सेक्सी बहन की खुली चूत की चुदाई

गरम चुदाई बहन की कहानी में एक दिन मेरी बहन मेरे बाइक पर मुझसे चिपक कर बैठी, मेरे मन में बहनचोद बनने के ख्याल आने लगे. मेरी तमन्ना मेरी बहन ने कैसे पूरी की.

सभी चूत की रानियों को मेरे खड़े लंड का नमस्कार.

मेरा नाम सौरभ है व मेरी उम्र 20 साल की है.
मैं एक मिडिल क्लास फैमिली से हूँ.

मेरे घर में हम 4 लोग रहते हैं.
मैं, मेरी बहन और मम्मी-पापा. मेरे पापा जॉब करते हैं.
मैं और मेरी बहन कॉलेज में पढ़ते हैं.

मेरा लंड 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है.

मेरी बहन का नाम सपना है.
उसका फिगर 30-28-32 का है.

गरम चुदाई बहन की कहानी का मजा लें.

एक दिन मैं और मेरी बहन की कॉलेज से छुट्टी हुई तो हम दोनों अपनी बाइक से घर आ रहे थे.

उस दिन रास्ते में बहुत तेज बारिश हुई जिससे हम दोनों पूरे भीग गए.

मेरी बहन सपना जो मेरे पीछे बैठी थी, वह मुझसे चिपक कर बैठ गई.
उसके बूब्स मेरी पीठ से चिपक गए.

उसके ऐसे बैठने से मुझे पता नहीं क्या हो गया कि मेरे मन में गलत ख्याल आने लगे.
हालांकि मैंने सिर्फ उसकी मुलायाम चूचियों का मीठा अहसास किया था और अपनी उत्तेजना को अपने अन्दर दबा कर गाड़ी चलाता रहा.

हम दोनों उस तेज बारिश में पूरी तरह से भीग गए थे तो मेरा रास्ते में कहीं रुकने का मन ही न हुआ.
दूसरी बात यह थी कि मेरा लंड एकदम से अकड़ गया था और मुझसे एक मिनट भी रुका नहीं जा रहा था.

हम दोनों भीगते हुए ही घर पहुंच गए.
घर आते ही मैं बाथरूम में घुस गया और अपनी आंखें बंद करके अपनी बहन की चूचियों को याद करके उसके नाम की मुट्ठ मारने लगा.

जल्द ही मेरे लौड़े ने पानी फेंक दिया और मैं खुद को साफ करके बाहर आ गया.

उस दिन से मेरे दिलो-दिमाग में अपनी बहन सपना को चोदने का सपना आने लगा.
मैं उसे चोदने के लिए उसके पीछे लग गया.
हर वक्त मैं उसे चुदासी नजरों से देखता रहता था.

उसके झुकने पर मैं उसकी चूचियों को देखने का एक भी मौका नहीं छोड़ता था.

जब भी वह पलट कर जाती तो मैं पीछे से उसकी थिरकती गांड को देखता रहता.

उसी दौरान मुझे एक अवसर मिला.
उस दिन घर में बात चली कि मम्मी पापा को नानी जी के यहां 5-6 दिनों के लिए कुछ काम से जाना है.

मेरी नानी का घर गुजरात में अहमदाबाद के पास है.
अब मैं अपनी बहन सपना को चोदने का प्लान बनाने लगा.

जिस दिन पापा मम्मी गुजरात गए, उसके दूसरे दिन मैं और सपना कॉलेज से आ रहे थे.

मैं बाइक को ब्रेक लगा लगा कर चला रहा था, इस वजह से सपना के बूब्स मेरी पीठ से चिपक जा रहे थे.

सपना बोली- क्या हो गया, ऐसे क्यों चला रहे हो?
मैंने कहा- पता नहीं. शायद बाइक में कुछ खराबी आ गई है.

वह चुप हो गई और अब मैं और ज्यादा ब्रेक लगाने लगा.
उसने भी कुछ नहीं कहा बल्कि वह खुद भी अपने दूध मेरी पीठ से रगड़ कर कामसुख लेने लगी.

ऐसे ही एक दूसरे से सुख लेते हुए हम दोनों कुछ देर बाद घर पहुंच गए.

शाम को सपना खाना बना रही थी तो मैं उसके पीछे खड़ा हो गया और उसकी गांड को देख रहा था.

सपना ने भी शायद यह नोटिस कर लिया था कि मैं उसकी गांड देख रहा हूँ.
तो भी वह कुछ नहीं बोली.

फिर हम दोनों ने खाना खाया और सोने चले गए.

सपना और मैं एक ही बेड पर सोते हैं.

मैं पहले आकर बेड पर लेट गया और मोबाईल देखते देखते सो गया.
सपना मेरे सोने के बाद बेड पर आई थी तो मैंने उसे नहीं देखा था.

रात को 11 बजे के आस पास मेरी आंख खुली तो मैंने देखा कि सपना मैक्सी में सो रही है और उसकी मैक्सी उसकी टांगों से ऊपर चढ़ गई है.

उसकी नग्न टांगें देख कर मेरे अन्दर काम जाग गया.
मैं उसके करीब को हो गया और मैंने उसकी मैक्सी के एक सिरे को पकड़ कर थोड़ा ऊपर को कर दिया.

मैंने देखा कि उसने ब्लैक कलर की पैंटी पहनी है.
तो मैंने उसकी मैक्सी को उसके पेट पर चढ़ा दिया.

अब वह अपनी पैंटी में साफ दिख रही थी और उसकी टांगों में फंसी काले रंग की पैंटी बड़ी ही कामुक लग रही थी.
मेरी बहन एकदम दूध सी गोरी है और उसकी काले रंग की पैंटी गजब ढा रही थी.

मैंने उसकी पैंटी पर धीरे धीरे हाथ फेरा.
तो मैंने देखा उसकी पैंटी पहले से ही गीली है.

यह महसूस करते ही मेरी हिम्मत और ज्यादा बढ़ गई कि मेरी बहन भी चुदासी है.

अब मैं उससे चिपक कर लेट गया और धीरे से उसकी पैंटी में अपना हाथ डाल दिया.
मैं उसकी चुत को धीरे धीरे सहलाने लगा.

कुछ ही पल बाद सपना ने एकदम से मेरा हाथ पकड़ लिया.
तो मैं डर गया.

सपना ने अपनी आंखें खोल कर मुझे देखा ओर बोली- ये क्या कर रहे हो?

मैं चुप था.
मुझे समझ में ही नहीं आ रहा था कि मैं उससे क्या कहूँ.

तभी उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपने मम्मों पर रख दिया.
वह बोली- मेरे दूध दबाओ!

मैं समझ गया कि यह भी चुदासी है और मुझसे चुदना चाहती है!

बस फिर क्या था, मैं उसे अपनी बांहों में खींच कर उसे किस करने लगा.
वह भी मेरा साथ देने लगी.

हम दोनों के होंठ एक दूसरे से जुड़ गए और हम दोनों ने करीब दस मिनट मिनट तक जबरदस्त चूमाचाटी की.
हमारी जीभ भी एक दूसरे से लड़ने लगी थीं.

अब मैंने उसकी मैक्सी उतारी तो उसने ब्लैक कलर की ही ब्रा पहनी हुई थी.

मैंने उसे अपनी बांहों में भरा और उसे चूमते हुए ही उसकी ब्रा का हुक खोल दिया.
जैसे ही उसकी ब्रा उसके सीने से उतरी, मैंने उसके मम्मों पर अपनय मुँह लगा दिया.

उसके एक दूध को अपने एक हाथ में पकड़ा और दूसरे को अपने मुँह में दबा कर खींचते हुए चूसने लगा और काटने लगा.

उसके मुँह से मदभरी सिसकारियां निकलने लगीं- आह आह भाई … मस्त चूस रहे हो. आह आह … और जोर से चूसो न प्लीज आह … ऊऊ.’

मैंने कहा- कितने दिनों से तेरे इन मम्मों पर मेरी नजर गड़ी थी.
वह बोली- हां मुझे मालूम है भाई … तुम बाइक पर मेरे दूध रगड़वाते थे तो मुझे भी मजा आता था.

मैंने कहा- तो कभी कहा क्यों नहीं!
वह हंस दी- कहने को क्या था … सीधा चुसवाने तो लगी हूँ!

मैंने कहा- अभी चुसवा लो … कुछ देर बाद चुदवा भी लेना … आह मस्त निप्पल हैं तेरे … अपने हाथ से पकड़ कर पिलाओ न!

वह अपने हाथ से अपने दूध को पकड़ कर अपने एक निप्पल को मेरे मुँह में देती हुई बोली- लो इसे खींच कर चूसो!

मैंने उसके निप्पल को खींच कर चूसा, तो वह मादकता से मीठी आह भरने लगी- आह आह बहुत मजा आता है भाई … तुम निप्पल खींचते हो तो नीचे से पानी निकलने लगता है!
मैंने कहा- तो फिर नीचे भी चुसवाओ न!

यह कह कर मैंने अपनी बहन की पैंटी उतार दी.
उसकी एकदम सफाचट चूत देख कर मैं पागल सा हो गया.

मैंने तुरंत नीचे को सरक कर उसकी टांगों को सीधा किया और चूत पर मुँह रख दिया.

वह मेरे मुँह का स्पर्श अपनी चुत पर पाते ही एकदम से सिहर गई और उसने अपनी टांगें और ज्यादा फैला दीं.

मैं उसकी चुत को चूसने चाटने लगा.
सपना आह आह करने लगी- आह ऊह बहनचोद बन जा … आह साले चाट ले मेरी बुर … आह ओह सीई मम्मी!’

वह मेरा सिर अपनी चूत में दबाने लगी और मस्त होने लगी.

कुछ मिनट तक अपनी बहन की चूत चूसने के बाद वह एकदम से अकड़ गई और मेरे मुँह में ही भलभला कर झड़ गई.

वह अब ढीली पड़ गई थी और मेरे सर को सहला रही थी.
मैं उसकी चुत को चाटता रहा और सारा रस चाट कर चुत को वापस गर्म कर दिया.

अब मैं उठा और मैंने अपना निक्कर निकाल कर अपने लौड़े को दिखाने लगा.
मेरी बहन मेरा लंड देखने लगी.

मैंने जल्दी से अपनी टी-शर्ट भी उतार और मैं भी पूरा नंगा हो गया.
मैंने अपना लंड सहला कर उससे इशारे से पूछा कि कैसा लगा?

वह मेरा लंड देख कर डर गई थी.
वह बोली- भैया ये तो बहुत बड़ा है. इतना बड़ा लंड मेरे अन्दर कैसे जाएगा?

मैं बोला- बड़े आराम से चला जाएगा, चुत में खुलने की कला होती है. वह लौड़े को मस्ती से निगल लेती है और बाद में इसी छेद से बच्चे को भी निकाल देती है!

वह मुस्कुरा दी और बोली- तुमको इसमें से बच्चा भी निकालना है क्या?
मैं हंस दिया.

फिर मैं बोला- वह सब बाद में देखेंगे यार … पहले तुम इसे अपने मुँह से चूस कर तो देखो!

पहले तो वह लौड़े को चूसने से मना कर रही थी.
पर जब मैंने उससे कहा कि क्या तुमने ब्लू फिल्म नहीं देखी है … किसी भी ब्लू फिल्म में बिना लौड़े को चूसे चुत में नहीं घुसेड़ते दिखाया जाता है!

वह बोली- हां, पर मुझे कुछ संकोच हो रहा है!

मैंने उसके मुँह के पास अपने लौड़े को किया और उसके होंठों पर लंड का सुपारा रख दिया.
उसने अपनी जीभ निकाली और मेरे लंड के सुपारे को चाट कर देखा और स्वाद ले लिया.

वह जीभ अन्दर करके स्वाद लेती हुई बोली- नमकीन नमकीन सा टेस्ट है!

जैसे ही उसने नमकीन कहने के लिए मुँह खोला, उसी वक्त मैंने उसके एक दूध को जोर से मसल दिया और उसका मुँह और ज्यादा खुल गया.
मैंने उसी वक्त अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया.

पहले तो वह चूसने से मना कर रही थी और नाटक कर रही थी मगर एक दो बार अन्दर करने में उसे मजा आ गया.

अब तो साली रंडी की तरह लंड चूसने लगी. अब तो मेरी बहन अपने भाई का लंड ऐसे चूस रही थी, जैसे कोई लॉलीपॉप चूस रही हो.

तभी उसके एक हाथ ने मेरे अंडकोश को भी सहलाया तो मेरे मुँह से मीठी कराहें निकलने लगीं- आह चूस ले मेरी सपना रंडी … आह और जोर से चूस बहन की लवड़ी … आह पूरा हथियार खा सा..साली रंडी सपना!
मैं उसे गाली देने लगा.

वह और जोश में आ गई और वह भी गाली देती हुई मेरे लंड की चुसाई करने लगी.

वह लंड को अपने गले के अंतिम छोर तक ले जाकर जोर जोर से चूसने लगी.
मेरे मुँह से निरंतर ‘आह आह ऊँह उह ओ माय गॉड …’ निकल रहा था.

दस मिनट में मेरे लंड ने सारा पानी उसके मुँह में निकाल दिया और उसे वह पूरा गटक भी गई.

मैंने समझ लिया कि यह साली लंडखोर है और इसने किसी लड़के के लंड को चूसा है!

फिर मैंने सोचा कि पहले चुदाई कर ली जाए फिर बाकी बाद में इससे सब पूछताछ करूंगा.

अब मैंने यही सोचा था कि यह चुद चुकी है तो सीधे उसे घोड़ी बनाया और उसकी चुत में पीछे से लंड पेलने लगा.

मेरा लंड बार बार चुत के छेद से फिसल जा रहा था.
तो सपना ने अपने एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर चूत में लगाया.
मैंने उसकी चूत में लंड ठांस दिया और चुदाई चालू कर दी.

सपना ने साबित कर दिया था कि वह लंड खाई हुई है.

चीखने चिल्लाने की जगह बहन की लौड़ी गाली देने लगी- आह साले, शुरू में धीरे धीरे करना चाहिए बहन के लौड़े साले … भोसड़ी के बहनचोद!
उसके मुँह से चुदाई पर बोलते और गाली देते सुना तो मैं एकदम से उसके ऊपर चढ़ गया और उसके दूध दबाने लगा.

उसे मजा आने लगा.

अब मैं और जोर जोर से लंड को अन्दर बाहर करने लगा.
वह ‘आह हह ओह साले बहनचोद … आह मजा दे रहा है भोसड़ी के आह चोद साले आउच उह …’ करने लगी.

कुछ ही देर में सपना झड़ गई.
मगर मैं उसकी चूत चोदता रहा.

कुछ ही देर में वह वापस चार्ज हो गई और साथ देने लगी.
फिर हम दोनों मिसनरी आसन में चुदाई का मजा लेने लगे.

अब उसकी हालत खराब होने लगी थी.
वह मुझसे चुदाई रोकने की कहने लगी मगर मैं नहीं माना और उसे पेलता रहा.

कुछ बीस मिनट बाद मैं भी उसकी चुत में ही झड़ गया.

मैंने अपना सारा माल उसकी चूत में ही निकाल दिया और उसकी तरफ देखने लगा कि यह क्या कहती है.
सच में मेरी बहन रंडी हो गई थी वह चुत में वीर्य निकालने पर भी कुछ नहीं बोली.
शायद वह दवा लेती थी.

सपना बोली- भईया, आप इतना अच्छा चोदते हो, मुझे पता ही नहीं था. यदि मालूम होता तो मैं अपनी सील आप से ही तुड़वाती.

फिर मैंने उससे उसकी चुदाई की सारी जानकारी ली कि वह कितने लंड से चुदवा चुकी है. उसका एक ही ब्वॉयफ्रेंड है और वही उसकी लेता है.

अब तक उसके ब्वॉयफ्रेंड ने उसे सैकड़ों बार चोद दिया था.
इसी लिए उसे मेरे लंड से चुदवाने में कोई दिक्कत नहीं हुई.

मैंने उस रात में उसको चार बार और चोदा.
सुबह के चार बजे तक चुदाई बहन की चलती रही.

फिर हम दोनों सो गए.

अगले 5 दिन तक मैंने अपनी बहन के साथ इतनी ज्यादा चुदाई की कि वह मेरे लौड़े की लवर बन गई.

मैंने कभी उसे सीढ़ी पर चोदा, तो कभी बाथरूम में फव्वारे के नीचे पेला, तो किचन की पट्टी से घोड़ी बना कर पेला, तो कभी हॉल में टीवी पर ब्लूफिल्म देखते हुए चुदाई का मजा लिया.

फिर जब मम्मी पापा वापस आ गए तो मैं और सपना रोज रात को चुदाई कर लेते थे.
कभी मौका मिलता तो दिन में भी मैं उसकी प्यारी सी चुदाई कर लेता हूँ.

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