भेनचोद ब्रो सेक्स कहानी में एक बार मैंने अपनी बहन को अधनंगी देखा तो मेरा दिल उसकी जवानी पर आ गया. जल्दी ही मुझे पता चल गया कि उसे भी लंड की जरूरत है.
दोस्तो, मेरा नाम शार्दुल पाठक है.
वैसे तो मैं जन्म से ही हरामी और चोदू किस्म का रहा हूँ पर मैंने अपनी बहन की चुदाई की अब तक कभी नहीं सोची थी.
यह भेनचोद ब्रो सेक्स कहानी मेरी बहन और मेरी है.
अब मैं अपनी बहन के बारे में बताता हूँ.
मेरी बहन का नाम अंजलि है. वह एक मस्त माल है.
उसकी हाइट 5 फुट 9 इंच है.
यह लंबाई आम तौर पर लड़कियों के मामले में काफ़ी लंबी है.
उसका फिगर 32-28-34 का है.
अंजलि काफ़ी गोरी लड़की है और तब से पहले कभी चुदी नहीं थी.
जैसा कि मैंने ऊपर भी बताया कि मेरे ख्यालों में अंजलि को चोदना कभी था ही नहीं.
वह मेरे लिए मेरी प्यारी बहन थी.
अंजलि और मैं आपस में बहुत खुले हुए हैं.
घर में अंजलि अक्सर पैंटी और टी-शर्ट में रहा करती है.
उसी वजह से मुझे उसकी नंगी जांघों को देखने की आदत हो गई थी और कुछ गंदा नहीं लगता था.
यह घटना तब की है, जब मैं 22 साल का था और अंजलि 19 की.
एक दिन हमारे पेरेंट्स शादी में कहीं बाहर जाने वाले थे.
उनका यह टूर पूरे एक सप्ताह का था.
मुझे और अंजलि को एक ही रूम में सोना था.
मम्मी पापा के जाने के बाद जब रात हो गई, तब अंजलि मेरे कमरे में आई.
वह बोली- भाई आप बाहर जाओ, मुझको नाइट ड्रेस पहनना है!
मैं बोला- तो क्या हुआ, तुम चेंज कर लो मुझको कोई प्राब्लम नहीं है.
अंजलि बोली कि ठीक है, पर एक शर्त है कि तुम मेरी तरफ नहीं देखोगे!
मैं बोला- ओके.
अब अंजलि ने सबसे पहले अपनी जीन्स उतारी तो मैंने उसकी गोरी टांगों को देखा.
वैसे तो मैं रोज ही उसकी नंगी टांगों को देखता था पर आज न जाने क्यों ऐसा विचार मन में आया कि जब इसकी टांगें ही इतनी ज्यादा गोरी हैं, तो इसके दूध कैसे होंगे!
बस यह विचार आते ही मेरे मन में अपनी बहन को लेकर सेक्सी विचार आने लगे.
आज वह मुझे एक चोदने लायक माल लगने लगी.
अब अंजलि ने अपनी पैंटी भी उतार दी जिसकी मुझको बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी.
मैं उसकी बुर तो नहीं देख पाया पर गांड ज़रूर देख ली.
उसने ऐसा क्यों किया था कि मुझे समझ ही नहीं आया.
तभी अंजलि ने एक निक्कर पहन लिया और अब उसने अपना टॉप निकाला.
फिर अपनी ब्रा उतार दी.
वह ऐसा सब इतनी बिंदास होकर कर रही थी कि मुझे लगने लगा कि यह भी मेरे लिए कुछ सेक्सी सोच रही है.
अंजलि ने जब अपनी ब्रा उतारी तो वह मेरी तरफ़ पीठ किए हुई थी.
मैं उसके बूब्स नहीं देख सका.
फिर अंजलि ने जल्दी से एक टी-शर्ट पहन ली.
मेरा लंड भी अब झटके देने लगा था. मेरा लौड़ा एकदम टाइट हो गया था.
अंजलि मेरे लंड को देखती हुई बोली- भाई, अब तू भी चेंज कर ले.
मैंने भी उसकी चूचियों को घूरते हुए कहा- हां ठीक है, मैं भी यहीं कर लेता हूँ.
वह भी बिंदास बोली- तुझे जैसा ठीक लगे.
मैंने ज्यादा देर ना करते हुए अपना ट्राउज़र नीचे किया, फिर अपना अंडरवियर उतार दिया.
अभी लंड कड़क पोजीशन में था तो वह मेरा लंड देखकर हैरान रह गई.
मेरा 7 इंच लंबा लंड देख कर उसकी बुर में खुजली बढ़ गई थी.
वह मेरे सामने ही अपनी बुर खुजाने लगी.
उसकी उंगलियां गीली हो गई थीं.
शायद बुर से पानी निकलने के कारण ऐसा हो गया था.
मैंने अपना निक्कर उठाया और उसे नजरअंदाज करते हुए पहन लिया.
अंजलि ने मेरे लंड को देखते हुए कहा- मुझे नींद आ रही है, मैं सो रही हूँ.
मुझको अभी कहां नींद आने वाली थी, मैं झट से बाथरूम में गया और अपनी बहन की मादक जवानी के नाम की मुठ मारने लगा.
लंड से पानी फेंकने के बाद जब मैं बाहर आया तो अंजलि सो चुकी थी.
मैं भी उसकी चुदाई के बारे में सोचते हुए सो गया.
अगले दिन अंजलि जब नहाने गई.
तो मैं उसके पीछे पीछे चला गया.
अंजलि ने मेरे सामने कपड़े उतारे और वह बेपरवाह होकर अपनी बुर सहलाने लगी.
मैंने उसकी बुर देखी. बहन की बुर पर एक भी बाल नहीं था.
अंजलि बहुत हॉट माल लग रही थी.
मेरा मन कर रहा था कि उसको वहीं लिटा कर चोद दूं.
मगर मैंने उसके सामने ही अपने लंड निकाला और हिलाने लगा.
वह मुझे मुठ मारते हुए देखने लगी.
मैंने लंड की मुठ मारी और माल टपका कर वहां से बाहर आ गया.
अंजलि ने दरवाजा बंद नहीं किया.
मैं एक बार फिर से अन्दर झाँकने लगा तो वह मेरे वीर्य को उंगली से उठा रही थी.
फिर उसने अपनी उंगली को अपने मुँह में लेकर लंड से निकले वीर्य को चाट लिया.
यह देख कर मुझे मजा आ गया.
वह नंगी होकर नहाने लगी और अपनी बुर में उंगली करने लगी.
कुछ देर बाद मेरे सामने एक तौलिया बांध कर बाहर आ गई.
वह उस वक्त पानी में पूरी भीगी हुई थी और एकदम चुदासी रांड सी लग रही थी.
मेरा उसको यूं देखकर लंड खड़ा हो गया.
अंजलि ने खड़ा लंड देखा और बोली- भाई, आपका इतना बड़ा कैसे है!
मैं बोला- तू ऐसे हॉट बन कर आएगी, तो मेरा क्या … किसी मुर्दे का हथियार भी खड़ा हो जाएगा.
अंजलि हंस कर बोली- भाई मुझको हाथ से पकड़ कर देखना है.
तो मैं बोला- हां मैं दिखा तो दूंगा, पर बदले में मुझे क्या मिलेगा?
वह बोली- जो आप माँगो!
मैंने भी झट से बोल दिया- मुझको भी तेरी बुर देखनी है.
अंजलि ने देर ना करते हुए अपना तौलिया नीचे गिरा दिया.
वह एकदम नंगी मेरे सामने अपनी जवानी की छटा बिखेरने लगी.
उसकी मस्त चूचियां और साफ बुर देख कर मेरा लंड हिनहिनाने लगा.
मैंने भी अपना निक्कर नीचे किया और आगे बढ़ कर अंजलि को अपनी बांहों में ले लिया.
हम दोनों बिल्कुल नंगे थे.
हमारे नंगे बदन एक दूसरे में समा जाना चाहते थे.
वह मेरे होंठों से अपने होंठ लगा कर मुझे चूमने लगी.
मैंने अपनी बहन के मुँह में अपनी जीभ डाल दी.
वह मेरी जीभ को चूसने लगी और अति कामुक होने लगी.
उसी वक्त मैंने अंजलि की बुर में उंगली कर दी.
उसने पहले तो मेरा विरोध किया और धीमे से बोली- आह भाई, ये क्या कर रहे हो … प्लीज मत करो.
मैंने अंजलि का हाथ में अपना लंड दे दिया और कहा- तुम बस इसको हिलाओ.
अंजलि ने भी वैसा ही किया.
उसने अपने हाथ से मेरे लंड की मुठ मारी.
मेरे माल से अंजलि का हाथ सन गया था.
वह बोली- ये क्या निकल रहा है भाई?
मैंने कहा- इसको मुँह में लेकर देखो, जैसे तुमने अभी बाथरूम में किया था.
यह सुनकर अंजलि पहले शर्मा गई.
पर बाद में उसने मेरे वीर्य को चखा तो उसे टेस्टी लगा.
अब उसने मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी.
मैंने कहा- मजा आया.
वह बोली- हां बहुत अच्छा लग रहा है.
मैंने कहा- चलो पूरा मजा दिलाता हूँ. पहले बेड पर चलो.
उसको मैंने अपनी गोद में उठाया और उसके एक दूध को अपने मुँह में लेकर चूसता हुआ मैं पलंग पर आ गया.
मैंने उसको बेड पर लुड़का दिया और उसके मम्मे जोर जोर से दबाने लगा.
उसकी मस्ती भरी चीखें निकालने लगीं ‘आहा आहह अया अया उफ़फ्फ़ ना करो भाई … दर्द हो रहा है.’
तो मैं रुक गया और 69 की पोज़िशन में आ गया.
मैं अपनी सगी बहन की बुर को चाटने लगा.
वह भी मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चाट रही थी, चूस रही थी, चूम रही थी.
‘आआ आह आआ अहह.’
मैंने उसको अलग किया और अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया.
मैं अपनी बहन का मुँह चोदने लगा.
वह भी किसी देसी रंडी की तरह लंड को मस्ती से चूसने चाटने लगी.
मैं आह आह करने लगा.
मैंने कहा- ले रंडी साली पूरा लंड मुँह में ले.
अंजलि ने अपने लिए रंडी शब्द सुना तो वह गुस्सा हो गई और उसने मेरे लंड को काट लिया.
वह मेरी गांड पर नाख़ून गाड़ने लगी.
मैंने अपना लंड उसके मुँह से निकाला, और उसकी तरफ गुस्से से देखा.
वह बोली- हट मादरचोद … गाली मत दे साले भड़वे … मुझको रंडी बोलता है मादरचोद!
मैंने बोला- तू है रंडी गांडू साली … अपने सगे भाई से चुद रही है कुतिया. हरामजादी.
अंजलि ने मुझको धक्का दिया और उठकर अपने कपड़े पहनने लगी.
मैं बोला- अब ये क्या कर रही है?
तो वह बोली- मुझको नहीं करना.
मैंने उसकी बुर में उंगली करते हुए उसके होंठ भींच लिए और जोरदार किस करने लगा.
अंजलि वापस मेरे लंड पर हाथ फेरने लगी.
मैंने उसको बेड पर धकेला और इस बार मस्ती न करते हुए मैंने अपना लंड उसकी बुर में पेल दिया.
उसकी चीख निकल गई.
मैं नहीं रुका और अपनी बहन को चोदता गया.
वह चीखती रही.
उसकी बुर से खून आने लगा.
उसका रो रो कर बुरा हाल था.
मैंने उसका मुँह अपने मुँह से बंद कर लिया और उसे किस करते करते चोदने लगा.
कुछ ही देर में उसकी आवाज़ निकलना बंद हो गई.
कुछ देर बाद उसकी बुर का पानी निकल गया.
मैंने कुछ करारे झटके और दिए और अब मेरा भी रस निकलने वाला था.
तो मैंने लंड निकाल कर उसके मुँह में डाल दिया.
वह दर्द की वजह से बहुत रो रही थी.
मैं उसका मुँह चोद रहा था और आखिर में मैंने अपने लंड माल अपनी बहन के मुँह में ही गिरा दिया.
वह अपने भैया के लंड से निकले वीर्य को पी गई और लंड को चाट कर साफ करने लगी.
इस तरह से मैं भेनचोद ब्रो बन गया.
मैं अब उससे अलग होकर उसके बाजू में लेट गया.
ब्रो सेक्स के बाद मेरी बहन बोली- तुम बहुत खराब हो, इतना बुरा चोदते हो. मैं तुम्हारी रंडी नहीं हूँ, बहन हूँ!
मैंने उसको किस करना शुरू कर दिया और उसके बूब्स दबाने लगा.
अब मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
मैंने उससे कहा- चल अब घोड़ी बन जा!
तो वह नहीं मानी. वह बोली- मेरी बुर में दर्द हो रहा है.
मैंने उसको पलटा दिया और अपना लंड उसकी गांड पर रगड़ने लगा.
उसने अपनी गांड में लंड की रगड़ से मजा लेना शुरू किया तो मैंने अपने थूक से लंड गीला किया और एक ही झटके में अपना आधा लंड उसकी गांड में पेल दिया.
वह फिर से चीखने लगी.
मैं नहीं रुका और अपनी बहन की गांड में लंड पेलता गया.
अब उसे मज़ा आने लगा था.
वह बोली- भोसड़ी वाले, और जोर से चोद … अपनी रंडी की गांड फाड़ दे साले … हरामी के पिल्ले अपनी कुतिया की मां चोद दे हरामखोर. मुझको लंड लेने में मजा आ रहा है.
उसके मुँह से ऐसी आवाजों ने मेरे जोश को और बढ़ा दिया.
मैंने अपनी बहन की गांड को खूब देर तक चोदा.
अब हम दोनों बिंदास चुदाई का मजा लेने लगे थे.
जब तक हमारे पेरेंट्स वापस नहीं आए, हम दोनों ने खूब चुदाई की.
दिन रात सेक्स का मजा लिया.
मम्मी पापा के आने तक हम दोनों ने एक भी कपड़ा नहीं पहना.
सारा दिन सारी रात नंगे ही रहे.
फिर जब मम्मी पापा आ गए, तब हम दोनों छुप छुप कर सेक्स करने लगे.
अब भी हम दोनों चुदाई करते हैं.
आपको मेरी यह सच्ची भेनचोद ब्रो सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज बताएं.
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