हॉट कज़िन बाथरूम चुदाई कहानी में मैंने अपनी बुआ कि बेटी को एक शादी के माहौल में रात को चोदा. मैं काफी समय से उसके सेक्सी जिस्म को मसलना चाह रहा था. आखिर वो मेरे हत्थे चढ़ गई.
मेरा नाम राहुल है. मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 23 साल है.
ये हॉट कज़िन बाथरूम चुदाई कहानी 3 साल पहले की है, जब मैं 20 का था और मेरी बुआ की लड़की 19 की थी.
वह पंजाब में रहती है.
उसके मस्त गोरे चूचे हैं कातिलाना गांड है और फिगर भी सेक्सी है.
तीन साल पहले मेरे घर पर मेरे भाई की शादी में पूरा खानदान आया हुआ था, तब वह भी आई हुई थी.
बात शादी से एक दिन पहले की है, जब घर में डीजे लगा हुआ था और घर पर संगीत का उत्सव था.
वह पहले से ही मुझे काफी अच्छी लगती थी मतलब अट्रॅक्टिव लगती थी.
उस दिन उसने एक एकदम झीना सा गाउन पहना हुआ था इसलिए वह और भी ज्यादा सेक्सी लग रही थी.
हमारे बीच पहले भी छोटी मोटी नॉनवेज मैसेज में बात हो जाया करती थी मतलब चुटकुले या कोई डबल मीनिंग वाली बात, जिससे उसे कभी बुरा नहीं लगा था।
फ़ंक्शन वाले दिन मेरा उसे चोदने का बहुत मन कर रहा था.
मैं कोई बहाना ढूंढ रहा था कि वह मुझे अकेले में मिल जाए और मैं उसके साथ कुछ फन कर सकूँ.
सच बताऊं तो मैं किसी ऐसे टाइम का इंतजार कर रहा था, जब वह मेरे लौड़े के नीचे आ जाए.
मुझसे रहा नहीं जा रहा था.
फिर मेरे बड़े भाई ने मुझे आवाज दी और पास बुलाया.
उन्होंने मुझे बियर लाने के लिए कहा कि किचन वाले फ्रिज में बियर रखवा दी थी, तू जाकर ले आ.
मैं बियर निकालने किचन की तरफ गया.
वापस आया तो मैंने देखा कि वह कहीं नहीं दिख रही थी; शायद वह कहीं चली गई थी.
मैं उसे इधर उधर देखने लगा.
कुछ मिनट बाद वह आ गई.
मेरा मन खुश हो गया.
फिर सारे लोग मस्ती में आ गए और नाचने में लग गए.
मैंने भी उसके साथ डांस किया और डांस करने के बहाने मैंने उसे टच किया.
उसी स्पर्श से मेरा लंड कड़क हो गया था.
और शायद उसे मेरे खड़े होते लंड का अहसास हो गया था.
वह उसी वक्त मुझसे अलग हो गई थी.
कुछ देर बाद प्रोग्राम खत्म हुआ और डीजे बंद हो गया.
सारे लोग बिज़ी हो गए, कुछ लोग पीने में तो कुछ लोग बतियाने में.
महिलाएं अपनी बातें करने में व्यस्त हो गईं.
सारी बहनें एक साइड और भाई एक तरफ हो गए थे.
उसके बाद मैंने उससे इशारे से कहा- आज तो तू माल लग रही है.
वह शर्माने वाली हंसी हंस दी.
मुझे समझ आ गया कि बंदी फिट हो सकती है.
मैंने उसे इशारे से एक ओर आने को कहा.
उसने हामी भर दी और हम दोनों अलग अलग एक तरफ सुनसान जगह में आ गए.
उससे मैंने खुल कर कहा- आज तो झटके पर झटके लग रहे थे मुझको!
वह समझ तो गई थी पर तब भी इठला कर बोली- क्यों क्या हुआ … बिजली की नंगी तार को पकड़ लिया था क्या?
मैंने कहा- नंगी तार को तो नहीं पकड़ पाया … पर ऊपर से ही इतनी तेज करंट लग रहा था कि मेरी तो समझो फट ही गई.
मेरी इस बात पर वह हंस कर बोली- फटी हुई दिख तो नहीं रही!
मैंने कहा- क्या खोल कर दिखाऊं तब मानेगी?
वह हंस कर मेरी तरफ देखने लगी.
फिर किसी की आवाज आई तो वह उठ कर चली गई.
अब रात गहराने लगी थी.
सब अपने अपने कपड़े बदल कर सोने की तैयारी में लगे हुए थे.
मैंने उसे भी बाथरूम में जाते हुए देखा.
एक बाथरूम ऊपर छत पर बना है और एक अटैच बाथरूम नीचे है.
नीचे वाले बाथरूम मे कोई गया हुआ था, तो वह ऊपर गई.
ये देख कर में भी एकदम से उसके पीछे पीछे हो गया.
वह बाथरूम में घुसी और दरवाजे लगाने को हुई कि मैंने झट से बाथरूम के अन्दर घुस कर गेट बंद कर दिया.
हालांकि ऐसा करते वक्त मेरी गांड तो बहुत फट रही थी कि ये कहीं कुछ हंगामा ना कर दे.
पर उसने कुछ ना करते हुए मीठी आवाज में कहा- ये क्या बदतमीज़ी है जी!
मैंने कहा- ये प्यार है जी. आज तो तू बहुत सेक्सी लग रही थी. इसलिए रहा नहीं गया जी.
वह हंस कर कहने लगी- प्लीज बाहर निकलो और नीचे जाओ, कोई आ जाएगा और ये सब सही नहीं है कुछ शर्म करो यार!
मैंने बोला- तू कर शर्म … मेरे को बेशर्म होने दे!
मैं दूसरे लोगों की तरह घुमा फिरा कर बातें नहीं करता तो मैंने सीधे सीधे उससे कह दिया- आज तो मन भर दे मेरी जान!
यह कहने के बाद वह हँसती हुई मुझे धक्के मारने लगी.
मैंने कहा- अच्छा पाँच मिनट बातें ही कर ले, कोई नहीं आने वाला. उसके बाद चला जाऊंगा.
वह बोली- ये कोई जगह है बातें करने की … बाहर छत पर खड़े होकर कर लेना.
मैंने बोला- नहीं, यहीं करना है.
वह बोली- मुझे सुसू करना है, जाओ बाहर.
मैंने कहा- हां तो कर ले ना. मैं नहीं देख रहा.
वह बोली- शर्म कर लो थोड़ी!
मैंने कहा- आज नहीं करनी कोई शर्म शुर्म.
वह हंसी और बोली- अच्छा … ऐसा दीवानापन!
उसके हँसते ही मैंने एक साथ से उसकी गर्दन पकड़ कर उस पर किस कर दिया.
उसने कहा- अरे यार क्या कर रहे हो … पागल हो गए हो तुम … बहुत पिटोगे और मुझे भी मरवाओगे साले … मैं तेरी छोटी बहन लगती हूँ और अपनी बहन के साथ ये हरकत?
मैंने कहा- मैंने तो तुझे हमेशा अपनी दोस्त माना है. अब तू चुप कर और यहां कोई नहीं आने वाला. तू टेंशन मत ले. तेरी मम्मी सो गई है.
वह बोली- फिर भी यार, अब जाओ, ये सब अच्छा नहीं है.
मैंने कहा- चुप भी कर ले थोड़ी देर.
वह मेरी तरफ हंस कर देखने लगी.
मैंने होंठ आगे बढ़ा दिए और उसे स्मूच करने लगा.
उसने साथ नहीं दिया और अपना मुँह पीछे कर लिया.
मैंने कहा- अबे यार ये क्या ड्रामे हैं … आज तू कुछ मत बोल, मैं बस किस करूँगा और कुछ नहीं.
वह बोली- मत कर यार!
उसकी इस बार की ‘मत कर.’ में ‘कर ले …’ जैसा भाव था.
मैंने फिर से चूमना चालू किया और इस बार उसने होंठ नहीं हटाए.
हालांकि उसने अपनी तरफ से भी चूमाचाटी नहीं की, तब भी मैं लगा रहा.
मैं दो मिनट तक उसे स्मूच करता रहा.
कभी गर्दन पर, कभी होंठों पर.
उसने जरा भी साथ नहीं दिया पर मुझे रोका भी नहीं.
उसकी इस बात से मुझे पता लग गया कि बंदी गर्म हो रही है.
उसके 32 इंच के बूब्स ऊपर नीचे होने लगे थे.
उस वक्त उसके दूध दबाने लायक लग रहे थे.
मैंने उसके कपड़ों ऊपर से मम्मों पर हाथ रखा और दबाने लगा.
वह ऊं ऊं बोल कर हाथ हटाने लगी.
मैंने किस करना जारी रखा और एक ही मिनट बाद दुबारा से उसके बूब्स दबाने लगा.
इस बार उसने मेरे हाथ को नहीं हटाया.
वह निरंतर गर्म होती जा रही थी.
मैंने उसके टॉप में अन्दर हाथ डाल दिया और उसके एक दूध को पकड़ कर दबाने लगा.
वह बहुत हल्की आवाज में सीत्कार करने लगी.
मैंने अपना दूसरा हाथ पीछे से उसकी गांड की लाइन में लगाया और सहलाने लगा.
कुछ ही देर मामला कुकर की सीटी बजने जैसा हो गया था.
मेरी दाल पकने लगी थी.
मैंने एक पल की भी देर नहीं की और उसकी टी-शर्ट को उतार कर दरवाजे पर लगी खूंटी पर टांग दी.
मेरे सामने वह एक ब्रा में थी.
मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपने लोवर के अन्दर डलवा कर लंड पकड़वा दिया.
वह पूरी चुदासी हो गई थी तो पहली बार में ही मेरे लंड को दबाने लगी.
कोई 5 मिनट तक यही कुछ चलता रहा.
मैंने उसके बूब्स चूसे, पेट पर किस की.
कुछ ही देर में मैंने उसे उस स्तर तक गर्म कर दिया था कि उसकी टांगें खुलने लग गई थीं.
मैंने उसके लोवर और पैंटी को भी उतार दिया.
बाथरूम में चुदाई का पूरा माहौल बन गया था.
इधर मेरा लंड भी पूरा तना हुआ था.
मैंने लोवर नीचे कर दिया और लौड़े को मुठ मारने वाली पोजीशन में रख दिया.
हमारी चूमाचाटी चालू थी ही.
मैंने अपना हाथ उसके मम्मों से हटाया और उसकी चूत में उंगली डाल कर उंगली को आगे पीछे करना शुरू कर दिया.
वह ऐसे मादक सिसकारियां लेने लगी जैसे सातवें आसमान पर उड़ रही हो.
मेरा बड़ा मन था कि उसकी चूत चाट लूँ.
पर वह बाथरूम था तो ठीक से पोजीशन नहीं बन पा रही थी.
फिर मैंने उसे खिसका कर कुतिया स्टाइल में बनाया ताकि कम से कम मैं उसकी चूत में तो लंड पेल ही लूँ.
चूंकि मेरा लंड सात इंच का है, तो इतना आसान नहीं था कि बिना लिटाए उसे चोद सकूँ.
फिर भी मैंने सैटिंग बनाई और उसकी चूत पर लंड लगा कर सुपारे को रगड़ने लगा.
मुझे बहुत मजा आ रहा था.
उसे मुझसे भी ज्यादा मजा आ रहा था.
उसकी सेक्सी आवाजें निकल रही थीं.
मैंने उसकी कमर पकड़ कर थोड़ा सा लंड अन्दर डाला तो सुपारा आसानी से चूत की फांकों में सैट हो गया.
वह वर्जिन तो नहीं थी, ये मुझे पता चल गया था.
बाद में मालूम हुआ था कि साली किसी छोटी लुल्ली वाले से चुद चुकी थी.
ऐसा इसलिए समझ आ रहा था क्योंकि उसकी चूत पूरी टाइट थी.
मैंने लंड पेला तो वह दर्द से छटपटा उठी और इधर उधर हो रही थी.
शायद दर्द की वजह से हो रही थी.
मगर ये दर्द वो दर्द नहीं था, जो कुंवारी लड़की की सीलपैक लौंडिया की पहली चुदाई में होता है.
वह ऊं ऊं की आवाज कर जरूर रही थी पर मज़े पूरे ले रही थी.
मैंने थोड़ा लंड और अन्दर डाला और उसके मुँह पर हाथ रख दिया ताकि आवाज़ ना निकल जाए.
यदि ग़लती से भी वह चिल्ला देती तो मेरा काम लग जाता.
ऐसी परिस्थिति में कुछ भी हो सकता था और डर तो लगता ही है.
उसके बाद मैंने कैसे भी करके धीरे धीरे पूरा लंड अन्दर तक डाला क्योंकि बाथरूम ज्यादा बड़ा नहीं था.
चुदाई भी साली बंदर बंदरिया की चुदाई पेड़ की डाली पर होती है, वैसे हो रही थी.
मैं अब उसको चोदने लगा.
वह पूरी गीली हो चुकी थी जिसकी वजह से वह अन्दर से गर्म और चिकनी थी.
लौड़े को सटासट चलने में आसानी होने लगी थी.
कुछ ही देर में मेरा भी होने वाला था.
कम वजह से और किसी के आ जाने के डर से मैंने कुल 5 मिनट ही चोदा होगा उसे … और बस मेरा काम हो गया था.
मैंने लौड़े को चूत से बाहर निकाल कर झाड़ दिया.
वह सीधी हुई और मुझे देखने लगी.
मैंने उसे स्मूच की और दोनों ने जल्दी जल्दी लंड चूत और हाथ धोकर कपड़े पहन लिए.
फिर एक एक करके बाहर निकल गए.
यह थी मेरी पहली सेक्स कहानी बाथरूम चुदाई की!
शादी के बाद उसके पंजाब जाने से पहले मैंने उसे दो बार और चोदा और लंड सकिंग भी करवाई, चूत भी चाटी.
इस घटना के बाद मैंने उसे उसके घर में भी चोदा था.
वह मैं अगली बार लिखूँगा.
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