न्यू चूत सेक्सी कहानी मेरी छोटी बहन की पहली चुदाई की है जिसमें मेरे आशिक चोदू ने मेरी कुंवारी बहन को मेरे सामने नंगी करके चोदा.
यह कहानी सुनें.
दोस्तो, आप सबकी मैं अंजलि एक बार फिर से अपनी पाठिका सपना की सेक्स कहानी के अगले भाग के साथ उपस्थित हूँ.
मेरे आशिक ने मेरी मम्मी की चूत गांड मारी
में अब तक आपने पढ़ा था कि सपना ने अपने पड़ोस के लड़के विपुल के साथ सेक्स किया था और उसने विपुल को अपनी मां की चुदाई करते हुए भी देख लिया था.
बाद में विपुल ने खुद ही बताया था कि उसने सपना की मां के साथ सुहागरात किस तरह से मनाई थी.
अब आज की न्यू चूत सेक्सी कहानी में सपना ने बताया कि कैसे विपुल ने उसे बेवकूफ़ बना कर खुशबू को भी चोदा.
दोस्तो, मैं सपना एक बार फिर से आपको अपनी सेक्स कहानी में ले चलती हूँ.
विपुल ने मेरी मां के साथ सुहागरात वाली बात बताई और उसके बाद उसने मुझसे आगे कहा- देखो तुम्हें कोई प्राब्लम है मेरे और वेमो से … तो अच्छा रहेगा कि हम दोनों आगे बढ़ने से पहले ही अलग हो जाएं!
मैं- मतलब क्या है तुम्हारा?
विपुल- यही कि मैं उन्हें नहीं छोड़ सकता!
पर विपुल ने ये भी कहा कि यह उनकी मर्जी नहीं, बल्कि मजबूरी है.
जब उसने उस दिन यह कहा, तो मैं समझ न सकी कि इस बात का क्या मतलब है?
मैं- तो तुम मेरे साथ साथ मेरी मां को भी अपना बनाओगे!
विपुल ने मेरे बूब्स को मसलते हुए कहा- सिर्फ तुम्हारी मां को ही नहीं, बल्कि तेरी बहन को भी.
तभी वहां मां आ गईं और उन्होंने मुझसे कहा- देखो बेटी, तेरा बाप किसी काम का नहीं है … और मुझे सिर्फ विपुल ने ही समझा है. इसलिए मुझे इसकी बातों से कोई आपत्ति नहीं है.
तभी विपुल ने मुझे अपनी बांहों में खींचा और मां से बोला- ये कुछ नहीं कहेगी … मुझे इतना चाहती जो है. बस अब उस साली को कैसे अपने लंड के नीचे लिया जाए, यही सोच रहा हूं.
मां- कौन?
विपुल- अरे खुशबू की बात कर रहा हूं … साली बहुत अकड़ में रहती है. उसे तो मसलने में और भी मजा आएगा लेकिन कैसे?
मैं उसी की तरफ देख रही थी कि ये हमारे बारे में क्या सोचता है और मैं!
तभी उसने मां के गाल पर हाथ मारते हुए कहा- बता न साली, कैसे होगा?
तो मां ने कहा- थोड़ा समय दो, फिर बताती हूं.
उसी वक्त उसने मेरी मां से कहा- चल वह सब तू बाद में सोचना, अभी मेरे लौड़े को चूस कर कड़क कर … आज तेरे सामने ही सपना को चोदने का मन है!
मैं सकपका गई कि मेरे सामने मां विपुल का लंड चूसेंगी और विपुल मुझे मेरी मम्मी के सामने नंगी करके चोदेगा.
इससे पहले मैं कुछ कहती कि उसने मुझे नंगी कर दिया और मेरी मां ने उसका लंड चूसना चालू कर दिया.
उस दिन उसने मुझे मेरी मां के सामने हचक कर चोदा और मेरी मां ने भी मेरे साथ सेक्स में हिस्सा लिया.
अब वह हम दोनों को एक दूसरे के सामने भी चोद देता था, जब उसकी मर्जी होती, वह हम दोनों में से किसी के भी ऊपर चढ़ जाता था.
मेरी चूत फाड़ता और मेरी मां वेमो की गांड मारता.
कुछ दिनों बाद उसने मां से कहा- खुशबू को ऐसा लगना चाहिए कि मैं उसका जीजू हूं!
मुझे यह सुनकर खुशी हुई.
उसी दिन हमारे घर में उसने एसी लगवाया, जिससे हम सब खुश थे.
पर पापा को एसी में रहने की आदत नहीं थी तो वे बाहर वाले कमरे में चले गए.
फिर एक दिन मां ने विपुल को हमारे घर पर ही रोक लिया और वह हमारे साथ अन्दर के कमरे में था.
इससे खुशबू को थोड़ा शक होने लगा तो मां ने उससे कहा- ये तेरा होने वाला जीजू है!
खुशबू तब बीस वर्ष की थी और उसका फिगर 30-28-32 का था.
अभी उसकी जवानी उभर रही थी और चेहरे पर निखार आ रहा था.
अब वह भी उसे जीजू कह कर छेड़ने लगी.
इसमें मैं भी मजे लेती थी.
लेकिन खुशबू को नहीं मालूम था कि वह क्या करने वाला है?
फिर वह रात में हमारे ही घर में सोने लगा जिससे खुशबू को नीचे सोना पड़ता था.
विपुल के हाथ कभी मेरी चूत तो कभी बूब्स पर रहते थे.
ठीक यही चीज वह मां के साथ भी करता था और एक रात हम इतना गर्म हो गए कि उसने मुझे वहीं चोद डाला.
खुशबू समझने लगी थी कि विपुल सिर्फ एसी में सोने नहीं आता लेकिन वह उसे जीजू कहती थी, इसलिए चुप थी.
विपुल भी उसके मजे लेने लगा था.
वह कभी खुशबू ले बाल पकड़ता तो कभी उसकी कमर पकड़ लेता और गाली दे देता.
खुश्बू भी अपने जीजू के साथ मस्ती करती थी.
शाम को जब वह काम से आता तो उसे छेड़ती थी, विपुल भी उसे अपनी गोद में बिठा कर उसके साथ खेलता था.
अब दोनों में थोड़ी सेक्स की भी मजाक होती तो वह गाली देकर बात करता!
ऐसे ही एक दिन खुशबू ने स्कर्ट पहना था और दोनों एक दूसरे से खेल रहे थे.
तभी उसने खुशबू की चूत में उंगली डाल दी.
वह बिल्कुल गुस्से से भागी और विपुल जोर से हंसने लगा.
एक बार मां पापा के साथ चार दिन के लिए बाहर जा रही थीं; उन्हें एक रिश्तेदार के यहां जाना था.
बस विपुल को मौका मिल गया.
बारिश का मौसम आ गया था और उस दिन विपुल घर पर ही था.
तभी खुशबू आई, वह भीग गई थी तो विपुल ने उसे गोद में उठा लिया.
विपुल- चल साली जल्दी से तुझे गर्म कर दूं … वरना तू खराब हो जाएगी!
खुशबू- जीजू मुझे छोड़ो, मैं ठीक हूं.
वह मुझे आवाज देने लगी.
मैं तुरंत वहां पहुंची.
विपुल- देखो इसे, भीग गई है तो मैंने कहा कि साली चल गर्म कर दूं … तो नखरे दिखा रही है!
खुशबू- जीजू ये रही दीदी, उसे ही चोद कर गर्म करो … मुझे नहीं!
उसके मुँह से चोदना सुनकर मैं तो हैरान रह गई कि इसे पता चल गया क्या.
तभी विपुल उसे खुले आंगन में लेकर चला गया, उसके बाल पकड़कर वहीं खड़ा कर दिया.
विपुल- साली कुतिया, बहुत जान गई है तू … चल तुझे ज्यादा समझाना नहीं पड़ेगा!
खुशबू- जीजू प्लीज, मुझे छोड़ो … दीदी के पास जाओ. आह!
विपुल एक हाथ से उसकी चूत रगड़ रहा था.
दोनों बारिश में खड़े भीग रहे थे और मैं ये सब देख रही थी.
वहीं खुशबू मुझे बुला रही थी.
विपुल उसके बाल पकड़ कर सिर उठाते हुए बोला- चुप साली … जब मैंने इसकी मां को चोद डाला तो तू तो साली है … यानि आधी घर वाली … तुझे तो चोदने का तो मेरे पास सरकारी लाइसेंस है.
खुशबू ये सब सुनकर बिल्कुल हैरान हो गई कि उसने मां को भी चोद दिया है.
बस अब विपुल ने उसके वहीं कपड़े उतार दिए और वह सिर्फ ब्रा और पैंटी में खड़ी थी.
फिर उसने मुझे इशारे से बुलाया और अपनी जींस निकालने को कहा.
मैं उसकी जींस उतार रही थी.
तभी विपुल बोला- सुन मादरचोद, कमरा ठीक कर … मैं इस रांड को उधर ही लेकर आता हूं.
वह खुशबू को वहीं किस करने लगा.
तभी खुशबू की चूत से पानी निकल गया.
विपुल उसके होंठ चूसने लगा और उसकी गांड सहलाने लगा.
वह बार बार छूटने की कोशिश कर रही थी लेकिन उसकी पकड़ से निकल नहीं पाई.
विपुल ने उसे गोद में उठा लिया और उसके चूचे चूसने लगा.
ऊपर से बारिश और विपुल की इस हरकत से खुशबू भी गर्म हो गई.
विपुल उसे लेकर जैसे कमरे में आया, वह भी उसके होंठों चूसने लगी.
अब विपुल की उंगलियां दोबारा उसकी चूत में थीं.
मैं वहां से निकलने लगी.
तभी वह मुझसे बोला- ओ साली छिनाल, जा कहां रही है? देख तेरी बहन को भी आज वैसे ही मसलूंगा जैसे तेरी मां को चोदा था.
खुशबू- मतलब क्या है तुम्हारा?
विपुल- साली बहनचोद, चुपचाप चुदवा ले … आज तेरी जवानी उभरी है.
खुशबू- नहीं, पहले बोलो. वरना अपनी इस कमीनी बीवी के साथ रहो.
विपुल उसके चूचे जोर से मसलते हुए बोला- कुतिया तेरी अकड़ तो तेरी गांड से निकालूंगा.
वह खुशबू की चूत में उंगली करते हुए होंठों पर, कान, गले पर किस करने लगा.
खुशबू- आह जीजू … ऐसे ही मजा आ रहा है और करो न!
तभी विपुल ने उसकी पैंटी निकाल दी और उसकी चूत पर अपनी जीभ रख दी.
वह चुत पर जीभ फिराने लगा जिससे खुशबू खुद को बचा न सकी और मदहोश होने लगी.
विपुल उसकी चूत चाट रहा था और बूब्स दबा रहा था.
खुशबू बोली- आह जीजू … बहुत अच्छा लग रहा है … तुम बहुत मजा … देते हो.
सच कहूं तो मुझे अपनी बहन पर बहुत गुस्सा आ रहा था लेकिन विपुल के कारण चुप थी.
अचानक से खुश्बू अकड़ने लगी और झड़ गई.
फिर विपुल ने उसे बिठाया और अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया.
खुशबू लंड मुँह में लेने से इंकार करने लगी.
लेकिन आज उसकी कहां कुछ चलने वाली थी!
विपुल- ले ले मेरी जान बहुत अच्छा लगेगा.
वह जबरदस्ती लंड मुँह में डालते हुए कहने लगा- साली छिनाल, तेरी मां भी चूसती है तो तू क्यों नखरे दिखा रही है?
फिर खुशबू मजबूरी में लंड चूसती हुई कहने लगी- उसकी आदत हो गई है.
विपुल- तो तू भी डाल ले न आदत बहनचोद … आ..ह चूस ले अपने जीजू का लंड … आज से आ….ह ऐसे ही लेती रह मेरी … रण्डी.
उसने खुशबू को लिटाकर मुझे इशारे से पीछे जाने को कहा ताकि जब खुशबू चीखे, तो मैं उसकी आवाज दबा सकूँ!
फिर वह अपना लंड खुशबू की चूत पर रगड़ने लगा.
खुशबू अब पूरी गर्म हो गई थी तो उसने खुद ही लंड को चूत में डालना चाह रही थी.
विपुल बोला- ये तेरे बस का नहीं है मेरी साली … मैं तेरी गर्मी निकालता हूं आज!
जब तक वह कुछ समझती, विपुल ने जोर से धक्का मारा और लंड चूत में घुस गया.
खुशबू चीख पड़ी.
तभी विपुल मुझ पर गुस्सा होते हुए बोला- मादरचोद, तुझे क्या कहा था … पकड़ इस रंडी को.
यह कहते हुए उसने मेरी चूचियों पर जोर से चांटा जड़ दिया.
वहीं खुशबू के आंसू निकल रहे थे और चूत से खून!
लेकिन विपुल रुकने वाला नहीं था.
वह खुशबू के होंठों को किस करते हुए चूचे दबाने लगा और बोला- देख मेरी रांड … आज तेरी भी चूत फाड़ दी.
यह कह कर उसने अपना लंड जोर से धक्का देकर पूरा पेल दिया.
खुशबू उतनी ही जोर से चीखी और हाथ पैर पटकने लगी.
खुशबू- आह निकालो बाहर मैं … नहीं करूंगी ये … सब आ..ह छोड़ो मुझे!
विपुल- थोड़ी देर रुक जा बहनचोद, फिर तू भी इस रण्डी की तरह खुद चुदवाएगी. आज तो तेरी चूत का भोसड़ा बनाऊंगा.
थोड़ी देर बाद जब खुशबू सामान्य होने लगी और उसकी कामुक आवाजें निकलने लगीं- ओह आह … ऐसे ही जीजू … चोदो … मुझे बहुत मजा आ रहा है. आज फा..ड़ दो … मेरी चू…त को भी … बना लो अपनी रंडी आह!
विपुल बोला- मजा आ रहा है मेरी साली को!
खुशबू ने उसे जकड़ते हुए हां कहा.
मतलब वह झड़ रही थी और विपुल मेरी बहन को उतनी ही तेजी से चोद रहा था.
‘ले मादरचोद ऐसे ही तो तेरी मां अपनी गांड चुदवाती है. मेरी कुतिया आज तो तुझे पूरी रात पेलूंगा … ले साली रण्डी ऐसे ही … हां तेरी चूत है बहुत मजेदार आ..ह आह.’
करीब तीस मिनट बाद विपुल उसकी चूत में झड़ गया.
उस रात उसने मेरी बहन को तीन बार चोदा.
अगले दिन फोन से उसने ये न्यू चूत सेक्सी कहानी हमारे सामने ही मां को बताई- आज तेरी दूसरी कुतिया की चूत भी खोल दी, साली की अकड़ इसके भोसड़े में ही है अब!
खुशबू से चला नहीं जा रहा था तो विपुल ने मुझसे कहा- आज आराम करने दो इसे!
फिर उसने खुशबू को एक दवा दी और वह सो गई.
अगले तीन दिन तक वह हम दोनों बहनों को बारी बारी से मसलता रहा.
जब मां आ गई तो उसने हम तीनों को चोदा और अब उसकी मर्जी से ही कुछ भी होता था.
मैंने देखा वह खुशबू को कुछ ज्यादा ही भाव देने लगा था और हमें भी उसकी बात माननी थी.
इसके बाद मेरे साथ क्या हुआ, वह आपको मैं अगली कहानी में बताऊंगी.
दोस्तो, आप जरूर बताएं कि न्यू चूत सेक्सी कहानी कैसी लगी.
सपना भी जानना चाहती है.
आपकी अंजलि
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न्यू चूत सेक्सी कहानी से आगे की कहानी: मेरा पड़ोसी मेरी मां बहन को चोद गया