दादा जी की सौतेली बेटी की चूत फाड़ी

देसी चूत Xxx फॅमिली स्टोरी में दादी की मौत के बाद दादा ने एक महिला से शादी की जिसकी एक जवान बेटी थी. वह लड़की मेरी हमउम्र थी और मेरी बुआ लगी. मैंने उसे चोदा.

दोस्तो, मेरा नाम सुरेश है.
मैं 22 साल का हूँ.

आप लोगों के लिए मैं अपनी जिंदगी की पहली चुदाई की देसी चूत Xxx फॅमिली स्टोरी बताने जा रहा हूँ.

मेरे दादाजी ने अपनी पत्नी के देहांत के बाद एक और महिला से शादी की थी जो पहले से शादीशुदा थी.
उनकी एक बेटी थी, जो मेरी उम्र की थी.

शादी के कुछ सालों बाद मैं सौतेली दादी और उनकी बेटी से घुल-मिल गया.
उनकी बेटी को मैं बुआ कहता था.

मैं कॉलेज में प्रथम वर्ष में था और हमारी बुआ 12 वीं कक्षा में थीं.

हमारा स्कूल और कॉलेज पास-पास ही थे इसलिए हम दोनों मेरी बाइक पर साथ में जाते थे.

हम दोनों एक-दूसरे को छेड़ते-मजाक करते जाते थे.
मजाक के बहाने मैं उन्हें कहीं भी छू देता था.

वे थोड़ा गुस्सा करती थीं, पर मैं संभाल लेता था.

मैं ज्यादातर बुआ से मस्ती करने के लिए दादाजी के घर पर रात रुक जाता था.
हम दोनों साथ में सो जाते थे और मैं उन्हें कहीं भी छू देता था.

मेरी बुआ बहुत सेक्सी थीं.
उनके बूब्स बहुत बड़े-बड़े थे और उनकी गांड मक्खन जैसी मुलायम थी.

एक बार बाइक दुर्घटना में मेरे पैर में मोच आ गई और मॉम-डैड को किसी काम से बाहर जाना पड़ा.
इसलिए मैं और मेरी बहन कुछ दिनों के लिए दादाजी के घर पर रहने गए.

मैं, मेरी बहन और मेरी बुआ साथ में सोते थे.

मेरी बहन की शादी होने वाली थी इसलिए वे मेरे होने वाले जीजू से देर रात तक फोन पर बात करती थीं.

मैं और बुआ दोनों बिस्तर पर खेलते थे.
मैं कभी उनकी गांड पर हाथ मार देता था, तो कभी उनके बूब्स को सहला देता था.

खेलते समय शायद उन्हें ध्यान नहीं रहता था लेकिन अब मेरे मन में उन्हें पेलने का ख्याल आने लगा था.

हम रात को थोड़ी गंदी बातें भी किया करते थे.
हमारी बातों में दादा जी और बुआ की मम्मी के बीच किस तरह से रात कट रही होगी … यही सब चलता था.

बुआ जी कभी कभी लिमिट क्रॉस कर जाती थीं और मुझे चिढ़ाने के उद्देश्य से कह देती थीं कि तुम्हारे दादा जी का हैलीकॉप्टर काम करता भी या नहीं!

उस दिन जब वे मुझसे इस बात को दो तीन बार कह चुकीं, तो मैंने भी कह दिया- अपनी मम्मी से पूछ लो न कि उन्हें हैलीकॉप्टर में बैठने में मजा आया और उनका कैसा अनुभव रहा.

मेरे मुँह से यह सुनकर बुआ हंसने लगीं और हम दोनों इसी संदर्भ में खुल कर बात करने लगे.

एक रात मेरी बहन फोन पर बात करने बाहर चली गईं.
मैं और मेरी बुआ बिस्तर पर खेल रहे थे.

हमारे खेल में धींगा मुश्ती होने लगी.
कभी वे मेरे ऊपर होतीं, तो कभी मैं उनके ऊपर.

कभी मैं उनकी गांड पर मार देता, तो कभी उनके बूब्स सहला देता.

ऐसी हरकतों से मेरा लंड खड़ा होने लगा.
मेरा 6 इंच का लंड उनकी गांड पर चुभ रहा था.

मैं जानबूझकर उनकी गांड पर अपना लंड दबा रहा था.

अचानक से बुआ ने धीरे से मेरे लंड को पकड़ लिया.
मैं बहुत डर गया.

बुआ- ये क्या है?
मैं थोड़ा संभला और जवाब दिया.
मैं- आप खुद देख लो न!

बुआ ने पहले कंबल हमारे ऊपर ढका, फिर मेरी पैंट और अंडरवियर को नीचे किया और मेरे लंड को आजाद कर दिया.
उन्होंने हल्के से कंबल उठाकर देखा और बोलीं- ये क्या है? काला, मोटा और लंबा सा!
मैं- मेरा हैलीकॉप्टर है … आप अच्छे से नीचे जाकर देख लो न!

बुआ मेरे लंड को सहलाने लगीं.
मैंने भी उनके बूब्स पर हाथ रख दिया.

जैसे ही मैंने उनके दूध को दबाया, उन्होंने मेरे हाथ को झटक कर हटा दिया.

मैंने हिम्मत करके फिर से उनके बूब्स को सहलाया.
इस बार उन्होंने विरोध नहीं किया.

वे गर्म हो रही थीं और मैं भी गर्म था.
मैंने धीरे से उनकी चूत पर हाथ रख दिया. उन्होंने गुस्सा दिखाया, पर मैंने फिर से उनकी चूत पर हाथ रख दिया और सहलाने लगा.

मैंने हल्के से पूछा.
मैं- आपने कभी चुदाई कराई है?

बुआ- नहीं, कभी नहीं!
मैं- आपने सेक्स वीडियो देखे हैं?
बुआ- हां!

मैं- उसमें लड़कियां लंड चाटती हैं, आप भी करेंगी क्या?
बुआ- छी: …

मुझे भी शर्मिंदगी महसूस हुई तो मैं चुपचाप उनकी चूत को सहलाने लगा.
बुआ- मैं लंड को अच्छे से देख लूँ?
मैं- हां!

बुआ कंबल के अन्दर घुस गईं और मेरे लंड की टोपी को अन्दर-बाहर करने लगीं.
मुझसे रहा नहीं गया.

मैंने उनके सिर को पकड़ा और अपना लंड उनके मुँह में डाल दिया.
वह ‘उं … उं … उं.’ की आवाज निकालने लगीं और झटके से मेरे लंड को अपने मुँह से निकाल दिया.

मैंने फिर उनके सिर को पकड़ा और अपना लंड उनके मुँह में डाल दिया.
इस बार मैं उनके सिर को मजबूती से पकड़े रखा.

फिर मैंने उनके सिर को छोड़ दिया.

उसने गहरी सांस ली और मैंने उनके मुँह में फिर से लंड डाल दिया.
इस बार वे लंड को मजे से चूसने लगीं.

मैंने उनकी फुद्दी में अपनी उंगली डाल दी और अन्दर-बाहर करने लगा.
बुआ आवाज़ निकालने लगीं- इस्स्स्स … आह्ह्ह!

मुझसे अब रहा नहीं गया, मैंने उनकी पैंटी नीचे खिसका दी और उन्हें उल्टा करके अपना लंड घुसाने लगा.
लेकिन मेरी भी पहली चुदाई थी और उनकी चूत भी पैक थी.

मुझे अच्छे से चोदना नहीं आ रहा था.
आवाज़ ज़्यादा करने से दादाजी और बहन को भनक लग जाती, तो मैं थक गया.
मैंने बुआ से लंड चूसने को कहा और वे लंड चूसने लगीं.

मैं उनके मुँह को तेज़-तेज़ चोदने लगा और उनकी फुद्दी में उंगली करने लगा.
बुआ का पानी निकल गया, लेकिन मैंने उनके मुँह को चोदना जारी रखा.

अंत में मेरा माल उनके मुँह में गिर गया.
उन्होंने मेरे माल को बिस्तर पर ही थूक दिया और अपनी पैंटी से अपनी फुद्दी को साफ कर लिया.
फिर हम दोनों सो गए.

अब चोदने की आग भड़क चुकी थी.
हम दोनों देसी चूत Xxx फॅमिली चुदाई के लिए मौका व जगह ढूँढ रहे थे और जल्दी ही हमें ये मौका मिला भी!

हम सुबह उठे और सबने चाय-पानी पिया.

मैं आपको बता दूँ कि मैं गांव का रहने वाला हूँ, तो हट्टा कट्टा पहलवान जैसा हूँ.

अब मैं अपनी बुआ को खुले तौर पर पकड़ लेता था और किसी के न होने पर उनके बूब्स पकड़ कर निचोड़ देता था.

उनकी गांड पर थप्पड़ मार देता था, उन्हें पकड़ कर होंठों पर चूम भी लेता था.
स्कूल जाते वक्त वे भी मेरे लंड से खेलती रहती थीं.

अब मुझे इंतज़ार था कि हम कब घर में अकेले रहें.
एक दिन सबसे पहले मेरी बहन किसी काम से दिन भर के लिए चली गई.

अब घर में सिर्फ़ दादाजी, दादी और बुआ थीं.
हम सबने सुबह का नाश्ता आदि किया.

फिर सब लोग बारी बारी से नहाने की तैयारी में थे.
बुआ अब तक मेरी रंडी बन चुकी थीं, उन्होंने नहाकर लहंगा-चोली पहन रखी थी.

बुआ को बिना दुपट्टा की चोली पहने देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया.
उनके दूध एकदम तोप से तने हुए थे.

मैंने सबसे छुपते हुए कमरे के एक कोने में बुआ को सटाकर उनका लहंगा ऊपर उठाया और उनकी चूत पर जीभ डालकर चाटने लगा.
तभी पीछे से दादाजी आने लगे.

बुआ ने मुझे दूर हटाया और लहंगा नीचे कर लिया.
दादाजी कुछ ढूँढते हुए निकल गए और फिर खेत चले गए.

हमारी दादी को दादाजी ने कुछ समय बाद खेत पर बुलाया था.
खेत हमारे घर से करीब दो किलोमीटर दूर था.
दादी भी एक घंटे बाद खेत चली गईं.

अब घर में सिर्फ़ मैं और बुआ रह गए थे.

दादी के जाते ही मैंने बुआ को पकड़ा और उन्हें उस कमरे में ले गया जहां गाय-बैलों के लिए चारा-भूसा रखा जाता था.
मैं बुआ को किसी भूखे कुत्ते की तरह चूम रहा था और बुआ भी किसी रंडी की तरह मुझे चूम रही थीं.

मैंने बुआ के ब्लाउज़ को ऊपर कर दिया.
उनके बूब्स हवा में फुदकने लगे.

मैं उनके बूब्स को दबाने और चूसने लगा. उनके मुँह से तेज़ आवाज़ें निकलने लगीं ‘आह्ह … उह्ह्ह!’

उन्होंने मेरे लंड को पैंट के ऊपर से ही पकड़ना शुरू कर दिया.
बुआ भी किसी कुतिया की तरह मेरे लंड को अपने हाथ से खींच रही थीं.

मैंने अब उनका लहंगा उठाया और उनकी सफाचट चूत को चाटने लगा.
वे उस वक्त बहुत सेक्सी आवाज़ें निकाल रही थीं- आआ ह्ह्ह्ह … ओह्ह और ज़ोर से चाट मेरी चूत बहनचोद … साले हरामी आह.

मुझे बुआ की आवाजें बहुत अच्छी लग रही थीं.
फिर मैंने उन्हें ज़मीन पर पटक दिया और अपना लंड उनके मुँह में दे दिया.

वे किसी रंडी की तरह लंड को चूस रही थीं.
मैं उन्हें गालियां दे रहा था ‘आह मादरचोद छिनाल आह रंडी साली और जोर से चूस बहन की लौड़ी!’
मैं उनके गाल पर चाँटे भी मार रहा था.

लंड चुसवाने के बाद मैंने उन्हें पास में रखे चारे के ढेर पर टिका दिया और उनका लहंगा ऊपर करके लंड चुत में टिकाया और एक तेज झटका लगा दिया.

मेरा पप्पू उनकी फुद्दी में फंस गया.
उनकी चीख निकल गईं.

मैंने उनकी गांड पर एक थप्पड़ मारा, तो उनकी गांड लाल हो गई.
अगले ही झटके में मैंने अपना पूरा लंड बुआ की फुद्दी में डाल दिया.

उनकी देसी चूत की सील टूट गई और एक ही बार में खू.न निकल गया.
बुआ की आंखों से आंसू आने लगे.

मैंने झटकों की स्पीड बढ़ाई और हाथों से उसके बूब्स को निचोड़ निचोड़ कर उन्हें चोदता रहा.
मैंने उनके ब्लाउज़ को पकड़ा और उसे जोर से खींच कर फाड़ दिया.

वे सिर्फ दर्द भरी आवाजें निकाल रही थीं.
मैं उन्हें चोदता रहा, वे दर्द से तड़फती रहीं.

फिर मैंने उनके बाल पकड़े और ताबड़तोड़ चोदने लगा.

अंत में जब मेरा माल गिरने वाला था, मैंने उन्हें ज़मीन पर बिठा दिया और उनके मुँह में लंड डाल दिया.
मैंने बुआ के मुँह में लंड को तब तक दबाकर रखा, जब तक उन्होंने मेरा सारा माल गटक नहीं लिया.

उसके बाद जब मैंने लंड उनके मुँह में से बाहर निकाला तो वे कुतिया जैसी हांफ रही थीं और मेरी आँखों में आंखें डाल कर बड़ी कामुकता से निहार रही थीं.

मुझे लगा था कि जिस तरह से उन्हें दर्द हुआ था और मैंने उनकी कराहों को नजरअंदाज करते हुए उन्हें चोदा था, उससे तो उन्हें मेरे ऊपर गुस्सा आ रहा होगा.

फिर हम दोनों ने एक दूसरे को चूमा और कुछ देर तक रुकने के बाद हमारा पुनः चुदाई का कार्यक्रम शुरू हो गया.
इस बार बुआ मस्ती से चुदीं क्योंकि उनकी चुत खुल चुकी थी तो उन्हें अब दर्द नहीं हो रहा था.

अब हम दोनों चुदाई के लिए मौके की तलाश में रहने लगे थे.

मैंने स्कूल के रास्ते में एक जगह खोज ली थी जिधर हम दोनों कुछ देर रुक कर चुदाई का मजा ले लेते थे.

आपको मेरी यह देसी चूत Xxx फॅमिली स्टोरी कैसी लगी, प्लीज अपने कमेंट्स जरूर करें.
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