहिए.
एक रात मैं खिड़की से कूदकर मम्मी के कमरे में जा पहुंचा.
वीडियो में दृश्य ये था कि बेटा अपनी मम्मी को पेल रहा था और मेरी मम्मी चूत में उंगली कर रही थीं.
मैं अचानक से बोला- ये सब करना है क्या?
मेरी मम्मी मुझे देखकर घबरा गईं और जल्दी से सलवार पहनने लगीं.
मैंने भागकर सलवार उठा ली और कहा कि अब कोई फायदा नहीं है … साली रांड तेरी दुग्गी पिट कर रहेगी क्योंकि तेरा तमाशा मैं एक महीने से देख रहा हूं कि सारा मज़ा बेंगन और खीरा ले रहा है … हम मर गए थे क्या? या मेरे लौड़े में कांटे लगे हैं?
मम्मी सकपका कर मेरी बात सुनती हुई मुझे देखने लगीं.
मैं- पर तुझे रोज़ रोज़ की इतनी खुजली क्यों है? बता न साफ साफ बता दे … मैं तेरी खुजली शांत भी कर दूंगा और किसी को कानों कान खबर भी नहीं होगी!
मम्मी ने मेरे मुँह से खुला ऑफर सुना तो वे कहने लगीं- बेटा क्या करूँ, तेरे पापा महीनों तक घर नहीं आते हैं. मुझसे रहा नहीं जाता है.
मैं- तो मुझे बोल देतीं न … मैं करता तुम्हारा बंदोबस्त!
मम्मी- क्या करूँ, मुझे पता नहीं था कि मेरा बेटा मेरी तकलीफ दूर कर सकता है!
मैं- तो अब तो पता चल गया न … अब बन जा घोड़ी और ले ले मेरा लंड अपनी भोसड़ी में … फिर देखना मैं कैसे तेरी चीखें निकलवाता हूँ.
मम्मी ने मेरी ऐसी भाषा सुनी तो वे भी रंडी बन कर उसी भाषा में बात करने लगीं- साले भोसड़ी के, तू निकलवाएगा चीखें … तेरे जैसे 2 तो मैंने इसी चूत से निकाल दिए!
मैं- फिर बन कुतिया, आज देखते हैं कि कौन जीतता है और कौन हारता है!
मम्मी- नहीं, तेरा भाई जाग जाएगा. उसके होते ये सब नहीं हो सकता क्योंकि उसे भी मुझ पर शक था कि मैं फोन में कुछ देखती हूँ!
मैं- तो फिर क्या करें?
मम्मी- कल रात थोड़ी दूर वाले खेत में चलते हैं. वहां कल से फसल में पानी लगना है. वह इलाका बिल्कुल पहाड़ी की जड़ में है … वहां कोई नहीं आएगा. अगर आवाज़ें आई भी तो लोग समझेंगे कि रात को भूतनी आवाज़ें निकालती है. वही आवाजें आ रही होंगी!
हमारे यहां गांवों के लोग अक्सर पहाड़ी क्षत्रों में भूतनी की आवाजों की अफवाहों से डरते हैं.
मुझे भी मम्मी की यह बात एकदम मस्त लगी.
अगली रात मैंने भाई से कहा- तुम आराम करो, तुम्हें बुखार है. मैं और मम्मी खेतों में पानी लगाने जाएंगे.
फिर मैं और मम्मी खेत में पहुंच गए.
वहां दो खेतों में फसल लहलहा रही थी.
हम उन दोनों खेत के बीच वाली मेड़ पर बैठ गए.
मैंने मम्मी को पीछे से पकड़ लिया और उनके बोबे पीने लगा, उन्हें किस करने लगा.
जल्दी ही मैंने उनको नंगी कर दिया.
मैंने उसके बाद मम्मी को घुटनों के बल बैठा दिया और उनसे मेरा कच्छा उतारने को कहा.
जैसे ही मम्मी ने एकदम से मेरा कच्छा नीचे किया, मेरा लंड टन्न से जाकर मम्मी में मुँह पर जा लगा.
मेरा 8 इंच का आधा सोया हुआ लौड़ा देखकर मम्मी की आंखें फिर गईं.
मम्मी- हाय मैं मर गई … इतना बड़ा … मैं तो मर ही जाऊंगी … ये तो अभी सोया हुआ है … खड़ा होगा तो कितना बड़ा होगा? ये मुझे चीर ही डालेगा! मुझे नहीं चुदवाना!
इतना कहकर मम्मी भागने लगीं!
तो मैंने उन्हें पकड़ लिया.
मैं- अरी साली रांड … तू तो कह रही थी कि तेरे जैसे मैंने दो निकाले हैं इसी चूत से … अब क्या हुआ … डर गई क्या?
मम्मी ने यह सुना तो वे भी तैश में आ गईं- आ जा मादरचोद! मेरा दम भी देख ले तू … आज तेरा लौड़ा कैसे खाती हूँ … बताती हूँ तुझे!
मम्मी ने मेरे लंड को पकड़ लिया तो वह फूलने लगा और उसे फूलते देख कर मम्मी हैरान रह गईं.
मेरा काला हब्शी लंड पूरा खड़ा था और 12 इंच का हो गया था.
मैंने मम्मी से लंड चूसने को कहा, तो वे मना करने लगीं.
वे बोलीं- मुझे नहीं आता!
उस वक्त मुझे पता चला कि आज तक मेरे पापा ने न तो मम्मी के मुँह में दिया था और न ही उनकी गांड मारी थी.
मैं- नहीं आता तो क्या हुआ? मैं सिखा देता हूँ!
मैंने अपना लंबा और मोटा लंड मम्मी के मुँह में दे दिया और मुँह में आगे-पीछे करने लगा.
जब मेरा इस सब से मन भर गया तो मैंने मम्मी को जमीन पर लिटाया और उनकी टांगें खोलकर चूत में लंड सैट कर दिया.
मम्मी लंड की गर्मी से मस्त होती हुई बोलीं- आराम से … कहीं मैं मर न जाऊं!
मैंने मम्मी की दोनों टांगें उठाकर अपने दोनों कंधों पर रख लीं और लौड़े की नोक से चुत की दरार को रगड़ने लगा.
मम्मी की चुत चिकना पानी छोड़ रही थी तो लंड को भी तैश आ रहा था.
तभी मैंने पूरी ताकत से मम्मी की चूत में अपना थोड़ा सा लंड घुसेड़ दिया.
मम्मी की एक हल्की आह निकली.
सुपारे ने चुत की फांकों को चीर दिया था तो वे उसे बैगन समझ कर झेल गई थीं.
फिर दूसरे करारे झटके में मैंने अपने लंड लगभग 7 इंच से ज्यादा हिस्सा चूत में घुसेड़ दिया था.
मदर फक सेशन में इस बार उनकी आंखें उबल आईं और उनका गला एकदम से चोक हो गया.
वे मछली की तरह तड़फने लगीं.
अब बाकी जो लंड बाहर बचा था, उसके लिए मैंने मम्मी के दोनों कंधों को कसकर पकड़ लिया.
शायद मम्मी अभी भी होश में नहीं थीं.
तभी मैंने जोर का झटका लगाकर मम्मी की चूत में पूरा लंड फँसा दिया.
इस बार मम्मी इतनी जोर से चीख उठीं कि अगर पास में किसी को यह आवाज़ सुनाई दी होगी, तो उसने पक्का यही सोचा होगा कि भूतनी है.
लेकिन यहां तो मेरी मम्मी चुद रही थीं.
मेरी मम्मी मेरे ही लंड के नीचे अपनी चुत हिलाने की कोशिश की मगर वे सफल न हो सकीं.
वे ‘उई … आह … मर गई … छोड़ दे, मैं मर जाऊंगी!’ कर रही थीं.
चीखने-चिल्लाने की मम्मी को पूरी आज़ादी थी क्योंकि वहां भूतनी के डर से कोई नहीं आने वाला था.
मगर दर्द हुआ, तो उनकी तेज चीख निकल ही पड़ी.
चीख सुनते ही मैं हँसने लगा.
मैं- तेरी गांड तो अभी से फटने लगी, कुतिया!
मम्मी ने रोते हुए कहा- कहां कुत्ते! वह तो बीस साल पहले ही फट चुकी है! तू तो बस चोद ले! मेरे दोनों छेद की सील खोलने वाले तो मर्द अलग थे.
मैं- कुतिया … उनके लंड से आगे की चूत मैं आज फाड़ने वाला हूँ तेरी!
फिर मैं मम्मी को एक बेहरम कसाई की तरह चोदने लगा.
करीब पाँच मिनट में मम्मी मेरा साथ देने लगीं और ‘आह आह आह! और जोर से!’ बोलने लगीं.
मैं जितनी ताकत से मम्मी को चोदता, वे उतना ही जोर से चोदने को कहतीं.
उनकी आवाज सुनकर मैं और ताकत से लंड को चूत में डालता.
चूत के साथ इस जोरदार युद्ध में आज भी जीत तो चूत की होनी थी, लंड तो उलटी करके ही ढीला होने वाला था.
ऐसा करते-करते मुझे पौन घंटा हो गया और मम्मी भी दो बार झड़ चुकी थी.
तभी मम्मी बोलीं- कुत्ते! कितना चोदेगा? मेरी चूत में जलन होने लगी है, अब बस कर!
तभी मुझे लगा कि मेरा निकलने वाला है.
मैं- मेरी रंडी! मेरा पानी निकलने वाला है!
मदर फक का मजा लेती हुई वे बोलीं- कुत्ते! अपने लंड का माल तो मुझे चखा दे … अन्दर मत डालना!
तभी मैंने लंड बाहर निकाल लिया और मम्मी के मुँह में डाल कर उनके सिर को पकड़ कर उनका मुँह चोदने लगा.
एक मिनट बाद मेरे लंड ने इतना ज्यादा वीर्य उगला, जितना तीन लंड से वीर्य निकलता है.
अपने लंड से रस उगल कर मैंने मम्मी के मुँह को पूरा माल से भर दिया.
मम्मी ने माल गटक कर मेरा लंड साफ कर दिया.
दस मिनट तक हम वहीं पड़े रहे.
मैं- कैसा लगा मेरा काम?
मम्मी- हां तो! तूने ऐसे चूत मारी है कि मेरी चूत फट गई! तूने मुझे चलने लायक नहीं छोड़ा!
मैं- अभी तो चूत ही फटी है, अभी गांड बाकी है!
इतना सुनते ही मम्मी डर गईं और बोलीं- एक बार चूत में लिया तो चूत फट गई! और कुंवारी गांड में लूँगी तो क्या होगा?
‘कुंवारी? तुम तो कह रही थीं कि दोनों छेद खुल चुके हैं!’
‘खुल चुके हैं मतलब आम इंसान के लंड से … तेरे जैसे घोड़े छाप लंड से नहीं!’
मेरी मम्मी जानती थीं कि अपनी गांड में मेरा हब्शी लंड लेने का मतलब क्या था.
मेरा लंड लेने की वजह से मेरी मम्मी की गांड हमेशा के लिए बोरिंग पाइप जैसी बनकर रह जाएगी.
मम्मी ने कहा- मैं गांड में तेरा लंड नहीं ले पाऊंगी! मुझे मरना नहीं है!
मैंने जैसे-तैसे चुम्मा-चाटी करके, डरा-धमका कर मम्मी को गांड मरवाने के लिए राजी कर लिया.
इस बार मैंने मम्मी को लंड चूसने को कहा.
वे आनाकानी करने लगीं.
मैं- अबे गांडू औरत … बारह इंच को गांड में सूखा लेगी तो मर जाएगी! इसे चूस कर जितना ज्यादा गीला करोगी, दर्द उतना कम होगा!
मम्मी- मैं दर्द में मरना चाहती हूँ! तू घुसा साले बिना चूसे!
बस फिर क्या था, मैंने मम्मी को घोड़ी बनाया.
मैंने ढेर सारा थूक अपने मोटे लंड पर लगाया.
फिर मम्मी की गांड में थूका और उन्हें कुतिया की तरह झुका कर अपना लंड उनकी गांड पर सैट कर दिया.
मम्मी की सांसें अटक गई थीं, जैसे मौत उनकी गांड पर खड़ी हो!
फिर मैंने अपने लंबे और मोटे लंड का सुपारा मम्मी की गांड के छेद में सैट किया और पूरी ताकत लगाकर एक ही झटके में पूरा लंड गांड में ठोक दिया!
अचानक से हुए इस वार से मम्मी चिल्ला दीं- हाय मम्मी … मर गईईई!’
वे आगे की ओर गिर पड़ीं.
मैं उनके ऊपर जा गिरा और मेरा लंड बाहर निकल गया.
जैसे ही मैंने फोन की टॉर्च जलाकर देखा तो इस झटके से मेरी मम्मी की टट्टी निकल गई थी.
मम्मी की हालत बेहोशी जैसी होने लगी.
वे अपनी गांड पकड़कर तड़प रही थीं.
वे ‘हाय … हाय … फट गई.’ कर रही थीं.
मैंने मम्मी को उठाया और पास के खेत में चल रहे पानी से उनकी गांड से टट्टी धुलाई.
फिर उन्हें पानी पिलाया.
मम्मी का दर्द देखकर मैंने कहा- चलो मम्मी, चलते हैं! फिर कभी कर लेंगे!
मम्मी- मैंने 12 इंच लंड से अपनी गांड की टट्टी निकालने वाले बेटे को जन्म दिया है! मैं हार नहीं मानूँगी! तू तो बस फाड़ दे, चीर दे, चिथड़े-चिथड़े कर दे मेरी गांड के!
बस फिर क्या था … मैं जोश में आ गया!
मैंने मम्मी को उल्टा लिटाया और लंड गांड में सैट कर दिया.
मेरी मम्मी ने दोनों मुट्ठियों में खेत की मिट्टी भींच ली और अपनी चुन्नी अपने मुँह में ठूंस ली.
फिर मैंने अगले दो झटकों में आधा लंड ठोक दिया.
मम्मी दर्द से बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगीं.
वे चिल्लाईं- ऊईई ऊईई ऊईई … मर गई बचाओ बचाओ … मर गई बेटा, बाहर निकाल … बहुत दर्द हो रहा है … मुझे नहीं करवाना!
मगर मैं नहीं माना.
मैंने अगले ही झटके में अपना पूरा लंड मम्मी की गांड में ठूंस दिया.
वे और जोर से चिल्लाईं- ऊई बहन के लौड़े, मारेगा क्या? आराम से डाल न मादरचोद!
मैं- रंडी, तेरी गांड फट गई क्या सचमुच?
मम्मी की गांड फट गई थी.
इसकी गवाही मेरे 12 इंच लंबे लंड के सुपारे पर लगा खू/न बता रहा था.
मैंने लंड बाहर निकाल कर मम्मी को दिखाया और कहा- देख रंडी, आज तेरी गांड फटी है!
मम्मी कराहती हुई बोलीं- आह कुत्ते, तूने मुझे कहीं का नहीं छोड़ा आज!
मैं- अब तो तू गधे का लंड भी ले लेगी पूरा!
‘तू साले किसी गधे के लंड से कमजोर लंड वाला है क्या?’
मैं हंस दिया और एक बार फिर से मैंने मम्मी की गांड में लंड ठोक दिया.
मम्मी चाहकर भी कुछ नहीं कर पाईं.
मगर उनकी आंखों से निकलते आंसू उनके दर्द को बयां कर रहे थे.
उधर, मैं अपने लंड पर गुरूर करते हुए मम्मी की गांड की ठुकाई करने लगा.
मम्मी की दर्द से हालत खराब होने लगी. लेकिन दस मिनट बाद, जब लंड की जगह बन गई, तब मम्मी गांड हिलाकर लंड अन्दर लेने लगीं.
अब तक मुझे पसीने आने लगे थे.
वे अब मुझे गाली देने लगीं- क्या हुआ बहन के लौड़े? चोद ना! इतना ही है तो अब तू घुस जा मेरी गांड में! बहन के लौड़े, पेल जोर से, हरामी, कुत्ते कहीं के!
मैं गालियां सुनकर भड़क गया और गांड पर थप्पड़ मारकर गांड फाड़ने में जुट गया.
मम्मी भी लगातार चूत से रस बहाकर चुदाई का मजा लेती रहीं.
चूत से छूटते काम रस से मम्मी के शरीर में थकान आने लगी.
मैं पूरी ताकत से मम्मी को चोदकर उन्हें अपने लंड से जीतना चाहता था.
हम दोनों घमासान चुदाई करते रहे.
मम्मी की चीखों से आसपास के पक्षियों ने ही सुना होगा क्योंकि आदमी तो दूर-दूर तक नहीं था, तो उन पक्षियों को भी यकीन हो गया होगा कि आज किसी की मम्मी-बहन चुद रही थी!
मम्मी मेरे नीचे थीं, मगर हम दोनों को किसी भी बात की कोई परवाह नहीं थी.
हम तो बस एक-दूसरे से चुदाई का भरपूर मजा ले रहे थे!
करीब आधा घंटे तक गांड मरवाने के बाद मम्मी का खड़ा रहना मुश्किल हो चुका था.
मगर मम्मी को पता था कि मैं जल्दी ही झड़ने वाला हूँ. इसलिए वे हिम्मत करके गांड उठाकर चुदती रही.
मैंने मम्मी की चोटी पकड़ कर उनकी गर्दन में भी दर्द कर दिया.
इस कारण मम्मी भड़क गईं और मुझे लगातार गंदी-गंदी गालियां देने लगीं.
मगर मुझे गालियां सम्मान लग रही थीं.
मम्मी की टांगें कांप रही थीं.
फिर वे कुतिया बनकर हिम्मत से खड़ी हुईं.
मैंने देखकर हँसा और कहा- चाहे तुझ जैसी रंडी की चूत कितनी भी खुली हो, मेरा लंड झेलना आसान नहीं है!’
मम्मी- तू जीत गया, मैं हार गई बेटे!
फिर मैं मम्मी की गांड में झड़ गया और लंड बाहर निकाल लिया.
मेरे लंड बाहर निकालते ही मम्मी गिर गईं और बेहोश हो गईं.
आखिर इतना बड़ा लौड़ा जो उन्होंने अपने दोनों छेदों और मुँह में बेरहमी से झेला था!
अपनी गांड में पहली बार इतना लंड लेने से उन्हें बेहोशी तो आनी ही थी.
थोड़ी देर में मम्मी को होश आया और हम दोनों घर चले गए.
सुबह भाई ने कहा- मुझे रात को भूतनी की आवाजें सुनाई दीं!
हम दोनों मम्मी और मैं उसकी बात पर हँस रहे थे.
अब मैं रोज मम्मी को चोद लेता हूँ.
मम्मी को मैंने पॉर्नस्टार बना रखा है. उनकी गांड अब 5 इंची बोरिंग पाइप बन चुकी है.
आपको मदर फक स्टोरी कैसी लगी, जरूर बताएं.
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