हॉट सिस बैड सेक्स कहानी में मैं अपनी चचेरी बहन की जवानी का मजा लेना चाहता था. एक बार मैं उसके साथ दूसरे शहर में उसका पेपर दिलवाने गया. हम दोनों एक होटल में रुके.
मेरा नाम सोनू है. मेरी उम्र 22 साल की है.
मेरे पड़ोस में मेरी एक चचेरी बहन अपने मॉम डैड के साथ रहती है.
मेरी चचेरी बहन 21 साल की है और एकदम मस्त माल है.
उसका नाम मुस्कान है.
मेरी मुस्कान की चूचियां और गांड बहुत ही मस्त हैं.
मेरी बहन मेरे साथ बहुत क्लोज़ रहती है.
वह अपना हर राज और सारी बातें मेरे साथ साझा करती है.
मेरी बहन को सेक्स का मज़ा लेना था और मैंने दिया.
हॉट सिस बैड सेक्स कहानी में हुआ यूं कि मैं अपनी बहन को पेपर दिलवाने के लिए पटना ले गया था.
पटना जाकर हम दोनों ने एक रूम किराए पर ले लिया.
मेरी मुस्कान पढ़ाई करने लगी और मैं हम दोनों के लिए खाना लेने चला गया.
जब मैं वापस आया तो कमरे में बहुत गर्मी थी.
पंखा भी नहीं चल रहा था.
मैंने उससे पूछा- पंखा क्यों नहीं चल रहा है?
तो उसने बताया कि बिजली नहीं आ रही है.
मैं भी विवश था.
मैं बाहर निकल गया.
जब कुछ देर बाद मैं वापस अपनी चचेरी बहन मुस्कान के पास गया तो मैंने देखा कि उसने गर्मी के कारण दुपट्टा हटा दिया था.
जिस वजह से उसके गहरे गले वाले कुर्ते से उसके रसभरे दूध मस्त दिखाई दे रहे थे.
मैंने करीब जाकर देखा कि वह क्या पढ़ रही है तो पाया कि वह कोई सेक्स एजुकेशन वाला विषय पढ़ रही थी.
अब मेरी कामुक नजरें अपनी बहन मुस्कान के उठती बैठती चूचियां पर जमी हुई थीं.
मेरा मन कर रहा था कि इसकी रसीली चूचियों को मसल दूं.
तभी मेरी बहने ने देखा कि मैं उसकी चूचियों को देख रहा हूँ तो उसने कहा- क्या देख रहे हो भाई?
मैंने कहा- कुछ नहीं? मैं तो बस किताब देख रहा था कि तुम क्या पढ़ रही हो?
तो उसने मुस्कुरा कर कहा- अरे यह भी एग्जाम में आ सकता है इसलिए पढ़ना जरूरी है.
मैंने कहा- कोई बात नहीं, मन लगा कर पढ़ो.
मैं बस उसकी चूचियां देखता रहा.
कुछ देर बाद वह उठ कर बाथरूम में चली गई.
मैंने समझ लिया कि इससे खुद की वासना सहन नहीं हुई, इसी लिए यह बाथरूम में अपनी चूत रगड़ने गई है.
मैं चुपचाप उठा और बाथरूम के दरवाजे से कान लगा कर सुनने लगा.
उसकी बहुत धीमी आवाज में आह आह की कराह निकल रही थी.
उसके बाद उसकी सुर्र सुर्र की सीटी बजती हुई मूतने की आवाज़ आने लगी थी.
मैं समझ गया कि यह झड़ चुकी है और सुसू करने लगी है.
मैं दरवाजे से हट गया और सोचने लगा कि क्या करना चाहिए.
मेरा मन करने लगा कि अभी जैसे ही मुस्कान बाहर आए तो मैं उसको पेल दूं.
पर कुछ सोच कर मैंने अपने आप को रोक लिया.
कुछ पल बाद वह बाहर आई और मुझसे बोली- चलो कहीं बाहर घूम कर आते हैं. पेपर तो कल है.
मैंने ओके कहा और हम दोनों बाहर घूमने चले गए.
बाहर मैंने मुस्कान को खूब खिलाया पिलाया और काफी देर तक टहलते रहे.
हम दोनों को कमरे पर वापस आने में काफी रात हो गई थी.
तभी मुस्कान को बहुत तेज पेट में दर्द होने लगा.
उसने मुझसे अपने दर्द के बारे में बताया तो मैंने कहा- तूने ठूंस ठूंस कर पिज़्ज़ा खाया था … ये सब उसी का नतीजा है.
वह चुप हो गई.
मैंने उसके लिए एक मेडिकल स्टोर से दवा ले ली और मुस्कान को खिला दी.
कुछ देर बाद उसका दर्द कुछ ठीक हो गया.
अब हम दोनों कमरे में आ गए.
कुछ देर बाद मुस्कान के पेट में फिर से दर्द होने लगा.
मैंने कहा- मैं एक काम करता हूँ … ला तेरे पेट को सहला देता हूँ.
उसने मना किया और बोली- रहने दो, मैं ऐसे ही ठीक हूँ.
मैंने कहा- कुछ ठीक नहीं है, चल लेट जा वर्ना सुबह पेपर देने जाने में दिक्कत हो जाएगी.
वह चुपचाप लेट गई.
मैंने उसका कुर्ता ऊपर किया और हाथ में तेल लगा कर पेट को धीरे धीरे मसलने सहलाने लगा.
मुझे उसके पेट पर हाथ फेर कर बहुत मज़ा आ रहा था.
उसे भी अच्छा लग रहा था और कुछ देर की मसाज के बाद उसे काफी आराम मिल गया था.
अगले दिन वह पेपर देने जाने लगी.
वह जब वह बाथरूम में से रेडी होकर बाहर निकली तो मैं उसे देख कर हैरान हो गया था.
वह चुस्त जींस टॉप में कयामत माल लग रही थी.
उसके दोनों दूध ऐसे नुकीले से निकले हुए थे मानो भाले की दो नोकें हों.
मैं उसे वासना से देखने लगा. मुस्कान ने भी समझ लिया था कि उसका भाई उसके हुस्न के ऊपर लट्टू हो गया है.
मैंने उससे कुछ नहीं कहा.
हम दोनों रिक्शे से उसके एग्जाम सेंटर चले गए और वह पेपर देने चली गई.
तीन घंटे के बाद मेरी बहन बाहर निकली तो मैं उसे लेकर वापस कमरे पर आ गया.
मुस्कान कपड़े बदलने के लिए बाथरूम में चली गई.
तभी मैंने देखा कि बाथरूम का गेट हल्का सा खुला है.
मैंने अन्दर झांक कर देखा तो मुस्कान अपना टॉप उतार रही थी.
मैंने देखा कि मुस्कान की दोनों चूचियां क्या मस्त लग रही थीं.
फिर उसने अपनी जींस को भी उतारा.
तो मुस्कान ब्रा पैंटी में पूरी तरह से मादक लग माल रही थी.
मेरे सब्र का बांध टूटने लगा था और मेरा लंड पूरी तरह से कड़क हो गया था.
फिर उसने अपनी पैंटी नीचे सरकाई और वह बैठ कर सुसू करने लगी.
उसकी गोरी व चिकनी गांड मुझे दिख रही थी.
चूत टांगों के बीच में थी तो चूत नहीं दिख पा रही थी … बस उसमें से मूत्र की धार की आवाज सुनाई दे रही थी छर्र छर्र …
सुसू करने के बाद मेरी बहन ने उठ कर चड्डी वापस पहनी और जींस पहनने लगी.
फिर उसने अपनी बगलों में पानी लगा कर बगलों में आए पसीने को साफ किया और टॉप पहन कर बाहर आने लगी.
मैं दरवाजे के पास से हट गया तो वह बाहर आ गई और अपना मोबाइल चलाने लगी.
तो मैंने पूछा- मुस्कान क्या खाएगी?
तो उसने कहा- कुछ भी ले आओ भाई.
मैं चिकन व रोटी ले आया और हम दोनों ने खाना खा लिया.
अब हम दोनों सोने आ गए.
मैं आंख मूँद कर सो गया.
थोड़ी देर बाद मेरी आंख खुली तो मैंने देखा कि मेरी बहन मुस्कान मोबाइल में ब्लू फिल्म देख रही थी.
वह कामुक चुदाई देखती हुई अपनी चूत में उंगली भी डाल रही थी और उसकी हल्की हल्की मादक आवाज़ भी आ रही थी ‘आह … आह उफ़..’
मैं सीन देख कर एकदम से उठा.
तो मुस्कान घबरा गई.
तो मैंने कहा- क्या देख रही थी?
तो मुस्कान घबरा कर बोली- क..कुछ नहीं भाई.
मैंने कहा- सच बोल न … क्या देख रही थी?
उसने सर झुकाते हुए कहा- आप किसी से कहना मत भाई!
मैंने कहा- हां ठीक है बता न!
उसने मोबाइल मेरी तरफ बढ़ाते हुए कहा- लो आप ही देख लो.
मैंने देखा और बोला- अरे इसमें इतना घबराने की क्या बात है, ब्लू मूवी ही तो है … यह तो मैं भी देखता हूँ!
वह मेरी बात सुनकर कुछ रिलेक्स हो गई.
मैंने कहा- मेरा एक काम कर दे मुस्कान!
उसने कहा- क्या काम?
मैंने कहा- तुम अपनी चूत की एक फोटो खींच दे मेरे मोबाइल से!
यह सुनकर वह शर्मा गई और बोली- नहीं, यह ग़लत है भैया!
मैंने कहा- कुछ गलत नहीं है यार … चूत पर किसी का नाम थोड़ी ही लिखा होता है कि यह किसकी चूत है!
मैंने जब यह बोला तो सोचने लगी कि बात तो सही है और वह मान गई.
वह मेरा मोबाइल लेकर बाथरूम में गई और उधर से अपनी चूत की एक बढ़िया सी फ़ोटो खींच कर ले आई.
मैंने अपनी बहन की चूत की फ़ोटो देखी और उसे चूमते हुए कहा- वाह क्या मस्त चूत है तेरी मुस्कान!
अब मुस्कान ने कहा- किसी को देना मत फोटो!
मैंने कहा- ओके.
अब हम दोनों खुली खुली बातें करने लगे.
मैंने उससे पूछा कि तेरा कोई ब्वॉयफ्रेंड नहीं है क्या?
तो उसने कहा- मेरे पास टाइम ही नहीं है कि किसी को ब्वॉयफ्रेंड बनाऊं. मेरा तो जब भी सेक्स का मन करता तो मैं उंगली से काम चला लेती हूँ.
मैंने कहा- मुझे अपनी चूत चोदने दे दे!
मुस्कान ने कहा- आप पागल हो गए हैं क्या भाई?
मैंने कहा- हां मुस्कान मैं तेरी चूत देख कर सच में पागल हो गया हूँ … दे दे एक बार बस … प्लीज!
उसने कहा- नहीं.
मैंने कहा- मान जा न … कौन सी घिस जाएगी तेरी चूत!
तो मुस्कान ने हंसते हुए कहा- किसी कहना मत!
मैंने कहा- हां ठीक है.
मुस्कान शर्माने लगी और बोली- सच में तू कितना बड़ा कमीना है भाई … तू अपनी बहन को चोदने का सपना देख रहा है!
मैंने कहा- मैंने जब से तुझे कपड़े पहनते हुए देखा है … मैं पागल हो गया हूँ. जब तू मेरे सामने झुकती थी ना तब तेरी चूचियां मेरी जान ले लेती हैं!
मुस्कान के कहा- हां मुझे सब पता है. मैं खुद जानबूझ कर तेरे सामने झुकती थी कि मेरे भाई को मेरी चूचियां देखने को मिल जाएं.
मैं उसे वासना से देखने लगा.
मुस्कान ने आगे कहा- जब तू मेरे सामने कच्छे में नहाता था न और उस वक्त जब मैं तेरे कड़क लंड को देखती थी तो मैं भी वासना की आग से झुलस जाती थी … और उसके बाद मैं अपनी वासना को शांत करने के लिए ब्लू फिल्म देखने लगती थी.
मैंने कहा- तो अभी तो मैं सो रहा था … तूने ब्लू फिल्म क्यों देखना शुरू की?
वह बोली- बस आज मन में कुछ कुछ हेनू हेनू हो रहा था तो मैं ब्लू फिल्म देखने लगी और अपनी चूत में उंगली करने लगी.
मैंने कहा- तो चल आज तेरी हेनू हेनू की खबर ले लेता हूँ!
वह हंस दी.
अब मैंने मुस्कान को अपनी बांहों में खींचा और उसके दूध दबाते हुए उसे चूमने लगा.
वह भी मेरे साथ कामुक होने लगी.
मैंने उसके कपड़े उतारना शुरू कर दिए.
कुछ ही समय में मुस्कान नंगी हो गई और मैं उसकी दोनों चूचियां पीने लगा.
मुस्कान के कंठ से मदहोश कर देने वाली गर्म आवाज़ निकल रही थी ‘उफ़ ओह आह…’
मैं उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत की महक को सूंघने लगा.
मुस्कान मादक भाव से बोली- आह चोद दे मेरे भाई!
मैंने कहा- सब्र रख मेरी जान … आज तेरी चूत का भोसड़ा बनना तय है मेरी बहन!
यह कह कर मैंने मुस्कान की पैंटी उतारी और उसकी मस्त फूली हुई चूत को देखने लगा.
मैंने आज जीवन में पहली बार किसी लड़की की चूत को सामने से देखा था.
उसकी गुलाबी कचौड़ी सी फूली हुई फुद्दी को देख कर मज़ा आ गया.
मैं मुस्कान के पीछे आ गया और उसकी गांड को मसलते हुए दरार में जीभ डाल कर चाटने लगा.
वह आह आह कर रही थी और झुक कर अपनी गांड के छेद को मेरी जीभ से चटवा रही थी.
सच में बड़ा मस्त लग रहा था.
मुस्कान इतने में ही कामुक आवाजें निकालने लगी थी- उफ़ आह उफ़ … अब क्यों सता रहा है यार जल्दी से लंड पेल कर चोद दे न!
यह सुनकर मैंने मुस्कान को चित लिटाया और अपने लंड पर थूक लगा कर उसे सौंटा … और धीरे से उसकी चूत की दरार में रख दिया.
वह मस्त होने लगी.
लौड़े के सुपारे की गर्मी से चूत की गर्मी मिलने लगी थी.
वह गांड उठा कर लंड लीलने की कोशिश कर रही थी.
उसी वक्त मैंने तेज झटका देते हुए लंड चूत में ठांस दिया.
वह चिल्ला उठी- आह मर गई … आह निकाल लो भाई … आह मैं मर जाऊंगी!
मैंने उसके मुँह को अपने मुँह से बंद किया और धीरे धीरे करके अपनी बहन मुस्कान की चूत में अपना लंड पेलने लगा.
वह दबी हुई आवाज में उफ़ उफ़ करने लगी.
मैं लगा रहा.
कुछ देर बाद मैंने उसके मुँह को आजाद किया तो वह लंबी सांस लेने लगी.
फिर वह बोली- आह साले … तुमने मेरी चूत फाड़ दी … धीरे धीरे से नहीं डाल सकता था क्या?
मैं हंस दिया और अपनी बहन मुस्कान को पेलता रहा.
अब वह भी चुदाई के मजे ले रही थी.
कुछ देर बाद मैंने उससे कहा- मेरे ऊपर आ जा मुस्कान!
वह मेरे ऊपर आ गई और मेरे लौड़े को अपनी चूत में फंसा कर आराम आराम से अन्दर लेने लगी.
लंड अन्दर घुसा तो वह ऑफ आह उफ़ चिल्लाने लगी.
अब मेरी बहन मुस्कान की सील टूट चुकी थी और वह मेरे लंड पर डिस्को कर रही थी.
मेरी बहन मुस्कान मेरे लौड़े से चुद रही थी और हाथ ऊपर उठा कर अपनी चूचियां नचाती हुई कह रही थी- आह चोद मुझे मेरे भाई … आह मैं तेरे लौड़े से न जाने कबसे चुदना चाहती थी आह और तेज तेज चोद मुझे!
मैं उसकी बात सुनकर उसे और ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा.
वह मेरे ऊपर झुक कर अपनी दोनों चूचियों का रस मुझे बारी बारी से पिला रही थी.
इस तरह से कुछ बीस मिनट के हॉट सिस बैड सेक्स के बाद मैं झड़ने को हो गया.
वह भी झड़ गई थी तो मेरे सीने पर ही लेट गई थी.
मैंने उसे पलटा कर बाजू में लिटा दिया और अपना लंड हिला कर बाहर झाड़ दिया.
चुदाई के बाद मैं मुस्कान की फटी हुई चूत को एक किस किया.
मुस्कान खुश होकर बोली- मज़ा दिला दिया तूने भाई … काफ़ी देर तक चोदा है!
मैंने अपनी मुस्कान को अपने सीने से चिपका लिया और हम दोनों नंगे ही सो गए.
उस दिन मैंने मुस्कान को चार बार चोदा और उसकी चूत को भोसड़ा जैसा बना दिया.
फिर हम दोनों घर वापस आ गए.
अब जब भी मेरा मन करता है, मैं मुस्कान को पेल लेता हूँ.
आपको यह हॉट सिस बैड सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज जरूर बताएं.
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