हॉट स्टेप मदर स्टोरी में मेरे पापा मेरी सौतेली मम्मी को रोज चोदते थे. मैं आवाजें सुनता था. एक बार पापा लम्बे समय के लिए बाहर गए तो मम्मी बारिश वाली रात मेरे कमरे में आ गयी.
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम मनु है. मैं राजस्थान के जयपुर का रहने वाला हूँ.
मैं इस साइट का नियमित पाठक हूँ और आज भी यहां प्रकाशित हर सेक्स कहानी को पढ़ता हूं.
मैं पहले आपको मेरे बारे में बता देता हूँ.
जैसा कि आपने ऊपर पढ़ा कि मेरा नाम मनु है. मेरी उम्र 19 साल है मेरा कद 5 फुट 7 इंच का है.
मैं दिखने में थोड़ा सांवला हूँ लेकिन मेरी बॉडी बड़ी ही हॉट है और मैं काफी स्मार्ट भी हूँ.
मेरे औजार की साइज सामान्य से बड़ा है.
मेरा मानना है कि मेरा औजार किसी भी स्त्री को संतुष्ट करने के लिए काफी है.
यह हॉट स्टेप मदर स्टोरी मेरे और मेरी सेक्सी मॉम के बीच की है.
मेरी मॉम सौतेली हैं, जिनके साथ डैडी ने दूसरी शादी की थी.
यह शादी उन्होंने मेरी मां की मृत्यु के बाद की थी.
उस समय मैं छोटा था तो मुझे अहसास ही नहीं था कि यह मेरी सौतेली मां हैं.
मॉम ने भी मुझे अपना बेटा समझ कर ही पाला था.
मेरी मॉम का नाम शारदा (बदला हुआ नाम) है. उनकी उम्र 44 साल की है.
वे दिखने में बिल्कुल कड़क माल़ लगती हैं. उनका फिगर 38-30-40 का है.
मेरे परिवार में हम 4 सदस्य हैं. मेरे डैडी शहर से बाहर रह कर अपना काम करते हैं. वे एक कॉन्ट्रेक्टर हैं.
मॉम घरेलू कामकाजी महिला हैं.
मेरी एक बड़ी बहन है, जिसकी उम्र अभी 22 साल है. वे अपनी कॉलेज पूरी कर चुकी हैं और अब कंपटीशन की तैयारी कर रही हैं.
मैं अभी 12वीं पास करके कॉलेज कर रहा हूँ.
पिछले कुछ महीनों से मेरे डैडी का काम धंधा नहीं चल रहा था इसलिए वे घर पर ही रहते थे.
मॉम डैड रोजाना रात को चुदायी करते थे.
यह मुझे इसलिए मालूम है क्योंकि मेरे बाजू में ही उनका कमरा है, तो रात को डैडी जब भी मॉम की चुदायी करते तो मॉम जोर जोर से आह आह … की आवाजें निकालती.
मॉम की आवाजें मुझे साफ साफ सुनाई देती हैं.
इस बार डैडी को घर आए 6 महीने से अधिक हो गए थे.
अब उनका जाना भी जरूरी हो गया था क्योंकि सिर्फ डैडी ही हमारा घर चलाते थे.
थोड़े ही दिन बाद डैडी के लिए बाहर से फोन आ गया कि उनके लिए एक काम आया है.
डैडी बिना देर किए कमाने के लिए घर से चले गए.
दोस्तो, आपको भी मालूम है कि एक औरत 40 के बाद भी और भी सेक्सी हो जाती है और उसका मन ज्यादा सेक्स के लिए करने लगता है.
जैसा कि मैंने बताया कि डैडी को आए 6 महीने हो गए थे और डैडी मॉम को रोजाना चोदते थे … इसलिए मॉम को भी अब चुदाई की लत लग गई थी.
यह महीना मार्च का था और सर्दी अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई थी इसलिए हम अभी भी रात को कंबल ओढ़ कर ही सोते थे.
हालांकि अब सर्दी इतनी नहीं रही थी इसलिए रात को पंखा चलाकर सोते थे.
मैं जब छोटी क्लास में था, तभी से मुठ मारने लग गया था जिससे मेरे लिंग का साइज और भी बड़ा हो गया था.
इससे पहले भी मैं अपनी जीएफ के साथ सेक्स कर चुका हूँ और अपने बड़े लंड की जरूरत के चलते कुछ और लड़कियों की चूत का भोसड़ा बना चुका हूँ.
एक दिन की बात है मैं अपने कमरे में पंखा चलाकर मोबाइल में ब्लू फिल्म देख रहा था और अपने लंड को हिला रहा था.
कि तभी अचानक लाइट चली गई और कमरे में अंधेरा हो गया.
तभी मुझे अहसास हुआ कि बाहर बारिश होना शुरू हो गई थी, जिसके कारण लाइट चली गई थी.
उस समय 10 बज रहे थे.
खैर … मुझे किसी बात से क्या लेना देना था, मैं तो बस अपनी मस्ती में अपना लंड हिला रहा था.
तभी अचानक से मॉम ने मेरे कमरे का दरवाजा खोला और अन्दर आ गईं.
मैं अपने कमरे को लॉक करना भूल गया था.
जैसे ही मॉम ने मेरे रूम का दरवाजा खोला, मैं झट से कंबल के अन्दर सर करके सोने का नाटक करने लगा.
मॉम वहीं दरवाजे के पास खड़ी होकर मुझे आवाज देने लगीं लेकिन मैंने कुछ नहीं बोला और चुपचाप सोता रहा.
फिर मॉम कमरे से चली गईं.
उनके जाने का अहसास करते ही मैंने अपना मुँह बाहर निकाल कर देखा तो मॉम वहां से जा चुकी थीं.
लेकिन मुझको ऐसा लगा कि मॉम ने मुझको हिलाते हुए देख लिया था.
मुझे अब डर भी लग रहा था.
कुछ देर बाद मॉम के चले जाने की तसल्ली करने के बाद मैंने दुबारा वीडियो चालू किया और ब्लू-फिल्म देखना चालू कर दिया.
मैं पुनः लंड हिलाने लगा.
अब तक बारिश और भी तेज हो चुकी थी.
फिर थोड़े समय बाद मॉम फिर से मेरे कमरे में आईं और मैं चुपचाप सोने का नाटक करने लगा.
मॉम ने मुझको आवाज दी- उठ मनु उठ!
मैं नींद में होने का नाटक करते हुए उठा और बोला- क्या बात है मॉम … आप इतनी रात को क्यों उठा रही हो?
तब उन्होंने कहा- मेरे कमरे में पानी टपक रहा है और बाहर बिजली भी कड़क रही है, जिससे मुझको डर लग रहा है.
मैं चुप रहा.
फिर उन्होंने कहा- आज मैं तुम्हारे पास ही सो जाती हूँ.
मैं हमेशा रात को एक छोटा सा हाफ पैंट पहनकर सोता हूँ.
उस दिन भी मैंने वही पहना हुआ था और वह भी नीचे हो रखा था क्योंकि मैं उससे पहले अपना सामान हिला रहा था.
फिर अचानक से मॉम आ गईं, इसलिए मैंने पैंट ऊपर नहीं किया और वैसे ही रहने दिया.
इतने में मॉम मेरे कंबल में ही आ गईं.
मुझे डर लग रहा था कि अब पैंट को कैसे ऊपर करूँ.
मैं चुपचाप आंख को हल्के से बन्द करके सोता रहा.
अचानक से मॉम ने करवट ली और वे अपनी गांड मेरी तरफ करके सो गईं.
करीब रात को 11:30 बजे लाइट और पंखा चालू हो गया, फिर बारिश के कारण मॉम को ठंड लगने लगी.
उन्होंने कंबल में मुँह ढक लिया और सो गईं.
मुझे डर लगने लगा कि कहीं मॉम मुझको नग्न हालत में ना देख लें क्योंकि अभी मेरा लंड पैंट से ही बाहर था.
थोड़ी बाद उन्होंने कंबल को साइड में कर दिया और बिना कंबल के ही सोने लगीं.
मैंने कंबल ओढ़ लिया.
फिर मैंने देखा कि उन्होंने ब्लाउज और पेटीकोट पहन रखा है.
वे रात को सोने के समय साड़ी नहीं पहनती थीं.
मेरी मॉम के बूब्स कुछ ज्यादा ही बड़े हैं जो उनके ब्लाउज में फिट नहीं आ रहे थे.
मैंने देखा कि उनके आधे बूब्स ब्लाउज से बाहर निकले हुए थे और उनका पेटीकोट भी घुटनों तक उठ गया था.
उनके गोरे गोरे बूब्स देखकर मेरा लंड फिर से खड़ा होना शुरू हो गया और मैं नीचे देखने लगा.
मॉम की गोरी जाघें देखकर मेरा लंड बिल्कुल सख्त और बड़ा हो गया.
मेरे लौड़े ने सांप की तरह फन फैला लिया था और वह फनफनाने लगा था.
फिर मैंने थोड़ी सी हिम्मत करके उनके बूब्स पर हाथ रख दिया और सोने का नाटक करने लगा.
मॉम की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई इसलिए मैं थोड़ी और हिम्मत करके उनके बूब्स को सहलाने लगा और बीच बीच में दबा भी देता था.
अब धीरे धीरे मेरे अन्दर हवस जागना शुरू हो गई और उधर से भी कोई हलचल नहीं हो रही थी.
फिर थोड़े वक्त के बाद मॉम ने करवट ली तो मुझे लगा कि मॉम जाग गई हैं.
मैं चुपचाप सोने का नाटक करने लगा.
फिर थोड़े टाइम बाद मुझे लगा कि मॉम सो गई हैं … तो मैं अपना एक हाथ मॉम की जांघों पर फेरने लगा; उनकी जांघों को सहलाने लगा.
शायद मॉम जागी हुई थीं क्योंकि उनके मुँह से सिसकारियां निकल रही थीं.
पर अब मुझे कोई डर नहीं था क्योंकि अब मॉम भी गर्म होने लगी थीं और वे भी मेरा पूरा साथ दे रही थीं.
थोड़े समय बाद मैंने सहलाना बंद कर दिया.
तो मॉम उठीं और मेरे कान में धीरे से बोलीं- रुक क्यों गए बेटे, अभी तो शुरू हुआ है.
मैंने मॉम की तरफ देखा और कहा कि क्या शुरू हुआ है?
उन्होंने मेरे लंड को सहलाते हुए कहा- चुदाई का खेल!
यह कह कर उन्होंने मेरे ऊपर से कंबल हटा दिया और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख कर मुझे किस करने लगीं.
मैंने मॉम से कहा- यह सब गलत है, आप मेरी मॉम हो … और मैं आपके साथ यह सब नहीं कर सकता!
तो हॉट स्टेप मदर ने कहा- मैं नहीं चाहती कि मेरा बेटा अपनी जवानी हिला हिला कर खराब करे. मैंने थोड़ी देर पहले सब कुछ देख लिया था और इसलिए तुम्हारे कमरे में आई हूँ … और मैं शुरू से तभी से ही जागी हुई हूँ, जब तुम मेरे मम्मे दबा रहे थे.
उनके मुँह से यह सुनकर मैं चुपचाप रहा.
अब मैं मन में सोचने लगा कि जब घर में ही चूत मिल रही और वह भी सामने से सेक्स की पेशकश मिल रही है, तो देर क्यों की जाए.
मैंने मॉम को अपनी तरफ खींचा और उनको होंठों को चूसने लगा.
करीब दस मिनट तक हम एक दूसरे के होंठ चूसते रहे.
फिर मॉम उठीं और कमरे को अन्दर से कुंडी लगा आईं … ताकि मेरी बहन न आ सके.
मॉम ने कहा- चल दिखा अपना जलवा, मैं भी तो देखूँ कि तेरे लंड में कितना दम है!
वे बेड पर आकर मेरे लंड को सहलाने लगीं.
उनके हाथ लगाते ही मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया.
मेरी मॉम ने लंड पर किस करते हुए कहा- वाह बेटे, तू तो सच में जवान हो गया है, तुम्हारा लंड तो बहुत बड़ा है … तेरे डैडी का तो इससे आधा ही है … और यह उनसे मोटा भी बहुत है.
मैं उनके मम्मों को दबाने लगा और उनका ब्लाउज खोल दिया.
मॉम ने अन्दर काले रंग की ब्रा पहनी हुई थी जो उनके मम्मों को आधा ही ढक पा रही थी.
मेरी मॉम के मम्मों की साइज ज्यादा थी और ब्रा को उन्होंने ऊपर कर रखा था.
मैं मॉम के मम्मों को जोर जोर से दबाने लगा.
उनके मुँह से गर्म सिसकारियां निकलने लगीं- आह … आह … बेटे आराम से दबाओ … दर्द होता है!
मैंने कहा- क्यों डैडी नहीं दबाते हैं क्या?
उन्होंने कहा कि कहा- उनको तो सिर्फ चोदने की जल्दी रहती है.
मॉम अब आह आह आह की आवाजें कुछ ज्यादा ही निकालने लगी थीं.
मैंने उनको अपने नीचे लेटा दिया और उनके मम्मों को ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा और किस करने लगा.
मॉम और ज्यादा गर्म होने लगी थीं.
वे बार बार मेरे सर पर हाथ रखकर मेरे बालों में उंगली चला रही थीं.
फिर मैं नीचे आता गया और उनके पेट को किस करने लगा.
वे तड़फने लगीं और बेड पर पैर झटकने लगीं.
दोस्तो, मेरी सौतेली मां की चुत चुदाई में किस तरह से मैंने मजा लिया, यह मैं आपको हॉट स्टेप मदर स्टोरी के अगले भाग में विस्तार से लिखूँगा.
आप मुझे मेल करके बताएं कि आपको मेरी कहानी कैसी लगी.
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हॉट स्टेप मदर स्टोरी का अगला भाग: सौतेली मां की वासना और चुदायी- 2