यह गर्म चाची सेक्स कहानी मेरी दूर की चाची की चूत की चुदाई की है. वे पहली बार हमारे घर आई थी और रात को ही उन्होंने मुझे अपनी चूचियों का चुग्गा डाल दिया।
नमस्कार दोस्तो, और भाभियों को मेरी तरफ से विशेष आदाब.
यह मेरी पहली कहानी है, अगर कोई गलती हो जाए तो कृपया माफ कीजिएगा.
मेरा नाम राज है, उम्र 22 साल.
यह कहानी उस समय की है, जब मैं बारहवीं कक्षा में था.
मैं थोड़ा अपने बारे में बता दूं.
मेरा कद लगभग 6 फुट है और उस समय मेरे लंड का साइज 6 इंच से थोड़ा कम रहा होगा.
लेकिन अब यह थोड़ा बड़ा और मोटा हो गया है क्योंकि मैंने इसकी तेल मालिश शुरू कर दी है.
गर्म चाची सेक्स कहानी में हुआ यूं कि हमारे यहां एक दूर के चाचा और उनकी पत्नी यानि मेरी चाची आए हुए थे.
जिस समय वे आए थे, तब मैं किसी पार्टी में गया हुआ था.
पार्टी से लौटने के बाद मैंने उनसे हाय-हैलो की.
चाचा को तो मैं पहले से जानता था, लेकिन चाची से पहली बार मिला था.
फिर चाचा से मेरी यूं ही इधर-उधर की बातें होने लगीं.
कुछ देर बाद चाची ने मुझसे बात शुरू की और अपने मोबाइल के कुछ फंक्शन्स के बारे में पूछने लगीं.
इस बीच हम दोनों में अच्छी बॉन्डिंग बन गई.
थोड़ी देर बाद हम सबने साथ में खाना खाया.
जब सोने का समय हुआ तो मम्मी ने कहा- चाचा-चाची को अपने रूम में सुला लो.
मैंने वैसा ही किया.
वे दोनों मेरे रूम में सोने आ गए.
मेरा बेड एक साइड से दीवार से सटा हुआ है.
चाची दीवार वाली साइड पर सो गईं, चाचा उनके बगल में … और मैं बेड की दूसरी साइड पर लेट गए.
चाची ने मुझे अपने पास बुलाया क्योंकि उन्हें फोन में कुछ फंक्शन्स सीखने थे.
वे थोड़ा चाचा की तरफ हुईं और मैं दीवार वाली साइड पर लेटकर उन्हें सब समझाने लगा.
थोड़ी देर बाद रात हो गई और सब सोने लगे.
मैं भी आंखें बंद करके लेट गया.
लेटे-लेटे मुझे नींद आ गई लेकिन थोड़ी देर बाद मेरी आंख खुल गई.
मैंने देखा कि चाची अपने बूब्स मेरे मुँह की तरफ लगाने की कोशिश कर रही थीं.
मैं सोचने लगा कि ये क्या कर रही हैं?
फिर थोड़ी देर बाद उन्होंने अपनी एक टांग मेरी टांग पर रख दी.
वह सर्दियों का समय था, सभी ने अपनी-अपनी रजाई ओढ़ रखी थी.
मेरी रजाई अलग थी और चाची की अलग.
लेकिन चाची ने मेरी रजाई में ही अपना पैर घुसा लिया था.
उनके पैरों की चिकनाहट की वजह से मुझे बहुत अच्छा महसूस हुआ.
मैं सर्दियों में भी शॉर्ट्स पहन कर सोता हूं, इसलिए मुझे उनके पैरों की चिकनाहट अच्छे से महसूस हो रही थी.
माफ कीजिएगा, दोस्तों, मैं चाची के बारे में बताना भूल गया.
मेरी चाची का नाम अंजलि है, उनकी उम्र लगभग 27 साल के आस-पास रही होगी.
वे एकदम लंबी-चौड़ी औरत हैं. उनके बूब्स काफी बड़े हैं और गांड भी बहुत मोटी और गोल है, शायद 40 साइज की रही होगी.
उनके पैरों की वजह से मुझे भी ठरक चढ़ने लगी.
मैंने भी उनके पैरों पर हाथ फेरना शुरू कर दिया.
चाची ऐसा दिखाने की कोशिश कर रही थीं जैसे वे सो रही हों.
लेकिन पैरों में हलचल होने की वजह से मैं समझ गया कि चाची को भी मजा आ रहा है.
थोड़ी देर बाद मैंने अपनी रजाई साइड में करके चाची की रजाई में घुस गया.
उनके बदन से क्या मादक खुशबू आ रही थी … मजा आ गया!
मैंने धीरे से उनके भरे हुए मम्मों पर ब्लाउज के ऊपर से हाथ फेरना शुरू कर दिया.
चाची के मम्मे बहुत मुलायम थे.
फिर मैंने जोर से दबाना शुरू किया तो चाची की सांसें तेज होने लगीं.
मैं समझ गया कि अब उन्हें भी मजा आ रहा है. मेरी हिम्मत और बढ़ गई.
मैंने धीरे से उनके पेट पर हाथ फेरते हुए पेटीकोट का नाड़ा खोलना शुरू किया.
नाड़ा खोलने की जगह कस गया और उस वजह से नाड़ा टाइट हो गया जिससे चाची को थोड़ा चुभने लगा.
वे थोड़ा कसमसाईं.
मैंने तुरंत हथियार डाल दिए और चुपचाप सोने की एक्टिंग करने लगा.
लेकिन मुझे क्या पता था कि चाची भी यही चाहती थीं.
फिर चाची मेरी ओर खिसकीं और मुझसे चिपक गईं.
वे ऐसे कर रही थीं मानो वे गहरी नींद में हों.
इससे मेरे लंड में फिर से कसाव आने लगा.
मैंने उनके बूब्स पर मुँह रखकर दबाना शुरू किया.
आहा … क्या मजा था उनके बूब्स में … एकदम मक्खन जैसे दूध थे.
फिर मैंने ब्लाउज को नीचे करके बूब्स बाहर निकालने की कोशिश की.
लेकिन बड़े होने की वजह से वे निकले नहीं.
मैंने ब्लाउज के हुक खोलना शुरू किया.
चाची अब भी सोने का नाटक कर रही थीं.
हुक खोलने के बाद मैं उनके बूब्स को ब्रा के ऊपर से दबाने और चूसने लगा.
इससे चाची उत्तेजित होने लगीं.
उनके सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने आंखें खोलकर मेरा साथ देना शुरू कर दिया.
वे मेरे मुँह को अपने चूचों में दबाने लगीं और आहें भरने लगीं.
चाचा ना जग जाएं इसलिए उन्होंने अपनी आवाज पर काबू रखा हुआ था.
मुझे ग्रीन सिग्नल मिलने से और ज्यादा मजा आने लगा.
मैंने चाची का मुँह पकड़कर उनके होठों में अपने होंठ दे दिए और किस करने लगा.
वे मेरे मुँह में अपनी जीभ डाल रही थीं जिससे एक अलग ही टेस्ट आ रहा था.
यह सब बिना बोले हो रहा था क्योंकि चाचा पास में ही सो रहे थे.
फिर मैंने उनके पेटीकोट को खोलकर नीचे कर दिया और उनकी चूत पर हाथ रखा.
वह बहुत गर्म थी, ऐसा लगा जैसे किसी भट्टी पर हाथ रख दिया हो!
पहली बार किसी चूत पर हाथ रखने का मजा कुछ और ही था.
उनकी चूत पर छोटे-छोटे बाल थे, शायद वे नियमित रूप से चूत शेव करती थीं.
चूत पर हाथ फेरने से चाची और ज्यादा गर्म हो गईं और मोनिंग करने लगीं.
मैंने उन्हें चुप रहने का इशारा किया, तो वे चुप हो गईं.
फिर मैंने उनकी फूली हुई चूत में उंगली करना शुरू कर दिया.
उन्हें बहुत मजा आने लगा.
उन्होंने मुझे इशारे से बताया- ऐसे रब करो, तब ज्यादा मजा आएगा!
मैंने वैसा ही किया.
मैंने उनकी चूत को तेजी से रब किया तो वे गांड उठा-उठाकर मजे लेने लगीं.
यह दृश्य देखकर मेरे लंड ने सलामी देना शुरू कर दिया!
फिर चाची ढीली पड़ गईं और उन्होंने मुझे रुकने को कहा.
कुछ देर बाद मैंने हाथ चलाया तो उन्होंने मुझसे सोने को कह दिया.
मैंने धीरे से उनके कान में कहा- मेरे लंड को कौन शांत करेगा?
उन्होंने मेरे लंड को हाथ में लिया और देखकर खुश हो गईं.
वे उसे जोर-जोर से ऊपर-नीचे करने लगीं.
इतनी देर तक चूत में उंगली करने से मेरे लंड में कसाव आ गया था.
जल्दी ही लंड ने पानी छोड़ दिया और वह सारा पानी मैंने अपने इनरवियर के अन्दर ही निकाल लिया.
सोते वक्त मैंने चाची से कहा- मुझे पूरा चोदना है!
उन्होंने मेरे कान में कहा- इसके बारे में मैं बाद में कुछ करती हूं अभी सो जाओ … क्योंकि अभी तुम्हारे चाचा हैं, तो हो नहीं पाएगा!
मैंने कहा- ठीक है.
मैं उनकी ही रजाई में उनकी चूत पर हाथ रखकर सो गया.
सुबह चाची जल्दी उठ गईं और उन्होंने चाचा से कहा कि मुझे पेट में दर्द हो रहा है.
चाचा को चाची के साथ पास के गांव में कहीं किसी पंडित से मिलने जाना था.
मुझे बाद में मालूम हुआ कि वे चाची को उस पंडित से झड़वाने ले जा रहे थे क्योंकि चाची को ब/च्चा नहीं हो रहा था.
फिर मम्मी ने कहा- आप अकेले चले जाओ और पंडित जी से ताबीज बनवा लाओ.
चाचा चले गए.
दोपहर में चाची ने मुझे अपने पास बुलाया और वे मुझसे मोबाइल में कुछ देखने की बात कहने लगीं.
मम्मी दोपहर में सो गई थीं.
चाची ने मुझे इशारा किया कि ऊपर की मंजिल वाले कमरे में चलो.
मैं उनके साथ अटारी में चला गया.
उधर चाची ने अपनी साड़ी खोल दी और वे ब्लाउज के बटन खोल कर मुझे अपने मम्मों से चिपका कर दूध चुसवाने लगीं.
मैंने कहा- चाचा कौन से पंडित के पास गए हैं?
वे हंस कर बोलीं- तेरे चाचा जी खुद किसी काम के नहीं हैं. तुम मुझे पेल कर मां बना दो. पंडित जी का ताबीज लटका कर मैं कह दूँगी कि उन्हीं की कृपा से बच्चा हो गया है.
मैं झट से सारा माजरा समझ गया और उनके पेटीकोट को उठा कर चुत चूसने लगा.
चाची जी ने आज पैंटी पहनी ही नहीं थी.
जल्दी ही चाची जी गर्मा गईं और उन्होंने मुझे अपने ऊपर चढ़ने के लिए कह दिया.
मैं उनकी चुत में लंड पेल कर उन्हें चोदने लगा. आधा घंटा में मैंने चाची की चुत का भोसड़ा बना दिया.
गर्म चाची सेक्स करते हुए जब झड़ने का समय आया तो मैंने उनकी कोख में बीज बो दिया.
जन्नत का मजा लेकर हम दोनों संतुष्ट हो गए थे.
मैं चाची को चोदकर बहुत खुश था.
फिर एक घंटा बाद चाचा जी आ गए. उन्होंने चाची जी को ताबीज पहनने के लिए दे दिया.
चाची जी ने ताबीज पहन लिया.
कुछ देर बाद चाची जी ने कहा कि इस ताबीज को पहनने से ही उनकी तबीयत एकदम सही हो गई है.
वे दोनों अपने शहर चले गए.
नौ महीने बाद चाची ने एक सुंदर से बालक को जन्म दिया.
मुझे समझ में आ गया कि मेरे बीज ने ही इस बालक को जन्म दिया है.
तो दोस्तो, यह मेरे साथ घटी सच्ची घटना थी, जिसे मैंने आपको सेक्स कहानी के माध्यम से बताया है.
गर्म चाची सेक्स कहानी आपको पढ़ कर कैसी लगी, प्लीज जरूर बताएं.
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