छोटी बहन को खूब गर्म करके चोदा

बाँडेज सेक्स कहानी में मैं और मेरी बहन अकेले थे घर में. हम पहले सेक्स कर चुके थे तो मौक़ा मिला चुदाई का. मैंने अपनी बहन को गर्म करना शुरू किया.

सभी चूत की मालकिनों और लंड धारियों को मेरा नमस्कार.

मेरा नाम अमित है. मैं अभी 22 साल का हूँ. मेरी हाइट 5 फुट 7 इंच है. रंग दूध सा गोरा है और जिम करने की वजह से मेरा शरीर भी काफी सुंदर और सुडौल है.

आज जो बाँडेज सेक्स कहानी मैं आपको बताने जा रहा हूँ, वह मेरे और मेरी छोटी बहन के बीच में हुए सेक्स की कहानी है.

मेरी छोटी बहन का नाम अंजलि है, उसकी उम्र 20 साल है. वह दिखने में बहुत ही खूबसूरत है.
उसके बूब्स और गांड बहुत ही शानदार हैं.
उसको देखकर कोई भी मर्द उसको चोदने के लिए सोचने लगता है.

लेकिन वह किसी को भी भाव नहीं देती.

अंजलि का फिगर इतना कातिलाना है कि बूढ़ों का भी लंड खड़ा कर देता है.

मेरी छोटी बहन अंजलि मेरे साथ ज्यादा समय बिताती है.
उसे मेरे साथ रहना बहुत अच्छा लगता है.

यह कहानी तब की है, जब मेरी छोटी बहन 19 साल की हुई थी.
मैंने उसकी सील 18 साल की उम्र में ही तोड़ दी थी.
वह कहानी मैं आपको बाद में बताऊंगा.

बात तब की है, जब मेरी छोटी बहन का 19 वाँ जन्मदिन था.
उस दिन मम्मी-पापा को किसी शादी में जाना था और दो दिन बाद लौटना था.

मैं नहीं जाने वाला था.
तो मम्मी ने खाना बनाने के लिए छोटी बहन को मेरे पास छोड़ दिया और दोनों शादी में चले गए.
मम्मी-पापा नाश्ता करके शादी में चले गए.

अब घर में सिर्फ मैं और अंजलि ही थे.
हमने भी नाश्ता किया और बैठकर मूवी देखने लगे.

मूवी में एक किसिंग सीन आया तो मैंने उसका हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया और उसे अपनी गोद में बैठा लिया.
चूंकि मैं उसे पहले चोद चुका था तो उसे भी मेरे साथ सेक्स करने में कोई दिक्कत नहीं थी.

उधर अपनी बहन की चुदाई का सोच सोच कर मेरा लंड तो पहले से ही तनकर खड़ा था.
आज मेरा लंड एक बार फिर से उसके छोटे से छेद में जाने के लिए तैयार था.

वह भी इठलाती हुई मेरी गोद में आकर बैठ गई.
धीरे-धीरे मैंने उसके बूब्स दबाने शुरू किए, जिससे वह गर्म होने लगी.
अब हमारे बीच किसिंग शुरू हो गई!

मैंने 20 मिनट तक उसका रसपान किया और फिर उसे नंगी करने लगा.

पहले मैंने उसकी कुर्ती उतारी.
उसने अन्दर पीले रंग की ब्रा पहन रखी थी जो उसकी खूबसूरती को चार चाँद लगा रही थी.

उसके मम्मे दबाने में बहुत मजा आ रहा था.
चूचों का मर्दन करने से वह मदभरी सिसकारियां लेने लगी और मजे से अपने मम्मे चुसवाने लगी.

धीरे-धीरे मैंने उसकी ब्रा खोल दी और उसे ऊपर से पूरी तरह नंगी कर दिया.

घर में कोई था नहीं तो किसी बात का डर भी नहीं था.
ये सारा खेल हम दोनों हॉल में बिना किसी डर के कर रहे थे!

मैंने जैसे ही उसकी ब्रा उतारी उसके मम्मे आजाद पंछी की तरह मेरे सामने आ गए.
मैंने उन्हें पूरा निचोड़ कर रख दिया.

बारी-बारी से दोनों मम्मों को चूसा तो उसे दर्द होने लगा.
उसके मम्मे लाल हो गए थे.
दबाने पर ऐसा लग रहा था कि खून बाहर आ जाएगा.

मीठे दर्द के बावजूद भी वह पूरे जोश में मेरा साथ दे रही थी.

धीरे-धीरे मैं उसकी चूत की तरफ बढ़ा.
उसकी लाल रंग की पैंटी पूरी गीली हो चुकी थी.

मैंने एक ही झटके में उसकी पैंटी फाड़ दी.
उसकी चूत उसके रस से एकदम चमक रही थी.
उसकी चुत पर कुछ बाल भी थे.

मैंने अपना मुँह सीधे उसकी चूत में घुसा दिया.
वह जोर से चिल्ला उठी- आह मर गई … यह क्या कर रहे हो भाई … आह प्लीज मत करो न!

वह मना करने के साथ साथ मेरे मुँह को अपनी चुत पर दबा भी रही थी और गर्म आहें भरने लगी थी.
मैंने भी उसकी चूत को खूब चूसा और उसका पानी निकाल दिया.

उसने बहुत सारा पानी छोड़ा जो मैंने पी लिया.
उसकी चुत के पानी का टेस्ट एकदम नमकीन था और बहुत शानदार था.

सच कह रहा हूँ कि अगर उसके साथ दारू होती, तो चुत का रस वोदका जैसा मजा देता.

मैं उसकी चूत लगातार चाटता रहा.
जिससे वह फिर से गर्म हो गई.

मैं भी पूरी तरह नंगा हो गया था, सिर्फ एक चड्डी में था.

मेरा लंड बिल्कुल तनकर फट सा रहा था.

मैंने अपना लंड निकाला और सीधे उसके मुँह में दे दिया.
वह एकदम किसी पॉर्नस्टार की तरह लंड चूस रही थी.

कुछ मिनट तक लंड चुसवाने के बाद मैं अपने चरम पर आ गया.
मैंने अपना पानी उसके मुँह में ही निकाल दिया और वह बड़े मजे से सारा पानी पी भी गई.

हम दोनों फिर 69 की पोजीशन में आ गए और एक-दूसरे को गर्म करने लगे.

मैं उसकी चूत चाटने लगा और वह मेरा लंड चूसने लगी.
चूस-चूसकर उसने मेरा लंड फिर से खड़ा कर दिया.

तभी मुझे मस्ती सूझी और मैंने उससे चुसवाना बंद कर दिया और उसकी चुत को चाटना भी बंद कर दिया.

वह गर्म चुत को और चटवाना चाहती थी मगर मैंने उसे तड़पती ही छोड़ दिया.

मेरे ऐसा करने से वह गुस्सा हो गई लेकिन मैंने उसे ऐसे ही अधूरा छोड़ दिया.

अब वह मेरा लंड अपनी चूत में लेने के लिए कहने लगी, मुझसे विनती करने लगी- मुझे पेल कर ठंडी कर दो.

लेकिन मैंने उसकी एक न सुनी.
मैं उसे रात में उसके जन्मदिन पर चोदना चाहता था.

उसने मुझसे बहुत कहा लेकिन मैंने रात का बहाना करके टाल दिया.
हालांकि मन तो मेरा भी कर रहा था कि चोद दूं, लेकिन तड़पाने का मज़ा ही अलग होता है.

आप भी कभी अपनी पार्टनर को ऐसा करके देखना, बहुत मज़ा आएगा.

वह किसी भूखी शेरनी की तरह मेरे ऊपर आने लगी, अपनी चूत को मेरे मुँह में देने लगी.

मैं उसकी चूत को कुछ देर तक चाटता और उसे फिर से छोड़ देता.

वह अपनी चुत में लंड लेने के लिए एकदम पागल सी हो गई थी.

उसकी हालत देखकर मुझे भी तरस आ रहा था लेकिन मज़ा भी बहुत आ रहा था.

अभी उसे तड़पाने के लिए मेरे पास पूरा दिन था.
वह किचन में गई और अपनी चूत में मूली और खीरा डालने लगी. लेकिन जो मज़ा लंड से आता है, वह खीरा-मूली में कहां!

थक हार कर वह किचन से बाहर आ गई.
वह अपनी चूत की खुजली मिटाना चाहती थी, लेकिन उसे कुछ मिल नहीं रहा था.

वह फिर से मेरे पास आई और चोदने के लिए विनती करने लगी- प्लीज़ मुझे चोद दो!
लेकिन मैं उसे तड़पाने पर अड़ा हुआ था.

मुझे कुछ नया करने की सूझी.

मैं उसे उसके बेडरूम में ले गया और बेड पर लिटा दिया.
मैंने उसके हाथ और पैर बेड से बांध दिए.

उसे लगा कि मैं उसे चोदूंगा, इसलिए वह चुपचाप मुझे सब कुछ करने देती रही.
पर मैंने उसे नंगी ही बांध दिया और कमरे से बाहर आ गया.

वह मुझे बुलाने लगी कि वापस आओ!
लेकिन मैं नहीं गया.

वह चुदने के लिए बहुत ज्यादा छटपटा रही थी और खोलने के लिए कह रही थी.

दोपहर का समय हो गया था.
तो मैं खाना लेकर उसके पास गया और उसे अपने ही हाथों से खिलाने लगा.

वह वैसे ही बंधी पड़ी थी.

खाना खिलाने के बाद मैं उसके शरीर से खेलने लगा, जिससे वह मचलने लगी और अपनी गांड उठाने लगी.
मैं उसकी चूत फिर से चाटने लगा.

इस बार वह डबल जोश में आ गई थी.
जब उसका पानी निकलने को हुआ, तो मैंने अपना मुँह हटा लिया और उसकी प्यास अधूरी ही रह गई.

मैं किचन में गया और फ्रिज में देखा, तो एक टमाटर सॉस की बोतल रखी थी.
मैं वह बोतल लेकर आया और उसके मम्मों पर कुछ सॉस गिरा कर उसे चाटने लगा.

मेरे इस तरह बाँडेज सेक्स करने से वह और भी बहुत ज़्यादा उत्तेजित हो गई थी.
मैंने उसके शरीर के हर हिस्से पर सॉस लगाई और उसे अच्छी तरह चाटा.

अब वह मुझसे चुदाई की भीख मांगने लगी- प्लीज़ अब तो चोद दो … प्लीज मेरी चुत में लंड पेलो न!
लेकिन मैं उसे ऐसे ही छोड़कर बाहर आ गया.

वह अन्दर से बार-बार बुलाती रही.
मैं अन्दर जाता, उसकी चूत और मम्मे चाटकर फिर बाहर आ जाता, लेकिन उसका पानी नहीं निकलने देता.

थोड़ी देर में शाम हो गई.
मैंने केक, कोल्ड ड्रिंक, डिनर सब ऑनलाइन मंगा लिया.

थोड़ी देर में सारा सामान आ गया.
तो मैंने सभी चीज़ें हॉल में सजा दीं और डिनर मेज पर लगा दिया.

अब मैं अपनी बहन के पास गया.
वह आंखें बंद करके कसमसा रही थी.

जैसे ही मैंने उसकी चूत चाटी, वह उछल पड़ी और अपनी चूत मेरे मुँह पर मारने लगी.
अब मैंने उसे और तड़पाना ठीक नहीं समझा.

मैंने उसे खोल दिया और बाथरूम में जाकर नहाने को कहा.
वह मुझे किस करती हुई बाथरूम में चली गई.
मैं भी उसके पीछे-पीछे चला गया.
हम दोनों एक साथ नहाने लगे.

उधर उसने मेरा लंड पकड़ लिया और चूत में डालने के लिए कहने लगी- अब तो चोद दो!
लेकिन मैंने मना किया और बाद में करने को कहा.

हम दोनों ने एक-दूसरे को अच्छे से नहलाया और नंगे ही बाहर आ गए.

फिर हमने अपने शरीर पौंछे और तैयार होने लगे.

लेकिन मैंने अपनी बहन से कहा कि आज हम दोनों नंगे ही केक काटेंगे!

वह हंस दी.
उसे उम्मीद हो गई थी कि केक कटने के बाद चुदाई होगी.

फिर हम दोनों हॉल में आ गए और केक काटने की तैयारी करने लगे.
मैंने चॉकलेट केक मंगाया था, क्योंकि मेरी बहन को चॉकलेट बहुत पसंद है.

मैंने उससे कहा- केक चाकू से नहीं, मेरे लंड से काटना!
वह झट से राज़ी हो गई और हम दोनों पूरे नंगे थे ही.

सबसे पहले मैंने उसकी चूत चाटी और उसका दिन भर का भरा हुआ पूरा पानी निकला.
मैंने वह सारा पानी केक पर डाल दिया.

केक से अलग ही खुशबू आने लगी जो माहौल को और गर्म कर रही थी!

अब मैंने उसे केक काटने को कहा तो उसने मेरा लौड़ा पकड़ा और केक काटने लगी.
मेरा पूरा लौड़ा केक से डूबा हुआ था.
उसने गप से पूरा लौड़ा मुँह में ले लिया और केक खाने लगी.

सच में दोस्तो, लौड़े पर केक लगवा कर अपनी बहन से चुसवाने में जो आनन्द आ रहा था, वह मैं बता नहीं सकता.
आप करेंगे तो आपको भी बहुत ज़्यादा आनन्द आएगा.

अब मैंने हाथ से केक का एक हिस्सा उठाया और उसकी चूचियों पर लगा दिया.

वह मस्ती से अपने दूध मसलवाने लगी.
मैं बारी बारी से उसके दोनों दूध चूसने लगा और केक खाने लगा.

कुछ केक लेकर मैंने उसकी चूत में भर दिया और उसे भी चूसने लगा.
सच में चुत के नमकीन रस के साथ मीठे केक का बहुत ही अलग स्वाद आ रहा था.

फिर मैंने उसके पूरे शरीर पर केक लगाया और खाने लगा.
उसने भी मेरे शरीर पर हर जगह केक लगाकर खाना शुरू कर दिया.

कुछ देर ऐसे ही करने के बाद, मैंने उसे वहीं सोफे पर लिटा दिया और उसकी चूत व अपने लंड पर ढेर सारा केक लगाकर अपना लंड उसकी चूत में घुसाने लगा.

उसे लंड लेने में काफी तकलीफ हो रही थी.
मैंने एक हाथ से उसका मुँह बंद किया और एक जोरदार झटका दिया!
मेरा आधा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अन्दर चला गया.

उसकी आंखों में आंसू आ गए थे.

मैंने बिना रुके एक और जोरदार झटका मारा, इस बार पूरा लंड उसकी चूत में जा घुसा.

वह बेहोश-सी होने लगी.
मैं थोड़ी देर उसी तरह पड़ा रहा.

उसे मेरे लौड़े से बहुत दर्द हो रहा था लेकिन वह चिल्ला नहीं पा रही थी.

मैं आपको बता दूँ कि मेरा लंड 8 इंच लंबा और 2.7 इंच मोटा है जो किसी भी लड़की की बुर को भोसड़ा बना सकता है.
मैं एक बार में बिना झड़े 30-40 मिनट तक चोद सकता हूँ.

मेरी छोटी बहन अब कुछ ठीक हो गई थी.
वह काफी दिनों बाद चुद रही थी इसलिए उसे बहुत दर्द हो रहा था.

दस मिनट बाद उसने मुझे अपनी गांड हिलाकर चोदने का इशारा किया.
मैं बिना रुके उसे चोदने लगा, लगातार बिना ब्रेक लिए झटके मारता रहा.

वह मुझे बार-बार रोकने की कोशिश कर रही थी.
लेकिन मैं अब रुकने वाला नहीं था.

वह कामुक सिसकारियां भरने लगी. उसका पानी निकल चुका था.
लेकिन मैं रुका ही नहीं और उसे जंगली जानवर की तरह पेलता रहा.

वाइल्ड सेक्स का अपना अलग ही मजा है.
वह मुझे गालियां देने लगी- मादरचोद … साले ने फाड़ दी मेरी चूत … आराम से कर साले … मैं तेरी रांड हूँ कहीं भागी नहीं जा रही हूँ हरामी!

लगातार 15 मिनट चोदने के बाद मैं नीचे आ गया और उसे अपने ऊपर बैठने को कहा.
मैंने फिर से केक हाथ ले लिया और उसकी चूत व अपने लंड पर लगाया.

वह मेरे लंड के ऊपर बैठकर कूदने लगी!
उसकी चीखें पूरे घर में गूँज रही थीं. चारों ओर पच-पच की आवाज हो रही थी.

लगातार चुदने से उसकी हालत खराब हो चुकी थी.
मैंने उसे उठाकर दीवार के सहारे लगाया और खड़े-खड़े ही ठोकने लगा.

मैं आज अलग ही अंदाज में था.
उससे अब रहा नहीं गया और उसने फिर से पानी छोड़ दिया.

मेरे लंड में भी धीरे-धीरे अकड़न होने लगी और मेरी स्पीड तेज हो गई.

कुछ 20-25 धक्कों के बाद मेरा भी पानी निकल गया.
मैंने अपना सारा पानी उसकी चूत में भर दिया.

उसकी चूत मेरे पानी से पूरी तरह भर चुकी थी.

लगातार तीस मिनट की घमासान चुदाई में उसका चार बार पानी निकल चुका था और वह थक चुकी थी.
वह ठीक से चल भी नहीं पा रही थी.

हम दोनों कुछ देर वहीं सोफे पर सो गए.
जब उठा तो देखा, रात के 10 बज चुके थे.

मैंने छोटी बहन को जगाया और हम दोनों खाना खाने चले गए.
हमने नंगे ही खाना खाया.

खाना खाने के बाद मैं उसे बेडरूम में ले गया और बेड पर पटक दिया.

मैं उसकी चूत चाटने लगा.
वह फिर से गर्म हो गई.

हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए.

उसने मेरा लंड चूसकर फिर से खड़ा कर दिया.
कुछ देर बाद मैं उठा और किचन से कोल्ड ड्रिंक ले आया.

मैंने उसकी चूत में कोल्ड ड्रिंक डालना शुरू किया और पीने लगा.
चूत में कोल्ड ड्रिंक डालकर पीने का अलग ही मजा आ रहा था.

मैंने उसके पूरे शरीर पर कोल्ड ड्रिंक डाली और उसके शरीर को चाट लिया.
अब मैं उसकी चूत की तरफ आया और अपना मूसल उसकी चूत में घुसा दिया.

पहले की घमासान चुदाई की वजह से इस बार उसकी चूत में ज्यादा दर्द नहीं हुआ.

कुछ देर बाद मैंने उसे डॉगी स्टाइल में भी खूब चोदा और अपना माल अन्दर ही डाल दिया.

उस दिन मैंने उसे पूरी रात जमकर चोदा, सोने नहीं दिया.
उसने भी चुदाई में मेरा पूरा साथ दिया.
उस दिन घर के हर कोने में चुदाई हुई.

मैंने उसे अपनी बाइक पर बैठाकर भी खूब चोदा.
बाइक पर बैठाकर चोदने में बहुत ज्यादा मजा आया.

यह मेरा पहला अनुभव था बाइक पर चुदाई करने का!

उसके बाद दो दिनों तक उसकी जोरदार चुदाई हुई, जब तक मम्मी-पापा नहीं आ गए.

इन दो दिनों में उसकी चूत इतनी खुल गई थी कि उसमें 2 लंड एक साथ घुस जाएं!
सच में दोस्तो, उन दिनों को मैं आज भी नहीं भूल पाया हूँ.
वे भी क्या दिन थे.

उसके बाद एक दिन मैं अपनी छोटी बहन को चोद रहा था, तभी मम्मी ने देख लिया और वे भी मुझसे चुदने की बात कहने लगीं.
वह सेक्स कहानी मैं आपको बाद में बताऊंगा.

बाँडेज सेक्स कहानी कैसी लगी, जरूर बताइएगा.
आप मेरी ईमेल पर मुझे अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं.
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